लो फ्रेंड, मैं रचना सिंह. एक बार फिर हाज़िर हु. एक और दिलचस्प और रोमांस से भरी मेरी वासना और हवस से भरी एक देसी सेक्सी कहानी के साथ. आशा करती हु, कि मेरी बाकी कहानियो की तरह ही, ये कहानी भी आपको गरम कर देगी. अगर आप मर्द है, तो आपका लौड़ा बड़ा हो जायेगा और अगर आप स्त्री है, तो चूत जरुर ही गीली हो जायेगी. आइये, पढ़िए आगे.. जानने के लिए, कि क्या मजेदार वाकिया हुआ उस रोज़.
सहेली के भाई के साथ सेक्स
सर्दियों का टाइम था. मैं आगे बढ़ने के पहले, आप को बता दू; कि मैं एक कमिटेड हु और मेरा एक बॉयफ्रेंड है और उसका नाम आदित्य है और मैं उसे बहुत बहुत, बहुत करती हु. उसके लिए मैं अपनी जान तक दे सकती हु. पर पता नहीं क्यों, मैं हर बार सेक्स लाइफ के लिए फिसल जाती हु. मेरा इरादा कभी मेरे बॉयफ्रेंड को हर्ट करने का नहीं होता है. पर वासना इतनी हावी हो जाती है मुझपर, कि मैं खुद को काबू में नहीं रख पाती. और गरम देसी सेक्स के अलावा मुझे कुछ भी नज़र नहीं आता. चाहे किसी भी अच्छे से हॉट लड़के के साथ हो. वो पल होते है, जिसमे मैं दुनिया भूल जाती हु और बस मस्ती में वासना के मज़े लेती रहती हु.
ख़ैर, उसके बाद मुझमे हिम्मत नहीं होती, कि मेरी जान से आके मैं सब कुछ सच सच बता हु, पर बताये बिना भी नहीं रहा जाता.
ये बात २०१२ की सर्दियों की एक शाम की है. मैं मेरी पक्की सहेली सिमोन के घर गयी थी, नाईट स्टे के लिए. हम हमेशा से ही साथ थे – स्कूल, कोचिंग, कॉलेज, ऑफिस… तो हमारी दोस्ती बहुत पक्की थी और हम अक्सर एक दुसरे के घर रात को रुक जाया करते थे. बातें और मस्ती करते थे हम दोनों, पूरी रात. उस दिन, दिन में मेरे माँ और डेड दोनों आउट ऑफ़ सिटी जा रहे थे ५ – ६ दिन के लिए. इसलिए मुझे सिमोन के घर छोड़कर चले गये थे. ताकि, उनके पीछे उन्हें मेरी फिकर ना हो.
सिमोन का घर काफी बड़ा था और उसके घर में बस एक बुड्डी अम्मा रहती थी. सिमोन और उसका बड़ा भाई रहा करता था. उसका बड़ा भाई समीर, बहुत ही हॉट और मस्त लड़का था. लम्बा चौड़ा, गबरू जवान पंजाबी लड़का. बिलकुल बिंदास और बेपरवाह… दुनिया से उसे कोई मतलब ही नहीं था और खुदकी मस्ती में जीता था वो. उसकी ये आदत, मुझे बहुत ज्यादा पसंद थी.
ख़ैर, उस रात जब मैं सिमोन के घर रुकी थी. तब अम्मा, सिमोन की बुआ जी के घर गयी हुई थी. बस उसका बड़ा भाई समीर ही घर पर था. मैं सिमोन से मिली. थोड़ी ही देर में, हम उसके कमरे में बैठे रहे और गप्पे लगाते रहे. फिर, अचानक सिमोन को पड़ोस में रहने वाली भाभी ने किसी काम के लिए बुला लिया और वो वहां चली गयी. पीछे से वो समीर भैया को मेरा ध्यान रखने के लिए कहकर चली गयी. सिमोन के जाते ही, भैया कमरे में आये और बोले – सिमोन तुम्हारा ध्यान रखने के लिए कहकर गयी है. उनके चेहरे पर हलकी सी शरारती मुस्कान थी, जैसे कि मानो दिमाग में देसी सेक्स की तस्वीर चल रही हो.
मैं समझ रही थी, कि उसके दिल, दिमाग और लंड में क्या चल रहा है? देसी सेक्स… मैंने भी स्माइल करके कहा – आह्ह्ह्ह!.. मुझे पहले से ही पता था, कि वो मुझे बहुत पसंद करता था और मैं भी उसे पसंद करती थी. वो दिखने में बहुत ही हॉट था और मुझे पूरी उम्मीद थी, कि उसका लंड भी उनके जितना ही गरम और मदमस्त होगा. देसी सेक्स में, वो कमाल का होगा. वो मेरे पास आके बैठा और मुझे प्यार से सहलाने लगा. मेरे कंधे और हाथ पर अपनी उंगलिया फिराने लगा. उनकी वासना भरी नज़र सब साफ़ – साफ़ कहा रही थी. मुझे भी मज़ा आ रहा था और मैं मना नहीं कर रही थी. थोड़ी ही देर में सिमोन आ गयी और हमारा फ्लो टूट गया. पर वो मुझे धीरे से कान में कहकर गये – जो अधुरा छोड़कर (देसी सेक्स) जा रहे है, उसे पूरा जरुर करेंगेम बहुत ही जल्दी. मेरे मन में हिचकोले उठने लगे थे मस्ती के और अपनी फुद्दी उससे चुदवाने के.
फिर वो दो दिन तक मौका ही ढूंढते रहे, कुछ शैतानिया और मस्तिया करते रहे, पर सिमोन के घर पर होने की वजह से हम देसी सेक्स नहीं कर पाए. बस आँखों ही आँखों में अपनी ठरक और देसी सेक्स की चाह एक दुसरे को जताते रहे. आहे भरते रहते थे और अपने होठो को काटते रहते थे. एक दुसरो को चूमने की चाह में. फिर तीसरे दिन, हमें सुनहरा मौका मिला. सिमोन के कॉलेज में प्रैक्टिकल एग्जाम थे और वो पूरा दिन कॉलेज में प्रेजेंटेशन एंड एग्जाम देने में बिताने वाली थी. समीर ने कहा, खुदसे आगे बड़कर.. कि वो मेरी ध्यान रख लेंगे, अच्छे से. और सिमोन को फिकर करने के कोई जरूरत नहीं है.
फिर जैसे ही सिमोन गयी – वैसे ही समीर भैया मुझे अपने कमरे में ले गये और बोले – आओ रचना, तुम्हारा बहुत अच्छे से ध्यान रखूँगा. ये कहकर वो मेरे गुलाबी होठो को चूमने लगे. मेरे स्तनों को अपनी चेस्ट से रगड़ने लगे. उनकी चेस्ट पर मेरी सख्त चुचिया रगड़ खा रही थी और मैं मस्त होके मेरी चूत को अपनी ऊँगली से रगड़ने लगी थी. मैंने जैसे ही अपनी ऊँगली अपनी चूत पर रखी, तो पाया कि मेरी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी और मैं देसी सेक्स के लिए तैयार थी. मैं पीछे होकर बिस्तर पर लेट गयी थी और वो मेरे ऊपर आके लेट गये. अपनी चेस्ट से मेरे रस भरे स्तनों को दबाने लगे. उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत पर रखा और उसपर रगड़ने लगे. एकदम सख्त होने के बाद, उन्होंने मेरी चूत में अपना लंड देने की कोशिश की. पर वो बहुत ही बड़ा था और दर्द करने लगा था. मेरी चीख निकलने लगी. उन्होंने अपने हाथ से मेरा मुह दबाया और अपना लंड बाहर निकाल कर दुबारा अन्दर डाला, मेरी फुद्दी में. इस बार, इतनी गहराई तक गया, उनका मोटा और लम्बा लंड; कि मुझे मज़ा ही आ गया. मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मैं मस्ती के मारे चीख रही थी.
वो अपना लंड अन्दर बाहर करते रहे और मुझसे मिशनरी पोजीशन में देसी सेक्स करते रहे और चोदते रहे. फिर उन्होंने पोजीशन बदल कर मुझे डौगी स्टाइल में पीछे से चोदा और मेरे बड़े बड़े हिलते हुए स्तनों को पीछे से दबाते रहे. वो अपना लंड जोर से अन्दर – बाहर कर रहे थे. उनके सुपाडे मुझे मेरी गांड पर लगते हुए महसूस हो रहे थे, जब तक उन्होंने मुझे देसी सेक्स में चोदा. मैं मज़ा लेती रही और वो अपने लंड को मेरी फुद्दी में तेजी से अन्दर बाहर कर रहे थे. मुझे मज़ा आ रहा था और मेरी चूत तो पानी – पानी हो रखी थी. क्योंकि, ऐसे खतरनाक देसी सेक्स से पता नहीं, मैं कितनी बार झड चुकी थी उस दिन.
पूरा दिन, हम दोनों थोड़ी – थोड़ी देर के अन्तराल में, देसी सेक्स करते रहे और वो मेरी फुद्दी को अपना लंड चखाते रहे, जब तक सिमोन घर वापस नहीं आ गयी. उसके बाद अगले ३ दिन तक पूरा दिन सिलसिला चलता रहा और बेचारी सिमोन को अंदाज़ा भी नहीं था, कि उसकी पीठ के पीछे ये सब हो रहा है!
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