घर से हॉस्टल जा रही थी इसलिए दुखी सी थी मैं. पर उस बस के सफ़र ने जो अनुभव मुझे दिया वो अहसास मैं कभी भूल नहीं सकती. उस दिन मुझे पता चला की मैं कितनी चुदासी लड़की हूँ. एक जबरदस्त bus ka chudakkad safar bus sex stori पेश है..
मैं 22 साल की हूँ और में दिल्ली की रहने वाली एक कॉलेज स्टूडेंट हूँ. मेरा फिगर 38DD-27-37 है और मेरा वजन 55 किलो, काली आँखें, काले बाल और बड़ी बड़ी आँखें सुंदर सी नाक जो कि मेरा एक अच्छा भविष्य है और पतले.. लेकिन सुंदर होंठ लम्बे, काले घने बाल, मेरा कलर बहुत गोरा है.
तो बात तब की है जब में कॉलेज के पहले साल में थी और छुट्टियाँ ख़त्म होने पर घर से होस्टल दुखी मन से वापस जा रही थी. मेरी फेमिली मुझे ड्रॉप करने बस स्टॅंड तक आई थी और पापा मेरे लिए वोल्वो बस में सीट बुक करवा रहे थे. तो में मम्मी और दीदी से बातें कर रही थी.
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में: मम्मा.. आपकी मुझे बहुत याद आएगी.
मम्मा: ओह मेरा बच्चा.. दो दिन और रुक जाती.. बड़े दिन बाद तो आई थी.
दीदी: मेडम सारा टाईम यहीं पर रुक जाओगी तो पढ़ाई कौन करेगा?
में: हाँ दीदी आप तो मुझे प्यार करती ही नहीं.. बस मुझे जल्दी से भागना चाहती हो ताकि माँ का सारा प्यार तुम्हे ही मिले.
दीदी: हाँ यही बात है में तुझसे प्यार नहीं करती मेरी प्यारी गुड़िया और उन्होंने मेरे गाल पकड़ कर चुटकी काटी.
माँ: स्वाति मत कर उसे लग रही होगी.
में: आऊच दीदी बस मुझे पता है तुम मुझे बहुत प्यार करती हो और में भी आप से बहुत प्यार करती हूँ.
पापा: लो बेटा तुम्हारा टिकट.. अब जल्दी करो बस जाने वाली है और मुझे एक प्यारी सी झप्पी दे दो.
तो इसी खुशी के माहौल में बस में चडी और अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी जो कि बिल्कुल आखरी सीट थी और सारी बस फुल थी.. लेकिन आखरी की सीट पर कुछ गिरा हुआ था जिससे वो गंदी हो गयी थी.. लेकिन वहाँ पर दो लोग बैठ सकते थे. मुझे जाते हुए अच्छा नहीं लग रहा था और में बहुत दुखी होकर मुहं लटकाए हुए फोन पर गाने सुनने लगी.. मैंने ढीली काली टॉप और सफेद टाईट जीन्स पहनी थी और बाल हल्के हल्के खुले हुए थे. फिर करीब 10 मिनट बाद बस एक जगह रुकी और कोई 50 साल की उम्र के एक अंकल बस में चड़े. फिर उन्होंने इधर उधर देखा और मुझे देखते ही मेरी तरफ आने लगे. तो मैंने एकदम से आँखें घुमा ली कि वो कहीं और बैठ जाए.. लेकिन वो मेरी साईड में आकर बैठ गये.
किशन: हैल्लो यंग लेडी आप कहाँ तक जा रही हैं? bus ka chudakkad safar bus sex stori
में: अंकल जी में दिल्ली तक जा रही हूँ.
किशन: में किशन मुझे आप से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई.
में: मेरा नाम स्नेहा है और मुझे भी आप से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई.
किशन: मैंने आपको डिस्टर्ब तो नहीं किया स्नेहा?
स्नेहा: ओह.. ऐसा कुछ नहीं.. सब ठीक है.. वैसे भी में बोर ही हो रही थी.
किशन: तुम तो दिखने में बहुत समझदार लग रही हो.. तुम्हे देखकर लगता नहीं कि तुम बोर हो. अच्छा में बता दूँ कि तुम एक स्टूडेंट हो और वापस होस्टल जा रही हो.
स्नेहा: अरे आपको कैसे पता?
किशन: अच्छा तुम जवान हो तो स्टूडेंट के अलावा कुछ और नहीं हो सकती और तुम्हारा साफ सुथरा भारी बैग देखकर लगा कि तुम वापस जा रही हो.
स्नेहा: वाउ.. में आपकी बातों से बहुत चकित हुई अंकल.
फिर किशन ने मज़ाक में आँख मारी और कहा कि क्या सच में? तो में शरमा गयी और कहा कि हाँ एक तरीके से. अंकल बहुत अच्छे स्वभाव के थे और थोड़ी ही देर में मेरी मायूसी की जगह मजे ने ले ली. फिर अंकल के साथ बात करते हुए बहुत अच्छा लग रहा था और चाहे वो कोई भी बात हो.. वो बड़े मज़े से उसके बारे में बात कर रहे थे. तो मैंने ध्यान दिया कि अंकल छोटी हाईट के थे और उनके सर के ऊपर बाल नहीं थे.. लेकिन फिर भी उनका चेहरा बहुत सेक्सी था और वो बहुत हेंडसम थे. शायद अंकल को पता चल गया था कि में उनकी बातों पर ध्यान दे रही थी.
किशन: आप कहीं खो गयी स्नेहा?
स्नेहा: नहीं कुछ नहीं आप दिखने में बहुत अच्छे लगते हो.
किशन: ओह शुक्रिया.. लेकिन आप भी किसी परी से कम नहीं.
किशन: आप कहीं मज़ाक तो नहीं कर रही हो ना?
में: नहीं सच में.
किशन: बहुत ध्यान दिया है मैंने अपने आप पर और क्या तुम जिम जाती हो? bus ka chudakkad safar bus sex stori
में: जी हाँ कभी कभी
किशन: तुम भी दिखने में बहुत सुंदर हो.
फिर कुछ टाईम के लिए में भूल ही गयी कि वो मुझसे करीब 30 साल बड़े हैं.
में: धन्यवाद अंकल.. लेकिन क्या आपको लगता है में और अच्छी कैसे दिख सकती हूँ?
किशन: हाँ मुझे कुछ एक्सर्साईज़ पता है.. लेकिन मेरे बताने पर तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा.
में: प्लीज़ मुझे बुरा नहीं लगने वाला मुझे अपने पर विश्वास है.
किशन: क्यों?
में: क्योंकि में बहुत फ्रॅंक हूँ.
किशन: ठीक है तो फिर तुम मुझे ड्राईवर के पास तक चलकर दिखाओ.
में: क्या? लेकिन क्यों?
किशन: प्लीज चलो ना मुझे देखना है तुम्हारा फिगर कैसा है.
तो मेरे चेहरे पर एक शैतानी स्माईल आ गयी और एक कहा कि ठीक है.
अंकल: अरे में तभी तो बता पाउँगा कि कौन सी एक्सर्साईज़ करनी है.
तो में अपनी सीट से उठी और किशन की तरफ गांड करके निकलने लगी.. निकलते टाईम मेरी बड़ी गांड उनकी पेंट पर रगड़ गयी और शायद उन्होंने ऐसा जानबूझ कर किया था. तो में बहुत खुश थी और अपनी गांड नॉर्मल से ज़्यादा मटकाते हुए ड्राईवर के पास जाकर.. मैंने पूछा कि हम लंच के लिए कब रुकेंगे?
ड्राईवर: अभी तो बहुत टाईम है मेडम आप थोड़ा और आराम कर लो सो जाओ जब हम रुकेंगे आपको खबर कर देंगे.
में: ठीक है.. धन्यवाद.
फिर में अंकल की तरफ आते टाईम अपने बूब्स को फुलाकर चलने लगी. मेरी साँसे तेज़ थी क्योंकि सब लोग मुझे ही देख रहे थे और में अंकल के पास आकर चुपचाप बैठ गयी और में अपनी विंडो सीट पर पहले की तरह जब अंकल की तरफ गांड करकर निकल रही थी तो इस बार उन्होंने सीट पर सीधा होने के बहाने मेरे चूतड़ के बीच अपने लंड से एक ज़ोरदार झटका मार दिया.
में: ओउउक्च्छ.
किशन: ओह मुझे माफ़ करना.
में: जी नहीं सब ठीक है.
किशन: मुझे चलकर दिखने के लिए धन्यवाद और मैंने अच्छे से देखा और अब में बता सकता हूँ कि तुम्हे कौन सी एक्सर्साईज़ करनी चाहिए.
में: अच्छा आपको धन्यवाद.. प्लीज बताइए. bus ka chudakkad safar bus sex stori
किशन: ऐसे नहीं और उन्होंने एक पेपर और पेन निकाला और धीरे से कहा कि.. तुम बहुत सुंदर और सेक्सी फिगर वाली लड़की हो.. लेकिन तब उन्होंने उस पेज पर नंगी लड़की की फोटो बनाई एक आगे की तरफ और एक पीछे की तरफ. तो में आँखें फाड़कर किशन अंकल की और देख रही थी.
किशन: तो स्नेहा अरे तुम इस फोटो की तरफ ध्यान दो.
में: लेकिन.
किशन: तुम कुछ भी मत सोचो और अगर तुम चाहती हो कि में तुम्हारी मदद ना करूं तो ठीक है.
में: अरे नहीं यह सब ठीक है प्लीज़ आप मेरी मदद करो.
तो किशन अंकल ने फिर फोटो के ऊपर मेरा नाम लिखा और कहा कि यह तुम हो और उन्होंने फोटो के होंठ, बूब्स, गांड और कमर पर गोले बना दिए.
में: यह क्या है?
किशन: यह वही जगह है जहाँ पर तुम कुछ कर सकती हो.
तो में उन्हें बड़े ध्यान से सुन रही थी. तभी किशन अंकल ने इधर उधर देखा और उन्हें लगा कि हमे कोई नहीं देख रहा है तो उन्होंने झट से अपनी ज़िप खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया. तो मेरा मुहं पूरा खुला का खुला रह गया और में उनके मोटे और झुर्रियों वाले आधे खड़े लंड को घूर रही थी.
किशन अंकल: देख क्या रही हो? तुम्हारी पहली एक्सर्साईज़ है क्या तुम्हे तुम्हारे पतले होंठ को मोटा बनाना है?
में: क्या? कहीं आप पागल हो गये हो?
तो में उन्हें बहुत चकित हो कर देख रही थी.
किशन अंकल: देख स्नेहा में तेरी मदद ही तो कर रहा हूँ आजा चूस ले मेरा लंड. bus ka chudakkad safar bus sex stori
में: यह किस टाईप की मदद है?
किशन: जल्दी से आजा मेरी स्वीटहार्ट.. में जानता हूँ कि तुम मुझे पसंद करती हो.
फिर मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था और लंड देखकर मेरे मुहं में तो पानी आ रहा था.. लेकिन यह मुझे बहुत ग़लत लग रहा था. अंकल ने तभी मेरे होंठ पर हल्के से स्मूच दे दिया. बस उस स्मूच के बाद तो में उनकी दीवानी हो गयी. तभी अंकल ने मुझे बालों से हल्का सा पकड़ा और दोनों हाथों से धीरे धीरे नीचे बढ़ाते हुए अपने लंड पर मेरा मुहं झुका दिया. तो मैंने भी अपना मुहं खोल लिया ताकि में भी उस मोटे से लंड के मज़े ले सकूं. She has enhanced her expertise in the field by working with call girls in Raipur, gaining insights into offering exceptional experiences.
Fir मैंने अपने होठों को दबाकर अंकल के लंड के सुपाड़े को चूसने लगी और अंकल मेरे सर को दबा रहे थे और में अंकल के सुपाड़े पर अपना सर ऊपर नीचे कर रही थी. फिर जब तक उनका लंड खड़ा नहीं हुआ.. तब तक तो ठीक था.. लेकिन जैसे ही मेरे चूसने की वजह से उनका लंड बड़ा हुआ मेरा पूरा मुहं उनके लंड से भर गया और मुझे लगा कि मेरे मुहं में एक गरमा गर्म केक हो जिसे में चबा नहीं सकती और अंकल हल्के हल्के आवाज़ निकाल रहे थे. तो मैंने अपनी जीन्स का बटन खोल दिया और उसे थोड़ा नीचे सरका दिया.
फिर किशन अंकल ने मेरी काली पेंटी को बहुत दिक्कत के बाद मेरे गोरे गोरे चूतड़ो के बीच से खींचकर नीचे जांघो तक सरकाया और फिर अंकल मेरी चूत को उंगलियों से सहला रहे थे और में कुतिया की तरह झुककर लंड चूसने लगी थी. अंकल मेरी चूत से खेल रहे थे और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उनकी मोटी मोटी मर्दाना उंगलियाँ मेरी गांड की दरार में खलबली मचा रही थी. तभी एकदम से अंकल ने एक उंगली मेरी चूत में घुसा दी और गोल गोल घूमाने लगे.
में मस्ती में आकर अपने सभी तरीक़ो से उनका लंड चूस रही थी और मैंने अंकल को इशारे से बताया कि ज़ोर ज़ोर से करो मेरी चूत टपकने वाली है. तो अंकल हंसने लगे और ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत में उंगली करने लगे और झुककर मेरे चूतड़ पर अपनी जीभ से चाटकर थूक लगाने लगे और मेरी चूत अब झड़ने वाली थी और में ऊपर उठकर हल्के से मोन करने लगी तो अंकल ने मुझे चुप रहने को कहा.
फिर किशन अंकल ने मेरा हाथ अपने लंड पर रखा और खुद ही मेरे हाथ पकड़ कर मूठ मरवाने लगे.. उधर मेरा पानी निकल गया था और में बहुत खुश थी.. तो मैंने अंकल के होंठ पर एक किस किया.
किशन: बाहें छोड़ साली.. पकड़े जाते अभी.. धीरे धीरे मोन किया कर. bus ka chudakkad safar bus sex stori
में: सॉरी और में उन्हें चूमने लगी.
अंकल: साली रंडी.. मेरा लंड कौन चूसेगा और में उनके खड़े हुए मोटे लंड पर जोर जोर से मुहं चलाने लगी.. जब अंकल का निकलने वाला था तो उन्होंने एक हाथ से मेरे बाल पकड़ कर मेरे मुहं को अपने लंड पर ऊपर नीचे धकेलने लगे और एक हाथ मेरे चूतड़ पर घुमाने लगे. जैसे ही उनका लंड निकलने लगा तो उन्होंने मेरा मुहं और नीचे दबा दिया और मेरी गर्दन टाईट पकड़कर और बहुत तेज़ और अपनी कमर हिलाकर हल्के झटके मारने लगे और मेरी गांड के छेद में उसी टाईम अपना अंगूठा डाल दिया और मुझे हल्का सा दर्द हुआ.
अंकल ने मेरे मुहं में ही पिचकारी मार दी जिसे मुझे पीना पड़ा. पता नहीं कितने सालो से अंकल ने अपने लंड में इतना वीर्य जमा किया था और कुछ वीर्य टपकने लगा जिसे देखकर अंकल की हंसी छूट पड़ी. तो मैंने जल्दी से उनकी शर्ट से साफ किया और सीधी होकर कपड़े ठीक किए.
किशन अंकल: अरे यह क्या किया तूने? मेरी शर्ट से ही साफ कर लिया.
में: यह वीर्य आपका ही है.. आप खुद ही संभालो इसे.
किशन अंकल: अच्छा तो पहली एक्सरसाईज़ आ गयी तुम्हे?
में: हाँ बहुत अच्छे से अंकल.
किशन अंकल: यही है मेरी प्यारी एक्सर्साइज़ दिन में तीन बार करना कम से कम एक महीने तक और वो गंदी सी स्माईल देने लगे. तो मैंने पूछा कि अच्छा तो बाकि की एक्सर्साइज़ कब करवाओगे अंकल.
किशन अंकल: साली रंडी बड़ी जल्दी है तुझे.. तू कहे तो में यहीं पर तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँ? फिर अंकल की इन गंदी बातों को सुनकर मेरी पीठ के बीच से होते हुए मेरी चूत तक एक सिहरन दौड़ गयी. नतीजा मेरी चूत से कुछ रस की बूँदें निकलने लगी.
में: मुझे तो बहुत जल्दी है क्या आपको नहीं?
किशन अंकल: ठीक है तो आजा चढ़ जा मेरे लंड पर.
तो में उठी और अपनी जीन्स और पेंटी फिर से नीचे सरकाकर अंकल की गोद में झट से बैठ गयी साईड में खिड़की से बाहर देखते हुए मानो मुझे कुछ खबर ही ना हो कि हो क्या रहा है? अंकल ने अपना लंड निकाला जो कि मुरझाया था और उसे मेरी गांड के छेद पर रगड़ने लगे.. मानो लंड को मेरी गांड सुंघा रहे हो और सच में ऐसा ही हुआ लंड तुरंत ही बड़ा होने लगा.. मानो कि मेरी गांड की खुश्बू ने उसे उकसा दिया हो. अंकल मेरी गांड में लंड घुसाने की पूरी कोशिश करने में जुट गये.
में: प्लीज वहाँ पर नहीं. bus ka chudakkad safar bus sex stori
किशन अंकल: क्यों? चुपचाप बैठी रह एक तो इतनी मोटी गांड लिए पागल बना रही है और ऊपर से मना कर रही है इतनी चिकनी गांड है कि साला मक्खन भी शरमा जाए.
में: वाह मेरी गांड की इतनी तारीफ़ अच्छा चलो मार लो.. लेकिन जान प्यार से.
फिर मैंने अपनी गांड ढीली छोड़ दी और अंकल ने अपना लंड गांड पर बड़ी ताक़त से दबा दिया और में एकदम से उछल पड़ी.
किशन अंकल ने फिर मेरी टॉप नीचे खींचकर मुझे बूब्स से पकड़ लिया और उन्हें शायद लग रहा था कि में कहीं भाग ना जाऊँ. फिर बूब्स मसलते मसलते अंकल मेरी नंगी पीठ पर किस करने लगे और लंड से मेरी नाजुक गुलाबी गांड पर दबाव बढ़ने लगे.. ओह अह्ह्ह माँ.. फिर मैंने उन्हें कहा कि थोड़ा धीरे करो और फिर उनका टोपा अब मेरी गांड में घुस गया था और मेरी तो जान गले में ही अटक गयी. फिर पता नहीं कैसे..
लेकिन में अपने आप को चिल्लाने से रोक पाई. अब एक बार जब अंकल का लंड घुस चुका था तो फिर उन्होंने पीछे मुड़ने का नाम नहीं लिया और वो तब तक मेरी गांड को नीचे और अपने लंड को ऊपर सरकाते गये.. जब तक उनकी काटें जैसी झांटे मेरे मुलायम चूतड़ो पर ना चुभने लगी. फिर मेरी गांड लगातार लप लप कर रही थी और मेरी आँख में आँसू भर आए थे. तो अंकल ने मुझे अपने लंड पर कुछ मिनट तक एसे ही रखा और वो मेरे बूब्स को बहुत ज़ोर से दबाने लगे. थोड़ी देर तक ऐसा करते हुए उन्होंने नीचे से मुझे झटके लगाना चालू किया.
एक झटका फिर कुछ देर में एक और तगड़ा झटका.. फिर थोड़ा रुके और एक और ज़ोरदार हमला मेरी गांड पर कर दिया. ऐसे करते करते उन्होंने बहुत गांड का मज़ा लिया. फिर उन्होंने एकदम से मुझे थोड़ा ऊपर उठा दिया और अपना लंड लप की आवाज़ के साथ बाहर निकाल लिया.. मुझे बड़ा मज़ा आया जब वो मोटू लंड मेरी गांड के बाहर आ गया. फिर मैंने गांड पर उंगली घुमाकर देखी तो.. हे भगवान् इतना बड़ा छेद हो गया था.
किशन अंकल: चल रंडी इस लंड को अब चूस चूसकर चिकना कर दे. bus ka chudakkad safar bus sex stori
में: नहीं.. यह तो बहुत गंदा हो गया है.
किशन अंकल: भेन की लोड़ी नाटक मत कर. बिना चिकना किए गांड में लेगी तो दर्द ही होगा.. कुछ नहीं होगा यह तो सेक्स में नॉर्मल है.
तो में मान गयी और मैंने बहुत सारा थूक लगाकर उनका लंड चिकना कर दिया और फिर से उनकी गोद में धम्म से बैठ गयी.. लेकिन इस बार अंकल ने लंड को मेरी गांड की और तीर की तरह कर रखा था और फिर मेरे बैठते ही मेरी गांड में शर्रररर घुस गया. फिर अंकल ने मुझे थोड़ा आगे झुका दिया और लग गये मेरी गांड का भूत उतारने में और उन्होंने झड़ने तक मेरी ऐसी गांड मारी कि मुझे मेरी नानी याद आ गयी. फिर एक दो यात्रियों को तो हम पर शायद शक भी हो गया होगा.. लेकिन किशन अंकल का लंड मेरी गांड में था तब तक मुझे किसी का डर नहीं था. मुझसे अब रहा ना गया और में एक हाथ से अपनी चूत को रगड़ने लगी और कुछ ही देर में दो बार झड़ गयी.
दोस्तों गांड और चूत एक साथ मरवाने में कितना मज़ा आता होगा.. मेंने इसका अनुमान लगाया. किशन अंकल कुछ देर में मेरी गांड में ही झड़ गये.
अंकल: स्नेहा .. में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ क्या तुम मुझसे शादी करोगी?
में: क्या? सॉरी अंकल लगता है आप ज्यादा ही भावुक हो गये हो.
किशन अंकल: अरे पगली आदमी चुदाई के बाद ऐसे ही हो जातें है.
में: अच्छा तो ऐसी बात है और हम लड़कियाँ सोचती है कि आप सीरीयस हो सचमुच. फिर अंकल को मुझ पर बड़ा प्यार आया और वो मेरे बालों और बोबों के साथ खेलने लगे. फिर एकदम से कंडेक्टर उठा और उसने कहा कि बस रुकने वाली है जिसे भी लंच करना है या फ्रेश होना है यहाँ पर हो जाए.. क्योंकि इसके बाद कोई स्टॉप नहीं है. तो अंकल ने कहा कि चलो कपड़े ठीक करो बहुत भूख लगी है. bus ka chudakkad safar bus sex stori
में: अंकल अगर में आपको अपने चूतड़ पर मसाला लगाकर दे दूँ तो कैसा लगेगा?
किशन अंकल: अब आई ना लाईन पर.. लाईफ सफल हो जाएगी तेरी फ्राई गांड का मुरब्बा और अनगिनत डिश अंकल ने मेरी गांड पर ही मुझे गिना दी और ऐसी ही मसालेदार बातें करते हुए हम बस से नीचे उतरे और फिर इधर उधर घूमते हुए अंगड़ाई लेने लगे. में पूरी कोशिश कर रही थी कि लंगड़ा कर या अजीब ढंग से ना चलूँ.. लेकिन अंकल ने मेरी ऐसी ठुकाई की थी कि सीधे चलना बहुत मुश्किल था.
Fir में लेडीस के वॉशरूम पहुँची और कपड़े वगेराह ठीक किए और मुहं हाथ साफ किए वैसे तो मुझे अंकल के लंड का स्वाद पसंद था.. लेकिन फिर भी में अपने साथ टूटपेस्ट लाई थी ताकि मुहं एकदम फ्रेश कर सकूँ. फिर में तैयार होकर जल्दी से टेबल पर पहुँची जहाँ पर अंकल मेरा इंतज़ार कर रहे थे हमने ऑर्डर किया और इतनी मस्त चुदाई से होने वाली कैलोरी की कमी को बहुत कुछ खाकर पूरा किया. अंकल ने अपना और मैंने अपना पेमेंट किया और हम साथ जाने लगे.
फिर मैंने इधर उधर देखा तो पाया कि कई मर्दो की नज़रें हम पर टिकी हुई थी मानो कह रहे हो बेवकूफ़ लड़की इस बुड्ढे के साथ क्या कर रही है? फिर हम दोनों बस में आ गये और दो मिंट की गोलियाँ खाई और फिर बैठकर बातें करने लगे. किशन अंकल ने अपने घर के बारे में बताया और अपनी फेमिली के बारे में भी. जब वो अपनी वाईफ के बारे में बता रहे थे तो पता नहीं क्यों मुझे जलन महसूस हो रही थी और उन्होंने बताया कि कैसे वो और उनकी वाईफ सेक्स करते थे.
किशन अंकल: स्नेहा क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है या था?
में भी अब अंकल को जलन महसूस करने का मौका नहीं खोना चाहती थी.
में: हाँ है कॉलेज में और पहले भी पाँच रह चुके है.
किशन अंकल: कोई शक नहीं तुम बहुत सुंदर हो.
किशन अंकल: वो सब दिखते कैसे है मेरा मतलब अगर तुम मुझ जैसे ज्यादा उम्र वाले से चुद सकती हो तो लगता है वो ख़ास नहीं दिखते होंगे.
में: नहीं नहीं एक से बढकर एक हीरा था.. मतलब कि वो दिखने में बहुत अच्छे थे.
किशन अंकल: फिर तुम्हे क्या में पसंद आया? bus ka chudakkad safar bus sex stori
में: हाँ मुझे आप अच्छे लगते हो और आपके साथ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. तो अंकल ने मुझे किस किया और कहा कि चल अब एक और एक्सर्साइज़ बाकी है तो में हंसने लगी.
अंकल: चुदेल साली.. हंस मत आज मुझे तेरी चूत फाड़नी है. चल अब घोड़ी बन जा. में जो सीट और आगे की सीट होती है उसके बीच की जगह में घोड़ी बन गयी. अंकल ने मेरी पेंट उतार दी और फिर पेंटी को खींचकर निकाल दिया. अंकल ने अब मुझे घुटने पर झुकाकर मुझे नीचे कर दिया जिससे कि मेरे चूतड़ पीछे को हो गये और मेरा पेट मेरे घुटनो पर आ गया और मेरे हाथ मेरी छाती पर थे. अंकल ने अब मेरे पैरों को अपनी जाँघ के नीचे दबा दिया जिससे कि मेरे चूतड़ अंकल के लंड पर रगड़ खाने लगे. अंकल सीट पर सीधे तरीके से बैठे थे और में बस में कुतिया के पोज़ में और भी सिकुड गयी थी.
अंकल ने अब लंड मेरी चूत पर रगड़ा और धीरे से अंदर सरका दिया.. अंकल का लंड साईड से लेने में बड़ा अच्छा लग रहा था.. लेकिन थोड़ा दर्द हो रहा था. थोड़ी देर बाद जब अंकल ने पिस्टन की तरह ऊपर नीचे बड़े ही सफाई से और ताल में कमर हिलाना शुरू किया तो मेरा सारा दर्द मज़े में बदल गया. में अब अपनी गांड को कभी ऊपर नीचे हिलाकर तो कभी चूतड़ गोल गोल घुमाकर अंकल के लंड से अपनी चूत को रगड़वा रही थी. एक बार मेरा सारा रस निकल चुका था और मेरी जांघो से होता हुआ अंकल की जांघ के साईड में बह रहा था.
फिर अंकल ने रस अपनी उँगलियों से समेटा और जोर ज़ोर से साँस लेकर सूंघने और चाटने लगे. फिर उन्होंने मेरा रस मुझे भी चटा दिया और में अपने गोल गोल गोरे चूतड़ हिलाकर अंकल को मज़े दे रही थी और खुद भी बहुत मजे ले रही थी. करीब आधा घंटे ऐसा करने के बाद ही अंकल के लंड से कुछ आखरी बची बूँदे भी मेरी चूत ने चूस ली. इस बीच में बहुत बार झड़ गयी थी और बहुत थक गयी थी.
अब यह हसीन सफ़र अब ख़त्म होने वाला था. तो मैंने अपने कपड़े ठीक किए और अंकल से उनका मोबाईल नंबर लिया और उन्हें अपना ग़लत नंबर दिया और में बस स्टॅंड पर पहुंचकर अपनी मंज़िल की और चल पड़ी. bus ka chudakkad safar bus sex stori
———-समाप्त———-
उन अंकल से तो मैं फिर कभी नहीं मिली पर वो सफ़र मुझे हमेशा रहा और रहेगा.. ऐसे अनजान बुड्ढ़े से चुदवाने का नशा कुछ अलग ही था. उम्मीद है ये bus sex stori आपको पसंद आई हो..
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