रौशनी भाभी की गांड चुदाई

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अशोक है और अब मैं ५० साल से ऊपर का हु और एक रंडवा हो चूका हु. ऐसा नहीं है, कि सेक्स की बातें केवल आज ही होती है या रिलेशनशिप में सेक्स संभंध आज ही बनते है. ऐसा पहले भी होता था. लेकिन, उस समय लोग इन बातों को दबा लेते थे और किसी को पता भी नहीं चलता था. ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ था करीब ३० साल पहले. हम लोग तब गाँव में रहते थे. मैं उस समय कोई १८ के आसपास का हूँगा. मैं भैया – भाभी और अपनी माँ के साथ रहता था. बापू की डेथ हो चुकी थी, तो भैया खेती करते थे. उस समय फसल कटाई का मौसम था और भैया अक्सर खेतो में ही सोते थे. घर कोई बहुत बड़ा नहीं था. मुझे रात को पढाई करनी होती थी, तो मैं भाभी के कमरे में पढ़ लेता था और भाभी कभी माँ के पास और कभी कमरे में ही सो जाती थी.

रौशनी भाभी की गांड चुदाई

उस दिन सर्दी की रात थी और कब्फी गहरी हो चुकी थी. भैया खाना खाने के बाद चले गये थे और माँ भी सोने जा चुकी थी. सर्दी बहुत ज्यादा थी और भाभी उस रात कमरे में ही सोई हुई थी. मैं कुर्सी पर बैठा था. सर्दी ज्यादा होने की वजह से भाभी ने मुझे बोला, तुम रजाई में ही आकर पढ़ लो. बाहर सर्दी काफी है, तबियत ख़राब हो जायेगी. मैं रजाई में घुस गया और रजाई को ऊपर तक ओढ़ कर पढाई करने लगा. तभी मेरी टाँगे भाभी की टांगो से टच हो गयी और मुझे उनका टच नंगा लगा. भाभी के सोने की वजह से भाभी की साड़ी उनके घुटनों तक उठ गयी थी. मुझे भाभी बहुत चिकनी लगी और मुझे अपनी टांगो को छुना बड़ा अच्छा लग रहा था.

मैंने अपनी टांगो को थोड़ा ऊपर किया और अपने पैरो को ऊपर तक लेकर जाने लगा. बाप रे… कसम से आग थी. मुझे उनका गरम टच बहुत अच्छा रहा था और फिर मुझ से पढाई नहीं हुई. तो मैं भी किताब बंद करके वहीँ लेट गया. भाभी शायद जाग गयी थी और उनको करवट ले ली थी. अब उनकी गांड मेरी तरह थी और मेरा लंड एकदम से बहुत जबरदस्त तरीके से खड़ा था. मेरा लंड मोटा और लम्बा था करीब ८ इंच और ३ इन्च का. गाँव में खान-पान बहुत अच्छा होता है. इसलिए लंड की स्ट्रेंथ भी अच्छी होती है. भाभी को भी अच्छा ला रहा था, तो वो थोड़ा सा पीछे खिसक गयी, और अब मेरा लंड उसकी गांड की लकीर में फिट हो गया. मेरा लंड भाभी की गांड की लक्रीर में धक्के लगा रहा था.

भाभी ने थोड़ा हिल दुल कर लंड को अपने गांड के छेद के पास कर दिया. मुझे लगा, कि भाभी भी गरम हो गयी है और मैंने फिर डरते – डरते, अपने लंड को भाभी की गांड में घिसना शुरू किया और. भाभी ने हिलना बंद कर दिया, लेकिन मुझे लगा था, कि उनकी साँसे बहुत तेज हो चुकी थी. शायद वो भी अब गरम हो चुकी थी. मैंने फिर थोड़ी ही हिम्मत दिखाई और नीचे हाथ बढ़ा कर उनकी साड़ी को थोड़ा सा ऊपर खीच लिया. फिर मैंने उनकी टांगो पर अपना हाथ लगाया, तो मुझे एसा लगा कि मेरे शरीर के अन्दर कोई करंट दौड़ गया हो. मेरा लंड तो और भी तेजी से अन्दर घुसने के लिया धक्के मारने लगा.

भाभी भी कुछ हिली और मैंने लंड को पीछे खीच लिया. तो भाभी ने अपना हाथ पीछे करके मेरे लंड को पकड़ लिया और अपने हाथ से अपनी गांड के छेद पर मेरे लंड को घिसने लगी. अब तो मुझे भाभी की स्वीकृति मिल चुकी थी और मैंने अपने लंड को अपने हाथ से सीधे करके भाभी की गांड पर लगाया और एक जोर का धक्का मारा. उनकी गांड बहुत टाइट थी और मेरा लंड मोटा था. तो मेरा लंड एक साइड में फिसल गया. फिर मैंने अपने हाथो पर थूका और अपने लंड को मसल कर चिकना कर लिया. फिर मैंने अपने हाथ पर थोड़ा सा थूक कर उनके गांड के छेद को भी चिकना कर दिया और फिर मैंने अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर सीधा करके उनकी चूत में लगा दिया.

और फिर मैंने अपने हाथो से उनके कंधो को पकड़ लिया और जोरदार धक्का मारा. इस बार मेरे लंड का सुपाडा भाभी की गांड में घुस गया और उनके मुह से जोरदार चीख निकल गयी आआआआआअ आआआआआआ मर गयी…. मैंने जल्दी से अपने एक हाथ से उनका मुह बंद कर दिया और दुसरे हाथ से ब्लाउज के ऊपर से उनके बूब्स को दबाने लगा. मैंने अब फिर से एक जोरदार धक्का लगाया और मेरा आधे से ज्यादा लंड उनकी चूत में फिट हो गया. फिर तीसरे धक्के में मैंने उनकी गांड में अपना पूरा लंड उतार दिया और जोरदार धक्को की बरसात कर दी. भाभी को दर्द हो रहा था. उन्होंने मेरे हाथ पर अपने दांत गडा दिए. लेकिन, हवस के भूत के सामने ये दर्द कुछ भी नहीं था.

कुछ देर बाद, मैंने अपने आप को रोक कर अपनी गांड को गोल – गोल घुमाना शुरू कर दिया… अब उन्हें भी मज़ा आने लगा. तो वो भी अपनी गांड को मेरे लंड की विपरीत दिशा में घुमाने लगी. मज़ा आ गया था. अब मैंने अपने दोनों हाथो से उनके बूब्स को पकड़ा और जोरदार धक्को की बरसात कर दी. मेरी गांड बहुत तेज चल रही थी.अब उन्होंने मेरे हाथ को छोड़ दिया था और उनके मुह से कामुक सिस्कारिया निकलने लगी थी अहः अहः अहः अहहाह अहहाह अहहाह आहाहहः अहहाह मर गयी… जोर से चोद… और जोर से… अब मेरा आने वाला था. तो मैंने अपने धक्को की स्पीड को तेज कर दिया और फिर एक गरम धार के साथ अपने वीर्य को भाभी की गांड में छोड़ दिया. उनके मुह से एक जोरदार सिसकी निकली और फिर वो शांत हो गयी….

फिर मैंने उनकी अपने तरफ घुमा लिया. उनके चेहरे पर चुदाई के बाद वाली चमक थी. फिर मैंने उनको मस्ती चूमना शुरू किया और फिर हम दोनों नंगे हो गये और मैंने उनकी चूत की भी मस्त ठुकाई की. उसके बाद, मैंने एक – बार और चोदा होगा. उनके बाद उन्होंने मेरी अपनी छोटी बहन से शादी करवा दी और फिर मुझे उनको चोदने का मौका नहीं मिला. लेकिन, आज भी मुझे भाभी की गांड की चुदाई सबसे अच्छी चुदाई लगती है.

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