हॉस्टल की रैगिंग

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हेल्लो दोस्तों, यह मेरी रैगिंग की दास्ताँ है। वैसे तो मैं एक नंबर की चुदक्कड़ थी पर हॉस्टल की रैगिंग का डर तो था मन में। उन दो ‘लड़कियों’ के साथ मेरी Hostel ragging xxx stories in Hindi आपको मस्त लगेगी।

जब मैंने एम ए करने के लिये दाखिला लिया तो मुझे होस्टल में जाना पड़ा। डर के मारे मेरी जान निकली जा रही थी। जाने वहाँ लड़कियाँ कैसा व्यवहार करेंगी। वहां से कहीं जाने को मिलेगा या नहीं। यहां जब तब चुदने वाली लड़की को अब लण्ड नसीब होगा या नहीं ? मैं यही सब सोच कर उलझन में थी। मुझे आराम से सिन्गल रूम मिल गया था। आज मुझे होस्टल जोईन करना था। मैं सीधे स्टेशन से टेक्सी ले कर होस्टल पहुंच गई।

डरते डरते मैंने होस्टल में कदम रखा। पर मुझे वहाँ दूसरी लड़कियों ने मदद करके मेरा सामान वगैरह कमरे में सजा दिया। मुझे वहाँ अच्छा लगने लगा। यहाँ ना तो अब्बू था, ना ही अम्मी जान, ना ही खाला और ना ही मेरी छोटी बहन, यानी टोकने और परेशान करने वाला कोई नहीं था। सभी कुछ मनमोहक सा लगने लगा था। मेरी सोच से बिल्कुल उल्टा। मैंने पहले क्यो नहीं होस्टल में प्रवेश नहीं लिया, अब ये सोच कर मैं अफ़सोस करने लगी। मैं होस्टल में अपना डिल्डो लाना नहीं भूली थी। मुझे पता था कि लड़कियों के होस्टल में मुझे कोई लड़का नहीं मिलने वाला है।

शाम का खाना मेस में खा कर मैं जैसे ही कमरे में गई और अपना हल्का सा पजामा पहना कि दरवाजे में किसी ने खटखटाया। मैंने कहा,”दरवाजा खुला है, अन्दर आ जाईये !”

तुरन्त दो लड़कियाँ अन्दर आ गई और भीतर से दरवाजा बन्द कर दिया।

“मेरा नाम शीतल है और यह नेहा है… और तुम हमें दीदी कहोगी !”

मैं डर सी गई।

“आप कौन हैं… और मुझसे क्या काम है?”

“डरो मत… बस आपने हमें अपना परिचय देना है !”

“ओह कहिये शीतल दीदी… मेरा नाम ज़रीन है और मैं बनारस की हूँ !” Hostel ragging xxx stories in Hindi

“अच्छा, बड़ी स्मार्ट हो… इसे परिचय नहीं कहते हैं… हम पूरा नीचे से ऊपर तक परिचय लेते हैं !”

“जी…कहिये…”

“ये टॉप उतारो… जरा हमें भी तो जलवे दिखाओ !” नेहा बोली।

“अरे जाओ, बड़ी आई हो टॉप उतरवाने वाली…”

नेहा बड़ी और ताकतवर लड़की थी… उसने मेरे बाल पकड़ लिये,”भेन चोद… क्या कहा… ये देख…” उसने मेरा टॉप ऊंचा कर दिया और कहा,”पिटना हो तो बोल देना !”

“मुझे उसमे मर्दों वाली ताकत दिखाई दी। आवाज भी अलग सी थी। पर कितनी ही लड़कियाँ ऐसी होती हैं।

उसकी बातों से मैं सहम गई। मैं समझ गई थी कि मेरी रेगिंग हो रही है। कुछ खटपट सुन कर नेहा ने दरवाजा खोला। एक दम से कई लड़कियाँ अन्दर आ गई।

“अरे वाह सल्लू, तुम यहां… क्या किया… साली अभी तक कपड़े में है?”

“तुम जाओ… यह तो मेरी शिकार है… मेरे ही सबजेक्ट की है” नेहा ने कहा। सभी लड़कियाँ दूसरे की रेगिन्ग लेने चली गई। मेरे में अब तो उसका सामना करने की हिम्मत भी नहीं रही।

“चल उतार कपड़े… दिखा अपनी मस्त चूंचियां…!”

मैंने धीरे से टॉप और शमीज उतार दिया मेरे दोनों बोबे बाहर छलक पड़े। यूं तो अभी छोटे ही थे पर दूसरो को आकर्षित करने का दम रखते थे।

“तेरे काम की चीज़ है सल्लू… जरा सहला कर तो देख…” शीतल बोली। Hostel ragging xxx stories in Hindi

सल्लू आगे बढ़ी और मेरी चूंचियों पर हाथ रख दिया। मैं चौंक पड़ी… मर्द का हाथ मैं अच्छी तरह से पहचानती थी। कई बार मैं चुदवा चुकी थी… और मर्दो का स्पर्श मैं जानती थी। पर चुप रही… उसके हाथो में जैसे जादू था। उसने बड़े प्यार से मेरे बोबे सहलाये… मुझे झुरझुरी आने लगी। उसने मुझे चूम लिया। अब कोई शक नहीं था कि वो लड़की नहीं लड़का है। मुझे असली मजा मिल रहा था… मैंने उसे रोका नहीं। उसके होंठ मेरे होंठ से लग गये। उसका एक हाथ मेरे पजामे के ऊपर मेरे चूतड़ो पर आ गया और दबाने लगा।

“बस करो नेहा दीदी…मुझे कुछ हो रहा है !” मेरे तन में ये जान कर और आग लग गई थी कि ये तो लड़का है और मुझे नई लड़की जानकर चोदने आया है।

“क्यों मजा आ रहा है ना… अभी और आयेगा…!” शीतल ने मुस्करा कर कहा।

” हाय दीदी… और दबा दो ना !” मैंने उससे आग्रह किया। शीतल ने सल्लू की ओर देखा और मतलब से मुस्करा उठी।

“मैं जा रही हूँ… जब रेगिंग समाप्त हो जाये तो मेरे रूम में आ जाना… बाय !” कह्कर शीतल चली गई।

मुझे अब पूरी आज़ादी मिल गई। मैं अपनी असलियत पर आ गई।

“बानो, तेरे मम्मे तो बड़े कठोर हैं… और तेरे चूतड़ तो मस्त हैं..” सल्लू ने कसकते अन्दाज में कहा।

“मां की लौड़ी, बोल तो ऐसे रही है कि जैसे मुझे चोद डालेगी !” मैंने अपने तेवर बदले। मेरी भाषा सुन कर पहले तो हक्का बक्का रह गया। पर उसने मुझे भांप लिया कि शायद मेरी भाषा ही ऐसी है।

“क्यू चुदना है क्या भोसड़ी की… बोल तो दे…!” उसने भी मेरी ही भाषा का प्रयोग किया।

“सच भड़्वी, तूने मुझे मस्त कर दिया है… और मस्त कर दे… ला मैं भी तेरी भोसड़ी सहला दूँ !” मैंने उसे और उकसाया।

मेरी बानो… ले सहला दे मेरी भोसड़ी और कर मुझे भी मस्त…!” सल्लू ने अपनी कमर यूँ आगे कर दी जैसे कोई लण्ड लेने को तैयार हो। Hostel ragging xxx stories in Hindi

मेरी आशा के मुताबिक लड़का ही निकला वो… हरामी का लण्ड तनतना रहा था…

“चूतिये… पहले ही बता देता ना कि लड़का है… इस लण्ड की हालत तो देख… गांडू मरा जा रहा है !” मैंने हंसते हुये कहा।

“बानो ऐसे क्या बोलती है… तेरे बातों में गालियां ही गालियां हैं… ऐसी लड़की तो मैंने आज तक कहीं नहीं देखी !”

“आये हाये… साला बड़ा सीधा बन रहा है… तेरे कड़क लौड़े का मजा तो लेने दे !” मैं उसका लण्ड अपने हाथ में लेकर सहलाने और मसलने लगी और पूछा,”तेरा नाम क्या है रे…मादरचोद!”

“सल्लू… ये लड़कियाँ प्यार से मुझे सल्लू कहती हैं… वैसे मेरा नाम सलमान है !”

“अब ये तो उतार दे… चल बिस्तर पकड़ और उठा अपना लौड़ा और मार दे मेरी चूत !”

“अरे तू तो साली बड़ी मस्तानी निकली…!”

मैं उसकी हालत देख कर हंस पड़ी… उसका मस्त लौड़ा उफ़न रहा था। सुपाड़ा रह रह कर फ़ुफ़कार रहा था। सुपाड़े की ऊपर की चमड़ी कटी हुई थी। उसने अपने पूरे कपड़े उतार दिये थे…

“तू यहां आया कैसे… मतलब होस्टल में…”

“इन लड़कियों के साथ उनके ही कपड़े पहन कर आ जाता हूँ… यहा बहुत सी लड़कियाँ मुझसे चुदाती हैं !”

“वाह रे सल्लू… साले तेरी तो लाईफ़ बन गई… फ़्री की चूतें मिल जाती हैं…!”

“नहीं… ये सब मुझे पैसा देती हैं… जो मुझे नहीं जानता है इनके साथ देख कर लड़की जान कर मुझ पर शक नहीं करता है और ये मस्ती से कमरा बन्द करके खूब चुदवाती हैं…” Hostel ragging xxx stories in Hindi

अब तक मैं उसके साथ बिस्तर पर आ चुकी थी… और वो मेरे ऊपर चढ़ गया था। मैंने अपनी दोनों टांगें ऊपर उठा ली थी। मेरे हाथ मेरी चूत का द्वार खोल रहे थे… कुछ ही पलों में उसका लण्ड मेरी चूत में घुस चुका था।

“हाय मेरे मौला… आह्ह… स्स्स्स्सी सीऽऽऽऽऽ… मजा आ गया सलमान…”

“लगता है तू तो बहुत बार चुदा चुकी है…!”

“अरे चुप… चल लगा लौड़ा… मादरचोद… चूतिये की तरह क्या पूछता है !”

“बानो रे बानो… तुझसे बोलना ही पाप है !” मैंने उसे कस लिया… और मुझे होस्टल के पहले दिन ही चुदने का आनंद मिल गया। उसका लण्ड भीतर चूत की गहराई नापने लगा और मैं भी उसे पूरी चुदने में सहायता करने लगी। मेरे बोबे वो खींच खींच कर घुमाने और दबाने लगा। मैंने अपनी दोनो टांगे उसकी कमर से लपेट कर चूत उठा कर चलाने लगी। बीच बीच में आदत के अनुसार उसके चूतड़ो पर भी पीछे से लात मार रही थी। उसका लण्ड थोड़ा सा मोटा था, इसलिये वो अन्दर बाहर कसता हुआ जा रहा था।

“भेन चोद तेरा लौड़ा मोटा है रे…हाय… मेरा रस जल्दी निकाल देगा…”

“इसीलिये तो यहाँ की लड़कियाँ मुझ पर मरती है… फिर बानो तेरी चूत नई है ना इसलिये टाईट है…”

“भोसड़ी के चूतिये… मेरी चूत तो मेरे दोस्त रोज मारते हैं… तुझे नई लग रही है?”

“क्या… अच्छा… तो ये ले तेरी भेन की चूत…” वो अब नरमाई छोड़ कर कड़ाई पर आ गया। अब मुझे भी मजा आने लगा। उसने पूरा दम लगा कर जो लण्ड चूत में मारा, मेरी तो चीख निकल गई। Hostel ragging xxx stories in Hindi

“हरामी… मजा आ गया… लगा … मां चोद दे मेरी !”

“तेरी तो गण्डमरी… फ़ाड़ के रख दूंगा … देखना…”

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“दे …दे… मदरचोद… दे लण्ड… चोद दे हरामजादे…” मैं खुशी से चीखती बोल रही थी। वास्तव में मैं चरमसीमा पर पहुंच चुकी थी। मुझे जन्नत की खुशी नसीब हो रही थी। अन्दर जड़ तक चुद गई थी…

“ही… ईईऽऽऽऽ… तेरी तो मां की चूत… फ़ाड़ दे आज… सल्लू मैं तो गई… हरामी… निकला मेरा तो…” और आह रे… मेरा रस जोर से निकल पड़ा… तभी सलमान ने भी हुंकारा भरा… और लण्ड बाहर निकाल कर फ़व्वारा छोड़ दिया। उसका वीर्य हवा में लहरा उठा… झटके खा खा कर उसका रस बरसता रहा… मैंने उसे कस कर पकड़ लिया। अब वो मेरे पर लेटा हुआ हांफ़ रहा था। मेरी धड़कन भी अब सामान्य होने लगी थी। मुझे चूमता हुआ वो मेरे पास ही लेट गया। मैं अपनी दोनों टांगें चौड़ी किये पड़ी हुई थी।

मैं नंगी बिस्तर से उठी और उसके शरीर को निहारने लगी। उसका शरीर वास्तव में गठीला था। बस कमर जरूर लड़कियों जैसी थी। मैंने उसका लण्ड पकड़ा औए मुँह में डाल लिया और सुपाड़े के रिंग को अपने होंठो से रगड़ने लगी। साला लण्ड तो लण्ड, सल्लू खुद भी तड़प कर खड़ा हो गया।

“बस अब आखिर में मेरी सुन्दर सी गोल गोल गाण्ड चोद दे राजा…” मैंने अपनी सुन्दर सी गाण्ड उसके चेहरे के सामने घुमा दी। किसकी क्या मजाल कि बनारसी रसीली गाण्ड सामने हो और कोई उसे ना चोदे…।

उसने मुझे फिर से बिस्तर पर खींच लिया और मुझे उल्टा लेटा कर चूत के नीचे मोटा सा तकिया लगा दिया। मेरी गाण्ड खिल उठी… उसने चूतड़ों के पार्टीशन को खींच कर अलग किया और पास में पड़ी मेरी फ़ेस क्रीम को गाण्ड में भर दी। मेरी प्यारी सी, दुलारी सी चिकनी सी खाई जैसे खड्डे में अपना मोटा सा लौड़ा टिका दिया। उसके लण्ड ने ओखली में सर घुसा ही डाला। मेरी गाण्ड का छेद पहले तो सिकुड़ कर छोटा हो गया फिर मैंने उसे ढीला करके उसे स्वागत किया। गाण्ड मराने की अभ्यत होने से मुझे उससे गाण्ड चुदाने में कोई तकलीफ़ नहीं हुई। Hostel ragging xxx stories in Hindi

उसका मस्त लौड़ा फ़िसलता हुआ चिकने छेद में अन्दर जाने लगा और मुझे मजा आने लगा, मेरी गाण्ड और खुलने लगी। चूतड़ो के पट और ढीले करके लण्ड को पूरा अन्दर लेने की कोशिश करने लगी। सलमान भी एक नम्बर का चोदने वाला निकला… बड़ी नरमाई से उसने मेरी गाण्ड में लण्ड पूरा उतार दिया। उसका गहराई तक फ़न्सा हुआ लण्ड मेरी गान्ड में कसा हुआ बहुत भा रहा था। डण्डे का अह्सास मुझे मस्त किये दे रहा था।

अब वो पहले तो धीरे धीरे लण्ड गाण्ड में मारने लगा फिर उसकी स्पीड बढ़ती गई। वो अपने घुटनों के बल बैठा हुआ था और मेरी चूत उसके सामने खुली हुई थी। वो मेरी चूत के दाने को सहलाते हुये लण्ड चला रहा था। उसकी अंगुली भी मेरी चूत में अन्दर जा कर मुझे मस्त कर रही थी थी। मैंने अपनी आंखें बन्द कर ली और चुदाई का भरपूर आनन्द लेने लगी। मेरे अंगों का संचालन अपने आप हो रहा था, मस्ती बढ़ती जा रही थी। उसके हाथ मेरी चूत को रगड़ रगड़ कर मुझे मदहोश कर रहे थे… उसकी दो दो अंगुलियाँ मेरी चूत को लण्ड की तरह चोद रही थी और लण्ड मेरी गाण्ड में मस्ती से चोद रहा था। आंखें बन्द किये हुये मैं होश खोने लगी और चूत में से पानी छूट पड़ा।

मैं उत्तेजना से झड़ने लगी, मेरा रस निकलता जा रहा था। सलमान अनुभवी था उसे पता चल गया था मैं झड़ चुकी हूँ… अब वो भी गाण्ड में लण्ड तेजी से चलाने लगा और और उसने गाण्ड के अन्दर ही अपनी पिचकारी छोड़ दी। मुझे गरम गरम सा और लण्ड की लहरें अपनी गाण्ड में महसूस होने लगी। कुछ ही देर में वो पूरा झड़ चुका था… और उसका लण्ड सिकुड़ने लगा था। लण्ड अपने आप बाहर आ गया था।

सलमान अब बिस्तर से उतर चुका था और मोबाईल से उसने शीतल को मिस काल किया। कुछ ही देर में शीतल मेरे कमरे में आ गई थी। हमारी हालत देख कर वो बड़ी खुश हुई,”बानो, चुद गई ना … अब तू हमारी क्लब में शामिल हो गई है… हमारे एक दो दोस्त और हैं… उसका भी मजा लेना…” सलमान और मैंने तब तक कपड़े पहन लिये थे। शीतल ने अपने पर्स में से कुछ काजू बादाम निकाले और कहा,”अपनी सेहत का ख्याल रखना … मैं दूध भिजवाती हूँ…” सलमान वापिस लड़की के भेष में आ गया था। उसने मुझे प्यारी सी स्माईल दी और दोनों बाहर चले आये। Hostel ragging xxx stories in Hindi

मुझे पहले ही दिन चुदाई का भरपूर मजा मिल चुका था… और खुश थी कि होस्टल में अब मैं आराम से चुदाई करवा सकूंगी।

———समाप्त———

मेरी कॉलेज लाइफ अब सेट है। नए नए लौड़ो से खूब चुदवाना है.. कैसी लगी ये hostel sex story आपको?

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