मेरी सगाई एक हैण्डसम लड़के से हो गयी, मैं अब तक की सारी कमीनी कामनाएं उसके साथ पूरी करनी चाहती थी. पर वो नाकारा निकला, पर अब इस आग का जय करूँ मैं?? एक गरमा गरम mera nakara fiance sex story पढ़िए
मेरी उम्र २० साल है, मै मैट्रिक तक हे शिक्षित हूं, हलाँकि मैं बहूत साधारण परिवार की लड़की हू, लेकिन मुझे आधुनिकता पसंद है, तीन बहनों मे मैं सबसे छोटी हूं, दोनों बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है, मैं सबसे छोटी होने के कारन पूरे परिवार की लाडली हूं, मैं पहनावे और बनाव श्रृंगार से बहूत ऊँचे घराने की लगती हूँ, जबकि असलियत यह है की खर्च की तंगी के कारण मुझे पढाई छोड़नी पडी,
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मेरी बहने भी अल्प शिक्षित हैं, उनमे से एक की शादी पेट्रोल पम्प पर गाडीयों मैं तेल भरने वाले युवक से हुई है, और दूसरी की शादी पोस्ट ऑफिस के एक निम्नवर्गीय कर्मचारी के साथ हुई है,
मेरे घर के सभी लोग सामान्य जीवन गुजारते हैं, जबकि भले ही मेरे पास भी दो ही जोड़े कपडे हों, लेकीन आधुनिक बन कर ही घर से निकलती हूँ, घर मे भी मैं जींस-शर्ट पहना करती हूँ, लाडली बेटी होने के कारन कोई टोकता नहीं है,
आधुनिक जीवन जीने का मज़ा ही कुछ और है. जिसे मैं ही मह्शुश करती हूँ, सबसे ज्यादा मज़ा तो मुझे इसमे आता है जब हर ब्यक्ति आकर्षित होकर मुझे देखने लगता है, यह बात मुझसे छीपी नहीं रह गई है की मेरा रूप ज्यादा ही सुंदर है, आधुनिक वेश-भूषा पहनने पर मेरा चेहरा और चमकता है, मेरी सुन्दरता मैं स्वाभाविक चार चाँद लगे हुवे हैं, जैसे की मेरे गालों पर सुर्खी है और होंठ बिना लीपिस्टीक के ही लाल हुवे रहते हैं, गले मैं आस – पास ही दो छोटे छोटे तील हैं जो मेरे गोरेपन को ज्यादा ही उभारते हैं, मेरी हथेलियाँ और पाओं की एडियां भी शुर्ख हैं,
मैं खुशबूदार क्रीम लगाती हूँ, जिसकी महक मेरे पीछे हवा मैं छूटती जाती है, मेरे एकदम समीप से गुजरने वाला आदमी महक पा कर ठीठक जाता है और दूर तक उसकी निगाह मेरा पीछा करती है,
मुझे दोनों ही जीजा पसंद नहीं है, सूरत शक्ल से बुरे नहीं है, लेकिन उनका रहन-सहन, बात-ब्यवहार और पहनावा ऐसा है की उनके साथ चलते हुवे मुझे शर्म आती है, मैने तो सोच लिया है की उन लोगों की तरह किसी लड़के को माँ-बाप ने पसंद किया तो शादी से इनकार कर दूंगी, mera nakara fiance sex story
मैं घर से बाहर निकल कर देखती हूँ की मुझे चाहने वाले और पसंद करने वाले एक नहीं हजारों हैं, वैसे मैं लव मेरेज को ही प्राथमिकता देती रही हूँ, कम से कम वह मेरे ख्यालों से के अनुरूप तो होगा, लेकिन यह सौभाग्य मुझे अभी प्राप्त नहीं हुआ है, मैं अपने हजारों दीवानों मैं से एक भी चेहरा चुन नहीं पाई हूँ, खोज मैं सदेव रहती हूँ, ईसमें संदेह नहीं है,
एक रोज किसी कार्यवश पिताजी से मिलने उनके ऑफिस मैं जाना पड़ा, वहाँ मुझे “कीचड मैं कमल” नज़र आ गया, वह युवक बहुत ही हेन्डसम नज़र आया, फैशनेबल कपडे पहने हुवे थे, बालों को क्रीम से सेट कर रखा था, चेहारा बहुत सुंदर, अदायें किसी फिल्मी हीरो जैसी थीं,पिताजी के पास बैठी बैठी मैं उसे कई बार देख चुकी थी,पर मन है की भर ही नहीं रहा था, Her time spent working with some of VIP Escorts in Hyderabad has been instrumental in refining her craft and delivering superior services.
उसने भी मुझे देखा था, वह क्या सोच रहा था यह तो मैं नहीं जान सकी, लेकिन मुझसे उसकी नज़रै दो ही बार टकराई, वह कुछ ऐसे पेश आ रहा था मनो मेरे रूप पर मुग्ध नहीं हुआ हो, लेकिन मुझे विश्वाश था की मुझे देख कर मेरी समीपता पाने की लालशा ना जागे ऐसा हो ही नहीं सकता, मुझे भी वही एक ऐसा आकर्षक युवक नज़र आया था की मैं उसकी समीपता पाने को बेताब हो उठी, मेरा काम हो गया तो मजबूरन मुझे ऑफिस से बाहर निकलना पड़ा, उस युवक के लिये मेरे दिल मैं अजीब हलचल सी मच गई थी, हालांकि मै जानती थी की उस युवक की पत्नी बननें के लिए मेरे मां बाप को दहेज़ का प्रबंध करना पड़ेगा, जोकि असम्भव था,फीर भी मैने उम्मीद नहीं छोड़ी– “आखिर मेरा रूप क्या कम दहेज़ था,” mera nakara fiance sex story
मन मैं ठान लिया की उस युवक का दिल जीतना है, तरकीबें सोचने लगी की उससे मुलाकातें कैसे की जाएं, चार दिन गए गुजर गए, उससे मिलने की बेताबी बढ़ गई थी, तरीका यही सोच पाई की पिताजी से ही मिलने के बहाने ऑफिस जाना होगा,
उसी शाम पिताजी ने घर आकर मम्मी से मेरी शादी की चर्चा की,मेरे कान मैं भनक पड़ गई, “मम्मी मैं ऐरे गैरे से शादी नहीं करुँगी, जैसे दीदी ने किया है,”
मम्मी ने बताया “अरे तेरी तो किश्मत चमक गई है, लड़का बहूत सुंदर और होनहार है, तुझे उसने ऑफिस मैं देखा था,घर जा कर फरमाइश रख दी, उसके पिता आज ऑफिस मैं आये थे, तेरे पापा से बात कर गएँ हैं लड़के को तूँ बहुत पसंद आई है”
“ऑफिस मैं”? कौन लड़का है पापा?
“वही जो मेरी बगल मैं बैठा था”
मै समझ गई वो उसी लड़के की बात कर रहे थे, जीस पर मेरा दिल फिदा हो उठा था,फीर भी अनजान बन कर पुछा “मैने तो ध्यान नहीं दीया, मैं ऑफिस मैं आ जाऊँ आप मुझे देखा देंगे?’
“अरी ऑफिस जाने की क्या जरुरत है,संडे को वे लोग यहीं आ रहे हैं सगाई के लिये” मम्मी बोली
“लो बुला भी लिया” मैने कहा “अगर मुझे पसंद नहीं आया तो मैं अंगुठी नहीं पहनूंगी , बैरंग जाना पड़ेगा बताये देती हूँ,” मैं आधुनिक बन चुकी हूँ, इसलिए मम्मी पापा से किसी भी विषय पर खुल कर बातें कर लेती हूँ, वे मेरे स्वभाव से भली भांति परिचित हैं,
मैने पुछा “दहेज़ कहाँ से आएगा मम्मी?’
मम्मी ने कहा “इस मामले मे ही तो तेरी किश्मत अच्छी है, वे लोग दहेज़ मैं बस केवल मेरी लाडली बिटिया मांग रहे हैं, अभी थोडे ही दिनों पहले तो नौकरी पर लगा है,अच्छा कमाता है,अछे ढंग से रहता है, तेरे लायक हीरो जैसा है, तुजे भी वो पसंद आएगा, उसका नाम साहिल है,” mera nakara fiance sex story
सन्डे को साहिल अपने मां बाप और तीन-चार रिश्तेदारों के साथ मेरे घर आया,वही लड़का था, मेरे सपनों का राजकुमार जिसकी समीपता पाने के लिए मैं बेताब हो उठी थी, मम्मी पापा के बहूत अनुरोध करने पर उस दिन मैने जींस शर्ट त्याग कर सूट पहन लिया था
साहिल को तो मैं पसंद थी ही, उसके परिवार के लोगों ने भी मेरी सुन्दरता की दाद दी, सगाई की रश्म खुशी के माहौल मैं संपन्न हो गई,खुशी के मारे मैं फूली नहीं समा रही थी, जिसे मैने जीवन साथी के रूप मैं चुना वह खुद भी मेरे रूप सौन्दर्य पर मुग्ध था,
जीवन साथी के रूप मैं जैसा लड़का चाहती थी साहिल उससे भी दो कदम आगे था, सगाई हो जाने के बाद मैं अपने भावी जीवन के प्रति संतुष्ट हो गई थी,
पिताजी के ऑफिस का फ़ोन नंबर मुझे मालूम था, फिर भी मैने उनसे पूछ लिया था, “पापा, साहिल का फोन नंबर क्या है”, पिताजी ने अपना ही नंबर बता दिया
मैने जब फोन किया तो पापाजी ने ही फोन उठाया “हेल्लो, पापाजी, जरा साहिल को फोन दीजिये,”
जल्दी ही साहिल की आवाज सुनाई पड़ी, “हेल्लो, साहिल स्पीकिंग.”
मैने कहा “मेरी आवाज आपके लिए नई है, फिर भी पहचानिये मैं कौन बोल रही हूँ,”
“मैं नहीं पहचान सकता, आप खुद ही बताएं आप कौन हैं,”
“आपकी की मंगेतर हूँ,” mera nakara fiance sex story
“ओह, अरे तुम?”
“janaab आप भी मेरी तरह एक ही नज़र मैं चारों खाने चीत हो गए”,
“यह तुम ….कैसी …बातें……कर रही हो? फोन पर ऐसी बातें नहीं की जाती”
“तो फिर सामने आ कर बात कीजिये”
“उफ! फिर कभी बात कर लेना सामने तुम्हारे पापाजी बैठे हैं, मैं बात कैसे कर सकता हूँ?’
“शाम को आने का वादा कीजिये,”
“कैसी बातें करती हो? मैं कैसे आ सकता हूँ?”
“चाहे जैसे आइये, मैं आपको देखने के लिए बैचैन हूँ,”
“ठीक है शाम को आउंगा,”
वादा करके साहिल नहीं आया, अगले रोज मैं ऑफिस पहुँच गई, मैने पापा को साहिल के साथ घुमने जाने की सुचना दी और साहिल को पकड़ कर बाहर ले आई,
“आपको दीन – दुनिया का बड़ा लिहाज़ है, मैं आपको देखने के लिए तरस तरस कर मर जाऊं,कोई परवाह नहीं”
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मैं दिन भर साहिल के साथ घुमती रही, यहाँ वहाँ की खूब बातें की, शाम को जबरदस्ती घर भी ले आई, उस दिन से साहिल की हिचक दूर हुई और मेरे घर कभी कभी आने लगा,
Main उसकी तारीफ़ करते नहीं थकती थी, उसकी सुन्दरता को मैं अपनी खुशनशिबी बताती थी, मैं भी उसे बहूत सुंदर लगती थी लेकिन तारीफ़ मैं मैं थोडे ही शब्द उगलता था, वह कुछ दब्बू प्रबृति का लगा, मैने सोचा, ठीक है, पसंद तो है, दब्बू है तो लगाम मेरे हाँथ मैं रहेगी,
मैं रोमांटिक मज़ाक भी कर जाती, जबकि वह सुन लेता था,जवाब मैं रोमांटिक मज़ाक नहीं नहीं करता था,
मैने एक दिन उसकी हथेलियों को चूम लिया तो बोला “अरे!”
बहूत दबाव डाला तो मेरे साथ फिल्म देखने को राजी हुआ, हमने कार्नर की टिकटें लीं और अंदर जा बैठ गए, मैं किनारे वाली सीट पर बैठी थी,बत्ती बुझी तो मैने उसका हाँथ अपने हाँथ मैं ले लिया, फिल्म देखते हुवे मैं उसका हाँथ सहलाते जा रही थी,
बीच मैं एक दृश्य से प्रभावित होकर मैने उसका हाँथ अपने सीने से लगाया ही था की उसने हाँथ खीच लिया, मुझे तो निरा बुढहू ही लगा, मैं और खुश हुई की मेरा मनपसंद बलमा बुद्धू भी है, मैने उसे चिढाने के उद्देश्य से अपना हाँथ उसकी जांघ पर रख कर ऊँगली गडा दी,
“बहुत बदतमीज लड़की हो” यह कह कर साहिल झटके से उठा और से हाल बाहर चला गया,बड़ी देर तक मैने इन्तजार किया, वह लौटा ही नहीं,मैं रोमांटिक मुड़ मैं थी, वह मज़ा किरकिरा गया था,
इंटरवेल मे मैने बाहर निकल कर देखा, साहिल कहीं नज़र नहीं आया,मैं लौट कर अपनी सीट पर बैठ गई,
साहिल की सीट खाली पड़ी थी,उस सीट के बाद जो युवक बैठा था, बार बार मेरी ऑर देखने लगा, दो – तीन बार उससे नज़र भी मिली,
फिल्म आगे शुरू नहीं हुई थी,बत्तियां जल रही थी,वह युवक उठ कर करीब आया और पूछने लगा,
“यह सीट खाली है क्या?’
मेरे जवाब देने से पहले ही वह मेरी बगल में साहिल की सीट पर बैठ गया, खुश्बू का एक झोंका आया,मन प्रफुळित हो उठा, उसने कोई बहुत ही अछ्छा सेंट लगा रखा था,मैने उसकी ऑर ताक़ दीया,
वह युवक निम्न स्तर का नहीं था, इसलिए मैने वहाँ बैठने पर विरोध नहीं किया, उसके जिस्म से उठने वाली खुशबु ने मुझे साहिल की ऑर से लापरवाह बना दिया, में बार बार उस युवक की ऑर देख बैठती थी,
बत्ती बुझी, फिल्म शुरू हो गई, mera nakara fiance sex story
यह तो निश्चित है की वह मेरे रूप के आकर्षण से मेरे समीप आ बैठा था, लेकिन में सोच भी नहीं सकती थी की वह युवक मेरे हाँथ पर हाँथ रख बैठेगा, मैने अपना हाँथ नहीं हटाया रोमांटिक मूड में तो में पहले से ही थी, थोडी देर बाद उसने मेरी हथेली पर हथेली रख कर उंगुलियों में उंगुलियां फंसा ली,
मैने उसकी ऑर एक नज़र देखकर आँख पर्दे पर टीका दी,
कभी-कभी वह किसी सीन से प्रभावित होता तो मेरी हथेली को जोर से दबा देता था,ऐसा एकाध बार में भी भूलकर कर बैठी थी, वह फिल्म ख़त्म होने तक हाँथ को अपने कब्जे में किये रहा, उसने आगे और कोई बदतमीजी नहीं की, इसलिए मुझे अच्छा लग गया, फिल्म ख़त्म होने पर दरवाजे तक मेरा पकडे पकडे गया, लेकिन बाहर निकालने से पहले हाँथ छोड़ दिया, उसे शायद चिंता थी की मेरा नाराज साथी न देख ले…. बाहर निकल कर मुझसे पूछा “मेरे साथ चाय पीना पसंद करेंगी आप,”
में इनकार नहीं कर सकी,हम दोनों कैंटीन में जा बैठे, थोडी देर बाद दूसरा शो शुरू हो गया तो कैंटीन में सन्नाटा छा गया, वह युवक बड़ी मीठी मीठी बातें कर रहा था, में बहूत देर तक उसके साथ बैठी बातें करती रही, इतनी देर में दुनिया ही बदल गई उसने मेरा दिल जीत लिया था,मुझे उससे और उसे मुझसे प्यार हो गया, उसका नाम हरमन है,
हम फिर मिलने का स्थान और समय तय करके विदा होने लगे तो वह बोला, “चलिए में आपको बस में बिठा दूँ”
मुझे अच्छा लगा, कैंटीन के आगे जब हम गैलरी में पहुंचे तो वह ठिठक गया,
“कुछ तो दे जाइए, ताकि उसके सहारे वक्त कट जाए” mera nakara fiance sex story
में समझ गई, मुस्करा कर पलकें झुका लीं, हरमन ने मेरे चेहरे को थाम कर मेरे होंठों पर एक चुम्बन अंकित कर दिया, मैने पूछा “बस? इसी के सहारे ककत काट लोगे,”
“हाँ! कुछ वक्त! कल मिलने तक का वक्त!”सारी उम्र तो अब आपके बगैर नहीं काट सकूँगा,” इसके बाद हम विदा हो गए,
साहिल की तुलना में हरमन ने मुझे ज्यादा प्रभावित किया,फिर भी मैने अगले रोज साहिल को फोन किया तो बोला
“जरा धीरज रखो, शादी हो जाने दो फिर चाहे जितना मेरे साथ घूमना, चाहे जितना मुझे देखना,”
मैने फोन काट दिया,
अगले रोज मैने हरमन के साथ फिर एक फिल्म देखी, उस दिन हाँथ के अलावा उसने मेरे उरोजों को भी सहलाया, और जब मेरी जांघ पर हाँथ रखा तो मैने भी उसकी जांघ पर हाँथ रख दिया, बीच में हरमन ने लोगों की नज़र बचा कर बड़ी मुश्किल से एक चुम्बन भी लिया,
उसने ऊँगली योनी पर गडा कर कहा, “साथ में महबूब हो तो फिल्म देखने का मज़ा आ जता है,”
मैने उसके कठोर लिंग को पेंट के उपर से ही दबा कर कहा,”सच तुम्हारे साथ तो फिल्म देखने का मज़ा आ गया,”
हकीकत भी यही थी,
मेरे दिलो दिमाग में मंगेतर साहिल का कोई मह्त्व नहीं रह गया था, उसकी जगह हरमन ने ले ली थी,यह परिवर्तन मात्र २४ घंटो के अंदर हुआ था, सूरत शक्ल में साहिल थोडा सा आगे जरूर था, लेकिन हरमन उसकी तरह न तो बुद्ध था और न ही रुढिवादी लगा, यही कारण है की हरमन का वजूद बढ़ गया और साहिल का घट गया, यह स्पस्ट हो गया की साहिल वेशभूषा के माध्यम से आधुनिकता का दिखावा करता है, जबकि उसका मन-मस्तिष्क निरा गंवार है और हरमन तन और मन से भी आधुनिक और एडवांस था,
हरमन ने समीपता हासिल करते ही मुझे यौन-भावनाओं में सराबोर ही दिया था, उसके अंदर शर्म और हिचक नाम मात्र को ही थी, मैने खुद ऐसे प्रेमी की कामना की थी जो बहुत तेज सेक्सी उड़ान भर सकता हो, और मेरी ये कामना पूरी होती नज़र आई हरमन को पा कर, mera nakara fiance sex story
तीसरे दिन हरमन मुझे ऐसी जगह ले गया जिसके बारे में मैने सुन तो रखा था लेकिन देखा नहीं था,वहाँ आमतौर पर पैसे वाले लोग ही जाते हैं, जिनकी रग-रग में आधुनिकता समां चुकी होती है, शादी से पहले उस जगह को देखने की मेरी औकात नहीं, शादी के बाद जरूर उम्मीद रखती थी की वहाँ जाया करुँगी,
वह एक होटल का बार हाल था, सैकङॉ टेबुलें लगी थी, वहाँ लोग अपनी प्रेमिकाओं अथवा पत्नियों के साथ मौजूद थे, कुछ अकेले लोग भी थे, सभी के सामने शराब थी,औरतें और लड़कियां भी पि रही थी, और एक खूबी यह थी की बिच मैं डांस करने वालों के लिए बड़ी सी जगह रिक्त रक्खी गई थी, उस हाल मैं हलकी – हलकी रंगीन बत्तियां जल रही थी, माहौल अँधेरे के समान ही था,
हम दोनों हाँथ मैं हाँथ डाले एक खाली जगह बैठ गए,
मैने हरमन से पूछा, “तुम शराब पीते हो क्या?”
“शराब पीने की आदत नहीं है लेकिन इस माहौल का आनंद उठानें के लिए थोडी-थोडी पीने मैं क्या हर्ज है,”
मैने मुस्कुराकर सहमती जाहिर कर दी, थोडी देर मैं हरमन खुद जाकर दो गिलाशों मैं शराब ले आया, मैने न आश्चर्य किया और न ही कुछ पूछा, एक गिलाश मैने थाम लिया,
कई जोड़े नशे मैं झूम रहे थे और नाच रहे थे,दो घूँट पीने के बाद मैने उत्सुकता दिखाई, ” चलो हम भी डांस करें”
हरमन तुंरत उठ पड़ा, मेरी कमर मैं हाँथ डाल कर नाचने लगा, मैं भी उसके सिने से लग कर थिरकने लगी,नाचते नाचते ही उसने मेरी थोडी पर हाँथ लगा कर चेहरा उपर उठाया और चुम्बन भी लेने लगा,उसका एक हाँथ मेरी कमर मैं लिपटा था दूसरा हाँथ मेरे वक्ष पर रख कर उरोजों को धीरे-धीरे दबाने सहलाने लगा, जैसे-जैसे शराब का शरूर चढ़ता गया, हरमन के साथ नाचने का आनंद बढ़ता गया, हम वहाँ पूरे एक घंटे रहे,धरती का सबसे उत्तम नज़ारा देखा,
वहाँ से निकालने के पहले हमने एक दुसरे का दिल टटोला, छेड़ छाड़ के कारण मेरा मन और मेरे यौनांग उत्तेजित हो उठे थे,काम-भावना जाग जाना स्वभाविक ही था, हरमन भी काम-भावना मैं गोते लगा रहा था, हम दोनों का एक जैसा ही मानना था की शादी से पहले सम्भोग- आनंद करना अपराध नहीं है, इसलिए हमने तय किया की किसी होटल मैं मैं चल कर कमरा लिया जाय और अनमोल क्षणॉ का आनंद लिया जाए,
आधे घंटे बाद हम दोनों होटल के बंद कमरे मैं थे, सारा खर्च हरमन ही वहन कर रहा था, इसलिए मुझे बहुत अच्छा लग रहा था,
बिस्तर पर बैठते ही वह बोला, “तुम्हारी योनी तो उत्तेजना के कारण इतनी फूल गई है की जींस के उपर से दोनों फांकें स्पष्ट जाहिर हो रही है,” mera nakara fiance sex story
मैने भी गर्दन झुका कर देखा और मुस्करा कर कहा, “तुम्हारे लिए चुनौती है, हिम्मत हो तो सामना करो, देखूं तुम्हारे मुन्ने का क्या हाल है?” कह कर जींस के उपर से ही उसका लिंग पकडने की चेष्टा करने लगी,
उसने पूछा ” क्या हाल है ”
मैं बोली, “जिन उतारो, तब तो देखूं, कैद तो कर रखा है बेचारे को,”
उसने फटाफट जिन के साथ नेकर भी उतार दिया,
“हाय” मैने दोनों हांथों को गाल पर रख कर फटी-फटी आँखों से लिंग को देखते हुवे कहा,
“क्या हुआ’
मैने कहा ” इन्हे देख देख कर तो मेरी योनी मैदान छोड़ कर भागने की तैयारी करने लगी है,”
वह हंसते हुवे बोला, “चुनौती दी है तो भागने नहीं पाएगी, चलो जिन उतार कर उसे “इनके” सामने करो,”
” ना – ना, यह पीठ दिखाने को तैयार है, छोड़ दो, जाने दो,”
“नहीं, समर्पण करना पडेगा, छोडूंगा नहीं,” कह कर उसने मेरी नाभि के पास जिन के अन्दर चार उंगुलियां डाल कर पकड़ ली
“जल्दी खोलो,” उसने कहा,
वहाँ मेरी आधुनिक विचारधारा लुप्त हो गई, मुझे शर्म आने लगी, मैने कहा, ” अभी नहीं, थोडी देर बाद,”
“थोडी देर बाद क्यों?” उसने मेरे हाँथ मैं अपना विकराल लिंग थमा कर कहा, “तुम इसे संभालो, मैं तुम्हारी योनी को मैदान मैं लाता हूँ,” कह कर वह मेरी बेल्ट और बटनें खोलता चला गया,
” देखो… देखो..अभी भी तनी पड़ी है, तुम कहती हो भागने की तैयारी कर रही है, तुमसे ज्यादा दिलदार तुम्हारी योनी है, भागेगी नहीं, युद्ध करगी,” mera nakara fiance sex story
मैने फिर मुस्कुराते हुवे गर्दन झुका कर देखा वास्तव मैं मेरी योनी फुल कर कठोर हो गई थी, दोनों फांके आपस मैं सटी ऐसी लग रही थी जैसे ऊँट का बंद मुह हो, ” मैने पूछा, ” तुम्हारा क्या ख़याल है, यह जीतेगी या हारेगी?”
“यह तो युद्ध की समाप्ति पर ही नज़र आयेगा,” कह कर वह शर्त की बटनें खोलने लगा, ” देखूं यह कितने ताकतवर हैं? ”
मेरे वछ के उभारों को देख कर वह बोला, ” ये तो फुल की तरह कोमल है, बेचारे” कहने के साथ ही उसने दोनों को सख्ती से दबोच लिया,
“ऊई…ई …ई!” चीख कर मैं उसकी और खिंच गई, उसने चेहरा बढा कर मेरे होंठों को अपने होंठों से दबोच लिया और चूसने लगा,
उसकी साँसों की महक मिली तो जैसे सारा बदन जलने लगा, उसने उरोजों पर पकड़ ढीली कर दी तो मैं बाँहों का हार उसके गले मैं डाल कर एकदम से लिपट गई,
“हाय डियर! तुमने तो मेरे अंदर आग लगा दी,”
उसने मुझे खीच कर अपनी पालथी पर बिठा लिया, मेरे दोनों पांव उसकी कमर को छुते हुवे उसके पीछे तक फ़ैल गए थे, वह होंठों को छोड़ कर मेरे दायें उभार पर अपना मुंह लगा दिया और बच्चों की तरह चूसने लगा, मेरे रोम-रोम पुलक उठे, उत्तेजनावश मेरे होंठों पर सिस्कारियां फूटने लगी, उस अपार आनंद की मैं शब्दों से ब्याख्या नहीं कर सकती,
अत्तिउत्तेजना के कारण मैं छटपटाने लगी, झटके से हरमन ने मुझे काबू मैं कर लिया ओर दुसरे उभार को चूसने लगा, सिस्कारियों की जगह “आह ” “उफ” ने ले ली, मैं सोच भी नहीं सकती थी की कामाग्नि इतनी तेज होती होगी, कामाग्नि मैं जलना भी कितना आनंद दायक होता है, यह मुझे उसी समय पता चला, mera nakara fiance sex story
अत्ति आनंदित होकर हरमन ने मेरे नितम्बों पर हाँथ लगा कर अपनी और खिंच लिया तो उसका कठोर लिंग घिसट कर मेरी नाभि तक आ गया, मैने एक लम्बी सांस छोड़ कर उसके गले मैं से बांहें निकाल ली, ओर दोनों के पेट के बिच हाँथ डाल कर लिंग को पकड़ कर कहा, “ठहरो मुझे भी तो कुछ देखने करने दो, जानी”
उसने हाँथ हटाया ही था की मैं पिछड़ कर उसकी पालथी पर से उतर गई और उसके लिंग का अवलोकन करने लगी,
मैने कहा, “लिंग इतने सुंदर होते हैं? क्या सबके इतने ही सुंदर होते हैं?”
उसने कहा, “जो जैसा सुंदर होता है वैसा ही उसका लिंग भी सुंदर लगता है,तुम्हे मेरा लिंग कैसा लग रहा है?”
मैने कहा, ” तुम्हारा तो तुमसे भी ज्यदा हसीं है, जी चाहता है चूम लूँ”
“जरूर चूमो डार्लिंग” कह कर उसने मुझे पीछे की और धकेल कर चित लिटा दीया और उछल कर
मेरे वछ आ बैठा, “चूमो और चुसोगी, अब मुंह खोलो तो तुम्हारी तमन्ना पूरी करूँ,”
मैने मुहं खोल दिया, वह लिंग होंठों पर रगडने लगा, बहुत मोटा था, इसलिए मुंह मैं नहीं जा रहा था, मेरे मुंह का दरवाजा भी कुछ छोटा था, मैने कहा ” होंठ फट जाएंगे,”
वह बोला ” नहीं फटेंगे जरा मुंह पूरा खोलो,” mera nakara fiance sex story
मैने थोडी कोशिश और की तो लिन्ग-मुंड प्रविष्ट हो गया,लेकिन होंठों के मध्य वह इतना कसा हुआ था की मुझसे चूसते ही नहीं बना, जैसे तैसे उसके सुंदर लिन्ग-मुंड को हच देर जीभ से सहलाया, वह घर्षण सा करने लगा तो मैने जीभ पीछे हटा ली, मैं पलकों को बंद कर के मस्त हो गई, उसे भी शायद ध्यान नहीं रहा की मुंह मैं ज्यादा जगह नहीं होती, इसलिए दो तीन बार उसने लिन्ग को आगे तक बढा दिया, जिससे मेरे गले मैं चोट सी पहुंची,मैने झटके से मुंह हटा लिया, लिन्ग मुंह से निकल गया, मज़ा के साथ- साथ मेरी आँखों मैं पानी आ गया,देर तक गले मैं चोट महसूस करती रही,
उसने पूछा, ” मज़ा नहीं आया?’
मैने कहा, मज़ा तो बहूत आ रहा था,लेकिन तुमने जरुरत से ज्यादा हे आगे बढा दिया,मेरे गले मैं चोट लगने लगी,”
“अच्छा चलो युध्ध के लिए तैयार हो जाओ, अब नहीं जा रहा है.” कहते कहते ही उसने मेरे दोनों पाँव को उठा कर एकदम से अपने कंधो पर टीका दिया,
मैने कहा, ” बहुत मोटा है, मुंह मैं नहीं गया तो उसमें क्या जाएगा, कैसे बर्दास्त करुँगी,”
” घबराओ मत, आसानी से प्रवेश हो जाएगा,”
“थोडी सी क्रीम तो लगा ही लो,”
“क्रीम यहाँ कहाँ है?, आइन्दा जेब मैं रखा करूँगा,”
मेरी मुस्कान बिखर गई,
उसी समय हरमन ने लिंग योनी के द्वार पैर लगा कर झटके से मेरे चेहरे की और पूरा झुक आया,मैं दर्द से छ्टपटाने लगी, लिंग का आधा भाग योनी मैं प्रविष्ट हो गया,अभी मैं संभल भी नहीं पाई थी की कन्धों को पकड़ कर मेरे समूचे बदन को समेट लिया, लिंग पूरा घुस गया, उसके इस आसन से मेरे जोड़ – जोड़ मानों हिल गए हों, दोहरी पीडा से मेरी हालत बुरी हो गई थी, मैने जब पाओं को कन्धों पर से उतार लेने का निवेदन किया तो वह मान गया,
उसके बाद मेरे होंठों को चुमते हुवे घर्षण करने लगा, मैं बच्ची तो थी नहीं, बीस वर्षीय जवान युवती थी,शायद इसी लिए मैं उसके लिंग को झेलने मैं सछम थी,थोडी देर मैं पीडा बहुत कम हो गई और घर्षण से इतना आनंद लगा की मेरी योनी वास्तव में हरमन के लिए चुनौती बन गई,अंतिम छणो मैं मैने स्वयं ललकारा, mera nakara fiance sex story
“आक्रमण तेज करो, जानम, नहीं तो तुम हा हारोगे”
हरमन एकदम से तूफ़ान बन गया,उसने तीब्र आघातों से मुझे तौबा करवा दिया, मैं स्खलित हुई ही थी कि वह भी कस कर मेरे जिस्म से लिपट गया, उसने मेरी कामाग्नि ठंडी कर दी और मैं उसकी दीवानी हो गई,
उसके बाद हम रोज मिलने लगे,दुसरे तीसरे दिन काम युद्ध भी कर लेते हैं,दो तीन बार मयखाने उसके साथ और गई, बस! हम दिन भर के लिए होटल मैं कमरा बुक कर लेते हैं उसी कमरे मैं कभी एक, कभी दो दो पैग लेकर निवस्त्र डांस भी करते हैं,
—————समाप्त————
अब मैं साहिल को भूल चुकी थी, साहिल एक दिन घर आया था मां से कुछ देर ब्कर्ने के बाद मेरे पास आया, मुझसे बात करने की कोशिश की तो मैने कहा जो कहना है शादी के बाद कहना, वो समझ गया मैं उससे नाराज हूँ, उसने मुझे समझाने की बहूत कोशिश की मैने उससे ठीक से बात नहीं की, कुछ देर बाद वह चला गया, बाद मैं मैने साहिल से सगाई तोड़ दी और हरमन से शादी कर ली.. ये fiance sex story यहीं ख़त्म करती हूँ..
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