भतीजे की शर्त

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यह sex story एक ऐसी औरत की है जो सती सावित्री थी, परंतु उसके भतीजे की एक जिद्द ने उसे कुछ और ही बना दिया। यह bhateeje ki shart hindi porn stori उसी की जुबानी।

मेरा नाम रितु है। मेरी उम्र 39 साल है। मेरे पति रमन एक मल्टीनेशनल कंपनी में बडे़ अधिकरी हैं। मेरा बेटा मानव अभी 18 साल का है और बंगलौर में इंजीनियरिंग कर रहा है। मैं अपने पति के साथ मुंबई में रहती हुँ। हमारे साथ मेरे भाई का बेटा गौरव भी रहता है जो कोई कंप्यूटर कोर्स कर रहा है। उसकी उम्र तेईस साल है।

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एक दिन टीवी पर योग का कोई प्रोग्राम दिखाया जा रहा था जिसमें गोमुत्र के बारे में बताया जा रहा था। चूँकि मेरे पति औफिस गये हुए थे इसीलिए मैं और गौरव घर पर समय बिताने के लिए टीवी देख रहे थे।

उस प्रोग्राम को देखते हुए मैंने कहा “कोई कैसे गोमुत्र पी सकता है। यह तो बहुत ही गंदा होता है।”

तभी गौरव ने कहा”बुआ उसे मशीन से साफ करके पीने लायक बनाया जाता है। तब उसे पीते हैं।”

मेरा भतीजा कभी कभी मुझसे चुहलबाजी भी करता है और मैं उसका मजा लेती हुँ।

मैंने बात बढा़ते हुए कहा”तभी तो कोई किसी का मुत्र ऐसे कैसे कोई पीये।”

तभी गौरव ने कहा”कोई किसी का क्या मतलब । युँ तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं। आपने लोगो को लोगों का न पीने का तो सुना ही होगा तो मूत पीना कौन सी बडी़ बात है।”

मैने कहा”दुसरों की छोड़ तु बता। बडी़ डींग हाँकता है। तु कर सकता है क्या।”

मेरी डींग हाँकने वाली बात पर वह उत्तेजित होते हुए बोला”इसमें कौन सी बडी़ बात है, जरुर करके दिखा सकता हुँ।”

“लगी शर्त तु नहीं कर पाएगा।”

“करुँगा जरुर,लगी शर्त।”

“परंतु अपनी नहीं किसी और की। समझे। मेरे सामने पीनी होगी। अगर मर्द हो तो इनकार मत करना।”ऐसा कहकर मैं हँसने लगी। bhateeje ki shart hindi porn stori

फिर उसने मेरी शर्त मानते हुए बोला “बुआ यहाँ कोई और तो है नहीं, मैं तुम्हारी मूत ही पियुँगा वह भी सीधे बिना कोई अन्य चीज के।”

अब मैं शर्मिंदा हो ग़ई। मैने उसे यह बात भुलने को कहा। परंतु उसने कहा”न करना हो तो ठीक ही है। सभी औरतें अपने बात से मुकरती ही हैं।”

अब मैने ताव में उसकी बात मानी पर यह काम अभी न करने को कहा।

तब गौरव ने कहा कि अगर वह यह काम कर लेगा तो मुझे उसकी एक बात माननी होगी।झिझकते हुए मैनें उसकी बात मानी और कहा”परंतु ये बातें किसी को पता नहीं लगनी चाहिए।”

उसके बाद मैं अपने घर के काम में लग गयी। मेरे पति शाम को घर आए तब तक गौरव से कोई विशेष बात नहीं हुई।

दो दिनों के बाद मेरे पति ने औफिस जाने के बाद फोन कर कहा कि उन्हें 10 दिनों के लिए काम से यूरोप टुर पर जाना है, इसलिए उनका सामान तैयार कर दूँ। मैंने उनका सामान तैयार कर पैक कर दिया। रमन शाम को आए और सो गये। उनकी फ्लाइट सुबह 4बजे की थी। सुबह उनके जाने के बाद मैं थोडी़ देर सोयी।

फिर सुबह के कामकाज समाप्त होने के बाद मैं टीवी पर सीरियल देख रही थी,उसी समय गौरव आया और पूछा “बुआ फुफा तो विदेश गये हैं कब तक आएँगें।”

मैने कहा कि दस दिनों में आएँगे। तभी मैं बाथरुम जाने को उठी तब उसने पूछा “बुआ आप मुझसे गुस्सा तो नहीं हो क्योंकि उस दिन के बाद से आपने मुझसे विशेष बात भी नहीं की और थोडा़ दुर रहने लगी हो”। मैंने कहा “ऐसी कोई बात नहीं है”। bhateeje ki shart hindi porn stori

“बुआ अगर बुरा न लगे तो उस दिन की शर्त याद है न।”

“बुरा मानने वाली कोई बात तो नहीं है। फिर बात तो मैंने ही शुरु की थी। मैंने मजाक किया था।” मैंने बात टालने के मूड में कहा।

परंतु वह आज बात टालना नहीं चाहता था। उसने फिर कहा “बुआ तो फिर आज देख ही लो मैं मर्द हुँ या नहीं। तुम भी अपनी जुबान से मत फिरना। मैं यह बात किसी को नहीं बताऊँगा।”

मुझे बडी़ कोफ्त होने लगी कि मैंने एक साधारण बात को कहाँ से कहाँ ला दिया।

आखिर झिझकते हुए मैंने कहा “पर मैं तुम्हारे आँख पर पट्टी बाँधुंगी और इस बात पर आगे कोई बात नहीं होगी, समझे।” मैं अपने कमरे में कोई कपडा़ लाने गयी।

उसने हाँ कहा और वहीं बैठा रहा। कमरे से आकर मैंने उसे अपने कपडे़ खोलकर बाथरुम में जाने को कहा। बाथरुम में जब मैं गयी तो वह तौलिया लपेट कर खडा़ था। मैंने उसके आँखों पर मोटी पट्टी बाँधी जिससे उसे कुछ दिखाई न दे। फिर सहारा देकर मैंने उसके सिर को नीचे किया।

उस समय मैं साडी़ पहने हुए थी। अब मुझे भी सिहरन हो रही थी। फिर मैं उसके सिर पर अपनी चुत को उसके मुँह के पास रखकर पिशाब करने लगी। उत्तेजनावश पिशाब की एक मोटी धार उसके मुँह में गिरी और मैं पिशाब करने के बाद उठी। उसे देखा तो मैं आश्चर्यचकित हो गयी। उसने मेरा पूरा मूत पी लिया था। मैंने बिना कुछ कहे उसके आँखों की पट्टी खोली और उसे नहाने को बोलकर बाररुम से बाहर आ गयी।

बाहर आकर मैं अपने दुसरे कामों में व्यस्त हो गयी। गौरव से नजरें मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही थी। खैर किसी तरह दो दिन बित गये। bhateeje ki shart hindi porn stori

इन दो दिनों में जब भी वह बात याद आती मेरी चूत गीली हो जाती थी।

तिसरे दिन मेरे टीवी देखते समय गौरव मेरे पास आया। वह बोला “बुआ जो हुआ सो हुआ। मैं यह बात किसी को नहीं बताऊँगा और यह बात सताने वाली है भी नहीं कि मैंने आपका मूत पिया है।”

मैंने भी कहा कि यह बात किसी हालत में कोई न जाने क्योंकि इससे मेरी बदनामी होगी।

“बुआ ऐसे देखा आपने मैंने असंभव वाला काम कर दिया। मूत पीने समय तो बहुत ही खारा लगा पर मैं किसी तरह पी ही गया। आपके बाथरुम से निकलने के बाद थोडी़ उबकाई हुई पर सब ठीक हो गया। वैसे मेरी शर्त तो याद है ना।”

“हाँ याद है, बोलो क्या करना है।” मैनें थोडे़ कडे़ लहजे में उससे पूछा।

“रहने दीजिए बुआ आप नहीं कर पाएँगी।”

“ऐसा कौन सा काम है जो मैं नहीं कर पाउँगी।”

“आप मुझसे नाराज हो जाएँगी। और फिर आप से नहीं हो पाएगा।”

“अगर तुम वह वाली बात किसी को न बताओ तो मैं नाराज नहीं होउँगी और तुम जो कहोगे मैं करुँगी।”

“मैं किसी को कुछ नहीं कहुँगा, लेकिन आप कर नहीं पाएँगीं।”

“ऐसा क्या है जो मैं नहीं कर पाऊँगी।” bhateeje ki shart hindi porn stori

“बुआ वो…वो…।”

“क्या वो… बोलकर देखो, मैं कुछ भी कर सकती हुँ।”

“मैं चाहता हूँ कि…।”

“क्या चाहते हो? मुझे कमजोर मत समझो। मैं तुम्हें कुछ भी करके दिखा सकती हूँ।”

“बुआ, मैं आपके चूत के दर्शन करना चाहता हूँ और उसे जीभर के चूमना चाहता हूँ। उसकी गंध अभी भी मुझे बेचैन कर रही है।”

अब मैं चौंक उठी।

मैं कुछ बोलती इससे पहले ही गौरव ने कहा “बुआ आपने पहले ही कहा है आप नाराज नहीं होंगीं और आप कुछ भी कर सकती हैं। अगर नहीं करना चाहती हैं तो कोई बात नहीं। मुझे पहले ही मालुम था कि आपसे नहीं होगा।पर आप नाराज ना हों।”

मैंने उससे कहा “क्या मालुम था मुझे कि तुम ऐसा कुछ कहोगे और औरतें भी अपने जुबान की पक्की होती है।” ऐसा कहकर मैं अपने कमरे में चली गयी।

वहाँ मैं सोचने लगी कि ये मैंने क्या कर दिया। खैर बहुत सोचने के बाद मैंने अपनी चड्डी उतारी और गौरव को आवाज दिया। bhateeje ki shart hindi porn stori

थोडी़ देर में गौरव आया और बिस्तर पर बैठा। मैंने कहा “देखो बेटा, यह जो तुम कह रहे हो वह कहीं से भी सही नहीं है। परंतु चुँकि शुरुआत मैंने की और मुझे तुम्हारी शर्त पूरी करनी है, इसीलिए मैं तुम्हारी बात मानूँगी। लेकिन यह सब बातें किसी को भी पता नहीं चलनी चाहिए।”

तब गौरव ने कहा “बुआ यह बातें मैं किसी को नहीं बताऊँगा चाहे कुछ भी हो जाए।”

मैंने उसे आँख बंद करने को कहा और अपना पेटिकोट उठाया। फिर उसे आँख खोलने को कहा। वह कुछ देर युँ ही मेरी नंगी जाँघ और चूत को निहारता रहा, फिर काफी करीब से देखने लगा। फिर तेजी से उसने अपनी जीभ मेरी चूत पर फिरायी। मेरी तो हालत खराब हो गयी। मेरी जिंदगी में यह पहली बार था कि कोई मेरी चूत पर जीभ फिरा रहा हो। मेरे पति ने भी मेरे साथ ऐसा कभी नहीं किया।

पति के साथ मेरी सेक्स लाइफ सामान्य ही थी। हमनें कुछ नया करने की कभी सोची ही नहीं।

इधर मेरी चूत पर जीभ फिरने से मुझे अजीब सी सिहरन महसूस हो रही थी। मैंने अपनी आँखे बंद कर लीं। अब उसने तेजी से अपनी जीभ चलाना शुरु किया। मेरी हालत पतली हो रही थी। एक अजीब सी मदहोशी मुझ पर छा रही थी। उसके जीभ से चाटते चाटते लगा कि मैं सातवें आसमान पर पहुँच गयीं हूँ। अब उसने अपनी जीभ अंदर डालनी शुरु। कब तो मुझे लगा कि मैं मर ही जाऊँगी।

अचानक मेरे अंदर कुछ अजीब लगने लगा। अब मैं नहीं चाहती थी कि वह रुके कि तभी वह रुका और बोला “बुआ मैं तो और भी चाटना चाहता हूँ। ” bhateeje ki shart hindi porn stori

“तो चाटो न रुक क्यों गये।” मेरी बात सुनकर वह मुस्कुराया और बोला कि जबतक फुफा जी नहीं आते हैं तबतक दिन में एक बार मैं आपका चूत जमकर चाटुँगा। अगर मंजुर हो तो बोलिये।

मेरी हालत यह थी कि मुझे अपनी चूत चटवाने के अलावा कुछ नहीं सूझ रहा था।

मैंने कहा “तुम जो कहो मुझे मंजूर है पर अभी रुको मत अपना काम जारी रखो।”

मेरी बात सुनकर उसने मेरी चूत को जमकर चाटना चालू कर दिया। दो मिनट बाद ही ऐसा लगा जैसे मेरे अंदर का सबकुछ बाहर निकल आएगा। और फिर मैंने अचानक उसका सिर पकड़ कर अपने चूत पर कसकर सटाया कि तभी मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया।

मैं झड़कर निढाल पर गयी। ऐसा लगा मानो मेरी पूरी ताकत किसी ने निचोड़ ली हो। परंतु उसने मेरी चूत को चाटना नहीं छोडा़। तभी फिर एक बार मैं झड़ने लगी । ऐसा उसने दो बार और मुझे झडा़या। फिर मैंने उसे जबरदस्ती हटाया और मैं निढा़ल होकर पडी़ रही। फिर कब मुझे नींद आ गयी पता ही चला।

जब मैं उठी तो शाम ढ़ल चुकी थी। मैं नहाने चली गयी। नहाने वक्त भी मैंने अपनी चूत को रगड़कर झाडा़ पर मुझे वैसा शुकुन नहीं मिला जैसा कि चूत चटवाते वक्त मिला था।

फिर मैं नहाकर निकली और तैयार होकर बैठी ही थी कि गौरव आ गया। उसने मेरा हाल पूछा।

मैने कहा कि मैं ठीक हूँ। मैंने उससे पूछा कि उसने यह सब कहाँ से सीखा। bhateeje ki shart hindi porn stori

उसने कहा कि यह सब उसने विडियो देखकर और किताबों से सीखा है। फिर उसने पूछा “बुआ कैसा लगा, ये तो बताइए।”

तब मैंने कहा कि जैसे मैं स्वर्ग में पहुँच गयी हुँ। मैंने पहली बार अपनी चूत चटवायी। इसका अनुभव मैं बयां नहीं कर सकती। तुमने मेरी हरकतों से पकड़ लिया होगा।

मेरी बात सुनकर वह मुस्कुराने लगा और बोला अब तो जब भी मन होगा तब करवाओगी न।

मैंने झेंपते हुए कहा “ऐसा कोई जरुरी थोडे़ ही है। ऐसे भी हमें अपने रिश्ते की देखते हुए ही कोई काम करना है। अगर तुम इसे राज रखो तो करने में कोई हर्ज नहीं।” अब मैं भी बहकने लगी थी।

तभी गौरव मेरे गोद में आकर बैठ गया और मुझे तुरंत करने के लिए मनाने लगा। मैंने उसकी बात को अनसुना करते हुए उसे अपने गोद से उतारते हुए किचेन में चली गयी। फिर गौरव भी मेरे पीछे पीछे किचेन आ गया। उसने मेरी गाँड सहलाते हुए मुझसे जिद्द करने लगा। मै युँ ही इनकार करती रही।

Tabhi वह मेरे कदमों में गिर कर मनुहार करने लगा। फिर भी मैं इनकार करती रही। मेरे अंदर भी खलबली मची थी। मैं भी उससे अपने चूत को जमकर चटवाना चाहती थी। इसीलिए मैं उसे अनमने ढंग से मना कर रही थी।

तभी उसने मेरी साडी़ उठायी और अंदर घुस गया। फिर तेजी से उसने मेरी पैंटी नीचे सरकायी और मेरे चूत पर अपनी ऊँगली फिराने लगा। मैं अब पूरी तरह मस्त हो चुकी थी। मैंने उसे इशारे से मेरी पैंटी उतारने को कहा। उसने मेरी पैंटी उतारने के बाद मेरे चूत को चाटना शुरु किया। bhateeje ki shart hindi porn stori

अब मैं साँतवे आसमान पर पहुँच गयी थी। चूत चाटते चाटते कब उसने मेरी साडी़ पेटीकोट सहित उतारा मुझे इसका भी ध्यान नहीं रहा। अब मैं पूरी तरह उसके नियंत्रण में थी। तभी उसने मेरी झाँटो भरी चूत को चाटना छोड़ मुझे झाँट साफ करने को कहा।

मैंने उससे कहा कि उसका जो भी मन है वो करे। तब उसने रेजर लाकर मेरे झाँटो को साफ करना शुरु किया। जैसे जैसे झाँट साफ होते गये मुझे अजीब सा महसूस होने लगा।

मेरे झाँटों को साफ करने के बाद उसने फिर से चूत को चाटना शुरु किया। अब मेरे अपने जाँघों से उसके सिर को दबाने लगी। अचानक मुझे अपने अंदर अजीब सा सिहरन होने लगा और मैं तेजी से झड़ गयी। मैं किचेन में ही फर्श पर बैठ गयी।

फिर न जाने मुझे क्या हुआ कि मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिया और उसे चूमना चालू कर दिया। पाँच मिनट तक ऐसे ही चूमने के बाद मैंने उसे खाने के लिए इंतजार करने को कहा।

फिर मैंने अपने कपडे़ समेट कर रखा और आधे नंगे रहकर ही खाना बनाया और खाने को डायनिंग टेबल पर लगाया। फिर मैं और गौरव दोनों खाना खाने लगे। bhateeje ki shart hindi porn stori

खाना खाने के बाद सारे काम निपटाकर मैं अपने कमरे में बिस्तर पर लेटी। मैं अब तक अर्धनग्न ही चादर ओढ़कर लेटी थी।

तभी गौरव केवल अंडगौरवयर में आया और बोला “बुआ मुझे नींद नहीं आ रही है और मुझे फिर तुम्हारा चूत चाटने की इच्छा है।” यह कहकर वह मेरे बगल में चादर के अंदर आकर लेट गया और मेरे जाँघों को फैलाने लगा।

मैंने भी उसे पूरी छुट देते हुए अपने कमर को हिलाने लगी। थोडी़ ही देर में मैं झड़ गयी।

मैं बिस्तर पर ही लेटी थी कि गौरव ने मुझे अपना लंड चूसने को कहा। थोडी़ ना नुकुर के बाद मैं उसका लंड चूसने को तैयार हो गयी। फिर मैंने उसके अंडगौरवयर को नीचे सरकाया।

उसका लंड सामान्य से थोडा़ मोटा और एकदम तन कर खडा़ था। यह पहली बार था जब मैं अपने पति के अलावा किसी और का लंड देख रही थी। मैंने इससे पहले अपने पति का भी लंड कभी नहीं चूसा था।

सबसे पहले मैंने अपने जीभ से उसके लंड के सुपारे को चाटा। थोडा़ नमकीन जैसा जरुर था पर स्वाद उतना बुरा भी नहीं था।

फिर मैंने उसके पूरे लंड को मुँह में भर लिया। मुँह में भरकर मैं उसे जीभ से ही हिलाने लगी। अब गौरव साँतवें आसमान पर था। लगभग दस मिनट लंड चूसने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा। bhateeje ki shart hindi porn stori

तभी गौरव बोला “रितु डार्लिंग कसकर चूसो मेरा लंड अब मैं झड़ने वाला हूँ।” उसके मुँह से इसतरह अपना नाम सुनकर मैं चौंक उठी पर मैंने उसका लंड चूसना जारी रखा। तभी उसने मेरे सिर को कसकर पकडा़ और अपने लंड को तेजी से मेरे मुँह में हिलाने लगा। थोडी़ ही देर में उसके लंड ने वीर्य का फव्वारा मेरे मुँह में छोडा़।

मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने जबरदस्ती मेरे मुँह मे गर्म पानी डाल दिया हो। परंतु पता नहीं मुझे क्या हुआ मैंने उसे उगला नहीं बल्कि किचेन में जाकर एक गिलास पानी के साथ पी गयी।

उसके बाद मैं अपने बिस्तर पर गौरव के बगल में ही सो गयी।

सुबह मेरी नींद गौरव के मेरे चूत चाटते समय ही खुली। अचानक मुझे उत्तेजना महसूस हुई और मैंने गौरव के सिर को कसकर पकडा़ और मैं झड़ गयी। फिर मैं उठकर बाथरुम चली गयी और गौरव सो गया।

सुबह का काम खत्म होने के बाद अपने लिभिंग रुम में बैठकर सोच रही थी कि मैंने अपने भतीजे के साथ इस नये संबंध से कैसे निपटुँ। हालांकि अभी तक मैंने संभोग नहीं किया था फिर भी मुझे अजीब लग रहा था।

तभी गौरव आया और बोला “क्या कर रही हो रितु”। bhateeje ki shart hindi porn stori

मैं उसके मुँह से इस तरह अपना नाम सुनकर चौंकि और बोली “ये क्या बार बार मेरा नाम लेकर बुला रहे हो”।

तब उसने कहा “देखो रितु यह सच है कि तुम मेरी बहुत ही प्यारी बुआ हो पर अब मैं तुमसे सच्चा प्यार करने लगा हूँ और प्यार में और कोई रिश्ता तो होता नहीं। फिर तुम इतनी प्यारी और खुबसूरत हो कि मैं बयां नहीं कर सकता। वैसे ये सब तभी होगा जब हम दोनों अकेले होंगें। सबके सामने हम बुआ भतीजा ही रहेंगें।”

उसके इस तरह कहने पर मैं थोडा़ आश्वशत हुई।

तभी वह मेरे पास आया और मुझे स्मूच करने लगा।

अब मैं भी उसका साथ देने लगी। उसने मेरा गाउन निकाल फेंका। गाउन के नीचे मैं पूरी तरह नंगी थी। फिर उसने मुझे सोफे पर लिटा कर चूत चाटने लगा।

अब मैं मदमस्त हो चूकी थी। मैंने उसे उठाकर उसका पजामा खोला और उसके लंड से खेलने लगी।

उसने मुझे फिर लिटाया और चूत को चाटने लगा। अब हम एक दुसरे के अंगों को एक साथ चाट रहे थे। मैं अब पूरी तरह उसके काबू में थी। bhateeje ki shart hindi porn stori

तभी उसने मेरे निप्पल को जमकर मसलना शुरु किया। मैं तुरंत ही झड़ गयी। उस दिन एक बार और हमने ऐसा किया।

फिर रात भर हम दोनों नंगे ही एक साथ सोये।

सुबह मेरे पति रमन ने मुझे फोन किया और कहा कि वह शाम तक आ रहे हैं। मैं जल्दी उठी और फ्रेश होकर घर की साफ सफाई में लग गयी।

————-क्रमशः————-

हम बुआ-भतीजे का रिश्ता अब बदल चूका था, सब बदल चूका था। अब मेरे पति आ रहे , अब क्या होगा? इस Hindi Porn Stori का आखिरी भाग जल्द ही..

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