चाचा भतीजी की प्यार भरी चुदाई

(Chacha Bhatiji Ki Pyar Bhari Chudayi)

नमस्कार दोस्तो, मैं आपको अपनी एक कहानी बताने जा रही हूं. मुझे ये कहानी बताने में थोड़ा अजीब लग रहा है लेकिन ये मेरी अपनी कहानी है इसलिए मैं आपको बता रही हूं. Chacha bhatiji pyar bhari chudayi hindi sex story.

मेरा नाम सुनीता है. मेरे चाचा शुरू से ही मुझे बहुत प्यार करते थे और मेरी सभी चीजों का बहुत ध्यान रखते थे. मेरी स्कूटी को भी वो बहुत अच्छे से रखते थे और मैं अपनी स्कूटी सिर्फ अपने पापा और चाचा को ही चलाने के लिए देती थी. उन दोनों के अलावा मेरे घर में मैं अपनी स्कूटी किसी को भी चलाने के लिए नहीं देती हूं.

Aur bhi mazedar Kahani Padhne ke liye hamari website par click kre – Antarvasna

Chacha bhatiji pyar bhari chudayi

मैं भी जवान हो रही थी और चाचा पहले से ज्यादा मुझे घूरने लगे थे. मेरे गरदाये हुए जिस्म को देख कर चाचा मुझे हमेशा छूने की कोशिश करते थे. मैं अपने चाचा से थोड़ी घुल-मिल कर रहती थी इसलिए चाचा मुझे जब छूते थे तो मैं नजरअंदाज कर देती थी.

कहानी को आगे बढ़ाने से पहले मैं अपने जिस्म के बारे में आप लोगों को बता देना चाहती हूँ कि मैं थोड़ी मोटी हूं और इससे मैं और भी ज्यादा सेक्सी लगती हूं. मैं जब चलती हूं तो मेरी गांड पूरी मटकती हुई हिलती है.

मेरे घर में चाचा ही मुझसे ज्यादा बात करते थे और सब लोग तो अपने काम में लगे रहते थे. चाचा का लंड मेरी गांड को देख कर खड़ा हो जाता था क्योंकि मैं जब भी चाचा की पैंट की तरफ देखती थी तो उनकी पैंट में तम्बू बना रहता था. मैं कभी-कभी चाचा को अंडरवियर में भी देखती थी. मुझे ये नहीं पता था कि वो मेरे बेडरूम में जानबूझकर अंडरवियर में आ जाते थे या ऐसे ही वो अनजाने में ही अंडरवियर में मेरे बेडरूम में आते थे. जब वो अंडरवियर में होते थे तो उनके लंड की तरफ भी मेरी नजर चली जाती थी।

जब घर के लोग मुझसे लड़ते थे किसी बात को लेकर तो चाचा मेरी साइड से लड़ते थे, चाचा हमेशा मेरी सहायता करते थे. मैं भी चाचा को थोड़ा चाहने लगी थी. चाचा ज्यादातर मेरे बेडरूम में ही रहते थे और हम दोनों लोग हमेशा एक-दूसरे की बात को सपोर्ट करते रहते थे. मुझे कभी-कभी अपनी सहेलियों के साथ फिल्म देखने जाना होता था तो घर वाले मुझे नहीं जाने देते थे लेकिन चाचा के बोलने पर मुझे घर वाले फिल्म देखने जाने देते थे. Chacha bhatiji pyar bhari chudayi hindi sex stories.

चाचा मेरी बहुत सहायता करते थे इसलिए मैं भी चाचा को कभी-कभी खाना बनाकर खिला देती थी. जब घर वाले सो जाते थे तो मैं चाचा के लिए चिकन बनाती थी क्योंकि घर वाले चिकन नहीं खाते थे और चाचा चिकन खाते थे. इसलिए रात में चाचा के लिए चिकन बनाकर उनको खिलाती थी. मैं भी चिकन नहीं खाती थी तो चाचा मेरे लिए बाजार से छोले लेकर आते थे.

एक दिन घर वाले बाहर गए हुए थे और मैं घर में अकेली थी.
चाचा ऑफिस गए हुए थे और घर वाले रिलेशन की ही किसी पार्टी में गए हुए थे और मैं चाचा को खाना खिलाने के लिए घर में रुक गयी थी. चाचा को गर्म-गर्म खाना पसंद है.

चाचा रात को ऑफिस से आये तो मैं उनके लिए परांठा बनाने लगी और चाचा डिनर करने लगे. चाचा डिनर कर रहे थे और मैं जब उनको परांठा देने के लिए झुक रही थी तो वो मेरी चूची देख जाते थे. चाचा मुझे हवस भरी नजरों से देख रहे थे.

फिर चाचा ने मुझे भी डिनर करने के लिए बोला और मैं भी उनके साथ ही डिनर करने लगी.

वो मेरे ऑफिस के बारे में पूछने लगे और मेरे काम के बारे में पूछने लगे. कई बार वो मेरे ऑफिस के काम में भी मेरी बहुत सहायता करते थे.

मैं डिनर करने के बाद अपने बेडरूम में सोने चली गयी और कुछ देर के बाद चाचा मेरे बेडरूम में आ गए और मेरे साथ लेट कर मुझसे बातें करने लगे.

हम दोनों के अलावा घर में कोई नहीं था, सिर्फ हम चाचा भतीजी साथ में थे और हम दोनों ही को नींद नहीं आ रही थी. चाचा मुझसे बात करते करते कभी-कभी मेरे गालों को जोर से खींच रहे थे जो कि उनकी आदत थी. इसलिए मुझे उसमें कुछ भी अजीब नहीं लग रहा था.

मुझसे बात करते करते वो मेरी पर्सनल लाइफ की बातें करने लगे और मुझसे पूछने लगे- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
मुझे कुछ समझ भी नहीं आ रहा था कि मैं चाचा को क्या बोलूं? मैंने चाचा को कभी इस बारे में नहीं बताया था कि मेरा बॉयफ्रेंड है और मैं उसके साथ बहुत समय से मजे ले रही हूं और उससे प्यार करती हूं और हम दोनों लोग मौका देखकर होटल में जाकर सेक्स करते हैं. Chacha bhatiji pyar bhari chudayi sex story.

चाचा मुझसे बात करते करते थोड़ा खुल गए और मुझसे सेक्स के बारे में बात करने लगे. मैं चुपचाप ये सब सुन रही थी. चाचा मेरे अकेलेपन का पूरा फायदा उठा रहे थे.

मुझसे सेक्स की बातें करते हुए मैंने देखा कि चाचा का लंड उनकी पैंट में तन कर खड़ा होने लगा था. मुझे उनके लंड का आकार उनकी पैंट में साफ दिखाई दे रहा था. उनके लंड को देख कर मेरे अंदर भी थोड़ी सी हवस पैदा होनी शुरू हो गई थी.

फिर चाचा ने मेरे होंठों को अपनी तरफ करते हुए मुझे जोर से चूम लिया.
मैं थोड़ी हिचक गई लेकिन चाचा ने मुझे सहलाना शुरू कर दिया और बोले- मैं तुम्हें बहुत दिन से देख रहा हूं. तुम पहले से भी ज्यादा सेक्सी होती जा रही हो. मैं तुम्हारे करीब आना चाह रहा था कई दिन से; मैं तुम्हें बहुत पसंद करने लगा हूँ.

मैं चाचा को मना करने लगी और बोलने लगी कि चाचा ये सब गलत है.
तो चाचा बोले- कुछ गलत नहीं है. तुम एक औरत हो और मैं एक आदमी हूं. औरत और आदमी एक दूसरे के साथ सेक्स ही करते हैं.

ऐसा कहते हुए चाचा ने मुझे दोबारा किस किया और वो अब थोड़ा और ज्यादा उत्तेजित हो गये थे. अब मैं भी उनका साथ देने की सोचने लगी थी. फिर उन्होंने मेरी गर्दन को किस कर दिया और मेरे होंठों को जोर से चूसने लगे. अब मैं भी पूरी तरह से उनका साथ देने में लग गयी. हम दोनों ही एक दूसरे को जोर से किस करने लगे.

मुझे भी अब सेक्स चढ़ने लगा था. मैं बिस्तर को नोंचने लगी थी और चाचा के होंठों को चूस रही थी. फिर चाचा ने मेरे टॉप को निकाल दिया और मेरी ब्रा को भी निकाल दिया. फिर वो मेरी चूची को चूसने लगे. मुझे मजा आने लगा.

चाचा कभी मेरी चूचियों को हाथ में लेकर दबा देते थे तो कभी मेरे निप्पलों को चूसने लगते थे. काफी देर तक मेरी चूची को चूसने के बाद उन्होंने मेरी पैंट को भी निकलवा दिया. वो मेरे पूरे बदन को चूमने लगे और अब मैं मादक सिसकारियां लेने लगी थी.

मेरी चूत में झुरझुरी सी उठने लगी थी. चाचा ने मेरी चूत को अपने हाथ से सहला दिया. मेरी चूत फूली हुई सी लग रही थी. मेरी चूत पर हल्के से झांट भी थे. मेरी चूत को सहलाने के बाद चाचा ने मेरी चूत में उंगली डाल दी और दो उंगलियों को डाल कर अंदर-बाहर करने लगे.

मुझे अपनी चूत से पानी सा निकलता हुआ महसूस हो रहा था. मेरी चूत चिपचिपी सी हो गई थी. चाचा मेरी चूत में उंगली करते रहे और मैं अब तेजी के साथ सिसकारियां लेने लगी. अब मेरी गर्म चूत से ज्यादा पानी रिसना शुरू हो गया था.

चाचा की उंगलियों की स्पीड भी तेज हो गई थी. वो तेजी के साथ मेरी चूत में उंगलियों को डालकर मेरी चूत को चोदने लगे थे. मेरी चूत में आग सी जल उठी थी और मैं चाचा को नोंचने लगी. फिर मेरी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया. मैं झड़ गई और शांत होने लगी.

मगर चाचा अब मेरी चूत में मुंह लगाकर उसको चाटने लगे. मुझे पानी निकलने के बाद शांति सी महसूस हो रही थी. चाचा मेरी चूत को जीभ डालकर चाटने में लगे हुए थे. उनकी जीभ मेरी चूत के पानी को सपड़-सपड़ की आवाज के साथ चाट रही थी. Chacha bhatiji pyar bhari chudayi antarvasna story.

बहुत देर तक मेरी चूत को चाटने के बाद मुझे फिर से उत्तेजना होने लगी और मैं अपनी गांड को उठा-उठा कर अपनी चूत को चटवाने लगी.

मैंने देखा कि चाचा का लंड उनकी पैंट में तना हुआ था. मैंने उठ कर चाचा के लंड को पकड़ लिया और उनके होंठों को चूसने लगी. चाचा भी समझ गये कि मैं पूरी गर्म हो चुकी हूं इसलिए खुल भी गई हूं.
चाचा ने अपनी पैंट को खोल दिया और निकाल कर एक तरफ डाल दिया. उनके अंडरवियर में उनका लंड तना हुआ था. उसके बाद उन्होंने अपने बाकी के कपड़े भी उतार दिये. वो केवल अंडरवियर में रह गये. मैंने अंडरवियर के ऊपर से ही चाचा के लंड को हाथ में पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया तो चाचा ने अपना अंडरवियर उतार दिया और अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया.

चाचा के लंड को हाथ में लेकर मैं सहलाने लगी. चाचा के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं. फिर चाचा ने मुझे अपना लंड चूसने के लिए कहा. मैं भी पूरी गर्म हो चुकी थी इसलिए मैंने बिना किसी झिझक के ही चाचा के लंड को तुरंत मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
चूंकि मैं अपने ब्वॉयफ्रेंड के लंड को भी चूसती थी इसलिए चाचा के लंड को चूसने में मुझे कोई परेशानी नहीं हो रही थी. मुझे लंड को चूसने का काफी तजुरबा था. मेरा ब्वॉयफ्रेंड भी अपना लंड मुझसे चुसवाता रहता था.

जब मैंने कई मिनट तक चाचा के लंड को चूस लिया तो चाचा ने मुझे बेड पर लिटा दिया और फिर वो मेरी चूत पर अपना लंड लगा कर रगड़ने लगे. मेरी चूत में सुरसुरी सी उठने लगी. मेरे ब्वॉयफेंड ने कभी मेरे साथ ऐसा नहीं किया था. वो बस मेरी चूत चाट कर सीधा ही अपने लंड को मेरी चूत में पेल देता था. मगर चाचा का लंड जब मेरी गीली चूत पर लगा तो मुझे बहुत मजा आया. चाचा का लंड काफी मोटा भी था और गर्म भी। मैं चाचा का लंड लेने के लिए मचल उठी थी.

फिर चाचा ने अपना लंड मेरी चूत के मुंह पर लाकर रोक दिया और अपना पूरा दबाव मेरी चूत पर बनाते हुए लंड को अंदर धकेलने की कोशिश करने लगे. उनके शरीर के भार से उनका लंड मेरी चूत में प्रवेश करने लगा. धीरे-धीरे करके चाचा ने अपना मोटा लंड मेरी चूत में उतार दिया.

मेरी चूत में पूरा लंड उतरने के बाद मुझे दर्द तो हुआ लेकिन मजा भी आ रहा था. फिर चाचा ने मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया.

चाचा मेरी चूत की चुदाई करने लगे. मुझे चोदते हुए वो अपनी चुदाई की कहानी बताने लगे कि मेरी चूत तो उनकी गर्लफ्रेंड के जैसी है. वो तेजी से मुझे चोद रहे थे और मैं मजे लेते हुए उनकी कामुक बातें सुन कर और भी ज्यादा कामुक हो रही थी. मैंने अपनी गांड को चाचा के लंड की तरफ फेंकना शुरू कर दिया. चाचा ने मेरी चूत की चुदाई लगभग पंद्रह मिनट तक की. चाचा की चुदाई के कारण मेरी चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया था और उस पानी से मेरी झांटें भी भीग गई थी.

उसके बाद चाचा ने मेरी दोनों टांगों को ऊपर उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और मुझे जोर से चोदने लगे. चाचा मेरी फूली हुई चूत में लंड डालकर फिर से उसकी ठुकाई करने लगे. Chacha bhatiji pyar bhari chudayi kahani.
कभी-कभी बीच में वो लंड को बाहर निकाल कर मेरी गांड के छेद को चाटने लग जाते थे. मुझे इसमें भी बहुत मजा आ रहा था.

अगले दस मिनट तक ऐसे ही चुदाई और चुसाई का खेल चला और फिर हम दोनों ही साथ में झड़ गये. कुछ देर रुकने के बाद फिर मैं उठी और बाथरूम की तरफ जाने लगी. चाचा भी मेरे पीछे ही आ गये. उन्होंने मेरी चूत से निकल रहे पानी को अपने होंठों से चूस कर साफ कर दिया. फिर मैंने अपनी चूत को साफ करके चाचा के लंड को साफ किया और हम दोनों बाहर आ गये.

वापस आकर हम नंगे ही पड़े रहे और टीवी देखने लगे. चाचा बीच-बीच में मेरी चूचियों को छेड़ रहे थे. मैं भी उनके लंड को सहला देती थी.

फिर वो मेरी निप्पलों को चूसने लगे तो मुझे फिर से सेक्स चढ़ने लगा और मैंने उनके लंड को पकड़ कर चूसना शुरू कर दिया. चाचा भी जान गये कि मेरा मन फिर से चुदाई करने का हो चला है. उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चूत में अपना लंड पेल दिया.

मुझे घोड़ी बना कर चाचा सिसकारियां लेते हुए मेरी चूत को चादने लगे और मैं भी मजे से उनके लंड से चुदने लगे. वो बीच-बीच में मेरे चूचों को पकड़ कर खींच देते थे. मुझे बहुत मजा आ रहा था पीछे से चाचा का लंड अपनी चूत में अंदर लेने में. चाचा ने मुझे घोड़ी की पोजीशन में कई मिनट तक चोदा. उन्होंने मेरी गांड पर हाथ रख कर मुझे अपनी तरफ खींचा और फिर तेजी के साथ धक्के मारने लगे. उनका लंड अब मेरी चूत को फाड़ने लगा था.

तेज धक्कों के कारण मुझे दर्द होने लगा लेकिन चाचा की स्पीड तेज होती जा रही थी. मेरी चूत में दर्द के कारण लंड बर्दाश्त के बाहर होने लगा था और मैं उनसे रुकने के लिए कहने लगी लेकिन चाचा नहीं रुके और दो मिनट बाद फिर से मेरी चूत में अपना माल गिरा दिया. इस बार की चुदाई इतनी जबरदस्त थी कि पूरा बेड ही हिल गया था.

फिर चाचा ने मुझे सीधी किया और मेरे ऊपर आकर लेट गये. चाचा का नंगा बदन मेरे नंगे जिस्म के ऊपर पड़ा हुआ था. उनकी सांसें तेज हो गई थीं और मैं उनकी पीठ को सहला रही थी. वो कभी मेरी गर्दन किस कर देते और कभी मेरे चूचों पर. मुझे बहुत प्यार कर रहे थे चाचा. मुझे भी चाचा का ये प्यार पसंद आ रहा था.

इस तरह से उस रात हमने दो बार सेक्स किया और उसके बाद हम दोनों सो गये. उस दिन के बाद मुझे चाचा के साथ अकेली होने का मौका नहीं मिल पाया लेकिन एक दो बार जब मौका मिला तो हमने फिर से मस्ती भरा सेक्स किया. हम लोग अभी भी एक-दूसरे के साथ सेक्स करते रहते हैं. Chacha bhatiji pyar bhari chudayi sex stories.

तो दोस्तो, आपको मेरी यह चाचा भतीजी सेक्स कहानी पसंद आई या नहीं … मुझे बता देना. मैं आप सब के मेल का इंतजार करूंगी. मैंने अपना मेल आई-डी नीचे दिया हुआ है.

freestory.info@gmail.com

Partner sites : Call GirlsHyderabad escortsRaipur escortsBangalore escortsIndia Escorts

Click the links to read more stories from the category Family Sex Stories or similar stories about इंडियन कॉलेज गर्ल, कामवासना, चाचा भतीजी, चुची चुसाई, नोन वेज स्टोरीकामुकताChudai Ki Kahaniगंदी कहानीPorn story in Hindiकामवासना

और भी मजेदार किस्से: 

You may also like these sex stories