Dost ki bahan sex story in hindi
बारहवीं क्लास के लडको को छेद की तलाश होती है और मैं तो गांड के छेद से ही काम चला लेता पर उपरवाले ने छपड़ फाड़ के दिया. मेरे दोस्त का एहसानमंद हूँ मैं. मेरे दोस्त और उसकी बहन की dost ki bahan sex story in hindi पढ़िए..
बात तब की है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था। मैं और मेरा सबसे अच्छा दोस्त करण (बदला हुआ नाम) हम काफ़ी अच्छे दोस्त थे और वो दिखने में भी अच्छा था। हमारी क्लास के कई लड़के उसकी गाण्ड के पीछे पड़े थे, मैं भी था उनमें !
मैं मजाक मजाक में उसकी गाण्ड को दबा दिया करता था पर मुझे तो उसकी गाण्ड का छेद ही चाहिए था।
एक बार जब उसके मम्मी-पापा बाहर जा रहे थे तो उन्होंने मुझे कहा- तुम इसके साथ ही रह लेना !
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मैंने भी हाँ कर दी।
घर में उसकी एक जवान बहन भी रहती थी, क्या मस्त चूचे थे उसके ! मेरा तो देख कर ही खड़ा हो जाता था।
मैं रात को उसके घर सोने चला गया। उसकी बहन एक अलग कमरे में थी और मैं करण के साथ उसके कमरे में था। मै बिस्तर पर बैठा था, करण ने कहा- मैं कपड़े बदल लेता हूँ।
मेरे मन में सेक्स का भूत जाग रहा था, मेरे सामने वो नंगा हो गया उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था। मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता था पर उसे चोद भी तो नहीं सकता था।
मैंने उसे कहा- मुझे बाथरूम जाना है।
मैं बाथरूम में गया और वहाँ जाकर मुठ मारने लगा। पर मैंने शायद दरवाज़ा पूरा बन्द नहीं किया, मैंने मुठ मार कर सारा माल निकाल दिया और बाहर आ गया।
Main और करण सोने लगे। थोड़ी देर बाद मुझे मेरी टांगों में अचानक किसी का स्पर्श महसूस हुआ। मैंने देखा कि करण मेरा लौड़ा पकड़ रहा है।
मैं उठा और उससे कहा- क्या कर रहे हो यार?
उसने बोला- मैं तेरा दोस्त हूँ तो तुझे मुझसे तो बोलना चाहिये था।
मैंने पूछा- क्या बोलना चाहिए था?
उसने बोला- तुम अभी बाथरूम में जाकर मेरे नाम की मुठ मार रहे थे तो मुझसे ही कह देते !
मैं चौक गया- तुमने मुझे मुठ मारते कब देखा?
“जब तुम मूतने गए थे तभी !” उसने कहा,” आपस में क्या शर्माना? आ जा ! तुझे जो करना है कर ले !”
मैं तो इसी दिन का इंतजार कर रहा था, मैंने कहा- मैं तेरी नहीं मारूंगा !
वो बोला- अच्छा !
उसने मेरा लौड़ा चूसना शुरू कर दिया, मुझे बड़ा मजा आ रहा था पर मैं उसे बोल रहा था- ऐसे नहीं करते !
वह बोला- दोस्ती में सब जायज है !
मैंने बोला- ठीक है, तो ले फिर ! dost ki bahan sex story in hindi
अब मैंने उसे नंगा करना शुरू किया और उसने मुझे ! कुछ ही देर में हम दोनों नंगे खड़े थे। उसे मेरा लौड़ा चूसते चूसते करीब दस मिनट हो गए, फिर मैंने उससे कहा- मुझे भी तुम्हारा चूसना है !
हम लोग 69 की अवस्था में करने लगे और 15 मिनट चूसते ही रहे।
फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसकी गाण्ड चाटने लगा। वो पूरा मस्ती में था और आवाज निकालने लगा- उह..ह्ह…..आह……करो ! मजा आ रहा है !
मैंने अपने लौड़े पर कोंडोम चढ़ा लिया और उसकी गाण्ड में तेल लगा लिया। अब उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने मेरा लौड़ा पकड़ा और उस पर बैठ गया और चिल्लाने लगा।
मैंने कहा- अरे मैं कर रहा हूँ ना ! फिर क्या है? और चिल्लाओ मत ! तुम्हारी बहन आ जाएगी !
फिर मैं अपना 7 इंच का लौड़ा उसकी गाण्ड में धीरे-धीरे डालने लगा और वो आवाज निकाल रहा था- ऊह ! जोर से……..आह ! वाह क्या बात है ! डालो !
मैंने एक जोर का झटका दिया और मेरा आधा लौड़ा उसकी गाण्ड में घुस गया। मैं कुछ देर वैसे ही पड़ा रहा तो उसने गाण्ड उठाना शुरू कर दिया और मैंने भी अपना लौड़ा अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।
हम दोनों मस्ती में थे और पूरे कमरे में हमारी आवाज गूंज रही थी- आऽऽह्ह…….ऊह…….ओह…….
कुछ देर मैंने उसे चोदा। फिर उसने कहा- मैं घोड़ा बनता हूँ।
और वो घोड़ा बन गया और मैंने अपना लौड़ा डाल कर चोदना चालू रखा। काफ़ी देर करने के बाद मैं झड़ने वाला था, मैंने कहा- कहाँ छोडूँ? dost ki bahan sex story in hindi
उसने कहा- मेरे मुँह में !
मैंने मेरा लौड़ा निकाला और उसके मुँह में अपना सारा माल छोड़ दिया। फिर मैं और करण कुछ देर एक दूसरे को चूमते रहे।
तभी अचानक बाहर से सेक्सी आवाज आने लगी। हमने दरवाजा खोला और देखा कि करण की बहन दरवाजे के पास खड़ी सब देख रही थी और अपनी चूत में उंगली कर रही थी। करण की बहन हमसे एक साल बड़ी थी और लम्बाई में भी मुझसे ज्यादा थी, करीब 19 साल की थी, एकदम सेक्सी !
करण डर गया और उसकी बहन अन्दर आई, बोली- ये कैसी आवाजें आ रही थी तुम्हारे कमरे में से? सच सच बोलो कि तुम लोग क्या कर रहे थे, वरना मैं पापा को फोन करके सब बता दूंगी !
मेरा लण्ड डर के मारे ढीला हो गया, हम उसकी बहन के सामने नंगे ही खड़े थे।
फिर उसकी बहन पास में आई और गिरने का नाटक किया और गिर गई।
मैं उसे उठाने गया तो वो मेरा लौड़ा पकड़ कर बोली- तू मेरे भाई को मजा देगा तो क्या मुझे नहीं देगा?
और मेरा लौड़ा चूसने लगी।
मेरी तो निकल पड़ी, पहले उसके भाई को चोदा फिर अब उसकी बहन का नंबर था।
शायद किसी ने सच ही कहा है कि देने वाला जब भी देता है तो छप्पर फाड़ के देता है।
पर मुझे लगा कि देने वाला जब भी देता है तो देता है चूत फाड़ के…… dost ki bahan sex story in hindi
उसके बाद करण जो कि अभी तक नहीं झड़ा था वो भी मुझसे चुदवाने के लिए फिर से आ गया और अपनी बहन के साथ ही मेरा लौड़ा चूसने लगा। कभी वो मेरा लौड़ा चूसता, कभी उसकी बहन !
करण बोला- दोस्त, तू तो मेरा बहुत ही ख्याल रखता है?
मैंने कहा- मेरा ख्याल तो तुम लोग रख रहे हो !
तभी मैंने उसकी बहन को धीरे धीरे नंगा कर दिया। अब घर में हम तीनो नंगे थे !
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उसकी बहन का बदन ! क्या बताऊँ, करीब 36-26-36 होगा। मेरे तो होश ही उड़ गए उसे नंगा देख कर ! मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसे पकड़ कर चूमने लगा। करण मेरा लौड़ा चूसे जा रहा था। क्या मजा आ रहा था।
फिर उसकी बहन बोली- राजू, अब और मत तड़पाओ और अपना लौड़ा मुझ में डाल दो।
मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूचियाँ और चूत चाटने लगा। करण अपनी बहन को अपना लौड़ा चुसवा रहा था। अब वो पूरी मस्ती में आ गई थी और अपनी चूत में मेरा मुंह लगा कर बोल रही थी- आह..ह्ह…ऊफ़……..चा…..चा….टते….र…अ..अ….अ….हो……वाह मेरे राजा ! और जोर से जोर जोर से ! dost ki bahan sex story in hindi and She has gained a wealth of experience by working with some of the most sought-after Sexy Escorts in Raipur, sharpening her expertise.
उसने मेरा मुँह अपनी चूत में दबा लिया। मैं भी उसकी चूत में अपनी जीभ डाल रहा था। मैं अब पूरे जोश में था, पहले एक कुंवारी गाण्ड मिली जो काफी चिकनी थी, अब मुझे एक कुँवारी चूत मिली जिसे मैं खोलने वाला था।
मैं अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत पर घुमाने लगा तो वो और तड़प रही थी, बोली- मत तड़पा मेरे राजू, डाल दे मेरी इस चूत में लौड़ा ! इसे फाड़ दे !
मैंने देरी ना करते हुए अपना लंड का सुपारा उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा पर उसकी चूत कुँवारी होने के कारण नहीं गया। फिर मैंने एक धक्का मारा और मेरा लंड का आधा भाग उसकी चूत में घुस गया और वो चिल्लाने लगी- मैं…मर….गई……अह्ह्ह्हह्ह्ह…….ओह………….निकालो…..इस..को…….निकालो…….अह्ह्ह्ह्ह………अह……….अह…अह्ह्ह्अह……..अह…
उसकी आँखों से आँसू आने लग गए तो मैं रुक गया और उसे चूमने लगा। करण उसके मम्मों को दबा कर उसका ध्यान अपनी ओर खींच रहा था।
फिर मैंने एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत को चीरता हुआ घुस गया। कुछ देर के बाद वो अपनी गाण्ड उछालने लगी तो मुझे सिग्नल मिलते ही मैं भी उस पर जंगली शेर की तरह टूट पड़ा, मैं उसे लेटा कर और उसका एक पैर मेरे कंधे पर रख कर चोद रहा था और वो करण का लौड़ा चूस रही थी। dost ki bahan sex story in hindi
अब तो करण भी अपनी बहन के मुँह को पकड़ कर जोर जोर से चोद रहा था।मैंने उसके मम्मे पकड़े और उसे जोर जोर से चोदने लगा। उसने मुझे अपनी ओर खींच लिया और दबोच लिया, उसके नाख़ून मुझे लगने लगे पर मेरी गति बढ़ती गई, और बढ़ती गई और वो चिल्लाती रही-हाँ…..बेबी…..फ़क…..मी…आह…..आह…अह…
वो ऐसे ही अंग्रजी में बोलती रही और उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गई। करण भी उसके मुँह में ही झड़ गया, मैं भी पूरा का पूरा झड़ गया और काफी थक गया था।
रात के करीब दो बज गए थे, थक गया था पर मन तो अभी भी नहीं भरा था।
मैं उनके घर करीब चार दिन रहा और चार दिन में करण और उसकी बहन की कई बार गाण्ड मारी और एक बार तो मुझे गाण्ड मरवानी भी पड़ी…
हुआ यों कि मैं तो उस दिन चुदाई करके बहुत ही थक गया था क्योंकि मैंने पहली बार किसी की गाण्ड और चूत मारी थी फिर भी दिल नहीं भरा था। मैंने रात उनके घर पर उनके साथ ही गुजारी थी तो सुबह सुबह का समय था मुझे देरी से उठने की आदत है।
उस दिन मैं सोया हुआ था और करण और उसकी बहन उठ गए थे। वे लोग पिछली रात के बारे में बात कर रहे थे। मैं उनकी बात चोरी-छिपे सुन रहा था।
करण की बहन बोल रही थी- तेरा दोस्त तो काफी अच्छी चुदाई कर लेता है !
तो करण बोला- हाँ दीदी, मुझे भी कल मेरी गाण्ड मरवाने में मजा आ गया।
तभी उसकी दीदी ने कहा- तुम्हें तो गाण्ड नहीं मरवानी चाहिए क्योंकि जब कल मैंने रात को गाण्ड मरवाई तो मुझे काफी दर्द हुआ था और तुम तो एक लड़के होकर भी गाण्ड मरवाते हो?
उसने कहा- दीदी, दर्द तो होता है पर मजा भी तो आता ही है ना ! dost ki bahan sex story in hindi
दीदी बोली- हाँ, मजा तो आता है पर जो दर्द हम महसूस कर रहे हैं उस दर्द को इसे भी महसूस करना होगा कि कैसा लगता है।
इतना सब सुनकर मेरा लौड़ा खड़ा हो गया, मैंने उठने का बहाना किया। तभी उन दोनों ने अपनी बात पलट दी और उसकी बहन मेरे पास आ कर मुझे चूमने लगी।
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और मैं भी उसे चूमने लगा इतने में करण आया और मेरी पैंट में हाथ डालकर मेरा लौड़ा निकलने लगा।
लौड़ा पूरा खड़ा था और वो चूसने लगा।
आआआआआआअ………… ………हहहहः क्या मजा आ रहा था !
फिर मैंने अपनी पिचकारी उसके मुँह में ही छोड़ दी और बिस्तर पर से उठ गया।
मैंने मुँह धोया।
उसकी दीदी बोली- मैं तुम्हारे लिए नाश्ता बनाती हूँ ! dost ki bahan sex story in hindi
मैंने कहा- मैं घर जाकर कर लूँगा !
तो उसने कहा- मुझे और चुदवाना है ! और ऐसा मोका बार बार नहीं मिलेगा !
तभी मैंने घर पर फ़ोन किया। पापा ने फोन उठाया, मैंने बोला- पापा, करण की तबीयत थोड़ी ख़राब है तो मैं यहीं पर रुकूँगा और आज स्कूल नहीं जा पाऊँगा।
तो उन्होंने कहा- ठीक है !
मुझे मन ही मन खुशी हो रही थी कि आज फिर से दोनों भाई बहन की गाण्ड मारने मिलेगी।
मैं और करण नहाने जाने के लिए अपने कपड़े उतार रहे थे और उसकी बहन रसोई में नाश्ता बना रही थी।
हम घर में अकेले थे इसलिए दरवाजा खुला रख कर ही पूरे नंगे होकर नहा रहे थे। मैंने करण को और करण ने मुझे नहलाना शुरू किया। उसने मेरा लौड़ा पकड़ लिया मैंने भी उसका लौड़ा पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगा। हम दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे। करीब 15 मिनट से हम ऐसे ही कर रहे थे। तभी उसकी बहन आई और बाहर से बोली- नाश्ता लग गया है, चलो !
उसकी बहन को भी नहाना बाकी था तभी मैंने उसकी बहन को अन्दर खीच लिया और उसने गाउन पहन हुआ था तो वो पूरा गीला हो गया, उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था, गीले गाऊन के कारण उसके चूचे दिख रहे थे मेरी तो नजर वहीं पर रुक गई और मैं उनको पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगा, जितना जोर से हो सका, उतना जोर से दबाता रहा ! वो चिल्लाती रही- आ..आ..आ….आ आआ…आआ..आअ……..हाह्हह्हहहा ! मुझे छोड़ दो ! दर्द हो रहा है !
पर मैंने नहीं छोड़ा. फिर मैंने उसकी चुम्मी ले ली और उसे नंगा कर दिया।
तब हम तीनों नंगे खड़े थे और एक दूसरे को चूम रहे थे। dost ki bahan sex story in hindi
मैंने उसे नीचे झुका कर अपना लौड़ा चुसवाना शुरू किया और करण को कहा- तू अपनी बहन की गाण्ड मार !
तो वो मना करने लगा। तो उसकी बहन ने कहा- लौड़े की दुम ! चुदवाता ही रहेगा या चोदेगा भी कभी? आ जा ! मेरी मार आज ! जम के मारना !
करण, मैं और उसकी बहन बाथरूम से बाहर आये और एक दूसरे का बदन पौंछा और बिस्तर पर चले गए। पिछली रात को मैं जो तीन निरोध लेकर आया था, एक पिछली रात को उपयोग किया था और दो शेष थे।
एक मुझे उसकी बहन ने पहनाया और एक करण को पहनाया। दोनों चॉकलेट स्वाद के थे तो अब वो मेरा लौड़ा अच्छे से चूस रही थी, मुझे मजा आ रहा था। करण उसकी चूत चाट रहा था।
कुछ देर के बाद करण मेरा लौड़ा लेने लगा और वो करण का लौड़ा !
मेरा लौड़ा गीला हो गया तो करण लेट गया और उसकी बहन उसके लौड़े पर बैठ गई। वो मेरा लौड़ा चूसे जा रही थी और धीरे-धीरे उसके लौड़े पर बैठ रही थी। उसकी आवाज नहीं आ रही थी क्योंकि उसने मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले रखा था।
इस बीच उसने मेरा लौड़ा निकाला अपने मुँह से और करण को चूमने लगी। करण भी उसे अच्छे से चोद रहा था।
मैंने उसके चूचो को चुसना शुरू किया फिर थोड़ी देर के बाद उसके मुँह में फिर से लौड़ा घुसा दिया।
मैं सोच रहा था कि साले दोनों भाई बहन कैसे योजना बना रहे हैं सुबह से मुझे दर्द महसूस करवाने का कि देख कैसे दर्द होता है गाण्ड मरवाने में !
मैं उठा और उसकी गाण्ड में जाकर अपना लौड़ा डाल दिया। dost ki bahan sex story in hindi
वो दर्द से चीख उठी क्योंकि उसने कभी भी दो लण्ड एक साथ नहीं लिए थे। मैं जोर जोर से झटके मार रहा था और उसकी गाण्ड से खून निकलने लगा था, शायद उसकी गाण्ड फट गई थी क्योंकि उसकी गाण्ड में मैंने एकदम से लौड़ा डाल दिया था इसलिए वो चिल्लाती रही- ऊऊ …आआ ….ऊउ…..ह्ह्ह…….मैं….मर…..जाऊँगी…. .ई.ईई….ईईइ..प्प्ल……ल्ज्ज. …ओह…मैं…..मर…..जाऊँगी……. प्ल्ज़……गोड…..आआ…..ऊउ…ह्ह्ह…..
और उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे पर मैं अपनी धुन में उसे पूरी तेजी से चोदता रहा, वो चीखती रही, रोती रही।
करण ने अपना लौड़ा निकला और उसके मुंह में दे दिया। मैं उसकी गाण्ड पर ही वार किये जा रहा था। करण उसके मुंह में झड़ गया, मैंने लौड़ा बाहर निकाला और निरोध हटा दिया। मैंने फिर से उसकी गाण्ड में लौड़ा डाल कर उसकी चुदाई की, लौड़ा बार बार निकाल कर अन्दर-बाहर करने लगा।
फिर उसे गोद में लेकर चोदने लगा पर उसका वजन ज्यादा होने के कारण ज्यादा देर तक नहीं चोद पाया, उसे बिस्तर पर लेटा कर दोनों पैर अपने कंधों पर रख कर चोदता रहा।
मैंने आज उसकी चूत नहीं मारी केवल गाण्ड मारता रहा
फिर मैं झड़ने वाला था, वो भी पानी छोड़ चुकी थी पर मैं उसे चोदता रहा जोर जोर से और झड़ गया।
करण का लौड़ा फिर से तैयार हो गया था तो मैंने अपना लौड़ा निकाला तो करण उस पर चढ़ गया और चोदने लगा।
मैं आगे उसके चेहरे के पास गया तो देखा कि वो रो रही थी।
मैंने उसको चूमा और लौड़ा उसके मुँह में दे दिया। मेरा लौड़ा फिर तैयार हो गया था। मैं उठा और उसके मुँह में जोर जोर से लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा। एक बार तो पूरा ही अन्दर डाल दिया तो वो तड़प गई तो मैंने निकाल लिया।
फ़िर मैं उठ कर करण के पीछे गया, करण अपनी दीदी को चोद रहा था, मैंने उसकी गाण्ड चाटना शुरू किया, उसे अच्छा लग रहा था। फिर मैंने उसकी गाण्ड में उंगली करना शुरू किया। उसका छेद जैसे ही खुला, मैंने लौड़ा उसकी गाण्ड में डाल दिया। वो अपनी बहन को और मैं उसको चोद रहा था।
कुछ देर में वो झड़ने वाला था, मैं भी चोदता रहा और वो झड़ गया, उसकी गाण्ड को मैं चोद रहा था, उसकी बहन और वो दोनों चिल्ला रहे थे- चोदो… आआअ……. ऊऊउ….. आअ….. ऊ……. ओ हू होहह…….जोर से ! जोर से !
मैं चोदता रहा।
फिर मैंने लौड़ा उसकी गाण्ड से निकाला, वो उठा तो मैंने फिर से उसकी बहन की गाण्ड में ही अपना लौड़ा डाल दिया।वो फिर से रोने लगी- मत करो प्लीज़ ! अब तो मुझे छोड़ दो ! प्लीज़ !
मैं चोदता रहा पर अचानक पीछे से करण मेरी गाण्ड चाटने लगा। मुझे मजा आ रहा था, वो चाटता रहा। और अचानक उसने मेरी गाण्ड में उंगली डाल दी। मैं दर्द के मारे धीरे हो गया क्योंकि पहली बार किसी ने मेरी गाण्ड में उंगली की थी वरना मैं ही करता था। वो उंगली अन्दर-बाहर करने लगा। मुझे दर्द हो रहा था, मेरे मुँह से आवाज निकल रही थी- आआ…..ऊऊऊ…….. dost ki bahan sex story in hindi
आआ…इसे निकालो !
पर उसने मेरी एक ना सुनी। मैं भी उसकी बहन को जोर जोर से घस्से मारने लगा तो प्रतिउत्तर में उसने दो उंगलियाँ डाल दी। मेरा दर्द बढ़ गया और मेरे मुंह से और उसकी दीदी के मुँह से आवाजें निकलती रही।
मैं उसकी गाण्ड में ही दूसरी बार भी झड़ लिया और जैसे ही मैं उठा, उसने उंगली निकाल ली। मुझे बहुत दर्द हो रहा था पर मजा तो तब आया जब करण की दीदी की गाण्ड से खून के साथ साथ तीन बार मरी गाण्ड का माल निकला। दो बार मैंने छोड़ा था उसकी गाण्ड में और एक बार उसके भाई करण ने छोड़ा था !
क्या मस्त धार निकली थी ! उसकी गाण्ड पूरी तरह से हमारे माल से भर गई थी और मोटी हो गई थी, अब सारा माल बाहर आ रहा था और करण उसे चाट रहा था।
मैं अपना लौड़ा पकड़ कर हिला रहा था। इस तरह मेरी भी गाण्ड मरी !
मैंने इन लोगों की नाश्ता करने के बाद भी मारी और रात को भी मारी पर रात में मजा दुगना हो गया था ! dost ki bahan sex story in hindi
———–समाप्त———–
दोनों भाई बहन अब मेरे लंड के दास थे, जब मन होता मैं दोनों की बजाता.. ये sex story in hindi कैसी लगी आपको?
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