शमा की चुदाई उसी के घर मे!

Chudai Ki Kahani Hindi

Chudai Ki Kahani Hindi नमस्कार दोस्तों, प्यार भरा प्रणाम स्वीकार करें, इस साइट पर बहुत सारी बहतरीन सेक्स स्टोरी पढ़ने के बाद मुझे भी लगा कि में भी अपनी सेक्स स्टोरी आप सभी देव तुल्य व काम प्रेमी पाठको के बीच प्रस्तुत करूँ!
पहले अपना परिचय देता हूँ, मेरा नाम समीर है और 32 साल का हूँ, गाजियाबाद जैसे बेफिक्र शहर में पला बढ़ा होने के कारण में भी कुछ ज्यादा ही बेफिक्र और बिंदास ही रहा हूँ, बचपन से लेकर आज तक नो टेंशन, बढिया खानपान और रहन सहन , सही शारीरिक व लिंग विकास के कारण 17 साल की आयु में ही चूत की भूख सताने लगी थी !
स्कूल में तो लडकिया साथ मे ही पढ़ती थी लेकिन इंटर में केवल लड़को का कॉलेज होने के कारण आस पास नरम गर्म चीजें ज्यादा खलने लगी इसी लिए कॉलेज में कभी मन ही नही लगता था,किन्तु इंटर के पश्चात डिग्री कालेज में दाखिला और नई नई लड़कियां देखकर जवान होते शरीर की भूख और तीव्रता से बढ़ने लगी इधर उम्र भी 19 साल हो चुकी थी तो लगा कि लन्ड भी अब पहले से ज्यादा बलवान और किसी सुकून की तलाश में है रोज नए चेहरों और मस्त चुचियो को देख लवड़े की प्यास बढ़ती ही जा रही थी सेक्स की भूख कुछ इस प्रकार हावी थी कि यह पतलून फाड़ने को तैयार ही रहने लगा!
ऐसा नही था कि में कोई हेंडसम नही था, 5 फुट 10 इंच लम्बाई, सांवला रंग मजबूत डील डोल, सब कुछ तो था बस शर्मीले स्वभाव के कारण कई चिड़िया अपनी ही डाल से उड़ा दी थी, दोस्त कहते कि साले तेरी जरूर कहीं कोई बढिया सेटिंग है तभी तू चुपचाप रहता है, लेकिन सही मे मेरी कोई लड़की दोस्त नही थी कोई लड़की अगर कभी बात करती भी थी तो में खुद ब खुद घबरा जाता था, और बात आगे बढ़ती ही नही थी!
लेकिन होनी तो होके रहती है, हमारे घर के ही ठीक पीछे वाले मकान में एक बहुत ही कमसिन नैन नक्श वाली लड़की थी जिसका नाम शमा था, 18 साल की उम्र थी और वह भी मेरे ही डिग्री कॉलेज में दाखिला ली थी उसको कभी स्कूल टाइम में देखा था !
उसे इतने दिन बाद देखा तो एक अजीब सी तड़प उठी, बड़ी आंखे, भरे हुए गाल, रसीले होंठ टू कॉपी बिल्कुल “बिपाशा बसु” की तरह और वो सब कुछ जिसकी मुझे तलाश थी, सबसे बड़ी बात कि वह बहुत फ्रेंक टाइप की थी और जल्द ही सभी से घुल मिल जाती थी इसीलिए कालेज के सभी लड़के उस के आगे पीछे ही रहते थे लेकिन वह हाजिर जवाब थी सो सब उससे डरते भी थे!
और मेरी तो मानो उसे देखते ही हालत खराब हो जाती थी में उसे बड़ी प्यासी नजरों से देखता और अगर उसकी नगाह मेरी नजरों से टकराती तो मैं इधर उधर देखने लगे जाता, देखते ही देखते महीने भर में वो भी समझ गयी कि इसके दिल मे मेरे लिए कुछ है, मैं कॉलेज मे रोज उससे किसी न किसी बहाने से बात करने की कोशिश करता लेकिन हमारी क्लास(कक्षा) एक न होने के कारण कम ही मौका मिलता था वह अधिकतर अपनी सहेलियों से घिरी रहती या अपनी क्लास में ही बिजी रहती में उसे ऐसे ही दूर से देखता रहता लंच टाइम में कई बार उससे बात करने की कोशिश की लेकिन कैसे शुरू करूँ शब्द ही नही मिलते थे!
लेकिन उसने मुझे बाद में बताया कि वह जानती थी कि तुम मुझसे क्या कहना चाहते थे !
कुछ दिन ऐसे ही बीतने के बाद सर्दियों की शुरुवात ही हुई थी कि में किसी काम से घर की छत पर गया तो देखा कि शमा अपनी छत पर कपड़े सूखा रही थी में भी धूप सेंकने के बहाने वही रुक गया और उसे हाय बोला, तो उसने भी हल्के से स्माइल दी!
दोस्तो में भी कितना बड़ा बुद्धू था कि जो बात छत पर आसानी से हो सकती थी वह में कॉलेज में करने को सोच रहा था फिर तो मैं रोज छत पर जाता उसे यूंही देखता रहता, उसको हाय बोलता, कभी कभार स्टडी के बारे में भी बात होती लेकिन मतलब की बात कह नही पाता था!उसका फ्रेंक होना भी मेरे लिए लकी ही रहा, वह अपनी छत पर पड़ोस के छोटे बच्चों के साथ खेलती और मजे लेकर मेरी तरफ कम्मेंट पास करती, कभी कहती लोग बहुत गूंगे क्यों होते है, कभी चुप रहने से दोस्ती नही होती, ऐसी ही बातें करती रहती और में बस मुस्कुरा कर रह जाता, फिर एक दिन उसने एक कागज लिख मेरी छत पर फेंक दिया, मैंने पढ़ा तो लिखा था कि “शमा तुम्हारे लिये कब से जल रही है इसे और रोशन कर दो” बस फिर क्या मैंने उसी कागज पर आई लव यू लिख वापस उसकी छत पर फेंक दिया !
और इस तरह शुरुआत हुई फिर तो हम रोज बातें करते, और हमारा ज्यादातर टाइम छत पर ही बीतने लगा, दोस्तो हमारा घर शहर की घनी आबादी में होने के कारण छत पर भी अधिक कुछ हो नही सकता था फिर भी एक दिन मैंने शमा को सूरज ढलने के बाद छत पर बुला लिया!
वह थोड़े टाइम का बोलकर आ गयी क्योंकि उसके पापा 5 बजे ही अपने ऑफिस से वापस लौट आते थे, मैंने शमा का हाथ पकड़ लिया और उसके हाथों को सहलाने लगा उसने कुछ नही कहा तो में थोड़ा ऊपर उसके कंधो से होते हुए उसके कान के नीचे उँगली फेरने लगा,
उसने मेरी तरफ भौहें चढ़ाते हुए पूंछा कि क्या हुआ यह क्या कर रहे हो तो मै बोला मुझे एक किस्स चाहिए, उसने कहा बिल्कुल नही तो में उसको छोड़ उदास होकर चल दिया, तभी उसने पीछे से आकर मेरे गाल पर किस्स किया कहने लगी “अले मेला बाबू तो नाराज हो गया, तो मैंने उसे
होंठो पर किस के लिए कहा और उसने इधर उधर देखा और अपने शहद भरे जवान होंठ मेरे होंठ पर रख दिये, क्या बताऊँ दोस्तों पहली बार महसूस हुआ कि जवानी का रस भी कोई रस होता है और इससे ज्यादा मीठा तो शहद भी नही होता, उसकी गर्म सांसे मेरी ठंडी आहों से टकरा रही थी, मै उसके कुँवारे लबो को पीकर मदहोश हो रहा था वह भी मुझे चूसे ही जा रही थी मै भी उसके दोनों होंठो को बारी बारी से चूस रहा था, हमारी जीभ से जीभ टकरा रही थी मैं उसकी कमर को बाहों में जकड़े था और वो मेरी गर्दन में हाथ डालें थी, इसी तरह हम पांच मिनट तक चिपके रहे, जब हम अलग हुए तो मैंने कहा कि किस्स का तो हो गया और बाकी का प्यार कब मिलेगा, तो वो हंसी और बोली कि वक्त आने पर सब कुछ मिलेगा मेरा प्यारा बच्चा अभी सब्र करो, फिर हम अपनी छतों से घरों को वापिस आ गए!
उस दिन के बाद तो लन्ड की प्यास दिन दूनी और रात चौगनी होती चली गयी में किसी भी तरह उसे चोदना चाहता था लेकिन यह भी पता था कि यह काम छत पर तो हो नही सकता था सो में उसके कहे मुताबिक सही वक्त का इंतजार करने लगा !
सब्र का फल मीठा होता है यह तो सुना था लेकिन यह फल इतनी जल्दी चखने को मिलेगा ऐसा नही सोचा था, एक दिन शमा कालेज में मुझसे बोली कि कल सन्डे है और मेरे अम्मी अब्बू और छोटा भाई दिल्ली मामा के यहां जा रहे है, शाम को ही लौटेंगे तुम सुबह घर पर आकर अपना बाकी का प्यार वसूल लो, मुझे लगा कि मेरी सारी मुरादें पूरी हो गयी !
किसी तरह लन्ड हिलाते डुलाते रात कटी, सुबह जल्दी ही नहा धोकर तैयार हुआ और उसके अम्मी अब्बू के जाने का वेट करने लगा, शमा का इशारा मिलते ही मैं छत के रास्ते से उसके घर मे पहुँचा गया, उसने सफेद रंग का सलवार सूट पहन रखा था सफेद सूट पर लाल ओढ़नी में वह कयामत ढहा रही थी होंटो पर हल्की लिपस्टिक लगाए जैसे कि वह चुदने का ही वेट कर रही थी!
मैं उसके लिए चॉकलेट लेकर गया था जो मेरी जेब मे ही पड़ी थी!
जाते ही मैंने शमा अपनी बाहों में भर लिया उसके होंटो को चूमता उसकी चुचियों को मसलता में मदहोश सा होने लगा, उसने फिर बड़े रोमांटिक अंदाज में कहा “सब्र कर बच्चा” और मेरी शर्ट पकड़ कर बेडरूम में ले गयी, बेडरूम में हम दोनों लेट गए और में धीरे धीरे उसके होंटो को चूमने लगा, होंटो से ठोड़ी, फिर गर्दन कान के नीचे उसको चूमता वो आहें भर्ती तो में हल्का सा दांत से दबा देता, वो उफ्फ समीर कहकर मुझसे लिपट जाती, में ऐसे ही कपड़ो के ऊपर से उसे चूमता उसकी चुचियों से होता हुआ उसकी नाभि तक पहुँच गया!
फिर मैंने उसका सूट ऊपर करना चाहा तो वह भी अपनी कमर उठा दी, मैंने टाइम न गवांते हुए उसका सूट उतार दिया उसने अंदर पिंक ब्रा पहनी थी, उसकी तेज चलती सांसो के कारण उसकी छाती ऊपर नीचे किसी हिलते हुए संगमरमर के गुम्बदों सी लग रही थी, मेरे तो होश ठिकाने नही थे हाथ कांप रहे थे किन्तु चल खूब रहे थे उसकी ब्रा के हुक खोलते ही शमा के 34 साइज के कबूतर फड़फड़ाने लगे मैं उसके निप्पल्स को सहलाने लगा तो उसने अपने हाथों से चूचियो को छुपाया तो मैंने कहा शमा अब और ना छुपाओ मेरा बाकी का प्यार, तो उसने प्यार से बाहें खोली और मुझे समेट लिया, मै उसके हल्के गुलाबी निप्पलों को होंठो से चूसने लगा, एक हाथ उसकी कमर पर फेरता तो दूसरे से चूचे को सहलाता तो कभी हल्के दांतो से काट लेता वो उफ्फ समीर कहकर रह जाती उसके लिए लायी चॉकलेट मैंने उसके चूचो पर मसल दी और मजे लेकर चाटने लगा मेरे चॉकलेट से सने होंटो को वह भी मजे लेकर चाटने लगी थी!
वो धीरे धीरे अब काफी गर्म हो चुकी थी और हल्के से मेरे कान में बोली अब सब्र नही होता,यह सुनते ही मैंने उसकी सलवार भी उतार दी, उसकी कंवारी चूत अब मेरे सामने थी वह अंदर पेंटी नही पहनी थी और ऐसे लगता था जैसे वह आज ही चुत शेविंग की हो फिर मैं धीरे से उसकी चुत का दाना सहलाने लगा वह और ज्यादा तेज सांसे लेने लगी चुत में उंगली करते ही तो वह मानो बेकाबू हो गयी अपने भी सारे कपड़े उतारकर में फिर से उसकी चूत को सहलाने लगा, चूत के दाने को रगड़ता तो कभी छोटी उंगली चूत में हल्के से डालता वो sssssssi की आवाज निकालती, मुझे और मजा आता, उसकी चूत से हल्का रस निकलने लगा था तो मै उसके ऊपर आ गया और अपना 6 साइज का लन्ड उसकी चूत पर हल्के से रगड़ने लगा लन्ड का टच पाकर वो मदहोश होकर ढील छोड़ दी, तभी मैंने अपने लन्ड पर थूक लगा कर जोर का शॉट मारा, उसकी हल्की चीख निकल गयी जो मैंने हाथ से दबा दी,मेरा आधा लन्ड उसकी चूत की ओपनिंग कर दिया था!
वह दर्द से कराह रही थी उफ्फ समीर इसे निकालो मै नही ले पाऊंगी, यह मोटा और लम्बा मेरी चुत फाड़ देगा मैंने प्यार से कहा मै हूँ ना बाबा, और मेरा बाकी का प्यार वह भी तो यही वसूल करेगा तुम्हारी चुत से और वह हाँ में गर्दन हिला दी ,मैं उसके होंठो को चूमने लगा उसकी आँखों मे हल्के आंसू थे मै कभी उसके सिर पर हाथ फेरता तो कभी उसके कबूतरों को पुचकार लेता, जब वो रिलेक्स हो गयी तो मैंने उसकी पतली कमर दोनो हाथों में पकड़ जोर का धक्का मारा, पूरा लन्ड सील को फाड़ता हुआ शमा की चूत में समा गया ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई कपड़ा फटा हो, वह चिल्लाई “आई अम्मी मर गयी” मैंने उसके होंठो पर होंठ लगाकर उसकी चीख दबाई, और उसे बोला अब थोड़ी ही देर में तेरा दर्द कम हो जाएगा बाबू और उसको सहलाने लगा थोड़ी ही वक्त में वो रिलेक्स हो गयी , अब मै धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किया तो शमा भी दर्द से कराहती और उह उई की आवाजें निकाल रही थी, मैंने पूंछा रुक जाऊ, तो उसने कहा कि धीरे धीरे से करो मुझे दर्द होता है , फिर मै उसे धीमे धीमे चोदने लगा, उसकी दर्द भरी सिसकारी मुझे उसकी तरफ खिंचती, चूत से निकला ब्लड किसी लुब्रिकेंट का काम कर रहा था, जब शमा का दर्द कम हुआ तो वह भी अपने हाथ मेरी कमर पर रख दी, मै और तेजी से उसे चोदने लगा, ओह समीर उफ समीर मै मर जाऊंगी कहती वो मजे से चुद रही थी, पहली चुदाई के समुंदर में दोनों ही गोते लगा रहे थे, 8 दस मिनट की चुदाई के बाद में उसकी दोनो टांग अपने कंधों पर लिया, अब वह आसानी से चुद रही थी और मेरी भी स्पीड और तेज हो गयी और मै शमा से कहा कि अपना माल क्या तेरी चूत में छोड़ दूं, तो उसने मुझे कस कर भींच लिया, मै उसकी गर्दन पर कान पर होंठ पर काटते हुए उसे खूब पेल रहा था कि तभी मुझे लगा कि मेरे शरीर से कुछ निकलने वाला है में उसकी चुत में ही झड़ गया और उसके ऊपर ही निढाल हो गया वह मुझे अपनी बाहों में समेट कर सीने पर मेरा सिर रख ली, उसकी आँखों मे अलग ही चमक थी वह कहने लगी समीर तुमने आज मुझे कली से फूल बना ही दिया में सारी उम्र तुम्हे नही भूल सकती, में बोला जान तुमने भी तो मेरा बाकी का प्यार मुझे दे दिया काश कि हम ऐसे ही पड़े रहते!
फिर शमा अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली गयी, और मै वहीं बिस्तर पर लेटा रहा कुछ देर बाद वो मेरे लिए दूध लेकर आई हमने साथ मिलकर दूध पिया, उस दिन हमने एक बार और चुदाई की फिर में अपने घर आ गया!
इसके बाद मैंने कैसे उसकी होटल में लेजाकर चुदाई की वह अगली स्टोरी में बताऊंगा!
तो दोस्तो यही मेरा पहला सेक्स था जो आज आपसे शेयर किया, आपको जैसा भी लगा कृपया मुझे बताए जरूर sameersimple21@gmail पर, आपकी प्रतीक्षा करूँगा !
तब तक के लिए बाय बाय!

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