Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
गाँव में जब लड़की जवान होती है तो उसकी इच्छाएं तो शहरी लड़कियों जितनी ही होती है पर आज़ादी नहीं होती. ऐसे में बेचारियों को घर में ही केला ढूंढना पड़ता है, भले वो उसके बापू का ही क्यूँ न हो. एक जबरदस्त Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story seduction sex story पेश है..
मैं अपने मा बापू की प्यारी रजनी, देखते देखते 16 वें बसंत में आ गयी. मा तो हर काम में मुझे डान्टती रहती थी पर बापू बहुत प्यार करता था. बात बात में मेरी प्यारी बेटी मेरी रज्जो कहते थकता न था. मैं अपने मा-बाप की अकेली औलाद हूँ. हम गावं में रहते थे. मेरे बापू खेती बाड़ी करते हैं | बापू तो अब तक मुझे बच्ची ही समझता है.
जब की मेरी छाती के अमरूद बड़े होने लगे और मेरी चूत के इरद गिरद काफ़ी बाल उग आए. आज से करीब साल भर पहले एक रात अचानक मेरी चूत से ढेर सारा खून बाहर आया था और मेरी पैंटी खून से तर बतर हो गयी थी तो मैं तो घबरा कर रोने लगी और रोते रोते मा के पास पाहूंची थी. कुछ शर्माते हुए जब मा को पूरी बात बताई तो मा ने मुझे कई हिदायते दी. मा ने अपना सॅनिटरी नॅपकिन दिया था.
अब मा मेरे चलने उठने और घर में फुदकते रहने पर डान्टने लगी. जब मैं छोटी थी तो बापू ने मुझे गावं के स्कूल में डाल दिया. वो स्कूल 10th तक था. अभी एक महीने पहले ही मैने दसवीं की परीक्षा दी है पर रिज़ल्ट आने में देर है. मैं आगे पढ़ना चाह रही थी पर मा ने शहर जा के पढ़ने के लिए साफ मना कर दिया. मैं बापू के सामने बहुत रोई गिडगिड़ाई पर मा के आगे बापू की भी नहीं चलती थी. बापू ज़्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं इसलिए उन्होने मुझे कहा था कि पढ़ाई के मामले में मैं जैसे ठीक समझू करलूँ.
इसी बीच दो दिन के लिए मेरे शहर वाले चाचाजी गावं आए. चाचा की मेरी हम उम्र एक लड़की जिसका नाम महिमा और एक लड़का था जो कि मुझसे 5 साल छ्होटा था. घर में और बातों के साथ मेरी शहर में पढ़ाई की भी बात चली और चाचा ने कहा भी था कि दोनों बहनें यानी कि मैं और महिमा साथ साथ कॉलेज चली जाया करेगी पर मा ने बात टाल दी.
मैं आगे पढ़ना चाह रही थी बापू भी राज़ी था पर हम दोनों की मा के आगे न चली. मुझे काफ़ी मायूस देख चाचा ने कहा कि कुछ दिन इसे मेरे साथ शहर भेज दो, महिमा के साथ इसका बहुत मन लग जाएगा और मैं चाचा के साथ शहर चली आई. शहर आ कर मैं तो हकि-बकी रह गयी. शहर की लड़कियों के कपड़े देख कर मुझे लगा कि मुझे वापस गावं चले जाना चाहिए.कहीं मैं शहर के माहौल में बिगड़ ना जाऊं.
हमारे गावं में लड़कियाँ सिर्फ़ सलवार सूट ही पेहेन्ती थी और वो भी काफ़ी लूज. शहर में तो किसी लड़की को लूज का मतलब ही नहीं पता था. जिसे देखो टाइट जीन्स, टाइट टी-शर्ट, स्लीव्ले शर्ट, स्कर्ट, और अगर सलवार कमीज़ तो वो भी बहुत टाइट. महिमा मुझ से बहुत ही मॉडर्न थी पर हम उम्र होने के कारण हम दोनों बहुत जल्द घुल मिल गये. रात में मैं और महिमा साथ साथ सोते. कुछ ही दिनों में हम पक्की सहेलियाँ बन गयी. शहर का महॉल, मेरी नादान उमारिया और महिमा के साथ ने मुझे जल्द ही मॉडर्न बना दिया. महिमा के पास कंप्यूटर भी था.
रात में अब महिमा मुझे वेबसाइट के बारे में बताने लगी | इन्टरनेट पर लिख कर सर्च करने पर सबसे पहले यही वेबसाइट दिखेगी जो की गूगल का एक हिन्दी की कहानियों के लिए फेमस ब्लॉग है उसकी वह मेंबर थी. की कहानियाँ पढ़ के तो में हक्की बक्की रह गयी. मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि हक़ीक़त में कुछ ऐसा भी हो सकता है क्या. फिर एक दिन महिमा ने एक दूसरी वेबसाइट पर मुझे कुछ और कहानियां दिखाई. मज़े की बात ये थी कि इन ब्लोग्स पर कोई भी कहानी लिख कर भेज सकता है | Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
यह सब देख कर मेरी हालत खराब हो गयी. ऐसी फिल्म रोज़ आती थी और मैं रोज़ ही देखती थी. मैने नोटीस किया की यह सब देखने में मुझे मज़ा आता है और सोचने लगी कि असली में सेक्स करने में कितना मज़ा आता होगा. अब मुझे पता चला कि शहर की लड़कियाँ एरॉटिक कपड़े क्यों पहनती हैं.असल में उन्हे सेक्स में मज़ा आता है और वो उससे बुरा नहीं मानती. इसी बीच मैने महिमा के साथ बाज़ार जाके काई नये कपड़े सिलवाए.
मैने कमीज़ को टाइट सिलवाया और सलवार को भी.मैने कमीज़ को काफ़ी डीप-कट सिलवाया और सामने कुछ बटन रखवाए.फिर मैने एक शॉप पर जाकर एक स्कर्ट , टाइट और छ्होटा टॉप और एक मॅक्सी (फुल्ली कवर्ड नाइटी) ली. महिमा के साथ ने मुझे सेक्स के रंग में भी रंग दिया.
Free sexy kahani के ब्लॉग की वासनात्मक कहानियाँ पढ़के तो में सेक्स के बारे में काफ़ी कुछ जान गयी थी. रात में मैं और महिमा एक दूसरे के जवान होते अंगों से खेलने लगे. फिर एक दिन मैं गावं वापस आ गयी, हालाँकि महिमा का साथ छोड़ते वक़्त मेरी आँखों में आँसू आ गये | मा और बापू मुझे देख बहुत खुस हुए. बापू ने कुछ शहर का हाल चाल पूछा और फिर खेत में काम करने निकल पड़े. मा कुछ देर बाद रसोई में चली गयी.
मैने मा के साथ रसोई में ही आ गयी और मा को शहर की बातें बताने लगी. लगभग 2 घन्टे बाद मा ने बापू का खाना एक पोट्ली में बाँधा और बोली की मैं खेत जा रही हूँ. मैं : लाओ मम्मी, मैं दे आती हूँ, बहुत दीनो से अपना खेत भी नहीं देखी, खेतों की भी बहुत याद आती है. मम्मी : ठीक है, तू ही दे आ, पहले भी तो तू ही जाती थी मैं बापू का रोटी का टिफिन लेकर खेत में चल्दि.
बापू खेत में सिर्फ़ लूँगी पहनते थे. बापू को मैने पहेले भी ऐसे देखा था लेकिन आज पता नहीं मुझे अंदर से कुछ हो रहा था. बापू की अच्छी- ख़ासी मसल्स थी और चेस्ट चौड़ी. बापू का चेहरा मासूम था. बापू ने लूँगी अपनी नेवेल के नीचे बाँधी हुई थी और उनका पूरा बदन पसीने से भरा था. बापू ज़मीन में फावड़ा(टूल टू डिग ग्राउंड) चला रहे थे. बापू ने मुझे देखते ही कहा, अर्रे रज्जो, तू. अपनी मम्मी को ही आने देती, तू सफ़र करके आई है, थक गयी होगी. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
मैं : नहीं तो फिर बापू रोटी खाने लगे. मैं बापू के बदन को देख रही थी. पहली बार मुझे एहसास हुआ कि मेरे बापू कितने मस्क्युलर हैं, कितनी चौड़ी चेस्ट है और चेस्ट पे बाल कितने अच्छे लगते हैं और नेवेल भी प्यारी है. मैं सोचने लगी यह मुझे क्या हो गया है, भला कोई बेटी अपने बापू को इस आंगल से देखती है, पर क्या करूँ, कंट्रोल नहीं होता. जब बापू रोटी खा चुके तो मैं खेत से वापस आते वक़्त यह ही सोचती रही कि यह मुझे क्या हो गया है, मेरा दिल कुछ करना चाहता, पर क्या करना चाहता है मैं यह ना समझ पाई. रात को हम लोग ज़मीन पर ही चादर बिछा कर सोते थे. मेरी आँखों के सामने बार बार बापू की बॉडी आ रही थी. मैं बापू और मम्मी के बीच सोती थी, अभी मैं उनके लिए बची थी.
रात को सोते वक़्त मुझे लगा कोई मेरे स्तन्नो (ब्रेस्ट) पर हाथ फेर रहा है. फिर धीरे धीरे वो हाथ मेरे स्तन्नो को दबाने लगे. मुझे भी मज़ा आने लगा. फिर वो हाथ मेरे टाँगों (लेग्स) के बीच में रब करने लगे, मुझे लगा कि यह मेरे बापू ही हैं.मैं उनकी छाति पर हाथ फेरने लगी और उनकी लूँगी उतारने लगी. उन्होने मेरी सलवार निकाल दी.फिर मेरी कछि (पैंटी) .और मेरी चूत को जैसे ही उन्होने किस किया . मेरी आँख खुल गयी. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
देखा तो यह मेरा सपना था.बापू तो एक तरफ सो रहे थे. लेकिन मेरी टाँगों के बीच में सच में आग लगी हुई थी. क्या एक बेटी अपने बाप से सेक्स का सपना भी देख सकती है ? एक तरफ तो मुझे गिल्टी फील हो रही थी तो दूसरी तरफ मुझे मज़ा भी आ रहा था. एक तो मेरा महिमा का साथ छुट गया था और अब इस गावं के माहॉल में मेरा मन नहीं लग रहा था. लेकिन इंसान निराशा में भी कोई न कोई आशा की किरण ढून्ढ लेता है और इस घर में जहाँ केवल मा और बापू थे मुझे वह आशा की किरण बापू में दिखाई पादने लगी. पता नहीं क्यों मम्मी मुझे सौत लगने लगी.
दूसरे दिन फिर में बापू का खाना लेके खेत पहून्ची. बापू : ले आई खाना. मैं : हां बापू, चलो काम छ्चोड़ो और पहले खा लो बापू खाने लगे. मैं : बापू आपकी शहर में मुझे कितनी याद आ रहे थी और आप हो की मुझे पहले की तरह प्यार ही नहीं करते हो. बापू : बेटी याद तो हूमें भी बहुत आती है तुम्हारी. तुम शहर क्या चली गयी मेरा तो मन ही नहीं लग रहा था. अब तक बापू खाना खा चुके थे. बापू खड़े हुए तो मैं बापू के गले से लिपट गयी.
मैं : बापू तुम्हारे बिना मुझे शहर में कुछ भी अच्च्छा नहीं लग रहा था. यह कहते कहते मैं बापू की खुली छाति से अपनी संतरे सी चूचियाँ रगड़ने लगी. बापू : बेटी मेरे पसीने से तेरे कपड़े कहराब हो जाएँगे मैं बापू से और कस के लिपट गयी और हल्के हल्के अपने ब्रेस्ट बापू की चेस्ट से रगड़ने लगी मैं : बापू अगर मुझे आपकी बहुत याद आए तो मैं क्या किया करूँ ? इस रगदाई में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
बापू क्या समझते.वो बहुत भोले थे बापू : जब भी तुम्हे बहुत याद आए तो यहाँ खेत में आ जाया करो. अब मैं बापू से अलग हुई लेकिन अपने हाथ मैने बापू की चेस्ट पर फेरने लगी. फिर मैं बापू से इजाज़त लेकर घर को चल दी. मेरे प्यारे बाबुल मुझे सच्च में बहुत प्यार करते थे पर यह प्यार वो प्यार नहीं था जो मैं बापू से चाहती थी. मैने फ़ैसला कर लिया कि मेरी प्यास को मेरे बापू ही बुझाएँगे.उस रात मैं सो नहीं सकी. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
महिमा के साथ कंप्यूटर पर जो वीडियोज देखे थे उनके सीन मेरी आँखों के आगे घूमने लगे. बापू मुझे सॅपनों का राजकुमार लगने लगा. दूसरे दिन जब बापू खेत पर चले गये तो पल पल मेरे लिए भारी होने लगा. मैं बात देख रही थी कि कब खेत मैं खाना पाहूंचाने का समय आए और मैं अपने प्यारे बाबुल के पास पहून्च जाऊं. इन दिनों खेत की फसल मेरी हाइट से ऊँची हो गयी थी इसलिए कोई खेत में आसानी से दिखता नहीं था. मैने सोचा यह भी तो अच्छा ही है.
मैं : बापू.मैं आ गयी मैं बापू से जाकर लिपट गयी.और हां, बापू सिर्फ़ लूँगी में थे. बापू : अर्रे बेटी, तू कब आई मैं : अभी अभी, मैं अपने ब्रेस्ट बापू की चेस्ट से रगड़ने लगी.मज़ा आ रहा था. बापू : रज्जो तुम तो कुछ ज़्यादा ही उदास रहने लगी हो मैने सोचा सब कुछ अभी करने से काम बिगड़ सकता है.आख़िर एक बाप अपनी बेटी को इतनी आसानी से नही चोदेगा. मुझे अपने बापू के डंडे को अपनी चूत की तरफ धीरे धीरे आकर्षित करना होगा. मुझे पता था कि अगर मैं एक दम से ओपन हो गयी तो बात बिगड़ सकती है.
मैं चाहती थी के बापू खुद ही बेबुस हो जाए और उन्हे लगे कि इस काम के वो खुद भी रेस्पॉन्सिबल हैं. मैने सोचा सारा काम कल से शुरू किया जाए. रात को हम बाप-बेटी एक साथ तो सोए लेकिन मैने कुछ नहीं किया.और बापू ने क्या करना था, उनके लिए तो मैं बेटी के अलावा और कुछ ना थी. मैं रात को भी वही पुराने सलवार-कमीज़ में सोई. अगला दिन मेरे लिए आशा की नयी किरण लिए हुए उगा. मेरे मामा के गावं का एक आदमी सुबह ही घर पहून्च गया था. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
रात में मेरे नाना की अचानक तबीयत बहुत खराब हो गयी और मा तुरंत उस आदमी के साथ मेरे नाना के घर जाने वाली थी. सुबेह मैने ही सब के लिए नाश्ता बनाया. नास्ता करते ही मा तो उस आदमी के साथ मेरे मामा के गावं चली गयी. मैं : बापू मैं दोप-हर को खेत पर रोटी ले आऊँगी. बापू : अच्छा. बापू के जाने के बाद मैं नहाई और अपना शहर में सिलवाया हुआ टाइट , डीप-कट सूट पहना. दोप-हर हुई तो बापू का खाना खेत पर लेकर चल्दि.मैं तो एग्ज़ाइट्मेंट से मरी जेया रही थी. मेरे डीप-कट कमीज़ में से मेरे उभार (ब्रेस्ट) काफ़ी एक्सपोज़्ड थे.
बटन खोलने की देर थी की उभार सॉफ दिखते.ब्रा तो आज मैने पहनी ही नहीं थी. मैं : बापू बापू : ले आई रोटी मेरा सूट फ्लोरोस्सेंट ग्रीन कलर का था.जब बापू ने मुझे देखा तो वो थोड़े हैरान से हुए.आख़िर अपनी बेटी के उभारों की झलक पहली बार मिली थी. मैं : चलो पहले खा लो बापू : तूने खा लिया ? मैं : मुझे अभी भूक नहीं है बापू रोटी खाने लगे. मैं : बापू, आपने मेरा सूट नहीं देखा बापू : हां, रंग अच्छा है.पर क्या यह थोड़ा टाइट और छ्होटा नहीं है. मैं : छ्होटा.कहाँ से ? बापू : सामने से. मैं : सामने से ? कहाँ सामने से ? बापू : सामने से.मेरा मतलब है छाति से. मैं : ओह छाति से, नहीं तो, यह तो शहर में आम है.
बापू : क्या शहर में तुम्हारी उम्र की छ्हॉकरियाँ ऐसे ही सूट पहनती है? मैं : सब ऐसे पहनते हैं.बल्कि यह तो कुछ भी नहीं. बापू : कोई मुझे बता रहा था कि शहर का माहौल ऐसा ही है मैं : हां वो तो है.लेकिन मुझे तो अपने पर कंट्रोल है बापू : अच्छी बात है बेटी.तुझे अपने आप को ऐसे माहौल से बच के रहना चाहिए बापू ने रोटी खा ली तो मैं घर जाने के लिए चली, दो तीन कदम पर ही मैने पैर (फुट) मुड़ने (स्प्रेन) का बहाना किया और गिर गयी. ओह.बापू. बापू भागते हुए आए बापू : क्या हुआ बेटी ? मैं : बापू.पैर मूड (स्प्रेन) गया.बहुत दर्द हो रहा है बापू ने मेरा सॅंडल निकाला और देखने लगे बापू : कहाँ से मुड़ा है.कहाँ दर्द हो रहा है ? ऊ.बापू.बहुत दर्द हो रहा है | Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
बापू : चल घर चल.कोई दावा लगा ले.चल बेटी खड़ी हो मैं जैसे ही खड़ी हो कर थोड़ा चलने की कोशिश की तो फिरसे गिर गयी बापू : अर्रे, क्या हुआ बेटी.चला नहीं जा रहा मैं : नहीं बापू.चलने में तो और भी दुख़्ता है बापू : बेटी, थोड़ी कोशिश कर, घर जा कर दावा लगा कर ही दर्द ख़तम होगा, घर तो जाना ही है, हेना.
मैं फिरसे उठी , थोड़ा चली पर फिर गिर पड़ी मैं : नहीं बापू, मुझसे बिल्कुल नहीं चला जा रहा बापू : फिर तो तुझे उठा के ही ले जाना पड़ेगा यही तो मैं चाहती थी.बापू मुझे उठाएं.उनका एक हाथ मेरी टाँगों के नीचे और दूसरा हाथ मेरी पीठ के नीचे और मैं उनके नंगे जिस्म से चिपकी हुई. जब बापू मुझे उठा रहे थे तो मैने जल्दी से अपने सूट के सामने के बटन खोल दिए और मेरे आधे से ज़्यादा उभार बाहर आ गये. अब मैं बापू की गोद में थी और मेरी छाति खुला दरबार बनी हुई थी.
मेरे बेचारे भोले बापू को क्या मालूम की उनकी बेटी उनको चुदाई के लिए सेड्युस करने में लगी हुई है. मैं तो ये सोच के गीली हो रही हूँ की उनको पता चलेगा तब कितना मज़ा आएगा. इन seduction sex stories का अगला भाग जल्द ही..
जब बापू मुझे उठा रहे थे तो मैने जल्दी से अपने सूट के सामने के बटन खोल दिए और मेरे आधे से ज़्यादा उभार बाहर आ गये. अब मैं बापू की गोद में थी और मेरी छाति खुला दरबार बनी हुई थी.
मैं : बापू बहुत दर्द हो रहा है बापू ने मेरी तरफ देखा तो उनकी आँखे पहले वहीं गयी जहाँ मैं चाहती थी.मेरे उभारों को देखते हुए बोले बापू : बस बेटी घर चल के सब ठीक हो जाएगा मैने झूट-मूट में आँखें बंद करली और देखा कि बापू रुक-रुक कर मेरी गोलाइयाँ (ब्रेस्ट) देख रहे हैं.किसी बाप के सामने उसकी बेटी की आधी छाति नंगी हो तो वो बेचारा खुल के देख भी नहीं सकता. बापू ने मुझे उठा रखा था, इसलिए मेरी हिप्स बापू की पेनिस की हाइट पर थी.
सडन्ली मुझे हिप्स पर कुछ हार्ड फील हुआ.मैं समझ गयी यह क्या है. मेरे बापू का लोडा .आज बाप बेटी कितने पास होकर भी कितने दूर थे .डंडे और छेद में मुश्किल से चार इंच का फासला था घर पहुँचते ही बापू ने मुझे लिटा दिया.मेरी आँखें बंद थी पर छाती तो खुली थी बापू : बेटी घर आ गया है मैं : बापू, कुछ करो ना.दर्द हो रहा है
बापू : अलमारी में दावा रखी है.मैं लाता हूँ बापू डिस्प्रिन की गोली लाए और साथ में पानी. पानी पीते वक़्त मैने जान-बूझ कर पानी अपने ब्रेस्ट पर गिरने दिया.अब मेरे आधे नंगे उभारों पर पानी था. मैने गोली ले ली और फिरसे आँखें बंद करके लेट गयी.बापू बार बार मेरे उभारों को देख रहे थे .जवान बेटी के गीले उभार.बाप करे तो क्या करे. मैने सोचा इतना काफ़ी है अभी के लिए. मैं : बापू, आपको जाना है तो जाओ, खेत में काम पूरा कर आओ, अब दर्द में पहले से फरक है बापू : ठीक है.मैं जल्द ही काम करके आता हूँ. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
मैने सोचा काम करके आता हूँ या काम करने आता हू. रात को बापू आए तो मैं थोड़ा चलने लगी थी बापू : बेटी फरक पड़ा ? मैं : हां बापू, थोड़ा थोड़ा. फिर हमने रोटी खाई.. अब मेरा जलवा दिखाने का टाइम आ गया था.मैने शहर से ली हुई मॅक्सी (फुल्ली कवर्ड नाइटी) पहेनी.इस मॅक्सी का अड्वॅंटेज यह था कि यह बिना कुछ एक्सपोज़ किए भी सब कुछ एक्सपोज़ कर सकती थी.
मैने लिपस्टिक और रूज़ भी लगा लिया. मॅक्सी पहेन के मैं बापू के सामने आई तो बापू मुझे देख कर थोड़े हैरान और थोड़े खुश भी हुए. हैरान इसलिए की उन्होने पहली बार ऐसी ड्रेस देखी थी और खुश इसलिए की उनकी बेटी सुन्दर लग रही थी मैं : बापू, मैने यह शहर से यह कपड़े भी लिए हैं.कैसे हैं ? बापू : अच्छे हैं, पर इसमे नींद आ जाएगी ? मैं : और क्या, शहर में तो लड़कियाँ और औरतें रात को यही पहन कर सोती हैं बापू :
अच्छा ज़मीन पे बिस्तर लग चुका था.मैं बापू के पास जा कर बैठ गयी मैं : बापू, जो डेवॅया आपने शाम को दी थी वो बहुत पुरानी हो चुकी है और उसका असर नहीं होगा बापू : अच्छा मुझे तो पता ही नहीं था. मैं : धीरे धीरे दर्द बढ़ रहा है. हमारे गावं में दर्द के लिए सरसों का गरम तेल लगते थे |
मुझे पता था कि बापू मुझे तेल लगाने के लिए ज़रूर कहेंगे. नहीं कहेंगे तो मैं खुद केहदूँगी. तेल से ही तो सारा रास्ता खुलेगा बापू : फिर एक काम कर, सरसों का गरम तेल लगा ले मैं -ओह यस. बापू : तू मत उठ, मैं तेल गरम करके लता हूँ बापू तेल ले आए बापू : ले बेटी, लगा ले मैं : लाओ मैने मॅक्सी थोड़ी सी ऊपर की और हाथों से थोड़ा थोड़ा तेल लगाने लगी मैं : ऊ.एयेए. बापू : क्या हुआ ? मैं : तेल लगाने पे और दर्द होता है.मैं नहीं लगाती
बापू : दर्द होना मतलब इसका असर हो रहा है. लगाले बेटी तभी ठीक होगा मैने थोड़ा सा तेल और लगाया मैं : ऊओ.मुझसे नहीं लगेगा बापू : इस वक़्त तेरी मम्मी को यहाँ होना चाहिए था.ला मैं लगता हूँ. मैने थोड़ी सी मॅक्सी ऊपर करली.बापू मुझे पैर पे तेल लगाने लगे मैं : ऊह. आ. मर गयी. बापू : तेल से तो अच्छे से अच्छा दर्द ठीक हो जाता है. मैं : ऊह बापू दर्द पूरी टाँग में आ रहा है. मैं लेट गयी और मॅक्सी और ऊपर कर ली. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
मैने अपनी दूसरी टाँग थोड़ी ऊपर कर ली सो तट बापू को मॅक्सी के अंदर का सीन दिख सके.बापू थोड़ा शर्मा रहे थे और थोडा घबरा रहे थे मैं : बापू, थोड़ा तेल टाँग पे भी लागाओ. मैने अपनी टांगे खोल दी और दोनो घुटने (नीस) ऊपर की तरफ कर दिए जिससे कि बापू को मेरी टाँगों के बीच में से मेरी सफेद (वाइट) कच्ची (पैंटी) दिखने लगे. अब बापू की नज़र मेरी टाँगों के बीच में से मेरी कछि पर थी मैं : ओ.बापू.दर्द तो ऊपर बढ़ता जा रहा है. बापू : बेटी हिम्मत से काम ले.तेल ख़तम हो गया है.मैं और गरम करके लाता हूँ तेल तो ठंडा हो जाएगा.पर बाप बेटी तो गरम हो रहे थे
बापू : मैं और तेल ले आया.रज्जो यह काम तेरी मम्मी को करना चाहिए. मैं : ठीक है तो आप छोड़ दो.दर्द थोड़ी देर से ही सही पर अपने आप ही ठीक हो जाएगा बापू : नहीं, कभी कभी बाप को ही मा का धर्म निभाना पड़ता है.चल बता कहाँ लगाना है मैं : बापू, दर्द दूसरी टाँग में भी हो रहा है.आप दोनो टाँगों पर लगा दो बापू मेरी दोनो टाँगों के बीच में बैठ गये और तेल लगाने लगे मैं : बापू घुटनो पर भी लगा दो बापू : बेटी तेल लगने से तेरे यह नये कपड़े तो खराब नहीं होंगे मैं : हो सकता है.मैं थोड़ा ऊपर कर लेती हूँ मैने मॅक्सी थाइस तक ऊपर कर ली.. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
अब मेरी नीस ऊपर.टाँगें खुलीं.मॅक्सी थाइस तक.और बापू मेरी टाँगों के बीच में.मेरी चूत उनके फेस के सीध में. मैं : बापू, आप तेल बहुत अच्छा लगाते हो.कुछ कुछ आराम मिल रहा है बापू : तेरी मम्मी को भी दर्द होता है तो मैं ही लगाता हूँ.इसलिए मुझे तजुर्बा हो गया है. मैं : अच्छा.बापू अब मैं पेट के बल (विथ स्टमक टुवर्ड्स फ्लोर) लेट जाती हूँ और आप टाँगों के पिच्छले भाग पर भी अच्छी तरह तेल लगा दो मैं पेट के बल लेट गयी.मैने मॅक्सी थोड़ा और उपर कर लिया.अब मॅक्सी मेरी हिप्स तक आ गयी थी.मेरा मकसद अपने बाप को अपनी फ्लेशी हिप्स दिखाने का था.
मेरी टाँगें तो एक तरह से पूरी एक्सपोज़्ड थी. मैने थोड़ा सा मूड कर देखा तो बापू मेरी हिप्स को देख रहे थे.हलकी मेरी हिप्स अभी एक्सपोज़्ड नहीं थी. मैं : एक बात बोलू.इस वक़्त आप मेरी मम्मी हो ना बापू : हां मैं : पहले मम्मी मेरी सरसों के तेल से मालिश किया करती थी, इसलिए मेरी हड़ियाँ मज़बूत थी, अब नहीं करती तो हड़ियाँ नाज़ुक हो गयी हैं बापू : हो सकता है..मालिश तो करनी ही चाहिए मैं : तो अगर आपको कोई दिक्कत नहीं है तो आप मेरी मालिश ही करदो. आप मेरी मम्मी तो बन ही चुके हो. पर हां बापू मम्मी की तरह खूब मसल मसल के करना.
बापू : ठीक है बेटी. पर यह बात तुम किसी को बताना नहीं. अपनी मम्मी को भी नहीं. मैं : कभी नहीं बताऊंगी. बापू : फिर मैं तेल और ले आता हूँ अब बात बन रही थी.गर्मी सही नहीं जा रही थी.लेकिन मुझे अब भी लग रहा था कि बापू की नियत अब भी साफ है.मुझे लग रहा था कि उनके लिए मालिश का मतलब सिर्फ़ मालिश ही है और कुछ नहीं. खेर अब मैं फिरसे सीधी लेट गयी (पीठ के बल).मैने मॅक्सी और ऊपर करली.कछि तक. बापू तेल लेकर आ गये | Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
बापू : चल बेटी.लगता है आज सारा तेल मालिश में लग जाएगा मैं सीधे लेती हुई थी.मॅक्सी कछि तक चढ़ि हुई. मैं : बापू , मालिश थोड़ा कस के करना.जैसे मम्मी करती हैं बापू मेरी टाँगों की मालिश कर रहे थे मैं : बापू मैने शहर में टीवी और कंप्यूटर देखा बापू : अच्छा.कौनसी फ़िल्मे देखी मैं : उसमें क्या क्या दिखाते हैं मैं बता नहीं सकती बापू : ऐसा क्या दिखाते हैं मैं : टाँगें बाद में कर लेना.पहले ऊपर का भाग कर लो बापू : ठीक है मैं :
मैं कपड़े ऊपर करूँ तो आपको कोई दिक्कत तो नहीं है. आप एक काम करो. आप आँखें बंद कर लो मैं अपने कपड़े ऊपर चढ़ाती हूँ. बापू : हां, यह ठीक है.इस तरह बाप बेटी में परदा भी रहेगा माइ फुट ! मैने अपनी मॅक्सी अपने गले (नेक) तक चढ़ा ली .अब मैं अपने बापू के सामने एक तरह से सिर्फ़ ब्रा और कछि मैं थी मैं : अब आप तेल की कटोरी को मेरे साइड मे रख दो और ऊपर आके मेरे पेट पर मालिश करो.जैसे मम्मी करती हैं बापू ने तेल की कटोरी एक साइड में रखी.और डॉगी स्टाइल में मेरे ऊपर आ गये.एक हाथ ज़मीन पर रखा सपोर्ट के लिए और दूसरे हाथ से मेरे पेट पर तेल लगाने लगे.अब वो मेरे सामने नहीं बल्कि ऊपर थे इसलिए हम ऑलमोस्ट फेस टू फेस थे.
मैं : हां बापू.तो मैं कह रही थी कि जो चीज़ें टीवी पर दिखातें हैं वो आपने पहले कभी नहीं देखी होंगी बापू : ऐसा क्या है ? लेकिन मैं नहीं मानती कि वो सचाई है बापू : क्या नहीं मानती ? मैं : वो दिखातें हैं कि..नहीं मैं वो बोल नहीं सकती बापू : बता ना.ऐसा क्या है ? नहीं.कैसे बोलू.नहीं बोल सकती. बापू : ऐसा क्या है जो तू बोल नहीं सकती ? मैं तो कभी सोच भी नहीं सकती कि ऐसा भी होता होगा ? बापू : क्या होता होगा ? Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
मैं : करके देखूं.पर आप बुरा तो नहीं मनोगे ? बापू : नहीं मनुगा. मैं : तो फिर अपना चेहरा इधर लाओ मैने बापू का फेस अपनी तरफ किया और उनके होंठो पर किस कर दिया.बापूने आँखें खोल ली. मैं : बापू आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मनोगे बापू : मुझे याद है मैं :मालिश क्यों रोक दी.वो तो करते रहो बापू : क्या टीवी पर यह दिखाते हैं मैं : हाँ बापू.आप ही बताओ , क्या लड़का लड़की एक दूसरे से होंठ (लिप्स) मिलाते हैं ?
बापू : मैने तो नहीं सुना मैं : टीवी में तो लड़का लड़की ऐसे होंठ मिलते हैं जैसे होंठो से होंठो की मालिश कर रहे हो…बापू यह आप मालिशकर रहे हो या सिर्फ़ हाथ फेर रहे हो.अच्छी तरह करो.आप तो मेरे कपड़ो पर भी तेल लगा रहे हो.एक कामकरो…आँखें खोल लो. बापू : आँखें तो खोल लेता हूँ लेकिन तुम किसी को बताना मत मैं : कहा ना.कभी नहीं बताऊंगी अब बापू ने आँखें खोल ली और उनकी जवान बेटी ऑलमोस्ट फुल्ली नग्न उनकेसामने उनसे मालिश कराती हुई.अपनी बेटी का बदन देखते ही वो थोड़ा शर्मा गये.
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मैं : थोड़े लंबे लंबे हाथ चलाओ..टीवी पर तो लड़का लड़की के होंठो से इतनी अच्छी मालिश कर रहा था और आप तोहाथों से भी अच्छी नहीं कर रहे. बापू : नहीं ऐसी बात नहीं है.अब मैं कस के करता हूँ बापू ने लूँगी और बनियान पहनी हुई थी मैं : बापू देखो ना, आपकी बनियान पर तेल लग रहा है, यह खराब ना हो जाए. इससे निकाल दो. बापू : ठीक है. और बापू ने बनियान उतार दी.अब मेरी मॅक्सी मेरे ब्रा से ऊपर थी, बापू सिर्फ़ लूँगी में थे और मेरेऊपर चढ़ कर मेरे पेट की मालिश कर रहे थे मैं : बापू. होंठो से होंठ मिलाना तो मैने पहली बार देखा ही.लेकिन इससे बड़ी चीज़ भी देखी.जो मैं नहीं मानती किअसली में होता होगा बापू : अच्छा.क्या देखा मैं : Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
बता नहीं सकती.अपना चेहरा इधर लाओ बापू का फेस अपने हाथों में लेके मैं फिरसे बापू के होंठो पे किस करनेलगी.कुछ देर तक हमारे होंठ ऐसे ही एक दूसरे से चिपके रहे.फिर बापू ने कहा बापू : पर यह तो तू बता चुकी है मैं : हाँ यह तो बता चुकी हूँ.अब जो करना है वो करने में थोडा सा अजीब लग रहा है.चलो करती हूँ.लाओ अपने होंठहमने फिरसे किस शुरू की. अब मैने अपनी जीभ (टंग) बापू के होंठो पर चलाई और बापू के मूह (माउत) के अंदरडालनी चाही. बापू ने हल्के से अपना मूह खोल दिया.तो मैने अपनी जीभ बापू के मूह में डाल दी. मैं बापू की जीभ को चाटने लगी.अब बापू भी अपनी जीभ मेरी जीभ पर घुमाने लगे.उन्होने अपनी जीभ मेरे दाँतोंतीथ) पर मारी.कुछ देर एक दूसरे की जीभ चूसने के बाद बापू ने अपना फेस ऊपर किया.
मैं : बापू, अच्छा लगा बापू : मैने तो यह सब पहली बार सुना.मेरा मतलब पहली बार किया है मैं : तो मैं कौनसा रोज़ करती हूँ.मैने भी पहली बार किया, बापू एक बात कहूँ.आपकी जीभ है बड़ी स्वाद बापू : अच्छा. मैं : मेरी जीभ का स्वाद आपको कैसा लगा? बापू : ह्म. मैं : याद नहीं तो फिर चख (टेस्ट) कर देख लो मैने बापू का फेस पकड़ कर अपनी तरफ लिया और अपनी जीभबाहर निकल दी.बापू मेरी जीभ को चाट-ने लगे.. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
इस दौरान मैने तेल की कटोरी से थोड़ा तेल लिया औट बापू की पीठपर लगाने लगी….. कुछ देर तक चाटने के बाद बापू अलग हुए. मैं : बापू, अब तो बताओ कैसा है मेरी जीभ का स्वाद बापू : अच्छा है..पर तू यह सब किसी से बताना मत मैं : बिल्कुल नहीं.बापू मैं अपनी मॅक्सी निकाल ही देती हूँ मैने अपनी मॅक्सी उतार दी.अब मैं सिर्फ़ ब्रा-पैंटी में थीऔर बापू सिर्फ़ लूँगी में. मैं : बापू.अब आप मेरी पीठ (बॅक) की मालिश करो यह कह कर मैं पेट (स्टमक) के बल लेट गयी. बापू के सामनेमेरी नंगी पीठ और मेरी हिप्स थी. बापू मेरी पीठ की मालिश करने लगे
मैं : मेरे कूल्हों (हिप्स) पर लगाओ तेल.दबा दबा कर करो मालिश. बापू मेरे हिप्स पर तेल लगाने लगे.मेरी हिप्सउमर के हिसाब से बड़ी हैं मैं : बापू, आप मम्मी के कूल्हों (हिप्स) पर भी मालिश करते हो बापू : हां.लेकिन अब तो उसकी मालिश किए पाँच च्छेः साल हो गये बापू मेरी हिप्स की मालिश बहुत दबा दबा केकर रहे तह..मुझे यहीं था की अब तक बापू का लौड़ा पूरी तरह कड़क हो चुका था. मैं : बापू, चलो अब आप थोड़ा आराम कर लो.काफ़ी देर से मालिश कर रहे हो.कुछ देर मैं आपकी मालिश कर देतीहूँ अब बापू लेट गये और मैं उनके ऊपर आ गयी. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
मैने हाथ में तेल लिया और उनकी छाती पर लगाने लगी.बापू कीनज़रें मेरे बदन पे थी.उनकी जवान बेटी ब्रा पैंटी में उनकी मालिश कर रही थी. मैं : बापू आप अंपनी लूँगी निकाल दो तो मैं आपकी टाँगों की भी मालिश कर दूं मैं जानती थी की बापू का लौड़ा खड़ाहोगा बापू : नहीं बेटी.मुझे तो मालिश की ज़रूरत ही नहीं.तू ऊपर से ही कर ले मैं : क्यूँ बापू.आज आपने कच्छा (अंडरवेर) नहीं पहना बापू : पहना है.लेकिन मुझे मालिश की ज़रूरत नहीं. मैं बापू के ऊपर डॉग्गी स्टाइल में थी.उनकी छाति पर तेललगा रही थी. मैं जान बूझ कर स्लिप कर गयी और बापू के ऊपर आ पड़ी.हम दोनो के नंगे जिस्म कॉंटॅक्ट में आगये.
बापू की मांसल पीठ पर अपने बूब्स टिका के लेटने में जो आनंद मिला वो मैं बयां नहीं कर सकती. अब बेटी की चूत बाप के लंड से ज्यादा दूर नहीं थी. इन seduction sex kahani का आखिरी भाग…
मैं : बापू आप अंपनी लूँगी निकाल दो तो मैं आपकी टाँगों की भी मालिश कर दूं. मैं जानती थी की बापू का लौड़ा खड़ाहोगा
बापू : नहीं बेटी.मुझे तो मालिश की ज़रूरत ही नहीं.तू ऊपर से ही कर ले
मैं : क्यूँ बापू.आज आपने कच्छा (अंडरवेर) नहीं पहना Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
बापू : पहना है.लेकिन मुझे मालिश की ज़रूरत नहीं. मैं बापू के ऊपर डॉग्गी स्टाइल में थी.उनकी छाति पर तेललगा रही थी. मैं जान बूझ कर स्लिप कर गयी और बापू के ऊपर आ पड़ी.हम दोनो के नंगे जिस्म कॉंटॅक्ट में आगये.
अब मैं बापू के ऊपर लेटी हुई थी.मेरे ब्रेस्ट बापू की छाती से सटे हुए थे मैं : ओह. बापू : क्या हुआ मैं : बापू वो हाथ चिकने हैं ना इसलिए फिसल गये और मैं आपके ऊपर आ पड़ी.मैं थोड़ा थक गयी हूँ.थोड़ी देर ऐसेही रहू बापू : मेरी छाती पर तेल लगा है.तेरा कपड़ा (ब्रा) खराब हो जाएगा मैं : अब तो हो ही गया.जाने दो.लेकिन आपके हाथ खाली हैं.आप मेरी पीठ की मालिश कर सकते हो अब बापू लेतेहुए थे, मैं बापू के ऊपर, अपने ब्रेस्ट बापू की छाती पर दबाए, और बापू के हाथ मेरी पीठ पर तेल मल रहे थे .दोनो मेंगर्मी बढ़ती जा रही थी.हम दोनो के नंगे पेट एक दूसरे से सटे हुए थे मैं :
ऊ.बापू.मेरी मालिश करो.अच्छी तरह. बापू : रज्जो क्या हम ठीक कर रहे हैं.?.एक बाप बेटी ऐसे करते हैं. मैं : (धीरे आवाज़ में) कैसे. बापू : जैसे तू और मैं कपड़ों के बिना एक दूसरे से चिपके हुए हैं. मैं : कपड़े पहेने तो हैं.मैने ब्रा और कच्ची और आपने लूँगी.बचपन में तो आपने मुझे बिल्कुल नंगा देखा होगा. मैंअपने बूब्स बापू की छाति पे रगड़ने लगी. बापू : बचपन की बात और थी.अब तू जवान है मैं : बापू.क्या आपको मेरा जिस्म अच्छा लगा.?. बापू : पर मैं तेरा बाप हूँ. मैं : हम जो भी करेंगे मैं किसी से ना कहूँगी.हम थोड़ा सा ही करेंगे.अब बताओ आपको मेरा जिस्म अच्छा लगा ?.
बापू : हां.सच कहूँ तो तेरे कूल्हे (हिप्स) बहुत आकर्षक हैं. यह कह कर बापू मेरे हिप्स को प्रेस करने लगे मैं : ऊ.बापू.बदन से बदन की मालिश का मज़ा ही कुछ और है.मेरे कूल्हों को दबाओ. बापू : ओह.रज्जो.तेरे कूल्हे तो तेरी मा से भी ज़्यादा अच्छे हैं. मैं : बापू.आप मेरे ऊपर आ जाओ बापू मेरे ऊपर आ गये और मेरी गर्दन (नेक) तो चूमने लगे मैं : ऊओ.बापू.आइ लव यू सो मच.मैं आपसे कितना प्यार करती हूँ यह आप नहीं जानते.चूमो.अपनी बेटी को चूमो बापू : रज्जो.तेरे बदन ने मुझे पागल कर दिया है. मैं : आपकी मालिश ने मुझे भी पागल कर दिया है. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
बापू का एक हाथ मेरे बूब पर गया और उससे हल्का हल्कादबाने लगे.वह मेरी गर्दन और मेरा चेहरा चूमते जा रहे थे. मैं : पाप्पा.ओ.आपके चुंबन मुझे पागल कर देंगे.यह आपका एक हाथ मेरी छाति पर क्यूँ है. क्या करोगे उसका बापू : जी चाहता है तेरी छाति को मसल दूँ. मैं : ओईमा. जो करना है कर लो. मेरी छातियाँ मेरे बापू के काम नहीं तो किसके काम आएँगी. यह ब्रा बाप बेटी केबीच में आ रहा है. निकाल दो इसे.कर दो मेरे संतरों (ऑरंजस) को आज़ाद. बापू ने मेरा ब्रा निकाल दिया. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
वो मेरीछाती को देखते ही पागल से हो गये.दोनो हाथों से दोनो बूब्स को दबाने लगे. बापू : रज्जो.तेरी चूचिया संतरे नहीं. नारियल (कोकनट) हैं. कितने बड़े और भरे भरे. मैं : ऊ. दबाते रहो. कितना मज़ा आ रहा है. मैने अपने नारियलों मैं आपके लिए बहुत सारा पानी भरा हुआ है. पियोना अपनी बेटी का नारियल पानी. यह कहने की देर थी के बापू ने मेरे स्तन (बूब) अपने मूह (माउत) में ले लिएऔर चूसने लगे. मैं : उऊँ. आह.ऊ.चूऊऊस. ऊ.मेरे अच्छे बापू. दूध पियो मेरा. बापू और ज़ोर से मेरे स्तन चूसने लगे.बीच बीच में मेरेनिपल्स को अपने दातों (टीत) से काट रहे तह..जब भी वह मेरे निप्स (निपल्स) को काट – ते तो , मेरी जान निकलजाती.लेकिन मज़ा आ रहा था. मैं :
ओमा.सारा दूध पी जाओ मेरा. खाली कर दो मेरे दूध के कटोरे. मैं आपकी मा हूँ, और आप मेरे बेटे हो. मेरे बेटेमेरी छाती से दुदू पी मेरी जान. मैने अपना एक हाथ बापू की लूँगी में डाला और लूँगी खोल दी. बापू ने अंदर कच्छा पहना था.बापू मेरा दूध पीईईईन्न्नने में मगन थे .मेरे निपल्स को रुक रुक के जीभ से चाट – ते और दातों से काट – ते. मैने बापू की लूँगी में हाथ डाला.और उनके हिप्स को मसल्ने लगी.सच कहूँ तो मुझे बापू के हिप्स बहुत आकर्षकलगते थे .मैं इमॅजिन किया करती थी के उनके हिप्स कितने बड़े और कितने हार्ड होंगेः.मैने बापू की सारी लूँगी निकाल दी.अब बापू सिर्फ़ कच्चे में और उनकी बेटी सिर्फ़ पैंटी में.मेरे दोनो हाथ बापू की हिप्स पर थे. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
मैं : ओ बापू. आपका जिस्म कितना कठोर (स्ट्रॉंग) है. बापू : बेटी तेरे अंग जितने मुलायम हैं मेरे अंग उतने ही कठोर हैं.तेरा दूध बड़ा मीठा है.तू खुद भी चीनी है.बाप बेटीके नंगे जिस्मों का मिलन और गरम होता जा रहा था.बापू अब मेरा दूध ख़तम कर के मेरे पेट को चूम रहे थे …वोमेरी नाभि (नेवेल) में अपनी जीभ चला रहे थे ..मेरी चूत तो पूरी गीली हो चुकी थी..अब बापू मेरी काली पैंटी को चूमरहे थे .
मैं : ओह.प्प्प.आपपा.म.याइ.यह.आपन्न् ( ने.क्या कर दिया.है.मुझसे अब और सहेन नहीं होता..और मूततड़पाव.ऊ.बुज्ज्झा.भुजा दो मेरी प्यास.भुजा दो अपनी प्प्प्प्पयारी बेटी की प्यास. बापू : अब मुझसे भी और सहेन नहीं हो रहा. यह कह के बापू ने पहले मेरी पैंटी निकाल दी.फिर अपना कच्छा.ओहनो.बापू का लौड़ा देख कर मैं घबरा गयी.इतना मोटा.. बापू : चल मेरी बेटी. मैं : ओह.बापू.कितना मोटा डंडा है आपका.मुझे बहुत दर्द होगा. बापू : थोड़ी दर्द तो होगा.लेकिन कुछ देर बाद अच्छा लगेगा.चल जल्दी कर.डलवा.
मैने आँखें बंद (क्लोज़) करली.बापू ने एक झटके में मेरी चूत में लौड़ा डाल दिया.मैं दर्द से कराह उठी. मैं : ऊ.बापू.मैं मर जाऊंगी.निकाल लो इसे. बापू : बस थोड़ी देर की ही बात है.सबर का फल बहुत मीठा होगा. अब बापू लॉड को मेरी चूत के अंदर बाहर करनेलगे. आगे पीछे आगे पीछे. अंदर. बाहर अंदर. बाहर..मुझे मज़ा आने लगा. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
मैं : आह.मेरे बापू.
बापू : ओह रजनी .
मेरी जान..मेरे लौदे की भूखी. मैं : मेरी जान.ले ले मेरी. मेरे हरामी बाप.आ.ओ.अपनी बेटी की ले रहा है. इतना मोटा डंडा है तेरा. करता रह अंदर बाहर.आगे.पीछे.फफफ्फ़. बापू : आ.म.बेटी.तेरी चूत कितनीईई.मज़्ज़ेदार है.जितना मुलायम तेरा बदन है.उतनी ही टाइट तेरी चूत है. मैं : आई.एम्म. टुक.टुक.लेता रह मेरी. आह.मेरी जान्न.मेरे बदन की मालिश तो बहुत करली.अब मेरे अंदर की मालिश भी करो. बापू.कब से आपके लौदे के लिए मर रही हूँ. बापू ने धक्के और तेज़ कर दिए. मैं : आ.यह.और .और तेज़.और तेज़ डालो बापू.आआआअ..मेरा निकलने वाला है Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
बापू : उश. ईएश..एयेए. मैं :आ..ह..म्म्माआ.. आआहह मैं पूरी मस्ती मैं.मेरा निकल गया.मुझे इतना मज़ा आज तक नहीं आया था.चूत-रूस निकलते समय मैं तो जन्नत में पहुच गयी थी..जब मेरा ऑर्गॅज़म ख़त्म हुआ तो बापू ने मेरी चूत से अपना लौड़ा निकाल लिया.और मेरी चूत के ऊपर झाड़ दिया.उनका गरम गरम सीमेन का मेरी चूत और पेट पर गिरना बहुत अच्छा लगा. हम दोनो थक गये थे .इसलिए झाड़ते ही कुछ देर बाद सो गये. सुबह मेरी आँख खुली तो बापू जाग चुके तह.उनके बाथरूम में नहाने की आवाज़ आ रही थी.मैं पूरी नंगी थी पर बापू मेरे ऊपर चादर डाल गये थे .
मैने जल्दी से उठ कर कपड़े पहने और बापू के लिए नाश्ता बनाने लगी.मैने स्कर्ट और टाइट टॉप पहना था.घी ख़तम हो रहा तो मैं शेल्फ पे चढ़ गयी ड्रॉयर में से नया पॅकेट निकालने के लिए.मैं शेल्फ पे चढ़ के घी का पॅकेट ढूंड रही थी तभी बापू रसोई (किचन) में आ गये. बापू : क्या हुआ.क्या ढूंड रही है. मैं : बापू वो घी का पॅकेट नहीं मिल रहा था मैं शेल्फ पर खड़ी थी.बापू ज़मीन पर.हमारी शेल्फ इतनी ऊँची नहीं थी इसलिए.बापू का फेस मेरी हिप्स की हाइट तक था…मेरी स्कर्ट काफ़ी छोटी थी जिससे मेरी टांगे नंगी थी..बापू धीरे से मेरे पास आए और मेरी टाँगों पर हाथ फेरने लगे.मैं तो घी निकालने में बिज़ी थी. बापू ने अपना हाथ मेरी स्कर्ट के अंदर डाल लिया.
और मेरी हिप्स को प्रेस करने लगे.मैने कुछ नहीं कहा.क्यूँ कहती. बापू स्कर्ट के ऊपर से ही मेरी हिप्स पे किस करने लगे.उन्होने मेरी स्कर्ट हिप्स से ऊपर कर दी.मैने कछी नहीं पहनी थी.मेरी हिप्स पे किस करने लगे. मैं : ऊ.बापू. बापू : रजनी.कल रात तेरे कूल्हों का सेवन (टेस्ट) नहीं किया. बापू मेरे हिप्स/बट्स को जीभ से चाट-ने लगे….बापू शेल्फ पर मेरी टाँगों के बीच में बैठ गये और मेरी चूत पर जीभ मारने लगे.मेरे जिस्म में से एक करेंट सा दौड़ा. मैं : उउउशश्.ऊ.बापू यह क्या कर रहे हो. बापू : चुप कर.मुझे नाश्ता करने दे. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
मैं : मेरी चूत का नाश्ता.उउउउम.और .चॅटो..एक बेटी नाश्ते में अपने बाप को अपनी चूत से ज़्यादा और क्या दे सकती है..एयाया.पेट भर के खाओ अपनी बेटी की चूत.ऊईए..हाय्य.मेरे पपिताजी..ख़ालो अपनी बेटी की जवान चूत.. उूुउउफफफफफफफफफफफ्फ़… इस्पे आपका ही तो नाम लिखा है.मेरी चूत में अपनी जीभ तो घुस्स्स्ाओ.ऊऊ. बापू मेरी चूत में अपने जीभ घुसा घुसा के चाट-ने लगे. बापू : चल अब ज़मीन पर आ जा. मैं शेल्फ से उतार के ज़मीन पे आ गयी.बापू ज़मीन पर बैठ गये.मैने खड़े होकर टाँगें खोल ली.बापू ने बैठ कर मेरी टाँगों के बीच अपना मुँह (फेस) दे कर कहा. बापू : चल अब अपने कूल्हे मेरी तरफ कर. मैने अपनी हिप्स बापू के फेस की तरफ कर दी
बापू : मेरी जान अब तेरे कूल्हों को चखना है. घुटनों के बल हो जा मैं डॉगी स्टाइल में आ गयी जिस-से की मेरी हिप्स आसानी से खुल जाएँ….बापू ने मेरी दोनो हिप्स को पकड़ कर अलग करा. और मेरे हिप्स के बीच के भाग में जीभ मारने लगे…मेरी हिप्स के बीच में बाल हैं.वह उन बालों को भी चाट-ने लगे..धीरे धीरे वह मेरे पीछे का छेद (अशोल) चाट-ने लगे… मैं : ऊवू.बापू.आइ .लव.यू..आह.कितना अच्छा लग रहा है.इस छेद के बारे में तो मैने खुद भी कभी नहीं सोचा.ऊ.अपनी जीभ डालो इसमें.अपनी बेटी के हर कोई छेद को भोग लो..
मैं : जानेमन आप ज़रा लेट जाओ..मैं आपके मूँह के ऊपर बैठ-ती हूँ बापू लेट गये और मैं बापू के मुँह के ऊपर पॉटी करने की पोज़िशन में बैठ गयी..मैने टीवी पर 69 पोज़िशन देखी थी..बापू मेरा अशोल चाट रहे थे.उसमें जीभ दे रहे थे .मैने बापू की लूँगी उतार दी.उन्होने कच्छा नहीं पहना था. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
शायद सोच कर आए थे कि अपनी जवान बेटी को फिरसे चोदना है..लूँगी उतार कर मैने बापू का कठोर मोटा लौड़ा हाथ में के लिया…फिर थोडा झुक कर मैने लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी… बापू : आ..रजनी..यह टोन कहाँ से सीखा..यह तो तेरी मा ने भी आज तक नहीं किया मैं : बापू सीखा कहीं नहीं.सोचा जब आप नाश्ता कर रहे हो तो मैं भी नाश्ता कर लू..जब मैं आपका डंडा चूस्ती हूँ तो आपको कैसा लगता है ?.
बापू : बहुत अच्छा लगता है..चूस्ती रह. मैं फिरसे बापू का लौड़ा चूसने लगी और बापू मेरा पीछे का छेद…कुछ देर बाद बापू : चल बेटी..चाटना और चूसना बहुत हो गया.अब घुसाने वाला काम किया जाए..चल अपने दोनो हाथों और घुटनो पर हो जा..घोड़ी (हॉर्स) बन.. मैं : क्यूँ मेरे प्यारे बाबुल.घुसाने के लिए घोड़ी बनने की क्या ज़रूरत है बापू : तेरे पीछे के छेद में घुसाना है. मैं : ओह बापू कहाँ कहाँ घुसाएगा.. मैं घोड़ी बन गयी… Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
बापू ने अपना लौड़ा मेरे पिछे के छेद पे रखा और धीरे धीरे अंदर करने लगे..मुझे दर्द हो रहा था पर मैं अब कुछ भी रोकना नहीं चाहती थी.इसलिए सोचा दर्द से लिया जाए.बापू ने पूरा लौड़ा मेरी गांड मे डाल दिया..मैं दर्द से कर्राहा उठी. मैं : ओह.मेरे गांडू बाप. क्या कर दिया यह..मेरी जान निकाल दी.ऊओ.उउईए. बापू : मेरी जान थोडा सह ले. फिर बहुत मज़ा आएगा कल रात जैसे. फिर बापू अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगे..मेरा दर्द भी कम हो गया मैं : ऊऊओ. बापू.मारो मेरी .लेलो अपनी बेटी की..चोद दो मुझे.. आगे से भी. पीछे से भी.ऊपर से और नीचे से भी..आई.रात चूत ली थी.अब गांड लेलो. बापू : साली. अपने बाप से मालिश करवाती है. तेल लगवाती है.. अपने बापू को अपना दूध पिलाती है. और अब अपनी गांड मरवाती है.. बेशरम तेरा बदन बहुत मखमली है. तेरा बाप तेरे जवान बदन का मज़ा लेकर रहेगा.
मैं : तो मैं भी तो यही चाहती हूँ. आआ..मेरे बापू मेरे हर एक छेद में अपना मोटा डंडा घुसाएँ. मेरे छेदो को अपने डंडे से रोज़ साफ करें. एक दूसरे के बदन को रोज़ भोगें. बापू : अफ तेरे यह बड़े बड़े गोरे कूल्हे. तेरी मीठी गांड.. मैं : ईईईई. पीछे का छेद ना होता तो कितना मज़ा अधूरा रह जाता. कितनी मीठी दर्द है अपने बाप से गांड मरवाने में. कुछ देर मेरी गांड मारने के बाद बापू ने गांड से निकाल कर लौड़ा मेरी फुददी में डाल दिया और फिर शुरू हो गये.
मैं : अया.श.बापू.मेरा एक भी छेद ना छोड़-ना. बापू : रजनी.मेरी जानेमन..मेरी प्यारी बेटी.. तेरा हर छेद माखन है. तेरा बदन भी माखन है मैं : मेरे बेटी चोद बापू. मेरी जान..चोद दो अपनी जवान बेटी को.. लेलो इसकी. मारलो इसकी. बेरहम बन जाओ.बेशरम बन जाओ.. बापू : मेरी मस्त बेटी.रोज़ मुझे अपना दूध पिलाएगी ना.. मेरी मलाई खाएगी ना मैं : बापू और तेज़. मैं निकालने वाली हूँ. और तेज़. एस.आआययययय मैं निकल गयी.. कुछ देर बाद बापू ने मेरी फुददी से लौड़ा निकाला.और लौड़ा मेरे मुँह के पास ले आए. मैने उनका लौड़ा मुँह में डाल कर उनकी सारी मलाई खाली. Mere Bhole Bapu Best Hindi sex story
———-समाप्त———–
अब मैं और बापू जब मम्मी नहीं होती तो घर में प्यार करते हैं. और जब मम्मी होती हैं तो खेत में. बापू को अब अपनी बीवी में कोई दिलचस्पी नहीं रही थी. रहती भी कैसे उन्हें जो 16 साल की मस्त और जवान बेटी जो मिल गयी थी. ये seduction sex kahani तो यहीं ख़त्म पर हमारी अठखेलियाँ आज भी चलती रहती है..
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