भाभी को याद करता हूँ

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प्रेषक : राहुल पटेल

नमस्कार !

मेरा नाम राहुल है, सूरत का रहने वाला हूँ और इन्जिनीयरिंग कर रहा हूँ। मेरी उम्र अभी 20 साल की है और सच बोलूं तो मुझे सेक्स में बहुत रुचि है और उसमें भी भाभियाँ मुझे बहुत अच्छी लगती हैं। मैं करीब दो साल से अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। आज मैं अपने साथ घटी एक घटना को कहानी के रूप में लिख रहा हूँ।

आज से तीन दिन पहले मैं सिटी-बस से हॉस्टल की तरफ आ रहा था और साथ में एक पुस्तक पढ़ रहा था। तभी एक मस्त कड़क भाभी मेरे बाजू में आकर बैठी, एकदम झक्कास माल थी वो ! वो काफी दोस्ताना भी थी॥

भाभी को याद करता हूँ

मेरे हाथ में पुस्तक देख कर उसने पूछा- आप क्या करते हैं?

मैंने जवाब दिया, ऐसे करके हमारी थोड़ी जान पहचान हो गई। फिर मेरा स्वाभाव थोड़ा ठरकी है तो मैंने कहा- आप बस में क्यों जा रही हो? आप जैसी को तो कार में जाना चाहिए !

तो उसने बोला- मैं कार अफ्फोर्ड नहीं कर सकती !

फिर मैंने उसके पति के बारे में पूछा तो उसने कहा- उनका टेक्सटाइल का धंधा है…

वैसे थोड़ी-बहुत बात करके मैं हॉस्टल आ गया।

दूसरे दिन फिर वो मिली.. उसके साथ बात हुई..

अब हमारी अच्छी जान-पहचान हो चुकी थी, उसने मुझे जाते समय अपने घर का पता दिया।

मैंने उससे पूछा- आप फेसबुक यूज़ करती हैं ?

तो उसने कहा- फेसबुक में अकाउंट तो है पर कंप्यूटर खराब है..

तो मैंने कहा- आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो मैं आपका कंप्यूटर ठीक कर दूंगा…

उसी बहाने मैं उसके घर गया। उसके पति घर पर नहीं थे। उसने मुझे चाय को पूछा और उसने मुझे कम्प्यूटर चालू कर के दिया।

मैं कंप्यूटर में मास्टर हूँ तो मैं पूरा कंप्यूटर चेक करने लगा तो मुझे उसमें बहुत सारी ब्लू फिल्में मिली।

मैंने सोचा कि इसी बहाने भाभी के साथ खुल कर बात भी हो जायेगी… मैंने भाभी से पूछा- ये नंगी फिल्में कौन देखता है?

यह सुन कर वो हैरान हो गई, उसने पूछा- तुम्हें ये कैसे मिल गई?

फिर मैं हंस दिया तो साथ में वो भी हंसने लगी।

फिर वो एकदम निश्चिन्त होकर बात करने लगी कि उसके पति सेक्स करते समय ये फिल्में देखते हैं और उस पर चढ़ते हैं…

इस बात से मुझे उनका इरादा अजीब सा लगा। इसके बाद वो मेरे पास मेरी बगल में आकर बैठ गई, मैं कंप्यूटर ठीक करने में लगा था।

वो देखने लगी.. मेरा लंडा मस्त तन कर खड़ा था। मुझसे रहा नहीं गया और मैं उठ कर टॉयलेट में चला गया और वहाँ मुठ मारने लगा।

इस बात का पता भाभी को चल गया तो उसने तुरंत दरवाजे पर दस्तक दी..

मैंने दरवाजा खोला तो वो सीधी मेरे लण्ड को हाथ में लेकर मुझ से चिपक गई..

एक तरफ कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म चल रही थी और दूसरी तरफ वो मेरा लण्ड हाथ में लिए मुझसे चिपक रही थी..

मैंने भी एकदम प्रफुल्लित होकर उसको कस के पकड़ा और चूमने लगा… मैं उसके नरम होंठों का रस पिए जा रहा था…

फिर मेरे हाथ पहले उसकी गांड पर पड़े… आये हाय…. क्या मस्त कूल्हे थे…

फिर मैंने उसको बिस्तर पर लेटा दिया… उसके सारे कपड़े उतारे और मैं भी नंगा हो गया… मैं उसके चूचे चाटने लगा… उसके चुचूक एकदम कड़क हो चुके थे..

फिर उसने बोला- अब कितना तड़पाओगे?

तो मैंने उसकी चूत के ऊपर अपना लण्ड थोड़ा सा रगड़ा और फिर अन्दर डाल दिया…

उसके मुँह से बहुत सिसकारियाँ निकल रही थी… वो खूब मजा ले रही थी…

मैंने 6-7 मिनट तक उसको चोदा तो उसने कहा- मैं तो झड़ने वाली हूँ !

तो मैं उसे बहुत जोर से चोदने लगा..

वो 1-2 मिनट में ही झड़ गई लेकिन मेरा काम अभी बाकी था…

मैंने उससे तेल मंगवाया और उसकी गांड में तेल लगा कर उसकी गांड मारने लगा…

वो बहुत मज़ा लेकर सीत्कार कर रही थी…

आखिर मैं भी 4-5 मिनट में झड़ गया… मेरा सारा वीर्य उसके कूल्हों पर निकल गया।

और फिर हम काफ़ी देर तक बिस्तर में ही लेटे रहे, मैं उसकी चूचियों से खेलता रहा।

फिर हमने कपड़े पहने और मैं वहाँ से निकल गया..

जब भी मैं मुठ मारता हूँ तब वो भाभी को याद जरूर करता हूँ.. अभी भी मेरा मन मुठ मारने का हो रहा है…

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