(Chikni Chachi Aur Unki Do Bahano Ki Chudai- Part 7)
दोस्तो, मैं आपका ज़ीशान, आपके लिए इस कहानी का 7वां भाग लेकर आया हूँ. इस सच्ची चुदाई की कहानी को लिखने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा है. आशा करता हूँ कि आप भी मज़े ले रहे होंगे. Chikni Chachi Part 7 hindi sex story.
अभी तक आपने पढ़ा कि मैंने परवीन आंटी के घर जाकर उनकी चूत चाट कर उनको खुश किया, फिर उनकी गांड मारी.
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गांड मरवाने के बाद आंटी कहने लगीं- क्या तूने रेशमा की गांड भी ऐसे ही मारी है?
मैं- फार्म हाउस में तो रेशमा चाची की गांड इसे भी बहुत बुरी तरह से मारी है.
परवीन- उसने कुछ नहीं कहा.
मैं- पहले तो चीखती रहीं, फिर सहयोग करने लगीं. आपकी तो 42 की गांड है, फिर भी आप इतना क्यों मचल रही थीं.
परवीन- सच कहूं … तो मुझे इतना दर्द नहीं हुआ. लेकिन ऐसा चीखने से तुझे और मज़ा आएगा ना … इसलिए ऐसे किया. तेरा लंड तो मूसल है.
मैं- इतनी फिक्र करती हो मेरी खुशी की?
परवीन- तू बाकी के सब मर्दों जैसा नहीं है … मैंने तुझे गांड मारने बुलाया, लेकिन तूने मुझे पहले खुशी देकर खुश किया, फिर मेरी गांड मारी. तू औरत की प्यास को समझता है. तुझे जो मदद चाहिए, वो मैं करूँगी. तू मेरी लाइफ में मिला हुआ सबसे बेहतर मर्द है. तेरे बीवी बहुत खुश नसीब है. तुझे हिना चाहिए, आशना चाहिए, मैं तेरी हेल्प करूँगी.< मैं आंटी को इमोशनल किस किया. मैं- फिलहाल तो मुझे हिना आंटी चाहिए. परवीन- तू प्लान बना ले, मैं उसे फ़ोन करती हूं.< अब आगे: आंटी की गांड की चुदाई और आंटी की खुशी से मैं भी खुश हो गया. उस दिन तो मैं एक ही बार झड़ा था. थोड़ा समय हम रेस्ट लेने लगे, फिर आंटी ने मुझे दुबारा चोदने का ऑफ़र दे दिया- आज मैं पहली बार खुल कर चुद रही हूं … Chikni Chachi Part 7 hindi sex stories.मुझे फिर से मजा दे दे. हम दोनों तो वैसे नंगे थे. आंटी ने मेरा लंड तुरंत अपनी चुत में ले लिया और ऊपर नीचे होने लगीं. उनके मोटे मोटे चूचे बेहद तेजी से उछल रहे थे. मैं- आपके चूचे इतने मोटे कैसे हुए? परवीन- एक तो तेरा अंकल पहले बहुत चूसता था. दूसरा मैं अच्छे से खाती पीती हूँ … और तीसरा मेरे 4 बच्चे हैं. उन सबको दूध पिलाने की वजह से ये इतने मोटे हो गए हैं. मैं- अब मेरी वजह से ये और मोटे हो जाएंगे. आंटी मेरे लंड पर कूदती रहीं और दस मिनट की चुदाई के बाद झड़ गईं. वे झड़ने के बाद मेरे ऊपर ही ढेर हो गईं. लेकिन मैं अभी झड़ा नहीं था. मैं उनको थोड़ा ऊपर उठा कर ज़ोर ज़ोर से नीचे से चुत मारने लगा.
अगर हम नीचे से ऊपर की ओर चुत चोदते हैं, तो अन्दर बच्चेदानी को ज़ोर ज़ोर से छूता है. इसके कारण आंटी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगीं- आआह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… फिर मैं उनके अन्दर ही झड़ गया. अपना लंड उनकी चुत के अन्दर ही डाल कर मैं सो गया. अभी तक हम दोनों ने लंच नहीं किया था. शाम के 4 बज गए थे. आंटी ने बहुत ही मस्त बिरयानी बनाई थी. मैंने पेट भर के खा ली और वहां से निकल गया. मैं अब दिन रात बस हिना आंटी के बारे में सोच रहा था कि मैं उनकी चुत कैसे चोदूं. हिना आंटी काफी लंबी हैं. मुझसे भी लंबी. उनका और जस्मीन आंटी कद 5 फुट 10 इंच का है. हिना आंटी के 36 के चूचे …
कमर 32 की और गांड 40 की थी. वो बहुत ही सेक्सी थीं. दूध जैसा गोरा बदन था. थोड़ी मासूम सी दिखती थीं. मैं सोच रहा था कि उनको किस कैसे करूँगा, वो मेरे से लंबी थीं. शायद उनको झुकना होगा. मैंने प्लान बनाया कि उनको पोर्न वीडियो दिखाकर पटा लेता हूँ. मैंने बहुत इंतज़ार कर लिया था. मुझे 5 दिन हो गए थे. आखिर परवीन आंटी का कॉल आया- हैलो ज़ीशान. मैं- हां बोलो आंटी. परवीन- मैंने हिना को घर बुलाया है. वो कल सुबह आएगी … तुम भी आ जाना. मैं- ओके आंटी और सुनो, आप भी साथ ही रहना. आंटी ने हामी भर दी. इसके बाद मैंने एक बी ग्रेड मूवी की डीवीडी खरीद ली. मूवी का नाम हवस था. दूसरे दिन मैं परवीन आंटी के घर निकल गया. मैंने अच्छे से परफ्यूम वगैरह सब लगा कर खुद को तैयार किया …
और अच्छे से बन संवर कर निकल पड़ा. मैं आंटी के घर के आगे पहुंच गया. मैंने देखा कि घर के बाहर दो लेडीज के सैंडल्स थे. मैं समझ गया कि हिना आंटी भी आ चुकी हैं. मैंने दरवाजे की घंटी बजा दी. परवीन आंटी दरवाजा खोलने आईं. परवीन- तुम लेट हो गए हो. हिना आ चुकी है. मैं- ओके आंटी, आप कैसे भी करके ये डीवीडी प्लेयर में लगा देना. मैंने डीवीडी को उनके हाथ दे दिया और मैं अन्दर जाने लगा. हिना- अरे जीशान … तुम यहां कैसे! मैं- ऐसे ही दोस्त से मिलने आया था, आंटी का घर यहीं पर था, तो आ गया. हिना- मेरा घर भी यहीं पर है. मैं- हां, मैं जानता हूं. हिना- जब तुम छोटे थे, तब तुम किसी के घर नहीं आते थे. सिर्फ अपनी रेशमा चाची के घर ही रहता था. अब तो तू बड़ा हो गया है, सबके घर आया करो. मैं- हां …
तब तो मैं छोटा था. लेकिन अब काफी मैच्योरिटी आ गयी है. परवीन- मैं सबके लिए चाय बनाकर लाती हूँ. मैं हिना आंटी की बगल में बैठ गया. टीवी का रिमोट आंटी के उस साइड था. मैं बिना आंटी से पूछे उनके ऊपर से हाथ डाल कर रिमोट लेने लगा. मेरा हाथ उनके चुचे को टच करने लग. मैंने टीवी ऑन किया. पहले मैं यूँ ही बेकार में चैनल बदलता रहा. मैं- आंटी इसमें तो कुछ ढंग का प्रोग्राम नहीं आ रहा है. कोई डीवीडी है. परवीन- एक ही है … उसपे कोई मूवी का नाम नहीं है. मैं- कोई भी हो … ये बोरिंग टीवी प्रोग्राम से तो उसमें कुछ अच्छा ही तो होगा. मैं डीवीडी को ऑन किया और वो डिस्क लगाने लगा. मूवी शुरू होने लगीं … Chikni Chachi Part 7 antarvasna story.
पहले शुरुआत में वो फिल्म इतनी सेक्सी नहीं दिख रही थी. तभी आंटी चाय लेकर आ गईं. हम सबने मिलकर चाय पी और इधर उधर की बातें करने लगे. अब तक टीवी में थोड़े हॉट सीन आने लगे थे. मैं हिना आंटी का हाथ पकड़ने लगा. ये सब परवीन आंटी देख रही थीं, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा. हिना आंटी ने भी कुछ नहीं कहा … वो बस टीवी की ओर देख रही थीं. तभी मूवी में एक सीन ऐसा आया, जिसमें पति के सन्तुष्ट नहीं करने के वजह से पत्नी ने किसी दूसरे लड़के से अफेयर रखा हुआ था. वो फिल्म की नायिका उस लड़के के साथ रोमांस करने लगी थी. उसी समय परवीन आंटी को कोई बाहर से बुला रहा था …
तो आंटी बाहर जाकर उससे बात करने लगीं. मैं बोला- अगर पति संतुष्ट नहीं करता है, तो ऐसे ही करना पड़ता है. इस मूवी में इस औरत की कोई गलती नहीं है. हिना- तू इतना बड़ा हो गया. संतुष्ट करने की बात भी करने लगा. तुझे इतना सब पता है? मैं- आंटी, अब मैं जवान भी तो हो गया हूँ. हिना- अच्छा … तो तू मुझे बता कैसे संतुष्ट करते हैं. मैंने उनको अपने मोबाइल में पॉर्न वीडियो दिखाने लगा और बोलने लगा. मैं- औरत ज़्यादा टाइम तक हॉट रहती है, झड़ती नहीं है. इसकी वजह से पहले चूमना चूसना और चाटना करना चाहिए. हिना- तुझे इतना सब पता है. मैं- हां थोड़ा बहुत जानने लगा हूँ. हिना- लेकिन औरत को इन सब से भी संतुष्टि नहीं होती है. मैं- तो फिर क्या करना पड़ता है? हिना- तू अभी छोटा है.
मैं- मैंने भी तो बहुत औरतों को खुश किया है. लेकिन जो आप बोल रही हो, वैसी औरत मुझे अब तक कोई नहीं मिली है. हिना- मिलेंगी ऐसी भी … तब क्या करेगा? मैं- मुझे पता नहीं, इसीलिए तो आपसे पूछ रहा हूँ. मैं एक हाथ से हिना आंटी की गांड सहलाने लगा. धीरे धीरे उनके पेट के ऊपर करने लगा. हिना- मुझे गर्म मत कर, फिर पछताएगा. इतना आसान नहीं है. मैं- मैं आपको भी संतुष्ट कर सकता हूँ. आप बस मुझे मौका तो दो. तभी हिना आंटी ने मेरे लंड को पकड़ लिया. हिना- तेरा तो काफी बड़ा है. बेशक तू अब जवान है. मैं- इसीलिए तो बोल रहा हूँ, मौका तो दो, तब पता चलेगा. हिना- मुझे इस सबसे तू खुश नहीं कर पाएगा. मेरी हसरत तो कुछ और है. मैं- वो क्या है? मैं जानना चाहता हूँ …
प्लीज मुझे भी बता दो. हिना- बड़े बड़े मर्द मुझे सन्तुष्ट कर नहीं पाए हैं … तू कहां से करेगा. तू इन सबके लिए अभी बहुत छोटा है. इतने में परवीन आंटी आ गईं. मैं यही सोच रहा था कि हिना आंटी किसके बारे में बात कर रही थीं. मेरा प्लान कुछ और था. यहां कुछ और होने लगा है. मुझे किसी हाल में हिना आंटी चाहिए थी. उनकी वो क्या हसरत है, मैं ये जानना चाहता था. परवीन आंटी ने मुझे उदास देख लिया और पूछने लगीं. परवीन- अरे तुझे क्या हुआ? ऐसे कैसे बैठा है? मैं- कुछ नहीं है. मेरा हिना आंटी से सवाल करने मन कर रहा था. मैंने परवीन आंटी को बाहर जाने के लिए इशारा किया. परवीन- मैं अभी आती हूँ. Chikni Chachi Part 7 antarvasna stories.
हिना तू जीशान को कंपनी दे. परवीन आंटी ये कहकर चली गईं. फिर हिना आंटी ने जाकर दरवाजा बंद कर दिया. मैं पीछे से गया और उन्हें पीछे से हग कर लिया और चूमने लगा. एक हाथ से उनके मम्मों को दबाने लाग. वे कुछ समझ पाती कि मैंने झट से उनकी साड़ी को खींच दिया. हिना- ये क्या कर रहा है? तुझे बोला न मैंने, तुझसे नहीं हो पाएगा. मुझे और गुस्सा आने लगा और मैं लिप टू लिप देने लगा. अन्दर तक उनकी जीभ चूसने लगा. वो मुझे धकेल रही थीं. मैं उनको ज़ोर से पकड़ने लगा और दबाने लगा. आंटी ने मुझे ज़ोर से धकेल दिया और बाहर जाने की कोशिश करने लगीं. हिना आंटी अपनी साड़ी नीचे से लेने लगीं.
मैंने उन्हें और ज़ोर से खींच कर नीचे गिरा लिया और उनका ब्लाउज निकालने लगा. ब्लाउज जल्दी से निकल नहीं रहा था. मैंने ज़ोर से खींच दिया, तो हिना आंटी का ब्लाउज फट गया. आंटी बोलने लगीं- मुझे छोड़ दे प्लीज … मुझे इन सबमें कोई इंटरेस्ट नहीं है … प्लीज छोड़ दे. हिना- मादरचोद छोड़ मुझे … मैं तेरी रंडी नहीं हूँ. मैंने बिना सुने झट से आंटी की ब्रा को खींच दिया और उनके मस्त मम्मों को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. उनके निप्पलों को ज़ोर ज़ोर से खींचने लगा. वो जोर से चीखने लगीं- आआआह … मुझे छोड़ दे … प्लीज. मैं कुछ नहीं कह रहा था. मुझे तो जवाब लंड से देना था. अब मैं उनके मम्मों को चूसने लगा और निप्पलों को काटने लगा. हिना- आआआह मैं मर गयी … ऊऊऊउफ … छोड़ दे.
मैंने उनके पेटीकोट को ज़ोर से खींचते हुए निकाल कर दूर फेंक दिया. अब आंटी सिर्फ पैंटी में थीं. तभी हिना आंटी अपनी ब्रा और पेटीकोट को हाथ में लिए हुए बेडरूम में जाने लगी. आंटी बेड पर बैठी तो मैंने झट से उनकी पेंटी को निकाल कर फेंक दिया. मैं भी जल्दी करते हुए अपने कपड़ों को निकाल रहा था. हिना- मुझे अभी छोड़ दे, नहीं तो बहुत पछताएगा … आआआह. मेरे पास आंटी की चुत को चाटने के लिए टाइम नहीं था. मैंने अपनी दो उंगलियां एक बार में आंटी की चूत के अन्दर डाल दीं. आंटी की चीख निकल गयी- निकाल बहनचोद निकाल बाहर. मैंने उनकी इन सब बातों को अंदाज़ नहीं करते हुए, झट से अपना लंड उनकी चुत के अन्दर पेल दिया.
पूरा लंड एकदम अन्दर चला गया. वो चिल्लाने लगीं- आह मादरचोद … आआह. … मुझे चोद दिया. मैं और उत्तेजित हो गया और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. हिना- तू मुझे क्या संतुष्ट करेगा बहनचोद. ऐसा ही तो सब मर्द करते है. अब पानी छोड़कर निकल जा साले, इतना ही तो तू कर सकता है, मादरचोद. इस रंडी की ये अकड़ काम नहीं हो रही थी. मुझे मारने के लिए और प्रेरित कर रही थी. मैं और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. इस बार मैं उनके पैर ऊपर उठा कर ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा. हिना- मत कर ऐसे. लंड की ताकतवर चोटें पड़ने से उनकी आवाज धीमी हो गयी थी. हिना आंटी की अकड़ अब दिख नहीं रही थी. Chikni Chachi Part 7 sex story.
कोई पांच मिनट में ही वो झड़ने वाली हो गई थीं. आंटी ने मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और प्यार से सीत्कारने लगीं. हिना- आह मर गयी रे मैं … आआआह उफ्फ … ऊऊऊह.. ये कहते हुए वे निकल गईं. मेरा भी दो मिनट में होने ही वाला था. मैं भी आंटी की चुत में ही झड़ गया. मैं- अब बात रंडी … सन्तुष्ट किया कि नहीं. हिना आंटी ने कराहते हुए कहा- हां … कुछ ऐसी ही थी मेरी हसरत. मैं आंटी के बदले हुए रुख को समझ नहीं सका. तभी आंटी मेरे ऊपर आने लगीं और प्यार से ज़ोर ज़ोर से चूमने लगीं. जहां उनके काटने के वजह मुझे खून आ रहा था, वहां आंटी चूसने लगीं और बोलने लगी- तूने तो दीदी को भी चोदा है ना?
मैं- आपको कैसे पता? हिना- अगर मैं घर आती हूँ, तो दीदी कहीं नहीं जाती हैं. पहली बार आज मुझे अकेला तेरे साथ छोड़ कर गयी हैं. तू जो इशारे कर रहा था, वो भी मैंने देख लिया था. मैं- आप बहुत ही स्मार्ट हो. हिना- दीदी को चोदा है, तो तूने पहले रेशमा को पटाया होगा … नहीं तो तुझे दीदी कहां से मिलती. उस दिन तू फार्म हाउस के लिए जो बुला रहा था, उसी दिन मुझे सब पता चल गया था. मैं- रंडी आंटी … तू तो मेरे से भी स्मार्ट है. इतने में दरवाजे की घंटी बजी. मैंने आंटी से जल्दी से कपड़े पहनने को कहा. हिना- दीदी ही होगी … टेंशन मत ले. मैं जाती हूँ. वो ऐसे ही नंगी दरवाजा खोलने चली गईं.
खोलने के पहले वो की-होल में से देखने लगीं. बाहर परवीन आंटी को देख कर कन्फर्म करके दरवाजा खोलने लगीं. जैसे परवीन आंटी अन्दर आईं, हिना आंटी ने डोर बंद कर दिया. परवीन- हिना … ये क्या कर रही थी तू? मैं- ड्रामा की कोई ज़रूरत नहीं, उनको सब पता है. परवीन- मैं सब वहां विंडो से देख रही थी. हिना तेरे अन्दर ऐसी नई नई हसरतें कब से शुरू हो गईं? हिना- और भी बहुत सारी हसरतें हैं दीदी.
कभी मेरे घर आओ, सब बताती हूँ. मैं- कोई नहीं आएगा … सिर्फ मैं आऊंगा. मुझे सब सिखाना. मुझे जहां जहां नाखून के निशान बन गए थे, परवीन आंटी वहां क्रीम लगाने लगीं. हिना आंटी के गाल तो लाल हो गए थे. मैंने उन्हें काफी जोर से मारा था. उस दिन की इस चुदाई के बाद हम तीनों सामान्य होकर बैठ गए. कुछ देर बाद हिना आंटी ने मुझे दूसरे दिन घर आने को कहा. वहां जाकर मैंने उनसे बहुत कुछ ज्ञान हासिल किया. वो सब मैं आपको अगले भाग में लिखूंगा. आपके कमेंट्स और सजेशन ईमेल और इंस्टाग्राम पे Chikni Chachi Part 7 sex stories.
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