Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
कुछ मसाज पार्लर्स में ऐसे छुपे हुए कमरे होते है जिसमे बहुत से छुपे हुए काम होते है. खुबसूरत लड़कियों की तो बात ही क्या! ऐसा एक मसाज पार्लर मेरी शॉप के पास में था, पर वो स्वर्ग पास होके भी अब तक मुझसे दूर था. एक जबरदस्त Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story पढ़िए..
मेरा कपड़े का एक छोटे से एरिया में शो रूम है. मेरे शो रूम में केवल लेडीज गारमेंट्स ही मिलते है. इसलिए पूरे दिन हर उम्र कि लडकीयों ; युवतियों और महिलाओं का आना-जाना लगा रहता है. लगातार देखे रहने के कारण मेरी नजरें थोड़ी ऐसी हो गई है कि कोई भी खुबसूरत चेहरा नजर आया ; मैं नजर बचाकर उसके पूरे अंग का नाप निकालने लग जाता. किसके होंठ रसीले हैं किसके गाल ज्यादा चिकने हैं. किसकी टांगें सेक्सी है. किसका सीना सबसे ज्यादा बड़ा है. बस हर किसी को देखते ही मेरा दिमाग इसी में लग जाता. दो सेल्स बोयज भी रखे हुए हैं.
मेरी दुकान के बगल में एक मसाज पार्लर है और उसके बाद आखिर में एक लेडीज टेलर है .बस इसके बाद रास्ता बंद हो जाता है. मसाज पार्लर कि मालकिन है वीणा. वीणा गज़ब की खुबसूरत है. उसकी उम्र करीब सताईस साल है. पूरा शरीर गठा हुआ. एकदम गोरा रंग. चेहरा ऐसा कि देखते ही कोई भी फिसल जाए. उसके स्तन जबरदस्त उभरे हुए. उस पर वो हरदम बहुत ही नीचे तक खुले हुए गले वाले टी शर्ट्स पहनती है. उसके स्तनों के बीच की रेखा देखते ही हमेशा मैं पागल सा हो जाता हूँ. वो अधिकतर घुटने कट कि लम्बाई वाली जींस या कभी कभी तो शोर्ट्स भी पहनकर आती है. उसकी टांगें जैसे रस में डुबोई हुई लगती है. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
वो ज्यफातर मेरे यहीं से कपडे खरीदती है. मुझसे हरदम मुस्कुराकर बात करती है. मैं अक्सर उसे छुप छुपकर देखता रहता हूँ. लेकिन वीणा बहुत ही कड़क अनुशासन वाली है. उसके यहाँ तीन लडकीयाँ और भी काम करती है. लेकिन वीणा उन्हें किसी से भी खुलकर बात नहीं करने देती है. ये तीनों लडकीयाँ भी खुबसूरत है. चारु सबसे सीनियर है. वीणा की वो विश्वासपात्र है. फिर एक है नेहा और एक है किरण. ये सभी भी वीणा से मिलते जुलते कपडे पहनकर आती है. सभी के सीने ज्यादातर बहुत ज्यादा खुले हुए रहते हैं. मसाज पार्लर में ग्राहक ऐसे खुले सीने देखकर ही तो आते हैं.
एक दिन वीणा मेरे यहाँ कुछ स्लीवलेस टी शर्ट देख रही थी. मैं उसके उभरे हुए सीने पर नजरें गडाए हुए था, तभी वीणा ने मुझे उसके सीने की तरफ झांकते हुए देख लिया. उसने इक तीखी नजर मुझ पर डाली और फिर एकदम से मुस्कुरा पड़ी. मैं भी मुस्कराया. रात को वीणा जब अपने पार्लर को बंदकर घर के लिए निकल रही थी तो उसने मुझे बाहर बुलाया और बोली ” इस तरह से देखना बहुत अच्छा लगता है तुम्हे!” Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
मैं कुछ ना बोल केवल मुस्कुरा दिया. वीणा बोली ” तुम जब भी इस तरह मुझे देखते हो तो ना जाने क्यूँ मेरा सीना धड़कने लग जाता है. मुझे लगने लगता है जैसे ये और भी उभरकर टी शर्ट को फाड़कर बाहर आना चाहते हैं. तुम ऐसे ही देख सकते हो. मुझे बहुत अच्छा लगेगा. तुम्हें कोई मना नहीं है. बाय होटी.” वीणा चली गई लेकिन मेरे दिल की धड़कने बहुत ही बढ़ा गई.
अगले दिन जब वीणा आई तो मैं उसे देख मुस्कुराया. वीणा ने भी मुस्कुराकर जवाब दिया और अपने सर को कुछ ऐसे झुकाया कि उसका सीना भी उसके साथ झुक गया और मुझे जो देखना था वो मुझे साफ़ साफ़ दिख गया. अब जब भी वीणा मिलाती मुझे वो किसी ना किसी तरीके से अपने उभरे हुए सीने को दिखला देती. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
एक दिन वीणा थोडा जल्दी आ गई. उस वक्त तक उसकी कोई भी लडकी नहीं आई हुई थी. वीणा ने मेरे एक लड़के से पार्लर का शटर खुलवाया. इसके बाद वीणा मेरी दुकान में आई और उसने दो टी शर्ट लिए और अपने पार्लर में ट्राई करने चली गई. वो उन में से एक टी शर्ट पहनकर बाहर आई और मुझे इशारे से बाहर बुलाया. मैं बाहर गया तो उसने अपने पार्लर में आने का इशारा किया. मैं पार्लर में चला गया. वो बोली ” यह तो अच्छा नहीं लग रहा है.
मैं दुसरा वाला पहनकर देख्लाती हूँ. तुम मुझे बताना कि कैसा लगता है.” वीणा अन्दर बने एक केबिन में गई. वो दूसरे टी शर्ट को पहनकर आई. ये टी शर्ट काफी खुले गले वाला तो था ही उसमे गले के नीचे बटन भी लगे थे. वीणा ने दोनों बटन भी खुले रखे और बाहर आ गई. वीणा के दोनों गुलाबी गुलाबी बूब्स ब्रा में से साफ़ साफ़ दिख रहे थे. बटन के खुले होने से काले रंग की ब्रा भी दिख रही थी. मैं वीणा की इस तरह से खुली हुई छाती देखकर मदहोश हो गया. वीणा ने एक शरारत भरी मुस्कान मुझ पर डाली और कहा ” अब तो खुश. ”
ना जाने मुझमे कैसे शैतानी आ गई. मैं बोला ” खुश हूँ लेकिन पूरी तरह से खुश नहीं हूँ.” वीणा मेरे करीब आ गई. उसने बहुत ही ठंडी और मदहोश कर देने वाली आवाज में कहा ” तो तुम बहुत खुश होना चाहते हो. मुझे तुम्हारा मुस्कुराता हुआ चेहरा बहुत ही अच्छा लगता है. तुम जब भी हँसते हो ना होटी; तो मेरा सीना बहुत जोर से धडकने लग जाता है. रुको मैं तुम्हे आज बहुत खुश कर देना चाहती हूँ.” तरन ने उस टी शर्ट को खोल दिया. अब वो सिर्फ काली ब्रा में थी. उसका उभरा हौर छोड़ा सीना मेरे सामने था. उसके सीने से बहुत ही जोर की खुशबू आ रही थी. वीणा ने मेरी तरफ देखा. मैंने कहा ” हाँ; हनी. अब मैं खुश हूँ.” वीणा ने अपना टी शर्ट पहना और मैं बाहर आ गया. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
वीणा के दो ग्लोब
मैं उस रात सो नहीं पाया. वीणा कि काली ब्रा और उसमे में से झांकते उसके दोनों बड़े बड़े स्तन मेरी आँखों के सामने घूमते रहे. अगले दिन जब सवेरे वीणा आई तो मैंने मौका देख उसे कहा ” मैं सारी रात जागता रहा. तुम्हरा कल का नजारा मेरी आँखों से नहीं हटा. मैं पागल हो गया हूँ.” वीणा हंस दी और आगे बढ़ गई. रात को वीणा कि तीनो लडकीयाँ जब चली गई तो वीणा ने मुझे ठहरने का इशारा किया. मैंने अपनी दुकान बंद की और उसकी दुकान के थोडा दूर जाकर खड़ा हो गया. वीणा ने मुझे देखा और आने का इशारा किया. मैं वीणा के पार्लर में चला गया. वीणा ने पार्लर का दरवाजा बंद किया और मुड़कर मेरी तरफ देखा. वीणा ने पाना टी शर्ट खोल दिया.
उसने आज गहरे लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी. वीणा आगे आई और मेरे एकदम करीब आकर खड़ी हो गई. आज उसके उभारों ने मेरे सीने को पहली बार स्पर्श किया. मुझे उसके दोनों स्तनों का गुदगुदा दबाव बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने वीणा को अपनी बाहों में भर लिया. वीणा ने भी अपने दोनों हाथों से मुझे कसकर पकड़ लिया. अब वीणा का मुंह मेरे बहुत ही करीब था. उसकी साँसें मुझसे टकरा रही थी. वीणा के गुलाबी होंठ मुझे अचानक रसगुल्ले जैसे लगने लगे. मैंने अपने होंठ वीणा की तरफ बढ़ा दिए. वीणा मुस्कुराई और फिर धेरे से उसने अपने रसीले होंठ मेरे होंठों से छुआ दिए.
मैंने उसके नाजुक और मुलायम होंठों को अब अपने होंठों को खोलकर उन्हें अपने दोनों होंठों के बीच ले लिया और बहुत ही धीरे से उनमे भरे हुए रस को चूस लिया. वीणा कसमसा गई. अब उसने भी अपने होंठों से मेरे होंठों को चूसा. हम दोनों एक दूजे को रह रहकर अपनी तरफ दबाते और फिर होंठों को चूस लेते. हम दोनों करीब दस मिनट के बाद वीणा के पार्लर से बाहर आ गए. हम दोनों के चेहरों पर मुस्कराहट थी. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
वीणा और मैं अब काफी खुल गए थे. हम दोनों हर तरह के मज़ाक भी आपस में करने लगे. हालाँकि उस दिन जैसा मौका हमें अगले एक महीने तक नहीं मिला लेकिन हम इंतज़ार करने लगे. हमारा इंतज़ार सफल हुआ. उस दिन सवेरे से बहुत जोरों की बारिश होने लगी. मेरे शो रूम का केवल एक ही लड़का पहुँच सका. वीणा के यहाँ तो करीब बारह बजे तक कोई भी लडकी नहीं पहुंची. जब मैं पहुंचा तो वीणा के पार्लर में एक लेडी कस्टमर आई हुई थी. मैं उसके जाने का इंतज़ार करने लगा. बहुत बारिश कि वजह से पूरा एरिया खाली पड़ा था. उस औरत के जाते ही मैंने लड़के को दुकान में ध्यान रखने की हिदायत देकर वीणा के पार्लर में चला गया. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
वीणा और हम एक दूसरे की आगोश में हो गए. फिर वीणा ने अपने पार्लर में बने एक केबिन का दरवाजा खोला और हम दोनों उसमे चले गए. उस केबिन में एक कोच बना हुआ था. उस पर डनलप के तीन तीन गद्दे एक साथ लगे हुए थे. वीणा ने अपना टी शर्ट और स्कर्ट दोनों उतार दिए. अन्दर गुलाबी रंग का एक बल्ब जल रहा था. तार का जिस्म उसमे किसी जलेबी की तरह दिखाई देने लगा. मैंने भी अपने कपडे उतार दिए.
अब वीणा उस कोच पर लेट गई. वो तीन गद्दे इतने आरामदायक थे कि वीणा के उस पर लेटते ही वीणा उसमे काफी नीचे तक धंस गई. वीणा ने अपने हाथों को फैलाकर मुझे भी आने को कहा. मैं वीणा पर लेट गया. हम दोनों के वजन से तीनों गद्दे और भी नीचे दब गए. वीणा ने तुरंत ही मेरे होंठ चूम लिया. इसके बाद हम दोनों को कुछ होश नहीं था. हमने एक दूसरे के जिस्म का कोई भी हिस्सा बिना चूमे नहीं छोड़ा था, पार्लर में पीछे एक छोटी खिड़की थी. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
मैंने उसे खोला तो देखा कि बाहर बारिश और जोर से होने लगी है. वीणा ने मुझसे कहा ” आज अब कोई और पहुँचने वाला नहीं है. सब तरफ पानी ही पानी है. आओ तुम मुझमे डूब जाओ और मैं तुममे डूब जाती हूँ.” वीणा ने अब मुझे और भी कसकर जकड लिया. अचानक वीणा ने खुद को मुझसे अलग किया. उसने अपनी ब्रा उतार दी. अब मैं पूरी तरह से नशे में आ गया. मैंने बेतहाशा उसके दोनों मुलायम और रस से भरे स्तनों को पागलों की तरह चूमना शुरू कर दिया. वीणा के मुंह से सी सी और आह ओह की आवाजें आने लगी.
अब वीणा ने अपनी पैंटी भी उतार दी और जल्दी जल्दी खींच कर मेरा अंडर वेअर भी खोल दिया उसने उस कोच के कवर में से एक कंडोम निकाला और मुझे थमा दिया. वीणा ने कहा ” मुझे बहुत नशा चढ़ चुका है हौटी. आज तुम मुझे जन्नत की सैर करा ही दो.” मैंने कंडोम लगाया और वीणा को कोच पर लिटाकर उसकी टांगों के बीच में अपना नीचे वाला हिस्सा ले गया. जो कुछ वीणा की इच्छा थी मैंने अपने लंड को वीणा के चूत में एकदम भीतर तक लेजाकर पूरी कर दी. वीणा ने मुझे करीब एक घंटे तक नहीं छोड़ा. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
मैं भी अपने लंड को वीणा.के चूत की एक घंटे तक सैर करवाता रहा. जब मेरे लंड ने कंडोम को खूब सारे गाढे रस से भर दिया और वीणा के चूत में उसके कारण बहुत सारी हलचल और गुदगुदी फ़ैल गई तो वीणा ने अपने होंठों से मेरे होंठों को ऐसा सीया और चूसा कि हम दोनों के होंठों के चारों ओर बहुत सारा गीलापन फ़ैल गया. हम दोनों ने उस गीलेपन को बहुत देर तक अपनी अपनी जीभ से चाटा और मुंह में मिठास भर ली. अब वीणा के जिस्म की सारी ताकत निकल चुकी थी. मेरी भी टांगें अब जवाब देने लगी थी. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
हम दोनों उस कोच पर करीब आधा घंटा और लेटे रहे. फिर मैं पार्लर से बाहर आ गया. बारिश और तेज हो चुकी थी. सारा काम्प्लेक्स लगभग खाली हो चुका था. मैंने भी अपने लड़के को छुट्टी दे दी और शोव्रुम बंद कर दिया. मैं और वीणा काफी देर तक यहाँ वहां घूमते रहे. बाहर सड़क पर घुटनों तक पानी भर गया था और पैदल चलना भी बहुत मुश्किल था. बहुत देर के इंतज़ार के बाद भी जब पानी काम नहीं हुआ तो वीणा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और हम एक बार फिर पार्लर में आ गए थे. मैं हैरान रह गया. वीणा का चेहरा तजा लग रहा था. वीणा ने एक बार फिर मेरे सारे कपडे उतार दिए. मैं मना नहीं कर सका. वीणा ने भी अपने सारे कपडे उतार दिए.
हम दोनों ने एक बार फिर एक दूसरे से लिपटकर चूमना चाटना शुरू कर दिया. वीणा ने इस बार जल्दी से कंडोम मेरे लंड पर खुद ही चढ़ा दिया. मैंने भी तुरंत उसके चूत को मेरे पूरी तरह से कडक हो चुके लिंग से दोबारा भेद दिया. इस बार हम दोनों यह सब काफी धीरे धीरे कर रहे थे. क्यूंकि ताकत अब ना के बराबर बची थी. इस बार भी करीब एक घंटे तक मेरा लिंग वीणा के चूत के भीतर यहाँ वहां घूमता रह और अन्दर बाहर होता रहा. हम दोनों की जिंदगी का ये शायद सबसे हसें और यादगार दिन था. शाम को करीब पांच बजे हम दोनों अपने घर के लिए चल निकले. हम दोनों कुल मिलकर तीन घंटे से भी ज्यादा हमबिस्तर रहे थे. वीणा ने अपने घर की तरफ का रास्ता लेने से पहले मेरे होंठों को जोर से चूसा और फिर चली गई.
अब हम दोनों जब भी समय मिलता हमबिस्तर हो जाते थे. लगभग एक महीने के बाद वो लेडीज टेलर की दुकान अचानक बंद हो गई. उस दुकान के मालिक ने उसकी चाबी मुझे देते हुए कहा कि जब भी कोई ग्राहक आये तो मैं उसे उस खाली दुकान को दिखा दिया करूँ. उस दुकान में उस टेलर ने एक छोटा पलंग रखा हुआ था जिस पर वो जब काम नहीं होता तो आराम कर लिया करता था. मुझे उस दुकान को देखते ही एक योजना दिमाग में आई. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
मैंने वीणा को यह योजना बता दी. वीणा भी बहुत खुश हो गई. एक दोपहर को मैं सबसे छुप कर वीणा के साथ उस दुकान में चला गया. हम दोनों को अब कोई डर नहीं था क्यूंकि उस दुकान में कोई भी नहीं आने वाला नहीं था. हम दोनों ने उस दोपहर को लगभग दो घंटों तक लगातार संभोग किया. अब मैं और वीणा लगभग हर दूसरे – तीसरे दिन मौका देख संभोग करने लगे.
इसकी भनक यूँ तो किसी को नहीं थी लेकिन चारु को थोडा थोडा शक होने लगा था. आखिर एक दिन चारु ने मुझसे कह ही दिया ” तुम और वीणा बहुत ज्यादा करीब हो गए हो. तुम दोनों में जो भी चल रहा है वो सब मुझे पता है.” मैंने उससे कहा ” तुम्हें कोई तकलीफ है इससे?” चारु बोली ” बहुत ज्यादा; मैं तुम्हें सबसे पहले पाना चाहती थी.” मैंने कहा ” वो तो तुम अब भी पा सकती हो. ” चारु बोली ” दो दो को संभाल पाओगे?” मैं बोला ” एक बार मेरे करीब आकर देखो. मैं बहुत कुछ कर सकता हूँ. मैं तुम्हें और वीणा के साथ साथ नेहा और किरण को भी संभाल सकता हूँ.” चारु मुस्काराते हुए पार्लर में चली गई.
शक हो जाने पे मैंने चारू पे भी अपना जाल फ़ेंक दिया, लग रहा है अब मुझे वीणा के अलावा चारू की सेवाए भी मिल सकती है, शायद साथ साथ भी.. इन parlor sex stories का अगला मसालेदार भाग..
अब मैं और वीणा लगभग हर दूसरे – तीसरे दिन मौका देख संभोग करने लगे. इसकी भनक यूँ तो किसी को नहीं थी लेकिन चारु को थोडा थोडा शक होने लगा था. आखिर एक दिन चारु ने मुझसे कह ही दिया ” तुम और वीणा बहुत ज्यादा करीब हो गए हो. तुम दोनों में जो भी चल रहा है वो सब मुझे पता है.” मैंने उससे कहा ” तुम्हें कोई तकलीफ है इससे?” चारु बोली ” बहुत ज्यादा; मैं तुम्हें सबसे पहले पाना चाहती थी.” मैंने कहा ” वो तो तुम अब भी पा सकती हो. ” चारु बोली ” दो दो को संभाल पाओगे?” मैं बोला ” एक बार मेरे करीब आकर देखो. मैं बहुत कुछ कर सकता हूँ. मैं तुम्हें और वीणा के साथ साथ नेहा और किरण को भी संभाल सकता हूँ.” चारु मुस्काराते हुए पार्लर में चली गई. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
एक दिन वीणा किसी काम के कारण नहीं आई. उस दिन चारु पार्लर की बॉस थी. चारु की विशेषता उसके होंठों पर लगी लिपस्टिक होती थी. होंठ तो वीणा के भी रसीले थे लेकिन चारु जब अपने होंठों पर गहरा लाल, परपल या कभी चमकदार गुलाबी या कभी कभी चमकदार नीले रंग का लिपस्टिक लगाती तो मैं छुपकर अपने मोबाइल कैमरे से उसकी होंठों कि तस्वीरें निकालता और फिर अकेले में देखा करता. उस दिन चारु चमकदार नीले रंग का लिपस्टिक लगाकर आई. हम दोनों दो तीन बार आमने सामने हुए. आज मौका अच्छा था. मैंने चारु को अपने पास बुलाया और कहा ” उस खाली दुकान में मैं और वीणा अक्सर मिलते रहते हैं. तुम नेहा और किरण को काम पर लगाकर उस दुकान में आ जाओ.” चारु बहुत जल्दी उस दुकान में आ गई. मैंने दुकान का दरवाजा बंद कर दिया.
हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब खड़े हो गए. चारु ने अपनी उन्गलीयाँ मेरे गालों और होंठों पर फिराते हुए बोली ” मेरी जान; मैं कबसे ऐसे पल का इंतज़ार कर रही थी.” मैं बोला ” चारु ; तुम्हारे होंठ हमेशा से मुझे पागल करते रहे हैं मेरे पास तुम्हारे होंठों को सौ से भी ज्यादा तस्वीरें हैं.” मैंने चारु को वो सारी तस्वीरें दिखलाई. चारु आहें भरने लगी. चारु ने एक लॉन्ग ड्रेस पहनी हुई थी. खुली बाहों वाली और घुटनों तक लम्बी. मैंने चारु की उस ड्रेस को उतार दिया. चारु अब सफ़ेद ब्रा और पैंटी में रह गई. मैंने भी अपने कपडे उतार दिए.
अब मैंने चारु के चमकदार नीले होंठों को चूमना आरम्भ किया. क्या मिठास थी. क्या गीलापन था. मैं पागल हो उठा. चारु भी अपने होंठों को इस तरह से चूमे जाने से बहुत खुश हो रही थी. मैंने लगभग पांच मिनट तक चारु के होंठों को चूसा. अब मेरे होंठों के आस पास नीला रंग कहीं कहीं लग गया और चारु के नेचुरल हलके गुलाबी होंठ दिखने लगे थे. अब हम दोनों ने एक दूजे को बाहों में भर लिया और लगे जिस्म को यहाँ वहां चूमने. चारु वीणा से ज्यादा मजबूत थी. उसने थोड़ी ही देर के बाद मुझसे कहा ” कंडोम लाये हो?” Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
मैंने उस पलंग के नीचे ही कंडोम का पैक रख दिया था. हम दोनों निर्वस्त्र हो गए. चारु ने मेरे लिंग को अपने हाथों से कड़क किया और फिर उस पर कंडोम चढ़ा दिया. उसने मुझे नीचे लेटने को कहा. चारु मेरे ऊपर लेट गई और उसने मेरी गरदन के हिस्सों को चूम चूम कर गीला कर दिया. फिर उसने मेरे लंड को अपने चूत में धीरे से धकेला और खुद ही अपने शरीर के निचले भाग को हिला हिलाकर मेरे लंड को खुद के चूत के अंदर ले जाने का प्रयास करने लगी.
उसका निचला हिस्सा ऊपर नीचे होने के कारण मेरा लंड धीरे धीरे अन्दर की तरफ खिसकने लग गया. चारु को इससे बहुत मजा आने लगा. अब उसके मुंह से आनंद दायक आवाजें आने लगी. चारु करीब पन्दरह मिनट तक इसी तरह मेरे ऊपर रही. फिर इसके बाद मैंने उसे सुलाया और उसके ऊपर लेटकर उसके चूत को भेदा.
मैं भी उतनी देर उसके ऊपर रहा. अब चारु दीवार के सहारे खड़ी हो गई. मैंने एक बार फिर उसके चूत को खड़े खड़े लिंग से भेदा. हम दोनों को अलग अलग तरह से संभोग करने में मजा आ रहा था. इसके बाद चारु उल्टा लेट गई. हमने इस पोजीशन में भी संभोग किया. इसके बाद चारु अपनी टांगें फैलाकर पलंग पर बैठ गई. मैं भी बैठ गया. हम दोनों एक दूसरे के करीब आ गए, मैंने चारु को बाहों में भरा और चारु ने अपने हाथ से मेरे लिंग को अपने चूत में जोर धकेला. अब चारु कोई दूसरा तरीका सोचने लगी.
इसके बाद चारु पलंग के किनारे लेटी और मैंने खड़े खड़े ही अपने लंड को उसके चूत में जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा. मैंने यह तरीका करीब आधे घंटे तक दोहराया. अब हम दोनों शायद चरम पर पहुँच रहे थे. मैंने चारु को आगे खसकाया और उस पर लेट गया. अब मैंने उसके चूत को अपने लिंग से भेदते हुए जोर जोर से झटके देने शुरू किये. चारु की आवाजें थोडा तेज हो गई. करीब दस मिनट के बाद उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से भींच लिया. हम दोनों अब तड़पने लगे. फिर अचानक मेरे लिंग से गाढा रस निकला और कंडोम में भरने लगा. कंडोम थोडा फैला और चारु के चूत में एक जोर की गुदगुदी हुई। हम एक दूजे से और कसकर लिपट गए. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
हम दोनों काफी देर तक युहीं लेटे रहे और एक दूजे के होंठों का रस पीते रहे। अपने अपने कपडे बदलकर हम दुकान से बाहर आ गए. मेरा वीणा और चारु के साथ का हमबिस्तर होना अब दोनों ( चारु और वीणा ) को पता चल गया था. दोनों ने मुझे ये हिदायत दी कि मैं किरण और नेहा को इस बात की बिलकुल भी भनक ना लगने दूँ. वीणा ने कहा कि नेहा और किरण दोनों लेस्बियन हैं. दोनों एक साथ मुझसे सेक्स करने को कहेगी. मैंने वीणा और चारु को विश्वास दिलाया कि मैं उन दोनों को बिलकुल पता नहीं चलने दूंगा. मैं रात को सोचने लगा कि आखिर एक साथ दो दो औरतों से सेक्स कैसे होता होगा? कितना मजा आता होगा? ये लेस्बियन क्या होता है? इन सब सवालों ने मुझे रोमांचित कर दिया. मैंने उन दोनों को एक साथ मिलने का फैसला किया.
अगले दिन नेहा मेरे शो रूम से कुछ टी शर्ट लेकर अपने पार्लर में ट्राई करने गई. उसने दो टी शर्ट पसंद किये और मुझसे पूछा ” मुझे कुछ डिस्काऊंट मिलेगा? ” मैं मुस्कुराया और बोला ” बिलकुल मिलेगा. किरण को कुछ नहीं चाहिये क्या? नया स्टॉक आया हुआ है. वैसे नीला रंग तुम पर बहुत खिलता है और तुम इसमें बहुत ही खुबसूरत लग रही हो.” नेहा अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई. उसने किरण को भेज दिया. किरण ने भी टी शर्ट लिए.
मैंने उसे भी थोडा डिस्काऊंट दिया और उसे भी यही कहा कि गुलाबी रंग के टी शर्ट में वो गज़ब ढा रही है. जब रात को वे दोनों एक साथ घर के लिए निकली तो मझे देखकर मुस्कुरा रही थी. मैं भी मुस्कुराया और अपना हाथ हिला दिया. मुझे लगा तीर थोडा निशाने पर लगा है. अगले दो तीन दिनों तक मेरा उन दोनों के साथ यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहता.
चार चूतों से एक साथ खेल रहा था, फिर वही हुआ जिसका डर था. मेरी चोरी पकड़ी गयी, अब क्या होगा? क्या ये सारी चूतें मुझसे एक साथ छीन जाएगी या और कोई चमत्कार होगा? जानिए इस parlor sex kahani के आखिरी भाग में..Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
उस दिन वीणा कहीं गई हुई थी. उसे दो कस्टमर के यहाँ जाना था. मैंने मौका देख चारु को लिया और उस खाली दुकान में घुस गया. मैं चारु पूरी तरह नशे में सेक्स कर रहे थे. मेरा लिंग चारु के काफी भीतर तक घुसा हुआ था. तभी वीणा लौट आई. नेहा और किरण दोनों कस्टमर के साथ थी इसलिए वीणा बाहर ही खड़ी हो गई. चारु के मुंह से मेरे झटकों से आवाजें निकल रही थी. तभी एक जोर से झटका लगा और उसके मुंह से एक चीख निकल गई. वीणा ने वो चीख सुनली. उसने उस खाली दुकान से अपना कान लगाया.
उसने फिर दरवाजे को धकेला लेकिन वो अन्दर से बंद था. वीणा वहीँ खड़ी हो गई. जब मैंने और चारु ने अपना काम पूरा कर लिया तो हम दोनों दुकान से बाहर निकलने लगे. वीणा ने हम दोनों को एक साथ निकलते देखा. चारु घबरा गई. मैं बिलकुल नहीं डरा. चारु पार्लर में चली गई. वीणा ने मुझसे कहा ” तुम अब मेरी हर लड़की के साथ सोने लगे हो.” मैं बोला ” इसमें बुरा क्या है वीणा. उसे भी मेरा साथ अच्छा लगता है. तुम्हे भी मेरा साथ अच्छा लगता है.
तुम्हे ज्यादा वक्त दिया करूंगा.” वीणा ने एक मुस्कान मेरी तरफ फेंकी और बोली ” अगर ऐसा नहीं हुआ तो ….” मैं बोला ” अगर ऐसा हुआ तो चारु को सामने खड़ा करूंगा और तुम्हारे साथ करता रहूँगा और उसे तड़पने दूंगा.” वीणा ने हाँ कह दी और पार्लर में चली गई. मैंने चारु को वीणा की सारी बात बता दी और उसे सचेत कर दिया. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
वो बुधवार का दिन था और मैं किरण और नेहा के घर था. हम तीनों बिस्तर में थे. रात के करीब बारह बजे थे. तभी दरवाजे की घंटी बजने लगी. हम डर गए. हम तीनों अपने अपने कपडे पहने. किरण ने दरवाजे के छोटे छेद से देखने के बाद बताया कि नेहा की मौसी और मौसा हैं. मैं घर की बालकनी से कूद कर वहां से निकल गया. मेरे घर के रास्ते में एक सिनेमा हॉल आता था. मैं जब वहां से गुज़र रहा था तो लास्ट शो छुटा ही था. मुझे उस शो में से वीणा कुछ लडकीयों के साथ निकलती दिखाई दी. उसने भी मुझे देख लिया.
उसने बताया कि वे सभी उसके बंगले में पेईंग गेस्ट हैं. वीणा को पता था कि मैं अकेला ही हूँ. उसने उन लडकीयों को घर जाने के लिए कहा और मुझे बोली ” आज की रात मैं तुम्हारी मेहमान बनना चाहती हूँ.” मैंने वीणा का हाथ पकड़ा और बोला ” मुझे भी आज की रात किसी साथी की जरुरत है. चलो.” मैं वीणा को लेकर अपने घर आ गया. वीणा ने तुरंत ही अपने सारे कपडे उतार दिए. मैं वीणा को नंगे बदन बाथरूम में ले गया. मैंने अपने कपडे उतारे और शोवर चलाकर उसके साथ नहाने लगा. हम दोनों ने नहाने का खूब मजा लिया. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
उसके बाद वीणा ने मेरे सारे बदन पर साबुन मलकर स्पोंज किया. ढेर सारा झाग पैदा हो गया. मैंने भी वीणा के बदन पर यही सब किया. हम दोनों के बदन पर इतना सारा झाग आ गया कि ऐसा लगने लगा कि हमने झाग के बने कपडे पहन रखे हों. हम दोनों बैठे हुए एक दूजे से लिपटे हुए थे और आपस में अपने नंगे जिस्मों को रगड़ रहे थे. बहुत ही मजा आ रहा था. मैंने इसी हालत में बिना कंडोम के वीणा के चूत में अपना लिंग फंसा दिया.
वीणा को पहले तो गुस्सा आया लेकिन बाद में वो हंस पड़ी. हम काफी देर तक इसी स्थिति में बैठे रहे. फिर हम दोनों बिस्तर पर आ गए. अब मैंने कंडोम लगाया और वीणा के चूत को करीब एक घंटे तक लाल करता रहा. वीणा ने बड़े मजे से अपने चूत को लाल कराया. सवेरे वीणा घर चली गई इस वादे के साथ कि अब वो हर सप्ताह में एक रात मेरे साथ जरुर बिताएगी.
अब एक सप्ताह की दो रातें मेरे लिए सुहावनी हो गई थी. चारु का परिवार काफी बड़ा था. उसके घरवाले उस पर कड़ी नजर भी रखते थे. इसलिए चारु पार्लर या फिर उस खाली दुकान में ही मिल सकती थी. हम दोनों कई बार एक दूसरे को छूने तक के लिए तड़पने लगे थे. कोई भी रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था. मैंने चारु को एक रास्ता सुझाया. चारु को मैंने पार्लर खुलने के एक घन्टे पहले बुलाना शुरू किया. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
अब हम दोनों सवेरे करीब नौ-दस बजे आ जाते और फिर दस या साढे दस बजे तक उस खाली दुकान में पलंग पर हमबिस्तर हो जाते. अब चारु के साथ भी मेरी इच्छा पूरी होने लगी थी. मुझे चारु और वीणा बहुत ही सेक्सी और हॉट लगती थी. नेहा और किरण के साथ मुझे सेक्स करने के बाद अब मेरे मान में ये ख्याल बार बार आने लगा था कि अगर वीणा और चारु दोनों एक साथ लेस्बियन सेक्स करें तो कितना खुबसूरत नज़ारा होगा. उससे भी गरम और सेक्सी होगा मेरा उन दोनों के साथ सेक्स करना.
मैंने सबसे पहले वीणा से बात करते हुए कहा ” तुमने एक दिन किरण और नेहा के लेस्बियन होने की बात कही थी. लेकिन मुझे तो उसमे कोई गलत बात नज़र नहीं आई.” वीणा बोली ” गलत कुछ नहीं है. लेकिन ऐसे रिश्ते अच्छे नहीं होते. वे फिर सारी उम्र आपस में ही अधूरी सेक्स लाइफ बिताते हैं. मर्द का साथ उन्हें पसंद नहीं आता.” मैंने कहा ” तुम गलत कह रही हो. मैंने ये सब गलत सिद्ध कर दिया है. मैंने हर बुधवार की रात किरण और नेहा के घर एक ही बिस्तर पर बिताता हूँ. ” वीणा हैरान हो गई. उसने कहा ” ये कैसे हो सकता है?”
मैंने कहा ” तुम्हें यकीन नहीं होता तो इस बुधवार को …” वीणा बोली ” तुम हो तो ये हुआ होगा. तुम कितने गरम और सेटिसफाई करने वाले मर्द हो ये मुझे अच्छी तरह से पता है. ” मैं बोला ” वीणा जब दो लेस्बियन सेक्स करते हैं तो सबसे सुन्दर नजारा होता है. औरत का जिस्म सबसे कोमल और गुदगुदा होता है. जब ऐसे दो बदन आपस में टच होते हैं तो …..” वीणा ” तो तुम बहुत मजे ले रहे हो आजकल! एक नहीं चार चार.” मैं बोला ” वीणा ; अगर तुम शुरू नहीं करती तो शायद आज भी मैं अकेला ही होता. तुम एक बार मुझे नेहा और किरण के साथ देखो तो! सच कहता हूँ तुम भी ऐसा ही सेक्स करने को कहोगी. पार्टनर मैं ला दूंगा.” वीणा ने हाँ कह दी नेहा और किरण के साथ सेक्स होता देखने के लिए. मैंने एक योजना बना ली. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
मैंने किरण और नेहा को बुधवार को मेरे घर इनवाईट किया. वीणा को मैंने उन दोनों से पहले बुला लिया. मेरे बेडरूम की खिड़की के परदे के पीछे वीणा को छुपकर बैठा दिया. इसके बाद नेहा और किरण के आते ही मैंने उन्हें उत्तेजित करना शुरू किया. जल्द ही किरण और नेहा अपने सारे कपडे उतारकर पलंग पर चली गई और उन दोनों ने लेस्बियन सेक्स मुद्राएँ और पोजीशंस करनी शुरू की. मैंने वीणा के हिसाब से कमरे की लाईट चालू रखी. वीणा उन दोनों को देख उत्तेजित होने लगी. किरण और नेहा ने लगभग हर लेस्बियन सेक्स किया. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
आखिर में मैंने उन दोनों के साथ सेक्स शुरू किया. दोनों को एक एक कर लिटाया और उनके चूतों को एकदम गरम और लाल कर दिया. वीणा का मारे उत्तेजना के बुरा हाल होने लगा. मैंने सोचा कि इस तरह तो वीणा सारी रात तड़पती ही रह जायेगी. मैंने अब नेहा और किरण को ज्यादा जोर के झटके दे देके अपने लंड को उनके गुदगुदे चूतों में ऐसा घुसाया कि उनकी सारी ताकत जाती रही. वे दोनों सीधी लेट गई. उनका बदन पसीने पसीने हो गया. रही सही कसर मैंने उनके उपर लेटकर उनके होंठों को जोर से चूस चूसकर कर दी. अब उनमे बिलकुल भी ताकत नहीं थी. दो मिनट के बाद वे दोनों गहरी नींद में सो गई.
मैंने वीणा को खिड़की के पीछे से निकाला और मेरे ड्राइंग रूम के सोफे पर ले गया. वीणा मुझसे चिपक गई थी. वो पूरी तरह से चार्ज हो चुकी थी. मैंने उसके सारे कपडे उतारे और उस पर पिल पड़ा. मैंने अपनी सारे ताकत लगा दी उसे सेटिसफ़ाई करने के लिए क्यूंकि वीणा आज एक साथ तीन जनों को सेक्स करते देख जबरदस्त चार्ज हो चुकी थी. मैं जितना जोर लगता वीणा उससे भी अधिक जोर से अपने चूत को भेदने को कहती. अब मेरी ताकत ख़त्म सी होने लगी थी लेकिन वीणा मुझे छोड़ने को तैयार नहीं थी. ना जाने उसमे इतनी उर्जा कहाँ से आ गई थी कि मेरे लगातार जोर जोरे झटकों के बावजूद उसमे जोश बाकी था. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
मैंने आखिर में वीणा के होंठों को अपने होंठों से पूरी तरह से जोर से दबाया और उस वक्त मौजूद सारा जिस एक साथ चूस लिया तथा एक बहुत ही जोर से अपने लिंग को धकेलते हुए उसके चूत में अधिकतम दुरी तक पहुंचाते हुए अपने लिंग से मलाई को वीणा के चूत में छोड़ दिया. जैसे ही कंडोम उस मलाई से भरा और फैला वीणा के चूत में एक जोर की गुदगुदी पैदा हुई और वो मुझसे जोरदार चिपक गई.
मैं वीणा को इसी तरह से पकड़कर और अपने लंड को चूत में रखकर सो गया. लगभग दो घंटों के बाद जब हम दोनों अलग हुए तो एक दूसरे से अलग होने की बिलकुल भी इच्छा नहीं हो रही थी. वीणा ने मुझे चूमा और बोली ” तुम अब हम दोनों के अलावा तीसरी पार्टनर तलाश सकते हो. इस रविवार को छुट्टी है. हम पूरा रविवार एक साथ बिताएंगे.” मैंने वीणा को चूमा और बोला ” जैसा तुम चाहो. ” Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
अब मैंने यही दांव चारु पर अपनाया. चारु भी यह देखने के लिए तैयार हो गई. मैंने अगले ही दिन चारु को भी इसी तरह किरण और नेहा का सेक्स दिखाया. चारु भी वीणा की तरह चार्ज हो गई. मैंने चारु को भी वीणा की तरह से भेदा. आखिर में चारु ने भी वीणा की तरह तीसरा पार्टनर तलाशने की बात कही. मैंने चारु को वीणा का नाम बताया. चारु पहले तो झिझकी लेकिन फिर तिययर हो गई. अगले दिन मैंने वीणा को चारु को तीसरा पार्टनर बताया. वीणा ने पहले तो गुस्सा किया लेकिन जब मैंने उससे कहा कि वो और चारु दुनिया की दो सबे खुबसूरत हसीनाएं लगेगी और जबरदस्त मजा आयेगा; तो वीणा भी तैयार हो गई.
अब मेरा दिमाग थोडा और दौड़ा. मैंने नेहा और किरण को सारी बात बताई. वे दोनों चौंक गई. मैंने उन्हें रविवार को वीणा और चारु को लेस्बियन बनकर सेक्स करते हुए देखने के लिए बुलाया. अब हम पाँचों रविवार का इंतज़ार करने लगे. अलग अलग लेकिन सिर्फ सेक्स के बारे में सोचते और उत्तेजित हो जाते. रविवार के दिन दमन में छुट्टी थी. योजना के अनुसार नेहा और किरण बड़े सवेरे ही मेरे घर आ गई. मैं नेहा और सुमन के साथ हमबिस्तर हो गया. वीणा और चारु के आने में अभी एक घंताथा और मैं इस वक्त का पूरा फायदा उठा लेना चाहता था. मैंने यह फायदा उठा भी लिया.
उन दोनों को मैंने पलंग के पीछे वाले दरवाजे कि ओट में छुपाकर खड़ा कर दिया. वीणा पहले आई और उसके तुरंत बाद में चारु भी आ गई. मैंने उन दोनों को चूमा और मेरे बेडरूम में आ गए. वीणा और चारु दोनों ने पहले एक दूसरे को देखा और फिर मुस्कुरा दी. मैंने आगे बढ़कर पहले चारु को निर्वस्त्र कर दिया. फिर मैंने अपने कपडे उतारे और आखिर में वीणा के सभी कपडे उतार दिए. वीणा और चारु को मैंने आमने सामने कर दिया. वीणा ने चारु को अपने गले से लगाया. चारु ने वीणा के गालों को चूमा. वीणा ने चारु के गरदन के नीचे चूमा. इसके बाद दोनों को हल्का सा नशा छाया. अब वे दोनों अपने आप धीरे धीरे एक दूजे को जगह जगह चूमने लगी. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
मैं उनके एक दम पास आ गया और उन दोनों को आपस में और दबाकर करीब ले आया. वीणा और चारु के जब बूब्स आपस में मिले और दबे तो मेरा सारा जिस्म अन्दर तक हिलने लग गया. उनके कोमल कोमल नाजुक नाजुक उभरे हुए स्तन आपस में ऐसे मिलकर लग रहे थे जैसे दो पानी से भरे हुए गुब्बारों को हम आपस में मिलाकर दबा रहे हों. मेरे सिखाये अनुसार वीणा चारु के ऊपर लेट गई और उसने चारु के चूत को अपने चूत से दबाना शुरू किया.
दोनों अब मदहोश हो गई. इस नज़ारे को देख पीछे छुपी हुई नेहा और किरण से भी नहीं रहा गया और वे भी आपस में चिपक गई. मैंने उन्हें देखा तो तुरंत परदे के पीछे गया और उन दोनों को अपनी बाहों में दबाकर उन्हें चूमा और जल्दी से वापस वीणा और चारु के पास आ गया. अब चारु वीणा के ऊपर लेट गई. दोनों को बड़ा मजा आ रहा था. उन दोनों के लिए यह पहला मौका था लेस्बियन सेक्स का लेकिन पहली बार में ही उन दोनों ने करीब एक घंटे से भी ज्यादा वक्त तक मजा लिया. अब मैं उनके साथ शामिल हो गया.
मैंने पहले वीणा को अपने साथ संभोग के लिए चुना. मैंने वीणा और चारु को नेहा-किरण के कमरे में होने की बात बता दी. वीणा ने उन दोनों को भी साथ लेने को कहा. मैंने उन दोनों को भी बुला लिया. मैं वीणा के ऊपर था और चारु नेहा के ऊपर चढ़ गई. किरण हम दोनों जोड़ों के बीच आ गई और बारी बारी से दोनों जोड़ों को चूम चूमकर उत्तेजित करने लगी. मैंने एक एक कर चारों के साथ करीब आधे आधे घंटे तक संभोग किया. मुझ पर थकान हावी हो रही थी. मैंने आराम करने का सोचा. नेहा ने सभी को एक सुझाव दिया. अब चारों अपने अपने पार्टनर बदल बदलकर लेस्बियन सेक्स करने लगी. मैं लेटा हुआ उन्हें देखता रहा. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
मैं अपने को बहुत खुशकिस्मत समझ रहा था जो इस रात में चार चार लडकीयों के साथ शामिल था. मुझे लेस्बियन सेक्स देखना बहुत ही भा रहा था. मेरी यह इच्छा हो रही थी कि वे चारों इसी तरह से सेक्स करती रहें और मैं उन्हें देखता ही रहूँ. अब किरण के कहने पर वे चारों एक घेरा बनाकर बैठ गई. फिर एक दूसरे को बारी बारी से फेंच किस करने लगी. इसे स्विन्गिंग किस कहा जाता है. इसके बाद नेहा के कहने पर चारों ने एक दूसरे के चूत को अपने बायीं और दायीं ओर बैठी दोनों से उनकी उंगलीयों से सहलाने और दबाने को कहा. जब उन चारों ने ऐसा करना शुरू किया तो मेरा लिंग भी रस बहाने लग पडा.
काफी देर तक यह सब चला फिर सभी कुछ देर के लिए लेट गई. इसके बाद हम सभी ने खाना खाया. मैंने चारु के लाये केक को सभी को खाने को कहा इसके बाद सभी को एक दूसरे के मुंह से खाने और खिलने को कहा. इससे जो सभी ने एक दूसरे के मुंह ; होंठ और जीभ को जो चूमा और चूसा वो देखने लायक था. सभी एक दूसरे के मुंह पर लगे केक को खा रहे थे. Massage parlor Real Antarvasna Hindi sex story
इसके बाद सभी ने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया. अब एक एक मेरे ऊपर आती और लेट जाती. इसके बाद मुझे जगह जगह चूमती. इस तरह से करते करते हम सभी एकदम पूरी तरह से उत्तेजित हो गए. नेहा ने मेरे लिंग पर कंडोम कास दिया. मैंने सबसे पहले वीणा; फिर चारु ; उसके बाद किरण और आखिर में नेहा के चूत को अपने लिंग से खुद जोर से गरम किया. उनके चूत के आसपास का रंग इससे लाल हो गया. सभी को मैंने तीन तीन बार अपने साथ लिया.
अंत में मैंने सभी को एक लाईन में लिटाया और एक एक को जल्दी जल्दी थोड़ी थोड़ी देर के लिए गरम किया और उनके चूतों को दूर तक भेद दिया. देर रात तक इसके बाद भी उन चारों ने मुझे नहीं छोड़ा. वे बार बार मुझे करवाती रही और मैं बार बार करता रहा. सभी ने करीब करीब छह – सात बार मुझसे अपना चूत गरम और गीला करवाया.
———-समाप्त———-
इस रात के बाद हम कई बार ऐसी राते गुज़ार चुके हैं. वो दुकान अब भी खाली है. वहां भी रंगरलीयां जारी है. मेरी जिन्दगी बहुत रसीली हो चुकी है. सबसे अहम् बात यह है कि नेहा और किरण अब मेरे घर में मेरे साथ ही रहने लगी है. उम्मीद है इस parlor sex kahani से आपका पानी ज़रूर निकला होगा..
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