छोटी बहन की जिज्ञासा

मैं सेक्स-ज्ञान के मामले में बिलकुल कच्ची थी, तब मेरे बड़े भाई ने मुझे कुछ ज्ञान दिया और किसी और ने भी हमारा साथ दिया. इस प्रैक्टिकल एजुकेशन की chhoti jigyasa bhai bahan sex story का मज़ा लीजिये..

मेरा नाम प्रीटी है और मै चन्डीगढ की रहने वाली हूं.आज मै आप को अपनी फ़ैमली की एक ऐसी काहानी बताने जा रही हूं जो मैने अबतक किसी से भी शेयर नही करी है. इस काहानी मे कुछ भी झूट नही है हर बात सच सच है लेकिन सिर्फ़ नाम बदल दिये हैं मैने.

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मै एक मिडल क्लास फ़ैमली से हूं. हमारी फ़ैमली एक बडी फ़ैमली है. मेरे दो भाई और एक बैहन हैं. सब से बडा भाई सूरज २५ साल फिर करण २२ साल फिर मै २० साल और सबसे छोटी रिया १७ साल की है. मेरे पिताजी की एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी है. मा ग्रिहणी हैं. बडा भाई शादी शुदा है और वो भी पिताजी के साथ काम करता है. हम सब साथ ही रहते हैं. बाकी बहन भाई शादी शुदा नही हैं.

मै और करण घर मे सब से अच्छे दोस्त हैं. हमारी सिटी मे शायद ही किसी बहन भाई मे इतनी दोस्ती हो जितनी के मेरी और करण की है. मैने कभी भी ये सोचा ना था के मै ऐसा भी कर बैठूंगी. पता नही करण के दिमाग मै ऐसी बातें कब से आ गयी थीं.

अक्सर हम रात को देर रात तक बातें करते रहते थे. एक रात हम बातें करते करते टीवी भी देख रहे थे और हमारी बातों का टॊपिक लव मैरिज था. उस का कैहना था के शादी हमेशा मा बाप की मरज़ी से करनी चाहिये और मै लव मैरिज को वोट कर रही थी. क्यों के मुझे एक लडके से प्यार था लेकिन करण को इस बात का पता नही था.. उस रात जब मैने लव मैरिज को इतना वोट किया तो अचानक करण ने मुझसे एक सवाल किया जिसके लिये मै तय्यार नही थी. chhoti jigyasa bhai bahan sex story

उसने काहा: प्रीटी एक बात तो बताओ. क्या तुम्हे किसी लडके मे इन्टरस्ट है? मेरा मतलब क्या तुम किसी से प्यार करती हो? मै अचानक इस सवाल को सुन कर चुप हो गयी. वो फिर बोला: बताओ तो सही. .इस मे कोई बुराई तो नही. सब को हो जाता है. हो सकता है तुम को भी हो गया हो, मुझ से शेयर कर लोगी तो शायद मै तुम्हारी मदद कर सकूं. ये सुन कर मेरा कुछ हौसला बढ गया. और मैने सिर्फ़ सर हिला कर उसे हां काहा. वो बोला: कौन है वो? मैने उसे बता दिया के मै अपनी क्लास के लडके रिशी को पसन्द करती हूं.

कुछ देर बाद वो बोला: एक बात बताओ. .सच सच बताना. क्या तुम दोनो मे कुछ हुआ है? मै ये सवाल समझ नही सकी तो मैने पूछा: क्या मतलब? वो फिर बोला. .मेरा मतलब कोई ऐसी वैसी हर्कत की है उसके साथ? अब मै उस का मतलब समझ गयी और बोली : नही. वो कई बार कोशिश कर चुका है. पर मैने कभी भी उसे अपने को छूने नही दिया. वो बोला: वैसे मै जानता हूं उसके बारे में. काफ़ी लडकियां हैं उसके जाल मे तुम्हारी तरह. और बहुतों के साथ तो वो काफ़ी कुछ कर भी चुका है. मै बोली: क्या कर चुका है? वो कुछ देर चुप रहने के बाद बोला. .सेक्स कर चुका है और क्या.

मै सुन कर हैरान रह गयी और फ़ोरन करण से लडने वाले अन्दाज़ मे बोली: नही वो ऐसा नही है. .हां मुझसे वो ज़रूर छेड छाड करता है मगर उसका किसी और लडकी के साथ चक्कर नही है. वो बोला: अरे तुम चाहो तो मेरे दोस्त की बहन सिमरन से पूछ लेना. वो उसकी शिकार बन चुकी है. ये सुन कर मै बहुत परेशान हो गयी लेकिन मुझे अब भी इस बात का यकीन नही था.

एक दो दिन बाद मुझे सिमरन मिली तो मैने उससे रिशी के बारे मे पूछा. सिमरन ने करण की बात को कन्फ़र्म कर दिया के दो साल पहले रिशी ने उसे पटा के उसके साथ सेक्स किया था. मुझे बहुत बडा धक्का लगा और मैने रिशी से अपना रिशता तोड दिया. उस दिन मै घर आके सारा दिन रोती रही. रात को भी ठीक से नही सोई और रोती रही.

अगले दिन सन्डे था. जब मै उठी तो ९ बज चुके थे पर मेरी आंखें अभी भी लाल थी. मा ने देख कर पूछा क्या हुआ प्रीटी तुम को? मै बोली कुछ नही मा बस रात को नीन्द ठीक से नही आई. वो ये सुन कर दांटने लगी : एक तो तुम दोनो बहन भाई पता नही रात को इतनी देर तक क्या बातें करते रहते हो. कभी जलदी भी सो जाया करो, बीमार हो जायेगी और वो तुम्हारा भाई भी. मै बोली: कुछ नही होता मा. और बाथरूम मे चली गयी. chhoti jigyasa bhai bahan sex story

नाश्ता करते हुए मा ने बताया के आज राहुल का मुन्डन है और हम सब जा रहे हैं, नाशते के बाद तय्यार हो जाओ. (राहुल मेरी चाची का दो साल का लडका है) मेरा जाने का मूड नही था इसलिये बोली: मा मेरी तबीयत ठीक नही है. मै नही जाना चाहती. मा ये सुन कर गुस्से मे बोली: और जागो सारी सारी रात, लेकिन तुम घर मै अकेली क्या करोगी? करण बोला: मा मै भी नही जाना चाह राहा. मै प्रीटी के पास रहता हूं आप लोग चले जाओ.

नाशते के बाद सब लोग तय्यार होने लगे और करीब ११ बजे सब चले गये. अब घर में सिर्फ़ मै और करण थे. वो टीवी देख राहा था और मै अपने कमरे में थी. कुछ देर बाद करण मेरे कमरे में आया और बोला : कैसी हो प्रीटी तुम अब? मै: ठीक हूं करण. करण: नराज़ हो क्या मुझसे? मै: नही करण ये कैसे सोच लिया तुमने? करण: बात तो करती नही मुझसे तो फिर ऐसा ही सोचूंगा ना. मै: कुछ नही करण तुम भी ना.

अच्छा चलो कोयी और बात करो. करण: पहले हंस कर दिखाओ. इस बात पर मै फ़ोरन ही हंस पडी और उसने मुझे हंस्ता हुआ देख कर उसने अपने गले लगा लिया. उसने मुझे माथे पर किस भी किया. ऐसा पहले कभी नही किया था उसने. मुझे बहुत ही अच्छा लगा और मै और भी चिपक गयी उसके साथ. हम ऐसे ही कोई २ – ३ मिनट तक रहे.

फिर मैने भाई से पूछा: करण एक बात तो बताओ? करण: क्या? मै: क्या सब लडके हम लडकियों के बारे मै ऐसा ही सोचते हैं? Karan: म्म्म्म्म हां ज़्यादा तर लडके ऐसा ही सोचते हैं आज कल. मै: क्या तुम भी ऐसा सोचते हो किसी के लिये? करण: म्म्म्म्म्*म्म्म्म्म हां मै: किसके लिये? करण: हो सकती है कोई भी तुम्हे इससे क्या मतलब?

मै : नही..मुझे बताओ ना? करण: छोडो इस बात को अब.किस तरह की बातें कर रही हो तुम? मै: तुमने रात को ही काहा था के हम सब कुछ शेयर कर सकते हैं. अब क्यों छुपा रहे हो? करण:देख लो. तुम जानती हो की मै काफ़ी बोल्ड हूं. अगर कुछ बोला तो किसी को बताना नही. मै: नही बताऊंगी.अब बताओ ना? करण: तो सुनो..मै रीना के बारे मै ऐसा सोचता हूं. (रीना मेरी भाभी हैं)

मै ये सुन कर हैरान हो गयी.और उससे पीछे हट गयी. वो अब मुझे सिर्फ़ मुसकुराता हुआ देखता राहा. मेरी समझ मे नही आ राहा था के अब मै उससे क्या कहूं. फिर मै बोली: क्या मतलब है तुम्हारा? क्या तुम भाभी की बात कर रहे हो? करण : हां.उसी की बात कर राहा हूं.और बात बताऊं तुमको? उसे भी ये पता है और उसे ये सुन कर खुशी हुई थी. अब तो मेरी हैरानगी की कोयी हद नही थी. मेरी समझ मे नही आ राहा था के वो क्या कह राहा है. फिर मै बोली: करण तुम को पता है ना तुम क्या कह रहे हो? वो तुम्हारी भाभी हैं. chhoti jigyasa bhai bahan sex story

कैसे सोच लिया तुमने उसके बारे में? करण: भाभी हैं तो क्या हुआ. हैं तो एक लडकी ही ना आखिर. खुबसूरत हैं मुझे अच्छी लगती हैं और उसे मै भी अच्छा लगता हूं. इसमे बुराई क्या है? मै: एक बात बताओ..किस किसम का रिशता है तुम्हारा और रीना भाभी का? Karan: वैसा ही जैसा होता है इस सूरत मे. मै: क्या मतलब.कैसा होता है इस सूरत मे? Karan: प्यार भरा और क्या मै: क्या तुम उसके साथ कुछ कर तो नही बैठे? करण: हां थोडा बहुत कर चुका हूं मै: हे भगवान.भाभी के साथ? करण तुम पागल तो नही हो गये?

किस हद तक गये हो तुम उसके साथ? करण: हां पागल कर दिया था उसने.मै क्या करता.और रही बात हद की, तो प्यार मे कोई हद नही होती मै: क्या मतलब? करण: वही जो प्यार करने वाले करते हैं..कुछ किसिंग..कुछ हगिंन्ग ..और कुछ वो भी. मै: वो भी.? सच सच बताओ..कहीं सेक्स तो नही क्या तुम ने? करण: हां हो तो गया है .इसमे मेरा क्या कसूर? इतनी खुबसूरत औरत जब पास हो तो आदमी से ये कुछ भी हो सकता है. मै: कसूर..? क्या मतलब ? अगर कोई भी खुबसूरत औरत हो तुम उसके बारे मे ऐसा ही सोचोगे? चाहे वो तुम्हारी बहन ही क्यों ना हो करण:म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म.. ..हां ..ऐसा ही है.

ये सुन कर तो मेरा दिमाग खराब होने लगा.कुछ देर तो मै चुप रही..फिर बोली: क्या तुम मेरे बारे भी इस तरह से सोचते हो? करण: देखो प्रीटी.तुम मेरी सब से अच्छी दोस्त हो.बहन ही.इस लिये तुमसे कुछ नही छुपाऊंगा.हां तुम मुझे आकर्शित करती हो..अगर तुम मेरी बहन ना होती तो मै तुमसे शादी करने की सोचता. मै: करण!!.तुम पागल तो नही हो गये . मै तुम्हारी बहन हूं ..कैसे आदमी हो तुम? करण: बहन तो हो..पर खुबसूरत भी बहुत हो..और सेक्सी भी.अब मेरा क्या कसूर?

पता नही क्यों करण की इन बातों से मज़ा आ राहा था और मै भाभी वाली बात का धक्का भूल गयी थी.अजीब सी हालत थी मेरी.मै सोच रही थी की अब मै इसे क्या कहूं और कैसे कहूं..दिमाग मै कुछ नही आ राहा था..लेकिन मै एक बात ज़रूर नोट कर रही थी. वो ये के करण की ये बातें बुरी नही लगी मुझे. मै अब कुछ नही बोल रही थी और वो मुझ को सिर्फ़ देख राहा था और मुसकुरा राहा था. मै कुछ डर भी रही थी. chhoti jigyasa bhai bahan sex story

पता नही क्या हो राहा था मुझे..पता नही मै शर्मा कर या डर कर रूम से बाहर चली गयी.करण वहीं बैठा राहा.मेरे अन्दर एक अजीब सी हालत थी.मेरा भाई और मेरे बारे मै ये सोचता है.क्या मै सच मे इतनी खुबसूरत हूं?..अब मुझे क्या करना चाहिये?.कैसे हैन्डल करूं इस हालात को? अब मै करण के बारे मै एक और ही तरह से सोच रही थी. ये बात तो सच थी के करण है काफ़ी हैन्ड्सम और सेक्सी भी..लेकिन वो मेरा भाई है.ये बात बार बार मेरे दिमाग मै आ रही थी.

उस दिन मैने फिर करण से इस टॊपिक पर ज़्यादा बात नही की क्योंकी मै पहले ही बहुत शॊक मे थी. मुझे अपने लव अफ़ेयर का सदमा कुछ ही दिन मे भूल गया क्योंकी मै अपने बॊयफ़्रेन्ड पर बहुत ही गुस्सा थी. मैने उससे बिलकुल मिलना छोड दिया और फिर उससे कोई रिशता ना रखने की कसम खा ली. एक दिन रात को टीवी देखते हुए मुझे एक खयाल आया के आखिर करण ने जो भी मुझको रीना भाभी के बारे मे बताया है क्या वो सच हो सकता है के नही. इसलिये मैने सोचा क्यों ना इस बात का पता लगाया जाये और मै अब करण से नही बल्के भाभी से इसके बारे में पूछूं. लेकिन कैसे?

अगले दिन मै लन्च के बाद भाभी के पास बैठ गयी और इधर उधर की बातें करने लगी और बातें करते करते मैने भाभी से पूछा की आज कल ज़िन्दगी भर किसी एक के साथ रहना काफ़ी मुश्किल होता है ना भाभी? क्या आप भैया से बोर नही हो जाती? वो मेरी यी बात सुन कर अजीब तरीके से मुसकुरा कर कहने लगी: इस के इलावा कर भी क्या सकते हैं. आखिर ज़िन्दगी भी तो गुज़ारनी है ना. मै: भाभी. क्या भैया भी तुम से बोर नही होते? क्या तुमको यकीन है के उनका कोई बाहर चक्कर वक्कर नही है? chhoti jigyasa bhai bahan sex story

भाभी: लगता तो नही है.(फिर हंसते हुए बोली) अगर है भी तो मुझे क्या? वापस तो मेरे पास ही आना है ना. मैने फिर भाभी से सवाल किया: भाभी एक बात पूछूं?.. भाभी: हां पूछ क्या बात है? मै: अगर मेरा कोई चक्कर हो तो भैया क्या करेंगे? भाभी: बहुत गुस्सा करेंगे तुझे. अगर ऐसी कोई बात हो तो मुझ तक ही रहने देना. वैसे कोई चक्कर है क्या? मै: नही भाभी.अभी तक तो नही है..लेकिन एक लडका लाईन मार राहा है मुझ पर काफ़ी दिनों से. भाभी: कौन है वो और कैसा है? मै: मेरी क्लास मै पढता है और है भी हैन्ड्सम..

भाभी: तो तेरा क्या खयाल है.? पसन्द है क्या तुझे? मै: है भी और नही भी भाभी: म्म्म्म्म्*म्म .अगर तो तुम सीरिअस हो तो बात करूं घर वालों से? मै: नही नही भाभी..इतना भी पसन्द नही है मुझे. भाभी: तो फिर टाईम पास कर और मज़ा ले के छोड देना. मै ये बात सुन कर हैरान हो गयी के भाभी मुझे क्या कह रही है और भाभी से पूछा: मज़ा लूं?.इस का क्या मतलब? Bhabhi हंस्ते हुए आहिस्ता से बोली: अरे जवानी के मज़े ले और क्या. यही तो उमर है ऐश करने की. मै: भाभी अगर मैने कुछ किया तो मेरे होने वाले पती को पता नही चलेगा के मैने क्या कुछ किया हुआ है? भाभी: अरे नही पता चलता..(भाभी ने इधर उधर देखा और आहिस्ता से बोली) अब तुम्हारे भाई को पता चला है क्या मेरे बारे मे?

मै: क्या मतलब भाभी? क्या आप भी? कब, कैसे और किस के साथ? भाभी: मै बहुत ही चालाक हूं. मैने एक काम किया की घर की बात घर मे ही रह जाये..और किसी को शक भी ना हो.. मै: क्या किया आपने? भाभी: मै तो कसम खा सकती हूं के मैने आज तक तुम्हारे भाई के इलावा किसी के साथ सेक्स नही किया.हां ये बात अलग है के वो सूरज के इलावा भी हो सकता है. मै: हे भगवान .भाभी.करण के साथ? कब? और कहां? Bhabhi: अब चुप ही रहो किसी से बात ना कर बैठना. मै: भाभी आप को मुझ पर यकीन नही है क्या? भाभी: है तभी तो इतनी बातें कर रही हूं ना.वैसे तुम्हारे भाई करण की क्या बात है.बहुत ही सेक्सी है..

भाभी से बात करने के बाद मुझे पता चल गया के करण की बात सच थी. फिर भाभी ने अपनी सारी कहानी सुनाई जो मै आप को किसी और दिन बताऊंगी. फिर मै ने इधर उधर की बातें करके बात खतम कर दी. उसी रात को जब मै और करण टीवी देख रहे थे और बाकी सब सो चुके थे मैने करण को बताया के आज मेरी भाभी से क्या बात हुई. वो मेरी बातें सुन कर सिर्फ़ मुसकुराता राहा. chhoti jigyasa bhai bahan sex story

मैने करण से एक सवाल किया : ऐसा करने के बारे मे तुम्हे खयाल कैसे आया? करण: तुम को पता है मै कम्प्यूटर पर बहुत ज़्यादा टाईम बिताता हूं और नेट से बहुत कुछ पता करता हूं.बस वहीं से मेरा इन बातों पर ध्यान गया. मै: क्या ध्यान गया करण: चलो अभी दिखाता हूं. वो ये कह कर मुझे कम्प्यूटर पर ले गया और नेट पर देसी सेक्स की कहानियों की एक साईट MyHindiSexStories.com खोल दी और मुझे काहा लो तुम बैठ कर इन्हें पढो.

मुझे अब शरम आ रही थी पर करण मुझे कम्प्यूटर के समाने छोड कर चला गया. कुछ देर मै इधर उधर देखती रही फिर हिम्मत करके पढना शुरू कर दिया.और जब मैने काहानियां पढनी शुरू की तो मेरी हैरानी की हद नही थी. इन काहानियों मे तो किसी किसम का भी रिश्ता माफ़ नही किया गया था.

कोई अपनी भाभी या साली के साथ, कोई मां या बाप के साथ, कोई अपने कज़न और कोई अपने सगे भाई या बहन के साथ सेक्स की बातें बता राहा था..मेरे अन्दर एक अजीब सी फ़ीलिन्ग हो रही थी. पता नही मुझे क्या हो राहा था. लेकिन जो भी था अच्छा लग राहा था और मै पढते ही जा रही थी. मुझे पता ही नही चला के कब सुबह के ४:०० बज गये. मैने जल्दी से कम्प्यूटर बन्द किया और सोने चली गयी. chhoti jigyasa bhai bahan sex story

उस रात मैने एक सपना देखा की मै अपने बाथरूम में नाहा रही हूं और अचानक करण बाथरूम मै आ गया और वो बिलकुल नंगा था लेकिन मै उसे देख कर खुश हो रही थी. करण बाथरूम मै आते ही मुझे चूमने लगा और मुझे बहुत मज़ा आ राहा था. फिर मेरी आंख खुल गयी तो देखा की मेरा हाथ मेरे वैजाईना पर है.और मै नीचे सी गीली हो चुकी थी.

करण जब नाश्ते पर मिला तो हंसते हुए आहिस्ता से मुझसे पूछा: कैसी रही रात की एन्टरटेनमेन्ट? मै:ठीक थी.सिर्फ़ एक काहानी पढी और फिर सो गयी. कोई खास मज़ेदार नही थी. मैने जान बूझ कर करण से झूट बोला. पता नही क्यों मै उससे सच नही बोल पाई. वो मेरी बात सुन कर मुसकुराता हुआ चला गया. मुझे लग राहा था के मै अब करण को किसी और नज़र से देख रही हूं पर किस नज़र से? इस का जवाब नही था मेरे पास.

उस दिन जब करण नही था मैने मौक देख कर फिर कम्प्यूटर ऒन किया और फिर से उसी साईट पर चली गयी और मज़े से कहानियां पढने लगी. एक अजीब मज़ा आ राहा था. हां उस काहानी को ज़रूर पढती थी जिस मै भाई और बहन का सेक्स होता था. मुझे वो अच्छी लगती थी. मै फिर से नीचे गीली हो चुकी थी. दो घन्टे तक काहानियां पढती रही. ऐसा कुछ दिनों तक चलता राहा और अब मै अक्सर भाई बहन के सेक्स के बारे में सोचती थी और मेरी पैन्टी गीली हो जाती थी.

एक रात को जब मैने करण से फिर से कम्प्यूटर पर बैठने की इजाज़त मंगी तो वो मुसकुराया और कहने लगा अभी नही.जब सारे सो जायेंगे तब.और आज मै भी तुम्हारे साथ बैठूंगा कम्प्यूटर पर. मै चुप हो गयी और टीवी देखने लगी. रात १०:०० बजे के करीब करण ने काहा जाओ देख कर आओ सब सो गये हैं क्या? मै उठी और देखा के सब सो चुके थे. लेकिन सूरज भैया के रूम की लाईट ऒन थी. मैने करण को ये बताया तो बोला: चलो आज मै तुम को कहानीयां नहीं बल्के असली चीज़ दिखाता हूं. मै बोली: वो कैसे करण: जैसे मै कहूं वैसे करती जाओ. फिर देखो क्या होता है.

ये कह कर वो मेरा हाथ पकड कर मुझे छत पर ले गया. छत पर सिर्फ़ एक ही कमरा है जिसमे सूरज भैया और रीना भाभी रेहते हैं. उसने जा कर उनके कमरे के दर्वाज़े को खटखटाया. रीना भाभी नाईटगाउन मे बाहर आयी और हमसे पूछा: क्या बात है? करण ने ऊंची आवाज़ मे काहा: वो आज का अखबार चाहिये. हमे कुछ देखना था उसमे. अन्दर से सूरज भैया की अवाज़ आयी: रीना, यहां पर पडा है अखबार, आके ले जाओ और दे दो इसे. रीना भाभी अन्दर से अखबार लेकर आयीं तो करण उन्हें खींच कर साईड पर ले गया और दबी ज़ुबान मे बोला: रीना, आज रात को सूरज के साथ सेक्स का प्रोग्रैम है क्या तुम्हारा? chhoti jigyasa bhai bahan sex story

रीना बोली: हां, क्यों? करण: तुम खिडकी पर से परदाआ थोडा हटा देना और थोडी सी लाईट भी आने देना रीन मुसकुराते हुए बोली: “क्यों, क्या करोगे तुम लोग देख कर” करण: अरे कुछ नही, प्रीटी की बहुत इच्छा है सच मे सेक्स देखने की, इसकी उत्सुकता शान्त हो जायेगी रीना: करण, तू इसको भी बिगाड रहा है करण: अरे नही, इसको ग्यान दे रहा हूं. अच्छा शो दिखाना रीना: अच्छा मै देखती हूं क्या कर सकती हूं

फिर भाभी अन्दर गयी और दर्वाज़ा बन्द करके चिटकनी लगा दी. उसने बडी लाईट बुझा कर एक छोटी लाईट ऒन कर दी और परदा खोल कर, खिडकी भी खोल दी. फिर उसने परदा किया, लेकिन पूरी तरह नही.

फिर रीना अपने बेड पर बैठ गयी. सूरज भी बेड पर आकर लेट गया और रीना उसके साथ चिपक गयी. उसके दोनो मम्मे करण के सीने से दबे थे. सूरज उसकी गान्ड को अपने हाथ से सहला राहा था और एक दूसरे को देख दोनो मुसकुरा रहे थे. तभी रीना ने झुक कर सूरज के होंठों पर किस किय. फिर सूरज ने उसके चेहरे को पकडा और उसके होंठों को अपने होंठों से कसकर चूसने लगा. अब वो दोनो एक दूसरे को किस कर रहे थे. ३-४ मिनट बाद रीना हांफ़ती हुई सूरज के ऊपर ढेर हो गयी और करण ने भी उसे अपने बांहों में कस लिया.

हमे कमरे की हल्की रोशनी मे ये सब कुछ साफ़ नज़र आ राहा था. हम चुपचाप खिडकी के पास खडे हो कर परदे की दरार मे से देख रहे थे. मुझे अजीब सा लग राहा था अपने भाई और भाभी को छुप छुप के देखना पर अन्दर ही अन्दर मज़ा भी आ राहा था. chhoti jigyasa bhai bahan sex story

————क्रमशः————

मुझे अजीब सा तो लग रहा था पर अपने भाई और भाभी को छुप छुप के देखना पर अन्दर ही अन्दर मज़ा भी आ राहा था. इस bhai bahan sex story का आखिरी भाग जल्द ही..

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