मेरी सेक्स स्टोरी से हुई मेरी फजीहत-1

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(Meri Sex Story Se Hui Meri Fajihat- Part 1)

दोस्तो, मैं आपकी प्यारी सी दोस्त प्रीति शर्मा। मेरी पिछली कहानी मेरे पति का दोस्त मेरा दीवाना कई महीने पहले हमारी प्यारी सी साईट अन्तर्वासना पर प्रकाशित हुई थी. आज मैं आपके सामने अपना बिल्कुल नया अनुभव लेकर आई हूँ। अभी जब मैं ये कहानी लिख रही थी, तब भी मेरे हाथ जैसे काँप रहे थे। एक अजब सा रोमांच, एक अजब सी सनसनी मेरे सारे बदन में दौड़ रही है। तो लीजिये पढ़िये मेरी आप बीती। Meri Sex Story meri fajihat 1 hindi sex story.

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एक दिन मैं वैसे ही खाली बैठी थी, तो सोचा क्या करूँ, पहले तो मैंने अन्तर्वासना पर सेक्सी कहानियाँ पढ़ी, एक दो गर्मागर्म कहानियाँ पढ़ कर मेरी तो चूत खड़ी हो गई।

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अब आप कहोगे, यार क्या बकवास कर रही है, लुल्ली खड़ी होती है, लंड खड़ा होता है, साली चूत कैसे खड़ी हो सकती है। मेरी बात को ध्यान से सुनो, जब ये कहानी पूरी पढ़ लोगे, तो आप भी जान जाओगे के चूत भी खड़ी होती है। सबकी नहीं पर कोई कोई औरत ऐसी भी होती है, जिसकी चूत खड़ी होती है, मैंने देखी है, इसलिये आप से कह रही हूँ।

तो एक दो कहानियाँ पढ़ने के बाद जब मेरी चड्डी तक मेरी फुद्दी के पानी से गीली हो गई, तो मैं उठ कर किचन में गई, वहाँ मैंने फ्रिज खोला और अंदर कुछ ढूंढने लगी, तभी मुझे एक खीरा दिखा, मैंने वो खीरा उठाया और बाथरूम में चली गई। वहाँ जाकर मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और फिर एक टांग कामोड पर रख कर मैंने वो खीरा अपनी फुद्दी में ले लिया.

खीरा ठंडा था तो अंदर तक मेरी फुद्दी को उसने सुन्न कर दिया. मगर मैं तो पूरी गर्म थी, मैं सामने बड़े सारे शीशे में अपने नंगे बदन को देख देख कर अपनी फुद्दी में खीरा करने लगी। मेरी रफ्तार और मज़ा दोनों बढ़ने लगे. और फिर तो तभी पता चला जब सफ़ेद रंग के पानी की धारें मेरी फुद्दी से चू गई और मेरी गुदाज़ चिकनी जांघों से होती हुई, मेरे पाँव तक जा पहुंची। Meri Sex Story meri fajihat 1 hindi sex stories.

पानी झड़ने के बाद भी मैं कुछ देर वैसे ही खीरा अपनी फुद्दी में लिए खड़ी रही। पानी गिरने के कुछ देर बाद जब मेरी फुद्दी पूरी तरह ठंडी हो गई, तो मैं पहले नहाई और फिर नए कपड़े पहन कर बाहर आई।

जब मैं वापिस हाल में आई तो देखा, मेरे पति दीपक, हाल में मेरा लैपटाप लिए बैठे हैं। मुझे देखते ही उनका चेहरे गुस्से से लाल हो गया। अपना लैपटाप उनके हाथ में देख मेरी तो गांड फट गई कि यार इनको तो मेरे सब कारनामे पता चल गए।

मैं कुछ कहती, इससे पहले ही वो बिफर पड़े- कब से चल रहा है ये सब, हरामज़ादी?

बेशक दीपक मुझ पर आज तक कभी गुस्सा नहीं हुये, पर आज पहली बार उनका गुस्सा देख कर मैं तो बहुत डर गई। मैं क्या जवाब देती।

वो फिर गरजे- और ये वरिंदर सिंह कौन है जो तेरे लिए कहानियाँ लिखता है। क्या इससे भी अपनी माँ चुदवाई है तूने?
मेरी तो आँखों से आँसू निकल पड़े।
रुँधे गले से मैंने कहा- प्लीज़ आप मेरी बात सुनिए, मेरा किसी से कोई चक्कर नहीं है, ये सिर्फ मेरे लिए कहानियाँ ही लिखते हैं, मैं आज तक इनसे ये किसी से भी नहीं मिली, न कभी बात की। सिर्फ हैंगआऊटस पर ही चैट करते हैं।

उन्होने मेरा लैपटाप सोफ़े पर फेंका और उठ कर मेरे पास आए- सच सच बता कमीनी, मेरे पीछे से अपने किस किस यार के साथ रंगरलियाँ मनाती रही है? अगर सच नहीं बताया, तो तेरी मैं वो फजीहत करूंगा के तू सारी उम्र याद रखेगी।

मैंने बहुत कसमें खाई, बहुत रोई, गिड़गिड़ाई मगर दीपक पर कुछ असर नहीं हुआ।

सिर्फ एक लैपटाप खुला छोड़ने भर से ही मेरी सारी घर गृहस्थी, मेरी इज्ज़त, मेरा मान सम्मान सब दांव पर लग गया था।

दो दिन तक हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई, मैंने बहुत कोशिश की, बार बार दीपक से माफी मांगी, बार उसे समझाया, बार विनती करी- सब कहानियाँ झूठ हैं, काल्पनिक हैं, कोई भी सच नहीं है।

मगर दिक्कत यह थी कि सभी कहनियाँ किसी न किसी ऐसे वाकया के बारे में लिखी गई थी जो सच में हमारी ज़िंदगी में घटा था। तो इस वजह से दीपक को ये पूरा यकीन हो चुका था कि मैंने उसकी गैर मौजूदगी में, उसकी जानकारी के बिना भी और लोगों से गलत रिश्ते रखे हैं। Meri Sex Story meri fajihat 1 sex story.

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जबकि दीपक और मैंने एक बार एक स्विंगर क्लब में एक दूसरे के सामने किसी और से सेक्स किया, था, मगर वो उसके सामने था, उसकी जानकारी में था।

मगर मेरी कहनियाँ पढ़ने के बाद तो दीपक को लगा जैसे मैं कोई लंड की प्यासी, एक अति कामुक औरत हूँ। एक छिनाल हूँ, एक रंडी, एक वेश्या हूँ जिसे हर वक्त लंड चाहिए।

रात को सोने से पहले मैंने फिर से दीपक से बात करनी चाहिए मगर वो बोला- कल तुझे मैं तेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी तकलीफ दूँगा।
मैं फिर रोने लगी, उससे माफी मांगने लगी।
मगर दीपक ने मुझे अपने बेडरूम से बाहर निकाल दिया।

मैं भी जाकर दूसरे बेडरूम में लेट गई, और सोचने लगी पता नहीं दीपक कल मेरे साथ क्या करेगा।कहीं मुझे तलाक ही न दे दे। डरती डरती मैं पता नहीं कब सो गई।

अगले दिन, शाम को जब दीपक घर वापिस आए, तो आते ही उन्होने व्हिस्की पीने शुरू कर दी, बेडरूम का ए सी चालू किया, एक दो फोन घुमाए। थोड़ी देर बाद घर की बेल बजी। वो खुद ही उठ कर गए।

जब वापिस आए तो उनके साथ एक 24-25 साल की लड़की थी। सफ़ेद टी शर्ट और जीन्स पहने, अच्छे भरवें बदन की, गोरी चिट्टी और बहुत खूबसूरत लड़की। मैं सवालिया नज़रों से दीपक की ओर देख रही थी।

दीपक ने मेरी परवाह किए बिना उस लड़की को अपने पास सोफ़े पर बैठने को कहा। वो बैठ गई तो दीपक ने एक पेग बना कर उसको दिया। दोनों चीयर्ज करके पीने लगे. Meri Sex Story meri fajihat 1 sex stories.

हाव भाव से मुझे लगा कि शायद यह लड़की कोई कालगर्ल है। मतलब दीपक भी इसे मेरे घर में मेरे बेड पर चोद कर मुझ से बदला लेना चाहते हैं।
मैं कुछ नहीं बोली, मैंने सोचा चलो अगर इस से इनका गुस्सा शांत हो जाए तो मैं ये भी सह लूँगी।

वो आपस में कुछ बात करते रहे, दोनों हँसते रहे और मैं बेवकूफ़ों की तरह बैठी उन दोनों को शराब पीते देख रही थी।

दो पेग पीने के बाद दीपक उठे और मेरे पास आए, मुझे बांह से पकड़ कर खड़ा किया। मुझे लगा कि शायद अब ये मुझे बेडरूम में से बाहर निकालेंगे। मगर दीपक ने मेरी साड़ी पकड़ी और खींच कर खोलने लगे।

मैंने इस बात का विरोध किया- दीपक, क्या कर रहे हो?
मगर वो तो जैसे जुनून में था।

वो लड़की भी बोली- रहने दो सर, इनको जाने दो, या मैं जाती हूँ।
मगर दीपक ने उसको भी डांट कर बैठा दिया।

मेरी साड़ी खुल गई, तो मेरा ब्लाउज़ पकड़ कर खींचा, मैंने रोक्न चाहा तो छीना झपटी में रूबिया का ब्लाउज़ एक ही झटके में फट कर तार तार हो गया.
उसके बाद दीपक ने मेरी ब्रा भी खींच कर उसके स्ट्रैप तोड़ कर मेरे बदन से अलग कर दी और फिर ज़बरदस्ती मेरा पेटीकोट भी फाड़ कर मेरे बदन से अलग कर दिया।
एक मिनट में ही मैं बिल्कुल नंगी हो गई।

दीपक ने मुझे बड़ी बेरहमी से धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और फिर अपने कपड़े उतारने लगे, वो भी बिल्कुल नंगे हो गए।
फिर उस लड़की से बोले- शीना, इधर आओ।
वो लड़की सोफ़े से उठ कर पास आई तो दीपक बोले- अपने सारे कपड़े उतारो।

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वह बोली- सर अगर आप दोनों में कोई दिक्कत है, तो मैं चली जाती हूँ, अपन रहने देते हैं।
दीपक ने उसको भी डांट कर कहा- तुझे पैसे दिये हैं न, किस बात के लिए दिये हैं। तू हमारे चक्कर में मत पड़, जो मैं कहता हूँ, वो कर। Meri Sex Story meri fajihat 1 antarvasna story.

बेचारी लड़की ने भी बड़े बेमन से अपने कपड़े उतार दिये। एक खूबसूरत जवान जिस्म।

दीपक ने मुझे बेड पर लेटा दिया और खुद मेरे सीने पर चढ़कर बैठ गए, उनका तना हुआ लंड मेरे चेहरे के पास था।
मगर दीपक शीना से बोले- शीना मेरी जान, मेरा लंड चूस।

अब वो तो बेचारी पैसे की गुड़िया, उसने कहाँ मना करना था। वो मेरे पास आकर झुकी और मेरे चेहरे के सामने मेरे पति का लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।
थोड़ा चुसवाने के बाद दीपक बोले- बस, बहुत चूस लिया, चल ऊपर आ।

लड़की सोचने लगी कि बेड पर तो पहले से ही एक औरत नंगी लेटी है, वो ऊपर कहाँ पर आए।
तो दीपक ने उठ कर उसका हाथ पकड़ कर उसे बेड पर चढ़ाया और फिर मेरे ऊपर ही उस लड़की को लेटाया।

मेरी आँखों से आंसुओं की अविरल धारा बह रही थी।

जब वो लड़की मेरे ऊपर लेट गई, तो दीपक ने अपने लंड पर एक कोंडोम चढ़ाया, शीना की फुद्दी पर रखा और उसे चोदने लगे। मैं अपने आप को बहुत लज्जित महसूस कर रही थी कि मेरा पति एक रंडी को मेरे ही ऊपर लेटा कर चोद रहा है, कितनी बड़ी सज़ा दी है मेरे पति ने मुझे। उस पति ने जो मुझे बेहद प्यार करता था।

खैर जब दीपक शीना को चोद चुका तो उसने शीना से कहा- देखो डार्लिंग, अब तुम मेरा हाथ से माल छुड़वाओ। मगर मेरा माल इस छिनाल के मुंह पर गिरना चाहिए।

वो लड़की दीपक की मुट्ठ मारने लगी और फिर थोड़ी देर बाद दीपक के लंड ने गर्म वीर्य की धार मारी। वो वीर्य जिसे मैं अपने बदन पर लेकर बहुत खुश होती थी, वो वीर्य, जिसे मैं चाट जाती थी, पी जाती थी।

मगर आज वो वीर्य मुझे किसी जहर की तरह या किसी तेज़ाब की तरह लग रहा था।
मेरा सारा मुंह दीपक के वीर्य से भर गया।

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काम खत्म होने के बाद वो लड़की चली गई। दीपक वैसे ही नंगा उसी बेड पर सो गया।

मैं उठ कर बाथरूम में आई और खूब रोई, ज़ोर ज़ोर से रोई, और रोते रोते ही नहाई। आज मुझे बेइंतेहा बेइज्ज़ती का सामना करना पड़ा था। Meri Sex Story meri fajihat 1 antarvasna stories.

मगर उस दिन के बाद दीपक का गुस्सा जैस धीरे धीरे कुछ ठंडा पड़ने लगा। धीरे धीरे हम दोनों सामान्य होने लगे, और करीब डेढ़ दो महीने बाद हमारी ज़िंदगी बिल्कुल सामान्य हो गई।

मैंने दीपक से बात करी और उसको सारी बात समझाई, वो भी समझ गया कि मैंने किसी को सिर्फ अपने मन की बातें बताई थी, मगर किसी के साथ दीपक की जानकारी के बिना सेक्स नहीं किया। समय तो लगा मगर मेरे बार बार समझाने से दीपक मेरे मन की स्थिति को समझ गया।

कुछ और वक्त बीता, और करीब ढाई महीने बाद मैंने और दीपक ने सेक्स किया। बेशक सेक्स करते वक्त मुझे उस दिन की बात याद आ गई और मैं फिर से रो पड़ी।

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