एक कुंवारे टीचर का दिल एक नयी नयी जवान स्टूडेंट पे आ गया और उस हरामी ने अपनी पोजीशन का फायदा उठा कर उस लड़की को पाने की कोशिश की। पढ़िए एक गरमा गरम fayda teacher student sex kahani..
मैं २५ साल का अविवहित युवक हूं। पिछले साल तब मैं एक प्राईवेट स्कूल में पढाता था। उसमें लड़के लड़कियां दोनो साथ पढते थे। १२वीं क्लास में एक सुन्दर और सेक्सी लड़की आरती पढती थी, जो लगभग 18 साल की करीब ५ फ़ुट २ इन्च की थी।
मैंने जब उसको पहली बार देखा तो देखता ही रह गया। उसका चेहरा गोल काली काली आँखें गुलाबी होंट, कमर तक लंबे बाल और सीने पर संतरे जैसे दो उरोज। जब वो चलती थी तो उसके कूल्हे काफी आकर्षक लगते थे। उसको देख कर मुझे पता नही क्या हो जाता था, मेरे मन में हमेशा ही उसको चोदने का ख्याल आता था। कई बार उसको देख कर स्कूल के बाथरूम में ही जाकर मुठ मर कर अपनी इच्छा को शांत करता था और सोचता था कि कब इस जवानी को भोगने का सुख मिलेगा।
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संयोग से एक दिन मुझे वह मौका मिल ही गया। सर्दियों का मौसम था और स्कूल का समय १० से ५ बजे का था। उस दिन जरूरी काम होने के कारण मैं ९ बजे स्कूल आ गया. थोडी देर बाद तकरीबन ९.१५ पर मुझे आरती आती दिखाई दी. वो काफी खुश दिखाई दे रही थी. मैंने सोचा कि उस से खुशी का और जल्दी स्कूल आने का कारण पूछता हूँ, जिससे उसके पास बैठने और बात करने का मोका भी मिलेगा.
वो सीधे अपनी क्लास में चली गई. मैं पीछे पीछे उसकी क्लास में गया और दरवाजे की ओट से अंदर देखने लगा. उसने अपने बैग से कोई कागज़ निकाला और पढ़ कर मुस्कुराने लगी. मुझे लगा की हो ना हो वो किसी लड़के का पत्र पढ़ रही है. यह अच्छा मोका था उसे पकड़ने का, इसलिए मैं अचानक जाकर उसके सामने खड़ा हो गया. वो मुझे देखते ही घबरा गई और कागज़ को छुपाने का प्रयत्न करने लगी.
मैंने पूछा – आरती क्या छुपा रहो हो?
वो हकलाते हए बोली क्क्कुछ नही सर!
मैंने कहा – झूठ मत बोलो, मैंने तुम्हे एक लैटर पढ़ते हुए देखा है, क्या लिखा है उस में मुझे दिखाओ. उसने झिझकते और डरते हुए मुझे लैटर दे दिया. मैंने पढ़ा तो किसी लड़के का ही था और उसमे प्यार भरी बातें लिखी थी. मैंने मन में सोचा कि यह अच्छा मोका है इसे चोदने का. मैंने उस से कहा – तो यह पढाई होती है स्कूल में?
तो आरती बोली,”नही सर यह मेरा नही है, मुझ तो यह यहाँ पड़ा हुआ मिला, मैं तो इस ऐसे ही देख रही थी. मैंने कहा – मुझे क्या बेवकूफ समझ रखा है, मैंने तुम्हे इसे अपने बैग से निकालते हुए देखा है और इस पर तुम्हारा नाम भी लिखा है.
मेरी बात सुनकर वो चुपचाप सर झुका कर खड़ी हो गई. मैंने कहा की अगर यह लैटर मैंने प्रिंसिपल को दे दिया तो क्या होगा? वो तुम्हे स्कूल से निकाल देंगे और तुम्हे कहीं भी अड्मिशन नही मिलेगा. हर जगह तुम्हारे परिवार की बदनामी होगी वो अलग.
यह सुनते ही वो बोली- प्लीज़ सर ऐसा मत करना मै आपके हाथ जोड़ती हूँ. आप जो कहेंगे मै करूंगी.
मछली फंसते देख मै सोचने का नाटक करते हुए बोला – अच्छा ठीक है, मैं प्रिसिपल को कुछ नही बताऊंगा, यह बात तुम्हारे और मेरे बीच रहेगी, लेकिन तुम बताओ कि यह चक्कर कब से चल रहा है? fayda teacher student sex kahani
उसने कहा – सर ४-५ दिन से वो लड़का मेरा पीछा कर रहा है और यह दूसरा ही लैटर है जो उसने मुझे दिया है.
मैंने कहा कि क्या तुम भी उससे प्यार करती हो?
आरती ने कहा – नही सर मैं उसे प्यार नही करती पर लैटर पढ़ कर अच्छा लगता है और मन में कुछ कुछ होने लगता है. मैंने कहा – अच्छा ठीक है , आज के बाद तुम उस लड़के से बात नही करोगी और कोई लैटर भी नही लोगी, मेरी हर बात मानोगी. उसके पास मेरी बात मानने के अलावा कोई रास्ता ही नही था, इसलिए बोली – ठीक है सर , आप जो कहेंगे मै करुँगी लेकिन लैटर की बात आप किसी को नही बताएँगे!
इतने में स्कूल के दूसरे बच्चे भी आने लगे थे. मैंने उसे इंटरवल में ऑफिस में आने को कहा. वो बोली ठीक है सर. मैं वहां से आ गया और मन ही मन खुश था कि अब मेरा ख्वाब पूरा होने वाला है.
इंटरवल में वो मेरे ऑफिस आई और मैंने कहा – तुम थोडी देर रुको, मैं बिजी हूँ. तुम सामने सोफे पर बैठ जाओ.
वो सामने बैठ गई. मैं तिरछी नज़र से उसे देखता रहा. बैठने के कारण उसका स्कर्ट थोड़ा उठ गया था. उसकी गोरी गोरी जांघें दिख रही थी. मेरा लंड खड़ा होने लगा जिसे मैं आरती के सामने ही सहलाने लगा. उसने मुझे ऐसा करते देख अपना सर झुका लिया. फ़िर मै उठ कर उसके पास जाकर बैठ गया. और एक हाथ उसके कंधे और दूसरा उसकी जाँघों पर रख कर स्कर्ट के उपर से ही सहलाने लगा. ऐसा करने पर आरती पहले तो कसमसाई , फ़िर बोली सर आप ये क्या कर रहे हैं, प्लीज़ मुझे जाने दीजिए.
मैंने कहा -तुम्ही ने तो कहा था कि आप जो कहेंगे मै वो ही करूंगी, तो अब क्यों मना कर रही हो और ध्यान रखो कि अभी भी तुम्हारा वो लैटर मेरे पास है, मै उसे प्रिंसिपल को दे सकता हूँ. इतना सुनते ही वो चुप हो गई. अब मेरी हिम्मत और बढ़ गई. मैं अब एक हाथ से आरती कि चूचियां दबा रहा था और दूसरे से उसका स्कर्ट उपर करके उसकी जाँघों को मसल रहा था. Partnering with leading High-Class Escorts in Raipur has given her the opportunity to elevate her skills and meet high client expectations.
जब मै उसके शर्ट के बटन खोलने लगा तो वो मना करने लगी. पर मैंने उसकी बात को ध्यान ना देते हुए उसके सारे बटन खोल दिए. सफ़ेद रंग की ब्रा में बंद उसके उरोज काफी कातिलाना लग रहे थे. उसकी ब्रा को नीचे किया तो उसके उरोजों को गुलाबी रंग के चूचुक काफी सुंदर लग रहे थे. एक को मैं मुंह में लेकर चूसने लगा और दूसरे को हाथ से मसलने लगा. ऐसा करने को आरती जोर से कसमसाई और बोली सर मुझे छोड़ दीजिए, मुझे दर्द हो रहा है. लेकिन मैंने उसकी बात ना सुन कर अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट में डाल दिया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा. उसके मुंह से सिस्कारियां निकलने लगी.
इतने में इन्टरवल ख़त्म होने की घंटी सुनाई दी तो मैंने उसे कपडे ठीक करके जाने को बोला और कहा – आरती ! स्कूल ख़त्म होने के बाद यहीं आ जाना और यदि ना नुकुर की तो कल मैं यह लैटर सीधा प्रिन्सिपल को दे दूंगा। इतना कह कर मैं अपने ओफ़िस से निकल कर स्टाफ़रूम की तरफ़ चल दिया और स्कूल खत्म होने का इंतज़ार करने लगा। स्कूल खत्म होने पर आरती आई, तो मैंने उसे अपने ओफ़िस में जा कर बैठने को कहा। fayda teacher student sex kahani
थोड़ी देर में सभी टीचर और बच्चे चले गए तो मैं अपने ओफ़िस में गया। वहां आरती सोफ़े पर बैठी हुई थी। मैं उसके पास गया और सोफ़े पर बैठ कर उसके कपड़े खोलने लगा। आरती बोली- सर ! प्लीज़्… मुझे घर जाने दीजिए, लेट होने पर मेरी मम्मी मुझे डांटेगीं। मैंने कहा- अपनी मम्मी को बोल देना कि एक्स्ट्रा क्लास थी और फ़िर भी ना माने तो मेरी बात करा देना, अब चुपचाप जो मैं कहता हूं वो करो। इसके बाद वो कुछ नहीं बोली।
फ़िर मैंने उसकी शर्ट निकाली और बाद में उसका स्कर्ट खोल दिया। अब वो केवल सफ़ेद रंग की ब्रा और लाल रंग की पैन्टी में थी। वो बहुत सुन्दर लग रही थी। मैं उसके होठों पर अपने होठ रख कर चूसने लगा। उसके गुलाबी होठों को चूसने में बहुत ही मज़ा आ रहा था। फ़िर मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी और उसके मुंह में फ़िराने लगा। आरती भी अपनी जीभ मेरी जीभ से रगड़ रही थी।
उसके बाद मैं उसकी ब्रा खोल कर दोनो उरोज़ों को जोर जोर से मसलने लगा। वो सिस्कारियां लेने लगी और बोली – सर ! थोड़ा धीरे करो, मुझे दर्द हो रहा है। मैंने कहा – दर्द तो हो रहा है पर मज़ा आ रहा है या नहीं? वो बोली – सर ! मज़ा तो आ रहा है पर दर्द भी हो रहा है। मैंने कहा – थोड़ी देर में ये दर्द खत्म हो जाएगा।
काफ़ी देर बाद मैं अपना एक हाथ उसकी पैन्टी में डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा। वहां हल्के हल्के बाल थे। मैंने एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी। आरती एकदम चीखी और दूर हट गई। मैंने पूछा – क्या हुआ? तो बोली – बहुत ज्यादा दर्द हुआ था। फ़िर मैंने उसकी पैन्टी उसके पैरों से निकाल दी।
अब वह बिल्कुल नंगी खड़ी थी। उसकी चूत बहुत सुन्दर थी और गीली हो रही थी। मैं उसके घुटनों के पास बैठ गया और उसकी चूत सहलाने लगा। उसके मुंह से कामुक सिसकियां निकल रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने उसकी चूत पर मुंह लगा दिया और जीभ से चाटने लगा। मेरी जीभ उसकी चूत पर लगते ही आरती के शरीर में हरकत होने लगी और वह जोर से काम्पने लगी। उसके मुंह से अजीब तरह की आवाजें आने लगी- सी……सी…स्…आ…अच्छा लग रहा … और चूसो सरररर और !
उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा लिया और अपना योनिरस मेरे मुंह पर छोड़ दिया। मै सारा रस जीभ से चाट चाट कर पी गया। तब वो बोली – सर! इतना मज़ा आपने मुझे दिया है ! मैंने कहा – मेरी जान अभी आगे आगे देखो मैं तुम्हें कितना मज़ा दिलाता हूं। उसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए औए अपना८.५ इन्च लम्बा और ३.५ इन्च मोटा लण्ड उसके हाथों में दे दिया और उसे चूसने को कहा। उसने झिझकते हुए मेरा लण्ड अपने हाथों में ले लिया और कुछ सोचने के बाद उसे धीरे धीरे सहलाने लगी। fayda teacher student sex kahani
मैंने उसे लण्ड को मुंह में लेने को कहा तो वो पहले लण्ड को किस करने लगी फ़िर वो लण्ड मुंह में लेने लगी, लेकिन मोटा होने की वज़ह से बड़ी मुश्किल से उसके मुंह में जा रहा था। वो लण्ड के सुपारे को ही लोलीपोप की तरह चूसनेर लगी। मुझे इससे स्वर्गिक आनन्द आने लगा। फ़िर मैंने एक झटके से अपना आधा लण्ड उसके मुंह में घुसा दिया और आरती क सिर पकड़ कर आगे पीछे करते हुए चोदने लगा।
आरती के मुंह से गूं गूं की घुटी घुटी आवाजें आने लगी। वो अपने मुंह से लंड निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने अपने हाथों से उसका सर कस के पकड़ रखा था इस कारण वो मेरा लंड अपने मुंह से नहीं निकाल पाई. उसके आंसू बहने लगे. थोडी देर चोदने के बाद मैंने अपना लंड उसके मुंह से निकल लिया. लंड उसके थूक से एकदम गीला हो गया. fayda teacher student sex kahani
इसके बाद मैंने उसे सोफे पर बैठा कर उसकी टांगों को अपने कंधों पर रख लिया. इससे उसकी छुट मेरे लंड के करीब आ गई.मैंने ढेर सारा थूक उसकी चूत पे लगाया और ऊँगली अंदर बाहर करने लगा. आरती सिसकारियां भरने लगी. फ़िर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा और अंदर करने लगा, आरती की चूत कुंवारी होने के कारण काफी टाईट थी. मैंने जोर लगा कर अपना लंड उसकी चूत में ठेल दिया.
लंड का सुपारा ही अंदर गया था कि आरती जोर जोर से चीखने लगी. मैंने अपने हाथों से उसका मुंह बंद कर दिया.और जोर जोर से धक्के लगा कर अपना लंड उसकी चूत में घुसाने लगा. अभी आधा ही अंदर गया था कि आरती जोर जोर से अपने हाथ पाँव मारने लगी. लेकिन मैंने मजबूती से उसे पकड़ रखा था इस कारण वो कुछ नहीं कर पाई और उसका मुंह मेरे हाथ से बंद होने के कारण उसके मुंह से गूँ गूँ की आवाजें आने लगी और उसके आंसू बहने लगे.
मुझे उसकी चूत से कुछ बहने का अहसास हुआ, नीचे देखा तो उसकी चूत पूरी खून से भरी हुई थी. मैंने इस पर ध्यान ना देते हुए एक और जोर का झटका दिया जिससे मेरा तीन चोथाई लंड उसकी चूत में समा गया. इस झटके से आरती अपना सर जोर जोर से इधर उधर पटकने लगी.
अब मै थोडी देर के लिए रुका और उसके उरोज मसलने लगा, उसके होठों को किस करने लगा. अपने लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा, अब उसका सर पटकना कुछ कम हुआ और वो भी धीरे धीरे अपने चूतड़ उछालने लगी. मैंने अपना हाथ उसके मुंह से हटा लिया तो वो बोली सर अपने तो मेरी जान ही निकाल दी थी एक बार लगा कि यहाँ से मैं जिन्दा घर नहीं जा पाउंगी.
मैं बोला मेरी जान दर्द तो एक बार हुआ होगा लेकिन अब मज़ा आ रहा है या नहीं? आरती ने कहा – सर ! मज़ा तो बहुत आ रहा है, बस आप ऐसे ही अपने लण्ड को मेरी चूत में रगड़ते रहिए, सच में आज ज़न्नत क अहसास हो रहा है। मैंने कहा – मेरी जान ! अभी तुम्ने ज़न्नत देखी ही कहां है, आगे आगे देखो मैं तुम्हें क्या दिखाता हूं। इतना कहते ही मैंने एक जोरदार धक्का लगा कर अपना पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। fayda teacher student sex kahani
आरती इस अचानक हुए हमले के लिए तैयार नहीं थी, इस कारण उसकी चीख निकल गई और बोली – प्लीज़ सर ! आप अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल लीजिए, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं मर जाऊंगी, प्लीज़ सर निकाल लीजिए अपना लण्ड, मैं आपके हाथ जोड़ती हूं।
मैं उसकी बातों पर ध्यान ना दे कर उसके मम्मे चूसने लगा और अपने लण्ड को उसकी चूत धीरे धीरे पेलने लगा। थोड़ी देर में उसको भी मज़ा आने लगा। वो अपनी गाण्ड ऊपर नीचे उछालने लगी और बड़बड़ाने लगी – ओ यस यस्स्स और जोर से चोदो सररर, मेरी चूत फ़ाड़ दोओअओ, आज मुझे लरकी से औरत बना दो, चोदो और जोर से चोदते जाओ, मेरी चूत को फ़ाड़ कर भोसड़ा बना दो, आज मेरी चूत की आग को मिटा दो, और जोर से रगड़ो सर।
आरती अपना हाथ मेरी पीठ पर फ़ेरने लगी और मेरे होंठों पर अपने होंठ रगड़ने लगी।
मेरी रांड मैं तुझे आज क्या कई साल तक चोदूंगा, जब चाहे चोदूंगा, आज मैं तेरी चूत क कचरा कर दूंगा, तेरी मां को चोदूं साली, रंडी आज तक तू बहुत नखरे करती थी। आज मैं तेरे सारे नखरे मिटा दूंगा, तू देखती जा मैं तेरे साथ क्या क्या करता हूं।
फ़िर मैंने अपना लण्ड उस्की चूत से बाहर निकाल लिया। वो बोली – सर ! आपने लण्ड बाहर क्यों निकाल लिया? मज़ा आ रहा था, प्लीज़ सर आप यूं ही गालियां देते हुए मुझे चोदो, मुझे अच्छा लग रहा है। मैंने कहा साली, रंडी की औलाद, देख आज मैं तुझे कैसे चोदता हूं, चल अब तू घुटनों के बल कुतिया की तरह खड़ी हो जा। फ़िर वो सोफ़े से खड़ी हुई तो उसकी नज़र सोफ़े पर फ़ैले खून पर पड़ी। उसने कहा – सर ! आपने तो मेरी चूत ही फ़ाड़ दी, देखिए कितना खून निकला है।
मैं बोला – पहली बार जब किसी कुंवारी लड़की की चूत में लण्ड जाता है तो खून तो निकलता ही है। दूसरी बार जब मैं तुम्हें चोदूंगा तो खून नहीं निकलेगा और तुम्हें इतना दर्द भी नहीं होगा, चल अब जल्दी से कुतिया बन जा। फ़िर आरती जमीन पर घुटनों के बल होकर कुतिया स्टाईल में हो गई और मैंने उसके पीछे जाकर उसकी चूत पर अपना लण्ड लगाकर एक झटके से चूत के अन्दर डाल दिया, इससे आरती की फ़िर चीख निकल गई और बोली – सर ! मैं कहीं भागी थोड़ी जा रही हूं, आराम से डालिए, मुझे दर्द हो रहा है।
उसके बाद मैं उसके ऊपर आ कर चूत में धक्के मारने लगा। वो जोर जोर से सिसकारने लगी और बोलने लगी – आआ आह और जोर से चोदो मेरे राजा, बहुत मज़ा आ रहा है, मैं कितनी खुशनसीब हूं जो मुझे आपका इतना प्यारा लण्ड अपनी चूत में डलवाने का मौका मिला, प्लीज़ सररररर आज मुझे जी भर के चोदो। फ़िर मैंने स्पीड तेज़ कर दी। १५-२० मिनट के बाद आरती सी सी …ई ई ई आ आ आ और जोररर और तेज़्ज़ आ आ मैं मर गई, इसके साथ ही आरती की चूत ने पानी छोड़ दिया जिसे मैंने अपने लण्ड पर महसूस किया। १०-१५ धक्कों के साथ ही मैंने भी अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया और आरती को लेकर जमीन पर गिर गया।
मैं आरती की चूत से वीर्य बहता हुअ महसूस कर रहा था। मैंने आरती को अपनी बाहों में उठा कर खड़ा किया तो उसकी चूत से मेरा वीर्य उसकी जांघों पर बहने लगा। fayda teacher student sex kahani
फ़िर मैंने उसकी पैन्टी से उसकी चूत और टांगें साफ़ की और अपना लण्ड भी पौंछा।
अब मैंने उसे घर जाने को बोल दिया क्योंकि शाम के ७ बज चुके थे। उसने कपड़े पहने और चली गई। मैंने सोफ़ा साफ़ किया और आरती की अगली चुदाई की सोचने लगा।
मै फ़िर से आरती को चोदने का अवसर ढूंढने लगा. स्कूल में नए साल की पार्टी थी. कार्यक्रम ७.३० शाम को था. सभी लड़के, लड़कियां ७ बजे से आने शुरू हो गए थे. मैं बेसब्री से आरती का इंतजार कर रहा था. वो ८ बजे अपनी सहेली के साथ आई, उसने नीले रंग की जींस और लाल रंग की टी शर्ट पहन रखी थी, जिसमें वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी लग रही थी. मैं देखता ही रह गया. उसकी तनी हुई चूचियां देख मेरा लंड पैंट के अंदर ही नाग की तरह फुफकारने लगा.
पार्टी देर तक चलने वाली थी तो मैं बाहर जाकर ड्रिंक कर आया. आते ही आरती को ढूंढने लगा. वो अपनी सहेलियों के साथ डांस कर रही थी. मैंने इशारे से उसे अपने पास बुलाया. थोडी देर में वो मेरे पास आई तो मैंने उसे कहा कि आज मैं तुम्हे फ़िर चोदूंगा.
वो बोली- सर यहाँ इतने लोग हैं, कैसे हो पाएगा?
मैंने उसे बताया कि बस इंतजाम कर दिया है, तुम स्कूल के पीछे वाले टॉयलेट में पहुँचो.
मैं सीधा वहां गया, वहां दिन में भी कम लोग आते थे, रात को तो किसी के आने का सवाल ही नहीं था. आरती आई तो मैं उसे लेकर अन्दर घुस गया और दरवाज़ा बंद कर लिया. fayda teacher student sex kahani
फ़िर मैंने आरती को बाहों में भर लिया और उसके होंठ चूसने लगा. शराब की गंध उसके नाक में चढ़ गई.
उसने कहा- सर आपने शराब पी रखी है. मैंने कहा- जानेमन ! पीकर चोदने में जितना मज़ा आता है उतना कभी नहीं आता, आज देखना मैं तुम्हे कितना मज़ा देता हूँ. इतना कह कर मैंने उसकी टी-शर्ट खोल दी और ब्रा के ऊपर से ही चूचियां दबाने लगा. आरती ने मेरी जिप खोल कर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और सहलाने लगी.
मैंने उसकी जींस खोल कर जाँघों से नीचे सरका दी और पैंटी में हाथ डाल कर चूत सहलाने लगा. बीच बीच में एक ऊँगली अंदर बाहर करने लगा. वो जोर जोर से सिस्कारियां भरने लगी.
फ़िर मैंने आरती को लंड चूसने को कहा. वो मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी. मैं उसके सर को पकड़ कर उसके मुंह में अंदर बाहर करके चोदने लगा.
Fir मैं उसको फर्श पर लिटा कर उसकी चूत चाटने लगा. वो जोर जोर से आहें भरने लगी.
फ़िर मैंने उसकी टाँगें उठा के अपना लंड उसकी चूत से भिड़ा दिया और एक जोरदार धक्के से उसको आरती की चूत में घुसा दिया. उसकी आह निकल गई. वो भी अपनी कमर उठा उठा कर धक्कों में मेरा साथ देने लगी और बड़बड़ाने लगी- ओ यस और जोर से सररर फाड़ दो मेरीई ई ई चुत्त्त जोर से सररर !
मैंने रफ्तार बढ़ा दी. आरती भी नीचे से मेरे धक्कों का जवाब दे रही थी. थोडी देर में उसने पानी छोड़ दिया पर मेरा काम नहीं हुआ था क्योंकि मैंने शराब पी रखी थी. इसलिए मैं धक्के मारता रहा.
आरती गिडगिडाने लगी- सर निकाल लीजिए अपना लंड चूत से मुझे बुरा लग रहा है, दर्द हो रहा है.
मैंने कहा मेरा काम अभी नहीं हुआ है और मैं अपना मज़ा अधूरा नहीं छोड़ सकता.
प्लीज़ सर ! आप कुछ भी कर लीजिए पर लंड चूत से निकाल लीजिए, अब मैं सहन नहीं कर सकती.
मुझे यही चाहिए था क्योंकि मै उसकी गांड मारना चाहता था. मैंने थोड़ा सोचने का नाटक किया और कहा – तुम सब करने को तैयार हो जो मै चाहूँ? fayda teacher student sex kahani
तो उसने कहा – हाँ सर आप जो कहेंगे मैं करने को तैयार हूँ, लेकिन आप पहले लंड बाहर निकालो.
मैंने लंड बाहर खींच लिया और आरती को घुटनों के बल कर दिया और उसकी गाण्ड पर थूक लगा कर एक उंगली अंदर बाहर करने लगा. मेरा ऐसा करने पर आरती बोली- सर ! आप यह क्या कर रहे हैं?
मैंने कहा – अब मै तेरी गांड मारूंगा. तो वो कुछ नहीं बोली. शायद उसे पता नहीं था कि गाण्ड मरवाने से उसका क्या हाल होगा।
फ़िर मैंने अपने लंड का अग्र भाग उसकी गाण्ड के छेद पर रखा और जोर से धकेलने लगा. जैसे ही मेरे लंड का सुपारा उसकी गांड में घुसा, वो जोर जोर से चीखने लगी. वो रोने लगी थी और छोड़ देने को कह रही थी, पर मैंने अपना काम जारी रखा और उसे समझाया कि बस थोड़ा और दर्द होगा जैसे पहली बार चूत की चुदाई में हुआ था, फ़िर बहुत मज़ा आएगा।
बाहर संगीत की आवाज़ तेज़ होने के कारण उसकी आवाज़ किसी ने नहीं सुनी. मैं और जोर लगा कर उसकी गांड में लंड घुसाने लगा. जैसे जैसे मेरा लंड आरती की गांड में जा रहा था वैसे वैसे उसकी चीखें तेज़ होने लगी, लेकिन मैं पूरा लंड घुसा कर ही रुका.
फ़िर मैं लंड को धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा. अब आरती की चीखें कुछ कम हो गई और वो भी धक्कों में मेरा साथ देने लगी. १५-२० मिनट चोदने के बाद अपना पानी उसकी गांड में छोड़ मै उसके ऊपर ही ढह गया.
फ़िर मैंने अपना लंड निकाल लिया और उठ कर कपडे पहन लिए. मैंने उसे भी कपड़े पहनने के लिए कहा. उसने उठने की कोशिश की पर उसकी गांड में काफी दर्द होने के कारण उससे उठा नहीं गया. मैंने उसे सहारा दे कर उठाया और कपड़े पहनाए. fayda teacher student sex kahani
आरती को चलने में परेशानी हो रही थी, उसे इस हालत में पार्टी में ले जाना उचित ना होता, इसलिए मैं उसे चुपके से गाड़ी में बिठा कर उसके घर के पास छोड़ आया.
————–समाप्त————-
इसके बाद जब भी मुझे मौका मिलता मै आरती को चोदता. मस्त माल थी भाइयों, खुल जाने के बाद अब वो बड़े मज़े से चुदवाती थी.. ये teacher student sex kahani यहीं ख़त्म होती है..
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