ईशा की दीदी के कारनामें

हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम ईशा है और मैं एक छोटे से शहर – उदयपुर की रहने वाली हूँ. ये isha ki didi ke kaarname lesbian sex story in hindi मेरी दीदी की कहानी है जिन्होंने अपनी जवानी के भरपूर मज़े लिए, मैं उन सबकी साक्षी थी. शुरुआत होती है एक lesbian sex story से..

अब मैं, एक मेट्रो सिटी में रहती हूँ.

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मेरी उम्र, 22 की है.

फिगर – “32 28 34” है.

रंग गोरा है.

मैंने इसी साल, बी सी ए पूरा किया है.

मेरी कहानी की शुरूवात, 12 वी की क्लास से हुई थी.

सो, मैं वहीं से स्टार्ट करती हूँ.

मेरे डैडी, दुबई में जॉब करते हैं और मेरी मम्मी रेलवे में क्लर्क हैं.

मेरी एक दीदी भी है, जो अब 32 की है और उसके अब 2 किड्स भी हैं.

सो, बात उन दिनों से स्टार्ट हुई, जब मैं 11 वी या 12 वी में थी और मेरी दीदी 21 की.

मेरी दीदी, काफ़ी सुंदर थी और अब भी है और आज भी मेरी रोल-मॉडेल है.

दीदी, जब जवान रही तो काफ़ी लोचे भी रहे.

मैंने सेक्स के बारे में, उससे काफ़ी कुछ जाना.

मम्मी के दफ्तर जाने के बाद, वो फोन पर अपने बॉय फ्रेंड से काफ़ी गंदी-गंदी बातें किया करती थी.

मुझे काफ़ी अजीब फील होता था की मेरी दीदी, ये कैसी कैसी बातें करती है और अब वही बातें, मेरी लाइफ का एक हिस्सा बन चुकी हैं.

आगे हुआ यूँ की हमारे एक न्यू पड़ोसी आए.

वो, एक “कपल” था.

राजन (32) और रुपाली आंटी (27).

दोनों काफ़ी सुंदर थे, किसी फिल्मी कपल की तरह.

दीदी को राजन अंकल, काफ़ी पसंद आ गये.

उन्होंने, रुपाली आंटी से फ्रेंडशिप कर ली.

कुछ ही दिनों में उन दोनों मे काफ़ी अच्छी फ्रेंडशिप हो गई.

दीदी को रुपाली आंटी की संगत ने काफ़ी बिगाड़ा.

रुपाली, दीदी को ब्लू फिल्म्स की सी डी देती थी और दीदी उन्हें, घर पर आकर देखती थी.

अब तो ये रोज का ही शेड्यूल बन गया था. isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

एक दिन, मैंने वो दीदी को देखते हुए देखा तो दीदी थोड़ी परेशान हुई की कही मैं मम्मी से बता ना दूँ पर उन्होंने मुझे मना लिया और उसके बाद, हम दोनों रोज साथ मे फिल्म देखने लगी.

दीदी ने मुझे चूत में उंगली करने के बारे में बताया.

सो, हम दोनों रोज ब्लू फिल्म देखती थी और साथ में फिंगरिंग करके मज़े लेती थीं.

कुछ दिनों बाद, मम्मी को शादी में गाँव जाना पड़ा.

डैडी तो दुबई में ही थे.

रुपाली आंटी ने कहा की वो हम दोनों का ख़याल रखेगी और साथ ही रहेगी.

सो, मम्मी को चिंता मुक्त होकर जाने मे कोई प्राब्लम नहीं हुई.

रुपाली आंटी “साँवली” थी पर काफ़ी सुंदर थी.

काफ़ी सेक्स अपील था, उनमें.

वो अपने साथ, कुछ कपड़े भी लेकर आ गई.

उन्होंने दीदी से इशारों – इशारों में मेरे बारे में कुछ पूछा तो दीदी ने कहा – ईशा के बारे में चिंता ना करो, रुपाली दीदी…

रात में डिनर के बाद, हम तीनों एक ही रूम मे सोने आए.

रुपाली आंटी, मेरे से कुछ हेज़िटेट कर रही थी.

दीदी ने उनको बाद में मुझसे खोला.

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फिर उन्होंने, एक ब्लू मूवी ली और उसे सी डी प्लेयर में लगाकर प्ले किया.

क्या मस्त सी डी थी.

उसमें एक लड़की थी और 6 लड़के.

तीन लड़के, एक साथ उस लड़की के मुँह, गांड और चूत में ज़ोरदार धक्के लगा रहे थे.

दीदी, अपने बूब्स खुद ही मसल रही थी.

मेरा भी बुरा हाल था.

रुपाली आंटी, काफ़ी शांत थी और हम दोनों को देख रही थी.

दीदी ने आंटी की तरफ देखा तो आंटी ने पूछा – ईशा किसी से कह तो नहीं देगी ना… ??

दीदी ने कहा – ईशा की चिंता ना करो… ये 12 वी क्लास की है पर काफ़ी समझदार है… मेरी प्यारी सी छोटी बहन है ये…

ये बोल के दीदी ने मेरी स्कर्ट उतार दी.

मैं छोटी सी स्कर्ट और सैंडो पहनी हुई थी.

अगले दिन शनिवार और रविवार था. नो स्कूल.

उसके बाद, दीदी ने मेरी चड्डी भी उतार फेंकी.

मेरी नंगी, कुँवारी, चिपकी हुई चूत सामने थी. isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

मुझे दीदी से कोई प्राब्लम नहीं थी पर आंटी से थोड़ी शरम महसूस हुई पर दीदी ने मुझे इसका टाइम नहीं दिया.

दीदी ने मेरा हाथ आंटी की गोद में दे दिया और मेरी चूत में जीभ डाल कर, सक करने लगी.

मेरी चूत पर उस टाइम तो बाल मतलब कहना चाहिए “झांटें” नहीं आए थी.

हल्के हल्के, रुएदार बाल थे.

आंटी ने कहा – ईशा तो एकद्म मस्त आइटम है… जाने कितनो को घायल करेगी…

दीदी ने कहा – हाँ की नहीं, बहना…

अब आंटी ने मेरी सैंडो भी निकाल फेंकी.

आंटी ने दीदी से मेरी न्यूड पिक्चर्स लेने की रिक्वेस्ट की और थोड़ा मनाने के बाद, दीदी भी मान गई.

उन दोनों ने उस रात, मेरी हर तरह से काफ़ी न्यूड पिक्चर्स लिए.

मेरे कलेक्शन में, वही न्यूड पिक्चर्स मेरी लाइफ के बेस्ट न्यूड पिक्चर्स हैं.

एक घंटे तक मेरी न्यूड पिक्चर्स लेने के बाद, आंटी और दीदी दोनों नंगी हुई.

मैं उन दोनों के बदन को निहारती रह गई.

दीदी तो थी ही गोरी 5.5 फीट “34 28 36” की और आंटी साँवली 5.7 फीट “36 30 38” बहुत ही कामुक और लॉट ऑफ सेक्स अपील.

थोड़ी देर तक, उन दोनों ने लेज़्बीयन सेक्स किया.

एक दूसरे को किस्सिंग करते हुए दीदी के मुंह से आवाज़ आई – आज, सहन के बाहर हो गया है… मेरे लिए, लण्ड का इंतज़ाम करवा दो ना, दीदी…

आंटी ने बोला – पगली, उंगली से ही शांत हो जा… पर दीदी ने बोला – आज तो लण्ड चाहिए ही चाहिए…

आंटी ने बोला – ठीक है… कुछ करती हूँ… बुला ले, अपने कॉलेज के दोस्तों को, फोन कर के…

दीदी ने नंबर दिया.

आंटी ने नंबर लिया और अपने मोबाइल से कुछ लड़कों को रिंग किया और उनसे कामुक बातें की और तुरंत मिलने को बुलाया.

2 लड़के, आने को तैयार हो गये.

फिर आंटी ने अपने हसबैंड को बुलाया. isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

मुझे अंदर रूम में शिफ्ट कर दिया गया और बाहर से मेरा रूम भी लॉक कर दिया गया.

उस रूम से, मैं सब कुछ लगी हुई विंडो से देख सकती थी.

मैं रूम की लाइट बुझा के उन लोगों का वेट करने लगी.

10 मिनिट बाद, राजन अंकल आए.

रुपाली आंटी ने डोर खोला.

राजन ने पूछा – इतनी रात में क्यों बुलाया… ??

आंटी ने आँख मार के, कुछ इशारे से समझाया.

खैर, राजन अंकल रूम में आए और दीदी के साथ सोफे पर बैठ गये.

(उस टाइम तक, हम सबने कपड़े पहन लिए थे.)

10 मिनिट बाद, आंटी ने अंकल और दीदी को बेडरूम में जाकर वेट करने को कहा.

वो दोनों, बेडरूम में आ गये तभी डोर बेल बजी.

आंटी ने डोर ओपन किया तो 2 खूबसूरत लड़के एंटर हुए.

लगभग 6 फीट लंबे, मस्क्युलर..

आंटी ने उनसे बोला – बेडरूम में एक कॉलेज गर्ल, उनका वेट कर रही है… जो उन्हीं के कॉलेज से है और एंट्री फीस सिर्फ 10,000/- है… इतना अमाउंट दो और फुल नाइट, उसको चोदो…

वो दोनों लड़कों को यकीन नहीं हुआ.

वो बोले – हमें उस लड़की को पहले देखना है…

आंटी ने बोला – पैसे हाथ में दो और अंदर जाओ… विश्वास करो, अगर मेरी बात सच ना निकले तो मेरी चूत मार लेना… जैसे भी चोद ना… मैं मना नहीं करूँगी…

दोनों लड़कों ने एक दूसरे को देखा और आंटी से 10 मिनिट का टाइम लिया.

मेरे घर के पास ही ए टी एम है.

वो लोग जल्द ही, ए टी एम से 20000/- लेकर आए और आंटी को दे दिए.

आंटी ने फिर फ्रंट डोर लॉक किया और उन दोनों लड़कों को अंदर ले गई.

जब उन दोनों लड़कों ने दीदी को देखा तो शॉक्ड रह गये!!!

आंटी ने दीदी से बोला – मेरा हसबैंड भी आ गया और तेरे यार, 2 लण्ड भी आ गये… अब हम सब मज़े करेंगे…

राजन अंकल, आंटी का खेल समझ गए.

आंटी अंकल के पास गई और सब की नज़र बचा कर उनकी पैंट मे 20,000/- रुपए डाल दिए.

फिर, राजन अंकल ने सी डी प्लेयर चालू किया और आंटी के कपड़े उतारने लगे.

2 मिनट में ही, रुपाली आंटी पूरी नंगी हो गई. isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

इसे देख कर, उन दोनों लड़कों का हेसिटेशन टूटा और उन्होंने दीदी के कपड़े उतारने स्टार्ट किया.

दीदी ने थोड़े ना – नुकुर करने के बाद, अपने पूरे कपड़े उतार दिए.

फिर राजन अंकल ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए..

उनके कपड़े उतरते ही, हम सब सन्न रह गये.

बाप रे बाप!!

क्या लण्ड था, 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा..

एकदम काला सा..

आंटी ने आगे आ कर, उन दोनों लड़कों के भी सारे कपड़े निकाल दिए.

उन दोनों का भी लण्ड काफ़ी तना हुआ था.

6-7 इंच का और 1.5 इंच मोटा…

आंटी ने कहा – अब तुम दोनों भी शुरू हो जाओ…

राजन अंकल का लण्ड, रुपाली आंटी मुंह मे लेकर चूसने लगी.

दीदी ने भी एक का लण्ड, मुंह में लिया और लॉलिपोप की तरह चूसने लगी.

कुछ ही देर में वो, उसकी एक्सपर्ट हो गई.

आंटी ने दीदी का गला बेड के नीचे किया और इससे उसका लण्ड दीदी के गले तक जा रहा.

मैंने देखा, दीदी की आँखों में खुशी और कामुकता दोनों थी.

एक लड़का, राजन अंकल के साथ बेड पर चढ़ा और राजन अंकल ने दीदी की दोनों टाँगों को खोल दिया.

अब दीदी की ट्रिम्ड अप चूत, उन दोनों के सामने थी और आंटी दीदी की बॉडी को बेड के नीचे से सपोर्ट कर रही थीं.

फिर दूसरे लड़के ने, अपना लण्ड मुण्ड दीदी की चूत पर 2 मिनट रगड़ा. isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

2 मिनट में ही, दीदी काफ़ी गरम हो उठी और अपने हिप्स उपर उठाकर लण्ड अंदर लेने की कोशिश करने लगी.

फिर उस लड़के ने उपर से धक्का दिया और 4-5 धक्कों के बाद ही, लण्ड पूरा अंदर चला गया.

फिर उसने तेज़-तेज़ धक्के मारने शुरू किए.

दीदी भी नीचे से हिप्स हिला हिलाकर उन धक्कों के मज़े लेने लगी.

फिर मुंह में लण्ड डाले हुए लड़के ने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और दीदी की चूत की चुदाई का प्रोग्राम देखने लगा.

2 मिनट बाद, उसने दीदी को 2 करारे तमाचे मारे.

हम सब सन्न रह गये.

उसने दीदी को काफ़ी गालियाँ दी – रंडी, साली, कुतिया, तेरी मां की चूत, बहन की लौड़ी, वगेरह.

थोड़ी ही देर मे, दीदी की चूत मे पंप करता हुआ वो लड़का स्खलित हुआ.

अब उसकी जगह, इस अब्यूज़िंग लड़के ने ले ली.

वो गालियाँ बकता हुआ गया और दीदी को लगातार 10 मिनट बिना रुके ज़ोर ज़ोर से चोदता रहा.

साथ ही, उसने दीदी को दुबारा गाल पर 10 मिनट तक कई बार तमाचे मारे.

दीदी मार खाते हुए, चुपचाप चूत मरवाती रही पर उसने एक बार भी मना नहीं किया.

इधर आंटी मिशनरी पोज़ मे दीदी के बगल में लेट कर अंकल से चुद रही थी और दीदी को सपोर्ट कर कर रही थी.

रात बार, उन दोनों लड़कों ने दीदी को बस मिशनरी पोज़ मे 1-1 करके चोदा.

सुबह मे 4 बजे, उन दोनों लड़कों को आंटी ने जाने को कहा और वो दोनों चले गये और आंटी न उनसे बोला – बिना इन्वाइट किए, मत आना.. isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

दीदी ने आंटी से बोला – मुझे राजन जीजू का भी लेना है…

राजन अंकल, खुद ही बोल पड़े – इसके लिए मेरी कुछ शर्तो को मानना होगा और दीदी के कान में कुछ बोला.

दीदी ने सिर हिला कर “हाँ” बोल दिया…

राजन अंकल ने दीदी के कानों में कुछ कहा तो दीदी ने मुस्कुरा के हाँ कह दिया और पेट के बल, बिस्तर पर लेट गई.

अंकल ने दीदी के पेट के नीचे 2 पिलो रख दिए तो अब दीदी की गाण्ड उँची हो गई और उसका छेद भी अब क्लियर दिखने लगा.

रुपाली आंटी समझ गई की उनके हसबैंड, अब दीदी की गाण्ड मारना चाहते हैं.

2 लडको से बेरहम चुदाई के बाद भी दीदी की भूख शांत नही हुई थी. उन्हें राजन अंकल का लंड भी लेना था. पर राजन अंकल का कुछ और ही इरादा था. पढ़िए इस ज़ोरदार sex story hindi का अगला भाग–

राजन अंकल, खुद ही बोल पड़े – इसके लिए मेरी कुछ शर्तो को मानना होगा और दीदी के कान में कुछ बोला.

दीदी ने सिर हिला कर “हाँ” बोल दिया…

राजन अंकल ने दीदी के कानों में कुछ कहा तो दीदी ने मुस्कुरा के हाँ कह दिया और पेट के बल, बिस्तर पर लेट गई.

अंकल ने दीदी के पेट के नीचे 2 पिलो रख दिए तो अब दीदी की गाण्ड उँची हो गई और उसका छेद भी अब क्लियर दिखने लगा.

रुपाली आंटी समझ गई की उनके हसबैंड, अब दीदी की गाण्ड मारना चाहते हैं.
उन्हें तो जैसे, कोई ऐतराज़ ही नहीं था.

मैं ये सोच के भी उस समय हैरान थी.

मतलब बीवी, अपने पति को किसी और लड़की की गाण्ड मारते अपनी आँखों से देखेगी.

यहाँ, अंकल ने दीदी की गाण्ड पर थूक गिराया और उससे दीदी की गाण्ड के छेद पर लगा कर, ऊपर ही ऊपर से दीदी की गाण्ड के छेद की मालिश करने लगे. (इससे गाण्ड का छेद थोड़ा बड़ा हो जाता है और थोड़ा चौड़ा भी, जिससे लण्ड आराम से अंदर चला जाता है.) isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

अब मुझे ये पता है.

उस टाइम मे ये सब बातें, नहीं समझ सकती थी.

मैं उस समय, केवल 12 वी क्लास में थी.

मैं ये सब बगल के रूम से रात भर देख रही थी.

थोड़ी देर तक, अंकल ने गाण्ड के छेद पर ही थुका और बाहर ही बाहर, छेद पर उस थूक को मलते रहे.

फिर उन्होंने एक बार गाण्ड के छेद पर काफ़ी ज़्यादा थुका और एक उंगली दीदी के गाण्ड के छेद मे सरका दी.

दीदी को थोड़ी परेशानी हुई पर एक मिनट में ही वो नॉर्मल हो गई.

फिर 5 मिनट तक, अंकल ने दीदी की गाण्ड के छेद में एक उंगली से मालिश की और उसके बाद एक बार फिर काफ़ी सारा थूक गिराया और दो उंगलियाँ अंदर डाली.

दीदी को फिर से थोड़ी परेशानी हुई पर 2-3 मिनट मे ही, वो नॉर्मल हो गई.

राजन अंकल ने रुपाली आंटी से बोला की अब इसको कस के पकड़ लो…

आख़िर, ये इसका गाण्ड में पहली टाइम जो है.

आंटी बेड पर चड़ी और दीदी की पीठ पर अपना पूरा वेट दे कर बैठ गई.

उसने पीछे से दीदी के दोनों हाथ भी पकड़ लिए.

अब दीदी, हिल भी नहीं सकती थी.

राजन अंकल ने दीदी की दोनों टाँगों को पकड़ कर, पूरा अलग किया और दीदी की गाण्ड के चीक्स को भी दोनों हाथ से पकड़ कर दोनों साइड मे ज़ोर लगा कर अलग करने लगे.

दीदी को ऐसा लगा की उनकी गाण्ड, बीच से अलग हो जाएगी पर अंकल को इसका बहुत तजुर्बा है.

फिर उन्होंने आंटी और खुद के मुंह से अपना थूक अपनी हथेली में लिया और दीदी की गाण्ड के छेद में लगा कर, वहाँ पर मालिश करने लगे.

थोड़ी ही देर मे, दीदी को मज़ा आने लगा और दीदी नीचे से गाण्ड उठा उठा कर ऊपर करने लगी.

अब अंकल समझ गये की दीदी पूरी जोश में है और गाण्ड मरवाने तो तैयार है.

राजन अंकल ने फिर अपने लंबे 8 इंच के काले हिलते हुए लण्ड पर थूक लगाया और दीदी के गाण्ड के छेद पर लगाया और दीदी की गाण्ड में 1 ही धक्के मे 4 इंच अंदर कर दिया.

दीदी बुरी तरह चीखने लगी तो उनकी पीठ पर बैठी, आंटी ने दीदी को शांत कराया.

फिर दीदी की गाण्ड में फँसे लण्ड पर आंटी ने अपना थूक गिराया और दीदी की गाण्ड में धीरे धीरे आगे पीछे करने लगे.

थोड़ी ही देर में, दीदी का गाण्ड के छेद अंकल के लण्ड का आदि हो गया तो दीदी नीचे से अपनी गाण्ड को ऊपर की और धक्का मारने लगी.

अंकल ने ये देख कर, अपना लण्ड थोड़ा और अंदर कर दिया.

6 इंच अंदर जाकर ऐसा लगा की लण्ड और अंदर नहीं जा पाएगा.

दीदी ने अंकल और आंटी से बोला – अब नहीं जाएगा… तो आंटी बोली – ठीक से घुसाया जाए तो गाण्ड में घोड़े का 18 इंच का भी लण्ड घुसाया जा सकता है, मेरी कामिनी…

दीदी ने उसी पोज़ में आंटी को चैलेंज मारते हुए कहा – अगर आप और अंदर घुसा सको, तो जो बोलो वो करूँगी…

आंटी ने बोला – तो फिर देख तमाशा…

आंटी ने दीदी की पीठ पर बैठे हुए ही दीदी की गाण्ड की पोज़ थोड़ी और उँची की और दीदी की चूत और उनकी गाण्ड (माउंटन ऑफ वीनस) को सहलाया और उनका सीधा पैर ऊपर ले जाकर, दीदी के सिर से मिला दिया.

(इस पोज़ में लण्ड और अंदर तक चला जाता है. लड़कों और लड़कियों को ये पता है.)

आंटी ने दीदी को इस पोज़ में किया और अंकल को इशारा किया, तो अंकल ने दीदी की गाण्ड से लण्ड को पूरा बाहर निकाल कर एक ही धक्के में लण्ड पूरा 8 इंच अंदर तक डाल दिया.

दीदी की आँखों के सामने, अंधेरा छा गया.

(ऐसा कभी कभी हो सकता है पर नो प्राब्लम इन इट.)

दीदी को 2-5 मिनट लगे, नॉर्मल होने मे.

आंटी दीदी के छेद की मालिश करती रही.

5 मिनट में, जब सब कुछ नॉर्मल हो गया तो अंकल ने ऊपर से ही धीरे धीरे धक्के मारने स्टार्ट किया.

दीदी की गाण्ड से अब “छीछी” भी अंकल क लण्ड के साथ बाहर आ रहा था.

जब “छीछी” बाहर आने लगा तो दीदी को ज़्यादा मज़ा आने लगा.

दीदी ने चीख के कहा – रुकना मत…

अंकल ने अपनी स्पीड धीरे धीरे तेज़ कर दी और 10 मिनट तक दीदी की गाण्ड को चोदने के बाद, वो दीदी की गाण्ड में ही वीर्य निकाल कर दीदी के ऊपर गिर कर अपनी साँसे दुरुस्त करने लगे.

आंटी ने अब सबको छोड़ दिया था और वो किचन में खाना बनाने चली गई थी.

5 मिनट बाद, अंकल और दीदी दोनों उठे और देखा बिस्तर पर थोड़ा सा ब्लड और छीछी भी थी.

अंकल ने बेडशीट को बाथरूम में फेंका और अपने कपड़े पहने और दीदी और अपनी वाइफ से “बाइ” बोल कर, अपने घर पर फ्रेश होने निकल पड़े.

उनके जाने के बाद, मैं अपने रूम से निकली ओर फ्रेश हुई.

मुझे याद है, उसके अगले दिन से मेरा महीना भी चालू हो गया.

दीदी भी फ्रेश हुई और फिर आंटी भी.

आंटी ने हम सबको खाना बना कर खिलाया.

मैंने देखा, उस दिन दीदी काफ़ी खुश थी. isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

मुझे तब ज़्यादा कुछ समझ नहीं आया पर आज समझ सकती हूँ.

सेक्स, इस अ मिराकल !!!

इससे ज़्यादा मज़े देने वाली चीज़, इस वक़्त दुनिया में कुछ भी नहीं है.

लोग चाहे इसकी जितनी भी बुराई कर लें पर हम सब, काफ़ी हद तक सेक्स के गुलाम हैं और हमेशा रहेंगे.

ये बात मुझ पर और सभी औरतों पर समान रूप से लागू है.

फिर, खाना खाने के बाद मैं, दीदी और रुपाली आंटी सो गये.

लगभग 3 बजे पर, हम तीनों लोग थोड़ी थोड़ी देर के अंतराल पर उठे.

थोड़ा नाश्ता किया और फिर इसके बाद, मम्मी का फोन आया तो पता चला की वो एक महीने बाद आएँगी, ज़मीन का कुछ काम संभाल कर और वो अपने गाँव ठीक- ठाक पहुँच गई हैं.हम सबने खास तौर पर दीदी, ने भगवान को धन्यवाद बोला.

आंटी ने दीदी से पूछा – कामिनी, कल रात मज़ा आया था की नहीं… ??

(कामिनी, मेरी दीदी का नाम है.)

दीदी ने बोला – हाँ रुपाली दीदी, काफ़ी मज़ा आया पर मुझे और चाहिए… आज की रात का भी कुछ इंतज़ाम करो ना… ??

आंटी ने बोला – कामिनी, बोल तो तेरे आशिकों को ही…

दीदी ने बोला – नहीं, रुपाली दीदी… मैं उन को टेस्ट कर चुकी हूँ… अब कुछ नया चाहिए…

रुपाली ने बोला – ठीक से सोच लो और बोलो… तुम्हारे राजन जीजू के दफ्तर के दोस्तो को बुला दूँ…

दीदी ने आंटी से बोला – ठीक है… जैसा आप, ठीक समझो…

मैं उस टाइम, वहीं पर थी.

उन दिनों स्कूल में गरमी की छुट्टियाँ चल रही थीं और मैं दीदी के रंडीपने पर शॉक्ड थी.

आंटी ने अपने हसबैंड, राजन अंकल को फोन मिलाया और दीदी की विश के बारे में बताया तो अंकल ने बोला – ठीक है… शाम को देख लेंगे… दफ्तर के बाद…

आंटी ने फोन रख दिया और दीदी को बोला – शाम को फिर से चुदने को तैयार हो जाओ… मैं शाम को यहाँ नहीं रह सकती… उनके दफ्तर के कुछ दोस्त आ रहे हैं, तुम्हें चोदने… कोई प्राब्लम तो नहीं है…

दीदी ने बोला – इसमें प्राब्लम जैसी कोई बात ही नहीं है… आप जाओ और ईशा को भी अपने साथ लेते जाना नहीं तो पता चला की वो लोग, मेरे साथ साथ इसकी भी बजा देंगे… अभी छोटी है, बेचारी…

आंटी ने मेरी तरफ देखते हुए कहा – ओह हाँ… बिल्कुल… मैं तो ईशा के बारे में भूल ही गई थी…

ये बोल कर, आंटी ने मुझे अपने सीने से लगा लिया.

उसके बाद, हम सब एक मूवी देखने लगे और शाम का वेट करने लगे.

6.30 पी एम पर रुपाली आंटी, मुझे अपने घर लेकर चली आई और दीदी ने हम लोगों के जाने के बाद, पीछे से बंद कर लिया.

मैं रुपाली आंटी के यहाँ पहुँची तो दीदी को लेकर थोड़ा वरीड थी.

आंटी ने पूछा – क्या हुआ, ईशा… ?? isha ki didi ke kaarname lesbian sex story

मैंने बोला – कहीं वो लोग, दीदी को मार तो नहीं देंगे ना… ??

आंटी ने बोला – ऐसा कुछ नहीं होगा, देखना… तुम्हारी दीदी आज की रात काफ़ी एंजाय करेगी…

मैं संतुष्ट नहीं हो सकी की आंटी की बात पर यकीन करूँ की नहीं, पर मैं उस टाइम कर भी क्या सकती थी और मुझे भी ये सब ठीक नहीं लग रहा था.

वेट करते करते 8:30 हो गये और मुझे लगा की आज की रात का तो दीदी का प्रोग्राम कैंसिल हो जाएगा पर ऐसा हुआ नहीं.

ठीक 8:30 बजे पर, हमारे घर पर एक टाटा सफ़ारी आई और उसमें से राजन अंकल के साथ उनके 3 दोस्त भी उतरे.

सफ़ारी लॉक करने के बाद, राजन अंकल उन तीनों को लेकर मेरे घर के डोर पर पहुँचे और डोर नॉक किया.

दीदी ने डोर ओपन किया.

(कॉलोनी के सभी लोग ये देख रहे थे और यहीं से हमारी बदनामी की शुरूवात हुई थी.)

राजन और रुपाली ने हमारे परिवार को पूरा बदनाम कर दिया, कुछ ही दिनों में.

खास तौर पर दीदी को.

राजन अंकल ने अपने तीनों दोस्तों से दीदी को 5 मिनट में ही इंट्रोड्यूस करवा दिया और यहाँ अपने घर, अपनी वाइफ रुपाली के पास चले आए.

उस दिन कॉलोनी वाले अपने अपने छत से, ये सब तमाशा देख रहे थे.

अब अंदर दीदी थी और वो 3 अजनबी, अंकल के दोस्त.

किसी के लिए भी ये तो सॉफ समझ वाली बात थी की वो तीनों अजनबी, रात भर दीदी को राखी तो नहीं बांधेंगे ना !!!

वैसे, मम्मी कॉलोनी में किसी से ज़्यादा रिलेशन्स नहीं रखती थी की कोई मम्मी को उस टाइम फोन करके बता भी सके.

मैं रात भर, दीदी के बारे में सोचती रही.

क्या हो रहा होगा.. ??

दीदी को कुछ प्राब्लम तो नहीं होगी ना.

वो लोग, कहीं दीदी को जान से तो नहीं मार देंगे.

वगेरह वगेरह.

मैं अलग रूम में थी और राजन और रुपाली, अलग रूम में.

मैं उस रात, दीदी की चिंता में सो भी ना सकी.

करीब 4 बजने पर, किसी ने अंकल के डोर पर नॉक किया.

राजन अंकल ने डोर ओपन किया.

उस आदमी ने कहा की वो अब जा रहे हैं… साली, एकदम छीनाल है… कितना भी पैसा ले लो पर एक हफ्ते के लिए भेज दो… लाइफ बना देंगें, तुम्हारी…

अंकल ने बोला – वो सब, बाद में देखेंगे…

उन लोगों के जाने के बाद, अंकल ने रुपाली आंटी को उठाया और बोला – जाओ, कामिनी को देख लो… मर गई या जिंदा है छीनाल… वो सब लोग, अब चले गये हैं…

आंटी ने कुल्ला किया और जाने लगी तो मैं बाहर आ कर उनसे लिपट गई.

मैंने बोला – आंटी, मुझे भी साथ ले चलो…

आंटी ने बोला – ठीक है…

आंटी मुझे लेकर, मेरे ही घर पहुँची.

मैं जब पहुँची तो फ्रंट डोर ओपन ही था.

अंदर गये तो, अंदर का नज़ारा देख कर मैं तो शॉक्ड ही रह गई.

अंदर दीदी, बे-सुध की हालत में थीं.

साँसें चल रही थीं पर उन्हें किसी चीज़ का ‘होश’नहीं था.

पीठ के बल, लेटी हुई थी.

दोनों टाँगें, उल्टी तरफ में फैली हुई थी.

चूत सूज कर, लाल हो गई थी.

गाण्ड और चूत दोनों में से, खून रिस रहा था.

बेडशीट पर दीदी का खून लगा हुआ था.

दीदी के बाल, बिखरे हुए थे.

चेहरा सूजा हुआ था.

ऐसा लग रहा था की रात में काफ़ी थपाड़े खाये हैं.

जब मैंने पास जाकर देखा तो दीदी की जाँघ पर, लेदर बेल्ट्स से मार खाने के निशान भी थे.

उनके बदन से बाथरूम (सू सू) की बहुत तेज़ बदबू आ रही थी.

मुँह का एक किनारा, थोड़ा सा फट गया था.

(शायद किसी का लण्ड काफ़ी मोटा रहा होगा.)

मैं दीदी की हालत देखकर रोने लगी तो आंटी मेरे पास आकर मुझे चुप कराने लगी.

तभी दीदी को थोड़ा होश आया.

उसने मेरे को अपने चेहरे के पास बुलाया और बोला – मत रो, मेरी ईशा… सच में मुझे काफ़ी मज़ा आया… तू चिंता मत कर, आज की रात मेरी लाइफ की बेस्ट नाइट थी… मत रो, मेरी बहना…

मैं शॉक्ड रह गई की ये क्या है.

मुझे विश्वास ही नहीं हुआ की मेरे कान क्या सुन रहे हैं और मैं सोचने लगी – क्या सेक्स ने दीदी का दिमाग़ खराब दिया है… या मुझे सिर्फ़ समझाने के लिए, वो ऐसा बोल रही हैं…

तीन लोगो ने कामिनी दीदी को कुतिया की तरह पटक पटक के चोदा था, हर जगह से घायल थी मेरी दीदी. पर इन सब के बावजूद दीदी उसको अपनी बेस्ट नाईट बताती है. दीदी अब सारी हदे पार करने के मूड में है. जबरदस्त sexy stories का दहकता हुआ किस्सा..

तभी दीदी को थोड़ा होश आया.

उसने मेरे को अपने चेहरे के पास बुलाया और बोला – मत रो, मेरी ईशा… सच में मुझे काफ़ी मज़ा आया… तू चिंता मत कर, आज की रात मेरी लाइफ की बेस्ट नाइट थी… मत रो, मेरी बहना…

मैं शॉक्ड रह गई की ये क्या है.

मुझे विश्वास ही नहीं हुआ की मेरे कान क्या सुन रहे हैं और मैं सोचने लगी – क्या सेक्स ने दीदी का दिमाग़ खराब दिया है… या मुझे सिर्फ़ समझाने के लिए, वो ऐसा बोल रही हैं…

तभी आंटी किचन से एक कटोरी में सरसो का तेल गरम कर लाई और मुझे दीदी की पूरी बॉडी में लगाने को कहा.

मैंने दीदी की चूत, जाँघ, गाण्ड और दूध वगैहरा पर काफ़ी सारा तेल लगा दिया और दीदी की ज़ख्मी बॉडी की मालिश की.

कुछ देर बाद, आंटी दीदी को पकड़ कर बाथरूम में ले गई और दीदी की टब में डाल दिया.

(दीदी आज तो, ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी.)

ये देख कर, मैं फिर से रोने लगी.

दीदी लगभग 20 मिनट नहाने के बाद, रूम मे आई.

तब तक आंटी ने रूम को ठीक कर दिया था.

दीदी ने दूध पिया और अपने ऊपर एक कंबल डाल कर सो गई.

मैं और आंटी भी थोड़ा शांत हो गये, दीदी के सोने के बाद.

दीदी सुबह में 6 बजने पर सोई थी और शाम को वो 4 बजने पर उठी.

मैं रुपाली आंटी के साथ बैठी हुई, बगल के रूम मे एक मूवी देख रही थी.

दीदी कंबल ओढ़े हुए, मेरे रूम में आई और मुझे गले से लगा लिया.

मुझे काफ़ी मस्त लगा.

दीदी अभी भी लंगड़ा के चल रही थी पर वो अब पहले से ठीक दिखाई दे रही थी.

मैंने दीदी से पूछा – कैसी हो आप… ??

दीदी ने मेरी आँखों में देखते हुए कहा – हाँ, मेरी प्यारी बहना… मैं बिल्कुल ठीक हूँ… लेकिन सुन, मम्मी और डैडी से ये सब मत बताना… समझी ना…

मैंने कहा – चिंता मत करो, दीदी… बस अपना ख़याल रखना, आप… अब ऐसा दुबारा मत करना…

दीदी ने ये सुन कर मुझे और भी कस कर, अपनी आगोश में ले लिया.

फिर दीदी रुपाली से बोली – रुपाली दीदी… कल की रात, उन तीनों ने मेरी गाण्ड और चूत की मां चोद दी… कम से कम, तीनों ने मिल कर मुझे 10 बार चोदा… आख़िर में तो मेरी चूत से पानी निकलना बंद हो गया… हरमियों ने ना जाने तो कितनी बार मेरे ऊपर मुता भी… मेरी चूत और गाण्ड का छेद थोड़ा सा फट भी चुका है और काफ़ी खुजली हो रही है, अंदर… चल भी नहीं पा रही हूँ पर सबसे अजीब बात ये है की अभी भी अंदर काफ़ी चुदास लगी हुई है…

आंटी ने दीदी का कंबल हटाया और दीदी की चूत को फैला दिया और वो दीदी की चूत के अंदर देखने लगी.

दीदी अब पीठ के बल लेट गई और आंटी को अपनी चूत दिखाने लगी.

आंटी ने दीदी की चूत को देखा और ठीक से देखने के बाद, दीदी से बोली – तेरी चूत से तो जलने की अजीब सी बू आ रही है… (थोड़ा रुक कर) लगता है, तेरे पापा ने कोई ब्लू फिल्म देखते हुए तेरी मम्मी को चोदा था तभी तू इतनी चुदासी है… मुझे तो लगता है, कोई कितना भी तुझे चोद दे पर इस चूत की प्यास को पूरा बुझा नहीं सकता है… हालत देख, फिर भी बोल रही है चुदास लगी है… (थोड़ा रुक कर) पर इस टाइप की चूत का एक फायदा है की इस टाइप की चूत से काफ़ी सारे पैसे कमाए जा सकते हैं…

दीदी अब सोच में पड़ गई.

थोड़ा सोचने के बाद, उसने आंटी से बोला – तभी, कल रात में वो मुझे पैसा वसूल करके आपस में बात कर रहे थे… मुझे तो वो एक हफ्ते के, एक लाख देने को बोल रहे थे… मैंने उनसे ना बोल दिया.

आंटी ने दीदी से बोला – लेकिन, हाँ ये सब करने से पहले ठीक से सोच लेना… सच कहूँ तो मैंने भी ये सब किया है… तुझे सुन के अजीब लगेगा पर मेरे पापा के बीमार होने के बाद, मेरी माँ ने मुझे धंधे में उतारा… मेरी शादी का खर्चा निकालने तक तो ठीक था पर मेरी लालची माँ ने मुझे शादी के बाद भी नहीं बख्शा…

और तो और, मेरे पति के मायके में रहते हुए भी ग्राहक ले आती थी… एक दिन, तुम्हारे अंकल की आँख खुल गई और उन्होने मेरी मां को मेरी रख वाली करते हुए और मुझे चुदते हुए देख लिया… उन्होने मेरी मां को मेरे पापा के सामने ही, नंगी करके और कपड़े फाड़ के चोदा और मुझे वापस ले आए…

तब से उन्होने मुझे रंडी बना दिया और मेरे दलाल बन गये… बहुत बुरी बुरी तरह से, उन्होने मुझे चुदवाया… खैर, कुछ वक़्त बाद मैं भी मज़े लेने लगी… तेरी ही तरह चुदासी तो मैं भी थी नहीं तो पहले ही दिन, अपनी माँ को मना कर सकती थी या पकड़े जाने के बाद, शर्म से आत्महत्या कर सकती थी… मेरे सामने और मेरे पापा के सामने, मेरे पति मेरी माँ को कुतिया की तरह चोद रहे थे और तब भी आँखों में शर्म की जगह, मेरी चूत में पानी था… देख कामिनी, मज़े और पैसा तो दोनों बहुत हैं, इस धंधे में… बस इस टाइप की लाइफस्टाइल में, कभी यू टर्न नहीं होता…

दीदी ने बोला – बाप रे, आंटी… ऐसा भी होता है…

फिर दीदी थोड़ी देर शांत रही और फिर कहा – ठीक है, आंटी… मुझे मंजूर है… चुदाई का मज़ा भी लो और पैसे भी कमाओ, इसमें बुराई क्या है… वैसे भी रंडी तो मेरी सारी सहेलियाँ भी है क्यूंकी 2 3 बॉय फ्रेंड तो सभी के है… मैं साथ में पैसा भी कमा लूँगी… ढेर सारा पैसा…

आंटी ने फिर बोला – एक बार और सोच ले, कामिनी…

दीदी – सोच लिया, आंटी…

फिर आंटी ने फोन किया.

उस साइड पर, राजन अंकल थे.

आंटी ने स्पीकर चालू कर लिया.

उन्होंने दीदी की कंडीशन पूछी तो आंटी ने बोला – हालत छोड़िए… ये तो रंडी ही बनने को तैयार है… पैसे लेकर, चुदवाने को ये सही समझती है और इसे कोई ऐतराज नहीं है…

अंकल ने बोला – मैंने पहले ही कहा था… हरामखोर रंडी है, साली… एक काम कर, उसे 8 बजने पर तैयार कर देना… आज कामिनी का बाहर का प्रोग्राम है… एक हाइ क्लास पॉर्न मूवी बनाने वाला डाइरेक्टर और उसका प्रोड्यूसर सिटी मे आया हुआ है… तेरी बात हो चुकी थी… ये जाएगी तो काफ़ी अच्छे पैसे मिलेंगे…

आंटी ने बोला – क्या ये सेफ रहेगा… ??

राजन ने जवाब दिया – हाँ, क्यों नहीं… और तुम जैसी रंडियों के लिए क्या सेफ… तुम जैसी छीनाल, गली में कुतिया की मौत ही मरती हो… खैर, तू और तेरी माँ भी तो साली छीनाल है… मुझे फसाया की नहीं, तेरी बहन की लौड़ी अम्मा ने… देख रंडिया भी आम लड़कियों की तरह ही जीती हैं… बाहर भी जाती हैं… उनके बॉय फ्रेंड भी बनते हैं और पति भी… तेरी और तेरी माँ की किस्मत खराब थी, जो तुम्हें मैं मिला… कई चूतियों को कभी पता भी नहीं चलता… तू चिंता मत कर… और वैसे भी ये मूवी इंडिया में नहीं दिखाई जाएगी…

आंटी ने दीदी को देखा.

दीदी सब सुन रही थी.

दीदी ने थोड़ा सोचने के बाद, बोला – ठीक है… नो प्राब्लम… जीजू, सही कह रहे हैं और जब इंडिया में दिखाई ही नहीं जानी तो कैसी चिंता…

आंटी ने अंकल को बताया और फोन रख दिया.

ऐसा लग रहा था आंटी खुश नहीं थी पर दीदी तो शायद पैदा होते ही छीनाल बन गई थी.

फिर हम तीनों ने, थोड़ा मील लिया.

रुपाली ने दीदी को बाथरूम ले जाकर खुद ही नहलाया और फिर बाहर ले आई.

7 बजे तक, हम लोग मूवी देखते रहे.

फिर आंटी ने दीदी को हरी साड़ी, मिलते रंग का ब्लाउज, हरी ब्रा और पैंटी पहनने को दे दिया.

दीदी गोरी होने की वजह से, हरे रंग और साड़ी में कयामत लग रही थी.

फिर दीदी, अपने रूम मे आ गई.

आंटी ने एक ब्लू मूवी लगाई, जिसमे एक विदेशी गोरी लड़की को 3 नीग्रोस तीनों छेद में चोद रहे थे.

(दीदी का आज गैंग बैंग होने वाला था. राजन अंकल और उनके 6 दोस्तों के साथ. ये मुझे अगले दिन पता चला. इसीलिए आंटी दीदी को गैंग बैंग मूवी दिखा के तैयार कर रही थी.)

8 बजे तक, हम तीनों मूवीस देखते रहे.

(उस टाइम मुझे ये समझ नहीं आता था की इन गंदी मूवीस को देख कर, आख़िर लोगों को मिलता ही क्या है. मैं उस टाइम 12वी में ही तो थी. आज वही मूवीस मेरी लाइफ का एक हिस्सा हैं. लाइफ ऐसे ही तो चलती है.)

8 बजने पर, किसी ने डोर पे रिंग किया तो आंटी न दीदी को जाने को बोला.

दीदी बाहर गई तो उसने कल वाले ही एक लड़के को देखा, जो टाटा सफ़ारी के साथ बाहर दीदी को ले जाने आया था.

दीदी ने आंटी से डोर बंद करने को कहा और उस लड़के के साथ चली गई.

मैं सोच मे पड़ गई.

आख़िर, वो सब दीदी को बाहर क्यों ले गये.

वो सब काम यहाँ भी तो हो सकता था, तो फिर बाहर क्यों.

आज क्या होगा.

दीदी कल, किस हालत मे मिलेगी.

रात भर, मैं यही सोचती रही पर ये सब सोचने का अब कोई फायदा नहीं था.

दीदी, चुदवाने जा चुकी थी.

आख़िर वो उस राह पर चल पड़ी थी जिस पर चलने से उसको शायद, रुपाली रोकना चाहती थी.

खैर,

अगले दिन, मैं 10 बजने पर सो के उठी क्यूंकी पिछली दो रात से मैं ठीक से सो तक नहीं सकी थी.

उठते ही, मैंने देखा रुपाली आंटी और दो दूसरी औरतें (जो प्रोफेशनल रंडी थी) दीदी को बेहोशी के आलम मे दीदी के रूम मे ले जा रही थी.

बाहर एक बुलेरो खड़ी थी, जिसमे उसका ड्राइवर बैठा था.

ये दोनों रंडी, दीदी को घर पर छोड़ने आई थी.

मेरी कॉलोनी के सभी लोग ने दीदी को बुलेरो से उतरते देखा और उनकी हालत देख तमाशे का मज़ा ले रहे थे.

दीदी का ब्लाउज, लगभग पूरा फटा हुआ था.

उनका चेहरा और बाल, लड़कों के वीर्य से सने हुए थे.

होंठ के तो आज, दोनों किनारे फट गये थे.

(मैं उस वक़्त ये सोचने लगी, अब दीदी मम्मी को इसका क्या जवाब देगी.)

उन दोनों रंडी ने आंटी को कुछ दवाई दी, दीदी के लिए और जल्द ही वहाँ से चली गई.

उनके जाने के बाद, आंटी ने डोर लॉक किया और दीदी का फटा ब्लाउज उतार फेका.

दीदी का ब्रा, शायद उन लोगों ने रख लिया था.

दीदी, अभी भी बेहोशी की हालत में थी.

आंटी ने फिर दीदी को पूरा नंगा किया तो जो हमने देखा, उसे देख कर तो हम दोनों ही शॉक्ड रह गये.

मैं ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और रुपाली आंटी के मुंह से भी, कुछ बोलते नहीं बन रहा था.

दीदी के बूब्स को इतना दबाया और निचोड़ा गया था की निपल्स के आस पास लाल और नीले निशान पड़ गये थे.

गालों पर इतने तमाचे मारे गये थे की वो सूज कर डबल हो गये थे.

दीदी की गाण्ड पर, नाख़ून के नोचने के मार्क्स बनाए गये थे.

नीचे, दीदी के पेटीकोट मे भी काफ़ी सारा ब्लड लगा था.

उनकी थाइस और उसके जायंट्स पर, बेल्ट से मारने के निशान थे.

चूत तो आज, पूरी नीली पड़ चुकी थी.

दीदी की गाण्ड पर भी पीटने के मार्क्स थे.

Didi के बूब्स को ठीक से देखने के बाद, ऐसा लगा की वहाँ पर काफ़ी सारे नीडल चुभाये गये हैं.

Dii की गाण्ड पर इतने बेल्ट्स से मारा गया था की उसकी कही-कही थोड़ी सी चमड़ी भी निकल गई थी.

दीदी के मुंह से रह रह कर ‘कराह’ फूटती थी.

उनकी आँखों के नीचे, एक ही रात मे काले निशान पड़ गये थे.

एक ही रात में ऐसा लगा की वो कई महीनों से बीमार है.

आंटी ने तोलिये को गरम पानी में डाल कर, दीदी को पूरा सॉफ किया.

उनके बदन पर लगा हुआ खून, मूत और स्पर्म भी ठीक से सॉफ किया.

फिर आंटी, मेरे लिए चाय बना कर लाई.

आंटी और मैंने चाय, नाश्ते के साथ लिया.

हम दोनों दीदी के बगल में बैठ कर, दीदी के होश मे आने का इंतज़ार करने लगे.

इंतज़ार करते करते, हम दोनों दीदी के ही बेड पर दीदी के बगल में सो गये.

6 बजने पर, किसी ने रिंग किया तो आंटी ने जाकर डोर ओपन किया.

राजन अंकल थे.

वो उनको लेकर, रूम में लाई और दीदी के बारे में बताया.

दीदी की कंडीशन देख कर, अंकल ने दीदी को एक इंजेक्शन दिया. (शायद, उसमें कुछ ड्रग्स था.)

क्या सभी रंडी के साथ ऐसा ही होता है या राजन अंकल, पैसे के लिए मेरी दीदी की माँ बहन कर रहे थे.

वैसे ये तो मैंने सुना है की एक ना एक दिन, हर रंडी की जिंदगी में ये दिन आता है पर दीदी की तो शुरूवात ही ऐसे हुई.

थोड़ी देर बाद, दीदी को होश आने लगा.

वो करहाने लगी और उठने की कोशिश करने लगी.

आंटी ने पकड़ कर, दीदी को उठाया और उनकी पीठ को बिस्तर से सटा दिया तभी दीदी को वॉमिट जेसा फील हुआ.

वो बेड से नीचे उतरने की कोशिश करने लगी पर पैर नीचे रखते ही, बेड के नीचे गिर गई और वही पर उसने वॉमिट किया.

वॉमिट में ब्लड देख कर, आंटी भी शॉक्ड रह गई.

मैं फिर रोने लगी.

आंटी ने राजन अंकल से पूछा – ये क्या है… ??

अंकल ने बोला – कुछ नहीं… कल रात में, इसकी एक खास ब्लू फिल्म बनाई गई है… उसमें इसने अपना ही खून पिया… अपनी और कुछ और लोगों की छी छी को भी खाया… काफ़ी लोगों का स्पर्म भी पिया… हो सकता है, वो डाइजेस्ट नहीं हुआ होगा और अब बाहर उल्टी के ज़रिए निकल रहा है…

वॉमिट के बाद, दीदी को थोड़ा ठीक फील हुआ.

अंकल ने दीदी को आँख मारी और कहा – कामिनी, कल तो तूने कमाल ही कर दिया था… ये अलग बात है की तुझे थोड़ा ड्रग्स भी देना पड़ा… पर तूने एक रात में ही 10 लाख कमाए हैं…

(जी हाँ, ये दीदी की पहली कमाई थी और पहली ब्लू फिल्म भी. इसे कुछ खास पेड पॉर्न साइट्स पर दिखाया गया था. मैंने भी बाद मे देखा. दीदी ने बाद में बताया की बाहर की कंट्रीज़ में खास तौर पर, जर्मनी में वो सी डी काफ़ी बिकी भी थी)

उस सी डी में दीदी के साथ 15 लड़कों ने गैंग बैंग किया था.

उनमें से 12 लड़के विदेश के थे. 3 इंडियन थे.

सभी ने मंकी टोपी पहन रखी थी, सिवा दीदी के.

उस मूवी में, 15 लड़के ज़बरदस्ती रेप कर रहे थे.

दीदी ने उस मूवी में, काफ़ी अच्छी एक्टिंग की और बिहोश होने तक सभी लड़कों का पूरा साथ दिया था.

बेहोश हो जाने के बाद भी, उस मूवी मे दीदी का रेप होता रहा.

किसी ने भी रात भर, दीदी पर कोई रहम नहीं किया.

रात भर, दीदी को बेहोशी के आलम मे ड्रग्स दे देकर दीदी को हर तरह से चोदा.

ड्रग्स देने के बाद, दीदी की बॉडी में जान आ जाती थी और उनके गले से जानवर जैसी आवाज़ निकलती थी.

वो गाण्ड उछाल उछाल कर, अपने रेप करने वालों को सपोर्ट करती थी.

मूवी, बहुत ही गंदी थी.

कई लड़कों ने दीदी के ऊपर छी छी तक की.

शायद, उसके बाद इतनी बेदर्द और इतनी गंदी ब्लू मूवी मैंने कभी नहीं देखी.

डाइरेक्टर, दीदी को आफ्रिका ले जाना चाहता था और ज़्यादा मूवीस दीदी पर बनाने के लिए पर ये उस वक़्त दीदी के लिए संभव नहीं था.

कुछ दिनों बाद, मैंने दीदी से पूछा – क्या हुआ था उस रात… ज़्यादा प्राब्लम हुई थी… ??

दीदी ने बोला – ईशा असल में, कुछ नहीं हुआ था… वो एक बी डी एस एम था और मुझे लगता है, मुझे ये काफ़ी पसंद है और यही मेरा टेस्ट है… मुझे इसी मे ज़्यादा मज़ा आता है और इस बार, तो काफ़ी अच्छे पैसे भी मिले… चलता है, यार… और यार सोच, 10 लाख… मम्मी को महीने भर काम करके 10,000 मिलते हैं…

फिर दीदी ने एक राज़ और खोला की वो 15 साल की उम्र से चुद्वा रही हैं.

उनकी पहली चुदाई, इसी घर में छत पर हुई थी और अब तक वो बिना चुदवाए जिंदा नहीं रह सकती.

उन्होंने बताया की स्कूल टाइम में ही यानी, मेरी उम्र से भी पहले उनका चक्कर दो लड़कों से रहा और दोनों ने उनको चोदा था.

पहली चुदाई, उन्होंने इंग्लीश कोचिंग के एक लड़के के साथ घर की छत पर की थी.

कॉलेज में पढ़ने पर भी उसके 4 बॉय फ्रेंड बने थे और चारों ने कई बार दीदी को हॉस्टल में, पी जी में और उनके रूम पर लेजा कर खूब चोदा.

एक बार तो वो दो लड़कों के साथ, एक साथ चुदीं.

मैं सोच में पड़ गई की उस टाइम, मुझे और मम्मी को कुछ पता नहीं चला.

दीदी का कॉलेज, दूसरे शहर में था.

खैर, दीदी को 15 दिन लगे रिकवर होने में.

उसके बाद भी उनकी चाल में लड़खड़ाहट थी पर वो काफ़ी हद तक ठीक थी.

वो 15 दिन, मेरे काफ़ी सुकून से गुज़रे.

आंटी और मैं, रोज दीदी की 3 टाइम तेल से मालिश करते.

दीदी को भी अब मालिश करवाना, काफ़ी पसंद आ रहा था.

प्रॉपर मेडिकेशन और हेल्त सप्प्लिमेंट से, वो जल्दी ही ठीक हो गई.

इसी बीच कॉलोनी वाले हमारे घर की और देख कर, जाने कैसी कैसी बातें बनाने लगे थे.

मुझे देख कर, कॉलोनी के मनचले लड़के ‘अश्लील इशारे’करने लगे थे.

दीदी तो बाहर निकलती ही नहीं थी.

मम्मी के अभी घर आने में, हफ़्ता भर बाकी रह गया था.

दीदी इस टाइम का और कमाई के लिए, उपयोग करना चाह रही थी.

उन्हीं दिनों, जब मम्मी के आने में वक़्त था एक रात मैं दीदी के साथ लेटी हुई टीवी देख रही थी तो मैंने दीदी से कहा – दीदी, ये सब छोड़ दो…

दीदी ने, मेरे से बोला – तू जब बड़ी हो जाना और जब तेरी चूत में खुजली हो और तुझे ऐसा मोका मिले तो छोड़ के दिखा देना तो मैं मान लूँगी…

कितना सच कहा था, दीदी ने.

हेल्लो दोस्तों, आज मैं अपनी इस Indian sex kahani का आखिरी भाग पेश करने जा रही हूँ. दीदी ये सब छोड़ना नहीं चाहती थी, बल्कि वो मुझे भी वो अपनी इस राह पर चल के लिए तैयार कर रही थी. मज़े से पढ़िए..

उन्हीं दिनों, जब मम्मी के आने में वक़्त था एक रात मैं दीदी के साथ लेटी हुई टीवी देख रही थी तो मैंने दीदी से कहा – दीदी, ये सब छोड़ दो…

दीदी ने, मेरे से बोला – तू जब बड़ी हो जाना और जब तेरी चूत में खुजली हो और तुझे ऐसा मोका मिले तो छोड़ के दिखा देना तो मैं मान लूँगी…

कितना सच कहा था, दीदी ने.

15 दिन बाद, दीदी चलने फिरने लायक हो गई थी.

दीदी छत पर, शाम में टहल रही थी.

कॉलोनी के लड़कों, अंकल और आंटी दीदी को देख कर आपस में कनाफूसी कर रहे थे.

मैंने दीदी से बोला – प्लीज़, नीचे चलो…

दीदी ने झटके से, मेरा हाथ छुड़ा कर मेरे से बोला – मुझे मज़ा आ रहा है… हो सकता है, कोई ग्राहक मिल जाए… तुम नीचे जाओ, ईशा… मुझे थोड़ा इन सबको टीज़ करने दो… पता लगने दो की मेरी जैसी ब्यूटिफुल गर्ल कहीं नहीं है… मादर चोद, हरामी साले.

मैं नीचे चली आई.

दीदी भी थोड़ी देर बाद, नीचे आ गई.

उसने आंटी से बोला – ईशा को लेकर, आज अपने घर चले जाना… मैंने कुछ मामला सेट किया है…

आंटी ने पूछा – किससे… ??

दीदी ने बताया – बगल वाले, रॉय अंकल से… 15000/- में…

आंटी ने दीदी के गाल चूमते हुए कहा – तू पूरी रंडी निकली…

डिनर के बाद, रुपाली आंटी मुझे लेकर अपने घर चली आई.

उधर दीदी ने मेरे जाने के बाद, हमारे पड़ोसी रॉय अंकल को बुलाया.

उनसे पैसे लिए और उनके साथ सेक्स किया.

रॉय अंकल, काफ़ी खुश थे पर दीदी शायद उतनी नहीं पर पैसे तो मिले ही थे.

अगले दिनों भी दीदी ने ऐसा ही किया.

दिन में भी किसी ना किसी कॉलोनी वाले को बुला लेती… 10,000 – 15000/- में मामला सेट करतीं.

उसके साथ दिन में सेक्स करतीं और रात में किसी और को बुला कर उससे भी इतने ही पैसे चार्ज करती और उसके साथ सेक्स एंजाय करती.

वो उन दिनों काफ़ी कम सोती थी.

उसका पूरा ध्यान “सेक्स और पैसों” पर ही था.

केवल 1 महीने में ही, दीदी ने अपनी चूत के दम पर 12 लाख बना लिए और उसको अपने बैंक के अकाउंट में जमा किया.

मुझे याद है, बैंक में डेपॉज़िट करने के अगले दिन ही मम्मी घर वापस आ गई.

उनके आने के कुछ दिनों बाद तक घर पर सब कुछ ‘शांत’ रहा.

दीदी ने भी अपना माइंड कुछ दिनों के लिए सेक्स पर से हटा लिया था शायद या वो काफ़ी थकान महसूस कर रही थी या दीदी के दिमाग़ मे कुछ और ही चल रहा था… …

मम्मी के गाँव से आ जाने के बाद, दीदी एकदम शांत रहती थी.

बस हमेशा बुक्स खोल के पढ़ने का दिखावा करती थी या शायद पढ़ती भी थी क्यूंकी उसे पढ़ना बहुत पसंद था.

हमारे पड़ोसी, हमारे परिवार से जलन रखते थे क्यूंकी उस कॉलोनी में हमारा परिवार ही सबसे अमीर था इसलिए दीदी ने क्या क्या ‘गुल’ खिलाया, वो सब मम्मी को नहीं पता चला.

दीदी ने भी चैन की साँस ली पर हमारे कुछ पड़ोसी दीदी पे ‘गंदी नज़र’रखते थे.

उनके दिमाग़ में, अब दीदी को घेरने की प्लांनिंग चल रही थी.

अब मैं, कॉलेज में आ गई थी.

मैं रोज़ 7 बजने पर जाती थी और 2 बजे वापस आती थी.

दीदी का कॉलेज, 10 बजे से 4 बजे तक चलता था.

मम्मी की ड्यूटी, कभी दिन में और कभी कभी रात मे लगती थी.

इसी तरह, हमारी लाइफ 1 महीने तक बहुत मस्त चली.

उसी 1 महीने के अंदर, सामने वाले राजन अंकल और रुपाली दीदी का ट्रांसफर कहीं और हो गया और वो दोनों वहाँ से शिफ्ट कर गये.

जाते वक़्त, दीदी रुपाली से लिपट कर काफ़ी रोई और दोनों काफ़ी दुखी थी.

इधर, दीदी कॉलेज जानी लगी तो जिन 2 लड़कों ने दीदी के साथ पैसे देकर रात गुज़री थी,

उन दोनों ने, दीदी को कॉलेज मे बदनाम कर दिया.

शायद उन्होंने दीदी का वीडियो बना लिया था जो अब उनके कॉलेज में हर लड़के के मोबाइल पर था.

मैं ये भी सुना की आते जाते खुले आम, लड़के उनके मम्मे दबा देते थे.

एक लड़के ने तो क्लास में, उनकी लेगिंग ही नीचे खींच दी थी.

दीदी, अब कॉलेज नहीं जाती थी.

बहुत ही मजबूरी में, कभी कभार जाती थी.

मम्मी दफ्तर चली जाती और मैं भी अपने कॉलेज चली जाती और दीदी घर पर अकेले रह जाती.

इसी तरह, 1 महीना और गुजर गया.

मुझे लगा की दीदी को अब अपने द्वारा की गई ग़लतियो का पछतावा हो रहा है.

एक दिन, मैं कॉलेज से 2 बजे वापस आई तो मैंने डोर पर कॉल-बेल रिंग किया तो दीदी ने 5 मिनट बाद डोर ओपन किया.

दीदी का चेहरा एकदम लाल था और पूरा शरीर, पसीने से भीगा हुआ था.

मुझे समझ नहीं आ रहा था की क्या पूछूँ… ??

दीदी का चेहरा लाल क्यों है और वो पसीने से भीगी क्यों हैं… ??

मैंने कुछ नहीं बोला.

किचन गई और अपना खाना ले कर, अपने रूम में खाया.

जब मैंने खाना खा लिया तो दीदी मेरे रूम में आई और उन्होंने मेरे को बोला – ईशा, मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए… मेरा एक काम करो और इस बारे में किसी को नहीं बताना…

मैंने पूछा – बोलो दीदी, क्या करना है… ??

तो वो बोली – वादा करो… ?? इस बारे में किसी को भी नहीं बताओगी… ??

मैंने वादा कर दिया पर मुझे समझ नहीं आ रहा था की ऐसा क्या करना पड़ेगा… ??

दीदी उसके बाद किचन से 2 मोमबत्ती ले आई और 1 की बत्ती जला दी.

उसके तुरंत बाद, वो पूरी की पूरी “नंगी”हो गई.

मैंने उनकी बॉडी देखी तो देखते ही रह गई.

सच में, कितनी सुंदर थी वो.

मैंने उनकी बॉडी देखी तो देखते ही रह गई.

सच में, कितनी सुंदर थी वो.

“36 कप्स” के दूध.

छोटे से, भूरे निप्पल जो इरेक्ट थे.

चूत के ऊपर, काफ़ी जंगल था. (ना जाने क्यूँ अब वो शेव / ट्रिम नहीं करती थी.)

वो अब मुझे देख के मुस्कुरा रही थी.

फिर मेरे को एक किस करने के बाद, वो बेड पर लेट गई.

अपनी दोनों टाँगों को, उसने फैला दिया.

इससे उसकी “चूत का मुंह”खुल गया.

उनकी चूत का मुंह एकदम “गुलाबी”था और खुल के बंद हो रहा था.

दीदी ने मेरे हाथ को, अपनी जांघों के बीच कर लिया.

अब दीदी की चूत, ठीक मेरी नज़र के सामने थी.

मैं उसको अब सूंघ भी सकती थी.

कितनी प्यारी और मदहोश कर देने वाली “मादक स्मेल” थी, उनकी चूत से जो आ रही थी.

दीदी ने कहा – ईशा, चाट ना मेरी छीनाल चूत…

मैं चाहती थी या नहीं पर उनकी चूत, मैं अब चाट रही थी.

जीभ को नीचे से ऊपर की तरफ चूत के दाने तक ले जाकर, मैं थोड़ी देर तक चाटती रही.

दीदी नीचे से गाण्ड उठा उठा कर, मज़े ले रही थी.

उनकी आँखें खुशी से बंद थी.

—————क्रमशः—————

इस मस्त lesbian sex story का अगला भाग जल्द आएगा..

तब तक और भी मस्त sex stories पढ़ते रहिये My Hindi Sex Stories पर..

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