मेरा नाम नुपुर है और मेरी उम्र 22 है। इस साईट पर यह मेरी पहली कहानी है.. लेकिन मैंने इस साईट पर बहुत सी सेक्सी कहानियाँ पढ़ी है। दोस्तों आम तौर पर सब लोग यही मानते है कि सेक्स को लेकर लड़को में बहुत जोश होता है। यह बात एकदम सही है.. लेकिन यह बात भी मान लीजिए कि लडकियों में भी सेक्स को लेकर उतना ही जोश होता है। barsaat mein choote bhai ke sath rain sex
पर हम लड़को को पता नहीं लगने देते। मेरी सभी दोस्त इस साईट की कहानियों को पढ़कर बहुत मज़े लेती है। आज में आप सभी से जो कहानी शेयर कर रही हूँ.. इससे बस यही साबित होता है कि एक लड़का और एक लड़की के बीच सिर्फ़ एक ही रिश्ता हो सकता है और वो आप सभी जानते होंगे.. लीजिए में अपनी rain sex story पर आती हूँ।
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दोस्तों यह पिछले साल बरसात के दिनों की बात है। हमारे कॉलेज की छुट्टी हुई और अचानक मौसम खराब हो गया और जोरों से बारिश होने लगी। में कुछ देर तो कॉलेज में रुकी और एक घंटे तक में वहाँ पर खड़ी रही.. लेकिन बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और अब धीरे धीरे रात भी होने को थी.. तो में बारिश में भीगते भीगते अपने घर पर आ गयी।
घर पर पहुंचते पहुंचते मुझे 7 बज गए थे और बहुत अंधेरा भी हो चुका था और उस समय घर पर लाईट भी नहीं आ रही थी। मैंने दरवाजा बजाया तो मेरा छोटा भाई पराग दरवाजे पर आया और उसने दरवाजा खोला.. वो मुझसे दो साल छोटा था।
पराग : आप तो बिल्कुल भींग गई हो
में : तो में क्या करती रेनकोट ले जाना भूल गई थी.. क्या तू एक काम करेगा?
पराग : हाँ दीदी।
में : तू मेरे लिए चाय बना दे.. मुझे बहुत ठंड लग रही है।
पराग : ठीक है.. में अभी बनाकर लाता हूँ। barsaat mein choote bhai ke sath rain sex
फिर में अपने कमरे में चली गई.. बाहर मौसम अब ठीक हो चुका था.. लेकिन हवा तेज़ चल रही थी और में मोमबत्ती जलाकर अपने रूम तक गयी.. लेकिन रूम तक जाते जाते मोमबत्ती बुझ गई और फिर में बाथरूम में कपड़े चेंज करने गई और मैंने एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए। तभी मुझे याद आया कि मैंने टावल तो लिया ही नहीं.. तो मैंने बाथरूम के दरवाजे को हल्का सा खोला और देखा कि ज्यादा अंधेरे में बाहर कुछ भी नहीं दिख रहा था।
फिर में धीरे धीरे अलमारी की तरफ जाने लगी जो कि दरवाजे के बिल्कुल पास थी और में अलमीरा के पास पहुंच गई थी.. तभी अचानक तेज लाईट के कारण मेरी आखें बंद हो गयी.. लेकिन जब मैंने आंखे खोली तो में सहम गई.. मेरा भाई मेरे सामने खड़ा है एक हाथ में चाय का कप और दूसरे में बुझी हुई मोमबत्ती लेकर।
मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूं और वो मेरे 34 साईज के बूब्स को तो कभी मेरी नंगी चूत को देख रहा था.. मानो जैसे उसकी लाटरी लग गयी हो। मैंने एक हाथ से चूत और एक हाथ से बूब्स को छुपा लिया और उसे डाटते हुए बोली कि पराग हट जा और फिर में दौड़ते हुए बाथरूम में चली गई।
पराग : सॉरी दीदी.. ( वो चाय लाया था ) मुझे माफ़ करना वो मोमबत्ती हवा से बुझ गई और में यह चाय टेबल पर रख देता हूँ और फिर वो चला गया.. लेकिन पता नहीं क्यों मुझे गुस्सा सा आ रहा था? फिर मैंने सोचा कि इसमें उसकी क्या ग़लती थी। में भी तो जवान हूँ बहुत खूबसूरत हूँ भला 34 इंच के बूब्स गोरा रंग 26 इंच की कमर 34 इंच की गांड को देखकर कोई भी पागल हो सकता है।
फिर ऐसे ही मैंने अपने आप को कांच में देखा.. में सच में क़यामत लग रही थी तो मैंने चूत के भीगे बालों पर हल्का हल्का हाथ फेरा तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा। फिर मैंने सलवार सूट पहन लिया और फिर में किचन में आ गयी.. लेकिन में अपने भाई से आंख भी नहीं मिला पा रही थी और उसे बार बार अनदेखा कर रही थी और वो भी बहुत उत्सुकता महसूस कर रहा था। फिर मैंने ही आगे होकर उससे बात शुरू की..
में : क्या पापा ऑफिस गए है? barsaat mein choote bhai ke sath rain sex
पराग : हाँ उनका नाईट शिफ्ट है और वो कल सुबह आएँगे.. लेकिन सॉरी दीदी वो में आपके कमरे में।
में : कोई बात नहीं.. कभी कभी हो जाता है और उसमें तुम्हारी कोई ग़लती नहीं थी.. लेकिन अब तुम आगे से ध्यान रखना ठीक है और अब भूख लगी है तो चलो किचन में खाना बना लेते है।
पराग : हाँ ठीक है दीदी।
दोस्तों मेरे परिवार में हम तीन लोग ही रहते थे। इसलिए घर का सभी काम हम लोग मिल बाँटकर करते थे.. फिर हम इधर उधर की बातें करते करते खाना बनाने लगे। तभी अचानक से मेरी गांड पराग से टकरा गयी और मुझे कुछ चुभता हुआ महसूस हुआ? तो मैंने पीछे मुड़कर देखा तो उसके पजामे में उसका लंड तंबू बनकर खड़ा हुआ है। लेकिन इस बात से वो बिल्कुल अंजान होने की कोशिश कर रहा था। तो मैंने भी अनदेखा कर दिया..
तो इससे उसकी हिम्मत और बढ़ गई और कुछ देर के बाद उसने फिर से मेरी गांड में अपना लंड सटाया। फिर में कुछ दूर जाकर खड़ी हो गयी.. वो भी मेरे और करीब आ गया। तभी मैंने गौर किया कि वो मेरे बूब्स को अपनी तिरछी तिरछी निगाहों से देख रहा था.. क्योंकि मैंने दुपट्टा हटा रखा था तो मेरे बूब्स का पूरा आकार साफ साफ नज़र आ रहा था। फिर कुछ देर में खाना बनकर तैयार हो गया और फिर हम करीब 9 बजे खाना खाने बैठे.. हम टीवी देखकर खाना खा रहे थे तो अचानक उसने मुझसे पूछा कि..
पराग : दीदी क्या आपसे एक बात कहूँ?
में : हाँ क्यों नहीं.. बोलो ना। barsaat mein choote bhai ke sath rain sex
पराग : आप बहुत सुंदर हो।
उसकी आवाज़ आज मुझे कुछ अलग सी लग रही थी।
पराग : वो आज आपको बिना कपड़ो के देखा तो मुझे पता चला कि आप कितनी सुंदर हो?
में : अपनी बकवास बंद कर नहीं तो में एक थप्पड़ लगाऊँगी और चुपचाप खाना खा।
फिर वो कुछ नहीं बोला और हम खाना खाकर टीवी देखने लगे करीब आधे घंटे बाद मैंने उससे चेनल चेंज करने को कहा.. क्योंकि मुझे सीरियल देखना था.. लेकिन उसने साफ साफ मना कर दिया और वो टीवी देखने लगा रिमोट उसके पास में था। तो मैंने झटके से रिमोट उठा लिया और चेनल चेंज कर दिया और रिमोट सोफे पर रखकर उस पर बैठ गयी।
पराग : रिमोट मुझे देती है या नहीं।
में : नहीं दूँगी।
पराग : प्लीज़ दो ना मुझे टीवी पर कुछ देखना है।
में : में नहीं दे रही और तुम्हें जो करना है कर लो।
दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
कुछ देर वो चुप बैठा फिर अचानक उसने अपने दोनों हाथ मेरी गांड पर रख दिया और मुझे अपनी तरफ खींच लिया में बहुत हैरान थी और में एक झटके में उसकी गोद में आ गई थी। फिर उसने रिमोट ले लिया.. लेकिन मुझे नहीं छोड़ा में अब भी उसकी गोद में ही थी और में उससे छूटने की कोशिश कर रही थी.. उसने मुझे बहुत मजबूती से पकड़ रखा था।
में : पराग यह क्या कर रहे हो? barsaat mein choote bhai ke sath rain sex
पराग : अभी आपने ही तो कहा था ना जो करना है करो लो।
में : बेशरम आने दो पापा को में तुम्हारी.. मैंने उसकी नाक पर ज़ोर से मारा तो उसने मुझे छोड़ दिया और में जैसे तैसे सोफे से उठी और दुपट्टा लेकर वहाँ से जाने लगी। तभी उसने मुझे पीछे से मेरी कमर को पकड़ कर सोफे पर पटक दिया। मेरी तो चीख निकल गई और उसने बिना समय गवाएं मेरे मुहं पर रुमाल बाँध दिया और फिर मेरे दुपट्टे से मेरे हाथ बाँध दिए।
अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूं और वो पूरी तरह से पागल हो गया था। में उससे छुटने की पूरी कोशिश कर रही थी और में अपने पैर से उसे दूर कर रही थी। फिर मेरा एक पैर उसके लंड पर जाकर लगा तो वो दर्द के मारे वहीं पर बैठ गया और मुझे मौका मिला.. में सोफे से उठी.. लेकिन उसने मुझे पकड़ लिया और फिर सोफे पर पटक दिया।
पराग : साली तू बहुत लात चलाती है रुक जा।
में पराग के मुहं से यह सब सुनकर बहुत हैरान थी और मुझे अपने कानो पर यकीन नहीं हो रहा था। फिर उसने मेरे दोनों पैरों को पकड़कर फैला दिया और वो खुद मेरे ऊपर लेट गया एक हाथ से उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसे नीचे करने लगा और दूसरे हाथ से वो मेरे बूब्स को मसलने लगा। उसने मेरी सलवार को नीचे किया और अपनी पेंट और अंडरवियर को नीचे करके अपना लंड बाहर निकाला लिया।
फिर वो मेरी पेंटी में अपना एक हाथ डालकर मेरी चूत को सहलाने लगा और में उससे छूटने की कोशिश कर रही थी। मेरा सर सोफे से नीचे लटक रहा था और में पूरी ताक़त लगाने के बावजूद भी हिल नहीं पा रही थी। उसने मेरी पेंटी को साईड से हटाकर लंड का टोपा मेरी चूत में रख दिया.. में लाचारी से उसकी तरफ देख रही थी। फिर उसने एक ज़ोर का झटका मारा और उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया.. मेरी तो जान ही निकल गयी।
Fir दूसरा झटका दिया और पूरा का पूरा लंड अंदर। अब में दर्द से मरी जा रही थी और मेरी दोनों आँखों से गरम गरम आंसू निकल रहे थे और वो लंड को ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर कर रहा था और अब मैंने विरोध करना बंद कर दिया। वो भी मुझे चोदने का मज़ा लेने लगा.. मैंने अपनी दोनों आखें बंद कर ली.. लेकिन आंसू नहीं रुके.. इतना दर्द मुझे कभी नहीं हुआ।
फिर उसने मेरा कुर्ता खोलना चाहा.. लेकिन मेरे दोनों हाथ बंधे होने के कारण वो सिर्फ़ कंधे तक ही मेरा कुर्ता खोल पाया। वो मेरी गर्दन, कंधे, गाल और पीठ पर किस करता रहा। में लगभग बेहोश हो चुकी थी.. तभी वो बहुत घबरा गया और उसने मेरा मुहं खोल दिया.. लेकिन मैंने कोई हलचल नहीं की। फिर उसने पानी लाकर मेरे मुहं पर मारा तो मुझे थोड़ा होश आया और मैंने उससे कहा कि प्लीज़ मुझे खोल दो तुम्हें जो करना है कर लो.. लेकिन धीरे धीरे। barsaat mein choote bhai ke sath rain sex
वो बहुत खुश हो गया और मुझे किस करने लगा। फिर उसने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और उसका लंड 6 इंच का बिल्कुल तना हुआ था और उस पर मेरी चूत का खून लगा हुआ था। तो उसने रुमाल से खून को साफ किया और लंड को मेरे होठों पर रख दिया। मैंने मुहं हटा लिया..
लेकिन उसने दोनों हाथ से मेरे मुहं को पकड़ लिया और कहा कि प्लीज़ ले लो ना.. नहीं तो मुझे फिर से ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी। अब मेरे पास कोई और रास्ता भी नहीं था.. मैंने होंठ को हल्के से खोला और उसके लंड के टोपे को मुहं में लिया और फिर में उसके लंड को धीरे धीरे चूसने लगी और उसे धीरे धीरे सहलाने लगी।
फिर दो तीन बार ऐसा करने के बाद उसने मेरे मुहं में पूरा लंड घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा.. उसे तो मानो जन्नत ही मिल गयी हो और तीन मिनट के बाद उसने मुझे सोफे से उठाया और मेरे हाथ खोल दिए और मेरे कपड़े खोलने लगा और देखते ही देखते में बिल्कुल नंगी हो गई। और उसने मेरी चूत के खून को साफ किया। फिर वो सोफे पर बैठ गया और मुझे अपनी गोद में बैठने को बोला..
लेकिन में वहीं पर खड़ी रही। तो उसने मेरा हाथ खींचकर मुझे अपनी गोद में बैठा लिया और फिर उसने मुझे किस करना चाहा.. लेकिन मैंने दूसरी तरफ अपना मुहं मोड़ लिया। फिर वो मेरे बूब्स को चूसने और सहलाने लगा। मेरे मुँह से आहें निकलने लगी। वो कभी बूब्स पर किस करता..
कभी कमर को सहलाता तो कभी मेरी गांड को सहलाता और में कहे जा रही थी अह्ह्ह प्लीज़ पराग आआहहा आ प्लीज़ नहीं ऐसा मत करो। फिर उसने मौका देखकर अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा.. लेकिन इस बार मुझे दर्द थोड़ा कम हुआ। barsaat mein choote bhai ke sath rain sex
फिर करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद उसने एकदम से अपनी स्पीड बढ़ा दी और मेरी कमर को पकड़ कर धक्के देने लगा। फिर कुछ देर बाद वो बहुत थक गया था और शायद उसका वीर्य निकल चुका था और वो अपनी दोनों आंखे बंद करके बस मेरी कमर को सहला रहा था।
मेरी सांसे बहुत तेज चल रही थी और मैंने उसकी तरफ देखा और फिर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और में खुद अपनी चूत के झटके उसके लंड पर मारने लगी। तभी वो तो बहुत चकित रह गया और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और हम एक दूसरे को किस करने लगे। फिर पूरी रात हमने सेक्स किया ।
———समाप्त———
तो दोस्तों, कैसी लगी ये rain sex story आप लोगो को? कमेंट्स करके बताइए न..
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