Ghar me mera pahla anubhav
हाय! दोस्तो मैं फिर वापस आ गया हूं अपनी अधूरी कहानी लेकर आप, लोगों ने मेरी कहानी को काफी पसंद किया और बहुत सारा मेल भी, इसके लिये धन्यवाद। Ghar me mera pahla anubhav
तो पिछली कहानी में मैं अपनी मामी जी की चूची फिल्म देखते हुये प्यार से दबा रहा था और मामी जी कुछ नहीं बोली आगे इसी तरह चूची दबाते हुये पूरी फ़िल्म देख ली। इस बीच हम लोगों में कोई बात नहीं हुई और हम लोग घर चले आये आने के बाद पता चला कि मामा जी भारत जा रहे हैं और कल आयेंगे मामा जी ने मुझे अच्छी तरह समझाकर चले गये मामा जी और मामी जी एक रूम में सोते थे, नानी जी और मामी जी की लड़कियां एक रूम में सोते थे और मैं कुछ नौकरों को लेकर एक जगह सोता था
पर आज रात मुझे नींद कहाँ आ रही थी करीब १२ बजे उठा और दबे पाँव मामी जी के कमरे की ओर चल पड़ा जाकर जैसे ही मैने दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया दरवाजा खुल गया मुझे समझते देर नहीं लगी कि मामी जी मेरे लिये ही दरवाजा खुला छोड़ रखी है फिर मैं मामी जी के पास आहिस्ते से दरवाजा बंद करके पहुँचा और पहुँच कर उनके बगल में लेट गया और लेट कर उनकी चूची को फिर से दबाने लगा ५ बच्चे की माँ होने के बावजूद उनकी चूची काफी टाइट हो गई मैं करीब ५ मिनट तक चूची को दबाता रहा
उसके बाद मैने आहिस्ते से हाथ उनकी चूत पर रखा कर कपड़े के ऊपर से ही सहलाने लगा इस के बावजूद जब कुछ नही बोली तब मैने उनको खींच कर सीधा किया और साड़ी पेटीकोट को उठा कर सीधा चूत को चाटना शुरु कर दिया करीब २ मिनट के बाद ही उनके मुख से काफी मादक और उत्तेजक सिसकारियां निकलनी शुरु सो गयी और मैं सोच भी नहीं सकता था कि मेरी मामी जी इतनी गंदी गाली भी दे सकती हैं
वो उन्माद में पागल हो कर बकने लगी आआआआ मेरे राजाआआआअ चाट लो काट कर खाआआआअजाओ मेरी चूत को अबे रंडी का बच्चा मादर चोद सुबह से चूची दबा दबा कर पागल कर रखा है तेरी मा की चूची था किया मादर चोद चूची तू दबाये चूत किया तेरा माँ का भतार दबाये जा या मेरी चूची दबाने के बाद अपनी माँ की चूत में लंड डाले जाअ बोल बोलना बे भोसड़ी बाला आआआआआ सीईईइ आआआऔऊऊऊऊऊऊउआआ आआआ उसकी गाली सुनकर मुझे काफी गुस्सा आ गाया और
मैं चूत चाटना छोड़ कर उठा और अपना कपड़ा खोला और उसकी दोनो टांग उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और लंड उसके चूत पर रख कर इतनी जोर का धक्का दिया कि उसकी चूत गीली होने के बावजूद उसके मुख से चीख निकल पड़ी फिर क्या था वो हमें गाली पे गाली देती रही और मैं धक्के पे धक्का देता रहा करीब दस मिनट के बाद मैं शांत हुआ इस बीच वो तीन बार झड़ी….. बस दोस्तों आज ये कहानी फिर अधूरा छोड़ रहा हूं लेकिन इस वादे के साथ कि हम फिर मिलेंगे
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