प्यासी सुहागन

जब मेरी शादी हुई तो मैं चुदने को बेताब थी, पर मेरा पति अपनी छोटी सी लुल्ली लेके आया और आते ही झड़ गया। मैं अपनी किस्मत पे रोई और ये सुहागन प्यासी ही रह गयी। एक pyasi suhagan hot sexy story पढ़िए..

मेरी शादी हुये लगभग चार साल हो चुके थे। कुछ अभागी लड़कियों में से मैं भी एक हूँ। शादी के दिन मैं बहुत खुश थी। लगा था कि जवानी की सारी खुशियाँ मैं अपने पति पर लुटा दूंगी। मैं भी मस्ती से लण्ड खाऊंगी … कितना मजा आयेगा। पर हाय री मेरी किस्मत … सुहाग रात को ही जैसे मुझ पर वज्र प्रहार हुआ।

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मेरा पति रात को दोस्तों के साथ बहुत दारू पी गया था। आते ही जैसे वो मुझ पर चढ़ गया। मेरे कपड़े उतार फ़ेंके और खुद भी नशे में नंगा हो गया। लण्ड देखा तो मामूली सा … शायद पांच इन्च का दुबला सा … जैसे कोई नूनी हो … एक दम कडक … मैंने भी लण्ड खाने के लिये अपनी टांगे ऊपर उठा ली … तेज बीड़ी की सड़ांध उसके मुख से आ रही थी जो दारू की महक के साथ और भी तेज बदबू दे रही थी। मैंने अपना चेहरा एक तरफ़ कर लिया, राह देखने लगी कि कब उसका लण्ड चूत में जाये और मेरी जवानी की आग बुझाये।

वो दहाड़ता हुआ मेरे से लिपट गया और अपना लण्ड घुसेड़ने की कोशिश करता रहा। जैसे तैसे उसका लण्ड घुस ही गया, मैं आनन्द से भर गई तभी मेरी चूत में जैसे कीचड़ सा भर गया। वो झड़ चुका था। मैं तड़प कर रह गई। मैंने उसे धक्का दे कर एक तरफ़ किया और उठ कर बाथरूम में जाकर अंगुली चला कर अपना पानी निकाल लिया। अब वो नशे में बेसुध पड़ा खर्राटे भर रहा था।

“साली … रण्डी … चोद कर क्या मिल गया … साली चुदी चुदाई है !” सवेरे मेरा पति मुझ पर गुर्रा रहा था। उसकी मां ये सब सुन रही थी। पर शायद वो उनके बारे में जानती थी। pyasi suhagan hot sexy story

“चुप रहो … ऐसी गन्दी बातें करते हुये शरम नहीं आती … “मैंने धीरे से उलाहना दिया।

“तो बता तेरे भोसड़े में से खून क्यों नहीं निकला रात को … ?”

“वो तो आपका करते ही निकल गया था।” मेरी बात सुन कर उसकी मां सर नीचे करके चली गई।

बस अब दिन-ब-दिन यूं ही झग़ड़ा होने लगा। मैंने अपने पति के पास सोना बन्द कर दिया।

एक दिन वो बिना दारू पिये … और बिना बीड़ी पिये मेरे पास आये तो मुझे लगा शायद ये सुधर गये हैं। पर लण्ड घुसाते ही वो झड़ गये … अब वो मुझ पर हर रोज़ कोशिश करते, पर नहीं बना तो नहीं बना …

मैं अब जान गई थी कि ये काम के नहीं है। मैं मन ही मन सुलगती रहती थी। लगा मेरी जवानी यूँ ही चली जायेगी … यह कसक मन में उठने लगी थी। परिस्थितिवश मेरी निगाहें अब घर के बाहर उठने लगी थी।

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मेरी सहेली नसरीन मेरी सभी बातें जानती थी। मेरे दिल की आग की लपटें वो भी महसूस करती थी।

“रेहाना, मेरा चचेरा भाई आज आ रहा है … तू कहे तो तुझे उससे मिलवा दूँ !”

“नहीं, मम्मो … मुझे शरम आवेगी … जाने दे !”मैं उसकी बातों से सकपका गई थी। पर वो जानती थी कि दबी चिंगारी से मैं कैसे जल रही थी। pyasi suhagan hot sexy story

दूसरे दिन सवेरे ही मोबाईल पर नसरीन ने मुझे खबर भेजी कि भैया आ गया है … बस एक मिनट के लिये मिलने आजा।

मैं सोच में पड़ गई, कि कैसा होगा … कहीं यह भी मेरे पति जैसा ना हो। इसी उधेड़बुन में मैं उसके यहाँ पहुंच गई।

“अल्लाह रे अल्लाह … ये … तेरा भाई है … ? !!” यूनानी मूर्ति की तरह एक हसीन लौण्डा सामने मुस्कुरा रहा था। मैं तो उसे देखते ही जैसे घायल सी हो गई। मैंने अपने लिये इतने हसीन नौजवान की कल्पना तक नहीं की थी।

“चुप हो जा रेहाना … मस्त लण्ड है इसका … जैसे मुझे चोदता है ना … तुझे भी भचक-भचक करके चोद देगा … देख है ना छः फ़ुटा … गोरा चिट्टा … पहलवान … !”

“मेरे मौला … इसकी पोन्द कितनी मस्त है … तू भी उससे चुदाती है ?”

“ऐसी मस्त चीज़ को भला मैं हाथ जाने देती … ये मेरी किस्मत का है रेहाना !”

मम्मो मुस्करा उठी। उसकी कसी हुई जीन्स देख कर जैसे मैं तड़प उठी। यही है जिसकी बात मम्मो कर रही थी। ये तो मुझे पूरा लूट ही लेगा।

“ऐ मोडी … हां तू … इसे अन्दर रख दे … ! ” सौहेल ने पुकार कर कहा। मैंने अपनी तरफ़ अंगुली कर के कहा,”क्या मैं … ?” मैं झिझकते बोली।

“अरे … आप … ! आप कौन है … ! आं हां … नहीं मोहतरमा, मैं तो सुरैया को बुला रहा था।” उसने मुझे घूर कर देखा। मैं शर्मा सी गई। मैं तो दिल ही दिल में उस पर मर मिटी। वो धीरे धीरे चलता हुआ मेरे करीब आ गया … “आप तो बहुत खूबसूरत है … खुदा ने कैसा तराशा है … !” उसने मुझे नीचे से ऊपर तक देखा।

“हाय अल्लाह … तेरे अकेले पर ही जवानी फ़ूटी है क्या … “मैंने उसे गाली सी दी और हंस पड़ी।

“नहीं आप पर जवानी फ़ूट रही है … जरा कभी आईने में देखो … बला की खूबसूरती है आप में !” वो बेशर्मी से बोले जा रहा था। pyasi suhagan hot sexy story

“मर जा मरदूद … आग लगे तेरी जवानी को … ” मैं उसकी बेबाकी पर उसे गालियाँ देने लगी।

“अरे रेहाना … सौहेल का प्यार भरा पैगाम कबूल तो कर ले !” मम्मो ने मुझे बहलाया।

“हाय री मम्मो देख तो कैसी मुह-जोरी कर रहा है !” फिर मैंने एक तिरछी नजर की उस पर कटार चलाई। लगा कि तीर दिल पर चल गया है। मैंने मुस्करा कर उसे देखा। अब तो वही मेरा तारणहार था … उसे मेरा उदघाटन करना था … मेरा उद्धार करना था। मेरी मुस्कराहट को उसके मेरा जवाब समझ कर मुस्करा दिया।

तभी नसरीन उसके पास गई और उसके कान में कुछ कहा। उसने अपना सर हिलाया और वो नसरीन के पीछे पीछे चल दिया। नसरीन ने मुझे आंख मार कर इशारा कर दिया। मेरा दिल धड़क उठा। क्या मामला अभी … नहीं … नहीं … इतनी जल्दी कैसे होगा।

पर नजर का जादू चल जाये तो क्या जल्दी और क्या देर … मेरा घायल दिल और परेशां दिमाग … खुदा की मरजी … हाय मेरे दिलदार … मन की कश्ती मौजों से घिर गई। मेरे कदम नसरीन के कमरे की ओर बढ़ चले।

“दिल नर्म … जबां गरम … जिस्म शोला … जाने किस की जान लोगी !”

“हाय अल्लाह … ऐसे ना कहो … ! ” मैं शर्म से जैसे लाल हो गई। pyasi suhagan hot sexy story

“जवानी बला की, खूबसूरती जहां की … तन तराशा हुआ … खुदा ने जवानी की यही तस्वीर बनाई है !” सौहेल मेरे गुणगान में लगा था। मेरी उलझी हुई लटें मेरे चेहरे पर आ गई। जुल्फ़ों के बीच में से मैंने उसे देखा … वो जैसे तड़प उठा,” सुभान अल्लाह … ये हंसी चेहरा … जनाब का क्या इरादा है।”

सौहेल को आशिकाना लहजे में देख कर नसरीन वहाँ से चली गई। सौहेल मेरे करीब आ गया।

“आदाब … सौहेल जी !”मैंने झुकी पलकों और चुन्नी में चेहरे को लपेटे शरमाते हुये कहा।

“आपने कहा आदाब … हमने कहा जनाब हमारी तकदीर … आ दाब दूँ !” उसकी शरारत मेरे दिल को चीर गई।

“धत्त् … आपकी बातें बहुत मन को भाती है … “मैंने उसे बढ़ावा दिया। नतीजा तुरन्त सामने आया। उसने मुझे अपने पास खींच लिया …

“रेहाना … मम्मो ने मुझे आपके बारे में बताया है … आप फ़िक्र ना करें … आप मुझे लूट सकती हैं … ये मुजस्मां आपका ही है … जैसे चाहो … जहां चाहो … इसे अपने रंग में रंग लो !”

“हमें डर लगता है … कहीं उनको पता ना चल जाये … !” मेरे माथे पर पसीना छलक आया था।

“देखिये मोहतरमा … इश्क और मुश्क छिपाये नहीं छिपता है … ये तो तन की प्यास है कोई इश्क मुश्क नहीं … मम्मो को रोज चोदता हूँ … आप भी वहीं पर … ” pyasi suhagan hot sexy story

मैंने उसके अधरों पर अंगुली रख कर उसे चुप कर दिया। मैं उसकी बातों पर रीझ गई थी, शरम से लाल हो रही थी। वह तो बेहयाई से बोला जा रहा था।

“बस ऐसे ना कहो … शरम भी कुछ चीज़ है !”मैंने उसकी चौड़ी छाती पर अपना सर रख दिया।

“रेहाना … ऊपर वाले कमरे में चले जाओ … मैं बाहर से ताला लगा देती हूँ … वहाँ बाथरूम भी है … सौहेल अभी जा रहे हो क्या ?” नसरीन ने हमें ऊपर का रास्ता बता दिया।

“आजा रेहाना … ऊपर आ जा !” और हंसता हुआ वो छलांगें मारता हुआ ऊपर चला गया।

मैं नसरीन से शरम के मारे लिपट गई। नसरीन की आंखों में आंसू थे …

“जा मेरी रेहाना … अपना सपना पूरा कर ले … मन भर ले … तेरी आज सुहागरात नहीं सुहाग दिन है ऐसा समझ ले … जा मेरी प्यारी सहेली … मैं तुझ पर सदके जाऊं !”

“मम्मो, मेरी जान … मेरी सच्ची सहेली, तुझ पर कुर्बान जाऊं … “मैंने प्यार से उसके होंठो को चूम लिया। मैंने अपने नजरें नीची की और चुन्नी चेहरे पर डाल ली और धीरे धीरे सीढ़ियाँ चढ़ने लगी … ।

नसरीन नीचे से ऊपर जाते हुये मुझे देखती रही। अन्तिम सीढ़ी चढ़ कर मैंने पलट कर नसरीन को देखा। नसरीन ने प्यार से हाथ हिला दिया। मैंने भी उसे हाथ से एक प्यार भरा बोसा दे दिया और शरमा गई। pyasi suhagan hot sexy story

मैंने दरवाजा खोला और कमरे के अन्दर समा गई। उसी समय बाहों के घेरे मेरी कमर से लिपट गये। मैं सिमट सी गई। मेरे गालों पर एक प्यार भरा चुम्बन भर दिया। मैंने पलट कर सौहेल को देखा। मैंने अपने आपको छुड़ाने की असफ़ल कोशिश की। उसकी आंखों में प्यार उमड़ रहा था। उसने मुझे गले से लगा लिया और मुख से मुख रगड़ खा गये। उसकी खुशबू भरी सांसें मेरे जिस्म में बसने लगी। उसके हाथ मेरे सर पर नरम बालों में अंगुलियों से मालिश से सहलाने लगे। उसकी शरीर की गर्मी मुझे पिघलाने लगी।

“मेरे मालिक … मेरे आका … मुझे अपनी दासी बना लो … अपने दिल में जगह दे दो” मैं उसके कदमो में झुक सी गई।

उसने मुझे सम्भालते हुये कहा,”हुस्न-ए-मलिका, तुझ पर बहार आई हुई है … तेरे ख्वाब अब मेरे हैं … इन्शा अल्लाह … आज से तू मेरी हुई … तुझ पर खुदा का फ़जल बना रहे … तू मेरी बने रहना … आज से तेरा दुख मेरा है और मेरी खुशी तेरी है … या मेरे अल्लाह … !”

मैं सौहेल के शरीर से लिपटती चली गई। एक मोहक सी वासना घर करने लगी। सुन्दर, मनमोहक, काम देवता सा कामुक रूप जैसे शरीर का मालिक था सौहेल। pyasi suhagan hot sexy story

मेरे नसीब में उसका सुख लिखा था। मेरी चूनरी मेरी छाती से ढलक गई थी। मेरे उन्नत उभार जैसे पहाड़ियों के तीखे शिखर उसके हाथों में मचल उठे। उसने मेरे ब्लाउज के बटन चट चट करके खोल डाले। मेरा गोरा तन उसकी आंखो में समा गया। मेरे उभार कठोर हो चुके थे। जिया धक धक करने लगा था। दिल जैसे उछल कर बाहर निकला जा रहा था। मेरी साड़ी उसने धीरे से उतार कर पास में रख दी। शायद मेरे पोन्द और चूत की कल्पना उसके दिल को बींध रही थी। ऐसे में उसने अपना जीन्स और चड्डी भी उतार दिया और अपना लण्ड मेरे सामने कर दिया।

“हुजूर की तमन्ना हो तो शौक फ़रमायें … आपकी सेवा में लण्ड हाजिर है !”

उसका मर्दाना लण्ड देख कर मैं एकबारगी सिहर गई। आह्ह्ह् … लण्ड इसे कहते हैं !!! मैं असली मर्द को देख कर शरमा गई। उसने बड़े सम्मान के साथ अपना लण्ड मेरे होंठों के आगे पेश कर दिया। मैं अपना बड़ा सा मुह फ़ाड़ कर उसे जैसे निगलने की कोशिश करने लगी। इतना बड़ा और मोटा था कि मुँह में भी ठीक से नहीं आ रहा था। थोड़ी देर तक लण्ड का रस पान किया, पर मैंने ऐसा कभी नहीं किया था।

“मेरे दिलवर, आपकी नजरे-इनायत चाहिये … बस मेरी गहराईयों में अब शहद भर दीजिये … मुझे जन्नत की सैर को जाना है … “मैंने शरमाते … और झिझकते हुये मन की बात कह दी।

“जनाबे आली, बिस्तर हाजिर है … इल्तिजा है आप अपने नरम और गरम चूतड़ों की तशरीफ़ यहां रखें !”

“धत्त् … आप तो मजाक करते हैं … ” उसके मजाक से मैं झेंप सी गई। pyasi suhagan hot sexy story

मैं बिस्तर पर लेटते हुये बोली,” नहीं, ये मजाक नहीं … सच है कि अब आपका दिल मैं खुश कर दूंगा !”

वो बिस्तर पर चढ़ आया। उसने मेरा पेटीकोट ऊपर उठा दिया और कमर तक नंगी कर दिया। मेरी नंगी चूत उसके सामने थी। उसके होंठ मेरी चूत से चिपक गये और झांट को अलग करके चूत खोल दी। मैंने अपनी आंखे बन्द कर ली। उसकी लपलपाती जीभ मेरी रसीली चूत का रसपान करने लगी। मैंने अपना पेटीकोट शरम के मारे

उसे ओढ़ा दिया। अब वो मेरे पेटीकोट के भीतर था। मेरी चूत का रस चूसने के बाद वो मेरी टांगो में बीच में सेट हो गया। उसने चमड़ी खींच कर सुपाड़ा बाहर निकाल लिया और उसे मेरी चिरी हुई धार के अन्दर घुसाने लगा। मुझे लगा कि यह अन्दर नहीं जा पायेगा। पर आश्चर्य हुआ कि थोड़ा जोर लगाते ही लाल सुपाड़ा अन्दर चूत की छेद में फ़ंस गया।

तभी बाहर से आवाज आई,”रेहाना … ताला लगाना है … सुना क्या … ?”

तभी मेरे मुख से एक आह निकल पड़ी। नसरीन ने सिसकी सुन ली और समझ गई कि चुदाई चल रही है … इसलिये उसने ताला बाहर से लगाया और चली गई।

सौहेल भी अब बेकाबू होता जा रहा था। उसका लण्ड धीरे धीरे मेरी चूत में घुसता चला जा रहा था। दर्द बढ़ता ही जा रहा था। उसने एक जोर से धक्का देकर अपना मोटा लण्ड पूरा भीतर घुसेड़ दिया। मेरे मुख से एक जोर की चीख निकल गई। लगा कि चूत फ़ट गई। मैंने सौहेल को हटाने की कोशिश की, पर उसने मुझे जकड़ रखा था। तभी दूसरा भरपूर शॉट लगा। फिर एक चीख निकल पड़ी।

” उह्ह्ह … अम्मी जाऽऽऽऽन, अरे बस करो … लगता है फ़ट गई है … ” मैं दर्द से तड़प उठी थी।

“रेहाना, तुम तो शादी शुदा हो, फिर ये चीख, ये खून … पहली बार चुद रही हो?” pyasi suhagan hot sexy story

मेरी आंखों से आंसू निकल पड़े। मैंने हां में सर हिलाया।

” फिर मेरी जान, ये तो कभी तो होना ही था … आपका पर्दा हटा है … अब कोई परेशानी नहीं आयेगी !” वो मुझे फिर प्यार करने लगा। मुझे चूमने चाटने लगा। मेरे उरोज दबाने लगा। कुछ ही देर मुझे फिर से उत्तेजित कर दिया। पर इस बार वो मुझे बहुत धीरे धीरे और प्यार से चोद रहा था। मेरे शरीर में एक बार फिर से उन्माद भरने लगा। वासना भरने लगी। मेरी आंखों में नशा चढ़ने लगा।

“क्यो रेहाना … चूत में मिठास भरी या नहीं …? ”

उसकी भाषा मेरे दिल पर कसकती हुई सी मिठास भर गई। मैं शरमा उठी। एक तो मेरा पति जब गालियाँ देता था तो मुझे ग्लानि होने लगती थी … पर यहाँ तो वही गाली मेरी उत्तेजना बढ़ा रही थी। उसकी चुदाई की रफ़्तार बढ़ने लगी थी। मैं मदहोश होती जा रही थी। प्यार भरी चुदाई ऐसी होती है, यह मुझे पहली बार अनुभव हुआ।

मैंने अब मस्त हो कर चुदाना शुरू किया। नीचे से उसकी ताल में ताल मिलाने लगी … अपनी दोनों टांगें चौड़ा कर हाथ फ़ैला कर मस्तानी हो कर लेटी थी। आंखें बन्द करके रूमानी दुनिया की सैर करने लगी। कभी मेरी चूंचियाँ मसली जा रही थी, तो कभी उसका मोटा लण्ड मेरी चूत की पिटाई कर रहा था।

उसका लण्ड अब पूरी ताकत से चूत में अन्दर बाहर हो कर अपनी गुदगुदी शान्त करना चाह रहा था। जन्मों से प्यासी चूत लण्ड को गपागप निगले जा रही थी। चुचूक तो मरे रबड़ की तरह खिंचे जा रहे थे।

“या अल्लाह, चुद गई आज तो … इसे कहते हैं चुदाई … ” मेरी सिसकियाँ तेज हो उठी थी।

“मेरी जान, तेरी नई चूत का स्वाद मिला है आज तो, क्या तेरा आदमी तुझे हाथ भी नहीं लगाता था … ?”

“सौहेल , वो तो हिजड़े की तरह है … उसका लण्ड तो छोटा सा है … और घुसते ही अपना माल निकाल देता है … चोदेगा कैसे भला … सौहेल … मुझे तो तेरा यह सदा बहार मुन्ना मिलेगा ना?” pyasi suhagan hot sexy story

“हट रे … ये इतना सोलिड तुझे मुन्ना लगता है … ये तो मदमस्त लौड़ा है … खायेगी तो मेरी रेहाना इसे मांगेगी मोर … एण्ड वन्स मोर … ”

“अब जोर लगा के बजा दे राजा … ” मैं वासना से भरी उससे लण्ड मांगने लगी।

“रेहाना, आज तो तेरी बजाने में ही मजा आ रहा है … मस्त झांटों भरी ओरिजनल चूत है!”

साला, कितना रसीला बोलता है … दिल और चुदाने को भड़क उठता है। मैं उसे अपनी ओर खींचने लगी और चिपटने लगी। मेरी चूत लपलपा उठी। मिठास से भर उठी।

तभी जैसे मेरी नसें चूत की ओर खिंचने लगी। मेरे तन में एक लहर सी उठने लगी। जैसे मैं तड़प गई … मेरा पानी उतरने लगा … मैं खाली सी होने लगी … झड़ने लगी … “सन्जू, मेरे मालिक … मुझे ये क्या हो गया है … मेरी मुनिया तो आह्ह्ह्ह … गई मैं तो … मेरे राजा … निकल गया पानी … !”

“अरे अभी नहीं, अभी तो शुरू ही किया है रेहाना … !” सौहेल ने चुदाई ओर तेज कर दी।

“हाय मैं तो मर गई … सारा निकला ही जा रहा है … !” मेरी चूत पानी से फ़च फ़च करने लगी। मैं झड़ रही थी। उसने तभी अपना फ़ूला हुआ लौड़ा निकाला और मुझे पलटने को कहा। पहले तो मुझे समझ में नहीं आया कि इसका क्या मतलब है। मैं पलट कर उल्टी हो गई। सौहेल ने मेरे पोन्द को अपने हाथों से चीर दिया।

मेरा खूबसूरत गुलाब खिल उठा। उसने थूक का एक बड़ा लौंदा मेरे गुलाब पर टपकाया और फ़ूला हुआ सुपाड़ा छेद पर दबा डाला। मुझे मालूम हो गया कि ये गाण्ड मारने का शौकीन भी है। pyasi suhagan hot sexy story

“अरे सन्जू … नहीं रे … मैं मर जाऊंगी … ” उसका मोटा सुपाड़ा मेरी गाण्ड में अन्दर घुस कर फ़ंस सा गया।

“गाण्ड ढीली छोड़ ना … मुझे लग जायेगी … ” सौहेल का लण्ड दब सा गया।

मैंने अपनी गाण्ड ढीली छोड़ दी। लण्ड का डण्डा गाण्ड में उतरने लगा। मैं दर्द से तड़प उठी।

“बस कर मेरे मालिक … ये फ़ट जायेगी … “मैं रुआंसी हो गई, आज तो मेरा अंग अंग जैसे खूब पिट गया हो।

“एक दिन तो फ़टना ही है ना … ये पोन्द को तो मैं मारूंगा ही … साली ने मुझे बहुत तड़पाया है … तू मस्त रह … इसे कुछ नहीं होगा … बस चुद जायेगी … ”

“हाय अम्मी जान … बचा ले मुझे … मर गई मैं तो … ”

तभी उसने अपना लण्ड बाहर खींचा, मुझे राहत सी हुई … पर दूसरे ही पल भचाक से लण्ड गाण्ड में पूरा अन्दर तक बैठ गया। उसका हाथ मेरे मुख पर आ गया और मेरी चीख दब गई। उसने मेरा मुख दबा कर दो तीन शॉट्स और खींच मारे … हर बार मेरी चीख वो दबा देता …

“सहना सीखो मेरी जान … अब तो ये रोज का मामला है … मम्मो को देख, क्या चुदती है साली … मेरा तो पूरा माल जैसे निचोड़ कर पी जाती है … ” pyasi suhagan hot sexy story

उसने मेरे मुख से अब हाथ हटा दिया था और धीरे धीरे धक्के मार रहा था।

दर्द कम हो गया था। पर मैं निढाल सी हो गई थी … तभी उसका लण्ड छूट गया … ढेर सारा वीर्य मेरी पीठ पर फ़ुहारों के रूप में फ़ैल गया। मैं उल्टी लेटी निश्चल सी पड़ी हुई थी। मेरी लम्बी लम्बी सांसें अभी तक कन्ट्रोल में नहीं आई थी। सौहेल ने बडे प्यार से मेरी चूत, गाण्ड और पीठ को साफ़ कर दिया।

“अब उठ जाओ … मजा आया?” सौहेल ने मुस्कराते हुये पूछा।

मैंने धीरे से अपना सर हां में हिला दिया। वास्तविक चुदाई तो मेरी आज ही हुई थी। सारा जिस्म तोड़ कर रख दिया था। मेरी कमर, चूत, गाण्ड और चूचियाँ दर्द से जैसे कसमसा रही थी। हमने अपने कपड़े ठीक से पहन लिए और सौहेल ने मोबाईल करके नसरीन को बता दिया कि सारा कार्यक्रम सफ़लता पूर्वक निपट गया है। तभी मुझे सौहेल ने अपनी गोदी में बैठा लिया और प्यार करने लगा। उसके प्यार से मेरा दिल खिल उठा। काश … … मेरे नसीब में ऐसा प्यार होता … ”

तभी ताला खोल कर नसरीन अन्दर आ गई। मैंने उसकी गोदी से उठने की कोशिश की, पर सौहेल ने मुझे नहीं छोड़ा।

“सौहेल ! छोड़ो ना … देखो मम्मो देख रही है !” मैं उसकी गोदी में कसमसा गई।

“रेहाना, तुम्हें प्यार की बहुत जरूरत है … प्यार कर लो … मुझसे क्या शरमाना … देखो रात को ये तुम्हारे सामने ही ये मुझे चोदेगा … अब मुझसे शरम छोड़ दो … मुझे तो अपनी बहन समझ ले !”

पर स्त्री-सुलभ-लज्जा कहाँ छूट पाती है, वह भी जब कोई तीसरा हो सामने तो … । मैं जोर लगा कर सिमट कर एक तरफ़ चेहरा छुपा कर खड़ी हो गई। नसरीन ने मेरी बांह पकड़ी और कमरे से बाहर ले आई। शरम मारे तो उससे आँख भी नहीं मिला पा रही थी। pyasi suhagan hot sexy story

“बस ना … बहुत शरमा ली अब … चल अब बेशरम हो जा … रोज रोज चुदना है तो ये सब नहीं चलेगा !” उसकी बात मेरे दिल पर किसी मीठे तीर की तरह लगी।

“हाय मम्मो … बडी बद्तमीज़ हो गई है !” उससे बांह छुड़ा कर कर मैं तेजी से भागी और सीढ़ियाँ उतरने लगी। वो हंस पड़ी। नीचे आकर मैंने ऊपर खड़ी नसरीन को देखा और खुशी में चुन्नी अपने मुख पर लपेट कर भाग ली। नसरीन की आंखों में मेरी खुशी देख कर आंसू के दो मोती उभर आये थे।

शाम तक मेरा शरीर किसी फ़ोडे के समान टीस रहा था। मेरे चुचूक सूज गये थे। चूचियों के गोले भीतर से दर्द से कसक रहे थे। ग़ाण्ड के फ़ूल पर भी सूजन थी … और चूत पर तो जैसे अभी तक कोई लोहा घुसा हुआ सा जान पड़ रहा था।

मेरे मौला, चुदाई क्या ऐसी होती है … तौबा मेरी … अब नहीं चुदना मुझे। पर मन में ये कैसी शान्ति सी थी। रात को मुझे बहुत ही प्यारी नींद आई थी। ऐसी संतुष्टि पहली बार महसूस की थी। pyasi suhagan hot sexy story

————–समाप्त————-

तीन चार दिन में जा कर मेरा दर्द ठीक हो पाया … तब मुझे सौहेल फिर से याद आने लगा था … उसकी चुदाई मन को रोशन कर रही थी, मन में बस गई थी … रोज मैं मम्मो से पूछती … कि अब वो कब आयेगा … कब आयेगा … कब आयेगा … कैसी लगी ये hot sexy story आपको?

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