ट्रेन में रसीली बुर चुदाई की स्टोरी

दोस्तों मै आज पहली बार मस्तराम डॉट नेट पर कहानी Antarvasna Kamukta Hindi sex Indian Sex Hindi Sex Kahani Hindi Sex Stories लिखने जा रहा हु अगर कहानी लिखने में कोई गलती हो गयी हो तो उसके लिए माफ़ी चाहता हु तो दोस्तों अब कहानी पर चलता हु वैसे तो मेरा शहर सागर प्राकृतिक सुन्दरता और हिल्स से घिरा हुआ है। यह एक बहुत ही सुंदर लैक है और यहां के लोग बहुत ही संतुष्ट और सीधे सादे हैं। पर यहां की महिलायें बहुत चुदक्कड़ है यह मैंने बहुत बाद में जाना। मैं क्रिकेट और फुटबॉल का नेशनल प्लेयर रहा हूँ इस कारण से अपने एरिया में बहुत मशहूर था और सुंदर कद काठी और रूप रंग गोरा होने के कारण हैंडसम भी दीखता था. लेकिन मुझे अपने लन्ड की प्यास किसी न किसी के बारे मैं सोच कर और अपनी मुट्ठ मार कर या अपना तकिये को चोदकर बुझानी पड़ती थी

Train mei rasili bur chudai ki story

मैं अपनी हेल्पिंग हब्बिट्स के कारण भी बहुत मशहूर था और सभी मुझे प्यार भी इसीलिए बहुत करते थे। मेरे घर के सामने ग्राउंड है जहा मैं खेलते हुए बड़ा हुआ और अपने सभी सपने सन्जोए। एक दिन हम कुछ दोस्त मोर्निंग एक्सर्साईज करके आ रहे थे तभी सामने से आती हुई ३ लड़कियों पर नज़र पड़ी। उनमे से दो को मैं चेहरे से तो जानता था कि वो मेरे घर के आस पास रहती है। तीसरी से बिल्कुल अनजान था और वो कोई ख़ास भी नहीं थी. हम दोस्त अपनी बातों में मस्त दौड़ लगाते हुए जैसे ही उनके पास पहुचे तो बीच वाली लड़की मेरे को बहुत पसंद आई.

मै सिर्फ़ बनियान और नेक्कर मैं था तो मेरे सारे मस्सल्स दिखाई दे रहे थे जिससे शायद वो थोडी इम्प्रेस हुई उसने भी मुझे भरपूर नज़र देखा. मेरा ध्यान उस लड़की पर लगा होने से मैं नीचे पत्थर नही देख पाया और ठोकर खाकर गिर पड़ा वो तीनो लड़कियां बहुत जोरों से हंस पड़ी और भाग गई. मुझे घुटनों और सर में बहुत चोट लगी थी काफ़ी खून बहा था इस कारण मै कुछ दिन अपनी मोर्निंग एक्सर्साईज के लिए दोस्तों के पास नही जा पाया. ठंडों का मौसम चल रहा था हमारे मोहल्ले मैं एक शादी थी. मेरी हर किसी से अच्छी पटती थी इसलिए मेरे बहुत सारे दोस्त हुआ करते थे.

उस शादी में मैं अपने ऊपर एक जिम्मेदार पड़ोसी की भूमिका निभाते हुए बहुत काम कर रहा था. और मै जयादातर महिलाओं के आस पास मंडराता कि शायद कोई पट जाए या कोई लिंक मिल जाए मुनिया रानी को चोदने या दर्शन करने के। पर किस्मत ख़राब. कोई नही मिली. मुझ से किसी खनकती आवाज ने कहा ” सुनिए आप तो बहुत अच्छे लग रहे है आप और बहुत मेहनत भी कर रहे है यहां ” मैंने जैसे ही मुड़कर देखा तो वो ही बीच वाली लड़की जिसको देखकर मै गिरा था और जिसके कारण मेरे सर पर अभी भी पट्टी बंधी हुई थी जिसमे ३ टाँके लगे हुए थे और घुटने का भी हाल कुछ अच्छा नही था… मैंने देखा वो खड़ी मुस्कुरा रही थी. मैंने कहा “आ आप ….. आपने मेरे से कुछ कहा” ” नही यहां ऐसे बहुत सारे लोग है जो मेरे को देख कर रोड पर गिरकर अपना सर फ़ुड़वा बैठे” वो अपनी सहेलियों से घिरी चहकती हुई बोली। ” आप लोग तो हंस कर भाग गई…. मेरे सर और पैर दोनों मैं बहुत चोट लगी थी” मैंने कहा मेरे ही मोहल्ले की एक लड़की अनुष्का जिसे मै पहले पटाने की कोशि्श कर चुका था पर वो पटी नहीं थी बल्कि मेरी उससे लडाई हो गई थी. अनुष्का ने मेरे से मुह चिड़ाते हुए कहा इनको ” च्च्च च्च छक … अरे!! अरे!! Train mei rasili bur chudai ki story

दीदी को चोद कर मुह में झड़ गया

बेचारा….. नरेन्द्र भैया अभी तक कोई मिली नही तो अब लड़कियों को देख कर सड़कों पर गिरने लगे ” और खिल खिला कर हंस दी ….. मैंने अनुष्का के कई सपने देखे मै अनुष्का को अपनी गाड़ी पर बिठाकर कही ले जा रहा हूँ उसके दूध मेरी पीठ से छु रहे है वो मेरे लंड को पकड़ कर मोटरसाईकिल पर पीछे बैठी है उसके बूब्स टच होने से मेरा लंड खड़ा हो जाता है तो मै धामोनी रोड के जंगल मै गाड़ी ले जाता हूँ जहा उसको गाड़ी से उतार कर अपने गले से लिपटा लेता हूँ उसके लिप्स, गर्दन बूब्स पर किस कर रहा हूँ और उसके मम्मे दबा रहा हूँ साथ ही साथ उसकी मुनिया(बुर) को भी मसल रहा हूँ वो पहले तो न नुकर करती है लेकिन जब मै उसकी मुनिया और बूब्स उसके कपडों के ऊपर से किस करता हूँ और उसकी सलवार खोल कर उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी पेशाब को चाटने लगा अनुष्का भी सीई हीई येः क्या कर रहे हो…….. मैं जल रही हूँ मुझे कुछ हो रहा है ……. कह रही है

और मै अनुष्का को वहीं झाडियों मैं जमीन पर लिटाकर चोदने लगता हूं। पहले अनुष्का का पानी छूटता है फिर मेरा.. जब ख्वाब पूरा हुआ तो देखा लंड मेरा मेरे हाथ मैं झड़ चुका है और मुट्ठी मारने से लंड लाल हो गया है मुझे बहुत बुरा लगा अनुष्का के तानों से मेरी बे-इज्ज़ती हुई थी वहां से मैंने इन दोनों को सबक सिखाने का ठान लिया. मैंने गुलाब जामुन का शीरा उसकी बैठने वाली सीट पर लगा दिया जिससे उसकी सफ़ेद ड्रेस ख़राब हो गई और वो ऐन मौके पर गन्दी ड्रेस पहने यहां वहां घूमती रही और लोग उसे कुछ न कुछ कहते रहे . पर उसका चेहरा ज्यों का त्यों था .. मैंने अनुष्का को उसके हाल पर छोड़ कर अपने टारगेट पर कन्स्न्ट्रेट करनाउचित समझा मै उससे जान पहचान करना चाहता था जब से उसको देखा था उसके भी नाम की कई मूठ मारी जा चुकी थी और तकिये का कोना चोदा जा चुका था.. मेरा तकिये के कोने मेरे स्पेर्म्स के कारण कड़क होना शुरू हो गई थे. Train mei rasili bur chudai ki story

पर कोई लड़की अभीतक पटी नहीं थी. इसबार मैंने हिम्मत करके उसका नाम पूछ लिया. जहा वो खाना खा रही थी वहीं चला गया और पूछा “आप क्या लेंगी और….. कुछ लाऊँ स्वीट्स या स्पेशल आइटम आपके लिए… भीड़ बहुत थी उस शादी मैं वो मेरे पास आ गई और चुपचाप खड़ी होकर खाना खाने लगी. मैंने उसको पूछा “आप इस ड्रेस मैं बहुत सुंदर लग रही है.. मेरा नाम नरेन्द्र है आपका नाम जान सकता हूँ…” Train mei rasili bur chudai ki story

फिर भी चुप रही वो और एक बार बड़े तीखे नैन करके देखा. हलके से मुस्कुराते हुए बोली” अभी नही सिर्फ़ हाल चाल जानना था सो जान लिया” मैंने उसका नाम वहीँ उसकी सहेलियों से पता कर लिया और उसका एड्रेस भी पता कर लिया था. उसका नाम रंजीता था. वो मेरे घर के ही पास रहती थी. पंजाबी फॅमिली की लड़की थी. सिंपल सोबर छरहरी दिखती थी. उसकी लम्बाई मेरे लायक फिट थी उसके बूब्स थोड़े छोटे ३२ के करीब होंगे और पतला छरहरा बदन तीखे नैन-नक्श थे उसके. वो मेरे मन को बहुत भा गई थी. शादी से लौट के मैंने उस रात रंजीता के नाम के कई बार मुट्ठ मारी. Train mei rasili bur chudai ki story

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