आज में आपको मेरे मामी कि चुदाई कि कहानी सुनाने जा रहा हुं. मेरी पतिव्रता मामी अचानक ही ऐसी लंड की प्यासी कैसे बन गयी? आखिर मामी ने मेरी गोद में बैठके अपनी वो दास्ताँ सुनाई. मेरी अपनी mami ka sach hindi sex story पढ़िए.
मेरी मामीजी ४३ साल कि बहोत गदराई गांड वाली औरत है. उसकी गांड देखके , उसे वही गिराकर उसकी गांड मारने का दिल करता है. इतनी बडी गांड वाली असली औरत आज तक तो मैने नही देखी.. उनके निकर का साईझ ११० cm है. फिर भी मुझे संदेह था कि ये साईझ भी उसे अपनी गांड ढकने के लिए कम पड़ता होगा…वो जब सड़क पे चलती है तो मुझे पूरा यकीं है की उसकी चौड़ी गांड को देखके बड़े बड़े लंड भी उठकर सलाम करते होंगे..मैं तो बारह साल होगये अब इस गांड का दीवाना हूँ.. जब से होश संभाला है, इसी गांड को चोदने के सपने देखता हूँ..
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आजतक न जाने कितनी बार मन ही मन मामीजी को मैंने नंगा करके मैंने अपने लंड को ठंडा किया है. फिर भी मुझे वास्तवता पता थी, मैं मेरे मामी को सिर्फ मन ही मैं नंगा देख सकता हूँ, उनकी चौड़ी गांड को सेहला सकता हूँ. असल जिंदगी मैं तो उनकी गांड चोदना तो दूर की बात है पर उनको नंगा भी देख नहीं सकता हूँ इसका मुझे यकीन था..और ये बात मुझे हमेशा सताती थी..आज तक बहोत राते मैंने उसकी याद मैं तड़प कर गुजारी थी..मन ही मन उसको मैंने बहोत लोगों से चुदवाया था चिढ आने के बाद..लेकिन अचानक ही ऐसी घटना घटी की आज वो मेरे गोद मैं बेठी थी.. “
बचपन मैं मेरे गोद मैं खेला था, और आज देखो मेरा बदमाश भांजा मामीजी को गोद मैं बिठाकर उसके गांड को सेहला रहा है” ऐसा मुझे कह के चिढ़ा रही थी.. मेरा तो खुद की किस्मत पे यकीन ही नहीं आ रहा था.. क्या क्या करू मामी को नंगा करने बाद ये भी मेरे समझ नहीं आ रहा था..मैं तो सिर्फ उनके गांड को साड़ी के उपरसेही सेहला जा रहा था और उनको हर जगह चूम रहा था गोद मैं बिठाकर..
“अब मेरी गांड ही दबाते रहोगे या मुझे नंगा भी करोगे? और मैने तुम्हे बियर लाने को कहा था, लाये क्या?” मामी जो अभीभी मेरे गोद में बैठी थी मुझसे पूछ रही थी.
“हाँ मामी, आपने कहा और मैंने नहीं सुना ऐसा कभी हुआ है क्या? फ्रिज मैं राखी है ठंडा होने के लिए”
मामीने मुझे सुबह फ़ोन करके बताया उनके आने के बारे मैं और बियर लेके रखने को कहा था..मुझे बहोत ताज्जूब हुआ था और मैं काफी हैरान हो गया था. मामी कब बियर पिने लगी? एक विलेज मैं रहनेवाली औरत, एकदम पतिव्रता, जो घर मैं भी साड़ी के अलावा कुछ नहीं पेहेनति, वो कब से बियर पे उतर आयी, ये सोचकर मैं हैरान हो रहा था.. mami ka sach hindi sex story
“हाँ, हाँ, मेरा प्यारा भांजा.. चल अब दो ग्लास लाओ, तुम पीते हो न बियर?”
“हाँ मामी, मैं तो पिता हूँ, लेकिन आप कबसे पीने लगी?”
“लम्बी कहानी है बेटा, बियर पीते है पहले, मामी को नंगा देखना भी है या नहीं? तेरे जवान लंड से इस तेरे मामी के चूत की आग बुझा दो आज”
मामी के मुंह से ऐसी बाते सुनकर मेरे तो लंड के ऊपर के बाल भी खड़े हो रहे थे..
“हाँ मामी, आपको नंगा करके आपकी चूत की प्यास बुझाने के लिए मेरा लंड १० साल से इंतेज़ार कर रहा है.. आज जाके इसको मोका मिला है..”
“हाँ रे मेरे राजा, बहोत इंतज़ार किया है तेरे लंड ने, अब उसको मत सता, जल्दी से मुझे नंगा कर, और घुसा दे अंदर, अब मुझे भी रहा नहीं जा रहा..”
मेरा एक बियर का ग्लास ख़तम होने से पहले मामीने पुरे दो ख़तम कर दिए थे.. नशे वो और भी ज्यादा सुन्दर लग रही थी.. नशे की ग्लो आगयी थी उनके चेहरे पे..
मामी को मैंने पूरा एक मग भरके और बियर दी..
“अरे, तुम नहीं पियोगे?” मामी ने पूछा..
” हाँ मामी, क्यूँ नहीं पिऊंगा, आप ठंडी बियर पिजिए, मैं गरम बियर पिऊंगा..”
“मतलब?”
“आप जब इतनी सारी बियर पिएंगी, तो आप सु सु करने जाएगी, तो वो सारी बियर तो होगी ना? मैं आपका मूत पिऊंगा..!! चलेगा ना?” मैंने मामी से पूछा.. Through her work with some of the most reputable call girls in Hyderabad, she has honed her skills and gained invaluable industry experience.
मामी तो शर्म से लाल होगई.. लेकिन उनको अच्छा लगा, वो और मेरे किस लेने लग गई..
“क्यूँ नहीं बेटा, जितना चाहे उतना पीले, मुझे नहीं पता था, तुम मुझसे इतना प्यार करते हो की मेरा मूत भी पि जाओगे” mami ka sach hindi sex story
“अरे मामीजी, आपका मूत पीकर तो मैं धन्य हो जाऊंगा, बहोत साल की तमन्ना है, आज पूरी होगी.. और आपके मूत की नशा बियर से थोड़ी ही आएगी?”
मामी के साड़ी के निचे से अब मैं उनके जांघ सहलाने लगा. उनके जांघ मानो मैदे के गोले थे.. बहोत ही मुलायम, और मोटे मोटे.. मामीभी अब पुरे रंग मैं आई थी..
वो अपनी साड़ी उतारने लगी थी, मैंने उन्हें मना किया..
“ठहरो ठहरो मामीजी, अब इतने साल इंतज़ार किया है, तो आराम से मुझे आपके इस गदराये बदन का मजा लेने दो..”
“क्या क्या करोगे मेरे साथ वो तो बताओ”
“बताने की क्या जरुरत है, करके ही दिखता हूँ ना मामीजी, लेकिन पहले ये बताइए, मामा के बाद मुझसे ही चुदने जा रही हो, या किसी और को भी आपने इस गदराये हुए बदन का मजा चखवाया है?”
मामी शरमाके हुयी बोली, “चल हट, बदमाश!!”
“अब इसमें शर्माने वाली क्या बात है? बताइए ना, किसी और के साथ भी मजा लिया है आपने ऐसा लग रहा है मुझे.. सच है ना?”
“हाँ”
“किसने मजा उठाया है इस जन्नत जैसे बदन का? मैं जानता हूँ क्या उसे? सारी बाते बताओना, मजा आएगा सुनके.. और आप एकदम से “पतिव्रता” औरत से “लंडव्रता” कैसे बन गयी? मुझे तो समझ नहीं आ रहा है”
मामी एकदम से चुप हो गयी
“क्या बात है, इसमें बुरा मान गयी क्या?”
“नहीं बेटा, तेरे मामा की बजह से ही मैं रांड बन गयी हूँ..”
“क्यूँ उन्होंने क्या किया?” mami ka sach hindi sex story
“एक बार खेत मैं मैंने उनको एक औरत के साथ गुरछर्रे उड़ाते देखा, मैं तेरे मामा से बहोत प्यार करती थी, लेकिन उस दिन बाद मेरा सबसे मन ही उठ गया..उनको मैंने कुछ कहा नहीं, लेकिन घुस्से मैं मेरा भी पैर फिसल गया, लेकिन अब मुझे भी मजा आने लगा है किसी और से चुदवाने लेने मैं.. तेरे मामा तो अब ५० साल के भी ऊपर के है, और इतने साल हो गए शादी को, के अब सिर्फ अपना काम निपटा लेते है बेड मैं, मेरे खयालों को नहीं देखते..काम होजाने बाद मुंह फेरके सो जाते है.. अब दूसरी औरत भी मिल गयी है उनको.. तो मैंने भी सोचा मैं भी क्यूँ मजा ना लू?”
ये बात सुनके तो मेरे होश ही उड़ गए, लेकिन मन मैं लड्डू फुट रहे थे; मामी की जब चाहे गांड मारने मिलेगी ये सोचकर..
ये बात सुनके तो मेरे होश ही उड़ गए, लेकिन मन मैं लड्डू फुट रहे थे; मामी की जब चाहे गांड मारने मिलेगी ये सोचकर..
“अच्छा, ठीक कहा मामी आपने, लेकिन ये तो बताइए किसको और कहा आपने आपके इस गदराये बदन का मजा उठाने दिया..?”
तब मामीने मुझे पूरी स्टोरी बताई, वो आपसे में शेयर करता हूँ..
बात ६ महीने पहले की है..
मामा का बाहर चल रहा चक्कर देखकर मामी परेशान थी.. उन्होंने मामा को अभी इसका एहसास नहीं कराया था की उनका बाहर चक्कर है ये उनको पता है. थोडासा रिलैक्स होने के लिए वो आज मायके जाने का सोच रही थी. उनका मायका उनके ससुराल से करीब १२० किलोमीटर दूर था. हमेशा तो मामा ही कार में उन्हें छोड़ते थे, लेकिन जब काम में होते थे तो उनको बस से ही जाना पड़ता था.. सीधी बस भी नहीं थी उनके मायके के लिए.. बिचमें बस बदलनी पड़ती थी.. आज तो मामाजी छोड़ने आने वाले नहीं थे वो उनको पक्का पता था..
जब वो मायके जाएँगी तो उनके मजे ही थे.और मामीका लड़का भी पढाई केलिए शहरमें रहता था, इसलिए वो भी उन्हें छोड़ने आ नहीं सकता.यही सोचते सोचते मामी अपने काम निपटा रही थी सुबह के.रोज की तरह बाहर के दरवाजे के सामने झाड़ू लगाकर रंगोली बना रही थी. मेरे मामा-मामी का घर एक गली में था. mami ka sach hindi sex story
भाइयो से अलग होने के बाद घर का ये वाला हिस्सा उन्होंने लिया था..वो गली सिर्फ ५ फीट की थी और सारे मकान हर गाव में होते है वैसे सटे हुए थे एक दुसरे से. मामाजीने गाव के बाहर नयिसी बसी हुयी कॉलोनी जमीन खरीदी थी घर बनाने के लिए.काम शुरू भी होगया था तभी उसपे कोर्ट में केस दर्ज होगया. अभी उसका निकाल मामा के बाजु लग गया था और वो फिरसे घर बनाना शुरू करनेवाले थे.
मामा के घर दरवाजे के सामने ही अरमान चाचा रहते थे.. जैसे ही मामी रंगोली बनाने झुकी तभी वो बाहर आकर मामी का “नेत्र चोदन” करते करते बातचीत करने लगे..
“कैसे हो भाभीजी, भाईसाब क्या कर रहे है?”
“ठीक हूँ, वो खेतमें गए है,पानी डालने, गन्ना लगाया है न, ३-४ बार जाना पड़ता है.. और ८ बजे दुक्कान भी खोलना होता है, तो सुबह ही जाते है. आपका क्या हाल है? दो दिन से कोई दिखा नहीं घरमें? ”
“हाँ, में हैदराबाद गया था माल उठाने और बीबी, बच्चोंको लेकर मायके गयी है..”
अरमान चाचा गाव के ही एक बड़े व्यापारी का माल लेने-जाने का काम करते थे अपने टेम्पो में ..
“तो चाय-नाश्ते का क्या? आ जाईये हमारे यहाँ..”
“नहीं नहीं, आप क्यूँ तकलीफ ले रहे हो..”
“अजी इसमें तकलीफ की क्या बात है, पडोसी हो आप..”
ऐसे ही बातचीत में वो चाय पिने के लिए आगये..
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जैसे की मैंने बताया है, मजबूरी के कारन मामा-मामी उस घर मैं रह रहे थे फिर भी मामीजी आजूबाजू के लोगोंसे अच्छे से पेश आती थी..घर मैं सिर्फ २ ही कमरे थे. एक किचन और हॉल. किचन में ही बाथरूम था.घर छोटा था इसलिये मामी किराये का मकान लेने के लिए मामा से कह रही थी. लेकिन घर में सिर्फ २ लोग थे और खुदका घर छोडके किराये का मकान लेना मामाको ठीक नहीं लग रहा था.. और कुछ दिनों की ही बात थी.
बाहर दरवाजे के सामने झाड़ू लगाके, रंगोली बनाकर मामी नहाने जाने वाली थी, इसलिए उन्होंने जो कपडे पहनने थे वो बाहर निकालकर हॉलमें जो बेड था उसपर रखे हुए थे. साड़ी,पेटीकोट होता तो अलग बात थी , लेकिन मामीने जो निकर पहननी थी वो भी उपरही ही रखी थी. ये बात उनके ध्यान में अरमान चाचा जब चाय पिने अंदर आगये और उसी कपड़ों के पास बेठ गए तब आयी. ये देखकर मामी लाल हो गयी शरम से.
लेकिन अब कपडे उठाने जाओ तो चाचा के पास जाना पड़ता इसलिए उन्होंने कुछ हुआ ही नहीं ऐसे दिखाकर चाय बनाने अंदर चली गयी..बाहर मामी का निकर देखकर अरमान चाचा का लंड खड़ा हो गया था. वो सिर्फ लुंगी ही पहनके आये थे और शायद अन्दर भी कुछ पहना नहीं था.. इसलिए खड़े हुए लंड की बजह से लुंगी का तम्बू बन गया..मेरी मामी ५ फीट २ इंच की बहोत गदरायी, गोरी चिट्टी सी औरत है.. बहोत खानदानी दिखती है.. mami ka sach hindi sex story
ऐसी औरत की निकर देखकर अरमान चाचा का हाल बहोत बुरा हो रहा था. चाय गैस पे रखकर मामीने बाहर आकर उनका हाल देखा तो उनको भी मजा आने लगा..थोड़ीदेर बाद बातचीत करके, चाय पीकर अरमान चाचा चले गए, मामीभी नहाने जाने के लिए कपडे उठाने लगी, तो उनको समझ में आया अरमान चाचाने उनकी निकर हाथ में ली थी.. शायद सूंघी भी होगी क्या पता.. ये सोचकर मामीजी गरम हो गयी..
जैसा की हमें सबको पता है हवस की सीमा नहीं होती, ये जितना आदमियों के बारे में सही है उतना ही औरतों पे भी लागू करता है. मामी तो अभीभी मामा को सबक सिखाने के तरीके ढूंढ़ रही थी. उसी में इस घटना के बाद मामी के मन में अरमान चाचा जैसे काले, मोटे और ड्राईवर का काम करनेवाले आदमी के लिए वासना पैदा होगई.
मामीजी नहाने के बाद फिर से मायके जाने की तय्यारी करने लगी , तभी उनको खयाल आया अरमान भाईसाब को नाश्ते पे बुलाने का , मामाजी आने से पहले वो उन्हें बुलाना चाहती थी। इसीलिए वो उनके घर चली गयी उन्हें बुलानेकेलिये। दरवाजा थोडासा खुला था,इस्सलिये मामीने और खोलके अंदर झाका (गाव में तो दरवाजा खटखटाना जैसे बुरे मैनर्स थे, कोई भी किसीके घर घुस जाता है) जैसे ही अंदर गयी तो उन्होंने देखा चाचा पुरे नंगे थे और शायद मुठ मार रहे थे। थोड़े दिन पहले ये घटना घटी होती तो मामीजी झट से उधर से चली जाती।
लेकिन मामी के सर वासना का भूत सवार था और उन्हें पता था वो मामीजी की पैंटी देखने की बजह से ही तने हुए लंड को खाली कर रहे थे, इस्सलिये मामीजिने उधर ही खड़े रह के खास लिया। हडबडाहट में चाचा पलट गए और मामीजी को देखके चौक गए। दरवाजा बंद करना ही भूल गए थे वो, मामीजी की पैंटी को देखके ही उनका दिमाग काम करना बंद हो गया था। इतनी देर मूठ मारने के बाद भी उनका पानी नहीं निकला था अभीतक।
उनका लंड अभीभी तना था और मामी को सलाम कर रहा था। मामीजीकी हालत भी बुरी होगई उनका वो मोटा और लम्बा लंड देखके और उनके मुंह से “अगो बाई !” (surprised exclamation in marathi) निकल गया। चाचा पुरे नंगे खड़े थे मामीके सामने फिर भी मामी वहासे तस से मस न हुयी। चाचाने जल्दीसे अपनी लुंगी उठाई और अपने लंड को ढक लिया।लेकिन वो पतले कपडे की लुंगी से और भी बाहर आ रहा था , और जैसे मामीको देखनेकेलिये तड़प रहा था। मामी भी अब मजाक के मूड में आगई।
“भाभीजी को याद कर रहे थे क्या? देखो कैसे तना हुआ है” mami ka sach hindi sex story
चाचाभी समझ गये मामीजी के मन में क्या चल रहा है। उन्होंने भी मामीका मन टटोलनेके लिए कह दिया,
“हाँ, भाभीजी को ही याद कर रहा था , लेकिन आप जिस भाभीको समझ रही ही उसे नहीं, आप कैसे आयी थी?”
“आपको नाश्ते के लिए बुलाने आयी थी, लेकिन लगता है आप तो बिजी है। देर लगने वाली हो तो मदत कर दू क्या?”
” हाँ क्यूँ नहीं भाभीजी, लेकिन काम थोडा “सख्त ” है , कर पाएंगी क्या?
“दिखाओ तो सही कितना सख्त है ”
ऐसा कहके मामीजीने चाचा के पास जाकर उनकी लुंगी हटा दी…..
“हाय राम, ये तो बहोत ही सख्त और बड़ा काम है, इसे तो नाजुक हाथोंसे करना पड़ेगा”
“हाँ, तो आपके हाथ भी तो नाजुक ही है, हो जाइये शुरू” ऐसा कहके अरमान चाचाने मामी का हाथ हाथोमे लेकर अपने लंड पर थमा दिया।
मामीभी उनके circumcised काले लंड को अपने गोरे गोरे हाथोमे लेकर सेहलाने लगी। लेकिन उनका लंड पानी छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था, बल्कि अब तो और भी फुद्फुदाने लगा था।।
“हाय राम, ये तो बहोत ही सख्त काम है, आप बेठिये जरा खुर्चीपे, इसे आरामसे करते है”
“हाँ, भाभीजी आपही के बजह से सख्त हुआ है ये काम” mami ka sach hindi sex story
“वो कैसे, मैंने क्या किया ?”
“आपकी वो फुल पत्ती वाली चड्डी देखली ना, तो ये हरामी लंड तन गया उधर ही”
अपनी पैंटी की बात सुनके मामी शर्म से लाल होगई ..
“ठीक है, अब में ही इस काम को निपटा देती हूँ”
मामी और आगे पीछे करने लगी चाचा के लंड को, लेकिन अरमान चाचा का लंड अब सुख गया था इस्सलिये मामीजीने उनके लंड पर थूक कर उसे गिला कर दिया। और वो उसे फिर से आगे पीछे करने लगी।।
चाचा का लंड अब बहोत ही फुल गया था, लेकिन अभीभी उनका पानी नहीं निकल रहा था।। चाचा अब बहोत पागल बन गए थे, उनके सपनोंकी रानी जो उनका लंड हिला रही थी। वो भी अब मामी के बालोंसे खेलने लगे। उनके ब्लाउजकी ऊपर से दिखनेवाली नंगी पीठको सहलाने लगे।। पीठ के उपरसे धीरे धीरे चाचाके हाथ मामीके मम्मों की तरफ बढ़ने लगे, और वो मामीके ब्लाउज के हुक निकालने लगे। मामी अभीभी उनके घुटनों पे बैठ के चाचा के लंड को आगे पीछे कर रही थी।। चाचाने फिर मामीको अपने टांगोमें जखड लिया और लंड को मामीके हाथोंसे निकालकर उनके रसीले होठोंपे रख दिया,
“भाभिजान, सिर्फ हाथोंसे हिलानेसे नहीं मानेगा ये, जरा आपके मुंह से चाट भी लो इस्से” ऐसा कहके चाचाने लंड को मामीके मुंह में घुसा दिया।।
जब कोई इमली या कोई खट्टी चीज खाता है तब जैसा मुंह करता है वैसा मुंह करके मामी भी चाचा के लंड के सुपडे को चाटने लगी।। चाचा ने ब्लाउज के सारे हुक निकालके ब्लाउजको मामीके हाथोंसे निकाल दिया।। mami ka sach hindi sex story
मामीजी अब सिर्फ ब्रा और साड़ी में चाचा के घुट्नोंओं के बीच खडी थी उनके घुट्नोंपे।। चाचा मामीके मोटे मोटे कंधोंको अब सहलाने लगे थे।। बचपन में दी जाने वाली ‘BCG’ और ‘देवी’ की टीका के कारन मामी के कंधोंपे घाव था , वो बहोत ही उत्तेजित करने लगा अरमान चाचा को, उसके बजह से चाचा का लंड और भी फुर्फुराने लग गया।।
अरमान चाचा अब मामीका ब्रा उतारने के लिए बेकाबू हुए जा रहे थे। लेकिन मामी झट से खड़ी होकर दूर चली गयी चाचा के पहोचसे।मामाजी का आने का समय हो गया था। इस्सलिये मामी जल्दी जल्दी ब्लाउज पहनने लग गयी।
“क्या हुआ भाभीजान?” ऐसा पूछते पूछते अरमानने मामीजीको अपनी बाहोंमे भर लिया।।
“अभी नहीं अरमान भाईसाब, इनके आने का समय होगया हे, में जाती हूँ”
“ऐसा हमें आधा अधुरा छोडके मत जाओ जान, अभीतक आपके इस गदराये बदन का दीदार भी नहीं करवाया आपने, और ऐसे ही जाने की बात कर रही है ?”
मामी का आँचल अभी भी गिरा था,चाचा के सहलाने से उनके मम्मे सख्त हो गए थे और ब्लाउज में समां नहीं पा रहे थे।
अरमान चाचा अब मामी के मोटे मोटे गालोंको किस करने लगे,मामी के होठोंको अपने होठोंमे वो कैद करने ही वाले थे की मामी उनके बाहोंसे छुट निकली। चाचाने लेकिन मामीका हाथ पकड़ लिया और उनको फिर अपने बाहोंमे धर दबोचा,और उनके गांड को मसलते मसलते उनके मम्मोंपर अपना सर रगड़ने लगे।
“जाने दीजिये भाईजान, ये आगये तो मुसीबत होगी,अब तो हम कभीभी मिल सकते है”
“ठीक है,लेकिन फिर कब मिलोगी ?”
“आज तो में बाहर गाव जा रही हूँ, आप भी माल उठाने जा रहे हो ना?” mami ka sach hindi sex story
“हाँ पूना जा रहा हूँ”
“अरे, तो में भी आप के साथ आ सकती हूँ, मेरा मायका पूना बैंगलोर हाईवे से 10 किमी दूर है, उस एग्ज़िट पे आप मुझे छोड़ दो तो में चली जाउंगी बस में”
“लेकिन टेम्पो में आओगी आप मेरे साथ?”
“हाँ, क्यूँ नहीं, लेकिन किसी को बता ना मत, में उनको कहती हूँ बस से जा रही हूँ, और उन्होंने बस में बिठा दिया तो अगले गाव उतर जाती हूँ, आप मेरा वेट करना वहापर किसी सुनसान जगह और मुझे कॉल कर के बता देना कहा आऊं में वो”
“हाय भाभिजान आपने तो बड़ा मस्त प्लान बना दिया, टेम्पो के पीछे बहोत जगह भी है, आपके इस गदराये बदन का दीदार करने के लिए”
ये सुनकर मामीजी शरमाकर वहा से भाग निकलने कोशिश करने लगी। लेकिन चाचा अभीभी उनको अपने बाहोंमे जख्ड़े हुए थे।
“एक ही शर्त पे जाने दूंगा भाभीजी, जल्दी से इस हरामी लंड का पानी निकल दीजिये, अब देर नहीं लगेगी,छूटने ही वाला है।”
मामी झट से फिर अपने घुटनोंके बल बैठके चाचा का लंड मुंह में लेकर चूसने लग गयी ..
मामी चाचा का लंड चूसते चूसते उनके गांड से खेलने लगी .. चाचा और भी उत्तेजित होने लगे इससे। मामी अपनी जबान की टिप से धीरे धीरे चाचा के लंड के पूरी लम्बाई पे सर्किल बनाने लगी। जब वो उनके लंड के छेद के पास आगयी तो मामीने अपनी जबान की टिप थोड़ी देर के लिए उनके छेद पे टिका दी,ये तरीका झट से असर कर गया और चाचा का पानी सुनामी की तरह बाहर आने लगा। mami ka sach hindi sex story
मामीने होशियारी रखते हुए उस सुनामी की रस्ते से दूर होगई,फिर भी चाचा के लंड से निकला हुआ गाढ़ा पानी थोडासा मामीके मुंह पे और आंचल गिरा होने के कारन उनके ब्लाउज पे गिर गया। मामीने उसे अपनी हाथोंसे ही पोछकर अपना आंचल ठीक कर खड़ी होने लगी । लेकिन उतने में ही चाचा ने बदतमीजी करते हुए मामी के होठोंपे अपना लंड पोछ दिया। मामी भी होठोंपे जुबान फिराते फिराते झूट झूट गुस्सा होकर वहासे भाग निकली।
दोपहर चार बजे मामाजी ने मामीजी को बस में बिठा दिया। जैसे ही बस निकली मामीने अरमान चाचा को फ़ोन करके इत्तला करदी, और अगले गाव जहाँ पर बस रूकेगी वह आकर इंतज़ार करने केलिये कह दिया। आधे घंटे बाद जब बस रुकी अगले गाव में, तो मामी उतर गयी और चाचाके बताये जगह पर पोहोच गयी। यहाँ पर भी मामा के पहचानवाले मामी को देखने की सम्भावना थी इसलिए थोडा दूर ही चाचा ने अपना टेम्पो खड़ा कर दिया था।
मामी पोहोचते ही चाचा ने उन्हें आगे बेठने केलिए कहा लेकिन कोई देख लेगा,थोडा अँधेरा पड़ने के बाद आगे आती हूँ ऐसा कहके मामी पीछे चढ़ गयी। टेम्पो चारो बाजू से कवर किया हुआ था इसीलिए वहा किसीके दिखने की सम्भावना नहीं थी।चाचा ने नाखुशी से ही पीछे का पडदा हटाया और मामीको चढ़ा दिया टेम्पो में। उसमे भी चाचा ने मामी की गांड को पूरीतरह मसल दिया चढाते वक़्त। और ऐसे अरमान चाचा और मामीजी का टेम्पो में सफ़र शुरु होगया।
ठंडी के दिन थे, इसलिए अँधेरा जल्दी पड़ गया था।अँधेरा पड़ने के बाद चाचा टेम्पो रूका कर मामीजी को आगे लेने के लिए उतर गए। चाचा ने सफ़र का टाइम बढ़ाने के लिए हाईवे छोडके दूसरा ही रास्ता ले लिया था,जो थोडा लम्बा था ,उसपे भीड़ कम थी और सूनसान भी था। इसीका फायदा उठाके चाचा ने मामीको अपने गोदिमेही उठाके आगे ले कर आगये। 70 किलो से कम नहीं होगा मामीजी का वजन (उनके गांड का ही 50 किलो होगा) लेकिन चाचा ने उनको फूल की तरह उठा लिया। mami ka sach hindi sex story
थोड़े दूर जाते ही एक ढाबा लग गया , ढाबे को देखतेही चाचा ने गाडी रोक दि।
“भाभीजी खाना खाने रूक जाये क्या ?”
“नहीं भाईसाब, देर हो जाएगी, घर में इन्तजार कर रहे होंगे”
“ज्यादा देर नहीं लगेगी,और में आपको आपके गाव ही छोड़ दूंगा, तो आपका टाइम भी बचेगा, और आगे अच्छा ढाबा नहीं मिला तो मेरे खाने के वांधे हो जायेंगे।”
ऐसा कहके चाचा ने खाना खाने रूकने केलिए मामी को मना लिया।
वो पंजाबी टाइप ढाबा था। थोडे बहुत ही फॅमिली लेकर आये थे लोग, बाकि सब ड्राईवर लोग ही थे”
मामी अब परेशान हो रही थी।जल्दी नहीं पहुंची मायके तो सब लोग परेशान हो जाते, इस्सलिये वो जल्दबाजी कर रही थी। उसमे चाचा ने व्हिस्की मंगा ली ।मामी अब वाकई चिंतित होने लगी।
मामी को चुदाई की आशंका तो थी पर पहली बार एक पराये लंड के करीब जाने से थोड़ी घबरा भी रही थी.. मामी की धुआंधार चुदाई होगी इस mami hindi sex kahani काआखिरी भाग..
“ज्यादा देर नहीं लगेगी,और में आपको आपके गाव ही छोड़ दूंगा, तो आपका टाइम भी बचेगा, और आगे अच्छा ढाबा नहीं मिला तो मेरे खाने के वांधे हो जायेंगे।”
ऐसा कहके चाचा ने खाना खाने रूकने केलिए मामी को मना लिया।
वो पंजाबी टाइप ढाबा था। थोडे बहुत ही फॅमिली लेकर आये थे लोग, बाकि सब ड्राईवर लोग ही थे”
मामी अब परेशान हो रही थी।जल्दी नहीं पहुंची मायके तो सब लोग परेशान हो जाते, इस्सलिये वो जल्दबाजी कर रही थी। उसमे चाचा ने व्हिस्की मंगा ली ।मामी अब वाकई चिंतित होने लगी। mami ka sach hindi sex story
“अरे भाईसाब, दारु पीके ड्राइव करेंगे क्या?”
“उतना तो चलता है, अब आदत सी होगई है,नहीं पी तो प्रॉब्लम हो जाएगी”
मामीजी पहली बार ही ऐसे माहोल में आयी थी, उनको समझ नहीं आ रहा था जो कर रही है उससे उन्हें आगे पछतावा तो नहीं होगा?
“जल्दी की जिए भाईसाब,जल्दी निकलते है यहासे”
“हाँ, बस थोड़ी ही देर में, आप भी कुछ लेंगी क्या, कोल्ड्रिंक या बियर ली जिए, बियर कोल्ड्रिंक जैसी ही होती है ”
“छि छि, मैं नहीं लुंगी”
“कुछ नहीं होगा भाभिजान थोड़ी पि लेने से, थोडा आराम मिल जायेगा इस टेम्पो के सफ़र में,नहीं तो हालत बुरी हो जाती है”
ऐसा ही कुछ भी कहके चाचा ने मामीजी की लिए भी बियर मंगवा ली।बियर का पहलाही घुट लेकर ही मामी ने वो थूक दी। एरंडी के तेल को पीने जैसा लगा उनको। जब पेट सी थी तो डिलीवरी आराम से और टाइम पे होने केलिए बहोत सारा एरंडी का तेल पिने पड़ा था उन्हें।और उनके पास करने के लिए भी कुछ नहीं था।चाचा भी व्हिस्की मारते मारते ‘भाभीजान भाभीजान’ ही किये जा रहे थे।इस्सलिये एक घुट एक घुट करते करते उन्होंने पूरी बियर की पाइंट ख़तम कर दी और, और एक मंगवा ली।अब थोडा थोडा मजेदार लग रहा था मामी को।रिलैक्स फील करने लगी वो।और हम सबको पता है बियर का जब स्वाद आने लगता है तो वो कितनी मीठी लगने लगती है।
चाचा ने भी धीरे धीरे करके 2 लार्ज पेग मार लिए थे। लेकिन होश में थे अभीभी, सिर्फ बडबड़ाये जा रहे थे। मामी ने जब एक पाइंट ख़तम कर दिया था बियर का तो चाचा जो उनके सामने बैठे थे मामी के,उनके पास जाकर बैठ गये। छोटासा बेंच ही था बैठने केलिए, इस्सलिये दोनोंको सटे हुए बेठना पड़ रहा था। चाचा अब मामीजी के गदराये बदन से खेलने लग गए थे। उनके कमर में हाथ डालके उनके मोटी मोटी जांघो को सहला रहे थे। mami ka sach hindi sex story
“थोड़ी व्हिस्की भी ट्राय कर लो मेरी जान” ऐसा कहके चाचा ने अपना ग्लास उनके आगे कर दिया।
“नहीं नहीं, मुझे झूठा खाना-पीना अच्छा नहीं लगता”
चाचा इस बात पर हसने लगे और बोले,” दोपहर को तो मजे लेकर मेरा लंड चूस रही थी, अब झूठा खाने में क्या शरमाना मेरी जान, पिलो थोड़ी सी व्हिस्की”
मामीजी ने बात को आगे न बढ़ाते हुए, चाचा ने सामने की हुई ग्लास से थोड़ी व्हिस्की पी ली।
व्हिस्की के साथ साथ खाने के लिए चाचा ने तंदूरी चिकन मंगवाया था, और वो जान बुझकर मामी जो पीस खाके रखती थी वही खाते थे और मामीको अपना खाया हुआ खाने को मजबूर कर रहे थे। मामीने कभी मामा का भी झूठा नहीं खाया था अब तक लेकिन आज अरमान चाचा का झूठा खा रही थी।एक ही दिन में मामीने जो जो किया था उस्सपर उनका भी यकीन नहीं हो रहा था। किसीने उनका भविष्य बता दिया होता की वो ये सब करनेवाली है तो मामी उसपे सपने में भी यकीन नहीं करती। लेकिन किसीने सच ही कहा है “Truth is always stranger than the fiction”.
ढाबे का सीन ख़तम होने के बाद दोनों फिर टेम्पो में आगये।लेकिन चाचा का मन ड्राइविंग करने का नहीं था।उनका तो मामी के ऊपर राइडिंग करने का दिल कर रहा था। ढाबे के पास ही थोड़ी सुनसान जगह चाचा ने टेम्पो पार्क करा हुआ था।मामी भी बियर की बजह से अलग ही एहसास कर रही थी।ऐसे में दोनों टेम्पो में पीछे चढ़ गए और चाचा ने पडदा भी पैक कर दिया जो टेम्पो के पीछे होता है। बाहर से थोड़ी रौशनी अंदर आ रही थी पूनम की रात होने की बजहसे। चाचा अब मामी को देखके बहोत ही उत्तेजित हो रहे थे।
उन्होंने उनको अपनी मजबूत बाहोमे जखड के उनको किस करने की कोशिश करने लगे।लेकिन मामी अब उनकी “सदसद्विवेकबुद्धि” जागृत होने की बजहसे थोडा नखरा कर रही थी। लेकिन अब चाचा भी मानने वाले नहीं थी। उन्होंने उनके साड़ी के प्लेट्स में हाथ डालके सारी प्लेट्स निकाल दी और मामी को गोल गोल घुमाके पूरी साड़ी उतार दी उनके कमर से।अब सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में खड़ी मामी अपना बदन झाकने की बुरी तरह कोशिश कर रही थी। चाचा ने अब अपने सारे कपडे उतार के नंगे हो कर मामीको पीछे से अपने बाहोमे जखड लिया। mami ka sach hindi sex story
अब उनका तना हुआ लंड मामी के पेटीकोट में लपटे डेरेदार गांडको घूर रहा था।मामीको पता चल गया अब क्या होने वाला है, लेकिन वो ऐसा होगा उनको अंदाजा नहीं था। मामी चाचा का बड़ा और चौड़ा लंड अपने चूत में लेने के लिए तैयार थी लेकिन उन्हें अब घर पोहोचना था जल्दी, वरना सारी गड़बड़ हो जाती और किये कराये पर पानी फेर जाता,ये सोचकर वो डर रही थी(उनको unprotected सेक्स भी नहीं करना था चाचा जैसे ड्राईवर के साथ)। मामी ने जल्दी ही मन में कुछ सोचकर हालात पे काबू पा लिया। वो मुस्कराकर बोली ….
“हाय राम! क्या फुल गया है आपका लंड, जी करता है इसे ऐसे ही खा जाऊं”
“खा जाओ ना भाभी जी, वही तो कह रहे है हम भी”
मामी को एक ही रास्ता नजर आ रहा था अब उनको उनकी चुदाई करने से रोकने का, उनका जल्द ही पानी निकाल देना और मुस्कराकर प्यार से यहाँ से निकलने के लिए उन्हें मजबूर करना।
उधर चाँद की रौशनी की बजह से मामीका का जो भी अंग दिख रहा था वो चमक रहा था। और चाचा की हालत बुरी कर रहा था। मामी भी अब मुंह चाचा की तरफ कर के उनके बाहोमे समां गयी. उनके पीठ को एक हाथ से सहलाते हुए वो उनके लंड को
दुसरे हाथ से मसलने लगी। उनका सर चाचा के छाती पे टिका हुआ था।धीरे धीरे अब मामी चाचा के निप्पल पर अपनी जबान की टिप से सर्किल बनाने लग गयी। थोडा निचे उतरकर उनके बड़े पेट को चूमने लगी। चाचा के नाभि में अपनी जुबान को अंदर बाहर करने लगी। और धीरे धीरे वो चाचा के बड़े लंड की तरफ बढ़ने लगी।मामी को आते देखकर ही चाचा का लंड उंस भरने लगा। लेकिन मामीजीने लंड को बाईपास ही कर दिया।
वो उनके लंड के निचले गोटियों को कुसल कर चाचा के गांड की तरफ बढ़ गयी। चाचा के गांड में मामीने अपना मुंह छुपा लिया और उनके दरार में अपनी नाक रगड़ ली। ये देखके चाचा तो बहोत नरम पड़ गए और मामीके गुलाम बनने ही बाकी रह गए। थोड़ी देर चाचा के गांड से खेलकर वो फिरसे आगे आके अपने घुटनों के बल चाचा के पैरों में बैठ गयी और लंड को अपने हाथोंसे मसलने लग गयी। सुबह की मस्ती सब उतर गयी थी चाचा के लंड की। mami ka sach hindi sex story
सुबह जिसने आधा घंटे मुश्किल से बाद अपना पानी छोडा था,अभी वो दस मिनट में ही मामी के काबू आगया और धीरे धीरे, उंस उंस कर अपना पानी छोड़ने लगा। मामीने वो पूरा चाचा के लंड से निकला गाढ़ा वीर्य अपने मुंह पे फैला दिया। अपने वीर्य से लतपत मामी को देखके चाचा तो अब ख़ुशी से पागल होने ही बाकी रह गए थे।
“उफ़ भाभिजान इतना सुकून किसीने भी नहीं दिया था जितना आपने दिया है इस लंड को मेरे, आपका तो शुक्रिया अदा करना चाहिए मुझे”
“कुछ मत करिए भाईजान ,सिर्फ मुझे जल्दी घर छोड़ दीजिये,अब तो में आपकी ही हूँ,जी चाहे तब इस मेरी गांड को मसल देना, आपकी ही रंडी बन कर रहूंगी में,लेकिन इधर नहीं। हमारे ही घर, इनके और मेरे बेड पे आप मेरे बदन को देखे ऐसी तमन्ना है मेरी”
मामी सब झूठ ही बोल रही थी। लेकिन यहाँ से निकलने के लिए कुछ तो करना था नहीं तो चाचा उधर ही गांड मार देते मामी की।
चाचा भी मान गए अब, और वो भी सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को काटना नहीं चाहते थे। और वैसे भी 4 फीट पे दुरी पर ही तो रहती है ये रांड ऐसे सोचते हुए उन्होंने आज के दिन केलिए आखरी बार, ब्लाउज और पेटीकोट में खड़ी मामी को अपने बाहोमे थमा लिया और पेटीकोट के ऊपर से ही मामीकि गांड के दरार में अपना हाथ घुसा दिया। मामीने पैंटी पहनी हुयी थी इस्सलिये पूरा हाथ अंदर नहीं जा पाया। मामीने भी इस बात पर मुस्कराकर चाचा के निप्पल को काट दिया और चाचा के नंगे गांड के दरार में जो बहोत सारे बाल थे, उन्हें खीच लिया।चाचा जोर से चिल्लाये लेकिन वो भी फिर हँसते मामी को देखकर हंसने लग गए।
करीब ९ बज गए रात को मामी को मायके पोहोचने।२ दिन वहा रहके वापस वो आगई अपने ससुराल।अरमान चाचा भी आगये ३ दिन बाद।उनकी बीबी बच्चे अभीभी नहीं आये थे वापिस।चाचा ने मामीको बता दिया था वो कब आने वाले थे।मामी अब अरमान चाचा का बड़ा लंड अपने चूत में लेने के सपने देख रही थी। लेकिन कहा और कैसे ये बड़ा मुश्किल सवाल था।टेम्पो में ही चुद लिया होता तो बेहतर होता ऐसा अब उनको लगने लगा था। वैसे तो सुबह ६ बजे मामा खेत में जाते तो वो ८ बजे ही वापिस आ जाते थे।
उसवक्त वो चाचा से चुद सकती थी लेकिन उसमे भी खतरा था। मेरे दुसरे मामा पास में ही रहते थे,उनके बच्चे मामीजी के पास आ जाया करते थे।मामी की देवरानिया भी आ जाती थी।जितना आसान लग रहा था वो अब उतना ही मुश्किल बन गया था।चाचा भी इस बात को समझ रहे थे, और जब उनके बीबी बच्चे भी आगये तो वो भी रिस्क लेने से डरने लग गए। लेकिन दोनों एक दुसरे को चिढाते रहते। mami ka sach hindi sex story
दोनों के घर के दरवाजे आमने-सामने ही थे और जैसे की मैंने बताया है उनमे सिर्फ ४-६ फीट की दुरी थी।और गाव में तो कोई दरवाजा बंद नहीं करता।दिनभर खुला ही रहता है।इस्सलिये जब भी दरवाजे पे मामी आ जाती चाचा उनको अपना तना हुआ लंड दिखा देते। मामी भी कभी कभी अपनी साड़ी ऊपर कर के अपनी मोटी और गोरी जांघे दिखा देती। कभी कभी तो अपनी पैंटी में लिपटी मोटी गांड भी दिखा देती। इन्शाल्ला कहके चाचा मामी के गांड को मसल कर आते।
ऐसे ही २ महीने गुजर गए।अरमान चाचा उसमेसे बहोतसे दिन बाहर ही थे। मामी के चूत की प्यासभी अब बढती जा रही थी। वैसे तो मामा आज भी मामी से प्यार करते थे और रात को दोनों एक साथ ही सोते थे।लेकिन मामा को अब नया खिलौना मिल गया था और शादी के २५ साल बाद कितना चोदेंगे मामी को ये भी सवाल था।रात को जब मामी पास आजाती तो १-२ झटके लगाके दूर हो जाते थे और मामीसे ही अपना लंड चुसवा के सो जाते। अब मामीने ठान ही लिया कुछ भी हो अरमान चाचासे जरूर चुदेंगी।और उनको वो मोका मिल गया।
उस दिन चाचा के घर कोई नहीं था,चाचा भी एक ही दिन पहले आगये थे। जैसे ही मामाजी सुबह ६ बजे खेत जाने निकले मामी जल्दी से तैय्यार होके अरमान चाचा के घर चली गयी.दरवाजा बंद था इसीलिए मामीने जोरसे खटखटाया, अंदर से अरमान चाचा आवाज की आई,
“कौन है ”
“मैं हूँ भाईसाब”
“२ मिनिट भाभीजी नहा रहा हूँ”
“हाय राम उसमे क्या? जल्दी खोल दीजिये कोई देख लेगा”
चाचा वैसे ही नंगे भागकर आगये दरवाजा खोलने।मामी जल्दी सी अंदर चली गयी और उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया अंदर से .
“अब क्यूँ तना हुआ है आपका भाईसाब? किसे याद कर रहे थे?”
“आप ही को तो कर रहा था भाभिजान, कितने दिन होगये अभी तक प्यासा रखा है हमें, कब मेहरबान होगी हम पे?”
“अब इंतज़ार ख़तम भाईसाब, अब तो मुझे भी नहीं रहा जा रहा, जल्दी से आपके इस मोटे लंड से मेरी चूत कि प्यास बुझा दो”
“हाय मेरी रानी, आज तो बड़े मूड में लग रही हो?”
“हाँ, अब जल्दी से नंगा करके मुझे मेरी चूत को ठंडा कर दो” mami ka sach hindi sex story
ऐसे कहके मामी लिपट गयी चाचा के शरीर को। मामी उनके छाती पे अपना मुंह मसल रही थी। थोडा निचे जाके उन्होंने अरमान चाचा का लंड अपने हाथ में लिया और उसे घूरने लग गयी।
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“दिन पे दिन और ही मोटा लगने लगता है आपका ये लंड, क्या राज है?
“आप ही के हाथोंका जादू है भाभिजान, जैसे आपके नाजुक हाथ इसे प्यार से दुलारते है तो फूल जाता है ”
मामी मुस्कुराने लग गयी,
“आपको जो लेके रखने को कहा था वो है न?”
“हाँ, भाभीजी आपने कहा था वोही फ्लेवर लाया हूँ, स्ट्रोबेरी”
मामी मुस्कुराके बोली,
“ठीक है, अब जल्दी से पहनो, देखते है कैसा स्वाद होता है, अभी तक मेने कभी लिया नहीं है, टीवी पे दिखा रहते है ऐड ,ये तो कभी लाते नहीं, इसीलिए आप ही को बोल दिया”
मामी बहोत ही शातिर थी, उन्हें पता था चाचा कंडोम नहीं पहनेंगे इस्सलिये मामीने उन्हें फ्लेवर्ड कंडोम का स्वाद चखना है मुझे, प्लीज लेक रखना ऐसा कहके मना लिया था। mami ka sach hindi sex story
चाचा ने जल्दी से कंडोम पेहेन लिया, और मामी स्ट्रोबेरी का स्वाद लेने लग गयी। चूस चूसके मामीने अब बहोत खड़ा कर दिया था चाचा का लंड। चाचा अब जोर जोर से सास ले रहे थे। अब उन्होंने मामी को रोककर उनको खड़ा कर दिया और घूट्नोंपे बैठ के मामीके बडेसे साड़ी में लपटे पेट में अपना मुंह छुपा लिया। फिर धीरे धीरे वो मामी की साड़ी को उतर ने लगे।मामी गोल गोल घूमके अपनी साड़ी उतरने में चाचा की मदद कर रही थी। अब मामी सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में खड़ी थी।
“चड्डी पहेनी है क्या भाभीजी आपने?” मामीके नंगे पेट पर हाथ फेरते हुए चाचा मामीके कान में पूछ रहे थे।
“पेटीकोट उतार कर, आप ही देख लीजिये ” ऐसा कहके मामीने शरमाकर अपना मुंह छुपा लिया हाथोंसे
चाचा ने पेटीकोट का नाडा खोल दिया। पेटीकोट मामी के कमर से उतर कर उनके पैरोमे गिर गया। मामीने निकर पहनी थी।अरमान चाचाने मामीजीकोही निकर निकलने को कहा।मामीने धीरे धीरे अपनी फुलपत्ती वाली निकर निकाल दी।चाचा थोड़े दूर खड़े होक मामीजिके नंगे बदन का दीदार कर रहे थे और मामीजी सामने खड़ी थी शरमाकर। मामीका पेट बड़ा होने के कारन चाचा को अभीभी मामीकी मुनिया नहीं दिख रही थी ठीक तरहसे। उनको झुक कर मामीके मुनियाके दर्शन करने पड़े।
मामीजी ने मुनिया के ऊपर के बाल नहीं निकाले थे बहोत दिनोंसे। मामीका गोरा बदन और बिच में त्रिकोणीय आकर का बालों का गुच्छा देखकर चाचा आह भर रहे थे।वैसे तो मामीजी मोटी थी, (‘देवदास’ फिल्म में शाहरुख़ खान के माँ का काम करने वाली स्मिता जयकर जैसे दिखती है मामीजी) लेकिन ज्यादातर मोटी औरतों की मुनिया बड़ी और लम्बी होती है वैसे मामी की नहीं थी।उनके मुनिया की लम्बाई कम थी। अरमान चाचाने अब मामीके मुनिया के बाल हटाकर , उनके मुनिया के होठोंपे अपने होंठ रख दिए। mami ka sach hindi sex story
अपनी जुबान से चाचाने मामिजीके मुनिया की दरार चाट ली। जैसे ही उन्होंने मामीजी के ‘मदनमणी’ (क्लिटोरिस) को मसल डाला मामीजी बहोत उत्तेजित होने लगी।जैसे ही चाचा मामीजीके मदनमणि को मसलते मामीके मुंह से किलकारी निकल जाती और वो “आई ग … मेले मी” चिल्लाते अपने हाथोंसे चाचा के सिर को अपनी मुनिया पे दबाने लगती थी।मामीजी एक नए रोमांच और आनंद में डुब गयी थी। बहोत दिनोंसे इतना परमानन्द उन्हें मिल रहा था। उसी आनंद में मामीजी की सुसु की धार निकल गयी।
मामीजी सुसु की धार सीधे चाचा के मुंह पर से छाती पर उतर कर बह रह थी। पूरा आधा मिनिट मामीका पानी निकल रहा था लेकिन रुक नही रहा था। अब मामीने ही शरमाकर उसे रोक लिया अपनी मुनिया और गांड को सुकोड़कर।लेकिन चाचाजी अभीभी मामीजी के मदनमणि को मसल रहे थे। मामीजी को अब खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था, चाचा को रोककर वो वही जमीं पे पड़ी चटाई पे लेट गयी।
चाचा फिरसे मामीजी के पैर फैलाकर मुनिया को चूसने लग गए। मामीजी अपने मोटे और गदराये जांघोसे चाचा का सर दबोच रही थी।अब पानी रोकना बहोत मुश्किल हो रहा था मामीजी को, वो जोर जोर से सिसकारिया ले रही थी। थोड़ी ही देर में मामी का बांध फुट गया और मामीने चाचा के बलोंको खीचकर उनका सर हटाकर अपनी धार छोड़ दी। पुरे दो फूट ऊँची उड़ रही थी मामीजी की सुसु। चाचा की आंखे फटी की फटी रह गयी वो नजारा देखकर। मामीको इतना आनंद कभी नहीं मिला था सुसु करते वक़्त। अब बड़े चैन से मामी लेटी थी। चाचा का बड़ा लंड अपने मुनिया में लेने के लिए बेक़रार हो रही थी। लेकिन चाचा को मामीके मुनिया से ज्यादा मामीके गांड में दिलचस्पी थी।
“भाभिजान अब पेट के बल सो जाओ, आपकी गांड तो देख लूँ जरा”
मामीजी जैसे ही पेट बल सो गयी मामीके गदरायी गांड के दर्शन होगये।
मामीजी की वो गोरी,गोल और गदरायी गांड देखकर चाचा की आंखे चमक रही थी।
“ला इल्लाह इल्लल्लाह!!!!!!!!! माशाल्लाह भाभिजान क्या तराशी हुयी है गांड आपकी। मानो संगमरमर में ही बनायीं हुयी हो। हाथो और घुटनों के बल हो जाओ भाभिजान, डॉगी पोजीशन में थोड़ी फैलाओ अपनी गांड को”
मामी डॉगी पोजीशन में होकर चाचा के सामने उन्होंने अपना खजाना खोल दिया। मामी की गांड बहोत ही टाइट थी,थोड़ी भी ढीली नहीं पड़ी थी। चाचाने ने अपनी नाक मामीजी के फैली हुयी गांड के दरार डाल कर सूंघ ली।
“क्या कर रहे हो भाईसाब, गन्दी होती है वो जगह”
“प्यार में कुछ गन्दा नहीं होता मेरी जान, और ये तो जन्नत है, कितनी खुशबूदार है आपकी गांड, वाह” mami ka sach hindi sex story
चाचाने मामीकी गांड सूंघकर अपनी जबान से वो उसे चाटने भी लग गए।
अब चाचाने अंदर से शहद की बोतल लायी और थोडा शहद मामीजी के गांड के दरार में डाल दिया। और मामीजी के गांड के गालोंपर भी शहद से मसाज कर दी। और धीरे धीरे सारा शहद चाट चाट कर ख़त्म कर दिया।
मामीजी को अब डर लग रहा था कही चाचा उनकी गांड न मार दे। चाचा भी उसी मूड में थे। मामीजी का होल बड़ा ही टाइट था, मजा आ जाता मामीजी की गांड मारने चाचाको।
“भाभिजान बहोत दिल कर रहा है आपकी गांड में घुस जाने का , देखो कैसा फुरफुरा रहा है मेरा लंड तुम्हारी गांड में घुसने के लिए।’
“नहीं नहीं भाईजान, ऐसा मत करो, फट जाएगी मेरी”
“थोडा धीरज रखना भाभिजान, थोडा दर्द होगा लेकिन बाद में मजे लोगी”
“बाद में, आज नहीं, फाड़ डालोगे क्या मेरी?’
चाचा भी अब मान गए, और मामीजी चिल्लाने लगती तो बड़ा प्रॉब्लम हो जाता ये सोचकर
“ठीक है भाभिजान अब थोडा चूस लो मेरे लैंड को”
मामीने चाचा के लंड के उपरसे कंडोम निकल दिया, चाचा का लंड कंडोम के चिकनाई युक्त फ्लूइड से गिला होगया था। उसका स्वाद स्ट्रोबेरी का था, मामीने पूरा चाट कर उसे साफ़ कर दिया। चाचाने अब थोडा शहद उसपर दाल दिया और थोडा अपने छाती पे भी। मामीजी ने उसे भी चाटकर साफ़ कर दिया।
“भाईजान जल्दी से मेरी मुनिया की प्यास बुझा दो, अब रहा नहीं जाता, और बहोत देर भी हो रही है”
“हाँ हाँ भाभिजान, लेकिन गांड नहीं मारने दी आपने आपकी, तो इस्सकी सजा मिलेगी आपको”
“क्या सजा देनेवाले हो?”
चाचा एक खुर्ची पे बैठ गए, “पेट के बल मेरी जांघोपे सो जाओ, बताता हूँ”
मामीने वैसा ही किया जैसा अरमान चाचा ने कहा था.. जैसे ही मामीजी चाचा के जांघो पे सो गयी, चाचा ने मामीजी की गांड को सहलाते सहलाते अपने हाथोंसे जोरसे एक थप्पड़ मार दिया.. चाचा मामीजी को spank करने वाले थे..
“क्या कर रहे हो? कितना जोर से मारा” मामीजी शिकायत तो कर रही थी लेकिन मुस्कुराते हुए.. उनको भी मजा आ रहा था.. ऐसे ही थोड़ी देर तक मार मार के चाचा ने मामी की गांड पूरी लाल कर दी. जैसे ही मामी चिल्लाती चाचा और जोर से मारने लगते. मामीको दर्द तो हो रहा था लेकिन उसका मजा भी आ रहा था उनको.
“अब बस भी करो भाईजान , बेठने लायक तो छोड़ दो मेरे चुतड”
“है ही इतने मस्त तुम्हारे चुतड, बहोत स्प्यांक करने का दिल करता है. जब तुम वहा सामने झुकती हो रंगोली बनाने के लिए, हाय अल्लाह, वहिपे तुम्हारे इन चूतडोंपे एक जोरसे मारने का दिल करता है. आज तो मेरे सामने नंगी खड़ी हो, थोड़ी ही ऐसे छोडूंगा?”
“ठीक है, लेकिन जरा धीरे से मारना”
“हाँ मेरी रंडी धीरे से मारता हूँ”
“ये क्या बात हुयी, गाली दे रहे हो क्या?” mami ka sach hindi sex story
“गाली किस बात की, तुमने ही कहा था रंडी बनोगी मेरी, इस्सलिये प्यार से कहा,अब आ जाओ रानी,मेरे ऊपर
चढ़ जाओ तुम्हारी प्यास बुझाते है ”
चाचा निचे लेटने की ही देरी थी के मामी झट से लेटे हुए चाचा के पेट पे बैठ गयी और पीछे सरक कर उनका मोटा लंड ठीक से अपने च्युत में डाल दिया, उससे पहले उन्होंने उनके लंड का अपने हाथोंसे मसाज करके उसके ऊपर नया कंडोम चढ़ा दिया, और जोर जोर से ऊपर निचे करने लग गयी. चाचा कभी उनके बड़े बड़े चुचोंको मसल रहे थे तो कभी उनके चूतडों को.. झड़ने से पहले चाचा ने अपना लंड बाहर निकाला और उसके उपरसे कंडोम निकालकर, मामी को निचे लिटाके उन्होंने अपने कम से मामी को नहा डाला..
मामीजी के च्युत की प्यास भी अब बुझ गयी थी. दोनों अब एक दुसरे के पास लेटे लेटे सास भरने लगे. मामीजी को सिर्फ चाचा से चुदने का मतलब था. उनका बड़ा लंड देखते ही वो पागल हो गयी थी.उनसे किस करने में जरा भी दिलचस्पी नहीं थी उनको, लेकिन चाचा को ऐसा माल थोड़े ही मिलने वाला था. वो पुरे मजा ले रहे थे मामी के गदराये बदन का. लेटे लेटे ही चाचाने अपना मुंह मामीके पास ले लिया और अपने “मावा और गुटखा” की बू आने वाले मुंह से मामी को किस करने लगे.. मामीजी कुछ कर भी नहीं सकती थी.. चाचा ने तो मामी का खाना ही नहीं उनके पुरे बदन को झूठा करके छोड़ा था..
अब बहोत देर हो गयी थी, बाहर गली में भी आवाजाही बढ़ने कगी थी लोगोंकी, इसीलिए मामी जब जाने लगी तो चाचा ने छोड़ दिया उनको.
मामीजी साडी पहनके दरवाजे से निकल ही रही थी के चाचा ने उन्हें रोक लिया..
“भाभिजान आपकी निकर निकालके दे जाओ मुझे ”
“अरे लेकिन निकर लेके क्या करोगे?”
“मुझे नहीं पता आप मुझे कब फिरसे मिलोगी इस तरह,आपकी निशानी होगी वो निकर ”
मामीने शरमाकर अपनी साड़ी ऊपर करके निकर उतर के चाचा को देदी..
“ये लेलो,लेकिन मुझे दूसरी लाकर देनि पड़ेगी, ठीक है ?”
“हाँ भाभी, आपके लिए बहोत बढ़िया निकर लाऊंगा लेकिन मेरे हाथोंसे पेहेननी पड़ेगी आपको, मंजूर है?”
जवाब देने से पहले ही मामीजी मुस्कुराकर वह से निकल गयी.. mami ka sach hindi sex story
————–समाप्त————–
आगे भी एक दो बार अरमान चाचा से चुदी थी मामी लेकिन बाद में बाहर घर होने के बाद उनका मिलना कम होगया और अरमान चाचा भी दुसरे गाव चले गए रहने के लिए.. अब बस मैं हूँ और मामी है.. ये mami hindi sex kahani यहीं ख़त्म करता हूँ..
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