सरोज मौसी का कोठा

Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

हेलो दोस्तों, मैं सरोज मौसी के कोठे की सबसे महँगी रंडी हूँ, लोग मेरी एक झलक को तरसते है| इस desi kahani में मैं आपको बताउंगी कि कैसे मैं एक साधारण लड़की से नायब रंडी बनी. अगर आप किसी कोठे में नहीं गए हो तो इस Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story में आपको एक कोठे के अन्दर का माहौल भी पता चल जायेगा| कहानी शुरू करती हूँ–

बात उन दिनों की है जब मुंबई में दंगे चल रहे थे। पुणे में भी कुछ दिनों के लिए बस सर्विस बंद थी।
मैं उन दिनों पुणे के लिए एक बस में चली। बस में मेरी बगल में सरोज नाम की आंटी बैठी थीं। सरोज आंटी से मेरी अच्छी जान पहचान हो गई।

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बस बड़ी धीरे सफर कर रही थी। शाम के 2 बजे बस ख़राब हो गई। बस वाले ने कहा अब बस नहीं चलेगी। पुणे ४० किमी दूर था। बस में मैं और आंटी ही अकेली औरतें थीं। मैं घबरा रही थी बस में कुछ गुण्डे टाइप लोग भी थे जो रास्ते भर हमें गंदे गंदे इशारे कर रहे थे।
आंटी मुझसे बोली- मैंने टैक्सी बुलाई है, तुम पुणे तक साथ चल सकती हो लेकिन उसके आगे रास्ते बंद हैं। मैं खुश हो गयी, मैंने कहा- आंटी मैं आपके साथ रुक जाऊंगी।

Aunty बोली ठीक है लेकिन मैं तुम्हें कुछ बताना चाहती हूँ। आंटी ने कहा- बेटी, मैं एक कोठे की मालकिन हूँ मेरा कोठा बुधवार पेठ में है वहाँ पर ५० -६० लड़कियां धंधा करती हैं। पूरे दिन रात उनकी चुदाई होती है। पर यह मेरा वादा है कि अगर तुम मेरे साथ चलोगी तो तुम्हारी मर्जी के बिना मैं तुम्हारी चुदाई तो नहीं होने दूंगी लेकिन तुम्हारी चूची और चूतड़ दब सकते हैं, मतलब तुम्हारी जवानी लुटेगी तो नहीं लेकिन मेरे गुंडे मस्ती करने से बाज़ नही आयेंगे। बाकी अगर कहीं और रूकती हो तो जवानी लुट भी जायेगी और ब्लू फ़िल्म अलग से बन जायेगी, मुझे पुणे का सब पता है, वैसे तुम शादीशुदा हो कोठे पे छेड़छाड़ से मजा ही आएगा।

आंटी की बात सुन मैं डर गई लेकिन मेरी चूत में खुजली सी भी मची कि कोठे की मस्ती में मज़ा तो बहुत आएगा।
मैंने- कहा आंटी, यहाँ चूत तो चुदेगी ही, जान का भी खतरा है। यह बस के ही लोग मुझे चौद डालेंगे, सब गुण्डे टाइप लग रहे हैं। आप ले चलो, कोठे पे ही सही।
थोड़ी देर में आंटी की टैक्सी आ गई। हम उसमें बैठ गए। आंटी ने पुणे से ५-६ किलोमीटर पहले ही मुझे बुरका पहना दिया और ख़ुद भी बुरका पहन लिया।

शाम ४ बजे हम बुधवार पेठ में आंटी के कोठे पे थे। कोठे पे हमारे घुसते ही एक मुस्टंडे ने मेरे चूतड़ पीछे से दबा दिए और बोला- मौसी माल तो बड़ा तगड़ा लायी हो, आज्ञा हो तो नंगा कर दूँ कुतिया को।
मौसी ने कहा- हरामी हाथ मत लगाइयो, मेहमान है, चल बेटी अंदर चलें।
अंदर रंडियाँ अर्द्धनग्न खड़ी थी कुछ पेटीकोट और आधे से ज्यादा खुले ब्लाऊज़ पहने थी. Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

मौसी मुझे चौंकते देख कर बोली- अरे चौंक क्यों रही है यह कोठा है, रात को दिखाउंगी कैसे यह रंडियाँ ६-६ लंड खाती हैं. आ चल थोड़ा फ्री हो लें। तुझे भी तो थोड़ी रंडीबाजी सिखा दूँगी, ताकि तुझे याद तो रहे की कभी कोठे की सैर भी की थी। घबरा मत तेरी चूत तभी चुदेगी जब तू चाहेगी लेकिन मर्दों के लंड तो पकड़ ही सकती है और चूची चूतड़ तो दबवा ही सकती है। रोज रोज एस मस्ती तो नही मिलेगी। परमानेंट रंडी बनने में तो प्रॉब्लम हैं लेकिन एक दिन रंडीबाजी करने में तो मज़ा ही मज़ा है।

मौसी की बात मुझे कुछ सही लगी। मैं और आंटी अब आंटी के कमरे में आ गई थी। कमरा फाइव स्टार जैसा था। आंटी ने अपनी साड़ी ब्लाउज उतार दिया। आंटी की चूचियां पपीते जैसे लटक रहीं थी, आंटी सिर्फ़ पेटीकोट पहने थीं। आंटी ने घंटी बजाई, एक मुस्टंडा अंदर आया, आंटी बोली- शंकर जरा पानी-वाणी पिला !
आंटी मुझे देखकर मुस्करा कर बोली- शरमा रही है, अभी तुझे नंगा कराती हूँ, कोठे की मस्ती तो चख ले।
मैंने कहा- नहीं मौसी, मुझे नंगा नही होना !

मौसी मुस्कराईं, बोली- हमारा वादा केवल तेरी चुदाई न होने तक का है।
शंकर पानी लेकर आ गया। हम दोनों को बड़े प्यार से उसने पानी पिलाया. मौसी बोली- अबे शंकर तेरी मौसी नंगी खड़ी हैं और साली यह हरामन कपड़े पहने हुए है, चल जरा इसे नंगा तो कर।

शंकर ने एक झटके में मेरी साड़ी खींच दी और मेरा ब्लाउज हाथ से खींच कर फाड़ दिया। मेरी ब्रा आधी लटक गई जिसे उसने एक झटके में उतार दिया। अब मैं पेटीकोट में थी, यह सब कुछ सेकंड में ही हो गया मैं विरोध भी नहीं कर पाई। शंकर पेटीकोट भी फाड़ने वाला था लेकिन मौसी ने इशारे से उसे बाहर भेज दिया।
मेरी संतरे जैसी चुचियों पर मौसी ने हाथ फिराकर कहा- माल तो बड़ा तगड़ा हैं तेरा ! एक रात के दस हज़ार तो आराम से लगेंगे, बोल चुदना है क्या पूरे दस तेरे ! मेरी चूत में हलचल हो रही थी।

मौसी ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और ख़ुद भी बगल में लेट गयीं, कहा- तुझे मैं कोठे की मस्ती करवाती हूँ, करके देख, कैसे रंडियां लोड़े से खेलती हैं, मर्दों की मुठ कैसे मारती हैं, लंड चूसती हैं तुझे सिखाती हूँ। चुदने का मन हो तो बताना चुदाई भी करवा दूँगी गांड और चूत दोनों की। फुल मस्ती कर आज रात जिन्दगी भर याद रहेगी।
मौसी की बातों से मुझे मस्ती आने लगी। मेरा मन मुस्टंडौं के सामने नंगी होने का करने लगा, मेरी चूत से भी पानी रिसने लगा था।

बोली- अब तू मेरे कोठे की रांड है, तेरी चूत और गांड तेरी मर्ज़ी पर छोड़ती हूँ, बाकी तेरे को आज की रात के लिये रंडी बनाती हूँ, समझी! रंडीबाजी का मतलब होता है नग्न अदायें दिखाना, नंगी चूचियां कर के कस्टमर से दबवानी, लंड चूसना, लोड़ों को हाथों से मसलना और लंड की मुठ मारनी, पूरी नंगी होकर चूत चुसवानी, बाकी बची चूत और गांड की चुदाई तो वह सब से आख़िर में आती है। Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

५ बज रहे थे, मौसी ने एक चुन्नी मेरे नग्न दूधों पे डाल दी और बोली- चल तेरा रंडियों जैसा सिंगार करवाती हूँ। मौसी मुझे सिंगार रूम में ले जाने लगीं रास्ते में मौसी के गुंडे घूम रहे थे। मेरी नग्न चूचियां सब घूर घूर कर देख रहे थे।
सिंगार रूम का सीन बड़ा आकर्षक था। चार -पाँच रंडियाँ शीशे के सामने मेक अप कर रहीं थी, सभी टोपलेस थीं, कुछ नंगी होकर चूत में क्रीम लगा रहीं थीं। कुछ गुंडे टाइप लोग कमरे में घूम रहे थे। एक दो गुंडे रांडो की चूचियां मसल रहे थे। सीन बड़ा ही सेक्सी था।

मौसी मुझे देखकर मुस्कराईं बोली- चल तू भी नंगी हो ! तेरा माल भी तो देखें जरा हम !
मौसी ने कहा- चल पेटीकोट उतार ! शरमा नहीं ! रंडी बन जा आज रात के लिए ! अगर मस्ती के साथ करोगी तो बहुत मजा आएगा, देख सब राँडे नंगी मस्ता रहीं हैं।

मेरी चुचियाँ तो नग्न थी हीं, मैंने शरमाते हुये अपना पेटीकोट भी उतार दिया। अब मैं सिर्फ़ चड्डी में थी। चड्डी उतारने में मुझे शर्म आ रही थी। मौसी ने सीटी बजा कर शंकर को इशारा किया। शंकर ने पीछे से आकर मेरी चूचियां कस कर मसल दी। इस बीच राजू मुस्टंडे ने आगे से मेरी चड्डी उतार दी, अब मैं पूरी नंगी थी।

मौसी ने मेरी झांटो वाली चूत की तरफ़ देख कर कहा- अरे तुम साली औरतें पति को भी मस्ती ठीक से नहीं देती क्या काला जंगल उगा रखा है ! Mausi ने एक रंडी को इशारा कर कहा- जरा झांटे साफ़ करने वाली क्रीम तो ला !
मौसी ने मेरी चूत पर क्रीम लगा दी और मुझे एक गद्दे पे बठने को कहा और बोली- पाँच मिनट में तेरी झांटे साफ़ हो जाएँगी।

अब मैं नंगी बैठी कोठे के नज़ारे देख रही थी, शर्म आ रही थी, गुंडे बार बार गंदे इशारे कर रहे थे। पाँच मिनट बाद रितु नाम की रांड ने मेरी चूत गीले कपड़े और पानी से साफ़ कर दी, अब मेरी चिकनी चूत चमचमा रही थी। मेरी शर्म भी धीरे धीरे कम हो रही थी। Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

मौसी ने कहा- ६ बज गए हैं, धंधे का टाइम हो रहा है, मैं जरा धंधे को देखती हूँ, तू जरा कोठे पे घूम और रंडियों की तरह मस्ता ! तेरे साथ रितु नाम की रंडी की ड्यूटी लगा देती हूँ। ८ बजे तेरे ऊपर भी एक-दो कस्टमर चढ़वाती हूँ।
मौसी की बातों और कोठे के नजारों से मेरी चुदने की इच्छा बढती जा रही थी।

रितु ने मुझे बताया- तू मेहमान है इसलिए मौसी इतने प्यार से बात कर रहीं हैं वरना जिस रंडी से गुस्सा हो जाती हैं, पूरी रात उसकी गांड और चूत अपने मुस्टंडों से चुदवाती हैं और पीटती अलग हैं सब मुस्टंडों के लंड बहुत मोटे और लंबे हैं। सारे मुस्टंडे कुत्ते की तरह मौसी के आगे दुम हिलाते हैं, मौसी के एक इशारे पे यह जेल पहुँच जाते हैं इतनी तगड़ी पहुँच है मौसी की। चल तुझे कोठे की सैर कराती हूँ, धंधा भी शुरू हो चुका है। पेटीकोट और ब्लाऊज़ डाल ले !

मैंने साइड में पड़ा हुआ एक पेटीकोट और ब्लाऊज़ पहन लिये। ब्लाऊज़ में एक ही हूक था, चुचियाँ आधी से जयादा खुली थी, थोड़ा हिलने पे निप्पल भी दिखने लगते थे, पेटीकोट नाभि के काफ़ी नीचे बंधा थे। रितु भी एक मिनी स्कर्ट और मेरी तरह ब्लाऊज़ पहने थी।

मैं बिल्कुल धंधे वालियों जैसे लग रही थी। मौसी ने मेरी चूत पे जो क्रीम लगायी थी उससे मेरी चूत में लंड खाने की इच्छा भी बढ़ रही थी. मैंने जब रितु को यह बताया तो रितु मुस्कराई, बोली- मौसी तुझे चुदवा कर ही जाने देंगी ! बड़ी गुरु हैं मौसी !

रितु मुझे पहले डांस रूम में ले आई। यहीं से कस्टमर अंदर आते थे। डांस रूम काफी बड़ा था। मौसी वहाँ गद्दी पर बैठी हुईं थीं, मुस्टंडे चारों तरफ़ टहल रहे थे। ५-६ लड़कियाँ अर्धनंगी होकर डांस कर रहीं थी। साइड में मेरी जैसे ड्रेस पहने १०-१०, २०-२० के झुंड में रंडियां बैठी हुईं थी. नाचने वाली लड़कियाँ डांस कम रंडीबाजी ज्यादा कर रहीं थी वो अपना लहंगा बार बार उठा रहीं थी और बार बार अपनी चूत दिखा रहीं थी।

मुस्टंडों से बीच बीच में कुछ सेकंड्स के लिए अपनी चूचियां मसलवा रही थीं। बीच बीच में एक दो गु्ण्डे आकर रंडियों की ब्लाऊज़ और टॉप उठाकर उनकी चुंचियाँ खोल देते थे, जिसे वो दुबारा ढक लेती थीं।

करीब १०-२० ग्राहक वहाँ डांस देख रहे थे और वो बीच बीच में नोट भी फेंक देते थे। रितु ने मुझे बताया- यहाँ तीन रेट में लड़कियाँ बिकती हैं, वो जो घटिया सी दिख रहीं हैं आंटी टाइप उनके रेट १०० से ३०० रुपए एक तक घंटे हैं, दूसरी साइड वालियों के ५०० से १००० रूपए तक एक घंटे का हैं। मौसी के पास जो बैठीं हैं उनके रेट मौसी बताती हैं, सब १००० से ऊपर वाली हैं।

मौसी हर कस्टमर का पूरा ध्यान रखती हैं, रंडी अगर मस्ती नहीं देती तो उसकी खाट खड़ी कर देती हैं। मौसी का कहना है- चूचियां मसलवाने के लिए और चूत चुदवाने के लिए है, कस्टमर को जम कर मज़ा दो उसका लंड चाटो और चूसो एक घंटे मैं अपना दीवाना बना दो गांड भी मरवाओ उससे ! Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

अगर किसी भी रांड की शिकायत आती है कि उसने चूत चुदवाने में नखरे करे हैं तो उसकी खाल तो जलाती ही हैं साथ ही साथ १०-१० गुंडों से गांड और चूत भी चुदवाती हैं।
मौसी ने एक से एक नखरे वाली रंडियों को ठीक कर दिया है। वो जो जली हुई दिख रही है न उसने एक सफ़ेद दाग वाले नेताजी का लंड चूसने से मना कर दिया था, मौसी ने उसे जला दिया, अब सब करवाती है।

मौसी बड़ी खतरनाक हैं, लेकिन अगर कोई दारू में टुन्न आता है या अकड़ दिखाता है तो उसके नोट भी रख लेती हैं और लंड झड़वा के धक्के दे कर भगा देती हैं।
रितु ने बताया उसके रेट ३०००-४००० के बीच लगते हैं और वो सब करवाती है केवल गांड छोड़कर, गांड मौसी के ही कहने पे चुदवाती हूँ अब तक ४-५ बार ही कुछ बड़े लोगो से गांड मरवाई है। मुझे धंधा करते हुए ६ माह हो गए। मेरा प्रेमी बेच कर गया था मुझे, चल आ मौसी के पास बैठते है देख कैसे रंडियां बिकती हैं !!!!!

शाम के सात बज रहे थे, मौसी ने मुझे बगल में बुला कर बिठा लिया, मैं मौसी के पास जाकर बैठ गई। रंडियों का नाच चालू था, कोठे पर भीड़ बढ़ गई थी। मौसी बोली, “३० लड़कियाँ चुदने जा चुकी हैं। २५-३० और बच रही हैं, आठ बजे तक सब बिक जाएँगी। उसके बाद तो दूसरा राउंड शुरू हो जाएगा, नाच-वालियाँ १० बजे तक नाचती हैं, उसके बाद इनको चुदवाती हूँ।”

तभी एक ग्राहक आकार सोना नाम की रंडी का दाम पूछने लगा। सोना, मौसी के पीछे ही बैठी थी। मौसी बोली, “५००० हैं, चूत और गाँड दोनों चुदवाएगी।”

“३००० दूँगा, पुराना ग्राहक हूँ।”

“हरामी तुझे बहुत अच्छी तरह जानती हूँ, ८ इंच लंबा लंड है तेरा, गाँड फाड़ कर रख देता है। पिछली बार रेशमा को चोदा था साली एक घंटे तक उठ नहीं पाई थी, चल ४००० दे और ले जा इसे। सोना, गाण्ड में क्रीम लगा लियो… वरना रोएगी, यह बहुत बड़ा चोदू है। और तू जरा आदमी की तरह चोदियो, वरना घुसने नही दूँगी कोठे पर… हरामी। सोना के अभी मुझे दो राउंड और कराने हैं”

मौसी मुस्कुराई, ग्राहक भी मुस्कुराते हुई सोना को लेकर चला गया। सस्ती रंडियों ( १०० से ३०० वालियों) की बिक्री राजू मुस्टंडा देख रहा था। मौसी ने उसे बुला कर पूछा – “कितने जमा हो गए?”

“सस्ती वालियों में से २० धंधे पे बैठी हैं मौसी। ३० मर्दों को निपटा चुकी हैं, १५ से चुदवा रहीं हैं। ५ उधर बैठी हुई हैं, २ बीमार हैं। कुल १४,००० रुपये जमा हुए हैं” – राजू ने जानकारी दी।

“टॉप पर कौन चल रही है?”

“अंगूरी टॉप पर है, २ बार चुदवा चुकी, १ को निपटाने में लगी हुई है। १२०० रुपये उसी के नाम के हैं।”

“ठीक है, आज ३०००० से कम की रक़म जमा नहीं होनी चाहिए। जा धंधा देख।” Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

पप्पू ५०० से १००० वालियों की दलाली कर रहा था। मौसी ने उस से पूछा, “धंधा कैसा चल रहा है?”

“मौसी, २४ लौंडियाँ धंधे पे हैं, २० बार बिक चुकी हैं, १९ अन्दर लगवा रही हैं, ५ चुदने का इंतज़ार कर रही हैं। कुल १६००० रूपये जमा हुए हैं।” – पप्पू ने उत्तर दिया।

Mausi ने नज़र लड़कियों की तरफ़ घुमा कर देखी और कहा, “यह रेखा और सीमा आजकल कम बिक रही हैं। कल भी सालियों ने एक-एक बार ही चुदवाया था। कम से कम साली ३-४ बार तो चुदें। ये रंडीबाज़ी ठीक से नहीं कर रही हैं। कल से सस्ती वालियों में बैठाती हूँ, जब रिक्शे वाले चोदेंगे तब मज़ा आएगा इन्हें। तू आज ५०००० रुपये कलेक्ट कर दियो, कुत्तियों को चाहे ८-८ बार चुदवाना पड़े।”

मौसी के पास बैठी १२ रंडियों में से ८ चुदने जा चुकी थीं। मुझे मिला कर ४ रंडियाँ बची थीं तभी वहाँ दो लड़के मौसी की तरफ़ आए और मुझे देख कर बोले – “मौसी नया माल लग रहा है, कितने में दोगी?”

“तू बता कितने में चोदेगा? पुराना ग्राहक है” – मौसी बोली

“दो-दो हज़ार ले लेना, इसके और रितु के!”

“चोदू चोद तो बहुत चुका, लेकिन माल की समझ नहीं है तुझे, इसके संतरे देख ज़रा” – यह कहकर मौसी ने मेरे ब्लाउज़ का एकमात्र हुक खोल दिया।

मेरी गोल-गोल चूचियाँ फरफरा कर निकल पड़ीं। मैं एक दम से शर्मा गई, मैंने दोनों चूचियाँ अपने हाथों से छिपा लीं। मौसी डपट कर बोली – “हरामिन, ज्यादा नखरे किए तो यहीं सबके सामने चुदवा दूँगी मुस्टंडों से, चल हाथ हटा और मौसी ने मेरे हाथ को हटा दिया।”

अब मेरी चूचियों के दर्शन वो लड़के कर रहे थे, लड़कों के मुँह से निकल गया – “मौसी वाह, इसके संतरे तो बड़े लाजवाब हैं।” Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

मेरी चूत में खुजली बढ़ गई थी, मेरा मन अब चुदने का ज़ोरों से करने लगा था। मैं मन ही मन सोच रही थी की मौसी मुझे चुदने भेज दे इन लड़कों के साथ। लड़के बोले – “मौसी हम तो ५००० रुपये लाये हैं, इसे दे दो दो घंटे को ५००० में। हम-दोनों एक से ही काम चला लेंगे।”

मौसी बोली, “१०००० रुपये से कम में नहीं उठेगी। नयी रंडी है, तू कल चोद लियो इसे। तेरे बाप ने तो २०-२०,००० में रंडियों को चोदा है, ज़रा चूचियाँ मसल कर तो देख इसकी! ख़ुद ही कहेगा भाव अधिक नहीं है।”

मौसी ने मुझसे कहा – “जरा खड़ी हो कर चूची मसलवाने का मज़ा ले, पुराने ग्राहक हैं, यहाँ की हर बढ़िया रंडी चोद चुके हैं।”

मैं खड़ी हो गई, मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी। एक लड़के ने मेरी दोनों चूचियों को हाथ में पकड़ कर कस-कस कर मसल दिया। मेरे मुँह से आह… ऊह… की आवाज़ निकल गई, इसके बाद वहाँ खड़े मुस्टंडे ने उसे हटा दिया। अब दूसरे वाले ने एक हाथ से मेरी एक चूची मसली और दूसरे से मेरी दूसरी चूची की घुंडी कस कर घुमा दी, मेरी चूत पानी-पानी हो गई।

मौसी ने मुझे हाथ पकड़ कर नीचे बैठा लिया। लौण्डों के लंड टनक चुके थे, मौसी ने बगल में बैठी दोनों लड़कियाँ उनकी तरफ़ बढ़ा दीं और बोली, “कल तेरे लिए इसे बुक करती हूँ, अभी तू इन दोनों की चूत फाड़” – और मौसी ने वे दो रंडियाँ उन्हें सौंप दीं।

अब मैं और रितु, दो ही लड़कियाँ मौसी के पास रह गईं थीं। मौसी मेरी तरफ़ देखते हुए मुस्कुरा कर बोली, “मज़ा आया? देख तेरी चूचियाँ दिखा कर दोनों २-२ हज़ार में उठा दीं, वरना साली आज १००० में भी नही उठ रहीं थीं।”

मैंने कहा – “मौसी मस्ती तो बहुत आई।

डर नही मज़े कर, अभी तो तूने लौड़ा पकड़ कर भी नही देखा। फुल्ल मस्ती कर। चूत और गाँड तो तेरी तभी चुदेगी, जब तू ख़ुद कहेगी कि मौसी मुझे चुदवाओ।” – मौसी ने मेरे चूतङों पे हाथ फिरा कर कहा..

सरोज मौसी की टॉप रंडी की desi sex story का आखिरी भाग| कैसे उस कोठे के कामुक माहौल ने मुझे गरम भी कर दिया, नंगा भी और गीला भी| अब जानिए मेरी कहानी का अंजाम–

मौसी ने मुझसे कहा – “जरा खड़ी हो कर चूची मसलवाने का मज़ा ले, पुराने ग्राहक हैं, यहाँ की हर बढ़िया रंडी चोद चुके हैं।”

मैं खड़ी हो गई, मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी। एक लड़के ने मेरी दोनों चूचियों को हाथ में पकड़ कर कस-कस कर मसल दिया। मेरे मुँह से आह… ऊह… की आवाज़ निकल गई, इसके बाद वहाँ खड़े मुस्टंडे ने उसे हटा दिया। अब दूसरे वाले ने एक हाथ से मेरी एक चूची मसली और दूसरे से मेरी दूसरी चूची की घुंडी कस कर घुमा दी, मेरी चूत पानी-पानी हो गई। Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

मौसी ने मुझे हाथ पकड़ कर नीचे बैठा लिया। लौण्डों के लंड टनक चुके थे, मौसी ने बगल में बैठी दोनों लड़कियाँ उनकी तरफ़ बढ़ा दीं और बोली, “कल तेरे लिए इसे बुक करती हूँ, अभी तू इन दोनों की चूत फाड़” – और मौसी ने वे दो रंडियाँ उन्हें सौंप दीं।

अब मैं और रितु, दो ही लड़कियाँ मौसी के पास रह गईं थीं। मौसी मेरी तरफ़ देखते हुए मुस्कुरा कर बोली, “मज़ा आया? देख तेरी चूचियाँ दिखा कर दोनों २-२ हज़ार में उठा दीं, वरना साली आज १००० में भी नही उठ रहीं थीं।”

मैंने कहा – “मौसी मस्ती तो बहुत आई।

डर नही मज़े कर, अभी तो तूने लौड़ा पकड़ कर भी नही देखा। फुल्ल मस्ती कर। चूत और गाँड तो तेरी तभी चुदेगी, जब तू ख़ुद कहेगी कि मौसी मुझे चुदवाओ।” – मौसी ने मेरे चूतङों पे हाथ फिरा कर कहा..

अब आगे–
मौसी बोली – “६ बजे से धंधा शुरू करवाती हूँ। पहला राउंड ६-९ चलता है, दूसरा ९-११ चलता है, तीसरा ११-२ चलता है। सस्ती वालियों को छोड़, बाकी सब १-१, २-२ घंटे के लिये उठतीं हैं। कुछ रंडियाँ एक राउंड में २-३ बार भी चुद लेती हैं, वरना एक-एक बार तो सबको चुदना ही पड़ता है। अगर कोई रात भर में तीन बार नहीं चुदती हैं तो उसको दिन में पेलवाती हूँ। दूसरे राउंड में ७-८ रंडियों को नंगा करा के मुस्टंडों और ग्राहकों की गोद में बिठाती हूँ।

मुस्टंडे और ग्राहक उनकी चूचियों और चूत की मसलाई करते हैं और रंडियाँ उनके लौड़े निकाल कर मुट्ठ मारतीं हैं, जिन्हें दूसरे ग्राहक बड़े मस्त होकर देखते हैं। आज रितु और तुझे ग्राहकों की गोद में उनके लौ़ड़ों पर बिठाऊँगी। जब वो तेरी चूचियाँ और चूत मसलेंगे, तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा। आधे घंटे में यह मसलाई वाला शो कराती हूँ, ताकि ग्राहकों के लंड टनटनाएँ और सारी रंडियाँ जल्दी-जल्दी बिकें।”

मौसी की बात सुनकर मेरी चूत बुरी तरह सनसना गई और मेरी चूत में से पानी निकल गया। मौसी बोली, “अब तू एक काम कर, जा ज़रा कोठा घूम कर आ…” रितु की तरफ़ इशारा करते हुई मौसी ने कहा, “रितु, अब तो कोठे पे चुदाई का माहौल होगा। ज़रा हमारी नई रंडी रानी को कोठे की चुदाई तो दिखा के ला।” मेरी तरफ़ देखते हुआ मौसी ने कहा, “जा ज़रा चुदाई देख कर आ, अभी ७:३० बज रहे हैं, ८:३० बजे तक आ जाना। तुम दोनों की चूत और चूची का मुज़रा भी तो करना है मुझे।” और इतना कह कर मौसी मुस्कुरा दी

रितु ने मुझे साथ लिया और बोली – “चल घुमा कर लाती हूँ।”

सबसे पहले हम एक बड़े से हॉल में पहुँचे, “वहाँ सस्ती वाली रंडियों की चुदाई हो रही थी

बग़ल में बहुत से गद्दे पड़े थे, जिन पर रंडियाँ लेटी हुईं थीं। सब मोटी और भद्दी सी थीं और कुछ रिक्शे वाले जैसे लोग उनके ऊपर चढ़े हुए थे। रितु बोली – “सब की चूत भोंसड़ा हो रहीं हैं। २०-२० साल से चुदवा रहीं हैं, मौसी तो इन्हें भोंसड़ी वाली कह कर बुलाती हैं। सालियाँ एक दिन में १०-१० को निपटा देतीं हैं। आ पास से दिखाती हूँ।”

मैंने पास जाकर दखा तो एक भैंस जैसी मोटी औरत पर एक ५० साल का कमज़ोर सा बुड्ढा चढ़ा हुआ था, औरत की चूचियाँ पेट से चिपक रहीं थीं, बुड्ढा धक्के लगा रहा था। रितु ने कहा – “जरा इस रसिया का लौड़ा तो देख, झड़ा पड़ा है, फिर भी यह साला चूत पर चढ़ा पड़ा है।”

हम दोनों हँसते हुए आगे बढ़ गए। सब जगह एक सा ही हाल था। रितु बोली – “इनमें से कई तो ऐसी हैं, अगर १० मिनट से ज्यादा अगर कोई चोदे, तो यह एक झपकी नींद की भी मार लेतीं हैं।” हम दोनों खिलखिला कर हँस पड़े।

अब रितु मुझे ऊपर वाली मंजिल पर ले गई। वहाँ कई कोठरी जैसे कमरे बने हुए थे। Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

इस मंजिल पर ५०० से १००० वाली चुदती थीं। रितु ने कहा – “जितने कमरे बंद हैं, वहाँ लड़कियाँ चुद रहीं हैं, जो खुले हैं वो खाली हैं। एक कमरे में दो या दो से अधिक भी चुद सकती हैं।”

रितु बोली – “हर कमरे के दरवाज़े पर एक छेद बना हुआ है, अंदर का नज़ारा देखने के लिए। आ… ज़रा झाँक कर लड़कियों की चुदाई देखते हैं।”

रितु एक-एक छेद में झाँक-झाँक कर देखती जा रही थी। एक जगह उसने कहा – “यहाँ झाँक कर देख, मज़ा आएगा।”

मैंने जब झाँक कर देखा तो मैं देख कर दंग रह गई। अंदर एक लड़की मुँह में लौड़ा लेकर बड़ी मस्ती से लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और लड़का उसके चूतड़ दबा रहा था। कुछ देर बाद लड़के ने लौड़ा मुँह से निकलवा दिया और बोला रानी ज़रा घोड़ी बनो, तुम्हारी चूत पीछे से चोदता हूँ। उसने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में अपना लंड एक झटके में घुसा दिया। लड़की के मुँह से “आह मर गई…” की तेज़ आवाज़ निकली।

लड़के ने कमर से पकड़ कर उसकी चूत में तेज़-तेज़ धक्के मारने जारी रखे। लड़की ज़ोरों से चिल्ला रही थी। कुछ देर बाद लड़के ने धक्के मारना धीमा कर दिया और उस पर झुक कर उसकी चूचियाँ बेदर्दी से मसलने लगा। लेकिन रंडी चिल्लाये जा रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे उसे बहुत दर्द हो रहा हो।

रितु बोली – “यह १००० वाली रंडियाँ ऐक्टिंग करने में बहुत तेज़ होतीं हैं। साले का ५ इंच का ही लौड़ा है और यह कुतिया ऐसे चिल्ला रही है जैसे चूत में से बच्चा निकल रहा हो।”

फिर एक और कमरे में मैंने झाँका। अंदर दो लड़के एक लड़की पर चढ़े हुए थे। लड़की सीधी लेटी हुई थी, एक लड़की की जाँघें पकड़ कर फैलाए हुए था और उसकी चूत में सटासट लंड आगे-पीछे कर उसे चोद रहा था, तो दूसरा बगल से रंडी का मुँह तिरछा कर अपना लौड़ा चुसवा रहा था। क़रीब २ मिनट तक लगातार लड़की की चूत चुदती रही। फिर चूत में से लड़के ने लंड खींच लिया उसका लंड झड़ने वाला था। लौण्डे ने कंडोम उतार कर दो झटके लंड पर मारे और ढेर सारा वीर्य लड़की की चूचियों पर गिरा दिया।

फिर उसने अपने हाथों से लड़की की चूचियाँ कस-कस कर मसली और अपने गाढ़े लंड-रस से लड़की की मालिश कर दी। दूसरे वाले ने रंडी के मुँह से लंड निकाल लिया था। रंडी बोली तू भी चोद राजा कब तक लंड खड़ा रखेगा। दूसरे वाले का लंड काफ़ी अच्छा था, मेरा मन भी उसके लंड से चुदवाने का करने लग रहा था। दूसरे वाले ने रंडी को घोड़ी बना दिया और उसकी गाण्ड पर ढेर सारा थूक डाल दिया था। रंडी घबरा गई बोली – “राजा गाँड रहने दो, चूत मार लो, बहुत दर्द होगा। आपका लौड़ा बहुत बड़ा है।” लड़का बोला – “गाँड थोड़े ही न मार रहा हूँ, थोड़ा चेक कर रहा हूँ।” कह कर उसने अपनी ऊँगली उसकी गाँड में डाल दी और कस-कस उसे घुमाने लगा।

मुझे यह सब देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था। थोड़ी देर में लड़के ने ऊँगली निकाल कर एक झटके में उसकी गाँड में अपना लंड घुसा दिया… लड़की एक दम से चिल्ला पड़ी… ऊही… मर गई…, मर गई…। लड़के ने सटासट उसकी गाँड मारनी जारी रखी। रंडी के चिल्लाने की आवाज़ बाहर तक आ रही थी। रितु ने पीछे से मेरा पेटीकोट उठा कर मेरी गाँड में अपनी पूरी ऊँगली घुसा दी। मेरे मुँह से एक दम से “उई… मर गई” की आवाज़ निकल गई। Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

रितु बोली, “दूसरे की गाँड चुदाई देखने में बड़े मज़े आ रहे हैं। रात को जब तेरी मारी जाएगी, तब देखती हूँ।

मैंने शरमाते हुए एक मुस्कान भरी… मैंने कहा – “रितु चुदने का अब बहुत मन कर रहा है।”

रितु बोली – “चुदेगी, तू भी चुदेगी… और आज रात ही चुदेगी… और मोटे लंड से चुदेगी। मौसी तुझे ऐसे ही नही छोड़ेगी।”

रितु ने आगे बताया – “ये सब रंडियाँ ठेके पर २०-२० दिनों के लिए आतीं हैं। २० दिनों के बाद यह दूसरे कोठे पर चली जाएँगी। इनकी जगह नई आ जाएँगी, ताकि कोठों की रौनक बनी रहे। केवल ५-६ ही यहाँ की परमानेंट रंडियाँ हैं। चल, अब सबसे ऊपर की मंजिल पर चलते हैं, जहाँ मँहगी वाली लड़कियाँ चुदती हैं।

ऊपर वाली मंजिल पर भी कमरे बने हुऐ थे। रितु ने बताया कि यहाँ मँहगी वाली रंडियाँ चुदतीं हैं। यहाँ कुछ वातानुकूलित कमरे भी हैं, हर कमरे में वीडियो और टीवी है। ग्राहक xxx देखते हुए चोदते हैं। मैं अभी तक हर बार यहीं चुदी हूँ। तू भी इन्ही में से किसी एक कमरे में चुदेगी। अंदर एक कमरे में मैंने झाँक कर देखा तो एक आदमी रंडी को गोद में बिठाए हुए था और उसका लौड़ा उसकी चूत में घुसा हुआ था। दारू का गिलास लड़की के हाथ में था जिससे वह हल्की-हल्की चुस्कियाँ ले रहा था और लड़की के चूची की घुंडियों को नोच रहा था। शायद कोई xxx देख रहा था। बाकी कमरों के छेदों से कुछ लोगो की गाँड के सिवा कुछ नही दिखा।

यह सब देख मैं काफ़ी गरम हो गई थी। राजू और शंकर वहाँ चौकीदारी कर रहे थे। मुझे देखकर राजू बोला, “जब से तु्म्हें देखा है, मेरा लंड तो नीचे बैठ ही नहीं रहा है रानी। चूत नही तो एक बार चूचियों का दूध तो पिला दो। इस शंकर ने तो फिर भी एक बार तुम्हारी दबा रक्खी हैं।” Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

राजू की बात सुन कर मैं और रितु हल्के से मुस्कुरा दिए। रितु बोली – “क्यों मैडम एक बार इन्हें दूध पिला दें?”

मैंने कहा – “चल, थोड़ा सा दूध इन्हें पिला देते हैं।

हमलोग एक खाली कमरे में आ गए। मेरी चूत चुदने को चुनमुना रही थी। मैंने अपनी ब्लाउज़ का हुक खोल दिया। अब मेरे दोनों संतरे बाहर थे। मैं बोली – “लो राजू, दूध पियो, तुम भी क्या याद रखोगे।”

राजू ने कस-कस कर मेरी दोनों चूचियाँ एक-दूसरे से चिपका दीं और मेरी घुँडियाँ ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा। मुझे गज़ब की मस्ती छाने लगी थी। राजू कस-कस कर मेरे दूध दबा रहा था और मेरी घुँडियाँ जम कर चूसे जा रहा था। मेरी चूत से बुरी तरह से पानी बहने लगा था।

मैंने कहा – “राजू डार्लिंग, मेरी चूत फाड़ो, मेरे होंठ चूस डालो… मुझे आज तुम चोद कर ही छोडना।”

राजू ने मेरी चूचियाँ छोड़ कर, मुझे कस कर अपने से भींच लिया और मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी और मेरे होंठों को चूसने लगा। राजू का मोटा लंड मेरी चूत से चिपक रहा था, उसने मुझे जोरों से भींच रखा था। मेरे होंठ ज़बर्दस्त तरीके से वो चूस रहा था। तभी मौसी उधर आ गईं और मेरे चूतड़ों पर कस कर हाथ मारती हुई बोली, “अरे मेरे रंडी रानी तुम तो यहाँ रंडीबाज़ी कर रही हो!”

मैं और राजू अब हट गए थे। रितु मुस्कुरा रही थी। मुझसे रहा नहीं गया, मैंने कहा – “मौसी… अब मुझे चुदवाओ, मैं चुदना चाहती हूँ। मेरी चूत चुदने के लिए फड़क रही है।”

राजू मुस्कुरा रहा था, मौसी ने कहा, “अभी थोड़ी रंडीबाज़ी तो सीख। लंड से तो तू खेली भी नही है> अभी तूने ढंग से लंड देखा भी नहीं है। पहले तू लंड से तो थोड़ा खेलना सीख, चुदवा तो मैं तुझे एक मिनट में दूँगी।” राजू मुस्कुराए जा रहा था।

मौसी बोली – “राजू, पहले तू इसे अपना लंड दिखा।” राजू ने एक झटके से अपना पाजामा उतार दिया। राजू का ८ इंच लंबा और मोटा लंड मेरे सामने था। मैं अपने होठों पर जीभ फिरने लगी थी। मैं इतना मोटा-नंगा लंड इतने क़रीब से आज पहली बार देख रही थी। मौसी पलंग पर बैठ गईं और मुझे भी बगल में बिठा लिया।

राजू को मौसी ने बुलाया और कहा – “जरा इसकी चुचियों पर लंड फिरा।” Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

मैं पलंग पर बैठी थी और राजू अब मेरी चूचियों पर अपना लंड हाथ से पकड़ कर फिराने लगा। उसने मेरी घुंडियों पर लंड का सुपाड़ा दबा-दबा कर फिराया। मैं पूरी मस्ती में आ गई थी।

मौसी ने राजू का लंड अपने हाथ से पकड़ कर मेरे हाथ में पकड़ा दिया और बोली, “ले जरा इसे मसल और जरा मुट्ठ मार।”

जैसे ही मैंने लौड़ा हाथ में पकड़ा, मैं सनसना गई। लौड़ा बहुत गरम था, मेरी बुर पनिया रही थी। मैं कस-कस कर लौड़ा मसलने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। राजू मेरे बालों को सहला रहा था।

थोड़ी देर बाद राजू ने मुझे खड़ा कर दिया। मुझे लग रहा था शायद राजू मुझे अब चोद देगा, लेकिन राजू ने एक बार मुझे फिर भींच लिया। अब वह और कस-कस कर मेरे होंठों के बीच से अपनी जीभ डाल कर चूसे जा रहा था।

तभी राजू ने मुझे पीछे की तरफ़ मोड़ दिया, अब मेरा मुँह मौसी की तरफ़ था। राजू ने जोर से मेरी घुँडी नोच ली और मेरी चूचियाँ दबाईं। पीछे से राजू का मोटा लंड कस कर मेरी गाँड दबा रहा था। मौसी आगे बढीं और मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। राजू ने मुझे ढीला छोड़ दिया। मेरी पेटीकोट अब ज़मीन पर थी।

नंगी गाँड पर राजू का नंगा लंड लगते ही मैं उचक पड़ी। अब मैं चुदवाने की उत्तेजना की चरम सीमा का अनुभव करने लगी थी। दो मिनट बाद मौसी के इशारे पर राजू हट गया। मेरी बुर का पानी जाँघों तक आ रहा था। मैं चिल्ला सी पड़ी, “मौसी मुझे चुदवाओ ना… मेरी चूत में आग लगी पड़ी है, राजू से कहो मेरी चूत चोदे और मेरी प्यास बुझाए।”

मौसी बोली – “गाँड मरवाएगी… तो तुझे चुदवाऊँ।”

में पगला सी रही थी। मैंने कहा – “गाँड, चूत एक से नहीं ६-६ से मरवा लूँगी… प्लीज़ मौसी मुझे चुदवाओ, जल्दी चुदवाओ। राजू से बोलो कि वो अपना लंड जल्दी से मेरी चूत में डाल दे।”

मौसी मुस्कुराई – “ले ज़रा इसे पहले कंडोम पहना अपने हाथ से।”

मैंने कंडोम लेकर राजू के सुपाड़े पर लगाया। एक बड़ा रोमांचकारी अनुभव था।

मौसी बोली – “नीचे तो सरका दे।” Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

नीचे सरकाने के लिए मुझे एक हाथ से नीचे उसका लंड पकड़ना पड़ा और दूसरे हाथ से मैंने उसे नीचे सरका दिया। मेरी चूत की जलन बढ़ती जा रही थी, मुझे अब लग रहा था कि मेरी चुदाई शुरू होने वाली है।

मौसी राजू से बोली – “जरा इसकी चूत पर दो तीन बार लंड फिरा दे, फिर जरा नीचे चल के इसकी चूत के दर्शन ग्राहकों को कराते हैं।”

राजू ने मुझे पलंग पर लिटा दिया और कस-कस कर मेरी चूत पर अपना लंड फिरा दिया। एक बार उसने आधा इंच लौड़ा मेरी चूत में घुसाया लेकिन मौसी ने उसे डपट कर लौड़ा हटवा दिया।

मौसी ने राजू को हटा दिया और बोली – “चलो अब नीचे चलते हैं, वहाँ इसे ग्राहकों की गोदी में उनके लौड़े पर बिठाती हूँ।”

मैं चुदने को पागल हुई जा रही थी… मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने कहा – “मौसी मुझे चुदवाओ, मेरी चूत में जलन हो रही है, मैं पगला सी रही थी।”

मौसी ने मेरी तरफ़ देखा और बोली – “चूत में तो इसके वाक़ई आग लगी हुई है, राजू तू एक काम कर, इसकी चूत को चूस। २-३ मिनट में यह पानी छोड़ देगी फिर इसे थोड़ी सी शान्ति मिलेगी।”

राजू ने अब मेरी चूत पर अपना मुँह लगा दिया और कस-कस कर मेरी चूत चूसने लगा। मौसी के इशारे पर शंकर ने मेरा सिर अपनी गोद में रख लिया और मेरी चूचियाँ ज़ोरों से दबाने लगा। राजू कुत्ते की तरह मेरी चूत चाट रहा था। उसने बुरी तरह से मेरी चूत के मुहाने को चाटना जारी रखा।

कुछ देर बाद उसने अपनी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी और उसकी १ इंच लम्बी जीभ अब मेरी चूत में फिर रही थी। मेरी मस्ती से कमरा उह… आह… उह… आह… ऊह… आह… से गूँज उठा। थोड़ी देर में मेरी चूत से बड़ी तेजी से चूत-रस निकला जिसे राजू लपालप पीने लगा।

मुझे चूत में कुछ शान्ति सी लगी। मौसी ने इसके बाद राजू और शंकर को नीचे भेज दिया और बोली – “चल इधर बहुत मस्ती ले ली अब नीचे मस्ती करियो। ये मेरा वादा है कि १२ बजे तक तेरी चूत के अंदर मोटा लंड मैं घुसवा दूँगी और आज रात तेरी गाँड भी ठुकवा दूँगी।” Saroj mausi ka kotha Hindi Sex Story

मैं उठ गई थी, रितु ने मुझे पेटीकोट और ब्लाउज़ पहना दिया। ९ बजने वाले थे, मौसी ने कहा – “आओ मेरी रंडियों, अब तुम नीचे चलो और थोड़ा धंधा शुरू करो।”

बस वो दिन है और आज का दिन, मैंने पलट के नहीं देखा| आज में पूरे इलाके में टॉप की रंडी मानी जाती हूँ और मुझे इस बात का गर्व है..

———-समाप्त———-

पहले भाग का लिंक- सरोज मौसी का कोठा – पार्ट 1

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