(Kunwari Bhanji Ki Vasna aur Mere Lund ki Masti)
दोस्तो, मैं शिवा . … आप सबने मेरी पिछली सेक्स कहानी गांव की देसी भाभी की मालिश और चुदाई एक बार फिर मैं अपनी सच्ची कहानी आप सब लोगों के सामने पर लेकर आया हूँ. इस कामुक कहानी में आप लोग पढ़ेंगे कि किस तरह मैंने अपनी कुंवारी भांजी की सील तोड़ चुदाई की. Kunwari bhanji ki vasna hindi sex story.
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वो नवंबर का महीना था और मैं अपनी दीदी के यहाँ गया. मेरी दीदी मुझसे उम्र में बहुत बड़ी हैं. मतलब जब मेरी दीदी की शादी हुई थी, तब मैं पैदा भी नहीं हुआ था. मेरी दीदी की तीन बेटियां हैं, उनमें से दो की शादी हो चुकी है और एक अभी कुंवारी है, जो घर पर ही रहती है.
मैं दीदी के घर पहुंचा, तो मुझे आया देखकर सब लोग बहुत खुश हुए. उसी समय मेरी भांजी आयी. उसने मुझे ठिठोली करते हुए कहा- अरे मामा आज हम लोगों की याद कैसे आ गयी?
मुझे उसके बात करने का अंदाज कुछ अलग सा लगा. मैंने भी उससे कहा- अपनों की याद तो हर किसी को आती है.
इस पर मुझे जबाब मिला- आपने हमें अपना समझा कब था?
मैंने कहा- तुम कहना क्या चाहती हो?
तब तक दीदी चाय ले आईं और उन्होंने कहा- लो चाय पियो.
दीदी के आने पर हम दोनों चुप हो गए.
उस समय तो बात टल गयी, पर मुझे कुछ शक हो गया कि ये कहना क्या चाहती है. हालांकि मेरा ऐसा कोई विचार नहीं था क्योंकि वो मेरी भांजी थी.
हम लोग फिर से बातें करने लगे. दीदी के यहाँ इस समय हम सब पाँच लोग थे. मेरी दीदी, जीजा जी, मैं, मेरी भांजी और भांजा … जो कि अभी सिर्फ चार साल का था.
तभी अचानक किसी का फोन आया कि जीजा जी के मौसा जी की मौत हो गई.
ये जानकारी मिलते ही घर में कुछ अजीब सा माहौल हो गया. दीदी जीजा जी और मेरा भांजा वहां जाने को तैयार होने लगे. Kunwari bhanji ki vasna hindi sex stories.
दीदी बोलीं- शिवा, अब जब तक हम लोग न आ जाएं, तब तक तुम जाना नहीं … क्योंकि अंजू अकेली है. तुम तो जानते ही हो कि जमाना ठीक नहीं है.
मैंने कहा- आप बेफिक्र होकर जाओ दीदी, मैं इधर से कहीं नहीं जाऊंगा.
कुछ देर बाद दीदी जीजा जी भांजे को लेकर चली गयीं.
दीदी के जाने के बाद मैं फिर से अंजू की बातों को सोचने लगा. अंजू का मुझे देखने का तरीका कुछ अलग रहा था.
दिन निकल गया हम दोनों बात करते रहे टीवी देखते रहे. अब रात के 8 बज चुके थे.
तभी अंजू ने कहा- मामा खाना खा लो. मैंने खाना बना दिया है.
हम दोनों ने खाना खाया और बैठ कर बातें करने लगे. बातों बातों में अंजू बोली- मामा आपकी गर्लफ्रेंड की कोई बात बताओ ना?
मैंने कहा- अरे … मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं.
उसने कहा- झूठ मत बोलो यार … मुझे सब पता है कि तुम गांव वाली मामी के साथ क्या करते हो.
मैंने कहा- क्या करता हूँ?
उसने बात टालते हुए कहा कि चलो रहने दो … बात को घुमाओ मत … मुझे आपको देखे हुए पूरे एक साल हो गया.
मैंने कहा- हां ये तो है … पर इस बात से तुम्हारा मतलब क्या है?
उसने कहा- कुछ नहीं … आप लेटो, मैं रसोई का काम खत्म करके आती हूँ.
वो चली गयी. जब वो पीछे मुड़ी, तो मैंने उसे गौर से देखा. मुझे लग रहा था कि अब वो एक जवान खूबसूरत और मदमस्त लड़की बन चुकी थी. उसकी मटकती गांड मुझे बता रही थी आज ये मुझसे चुदना चाहती है.
मैं उसके चूतड़ों को बड़ी वासना से देख ही रहा था कि तभी उसने पीछे पलट कर कहा- आप मुझे ऐसे क्या देख रहे हो … चलो बिस्तर पर जाओ.
मैं बेड पर लेट गया और वो काम करने चली गयी. Kunwari bhanji ki vasna sex story.
उसके जाने के बाद मैं अपने फोन पर एक सेक्सी हॉलीवुड की मूवी देखने लगा.
लगभग आधा घंटे बाद अंजू दूध लेकर आयी और बोली- लो पहले दूध पी लो, फिर मूवी देखना. मैं भी साथ में देखूँगी.
मैंने दूध का गिलास पकड़ लिया.
वो जाने लगी और बोली- मैं चेंज करके आती हूँ.
पूरे 20 मिनट बाद मैंने सामने देखा तो मेरे होश उड़ गए. वो हाफ लोवर और टी-शर्ट में मेरे सामने खड़ी थी. चुस्त टी-शर्ट में उसके मम्मों का उभार क्या मस्त लग रहा था.
दोस्तों वो मेरे साथ रजाई में घुस गयी और बोली- लाओ मोबाइल इधर को करो … मुझे भी फिल्म दिखाओ.
मैंने कहा- नहीं तुम अपने बिस्तर पर जाओ और जाकर टीवी देखो.
वो बोली- नहीं … या तो तुम भी वहां चलो, मुझे अकेले डर लग रहा है.
मैंने कहा- देखो एक साथ नहीं लेटते.
उसने कहा- मैं कभी अकेली नहीं लेटती हूँ … मुझे अकेले सोने में डर लगता है, इसलिए तो मैंने कहा है.
मैंने कहा- ठीक है … यहीं लेट जाओ.
वो लेट गयी. मैं उसे फोन देकर साइड में सोने लगा. मेरे फोन में कुछ पोर्न वीडियो भी थे. पर मैंने सोचा कि ये थोड़ी देर मूवी देखकर सो जाएगी. पर उसने मूवी न देखकर मोबाइल से खेलना शुरू कर दिया. मेरे मोबाइल के फोल्डर चैक करने लगी. जिससे उसे पोर्न वीडियो की फाइलें मिल गईं. वो उन्हें देखने लगी.
मैं अब तक सो सा चुका था, तभी मुझे लगा कि किसी ने मेरे पेट पर हाथ रखा. मैंने हाथ हटा दिया और फिर सो गया.
उसके कुछ समय बाद मुझे लगा कि कोई मेरा लंड हिला रहा है. मैंने आंखें खोलकर देखा तो अंजू केबल ब्रा और पेंटी में मेरे बाजू में थी और एक हाथ से मेरा लंड और एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थी.
मैंने उससे लंड छुड़ाते हुए कहा- ये क्या कर रही हो … मैं तुम्हारा मामा हूँ.
उसने कहा- मैं तुमसे प्यार करती हूँ … इसलिए आज तुम्हें मेरी आग शांत करनी होगी … मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी. आज जब मौका आया तो उसे जाने मत दो, मैं आज तक किसी से नहीं चुदी … अब तुम मेरी आग बुझा दो, मेरी चूत जल रही है.
दोस्तो, जिसके सामने नंगी लड़की पड़ी हो और चुदाई करने की बात खुल्लम खुला कर रही हो, तो एक जवान मर्द क्या करेगा? वो तो उसे चोदेगा ही, फिर चाहे बहन या बेटी ही क्यों न हो.
मैंने उसे गले लगाते हुए कहा- क्या सच में तुम अभी तक कुंवारी हो?
उसने कहा- हां मेरे राजा … आज मैं तुमसे ही अपनी सील तुड़वाऊंगी.
मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया और वो मुझे लिप किस करने लगी. मैं उसके मम्मे दबाने लगा. हम दोनों की चुदास भड़क उठी. मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और उसके मम्मों को चूसने और मसलने लगा. अंजू धीरे धीरे मादक सिसकारियां भर रही थी.
उसने मेरे लंड पर हाथ फेरा, तो मैंने उसकी पेंटी निकाल दी. उसकी चूत एकदम गुलाबी थी और एकदम चिकनी थी. मेरी भांजी की चूत पर एक भी बाल नहीं था.
पहले मैंने अपनी पोजीशन बदली. मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और उसकी चूत पर किस किया.
वाह क्या मादक खुशबू आ रही थी.
मैंने चुदाई कई बार की थी, पर ऐसी चूत पहली बार देख रहा था. मेरा मन कर रहा था कि इसे खा जाऊं.
फिर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया. वो मस्त टांगें फैलाकर चूत चटवा रही थी और सेक्सी आवाजों के साथ मुझे जोश दिला रही थी. वो गांड उठाते हुए कह रही थी- आह … और जोर से चाटो … खा जाओ इसे आज … साली बहुत दिनों से तड़प रही थी. Kunwari bhanji ki vasna sex stories.
लगभग दस मिनट तक चूत चटवाने के बाद मेरा मुँह अपनी चूत में दबाकर गांड उठाते हुए वो झड़ गयी.
आह क्या टेस्टी पानी था उसकी चूत का..
फिर उसने मेरे सारे कपड़े उतारे और मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी. दोस्तों उस समय मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में हूँ. ऐसा सोचते 10 मिनट बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. वो भी मेरा सारा माल पी गयी और चाट चाट कर मेरे लंड को उसने साफ कर दिया.
हम लोग एक दूसरे को किस करने लगे.
अंजू बोली- अब अपना लंड मेरी चूत में डालो यार … अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
लेकिन मेरा लंड तो अब झड़ कर शांत हो चुका था. मैंने उससे कहा- लंड खड़ा करो, तो तुम्हारी चुदाई करूं.
उसने मेरा लंड फिर से मुँह में ले लिया और उसे अपनी चूत के लिए तैयार करने लगी. वो मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसके मम्मों को मसल रहा था.
कुछ ही देर बाद मेरा लंड फिर से एक रॉड की तरह खड़ा हो गया. अंजू मेरे लंड को तन्नाते हुए देख कर बोली- चलो लंड खड़ा हो गया, अब इसे मेरी चूत डाल दो. मेरी गर्म चूत को ठंडा कर दो.
मैंने उसे चित लिटा दिया और लंड उसकी चूत पर सैट करके धक्का दे मारा. पर चूत टाइट होने की वजह से लंड फिसल गया. मैंने फिर कोशिश की, मगर लंड बार बार फिसल रहा था.
फिर मैंने वैसलीन ली और उसे अपने लंड और अंजू की चूत में लगाकर चिकनाई पैदा की. अब मैंने फिर से लंड उसकी चूत पर सैट करके धक्का मारा, तो इस बार मेरे लंड का टोपा उसकी चूत में घुस गया.
लंड का टोपा चूत के अन्दर जाते ही उसकी चीख निकल गयी. वो दर्द से तड़फने लगी और बोली- उई माँ … मैं मर गई … इसे जल्दी बाहर निकालो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
पर मैंने उसके होठों को दबाते हुए दूसरा धक्का दिया और इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो रोने लगी उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे.
मैं थोड़ी देर रुका और फिर तीसरा धक्का दे दिया. इस बार मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया. वो दर्द से बुरी तरह से तड़प रही थी. उसकी सील पूरी तरह टूट चुकी थी और उसकी चूत से खून निकल रहा था.
थोड़ी देर बाद जब वो सामान्य हुई, तो उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कराहट दिखी. ये देखते ही मैंने लंड आगे पीछे करना शुरू किया. अब उसे भी मजा आ रहा था और वो भी गांड उठाकर मेरा साथ दे रही थी. मेरी भांजी की चूत में मेरा लंड धकापेल दौड़ लगा रहा था. Kunwari bhanji ki vasna antarvasna story.
अंजू सेक्सी आवाजों के साथ बोल रही थी- आह … चोदो मुझे और तेज चोदो … फाड़ दो मेरी चूत को …
इसी तरह काफी देर तक की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला हो गया था. जबकि वो इस बीच दो बार झड़ चुकी थी.
मैंने उससे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ … माल कहां निकालूँ?
उसने कहा- मामा, अन्दर ही निकालो, भर दो मेरी चूत को अपने पानी से.
मैंने ये सुनते ही अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसकी चूत में ही झड़ गया. झड़ने के कुछ पल बाद मैं उसके ऊपर लेट गया.
थोड़ी देर बाद हम लोग उठे, तो वो ठीक से चल नहीं पा रही थी. मैं उसे सहारा देकर बाथरूम तक ले गया. उसने उठते समय जब चादर पर पड़ा खून देखा, तो वो डर गयी और बोली कि इतना खून कहां से आया.
मैंने कहा- पहली बार में ऐसा ही होता है … इसमें डरने की कोई बात नहीं है.
वो बाथरूम में जाकर चूत साफ़ करने लगी. मैंने भी लंड साफ़ किया और हम दोनों वापस कमरे में आ गए.
मैंने चादर बदली और हम दोनों लेट गए.
उस रात हम दोनों नंगे ही लेटे रहे. रात को ढाई बजे मेरे लंड ने फिर से अंगड़ाई ली. तो मैंने उसको हिलाया और फिर से चुदाई करना चालू कर दी.
इस बार उसने बड़े मजे से लंड का स्वागत किया. हम दोनों ने खूब खुल कर चुदाई का खेल खेला.
अब जब भी हम दोनों मिलते, चुदाई कर लेते. Kunwari bhanji ki vasna story.
आपको मेरी भांजी अंजू की सील तोड़ चुदाई की कहानी कैसी लगी … प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं.
freestory.info@gmail.com
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