(Aunty ki pyasi Jawani Mange Lund- Part 1)
अन्तर्वासना की सेक्सी कहानियों के सभी पाठक पाठिकाओं, लेखक, लेखिकाओं को देव कुमार का नमस्कार. आप सभी ठीक होंगे, ऐसी प्रार्थना करता हूँ. Aunty pyasi jawani lund Part 1 Hindi Sex Story.
मैं देव कुमार जयपुर राजस्थान से इस कामुक सेक्सी कहानियों के विश्वविख्यात अन्तर्वासना2.कॉम के पटल पर आप सभी का अभिनन्दन, स्वागत, आभार व्यक्त करता हूँ. आप लोग इन सभी कहानियों को पढ़कर वापिस मेल के जरिए जबाव देकर हमें प्रोत्साहित करते हैं. इस प्रोत्साहन से प्रेरित होकर सभी लेखक और लेखिकाएं आपके मनोरंजन की लिए निरंतर अपने अनुभव को नयी नयी कामुक कहानियों के माध्यम से लिख कर आप तक पहुंचाते हैं.
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दोस्तो, क्या आपने सोचा है कि एक बार चुदाई करने और करवाने के बाद चुदाई का मौका न मिले, तो कैसा महसूस होता है? लंड चुत का संगम भी क्या संगम होता है, जब भी होता है, तो दरिया बन कर बहता है.
मैं लड़कियों, भाभियों, आंटियों मतलब सभी चुत की देवियों की चुत और गांड का गुलाम एक आंटी की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ. सभी लंडधारी भाई अपने लंड को पकड़ कर मुठ मार सकते हैं और जिनकी चुत गर्म हो जाए, तो वो लंड से या खीरा, बैंगन, लौकी, ककड़ी, गाजर, मूली जो भी मिले, डालकर मेरी इस कहानी का आनन्द लें और अपने सुझाव, मत मेल के जरिये भेज कर अपने लंड, चुत से मुझे दुआएं दें ताकि मुझे ऐसे ही नयी नयी चुत, गांड चोदने को मिलती रहे और मैं अपना अनुभव आपको सुनाता रहूँ.
दोस्तो, मैं हायर एजुकेशन के लिए कमरा किराये पर लेकर रहता था. वो आंटी, जिनके यहां मैंने रूम किराये पर लिया था, उनका नाम टीना था.
टीना आंटी के पति आउट ऑफ़ इंडिया बिज़नेस करते थे. आंटी अपने दो बच्चों के साथ रहती थीं. उनके बच्चे अभी स्कूल कॉलेज में पढ़ रहे थे.
अब आंटी के हुस्न की बात करूं, तो भगवान ने उनके एक एक अंग को बड़ी ही फुर्सत से बनाया था. उनका गोरा बदन, भरे हुए 38 की साइज के बड़े बड़े चुचे, उठी हुई 36 साइज की गांड और कमर का 30 था. दो बच्चों की माँ होने के बाद भी आंटी देखने में बड़ी ही कामुक लगती थीं. ऐसा लगता था कि कोई नयी नवेली दुल्हन हों. आंटी ने अपने शरीर को बड़ा ही मेन्टेन कर रखा था.
टीना आंटी और उनके बच्चों के साथ समय के साथ मेरा अच्छा संबंध, बोलें तो व्यवहार हो गया था. मैं आंटी के नाम से कई बार बाथरूम में और मेरे रूम में मुठ मारा करता था. नयी जगह होने के कारण और उच्च शिक्षा के कारण व्यस्त रहता था, तो मैंने बाहर भी कोई लड़की को नहीं पटाया था.
मुझे आंटी के उस किराए के रूम में रहते हुए ऐसे ही एक साल गुजर गया. Aunty pyasi jawani lund Part 1 Hindi Sex Story.
अगले साल आंटी के दोनों बच्चे भी CA और MBA के लिए अहमदाबाद चले गए. अब घर में आंटी अकेली रह गयी थीं. धीरे धीरे ऐसे ही दिन कटते रहे. मेरी और आंटी की नजदीकियां भी बढ़ती गईं.
अंकल साल में एक महीने के लिए एक ही बार घर आते थे.
दोस्तो, एक अकेली औरत अपने आपको कब तक चुदाई से रोक सकती है, जब वो घर में अकेली रहती हो … उसके बच्चे भी साथ न हों, तो खाली दिमाग शैतान का घर होता है.
इसी सबके चलते धीरे धीरे टीना आंटी मुझसे खुलकर बात करने लगीं. वे मुझसे हंसी ठिठोली करने लगी थीं. वो मुझसे पूछने लगतीं कि कोई गर्ल फ्रेंड है या नहीं. कभी सेक्स किया या नहीं वगैरह वगैरह.
टीना आंटी अपनी चुत में लंड लेने को बैचेन लगती थीं और मैं आंटी को चोदने को बैचेन था. पर सब कुछ बातों तक ही सीमित रह जाता था.
चुदाई की आग दोनों तरफ लगी पड़ी थी, पर वो कहते हैं ना कि शुरूआत कौन करे. दोनों की इज्जत को लेकर गांड फटती थी.
अब घर में सिर्फ मैं और टीना आंटी ही रहते थे, तो जो भी काम होता, आंटी मुझे ही बोलती थीं. बाजार जा कर आना होता या और कोई सामान लाना होता, तो वह सब मुझे ही बोलती थीं. मैं धीरे-धीरे आंटी की ओर बहुत ज्यादा आकर्षित होने लग गया था. जब वह मेरे साथ बाइक पर बैठकर कहीं जातीं, तो उनके चूचों का स्पर्श पाकर लंड कुलांचें भरने लगता था.
आह … क्या बताऊं दोस्तो, उस वक्त मुझे अपने आप पर काबू करना मुश्किल हो जाता था. घर आते ही बाथरूम में जाकर लंड को हिलाना पड़ता था. ऐसे ही थोड़े दिन में आंटी भी मेरी ओर आकर्षित होने लग गई थीं.
एक बार बाजार से वापिस आते टाइम पर आंटी ने बाइक को एक शराब के ठेके पर रोकने के लिए बोला. मैंने बाइक रोक दी और वो ठेके पर चली गईं.
वहां से उन्होंने दारू की दो बोतलें और दो बीयर की बोतल खरीद लीं. पास में ही एक अंडे वाले से कुछ अंडे ले लिए.
मैं उनको हैरत से देख रहा था. वापिस आकर आंटी मेरे साथ बाइक पर बैठ गईं.
मैंने आंटी से पूछा- आंटी आप ड्रिंक करती हो?
टीना आंटी- क्यों … नहीं कर सकती क्या? तुम मर्द लोग ही पी सकते हो … हम क्यों नहीं?
मैं- सॉरी आंटी … मेरा मतलब ये नहीं था, मैंने आपको पहले ऐसे ड्रिंक के साथ नहीं देखा, तो पूछ लिया.
आंटी- ओके … अब चलो यार, कभी कभी अपनी तन्हाई को दूर करने के लिए पी लेती हूँ. क्या तुम मेरे साथ ड्रिंक करोगे?
मैंने आंटी की तरफ पीछे को सरकाते हुए उनके चूचों पर एक रगड़ मारी और कहा- वाह आंटी … नेकी और पूछ पूछ … आप पिलाओगी, तो क्या नहीं लूँगा?
मैंने महसूस किया कि जब मैंने आंटी की चूचियों को रगड़ मारी, तो उसके बाद से आंटी ने मेरी पीठ से अपनी मम्मों को खुद ही रगड़ना चालू कर दिया था. जब भी कोई छोटा सा गड्डा आता, तो वे मेरी पीठ पर अपनी चूचियों को कुछ ज्यादा ही रगड़ देती थीं. मैंने उनकी वासना को समझ गया था कि आज दारू की महफ़िल के बाद आंटी की चुदास मिटाने का मौका मिल सकता है.
ऐसे बात करते करते हम दोनों घर पहुंच गए. घर आकर मैं अपने रूम में चला गया और आंटी भी अपने काम में व्यस्त हो गईं.
थोड़ी देर बाद आंटी ने आवाज लगायी, तो मैं हॉल में आ गया.
वहां आंटी ने 2 गिलास और दारू की बॉटल सजा रखी थी. आंटी को देखा तो आज मैं देखता ही रह गया. आंटी ऐसी कांटा माल लग रही थीं, जैसे स्वर्ग से कोई अप्सरा उतर आयी हो.
सफ़ेद रंग का पारदर्शी गाउन, उसमें से चमकता उनका दूधिया बदन, लाल रंग की जरा सी ब्रा और पतली पट्टी जैसी पैंटी साफ़ नुमाया हो रही थी. कुछ पल के लिए तो मैं स्तब्ध रह गया.
जब मुझे आंटी ने मेरा हाथ पकड़ कर हिलाया, तब मुझे होश आया.
आंटी- क्या हुआ देव … कहां खो गए?
ये कह कर आंटी हंसने लगीं.
मैं- आंटी आज आप बहुत सुन्दर लग रही हो.
आंटी बोलीं- सुन्दर या हॉट?
मेरे मुँह से बेसाख्ता निकल गया- न सेक्सी और न हॉट … आप तो एक नम्बर की माल लग रही हो.
आंटी मेरी बात सुनकर हंसने लगीं और बोलीं- अब बोला तू सही बात … चल बैठ जा. Aunty pyasi jawani lund Part 1 Hindi Sex Story.
आंटी को देखकर मेरा लौड़ा मेरे लोअर में खड़ा हो गया था. मैंने देखा आंटी की नजर भी मेरे लोअर पर जमी हुई थी.
मैं जल्दी से सोफे पर बैठ गया और पैग बनाने लग गया. पैग बनाकर गिलास में बर्फ डाली और उनको इशारा किया. आंटी और मैंने अपने अपने गिलास उठा लिए. हमने चियर्स किया और दोनों पीने लगे.
जल्दी ही हम दोनों ने तीन तीन पैग लगा लिए, जिससे नशा सा छाने लगा.
मैंने लोअर की जेब सिगरेट की डिब्बी निकाली और पहले झिझकते आंटी की तरफ देखा तो उन्होंने बड़े अश्लील भाव से ओने होंठों पर जीभ फिराई. मैंने उनकी तरफ डिब्बी बढ़ाई, तो उन्होंने कहा- एक ही जला लो, उसी से ले लूंगी.
Maine सिगरेट जलाई और कश खींच कर आंटी की तरफ बढ़ा दी. आंटी ने भी सिगरेट को अपने होंठों के बीच दबाया और मजे सिगरेट खींचने लगीं. उन्होंने पहले कश कम्बा खींचा और मेरे खड़े लंड की तरफ धुंआ फेंका और हंसने लगीं.
मैंने कहा- मत करो यार … जल जाएगा.
आंटी समझ गईं और बोलीं- मैं किस लिए हूँ, सब आग बुझा दूंगी.
दोस्तो, की आंटी सच में इस वक्त सिगरेट पीते हुए बहुत ही सेक्सी लग रही थीं. उनकी अदा किसी पोर्न ऐक्ट्रेस सी लग रही थी. उनकी नजरों में भी मुझे पूरी हवस दिखाई दे रही थी. वह भी कुछ कर गुजरने को बेताब थीं.
वह दारू पीते पीते मेरे पास आकर बैठ गईं. उनका वजन मेरी तरफ को हो गया, तो दारू के नशे में मैंने आंटी को पकड़ कर अपनी गोद में खींच लिया. आंटी भी शायद यही चाहती थीं, वह लपक कर मेरी गोद में आ बैठीं. मेरा लंड उनके चूतड़ों की दरार में जाकर लग गया. आंटी ने मेरे लंड को लोअर के ऊपर से ही पकड़ कर सहला दिया.
आंटी बोलीं- अरे यह क्या चुभ रहा है मेरी गांड में … वाओ क्या मस्त लौड़ा है. आज तो मैं इसे दारू के साथ पीऊंगी.
इसके तुरंत बाद आंटी ने मेरी गोद से हट कर मेरा लोअर, चड्डी समेत नीचे खींच दिया. मेरा लंड फनफनाता हुआ आंटी के सामने लहराने लगा. मैंने सोफे की पुश्त से खुद को टिकाया और सिगरेट दबा कर अपना लौड़ा हिलाने लगा. आंटी ने एक पल की भी देर नहीं की. उन्होंने मेरे लौड़े को पकड़ा और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं. दो बार लंड अन्दर तक चूस कर आंटी ने मेरे लौड़े पर सीधे बोतल से दारू डालकर लंड को नहलाया और मुँह में लंड दबा कर चूसने लगीं.
वह बड़ी ही मस्ती से लौड़ा चूस रही थीं. मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं अभी झड़ जाऊंगा.
आंटी लौड़ा चूसते चूसते अपने दोनों हाथ से चूचियों को दबाने लगीं और अपनी चुत पर हाथ फेरने लगीं.
Aunty नशे में टुन्न हो गई थीं. वो मुझे गालियां देने लगीं- मादरचोद, हरामखोर, बहन के लौड़े, तेरी माँ की चुत, भड़वे. इतने दिन हो गए, यहां अकेली औरत के साथ रहते हुए. फिर भी तूने कुछ नहीं किया कमीने … ले आज मैं तुझे खुद कह रही हूँ, बना ले मुझे अपनी रंडी ले, सरेआम मुझे चोद दे, मुझे कुत्तों से चुदवा दे भोसड़ी के … गधे के लंड से चुदवा दे … लेकिन मेरी इस चुत और गांड की प्यास बुझा दे. जो तू कहेगा, मैं वो करूंगी … प्लीज तुम मुझे आज मना मत करना. हे लंड के मालिक, मेरी इस चुत पर रहम करो.
आंटी के मुँह से ऐसे शब्द सुनकर हैरान हो गया कि देखो ये हवस भी क्या चीज है. साली रंडी मेरे लंड की गुलाम बनने को तैयार है.
मैंने आंटी के होंठों पर होंठ रखे और उनको लिपकिस करने लगा.
थोड़ी देर टीना आंटी के होंठों का रसपान करने के बाद मैंने आंटी का गाउन उतार दिया और आंटी की लाल ब्रा को खोल कर साइड में डाल दिया. साली के क्या मखमली मोटे मोटे बोबे थे, देखते ही मुँह में पानी आ गया. Aunty pyasi jawani lund Part 1 Hindi Sex Stories.
मैंने अपने दोनों हाथ टीना आंटी के मम्मों पर रखे और उनके दबाने, मसलने लगा.
आंटी- आह आह ऊह … सी सी, साले भड़वे, मादरचोद, कुत्ते इनको उखाड़ेगा क्या … मुझ रंडी पर नहीं, तो मेरे इन मम्मों पर तो रहम कर … बहन के लौड़े थोड़ा प्यार से दबा इनको … चूस इनका दूध.
मैं- साली छिनाल, कुतिया, तुझे मैं अपनी पर्सनल रांड बनाऊंगा, बोल बनेगी न मेरी कुतिया.
आंटी को गालियां देता हुआ मैं उनके मखमली दूध पर मुँह रख कर स्तन चूसने लगा, साथ में स्तन काट भी लेता तो आंटी जोर से सीत्कार मार देतीं- आह आह … हरामखोर इतने दिन हो गए … तुझे अकेली आंटी का बिल्कुल भी ख्याल नहीं आया … मेरे देव राजा, बना ले मुझे अपनी रांड … कुतिया पर … अब और ज्यादा ना तड़पा, मेरी चूत पानी पानी हो रही है, इसको इसका औजार दे दे. मेरी भोसड़ी में तेरा लंड घुसा दे. मेरी ऐसी चुदाई कर, ऐसी चुदाई कर कि मुझे आगे पीछे तू ही तू दिखे. कभी मुझे मेरे पति की याद ना आए.
माहौल पूरा का पूरा सेक्स और कामुकता में लीन हो रहा था. आंटी इतनी गालियां दे रही थीं कि मैं खुद सोच रहा था कि क्या कोई औरत ऐसे भी गालियां दे सकती है. क्या चुदाई की आग इतनी जोशीली हो सकती है. मैं भी आंटी को जैसे मुँह में आए, गालियां दे रहा था.
हां दोस्तो, ये सच है और मेरा अनुभव है कि अगर आपको चुदाई, सेक्स का पूरा एन्जॉय लेना है, तो गालियों का अधिक से अधिक प्रयोग करें और महिला पार्टनर अगर गालियां अच्छे तरीके से निकाले, तो चुदाई का जोश, मजा और बढ़ जाता है. ऐसा लगता है कि बस मैं और तुम और चुदाई. इस दुनिया से दूर एक अलौकिक आनन्द, जन्नत का सुख, दो जिस्म एक जान.
मैं आंटी के मम्मों को चूसता चूमता नीचे उनके पेट पर आ गया. उनके पेट पर भी मैंने थोड़े हल्के से दांतों से जगह जगह काटा और चूमा. आंटी की नाभि क्या मस्त गोल थी. उस पर जैसे ही मैंने अपना मुँह रखा, आंटी की सांसें तेज़ हो गईं. गर्म सांसों के साथ आंटी का पेट अन्दर बाहर हो रहा था, साथ ही आंटी और उत्तेजित होती जा रही थीं.
नाभि से नीचे पेट को चूमता हुआ और नीचे बढ़ा. अह ह ह … झुमरी तलैया, लाल रंग की कच्छी में कैद थी. टीना आंटी की चुत रस से पूरी भीगी हुयी पेंटी चमक रही थी. ऐसा लग रहा था, जैसे आंटी ने कच्छी में मूत दिया हो.
मैं अपने घुटनों पर बैठ कर आंटी की चुत पर पैंटी के ऊपर से ही मुँह रख कर सूंघने लगा. क्या मादक खुशबू थी टीना आंटी की चुत रस की. कच्छी पर मैंने अपना मुँह रगड़ कर चुत रस में पूरा गीला कर लिया था. मानो गर्मी में अपना मुँह धो लिया हो.
एक अजीब सा अहसास हो रहा था. आंटी की चुत को कच्छी के ऊपर से कच्छी सहित चूसने लगा. मस्त नमकीन स्वाद था आंटी की चुत रस का. Aunty pyasi jawani lund Part 1 Hindi Sex Stories.
मैंने जीभ से ऊपर से नीचे तक चाटा, तो बड़ा ही नमकीन स्वाद था.
आहा … मैंने आंटी की चुत को अपने मुँह में भर लिया और जोर से दबाने लगा, काटने लगा.
आंटी सीत्कार भरने लगीं. हम दोनों हवस की उबाल लेने लगी. आंटी मेरे बालों को पकड़ कर जोर से मेरा मुँह अपनी झुमरी तलैया जैसी भोसड़ी में दबा लिया और जोर जोर से मेरे मुँह पर अपनी चुत को पटकने लगीं.
दोस्तो, इस भाग में इतना ही. जल्दी ही मैं अपनी कहानी का दूसरा भाग आप लोगों के सामने पेश करूंगा. इसके लिए आप अपने मत और सुझाव मुझे मेल के जरिये जरूर भेजिए, जिससे मैं अपनी कहानी को और रोमांटिक तरीके से आपके सामने पेश कर सकूं.
आपकी चुत के मूत का प्यासा, सभी चुत की देवियों को खड़े लंड से सलाम.
आपका देव कुमार
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