चाची की चूत का आनन्द

Chachi Ki Chut Ka Anand

Chachi Ki Chut Ka Anand – हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम संदीप है, में इंदौर मध्यप्रेदश में रहता हूँ. में आज आपको मेरी सच्ची स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ. वैसे तो मेरे लंड का साईज 9 इंच का है, यह घटना तब की है जब में 21 साल का था और फाइनल ईयर में पढ़ता था. वैसे तो मेरे 3 चाचीयाँ है, लेकिन में सबसे ज़्यादा मेरी छोटी चाची को पसंद करता हूँ, उनका नाम रीना है, उनका फिगर कुछ 36-32-36 साईज का है.

Antarvasna Hindi sex stories - Hot stories in Hindi

उनकी उम्र 38 साल की है. जब यह घटना हुई, तब उनकी उम्र 29 साल थी, उनके बड़े बूब्स मुझे बहुत पसंद है. वो जब से हमारे घर आई. तब से में उनको पसंद करता था और सेक्स की भावना भी मुझमें कम उम्र में ही आ गयी थी. पहले तो हमारी जॉइंट फेमिली थी, लेकिन बाद में सब अलग-अलग हो गये. फिर भी सब आस-पास ही रहते थे और सबका एक दूसरे के यहाँ आना जाना भी था.

फिर जब में 10वीं क्लास में था तो तब मेरा ध्यान उन पर कुछ ज़्यादा ही जाने लगा. अब में हर पल में उनके पास किसी ना किसी बहाने से जाता था और उन्हें देखता था. फिर एक दिन जब में उनके घर गया और हमेशा की तरह सोफे पर बैठ गया. फिर थोड़ी देर के बाद चाची बोली कि में बाहर जा रही हूँ, तुम्हें बैठना हो तो बैठो. फिर मैंने कहा कि ठीक है, में जाते समय घर लॉक कर दूँगा और फिर वो अंदर वाले रूम में चली गयी.

तभी मेरे दिमाग में विचार आया कि शायद चाची साड़ी चेंज करने गयी हो, तो में उस रूम की खिड़की जो हॉल की तरफ थी वहाँ जाकर देखने लगा और वो ख़िड़की लॉक नहीं थी तो मैंने हल्के से एक साईड खोला और अंदर देखा तो चाची सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में थी. अब उन्हें इस हालत में देखकर मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया था. अब मुझे ऐसा लग रहा था कि अंदर जाकर चाची को चोद दूँ, लेकिन में कुछ नहीं कर सका.

Chachi Ki Chut Ka Anand - Antarvasna

फिर उस दिन के बाद से जब भी मुझे चाची को कपड़े बदलते हुए देखने का मौका मिलता था, तो में मिस नहीं करता था. मेरे चाचा बिज़नसमैन थे, तो वो अक्सर टूर पर जाते थे इसलिए चाची हम बच्चों में से किसी को भी अपने घर में रात को सोने के लिए बुलाती थी. फिर जब भी मुझे पता चलता था तो में सबसे पहले पहुँच जाता था.

एक दिन चाचा फिर से कहीं बाहर गये, तो उस दिन रात को में चाची के घर में था. अब चाची और उनका बेटा नीचे सोए थे और में दीवान पर सोया था. अब मुझे तो वैसे भी नींद नहीं आ रही थी और में बार-बार चाची की तरफ ही देख रहा था और सोच रहा था कि किस तरह से में चाची के साथ सेक्स करूँ? वैसे तो में उनसे अपनी सारी बातें शेयर करता था, लेकिन में उनसे सेक्स के बारे में कैसे बात करता?

अब उन्हें सामने देखकर में खुद पर कंट्रोल भी नहीं कर पा रहा था, तो तभी में दीवान से उठकर नीचे चाची के बाजू में सो गया, अब चाची नींद में थी. फिर मैंने हल्के से उनके पैरो को अपने पैरो से टच किया, तो तभी चाची ने करवट बदली तो में डर गया और सोचा कि कहीं चाची जाग तो नहीं गयी है. उस समय उन्होंने गाउन पहन रखा था और गर्मी के दिन होने के कारण कुछ ओढ़ा भी नहीं था. फिर कुछ देर के बाद मैंने फिर से उनके पैरो को टच किया.

मैंने अपने एक हाथ को हल्के से उनके हाथ पर रख दिया, लेकिन में अब भी डर रहा था इसलिए फिर में उठकर वापस दीवान पर सो गया. वैसे तो में हर दिन सुबह चाची के घर उनके नहाने के समय पर जाता था और छुपके से उन्हें साड़ी बदलते देखता था. फिर एक दिन जब चाचा बाहर गये थे, तो में रात को वहीं सो गया. फिर सुबह जब मेरी नींद खुली तो तब 8 बज रहे थे. फिर में उठा तो चाची ने मुझे चाय के लिए पूछा, तो मैंने हाँ कहा, तो वो मेरे लिए चाय ले आई. फिर मैंने चाय का कप हाथ में लिया और चाय पीने लगा, तो तभी मुझे बाथरूम से पानी की आवाज आई तो में किचन की तरफ गया.

फिर मैंने किचन से बाथरूम की तरफ देखा, तो बाथरूम का दरवाजा लगा हुआ था. अब में समझ गया था कि चाची नहाने गयी होगी. फिर में धीरे से बाथरूम के पास गया, तो बाथरूम का दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था. फिर मैंने हल्के से अंदर देखा तो चाची अपनी साड़ी निकाल रही थी और फिर उन्होंने अपने बाकी के कपड़े भी निकाल दिए और अब वो सिर्फ़ पेटीकोट में थी.

Real Chudai Ki Kahaniyan - Explore Free Hindi Sex Stories

अब उनके बूब्स को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया था और फिर में बाहर आकर सोफे पर बैठ गया और सोचने लगा, तो तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया और में चाची का बाथरूम से निकलने का इंतज़ार करने लगा.

कुछ देर के बाद चाची बाहर आई और रूम में चली गयी. अब मैंने सोच लिया था कि आज में चाची को बोल ही दूँगा और इसलिए में डरते-डरते रूम के दूसरे दरवाजे से अंदर इस तरह गया कि उन्हें लगे कि में गलती से अंदर आ गया हूँ, में सिर्फ़ यही चाहता था कि में उन्हें दिखूं और उन्हें ऐसा लगे कि मैंने उन्हें कपड़े बदलते देख लिया है.

फिर में रूम में गया और उन्हें सामने देखकर में एकदम से पलट गया और वापस रूम से बाहर आ गया और सोचने लगा कि अब क्या होगा? अब मुझे बहुत डर लग रहा था कि कहीं चाची समझ नहीं गयी हो कि में जानबूझकर रूम में आया था. फिर थोड़ी देर के बाद चाची हॉल में आई और मुझसे बातें करने लगी. अब में उनसे नजर भी नहीं मिला पा रहा था.

तभी चाची बोली कि तुम जानबूझकर रूम में आए थे ना? तो पहले तो में कुछ नहीं बोला, लेकिन फिर हिम्मत करके मैंने हल्की आवाज में हाँ कहा. तो उस पर वो कुछ नहीं बोली और उठकर किचन में चली गयी. अब मुझमें भी हिम्मत आ गयी थी और फिर में उनके पीछे किचन में चला गया और चाची से एक गिलास पानी माँगा, तो उन्होंने पानी का गिलास मेरे हाथों में दे दिया.

फिर मैंने पानी पीते-पीते उनसे कहा कि क्या में आपसे एक बात कहूँ? तो वो बोली कि हाँ. तो तब मैंने कहा कि में आपको ब्रा और पेंटी में देखना चाहता हूँ. तो ये सुनते ही वो एकदम से मुझे गुस्से से देखने लगी और फिर अचानक से हंस पड़ी और ना करने लगी. फिर मेरी लाख कोशिशो के बाद आख़िर में वो मान ही गयी, लेकिन बोली कि बस और कुछ नहीं, तो मैंने कहा कि ठीक है और फिर हम दोनों बेडरूम में चले गये.

पहले तो उन्होंने अपनी साड़ी निकाली, फिर ब्लाउज, फिर पेटीकोट. अब में उनसे 5 फुट की दूरी पर खड़ा था, में उनको सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में सपनों में ही देखता था, लेकिन रियल में देखना शायद मेरा लक मेरे साथ था. अब तो बस मन में एक ही इच्छा थी कि में उनकी चुदाई करूँ. फिर में थोड़ा उनकी तरफ बढ़ा, तो वो बोली कि नहीं. फिर तब मैंने कहा कि क्या में आपके बूब्स को हाथ लगाऊँ? तो वो हाँ बोली, तो तब में उनके पास गया. अब उनके बूब्स पर हाथ रखते ही मेरे शरीर में करंट सा दौड़ने लगा था. अब मेरा लंड पूरे जोश में था और अब में इस मौके को गवाना नहीं चाहता था.

फिर मैंने उन्हें ज़ोर से पकड़ लिया और उनके होंठो पर किस करने लगा, तो वो मुझे धकेलने की नाकाम कोशिश करती रही, लेकिन उनकी एक नहीं चली. फिर मैंने उन्हें पलंग पर खींचा और तुरंत अपने कपड़े उतार फेंके और उन पर चढ़ने लगा.

फिर में बारी-बारी से उनके लिप्स, बूब्स और चूत को चूसने लगा, तो धीरे-धीरे वो भी मेरा साथ देने लगी. फिर जब मुझे उनका साथ मिलने का सिग्नल मिला तो मैंने उनकी ब्रा और पेंटी निकाल फेंकी और अपने लंड को उनकी चूत पर रख दिया और फिर ज़ोर का एक धक्का दिया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत में समा गया और उनके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी.

फिर मैंने भी अपनी गति को बढ़ा दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा, तो कुछ देर के बाद ही में झड़ गया और उनके ऊपर ही सोया रहा.

Sexy Hindi Kahaniyan - Best adult stories in Hindi

फिर कुछ देर के बाद हम उठे और फिर में अपने कपड़े पहनकर बाहर आ गया. अब मुझे तो इतना आनंद आ रहा था जिसकी कल्पना भी मैंने नहीं की थी. अब तो में बार-बार उनसे सेक्स करने के लिए सोच रहा था और उस दिन के बाद से हम हर दिन सेक्स किया करते थे.

हमारा ये सिलसिला 5 साल तक चला. फिर धीरे-धीरे उनकी इच्छा कम होती गयी और हमारा सेक्स रिलेशन सिर्फ़ चाची और भतीजे के रीलेशन पर वापस आ गया, लेकिन में आज भी उनसे उम्मीद लगाकर हूँ कि शायद वो फिर मुझे सेक्स करने के लिए बुलाए. वैसे में सेक्स का इतना भूखा हूँ कि में आज भी कोई लेडी को ढूंढ रहा हूँ, जो मेरे साथ सेक्स करे और मुझे वही आनंद दे, जो मुझे मेरी चाची से मिला था.

Click on the links to explore more stories in this category Family Sex Stories or Similar stories about ओरल सेक्सकामवासनाकामुकता

Hyderabad में एक यादगार अनुभव की तलाश है? हमारी एजेंसी आपके लिए बेहतरीन Escorts का चयन प्रदान करती है, जो आपको एक अविस्मरणीय समय देने के लिए यहां हैं। चाहे आप साथी की तलाश कर रहे हों, एक शानदार रात बिताना चाहते हों, या निजी लम्हों का आनंद लेना चाहते हों, हमारे पास आपकी जरूरतों के अनुसार एक आदर्श Escort है। Find the perfect match for your desires: Hyderabad Escorts.