आश्रम में लुटी इज्जत

Aashram luti ijjat true sex story

ये हमारे साथ हुए दुराचार की Aashram luti ijjat true sex story है. मैं अपनी नयी बीवी के साथ हनीमून पर था पर उस आश्रम में मुझसे पहले किसी ने मेरी बीवी के साथ हनीमून मना लिया.

बात कुछ साल पहले की है जब मैं एक आश्रम जा रहा था. अकसर लोगो के दिमाग में आश्रम को लेकर कई दुर्विचार होते है जैसे वो मौजमस्ती का अड्डा होता है परन्तु ऐसा कुछ भी नही है, आश्रम एक पवित्र और मन को शान्ति देने वाली जगह होती है.

मेरी नई नई शादी हुई थी. मेरी पत्नी का नाम मीरा था. मीरा की उम्र 22, पतली दुबली, रंग गोरा, गोल चेहरा, गुलाबी होंठ, लम्बे बाल, स्तन न तो ज्यादा बडे न ही ज्यादा छोटे, पतली कमर, सामान्य कद की आकर्षक व्यक्तित्व की मालिक थी.

मेरी शादी घर वालो की मर्जी से हुई थी. शादी से पहले मैने मीरा को कभी नही देखा था, शादी वाले दिन ही पहली बार मीरा को देख कर अपनी किस्मत पर फक्र हो रहा था. सुहागरात के रात काम की वजह से कमरे में जाने मे देर हो गया और मैने मीरा से बात की और ये निर्णय लिया की सुहागरात हम अपने हनीमून मे ही मनाऐंगे. दो दिन के कार्यक्रम के बाद हम हनीमून के लिए निकल गये. वैसे हनीमून 5 दिन बाद का था पर मैने सोचा की 3 दिन आश्रम मे रुक जायेंगे.

आश्रम पहुंचे तो पता चला कि वहां बहुत भीड़ चल रही थी. न होटल मिल रहा था न आश्रम में जगह थी. बुरे फसे की स्थिति थी, तभी किसी ने पिछे से आवाज लगाई. मैने पिछे मुड़ कर देखा, योगेश था. योगेश एक 36 वर्ष का सन्यासी था और इस आश्रम मे मेरे खास परिचित मे से था, हमारे विचार काफी हद तक मिलते थे तो अच्छी दोस्ती थी. पहले जब आश्रम आता था तो अक्सर योगेश के पास ही रुक जाता था. biwi ko chudwaya आश्रम के बाहर उसका एक कमरा था जिसमे अक्सर लोगो को ठहरा लेता था, इससे कुछ आमदनी हो जाती थी उसकी.

मेरे साथ मीरा को देख कर उसने मुझे घुर कर देखा. मैने मुस्कुरा कर बताया कि मेरी पत्नी है तो मुझे काफी खरी खोटी सुनाई, ये पुछा कि शादी मे क्यो नही बुलाया आदि आदि. गुस्सा कम शिकायत ज्यादा थी, मैने प्यार से माफी मांगी तो मुस्कुराने लगा. फिर उसने आने का कारण पुछा तो मैने बताया कि हनीमून पर जाना था पर सोचा की मीरा को कुछ दिन आश्रम घुमा कर जाऊं.

योगेश ने मुझ से कहा कि होटल या कुछ भी मिलना मुश्किल है, मै खुद भी ये जानता था तो उसने ये सुझाव दिया कि उसके घर पर रुक जाऊं. वैसे अपनी नई नवेली दुल्हन के साथ एक मर्द के यहां रुकना ठीक तो नही लग रहा था पर हालात के हिसाब से मजबूरी थी. हम योगेश के साथ उसके घर चल दियेम घर कुछ ज्यादा दुरी पर था पर सन्यासियों के लिये तो इतना चलना रो़ज़ की बात थी. लगभग 15 मिनट मे हम उसके घर पहुंचे.

घर पूरा कबाड़खाना था, सिर्फ मर्द रहेगे तो वैसे भी बेतर्तीब तो रहता है. biwi ki chudai एक रस्सी से कपडे़ सूख रहे थे पर कुछ कपडे़ योगेश के नही लग रहे थे. मैने योगेश से पुछा तो उसने बताया की गांव से उसका भतीजा शानू आया हुआ है. शानू 18 साल का लड़का था, हिष्ट पुश्ट, लम्बा. मै उस्से एक दो बार मिल चुका था और मुझे उसका नेचर बहुत अच्छा लगा था तो मैने कुछ नही कहा इस बारे में. थोडा़ अजीब लग रहा था कि हम दोनो दो मर्दो के साथ एक ही कमरे के घर में तीन दिन रहेंगे.

योगेश ने सुझाव दिया कि हम लोग नहा कर नाश्ता कर ले, वो 2 बजे तक आश्रम से वापस आयेगा, तब तक शानू भी आ जायेगा. मैने सहमति दे दी और वो चला गया. मैने पहले खुद नहाया फिर मीरा को नहाने के लिये बोला. मीरा ने कपडे़ बदले और नहाने को चली, मीरा ने नाईटी पहन रखी थी. जब पानी की आवाज आने लगी तो मैने जा कर दरवाजे का मुआएना किया. लकडी़ के दरवाजे मे ऊपर की तरफ एक झीर्री थी. मैने अंदर देखा तो मीरा बिना कपडो़ के बदन पर साबुन लगा रही थी. पुरा बाथरूम साफ दिख रहा था.

मैने निर्णय लिया कि जब योगेश या शानू घर पर होंगे तब हम नही नहाएंगे. होने के लिए दोनो सन्यासी है पर कोई रिस्क नही लेना चाहिए. नहाने के बाद मीरा नाईटी पहन कर बाहर आ गई. उसके निप्पल नाईटी पर साफ झलक रहे थे. मैने उससे पुछा कि वो ब्रा नही पहनी है क्या? उसने शरमाते हुए बताया कि वो जब साडी़ पहनेगी तब ब्रा पहन लेगी. मैने कुछ नही कहा बस मुस्कुरा दिया.

नहाने के बाद मैने खाने के बारे मे पुछा तो उसने सहमति जताई. मैने उसे बताया कि खाना लेने कुछ दूर जाना पडे़गा और क्या वो अकेले रह लेगी. वैसे तो वो इतनी हिम्मत वाली नही थी फिर भी उसने बडे़ आराम से कहा कि वो रह लेगी. मैने उसे बताया कि मुझे 30 मिनट लग जायेंगे. उसे दरवाजा अंदर से बंद करने को कह कर मै खाना लेने निकल पडा़. आस पास की दुकाने बंद थी तो वापस आते आते 40 मिनट हो गये.

जैसे ही घर के दरवाजे पर पहुंचा तो अंदर से किसी मर्द की आवाज सुनाई दे रही थी. मैने सोचा की इस वक्त अंदर कौन हो सकता है इसलिए दरवाजे के एक झिर्री से अंदर झांक कर देखा. अंदर शानू था और वो मीरा से बात कर रहा था,उसने मीरा को बताया कि आश्रम मे कुछ जरूरी काम है इसलिए वो जल्दी आ गया, बस नहा कर निकल जायेगा. फिर वो मेरे बारे में पुछने लगा, मीरा ने उसे बताया की मै खाना लेने गया हूं. इतनी बात के बाद वो अंदर घुस गया

मुझे किसी ने पीछे से आवाज दी. आटो वाला था, हड़बडी़ मे उसको किराया देना भूल गया था. मैने उसको किराया दिया और दरवाजा खटखटाने के लिए हाथ बढा़या तो फिर शानू की आवाज सुनाई दी. वो मीरा को आवाज लगा रहा था कि वो टावेल ले जाना भूल गया है और वो उसे टावेल दे दे. उत्सुक्तावश मैने झिर्री से अंदर झांक कर देखा तो मीरा टावेल लिये बाथरूम के गेट पर खडी़ थी उसने शानू को आवाज लगाई कि वो टावेल ले ले. dost ki biwi ko choda

अचानक शानू ने बाथरूम का पूरा दरवाजा खोल दिया, वो एक दम नंगा खडा़ था. मैं और मीरा दोनो भौचक्के रह गये. शानू ने टावेल के साथ मीरा का हाथ पकड़ कर मीरा को बाथरूम के अंदर खींच लिया. ये सब इतना अचानक हुआ कि कुछ रिस्पांस करने का समय ही नही मिला. मुझे लगा की 2 मिनट मे मीरा चिल्लाते हुए बाहर आ जायेगी पर वो काफी देर बाहर नही आई तो मुझे डर सताने लगा.

मैने दरवाजे पर दस्तक दी, कोई आवाज नही आई तो मैने फिर दस्तक दी. इस बार शानू ने पुछा की कौन है. मैने अपना नाम लेकर बताया और दरवाजा खोलने को कहा. उसने कहा दो मिनट तो मैने फिर झिर्री से झांका. शानू ने दरवाजा खोला और मीरा की नाईटी लेकर बाहर निकला और एक तरफ मुड़ गया.

दरवाजा पुरा खुला हुआ था और मीरा बिना कपडो़ के एक कोने में उकडु़ बैठी थी. उसने अपने स्तन अपने जाघो मे छुपा रखा था. थोडी़ देर में शानू दिखा वो नाईटी सुखा रहा था और मीरा की साडी़ ब्लाऊज लेकर बाथरूम मे चला गया. फिर उसने जल्दी जल्दी बदन पर साबुन लगाया और टावेल लपेट कर बाथरूम से निकला, निकलते हुए उसने बाथरूम का दरवाजा टिका दिया. कुछ रुक कर उसने दरवाजा खोला. मै अंदर गया और बिस्तर पर बैठ गया.

मैने मीरा के बारे मे पुछा तो उसने बताया की क्योकि मुझे देर हो रही थी इसलिए वो घबरा गई थी और मुझे बाहर धुंधने गई है. मै जानता था कि वो झुठ बोल रहा था पर क्या करूं कुछ समझ नही आ रहा था. शानू ने मुझसे कहा कि मै बैठ कर मीरा का इंतजार करू और वो नहा कर आ रहा है. मेरे कुछ बोलने से पहले ही वो बाथरूम मे घुस चुका था और बाथरूम का दरवाजा बंद कर चुका था.

मै अपने होशोहवास खो चुका था, मेरी नई नवेली दुल्हन बिना कपडो़ के अपने से काफी कम उमर के लड़के के साथ बाथरूम मे बंद थी और ये जानते हुए कि मै कमरे मे हूं चिल्ला नही रही थी. शायद एक लड़के के साथ इस स्थिति मे पकडे़ जाने का डर और शर्म ने उसे चुप रहने पर मजबूर कर दिया था,या शायद शानू ने डराया धमकाया होगा.

मैं बहुत उत्सुक था ये जानने के लिए कि अंदर हो क्या रहा है. इसलिए दबे पांव मै बाथरूम के दरवाजे तक गया और झिर्री से अंदर झांक कर देखने लगा. शानू ने मीरा को बाजू से पकड़ कर उठाया और चुप रहने का इशारा किया. मीरा की नजरे निचे कि ओर थी और वो धीरे धीरे खडी़ हो गई. मीरा का पुरा बदन थर थर कांप रहा था और पुरे बदन पर पसीना आ रहा था. शानू ने उसे दीवार से सटाया और उसके ऊपर उसका सीना मीरा के स्तनो को दबा रहा था. उसने मीरा की पीठ पर हाथ ले जाकर उसे बांहो मे जकडा़ और उसके गालो को चुमने लगा.

मीरा उससे बचने के लिए अपना सर इधर उधर करने लगी पर नाकाम रही. कुछ देर के बाद उसने मीरा के होंठो को चुमने की कोशिश करने लगा. मीरा आवाज तो नहीं कर रही थी पर अपना सर इधर उधर कर रही थी जिसके कारण वो उसके होंठो को चुम नही पा रहा था. उसने एक हाथ से मीरा का चेहरा पकडा़ और उसके होंठो से अपने होंठ चिपका दिये. पुरी तन्मयता से वो मीरा के होंठो का स्वाद लेने लगा. dost ki biwi ki chudai क्योकि मीरा दरवाजे से 90 अंश के कोण पर खडी़ थी इसलिए मीरा का बांया और शानू का दांया तरफ झिर्री की तरफ था.

मैं अंदर से जल रहा था, जलन, गुस्सा, चिढ़, दुख और कुछ न कर पाने की मजबूरी मुझे अंदर से अजीब सा एहसास दे रही थी. दिमाग में यही चल रहा था कि कैसे अपनी पत्नी कि कौमार्य कि रक्षा करूं. मैने दरवाजा खटखटा कर कहा “शानू, जल्दी बाहर निकलो, मुझे भी अन्दर जाना है!” शानू ने मीरा के होंठो को छोडा़ और गालो को चुम कर कहा, “पांच मिनट मेरे भाई, मुझे बस पांच मिनट लगेगा.” अब पांच मिनट कुछ बोल ही नही सकता था.

शानू ने मीरा के होंठो को छोड़ कर थोडा़ नीचे झुका, और मीरा के निप्पल को चुसने लगा. बीच बीच में वो मीरा के स्तनो को मसल भी रहा था. 2–3 मिनट तक मीरा के स्तनो को मसलने के बाद वो खडा़ हुआ तो मीरा ने हाथ जोड़ कर उसे कहा, “प्लीज, मुझे छोड़ दो, मुझे बरबाद मत करो.” वैसे मीरा ने इतने धीरे कहा था कि आवाज सिर्फ शानू को सुनाई दे पर होंठो के हिलने के अंदाज से पता चल रहा था कि वो क्या बोल रही है.

शानू ने आंखे निकाल कर कहा, “साली कुतिया! मुंह बंद कर, वर्ना इतने बेरहमी से चोदुंगा कि चीखने लगोगी, तेरे मियां के पता चल जायेगा वो अलग, कुछ नहीं बोला तो ठीक वरना तेरे मियां को यही काट कर गाड़ दुंगा, और तेरे को तब तक अपनी रखेल बना कर रखुंगा जब तक तेरे जिस्म से मेरा दिल नही भर जाता, फिर तुझे किसी कोठे पर बेच दुंगा. इसलिए अपना मुंह बंद रख और ज्यादा नौटंकी मत कर.” डर मीरा के चेहरे पर साफ झलक रहा था,

डर तो शानू के शब्दो से मुझे भी लग रहा था. शानू कसरती बदन का था, मुझसे उंचा भी था, मै किसी भी तरीके से उससे नही लड़ सकता था और अगर वो सच बोल रहा था ये सोच कर भी मेरी सांस रुकने लग रही थी. पर फिर भी मीरा को किसी न किसी तरीके से बचाना ही था तो कोशिश तो करना ही था.

मैने फिर से दरवाजा खटखटाया, “शानू पांच मिनट हो गये!” शानू ने फिर चिल्ला कर कहा, “पांच मिनट और भाई.” मुझे फिर पांच मिनट के लिये खामोश होना पडा़. शानू ने हाथ फिराते हुए हाथ मीरा के योनि तक ले गया और एक उंगली मीरा कि योनि मे डाल दिया. मीरा ने चुहंक कर अपना सर पिछे कि तरफ फेंका और कुछ उपर की तरफ उछली. थोडा़ विराम देने के बाद शानू ने फिर उंगली मीरा कि योनि मे अंदर की तरफ घुसाया. मीरा चुहंकी तो नही पर अपना सर पिछे कि तरफ फेंका और कुछ उपर की तरफ उछली. थोडा़ थोडा़ विराम दे कर शानू यही हरकत दुहराता रहा.

मीरा की शरीर में एंठन साफ दिख रहा था. लगभग तीन मिनट में मीरा ने योनि रस छोड़ दिया. कुछ पल का विराम देने के बाद शानू ने मीरा के सारे शरीर पर हाथ फेरा और उसे कंधो से दबा कर घुटनो के बल बैठा दिया. उसने अपना लॅंड का छोर मीरा के होंठो पर रख कर दबाव डाला. लॅंड मीरा के मुंह मे चला गया और मीरा की सांसे रुकने लगी. उसका लॅंड बहुत मोटा और लम्बा था. वो मीरा को मुख मैथुन करने को कह रहा था पर मीरा इससे अंजान थी तो उसने खुद ही लॅंड अंदर बाहर करने लगा. antarvasna biwi

अपने हाथो से उसने मीरा के स्तन पकड़ रखे थे और वो उसे जोर जोर से मसल रहा था. मैने फिर से दरवाजा खटखटाया पर शानू ने कोई जवाब नही दिया. चेहरे के भाव बता रहे थे कि वो जवाब देने कि स्थिति मे नही था. उसे बहुत मजा आ रहा था और ये चेहरे पर साफ झलक रहा था. मैने दो तीन बार और दरवाजा खटखटाया पर शानू ने कोई जवाब नही दिया. कुछ ही देर में शानू ने मीरा का सर बालो से पकड़ लिया और अचानक ही उसके शरीर की एंठन शांत हो गई. उसने अपने बीज मीरा के मुंह मे ही छोड़ दिया था. उसके अलग हटते ही मीरा ने सारा वीर्य एक तरफ उगल दिया.

मैने फिर से दरवाजा खटखटाया, वो अपना लॅंड सहलाने मे व्यस्त था. लॅंड फिर से आकार लेने लगा. वो मीरा के साथ जो कर चुका था वो तो कुछ नही था उसके सामने जो वो करने कि तैयारी कर रहा था. मैने इस बार जोर से कई बार दरवाजा खटखटाया. शानू ने एक झटके से दरवाजा खोला और गुर्राते हुए मेरा कॉलर पकड़ लिया.

मुझे लगभग झंझोड़ते हुए कहने लगा, “सुनो मियां, मुझे और 30 मिनट या ज्यादा अंदर लग सकता है, क्योकि मै अपने हिसाब से नहाता हूं, कोई मुझे नहाते हुए डिस्टर्ब करता है तो मै उसका मुंह तोड़ देता हूं. तो अगर तुमको बाथरूम मे काम है तो गली के मोड़ पर सार्वजनिक शौचालय में चले जाओ. खबरदार जो मुझे डिस्टर्ब किया वरना बाहर आकर तुम्हारा मुंह तोड़ दुंगा. समझा!” मैने सहमति मे सर हिला दिया और उसने धर से दरवाजा बंद कर दिया. अब दरवाजा खटखटाने का तो प्रशन ही नही उठता था तो मैने झिर्री में आंख गडा़ दी.

शानू ने मीरा के कंधे को दबाते हुए उसे ज़मीन पर चित लिटा दिया और उसकी टांगे चौडी़ कर दी. उसकी योनि द्वार से गुलाबी फांक साफ दिख रही थी. और गीलापन भी झलक रहा था. शानू मीरा के ऊपर लेट गया और कुछ देर तक उसके होंठो और गले को चुमता रहा. फिर उसने अपने लॅंड को उसके योनि पर रखा और मीरा के मुंह पर अपने हाथ का ढक्कन फिट कर दिया. अगले ही पल मेरी दुख का बांध फूट गया, एक झटके से उसने अपना लॅंड मीरा के योनि मे प्रविष्ट कर दिया. biwi ki chudai ki kahani

मीरा की आंखे कटोरो से बाहर आने लगी और वो अपना पैर फेंकने लगी. अगर मीरा के मुंह पर अपने हाथ का ढक्कन फिट न किया होता तो मीरा चीख पडी़ होती. मीरा का कौमार्य भंग हो गया था. शानू कुछ देर तक स्थिर रहा जब तक मीरा ने अपने हाथ पैर झटकने बंड नही किये. फिर उसने धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू किया. जब मीरा पुरी तरह से स्थिर हो गई तो उसने मीरा के मुंह पर अपने हाथ हटा लिया.

धीरे धीरे धक्के होने लगे. जब धक्के लगा कर थक जाता था तो थोडी़ देर रुक कर मीरा के होंठ चुमता था और स्तनो को मसलता था. आराम करके फिर धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर देता था. लगभग १५ मिनट बाद उसका शरीर एंठ गया और चेहरे के भाव से पता चल रहा था की वो अपना बीज अंदर ही छोड़ रहा था. फिर उसने अपना लॅंड बाहर खींचा. लॅंड वीर्य से और खून से सना हुआ था. थोडा़ अलग हट कर शानू नहाने लगा और मीरा उकडू़ होकर बैठ गई.

तभी पिछे से दरवाजा खुलने कि आवाज आई तो मैं झट से बिस्तर पर बैठ गया. दरवाजे पर योगेश था और वो अंदर आ गया. उसने मीरा कि बारे में पुछा तो मैने कहा ही वो पास ही घुमने गई है. उसने बताया कि उसे वापस आश्रम जाना है और वो नहाने आया था. उसने शानू के बारे मे पुछा आउर बाथरूम की तरफ जाकर शानू को आवाज दी. फिर वो दोनो पंजाबी में बात करने लगे. दो मिनट मे योगेश टावेल लपेट कर बाथरूम के सामने खडा़ था. मै उसे बाथरूम में घुसने से कैसे रोकुं यही सोच रहा था कि शानू गेट खोल कर बाहर आ गया. वो पुरी तरह तैयार था इसलिए सीधे बाहर चला गया और मेरे कुछ बोलने से पहले ही योगेश अंदर घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया.

मैं अपनी उत्सुक्ता दबा नही पाया और झिर्री से अंदर झांकने लगा. योगेश ने जैसे ही पलट कर देखा तो मीरा को बिना कपडो़ के उक्कडू़ बैठे पाया. उसने इशारे से उसे उठने को कहा और उसी दीवार से उसे टिका कर खडा़ कर दिया जिस दीवार से शानू ने मीरा को टिका कर खडा़ किया था. हालाकि दोनो इतने धीरे बोल रहे थे कि बाहर आवाज़ न आये पर होंठो के हिलने से पता चल रहा था कि दोनो क्या बात कर रहे हैं!

योगेश ने कहा, “अभी तो शानू बाहर निकला है, तुम क्या कर रही थी शानू से साथ अंदर?” मीरा ने नजरे झुका कर कहा, “शानू ने मुझे जबरदस्ती अंदर खींच लिया था.” योगेश ने पुछा, “तुम्हारा पति कहा था उस टाईम?” मीरा ने कहा, “वो बाहर गये थे खाना लेने, शानू नहाने आया था, नहाने के लिए अंदर घुसा और मुझसे टावेल मांगा, मै टावेल देने आई तो मुझे अंदर खींच लिया.”

योगेश ने कहा, “बहुत कमीना है, है मेरा रिश्तेदार पर बहुत कमीना.” योगेश ने फिर पुछा, “तुम्हारे पति को पता है कि तुम अंदर हो?”

मीरा ने न मे सर हिलाया. योगेश ने फिर पुछा, “क्या क्या किया शानू ने, सिर्फ ऊपर ऊपर मज़ा लिया या सब कुछ कर लिया?”

मीरा की नजरे झुकी हुई थी, वो थोडी़ देर रुक कर बोली, “सब कुछ कर लिया.”

——-क्रमशः——-

मीरा की वर्जिनिटी तो किसी और ने ही तोड़ दी, पर लगता है बात वहां ख़त्म नहीं हुई. उस आश्रम की वजह से अभी और कुछ होना बाकी है.. इस true sex story के बारे में कमेंट्स करें..

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