मेरा नाम धीरज है और मैं आप लोगों को अपनी सच्ची कहानी बता रहा हूँ जो की कुछ साल पहले मेरे साथ हुई. मेरी माँ एक बहुत की कामुक औरत है और उनकी प्यास का बुझना कोई छोटी बात नही. उस प्यास के कारण माँ बहार भी मुह मारती थी, और मैं उनका बेटा होक भी मदद नही कर पा रहा था. एक बेहद maa ki gahri pyaas hot hindi sex story पढ़िए..
मैं अपनी माँ के साथ एक गाँव मे रहता हूँ. मैने शहर के एक स्कूल से 12 पास की और गाँव मे आ गया अपनी माँ के साथ रहने और खेती बरी संभालने. मेरी माँ चाहती थी की मैं शहर मे ही रहूं पर मेरे पापा ने ज़ोर देकर कहा की अब मुझे ही खेती बरी संभालने हैं सो मैं गाँव मे आ गया. मेरे पापा शहर मे रहते हैं और महीने मे एकबार ही घर पर आते हैं. हमारे घर पर दो कमरे थे,
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एक मेरा और दूसरा मेरी माँ का.मेरी ऐज 19 है और माँ की 40 है. मेरी माँ एक बहुत ही कामुक औरत है. माँ वैसे तो घर मे सारी, ब्लाउस और लहंगा पहनती है पर रात को सोते समय अपना लहंगा खोल कर सिर्फ़ ब्लाउस और सारी पहन लेती है. मेरी माँ के माममे 38D साइज़ के हैं और उसकी गाँड बहुत टाइट दिखती है. रात को सोते समय अक्सर मैं उनके मम्मो को देख सकता हूँ उनके ब्लाउस से झँकते हुए जब वो सो रही होती है तब.
एक दिन मैने उनके जाँघ देख लिए. वो सो रही थी और उनकी सारी जाँघ पर आ गयी थी तो मैने उसके सफेद सफेद जाँघ देख लिए. मेरा लंड एकद्म खड़ा हो गया और मैं जल्दी से बातरूम मे जाकर मूठ मारकर आ गया. मैने सोचा पता नहीं माँ नंगी कैसे दिखती होगी. मेरे जाने के कुछ दीनो बाद से ही मैने देखा की माँ थोड़ी बेचैन है. मैने पूछा तो माँ बोली की कोई परेशानी नहीं है. maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
कुछ दीनो के बाद मेरे चाचा आए. उनकी उमर 60 थी. मैने देखा की माँ बहुत खुश लग रही है. चाचा को रात को रहना था हमारे घर पर और अगले दिन सुबह को अपने गाँव लौटना था. चाचा को दूसरा कमरा देकर माँ बोली की मैं रात को उनके साथ ही बिस्तर पर सो जाओं. रात को मैं और माँ बिस्तर पर सो गये.
अचानक कुछ आवाज़ से मेरी नींद टूटी तो देखा की माँ कमरे का दरवाज़ा बंद करके कहीं जा रही है. मैने सोचा रात को माँ कहाँ जा रही होगी. मैं उठा और दूसरे दरवाज़े से बाहर आकर देखा की माँ चाचा के कमरे मे जा रही है. मैं जल्दी से खिड़की के पास गया और उसमे से चुपके चुपके देखने लगा.
माँ के घुसते ही साथ चाचा बोले, ‘कितनी देर लगा दी तुमने शीला, कब्से मेरा लंड फंफंना रहा है. माँ बोली, “ धीरज के सोने का इंतेज़ार कर रही थी मैं तो. चूत तो मेरी भी कब से पानी छोड़ रही है आप के घोड़े जैसा लंड के बारे मैं सोच के, मैं भी बहुत बेचैन हूँ आपके मोटे डंडे को सहलाने के लिए. देखिए ना मेरी चूत कैसे तड़प रही है आपके लंड को पाने के लिए.”
यह बोलकर माँ ने जल्दी से अपनी साडी कमर तक उठाई और चाचा को अपनी चूत दिखाने लगी. मैने भी माँ की चूत को देखा, चूत पर बाल का तो कोई निशान भी नही था, चाचा ने झट से अपनी हथेली उसकी चूत पे रख दी और उसे घिसने लगे. माँ अपने हाथ को चाचा के लूँगी के पास ले गये और उसे खोल दिया. जैसे हे माँ ने चाचा का लंड देखा “है हाए दायया ! 4 साल पहले भी तो आप से ही चुदवाती थी पर उस वक़्त तो इतना बड़ा नही था ”
चाचा बोले सर्जरी करवाइ है मेरी कुट्टिया, चल अपने कपड़े उतार और जल्दी नंगी हो जा. 4 साल हो गये तुझे चोदे हुए.”अब मैं समझा क्यूँ माँ चाहती थी की मैं शहर मे ही रहूं.
जिससे की वो चाचा से चुदवाती रहे. अब जल्दी से अपने कपड़े उतरने लगी और अपनी चोली और सारी को उतार फेंका. तब तक चाचा भी नंगे हो गये. अब मैने माँ को पूरी तरह नंगा देखा. उसके मुममे बहुत बड़े बड़े थे और उसके निपल तो एकदम खड़े थे. चाचा का लंड करीब 9+ होगा अब चाचा लेट गये और माँ झट से चाचा के उप्पर 69 के पोज़िशन मे हो गये.
चाचा ने माँ की चूत को चाटना चालू किया और माँ ने चाचा के लंड को चूसने लगी. माँ अपने मूह मे चाचा के लंड को ले लिया और उसको पूरी तरह से अपने मूह मे घुसने लगी. उधर चाचा माँ की चूत को चाटने के साथ साथ उसकी चूत अंदर अपनी दो उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगे.
माँ धीरे धीरे ऊउउइईई माआअ ….. आआहह……. ऊऊओह…. करते हुए सिसकियाँ लेने लगी.
माँ …”आप की उंगली भी किसी लंड जैसे है भैया,
चाचा….” उंगली लेते वक़्त भैया ना कहा कर रानी.
माँ अब चाचा के लंड को बहुत ज़ोर ज़ोर से चूस रहे थी और उनके अंदो (बॉल्स) को दबाने लगी. चाचा बोले,” आबे साली मेरा माल मूह मे ही ले लेगी तो तेरे चूत मे लंड कौन लेगा. चल सीधी होकर मेरे लंड पर बैठ जा और सवारी शुरू कर दे.”
माँ कुछ देर तक वैसे ही चाचा के लंड को चूस्टी रहे फिर उठकर सीधी हो गयी और चाचा के पैरो के बीच बैठ कर उसके लंड को हाथ से मसालने लगी.
फिर माँ झुकी और चाचा के लंड को चाटने लगी और फिर पूरा लंड मूह मे घुसा लिया. ऐसा करते समय माँ की गाँड उप्पर हो गयी और मुझे उसकी गाँड और चूत दोनो की एक साथ दर्शन हो गयी. maa ki gahri pyaas hot hindi sex story and She has also worked with some of the top Raipur Call girls gaining valuable experience and enhancing her skills in the industry.
तब मैने देखा की माँ जैसे जैसे चाचा का लंड और थैला चूस्टी चाचा भी अपने पैर के अंगूठे से माँ की चूत पर घिसते जाते. अचानक मैने देखा की चाचा का अंगूठा पूरा माँ की चूत मे चला गया है और माँ अचानक ही एक ज़ोर की सिसकी लेकर चाचा के उप्पर लेट गयी. मैं समझ गया की माँ ने अपना पानी छोड़ दिया चाचा पर.
चाचा ने अब माँ की चुचि से खेलना शुरू किया और उसे मूह मे ले लिए. दूसरे चुचि को वो हाथ से दबाने लगे और उसकी घुंडी को मसालने लगे. माँ एकद्म से फिर गरम हो गयी और चाचा के लंड से खेलना शुरू कर दिया. अब माँ चाचा के लंड को हाथ से पकड़ कर अपने चूत को पास लाई और धीरे से उस पेर बैठ गयी और उनके लंड को अपने चूत मे दल लिया.
मैं तो काफ़ी पहल ही गरम हो गया था और अपने लंड को हाथ से घिस रहा था. जैसे ही माँ के चूत मे चाचा का लंड पूरी तरह गया मैने अपना माल छोड़ दिया ककच्चे के अंदर ही. अब माँ बड़े ही मज़े से चाचा के लंड की सवारी कर रही थी और चाचा भी मज़े से माँ के मम्मो से खेल रहे थे. इसी बीच माँ ऊउउइईई … माआ……. अहह…….. ऊऊउउइईई……. करते हुए एक और बार पानी छोड़ दिया. चाचा ने तब उसे अपने लंड से उतरा और बिस्तर पर उसे लिटा कर उसे चूत मे अपनी लंड दल दी और धक्के मरने शुरू किए. उनका पूरा लंड माँ की चूत मे घुस गया था और उसका थैला माँ की चूत के नीचे जाकर धक्के मार रहा था.
माँ के मूह से …. उउक्क …. उऊउक्कककक …. उउउम्म्म्मम … ऊओउउइईई ….. ऊओफफफफ्फ़….. की आवाज़े निकल रही थी और उसने अपनी आखें बंद कर ली थी. अचानक चाचा बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने लगे और थोड़ी देर मे उसने अपना पूरा गरम माल माँ के चूत मे छोड़ दिया. मुझसे सहा नही गया और मैने एकबार फिर अपने ककच्चे मे अपना माल छोड़ दिया.
इसके बाद मैं जा कर सो गया. शायद माँ और चाचा ने एक और राउंड चुदाई की और फिर सो गये. सुबहह को चाचा अपने गाँव चले गये. उसके बाद एक दिन रात को माँ मुझसे बोली,” धीरज, आज तू मेरे साथ ही सो जाना”. मैं बहुत खुश हुआ की शायद आज मुझे माँ को नंगा देखने मिलेगा. मैं रात को माँ के बिस्तर पर लेट गया.
थोड़ी देर मे माँ आई और मेरी तरफ अपनी पीठ करके अपनी चोली उतार दी.उस ने सोचा शायद मैं सो गया.अब तक माँ के एक चुचि पर से सारी हाथ गये थी और मेरे आँखों के सामने उसकी एक चुचि थी. यह देख मेरा लंड टाइट हो गया. मैं माँ की तरफ मूह कर क सो गया वो करवट बदलती- बदलती मेरा लंड को टच हो गया maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
लगता है की माँ गरमा गयी थी, रंडी साली. फिर एक नाख़ून से मेरे लंड की टोपी को धीरे धीरे से गिसने लगी . मैं भी आगे-पीछे होने लगा. मेरा टाइट लंड अब उनके सामने था. माँ बोली,” उई माँ ! यह क्या है तेरे जाँघो के बीच मे इतना बड़ा सा. बेटा तेरा लंड तो बिल्कुल टाइट है. और तेरी झाण्टे भी बहुत घनी है. तेरा लंड तो बहुत बड़ा है धीरज. यह कैसे हो गया?’
मैं बोला, ”मैं भी जवान हो गया हूँ. पर यह अभी पूरा बड़ा कहाँ हुआ है, अभी तो तोड़ा बाकी है. हाथ से सहलाने से पूरा बड़ा हो जाएगा.” माँ बोली, “अर्रे बेटा मुझे मालूम ना था की तू इतना बड़ा हथियार घर मैं हे ले क घूम रहा है, नही तो दिन मैं 4-4 बार चोदवाती तुझसे. पर तेरा ये लंड तो सचमुच ही बहुत बड़ा है. क्या मैं इसे थोडा सहलाके देखूं और कितना बड़ा हो सकता है?”
यह बोल कर माँ ने झट से मेरा लंड अपने हाथ मे ले लिए ओर उसे घिसने लगी जिससे की मेरा लंड बिल्कुल खड़ा हो गया. अब माँ बोली, “धीरज, क्या तेरा लंड क्या हमेशा इतना बड़ा रहता है?”
मैं बोला, “ नही माँ तेरी गाँड देख कर ऐसा हो गया है.”
माँ, “अर्रे शैतान तेरा लंड अपनी माँ के गाँड देख कर बड़े हो गयी है. मैं तुझे मज़ा चखाती हूँ.” यह बोल माँ ने मेरा लंड अपने मूह के पास ले गयी और लंड के टोपी को चूसने लगी. मैं तड़प उठा. माँ हंसकर बोली, “तुझे आज मैं पूरा मज़ा चखाती हूँ.”
फिर माँ ने मेरे सूपाडे को अपने मूह मे ले लिया और धीरे धीरे चूसने लगी साथ ही मेरे अंदो (बॉल्स) को हाथों से मसालने लगी. अब माँ ने मेरा पूरा लंड अपने मूह मे ले लिया और ज़ोर ज़ोर से अपना मूह अप्पर नीचे करने लगे. मैं अपना लंड माँ के मूह से बाहर आते और अंदर जाते हुए देखने लगा.
फिर माँ ने मेरे लंड को निकल कर मेरे अंदो से खेलने लगी और उन्हे चाटने लगी फिर अचानक से पुर थैले को मूह मे लेकर चूसने लगी. मैं सुख से कराह उठा. थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा और फिर माँ मेरे पास लेट गयी और मैने उसके वक्षो को मूह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया. साथ ही मैने अपना दूसरा हाथ माँ के साड़ी के अंडर डाल दिया और उसके चूत को सहलाने लगा. माँ के चूत से पानी निकल रहा था.
माँ बोली, “अरे रावी बेटे मेरे लाल ज़रा मेरे नीचे वाले होंठ को चूस कर मुझे मज़ा दे मेरी जवानी का. चल अपनी माँ की साड़ी उतार कर नंगा कर दे. »
मुझसे रहा नही गया और मैने झट से उसकी साड़ी उतार दी एर उसे नंगा कर दिया. माँ ने अपने पैर फैला दिए थे और मेरा सिर उसके चूत की तरफ खिचने लगी. मैं जल्दी से उसके चूत को चाटने लगा. उसकी चूत बहुत फूली हुई थी और उसके चूत के होंठ एकदम खुले हुए थे
एग्ज़ाइट्मेंट मे. उसमे से उसका रस भी चूत रहा था. मैने अपने मूह उसके चूत पर लगा दिया और उसके होतों को फैला कर उसके चूत के अंडर भी अपनी जीभ घुसा दी और उसे अपनी जीभ से चोदने लगा. माँ को बहुत मज़ा आ रहा था.
उस पर बॉल नही थे मैने पूछा मा”तुम्हरे बॉल क्यो नही है बेटा, तुम्हारी माँ की ये सड़क भी तो चलती रहती है. थोड़ी देर बाद माँ बोली, “अब तू लेट जा और मैं तेरी सवारी करती हूँ.”
मैं जल्दी से लेट गया और माँ मेरे दोनो तरफ अपने पैर फैला कर मेरे लंड के अप्पर धीरे धीरे बैठने लगी. जल्दी ही मेरा ताना हुआ लंबा लंड माँ के चूत मे था. उसके गरम चूत मुझे बहुत गर्म कर चुकी थी. इसके बाद माँ धीरे धीरे मेरी सवारी करने लगी और आगे पीछे होने लगी.
10 मिनिट तक माँ मुझे चोदती रही और फिर झड़ गयी. अब मैने माँ को लिटाया और जल्दी से उसके चूत मे अपना लंड डाल दिया और उसे घपा घाप घपा घाप चोदने लगा. माँ अपनी गाँड उछाल उछाल के मेरा साथ देने लगी. माँ ने अपने पैर पूरे फैल्ला दिए जिससे की मैं पूरी तरह उसके चूत मे लंड पेल सकूँ.
मेरा आँड का थैला उसकी चूत से टकराने लगा और माँ मज़े से चोदवाती रही. करीब बीस मिनिट टुक लंड पेलने के बाद मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ और माँ भी समझ गयी तो उसने मुझे अपने अंदर ही झड़ने के लिए बोल दिया और मैं वैसे लंड पेलते हुए उसके अंडर झाड़ गया.
फिर मैं माँ से पूछने लगा की इस किस से चूत ढीली करवाई है तो माँ बोली”1 तो तेरे नाना जब मैं 14 की थी वो ढ़ाचा दच्चा चोद्ते था.मेरे चारो भाई. और जो मैं मार्केट जाती तो 1 या 2 से डेलीकरवा आती वो मुज़े याद नही,पर बेटा आज तक 1 भी दिन नही गया जब मेरी चूत मैं कुछ ना गया हो..लंड नही तो मुल्ली, maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
फिर मैने माँ से पूछा काबी गांद मरवी है ,
मा” नही वो मर्वानी भी नाही.
मैने कहा मैं मारना चाहता हो,
वो बोली मुज़े मेरे पिया की कसम कभी नही करना वैसे मैने,
मैं बोला. मैं तो बस ऐसे हे पूच रहा था मा.
2 दिन बाद मैं ओर माँ सेक्सी मूवी देख रहे थे उस मैं लड़का लड़की को उल्टिकार उस के हाट बेड की 1 साइड बाँध दियाया फिर उस की चुदाई की तभी मेरे दिमाग़ मैं आइडिया आया माँ की गंद की धगिया उड़ा डुगा.
मैने माँ को वैसे हे सेक्स करने को कहा वो तो तैय्यर बैठे थी, मैने माँ क हाथ बेड क आगे ओर पैर पीछे बंद कर यूयेसे फ्लाइयिंग सूपरमन की पोज़िशन मैं किया ता क गाँड मार साकु, मैं माँ की चूत मैं उंगली डाली गील्ली थी मैं वाहा से ही चूत का पानी उस की गंद मैं लगाने लगा ओर मिद्देल फिंगर ‘घुप’से दल दे.
माँ को चल समाज आ गई बोली ,कुत्ते ज्ञड़ का ख़याल डेमाग से निकल दे,मैने लंड पर टेल की मालिश करने लगा माँ की आइज़ मैं डर के आँसू आ गये 8 इंच का लंड गाँड
की मोरी सदा के लिए खोल देगा, मैने कहा लंड क लिया रेडी हो जा
माँ,नही बेटा ऐसा ना करते , मैं लंड को छेड़ पर रख कर 1 तूफ़ानी जटका मारा ओर बाल्स तक मेरा लंड माँ की गाँड मे धँस दिया , माँ चिड़िया की तरह छटपटा उठी उसक मूह से खुल के एक चीख निकल गयी ‘आआआ एयाया आऐययई ईईईईईई ईईईईई ईईईईईई ईईईईईई ईईईई,, मैं सारा लंड माँ की गाँड मे डालकर 16 मिंट तक वैसे ही लेता रहा ओर माँ क चुप होने का इंतज़ार करता रहा,15 मिंट बाद वो सिर्फ़ पायट मैं हे रो रही थी फिर मैने धीरे- धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा,वो फिर रोने लगी मैने 1 घंटे तक माँ की गाँड मरि अब मैं थोड़ी देर रुक जाता ओर अपनी उंगली काट लेता जब मैने गाँड से लंड बाहर निकाला मुज़े माँ पर तरस आ गया माँ की गाँड का छेद दो रुपये सिक्के जितना बड़ा हो गया था,,
ओर बेड पर भी खून गिर रहा था, उस रात माँ की 6 बार गाँड मारी,3 दिन तक माँ को चलने में प्रेशानि होती रही 2 दिन तक च्छेद पर उंगली रकति ओर कहती हराम के देख कितनी खोल के रख दी. मैने कहा सॉरी मां,फिर धीरे 2 माँ गान्डू भी बन गई,
इस धीरजवार को मैं घर पर ही था छुट्टी होने की वजह से तो जब मैं सोकर उठा तो मेरी माँ घर की साफ सफाई कर रही थी। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
माशा अल्लाह !
क्या लग रही थी वो !
सिल्की गुलाबी रंग के गाउन में उनके स्तन तो गाउन से बाहर निकलने को ही हो रहे थे। अगर ब्रा ना होती तो माँ के स्तन बाहर निकल चुके होते। और उनकी गांड तो मानो ऐसे मुझे उकसा रही थी कि आ बैल- मेरी मार। मैंने अपनी माँ को पहले कभी ऐसी नजर से नहीं देखा था पर मैं करता भी क्या ! मैं अभी उनके नितम्बों को देख कर सोच ही रहा था कि इतने में उन्होंने कहा- धीरज, धीरज , आज पूरे दिन पड़ा ही रहेगा या उठेगा भी ! बिस्तर से खड़ा हो ! मुझे यहाँ सफाई करनी है, कितना गन्दा कर रखा है तूने अपना कमरा !
मैं बोला- होता हूँ खड़ा !
और मैं खड़ा हो गया पर यह भूल गया कि मेरा लंड भी जोश में आकर खड़ा हो गया था, वो तो बस घुस जाना चाहता था माँ की गांड में !
मैंने उसे ठीक किया और बाहर आ गया।
बाहर पिताजी अखबार पढ़ रहे थे। इतने में मेरे दोस्त मुझे बुलाने के लिए आ गए क्रिकेट मैच के लिए।
मैं भी फिर जल्दी से नहा धोकर अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने चला गया पर पूरे दिन में अपनी माँ के सेक्सी ख्यालों में खोया रहा और उस दिन ढंग से खेल भी नहीं पाया।
शाम को 6 बजे जब मैं घर पर आया तो घर बिलकुल सुनसान सा पड़ा था, लग रहा था कि कोई नहीं है। पर जब मैं अन्दर घुसा तो मैं तो हैरान ही रह गया।
पापा मम्मी को चोद रहे थे। वो अब मेकअप करके किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। मैं यह सब बाहर दरवाजे के बगल में खड़ा होकर देख रहा था। क्या लग रही थी वो ! पापा मम्मी के बोबों को ऐसे दबा रहे थे कि आज ही सारा दूध निकाल लेना चाहते हो !
वो कह रहे थे- रुपाली , आजा मेरी जान ! अब तो महीने भर बाद ही मौका मिलेगा तुझे चोदने का !
शायद वो ऑफिस के काम से बाहर जा रहे थे।
माँ ने कहा- तो जा क्यों रहे हो ? इस जान को छोड़कर मत जाओ न ! मेरा दिल नहीं लगेगा, इतने दिन में मैं तो पागल ही हो जाऊँगी तुम्हारे बिना !
पापा माँ को छोड़कर शहर से बाहर जा रहे है, तो अब माँ की प्यास कौन बुझाएगा? बिलकुल, सही सोचा है आपने, उनका लायक बेटा! इस hot mother sex story का नेक्स्ट पार्ट..
पापा मम्मी को चोद रहे थे। वो अब मेकअप करके किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। मैं यह सब बाहर दरवाजे के बगल में खड़ा होकर देख रहा था। क्या लग रही थी वो ! पापा मम्मी के बोबों को ऐसे दबा रहे थे कि आज ही सारा दूध निकाल लेना चाहते हो ! maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
वो कह रहे थे- रुपाली , आजा मेरी जान ! अब तो महीने भर बाद ही मौका मिलेगा तुझे चोदने का !
शायद वो ऑफिस के काम से बाहर जा रहे थे।
माँ ने कहा- तो जा क्यों रहे हो ? इस जान को छोड़कर मत जाओ न ! मेरा दिल नहीं लगेगा, इतने दिन में मैं तो पागल ही हो जाऊँगी तुम्हारे बिना !
अरे, रुपाली क्यों चिंता करती हो? एक महीने बाद आ तो रहा हूँ मैं ! फिर से चोदूँगा तुझे मेरी जान ! पर काम तो काम है न ! वो तो करना ही पड़ेगा।
माँ बोली- हम्म ! वो तो है मेरे राजा !
पापा ने कहा- रुपाली ,चल अब घोड़ी बन जा ! काफी देर हो गई चूत मारते हुए !
तो माँ बोली- तुम मर्द लोगो को गाण्ड में ऐसा क्या मजा आता है?
और पापा ने मम्मी को घोड़ी बनाया और चोदने लगे।
क्या आवाजें निकाल रही थी माँ चुदते हुए ! मेरा लंड तो फनफनाने लगा था उनकी अवस्था देख कर !
मैं मन ही मन सोच रहा था कि काश मैं अपनी माँ को चोद पाता ! क्या माल है वो ! आधे घंटे भर तक वो चुदाई-कार्यक्रम चला होगा और फिर पापा रात को ही मुंबई के लिए चले गए और माँ से कह गए कि मेरा ख्याल रखे।
मैंने उस शाम का दृश्य देख कर कसम खाई कि एक बार तो माँ को जरुर चोदूँगा।
दिन ऐसे ही निकलने लगे और माँ भी थोड़ा उदास सी रहने लगी। क्या करे, उन्हें लंड ही नहीं मिला था इतने दिनों से !
मुझसे माँ की यह बेचैनी देखी नहीं जा रही थी पर मैं उनसे कह भी तो नहीं सकता था।
मैंने उनसे पूछा- माँ, इतनी उदास क्यों रहती हो तुम आजकल? maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
तो वो बोली- कुछ नहीं धीरज, तेरे पापा की बहुत याद आ रही है, इतनी दिन हो गए न !
तो मैंने कहा- माँ मैं हूँ न पापा की जगह ! बोलो क्या हुआ ?
तो वो बोली- र वि तू क्या जाने एक औरत की मज़बूरी ! तू तो अभी बच्चा है।
तो मैंने कहा- हाँ माँ ! मैं समझ सकता हूँ कि आप पर क्या बीत रही है ! पर मैं एक बात बता दूँ कि मैं बच्चा नहीं रहा अब ! पूरे 19 साल का हो गया हूँ ! और मेरा पप्पू भी।
वो बोली- क्या कहा तूने र वि?
मैं सकपका गया और कहा- सॉरी माँ, गलती से मुँह से निकल गया।
और वो मेरे लंड को देखने लगी। मैं उस समय माँ से सॉरी बोलकर कॉलेज़ चला गया और काफी सोचता रहा कि यह मैंने क्या कह दिया ! माँ क्या सोचेगी मेरे बारे में….. की धीरज कैसी बात बोल कर गया है ?
पर माँ ने तो शाम के लिए कुछ और ही योजना बना रखी थी।
कॉलेज़ खत्म करके जैसे ही मैंने घर के अन्दर कदम रखा, वैसे ही बारिश चालू हो गई। माँ ने मुझे देख कर कहा- आ गया मेरा राजा बेटा !
और यह कह कर वो छत पर कपड़े उठाने चली गई। उन्होंने उस समय वही गुलाबी सिल्की गाउन पहन रखा था। मैं भी उनके पीछे पीछे ऊपर चला गया तो वो मुझे देख कर बोली- तू ऊपर क्यों आ गया? भीग जायेगा ! चल नीचे जा !
मैं बोला- अरे माँ, मैं तो आपकी मदद करने के लिए ऊपर आया हूँ !
और आधे कपड़े उन्होंने उठाये, आधे मैंने, और नीचे आ गए।
सीढ़ी उतरते वक़्त माँ मेरे आगे चल रही थी, मैं उनके पीछे !
उनके भीगे हुए मादक चूतड़ क्या लग रहे थे ! भीगने की वजह से उनका गाउन बिल्कुल उनके शरीर से चिपक गया था। मन तो कर रहा थ कि उनको गोदी में उठा कर उनकी इतनी गांड मारूँ कि सारा वीर्य ही निकाल दूँ !
नीचे आकर माँ कहने लगी- इस बारिश को भी आज ही आना था ! एक तो यह ठण्ड, ऊपर से बारिश ! चल कपड़े बदल ले, नहीं तो ठण्ड लग जाएगी।
उस समय मैं माँ के दोनों स्तन देख रहा था जो गाउन में से झांक रहे थे। क्या संतरे थे- मानो कि अभी दबाओ तो कई ग्लास भर कर जूस निकलेगा उसमें से !उन्होंने मुझे देख कर कहा- क्या देख रहा है तू इधर मेरे उभारों को घूर कर ?
मैं डर गया और कहा- कुछ भी तो नहीं !
तो वो बोली- मैं सब समझती हूँ बेटा ! माँ हूँ तेरी ! maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
और यह कह कर वो बाथरूम की तरफ जाने लगी और कहने लगी- तू भी अपने कपड़े बदल ले, मैं भी अब नहा लेती हूँ !
क्या गाण्ड लग रही थी चलते हुए उनकी ! मैं मन ही मन तो उन्हें चोद ही चुका था और आज अच्छा मौका था उन्हें सचमुच में चोदने का !
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मैं उनसे जाकर पीछे से लिपट गया। माँ एकदम से घबरा गई। मैंने कहा- माँ सॉरी ! मैं ऐसा कुछ नहीं देख रहा था जो आप सोच रही हो !
माँ से चिपकते ही मेरा लंड फुन्कारे मारने लगा था और इसका एहसास मेरी माँ को भी हो गया था क्योंकि उस समय मेरा लंड उनकी दरार में रगड़ मारने लगा था। शायद माँ समझ गई थी कि मैं उन्हें चोदना चाहता हूँ।
उन्होंने कहा- चल छोड़ मुझको ! मैं तो बस मजाक कर रही थी !
शायद वो भी काफी दिनों से चुदासी थी इसलिए चुदवाना भी चाहती थी और उन्होंने मुझे पीछे से हटाकर अपनी छाती में समा लिया। मैं तो उनके वक्ष में खो ही गया था।
क्या स्तन थे उनके ! मन तो कर रहा था कि दबा कर सारा दूध निकल लूँ !
फिर वो बोली- चल, अब जा ! कपड़े बदल ले ! मैं भी नहा लूँ ! maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
तब वो बाथरूम में चली गई।
मैं कहाँ मानने वाला था, उनके बाथरूम में जाने के बाद मैं उन्हें बाथरूम में देखने लगा दरवाज़े के छेद मैं से !
उन्होंने अपने धीरे-धीरे कपड़े उतारे। शायद उन्हें पता लग गया था कि मैं उन्हें छेद में से देख रहा हूँ और वो धीरे धीरे अपनी चूचियाँ दबाने लगी और सिसकारी भरने लगी- उह्ह्ह ह्म्म्मम्म ओह माय गोशह्ह्ह्ह आह्ह्ह अहा ओह्ह्ह और अपनी चूत में भी ऊँगली डालने लगी। वो यह सब कुछ मुझे दिखा रही थी जानबूझ कर !
और मैं भी बाहर खड़ा होकर अपना लंड दबा रहा था।
क्या आवाजें थी- हम्म ओह्ह्ह होऊस्स्स ओह माय गुड फक मी ….
मैं बाहर सब सुन रहा था पर कुछ नहीं बोला ! मन तो कर रहा था कि दरवाज़ा खोल कर अन्दर घुस जाऊँ !
पर मुझे लगा कि यह मेरा भ्रम भी तो होसकता है, शायद उन्होंने मुझे न देखा हो !
इतने में उन्होंने मुझे आवाज़ लगाई- अरे मेरे कपड़े तो बाहर ही रह गए ! जरा देना बेटा !
मैं घबरा गया और वहाँ से बाहर के कमरे में आ गया और डरते हुए पूछा- कहाँ हैं कपड़े?
वो बोली- वहीं पर मेज पर रखे हैं !
मैं बोला- ठीक है। लाता हूँ !
वहाँ पर उनकी लाल रंग की ब्रा और चड्डी के साथ लाल रंग का गाउन रखा हुआ था। मैंने उन्हें उठाया और उनकी ब्रा और चड्डी को सूंघने लगा। क्या खुशबू थी उनमें ! भीनी-भीनी सी चूत की ! मानो जन्नत !
और फिर माँ को देने के लिए बाथरूम की ओर जाने लगा कि तभी माँ जोर से चिल्लाई- क्या कर रहा है ? इतनी देर हो गई तुझे? कहाँ मर गया?
मैं बोला- ला तो रहा हूँ ! maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
मैं जब बाथरूम के पास पहुँचा तो दरवाज़ा खुला हुआ था। मैं उन्हें कपड़े देने लगा, उन्होंने अपना हाथ बाहर निकाला और कपड़े ले लिए।
मेरा मन किया कि मैं भी घुस जाऊँ ! क्या पता बात बन ही जाये !
और दरवाजा खुला होने के कारण मैं भी बाथरूम में घुस गया। माँ को पता नहीं लगा क्योंकि उनका मुँह पीछे की तरफ था, वो ब्रा पहन रही थी। मैंने उन्हें पीछे से जाकर पकड़ लिए और उनके मम्मे दबाने लगा।
वो एकदम से घबरा गई और बोली- कौन है?
उन्होंने जैसे ही पीछे मुड़ कर देखा तो मुझे देख कर सबसे पहले उन्होने मुझे कस कर चांटा जड़ दिया और कहने लगी- क्या कर रहा था यह? तुझसे शर्म नहीं आती अपनी माँ के साथ ऐसा करते हुए? पर मैं तो मानो सब कुछ भूल ही गया था उस समय। मैं उनके उरोजों से चिपट गया और उन्हें चूसने लगा।
दरवाजा खुला होने के कारण मैं भी बाथरूम में घुस गया। माँ को पता नहीं लगा क्योंकि उनका मुँह पीछे की तरफ था, वो ब्रा पहन रही थी। मैंने उन्हें पीछे से जाकर पकड़ लिए और उनके मम्मे दबाने लगा।
वो एकदम से घबरा गई और बोली- कौन है?
उन्होंने जैसे ही पीछे मुड़ कर देखा तो मुझे देख कर सबसे पहले उन्होने मुझे कस कर चांटा जड़ दिया और कहने लगी- क्या कर रहा था यह? तुझसे शर्म नहीं आती अपनी माँ के साथ ऐसा करते हुए? पर मैं तो मानो सब कुछ भूल ही गया था उस समय। मैं उनके उरोजों से चिपट गया और उन्हें चूसने लगा।
इससे पहले कि वो मुझे कुछ कहती, मैंने उनकी चूत में ऊँगली डाल दी और घुमा दी।
और इसके बाद तो शायद माँ को भी लगा कि अब इसने इतना कुछ कर लिया है तो अब क्या रोकूँ इसे, क्योंकि वो भी तो सेक्स करने के लिए तड़प रही थी इतने दिनों से !
और माँ सिसकारी भरने लगी- उह्ह्ह ह़ा हाह आःह्ह्ह जालिम शर्म कर ! मैं तेरी माँ हूँ ! कम से कम मुझे तो बख्श दे ! शर्म कर थोड़ी !
तो मैंने कहा- माँ, आप बहुत सेक्सी हो ! मैं तो आपको कब से चोदने की फ़िराक में था ! आज मौका मिला है तो कैसे हाथ से जाने दूँ? आज मत रोको ! समा जाने दो मुझको तुम्हारे अन्दर ! नहीं तो मैं मर जाऊंगा माँ !
तो वो बोली- अच्छा ठीक है कम्बखत मारे ! अब तुझे क्या कहूँ? कुछ कहने लायक नहीं छोड़ा तूने तो ! जो करना है कर लेना ! पर अभी बाहर जा ! मैं कपड़े पहन कर बाहर आती हूँ ! कम से कम चैन से कपड़े तो पहन लेने दे। बाहर आने के बाद जो करना है, कर लेना।
मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने कहा- नहीं पहले तो मैं आपको खूब चोदूंगा अभी !
और इतनी देर में मैंने अपना लौड़ा निकाल कर उनकी चूत पर लगा दिया। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
वो एकदम से चिल्ला पड़ी- ऊई माऽऽऽ आऽऽ आ मार डाला जालिम !
जैसे ही मैंने उनकी चूत मैं लोडा डाला- उईऽऽ मांऽऽ मार डाला तूने तो ! अहह हूह्ह म्मम्म म्मम्म हह्म्म्म उह्ह्ह !
और मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा क्योंकि यह मेरा पहला सेक्स था तो मैं जल्दी झड़ने वाला था, मैंने माँ से कहा- माँ, मैं झड़ने वाला हूँ ! क्या करूँ?
वो बोली- निकाल दे अपना वीर्य मेरी चूत में ! बना दे मुझे अपने बच्चे की माँ !
और मैंने सारा वीर्य उनकी चूत में छोड़ दिया। अब मैं बिल्कुल शांत हो चुका था पर माँ के अन्दर चुदाई करने की तमन्ना जाग गई थी। माँ मुझे देख रही थी और कहने लगी- पड़ गई तुझे शांति? चोद लिया तूने साले अपनी माँ को ? चोदते समय शर्म नहीं आई? तूने तो अपनी आग तो बुझा ली अब मैं क्या करूँ साले? चल अब बाहर जा ! मुझे दोबारा नहाना पड़ेगा। सारा गन्दा कर दिया मुझे। अब क्या मुँह दिखाऊँगी मैं तेरे पापा को !
और मैं बाहर आ गया। कुछ देर बाद वो भी बाथरूम से बाहर आ गई और अपने कमरे में चली गई। तब तक मैं भी अपने कमरे में जा चुका था। करीब आधा घंटा हो चुका था इस बात को।
मैं भी काफी शर्म महसूस कर रहा था, तो मैंने सोचा कि क्यों न माँ को जाकर सॉरी कह दूँ !
मैं उनसे माफ़ी मांगने उनके कमरे की तरफ जाने लगा, पर जैसे ही मैं उनके कमरे में पहुँचा तो वो तो सज-धज कर खड़ी हुई थी बिल्कुल 18 साल की लड़की की तरह लग रहा थी। उनके बड़े बड़े स्तन मानो कह रहे थे- आओ और हमें खा जाओ !
उनका यह रूप देख कर लग रहा था जैसे कि आज मानो उनकी सुहागरात हो !
मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था। शायद माँ को चुदवाने की हुड़क चढ़ चुकी थी, वो कहने लगी- इधर आ ! मुझे तुझसे कुछ बात करनी है !
मैंने कहा- माँ सॉरी ! प्लीज पापा से मत कहना !
और मैं उनकी छाती से चिपट कर रोने का नाटक करने लगा। क्या खुशबू आ रही थी उनके वक्ष से !
तो उन्होंने मुझसे पूछा- बेटा जो हुआ उसे भूल जा ! और एक बात बता कि क्या मैं तुझे इतनी जवान लगती हूँ कि तुझे इतनी भी शर्म नहीं आई और तूने ऐसा कर दिया?
मैंने कहा- गलती हो गई माँ …..
वो बोली- चल ठीक है, कोई बात नहीं ! अच्छा एक बात बता, तू क्या फिर से मुझे चोदेगा?
मैंने कहा- नहीं !
तो वो बोली- चल पगले ! इतनी मेहनत से तैयार हुई हूँ मैं चुदने के लिए और तू मना कर रहा है ? तेरे लंड ने तो मेरी चूत में आग लगा दी है, अब इस आग को तो तू ही बुझाएगा मेरे राजा ! चोद डाल मुझे । फाड़ दे मेरी चूत ! निकाल दे आज सारी जलन मेरी चूत की !
और उन्होंने मुझे अपने वक्ष में दबा लिया और कहने लगी- पी ले सारा दूध इनका ! कुछ मत छोड़ इनमें ! समा जा मेरे अन्दर ! maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
मैं भी मन ही मन खुश हो गया और कहने लगा- मेरा तो जैकपॉट लग गया है आज !
मेरी मुराद पूरी हो रही थी एक ही दिन में दो बार !
मैंने कहा- ठीक है माँ ! आप इतना कहती हैं तो !
मैं उनकी चूचियाँ दबाने और चूसने लगा ब्लाऊज़ के ऊपर से ही।
मैंने कहा- माँ, मैंने कभी सुहागरात नहीं मनाई ! मैं आपके साथ सुहागरात मनाना चाहता हूँ ।
तो वो बोली- अब तो मैं पूरी तेरी हूँ, जो करना है वो कर ना।
मैंने कहा- ऐसे नहीं ! जैसे टीवी पर, फिल्मो में दिखाते हैं, धीरे-धीरे !
तो वो बोली- अच्छा तो तू ये सब चीजें भी देखता है?
मैंने कहा- और नहीं तो क्या ? माँ, अब मैं बड़ा हो गया हूँ न इसलिए !
वो बोली- ठीक है, मैं तो पहले से तैयार हूँ, तू भी तैयार हो जा ! फिर हम दोनों माँ-बेटे पति-पत्नी बन कर सुहागरात मनाएंगे।
बाहर आकर नहाने के लिए बाथरूम में गया और सेंट लगाकर, अपनी शेरवानी पहन कर मैं तैयार हो गया और माँ के कमरे में आ गया।
वो तो तैयार बैठी थी, टीवी पर ब्लू फिल्म देख रही थी।
मैंने कहा- माँ, यह क्या है?
वो बोली- अब क्या करूँ? तेरे पापा तो काम से ज्यादातर बाहर ही रहते हैं, तो मुझे भी तो अपनी प्यास बुझानी होती है न।
तो मैं बोला- अब आगे से जब भी पापा बाहर जाएंगे तो मैं आपको चोदूँगा ! मैं आपका छोटा पति !
वो बोली- अरे हाँ हाँ ! मेरे स्वामी अब तो आप भी मेरे दूसरे स्वामी हो।
और मैंने उनको उठाया और उनसे इस तरह चिपक गया जैसे दो जान एक शरीर ! बिल्कुल जैसे सांप सेक्स करते हैं। मैंने उनको ऊपर से नीचे तक इतना चूसा कि वो कहने लगी- अब डाल दे लौड़ा मेरी चूत में जालिम। अब छोड़ मेरे चूचे ! डाल दे अब मेरी चूत में ! फाड़ दे मेरी चूत ! अब नहीं रुका जाता। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
मैंने कहा- अरे इतनी जल्दी क्या है माँ ! थोड़ा रुक ! तुमसे ज्यादा तो मैं प्यासा हूँ। आज तो मैं तुम्हें इतना चोदूंगा कि तुम आगे से कभी भी पापा के साथ सेक्स करना पसंद नहीं करोगी।
वो बोली- हम्म ! तू तो बड़ा ज़ालिम है बेटा ! इस चूत पर हक तो तेरे पापा का ही है। इस मकान में तो तू केवल किरायेदार है बेटा !
मैंने बोला- हम्म वो तो है …..
और मैंने उनको अपनी बांहों में लेकर बिस्तर पर लेटा दिया और अपने सारे कपड़े उतार दिए और सबसे पहले उनके होंटों को कम से कम दस मिनट तक चूसता रहा और बीच बीच में उनकी चूत भी साड़ी के ऊपर से सहला रहा था और वो सिसकारियाँ भर रही थी।
मैंने धीरे-धीरे उनके कपड़े उतारे और लगभग पूरा नंगा कर दिया, केवल ब्रा और पैंटी रह गई थी वो भी लाल रंग की।
मैंने कहा- तुम तो इतनी खूबसूरत हो कि मैं तुमसे शादी कर लूँ और तुम्हें रोजाना इतना चोदूँ, इतना चोदूँ कि अब क्या बोलूँ कि कितना चोदूँ।
तो वो बोली- तो चोद ना साले ! मैं तो मरी जा रही हूँ कबसे ! अब तो मैं पूरी तेरी ही हूँ ! जब चाहे तब चोद मैंने कब मना किया है
मैं उनकी ब्रा उतारने लगा और इतने में उन्होंने मेरा लौड़ा अपने हाथ में ले लिया, उसके साथ खेलने लगी, कहने लगी- बाथरूम में तो इसकी लम्बाई ढंग से नहीं नाप पाई, पर यहाँ पर तो इसको पूरा खा जाऊंगी !
दस मिनट तक उन्होंने मेरे लौड़े को चूसा होगा।
मेरा लंड भी अब पूरे उफान पर था और फाड़ देना चाहता था माँ की चूत को।
जिस बात का मुझे इतनी दिनों से इंतज़ार था वो सपना पूरा होने वाला था।
माँ के दोनों संतरे मानो ऐसे लग रहे थे जैसे तो बड़े-बड़े खरबूजे ! मैंने कहा- माँ, इनको तो मैं खा जाऊंगा।
माँ तो खुशी के मारे जैसे उछल रही थी।
और मैंने अपना लंड माँ की चूत में बाड़ दिया और फिर चालू हुआ माँ-बेटे की चुदाई का कार्यक्रम ! वो बीच बीच में इतनी तेज चिल्ला रही थी, कह रही थी- बेटा चोद दे आज अपनी माँ को ! घुस जा पूरा इसके अन्दर ! फाड़ डाल इसको। ह्म्मम्म हाआअहाह उह्ह्हह ह्म्म्म मैं तो मर जाउंगी ….उह ह्म्मम्म उह्ह्ह
और मैंने तेज-तेज झटके लगाने चालू कर दिए। कम से कम आधे घंटे चूत मारने के बाद मैंने कहा- माँ, अब घोड़ी बन जाओ, मैं तुम्हारी गांड मारूँगा।
तो माँ ने घोड़ी बन कर अपनी सुडौल गाण्ड पीछे की ओर उभार दी और कहा- तुम मर्द लोगों को गांड में ऐसा क्या मजा आता है?
मैंने कहा- माँ गांड और चूचियाँ ही तो तुम्हारी जान है ! और तुम कह रही हो कि क्या मजा आता है? इनको देख कर तो मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता है और इन्हीं चीजों को लेकर तुम औरतें इतना इतराती हो।
उन्होंने एक सेक्सी सी मुस्कुराहट दी और गांड को सेक्सी तरीके से हिलाने लगी। मैंने धीरे-धीरे से लण्ड गाण्ड में डाल दिया और मां मस्त हो गई। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
आखिर माँ ने अपने बेटे का लंड अपनी गांड में ले ही लिया और मस्त हो गयी! अब माँ की ये प्यास कहाँ तक जाएगी, जानिए इस indian mother sex story के आखिरी भाग में..
माँ ने घोड़ी बन कर अपनी सुडौल गाण्ड पीछे की ओर उभार दी और कहा- तुम मर्द लोगों को गांड में ऐसा क्या मजा आता है?
मैंने कहा- माँ गांड और चूचियाँ ही तो तुम्हारी जान है ! और तुम कह रही हो कि क्या मजा आता है? इनको देख कर तो मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता है और इन्हीं चीजों को लेकर तुम औरतें इतना इतराती हो।
उन्होंने एक सेक्सी सी मुस्कुराहट दी और गांड को सेक्सी तरीके से हिलाने लगी। मैंने धीरे-धीरे से लण्ड गाण्ड में डाल दिया और मां मस्त हो गई।
बहुत आनन्द आ रहा था मुझे गांड मारने में। मम्मी की गाण्ड को मैंने बहुत देर तक बजाया। मम्मी भी, जब तक मैं नहीं झड़ गया, तब तक चुदती रही और मेरा पूरा साथ दिया…..
मैं झड़ चुका था और माँ भी….
तो माँ ने कहा- रुको, अब थोड़ा आराम कर लो बेटा !
मैंने कहा- हाँ माँ ! मैं भी बहुत थक गया हूँ….
तो वो बोली- चल तू यहीं रुक ! मैं तेरे लिए दूध लाती हूँ …..
माँ जैसे ही उठी दूध लाने के लिये, मैंने फिर से गोदी में खींच लिया और उनकी चूचियों को अपने मुख से दबा लिया और चूसने लगा और कहा- मेरा पैष्टिक दूध तो यह रहा माँ ! तुम तो मुझे बचपन में यही दूध पिलाती थी ना !
तो वो बोली- अरे ! तू नहीं सुधरेगा ! थोड़ी देर भी नहीं इंतज़ार कर सकता ?
मैंने कहा- माँ, ऐसा मौका फिर कहाँ मिलेगा? आज के बाद पता नहीं कब मौका मिलेगा !
और मैंने दूध मुंह में भर लिए और मां गुदगुदी के मारे सिसकारियाँ भरने लगी।
मेरा लण्ड फिर से फ़ुफ़कारने लगा था तो मैंने कहा- माँ यह तो फिर से खड़ा हो गया ! maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
तो वो बोली- तो देर किस बात की? आ जा एक बार फिर !
मां ने अपनी दोनों खूबसूरत सी टांगें उठा ली। मां अपनी टांगें ऊपर उठा कर उछल-उछल कर चुदवा रही थी और मैं भी उन्हें काफी उछल-उछल कर चोद रहा था। मां को इस रूप में मैंने पहली बार देखा था, वो काम की देवी लग रही थी।माँ ने कहा- लगता है जिन्दगी भर की चुदाई आज ही कर डालोगे !
मैंने कहा- और नहीं तो क्या !
और मैंने तेज-तेज झटके मारने चालू कर दिए और सारा कमरा फिर से आवाजों से गूंजने लगा।उस रात मैंने उनको दो बार और चोदा।
अगली सुबह मेरी आँख दोपहर को तीन बजे खुली। मैं उठा और अपने कमरे में जाने लगा पर जैसे ही मैं बाहर आया, माँ झाड़ू लगा रही थी। उन्होंने गुलाबी सिल्की गाउन पहन रखा था वो उस समय झुकी हुई थी। मम्मी की गांड पीछे की तरफ़ उभरी हुए थी मैं पीछे से चुपचाप गया और उनकी गांड के छेद पर अपना लंड लगा दिया।
वो बोली- अरे धीरज, जग गया मेरे राजा ! चल अब नहा धो ले ! फिर खाना खा ले !
मैंने कहा- ठीक है मम्मी, पर एक ट्रिप लेने के बाद !
मैंने उनको एक बार फिर से चोदा। अब जब तक पापा नहीं आ जाते, मैं उन्हें रोजाना चोदने वाला था। फिर से पूरा घर सेक्सी आवाजों से गूंज गया और फिर से एक बार हम दोनों माँ-बेटे पति-पत्नी बन गए।
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काफ़ी देर की चुदाई के बाद मैं झड़ गया और माँ भी ….तो माँ ने कहा- पड़ गई तुझे शांति ! जा अब तो नहा ले !
मैंने कहा- ठीक है।
और रात भी मैंने मा को 7 बार फिर से चोदा….एक साल पहले बाइक चलाते वक्त मै गिर गया और मेरे दोनों हथेली में काफ़ी जख्म हो गए। डॉ० ने मेरे दोनों हथेलियों में एक महीने के लिए बेंडेज कर दिया। अब मै अपना कोई काम ख़ुद से नही कर सकता था। सब से अधिक दिक्कत मुझे बाथरूम जाने में हुई। क्यों की मेरी पांचो उँगलियाँ पट्टी से बंधी थी. पहले दिन तो मेरे पापा ने मुझे बाथरूम कराया एवं सफाई भी की। लेकिन अगले ही दिन उन्हें जरूरी काम से जयपुर जाना पड़ गया। अब फ्लैट में मेरी मम्मी और मै ही बच गए। मेरे पापा तो नही जाना चाहते थे लेकिन जब मम्मी ने कहा की वो संभाल लेगी तो वो चले गए। अगले दिन जब मझे बाथरूम जाना था तो समझ में नही आ रहा था की कैसे जाऊं। मैंने कुछ नही कहा।
लगभग दस बजे मेरी मम्मी ने कहा – धीरज, तुम बाथरूम नही गए?
मैंने कहा – धोऊंगा कैसे?
मम्मी ने कहा – जब तुम बच्चे थे तो कौन धोता था? आज भी मै धो दूंगी।
पहले तो मै नही माना ।
मम्मी ने गुस्से में आ कर कहा – मुझसे शरमाते हो?
वो अचानक खड़ी हुई और अपना गाउन उतार दी। अन्दर उसने पेंटी और ब्रा पहन रखी थी। झटके में अपना ब्रा उतार दी और बोली – यही वो मुममे है जिस से तुने ढाई साल तक दूध पिया है। तू कहाँ से आया वो देखना चाहता है? कहते हुए मम्मी ने अपनी पेंटी भी उतार दी और अपने चूत की तरफ़ इशारा करते हुए बोली- इसी से तू निकला है। देख, मुझे शर्म नही आती और तुझे कैसी शर्म? जब मै तुम्हारे सामने नंगी हो सकती हूँ तो तुम्हे क्यों आती है?
मै हक्का बक्का हो कर मम्मी को देख रहा था। वो पूरी तरह से नंगी मेरे सामने खड़ी थी। बड़े बड़े मुममे और बड़ा सा चूत काले काले घने बालों से ढके हुए मेरे सामने थे। थोड़ी देर मै शांत रहा एवं नजरें झुका कर बोला- आई ऍम सोरी मम्मी। अब मै आपसे नही शर्माऊंगा आप प्लीज़ कपड़े पहन लें।
मम्मी ने अपने सारे कपड़े पहन लिए और मुझे बाथरूम ले कर गई। वहां मम्मी ने मेरे सारे कपड़े उतरे और मुझे नंगा कर दिया और टोइलेट सीट पर बैठ जाने को कहा और बोली- जब हो जाएगा तो मुझे बोलना। अब मुझे मम्मी के सामने नंगा होने में कोई शर्म नही आ रही थी। थोड़ी देर में जब मैंने पैखाना कर लिया तो मैंने मम्मी को आवाज़ लगाई। वो बाथरूम में आई और मुझे नल के पास ला कर अपने हाथो से मेरे गांड की सफाई उसी तरह की जिस तरह मेरे बचपन में वो मेरी गांड धोती थी। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
मेरी सफाई करने के बाद मेरे सारे कपड़े पहना कर मुझे बाहर भेज दिया और ख़ुद बाथरूम में स्नान करने लगी। मै बाहर आ कर काफ़ी हल्का महसूस कर रहा था। अब मै खुश था। अगले दिन जब मै बाथरूम गया और पैखाना करने के बाद मम्मी को आवाज़ लगाई तो मम्मी अन्दर आ कर अपना गाउन उतार दी।
बोली – धीरज, तेरे धोने के कारण पानी पड़ने से गन्दा हो जाता है। वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में रहते हुए मेरी गांड की सफाई की। अब यह क्रम रोज़ का हो गया। 3-4 दिनों के बाद पापा का फ़ोन आया कि उन्हें यहाँ 22-25 दिन और लग सकता है। 5 दिन के बाद मै सो कर उठा तो देखा की रात में सोने में ही नाईट फाल हो गया (मेरे लंड से माल निकल गया ) था। मै बहूत असहज महसूस कर रहा था। क्यों कि आजकल मेरे सारे कपड़े मेरी मम्मी ही साफ़ करती थी। फ़िर सोचा, मम्मी पूछेगी तो बता दूँगा। जब बाथरूम में मम्मी मेरे कपड़े उतार रही थी तो मेरे अंडधीरजयर में मेरा वीर्य देखा । बोली- ये क्या है?
मैंने नजरे झुका के कह दिया- वो, रात को कुछ हो गया होगा।
मम्मी समझ गई और थोड़ा मुस्कुरा के बोली- अरे धीरज, अब तू जवान हो रहा है। चल कोई बात नही मै साफ़ कर दूँगी।
कह के वो बाहर चली गई। जब मै पैखाना कर रहा था तो मेरी मुठ मारने की काफ़ी इच्छा होने लगी। क्यों कि पिछले कई दिन से मैंने मुठ नही मारी थी। लेकिन मन मसोस के रह गया। क्योँ की मेरे हाथ पट्टियों से बंधे थे। लेकिन मेरे लंड में कडापन आ गया जो ख़तम ही नही हो रहा था। किसी तरह से वो थोड़ा मुरझाया तो मैंने मम्मी को आवाज़ दी। मम्मी जब मेरी गांड की सफाई करने लगी तो मेरा लंड खड़ा हो गया।
मम्मी ने मुझे अंडधीरजयर पहनाते हुए मेरे लंड को देखा। लेकिन कुछ बोली नही। मै किसी तरह से बाहर चला आया। अगले दिन मेरे लंड की हालत एक दम ख़राब हो गई थी। यह बिना मुठ मारे शांत ही नही हो रहा था। मन कर रहा था की किस तरह से मुठ मारूं। जब मेरे कपड़े मम्मी ने उतारे तो ये तन के खड़ा हो गया। मै झट से दूसरी और घूम गया ताकि मम्मी मेरे खड़े लंड को ना देख पाये। लेकिन मम्मी ने देख लिया था। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
वो बोली – आज तुम पैखाना करने के बाद नहा कर ही बाहर जाना. हड़बड़ी में मै तुझे ठीक से नहला भी नही पाती हूँ।
जब मैंने मम्मी को आवाज़ लगाई तो वो आई और नल पे मेरा गांड साफ़ करने के बाद
बोली- धीरज, नहा भी लो ना।
मम्मी सिर्फ़ पेंटी और ब्रा पहन रखी थी। ब्रा में मम्मी के मुममे उभरे हुए और बहुत ही आकर्षक लग रहे थे । मेरा लंड एकदम टाईट हुआ जा रहा था। मम्मी ने मेरे शरीर पर पानी डाल कर मेरे बदन को रगड़ना शुरू किया तो मेरे लंड को छू कर कहा इतना टाईट क्यों कर रखा है इसे?
मैंने कहा- तुम नही समझोगी।
मम्मी को तुरंत गुस्सा आया गया और बोली- अभी भी मुझसे शर्माता है। कह कर अपने ब्रा और पेंटी को खोल दिया॥ अब हम दोनों बिलकूल नंगे बाथरूम में खड़े थे।
मम्मी ने मेरे लंड को पकड़ के कहा – बता क्या बात है?
अब इस स्थिति में कुछ भी छुपाने लायक नही था।
मैंने कहा कि पिछले कई दिनों से मुठ नही मारा है इसलिए ये टाईट हो गया है।
मम्मी बोली- पहले बोलना चाहिए था ना? ला मै मार देती हूँ ।
मैंने कहा- तुम , लेकिन …… ???।
मम्मी ने मेरी बात बीच में ही काटते हुए कहा – जब तेरी गांड धो सकती हूँ तो तेरी मुठ क्यों नही मार सकती।
मैंने कहा – ठीक है।
मम्मी ने मेरे लंड पर नारियल तेल लगाया और इसे सहलाने लगी। मेरा लंड और भी लंबा और मोटा हो गया। मेरा लंड टाइट होते के बात नौ इंच का हो जाता है । मम्मी के मुममे और चूत को सामने देख मुझे काफ़ी गर्मी चढ़ गई। मम्मी ने मेरे लंड को अपने दोनों हाथों में भर कर मुठ मारना शुरू कर दिया। पहली बार कोई अन्य मेरे लंड का इस तरह से मुठ मार रहा था। 20-25 बार ही मम्मी ने मेरे लंड को आगे- पीछे किया होगा की मेरे लंड ने माल की पिचकारी छोड़ दी जो सीधे मम्मी के पेट पर जा कर गिरी। मै सिसकारी मारने लगा। अब जा कर मेरा लंड शांत हुआ। मम्मी ने अच्छी तरह नहलाया और बाथरूम के बाहर भेज दिया। अब मै काफ़ी शांत था। सारा दिन सामान्य स्थिति में गुजर गया।
इतना होने के बावजूद मेरे लिए मम्मी के लिए कोई ग़लत भावना नही आई थी। अगले दिन सुबह मम्मी ने मुझे पैखाना के बाद फिर से नहलाने लगी। मम्मी ने अपने सारे कपड़े उतार रखे थे। लेकिन मेरे लंड में उनके मुममे और चूत को देख कर कोई तनाव नही था। साबुन लगाने के क्रम में मम्मी मेरे लंड पर विशेष रूप से सहलाने लगी। जिससे मेरे लंड में हल्का तनाव आ गया और मेरा लंड खड़ा होने लगा था ।
मम्मी बोली- आज मुठ नही मारना है?
मै बोला- वैसे तो जरूरत नही है लेकिन अगर तुम्हे दिक्कत नही हो तो मार दो। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
मम्मी ने कहा – आज तेरी मुठ मै दूसरे तरीके से मारूंगी।
मै बोला – ठीक है। मम्मी नीचे बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुह में भर लिए और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी।
मैंने कहा- मम्मी ये क्या कर रही हो?
मम्मी बोली- देख तो सही।
मम्मी ने मेरे लंड को इस तरह से चूसना चालू किया मानो वो वो कोई लोलीपोप हो। मुझे अत्यधिक आनंद आ रहा था। मेरे लंड पूरे आकार में खड़ा था। मम्मी ने मेरे लंड को चूसना जारी रखा। 2-3 मिनट के बाद मेरे लंड से माल निकलने लगा। मेरा पूरा लंड लोहे की तरह से सख़्त हो चुका था ।
मैंने कहा- मम्मी अब मेरे माल निकलने वाला है। छोड़ दो इसे।
लेकिन वो मेरे लंड को और कस के पकड़ ली और अपने मुह में अन्दर तक ठूस ली। मेरे लंड से माल निकलने लगा और मम्मी सारे माल को पीती रही। कुछ माल मम्मी के मुह से बाहर भी आ रहा था। मै मस्त हो रहा था। जब कुछ शांत हुआ तो मम्मी ने मेरी लंड को अपने मुह के कैद से आज़ादी दी ।
वो खड़ी हो गई और बोली- कैसा लगा धीरज बेटा?
मैंने कहा- बहुत अच्छा लगा।
मम्मी ने कहा- धीरज, आज मेरी भी इच्छा पूरी कर दे। जिस जगह से तेरा पूरा शरीर निकला है आज तुझे अपने शरीर का एक भाग फिर से डालना है। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
मै समझ गया की मम्मी क्या चाहतो है। मम्मी मेरा मोटा और लंबा तगड़ा लंड देख कर मस्त हो चुकी थी, शायद मम्मी की छूट में खुजली शुरू हो चुकी थी।
मै बोला – ठीक है।
मम्मी बाथरूम के ज़मीन पर लेट गई और मुझे अपने बदन पर लेट जाने को कहा। मै उनके शरीर पर लेट गया। मम्मी की जिन मुममे को मैंने 16-17 साल पहले चूस चूस कर छोड़ दिया था आज फिर से उन स्तनों को अपने मुह में लिया। और उन्हें चूसने लगा। काफ़ी देर तक चूसने के बाद मैंने उनके बदन को चूमना आरम्भ किया। चुमते चुमते उनके चूत को भी अपने मुह से चुसना शुरू कर दिया। मम्मी की मुह से हलकी हलकी सिसकारी निकल रही थी।
बोली – बेटा, अब ना तरसाओ, और फिर से उसी चूत में अपना लंड डाल के अपने ऊपर का क़र्ज़ मिटाओ जिस चूत से तू आज से 19 साल पहले निकला था।
मेरा लंड अब पूरी तरह टाईट था।
मैंने कहा -किधर और कैसे डालना है मुझे पता नही है।
मम्मी ने अपनी दोनों पैरो को खोल दिया। एवं अपने उँगलियों को अपनी चूत में घुसाया और
बोली- देख, इसी में डालना है।
मैं मम्मी की चूत को गौर से देखा। मम्मी की चूत घने बालों से ढकी थी। अन्दर एक छेद दिख रहा था। मुझे यकीन नही हो रहा था की इसी छेद से मै बाहर आया था।
मम्मी बोली- क्या सोचने लगा।
मैंने कहा- इतने से छेद में मेरा इतना मोटा और लंबा लंड जाएगा?
मम्मी बोली- अरे इस छेद से तो तू निकला है तेरे लंड की क्या बिसात। चल डाल। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
मैंने मम्मी की जाँघों को थोड़ा और चौड़ा किया। लेकिन मेरा लंड मेरे काबू के बाहर हो रहा था। वो लहराते हुए बांस की तरह इधर उधर बाग़ रहा था। किसी तरह मम्मी के योनी पर मैंने अपना लंड रखा। जब उसे अन्दर डालने की कोसिस की तो लंड से निकला चिकने की वजह से वो आगे फिसल गया। मम्मी ने मेरे लंड को अपने हाथो से पकड़ा और अपनी चूत की द्वार पर रख दिया बोली- अब डाल।
मैंने सावधानीपूर्वक अपने लंड को मम्मी की चूत में प्रवेश करा दिया। सचमुच मम्मी की चूत बहूत ही गहरी और मुलायम थी। तभी तो मेरे सारे लंड को अन्दर लेने के बाद भी वो आनंदित हो रही थी। मैंने अपना पूरा लंड मम्मी की चूत में डाल दिया। अब मेरी मम्मी के चूत के बाल और मेरे लंड के बाल आपस में उलझ गए थे। मैंने थोड़ी सी अपनी लंड को बहार निकाला और फिर अन्दर धकेला। लेकिन मम्मी में चेहरे पर दर्द का भाव नही आया। मुझे अब कोई फिक्र नही थी। मैंने अब अपनी स्पीड बढा दी । अब मै मम्मी के चूत में जोर लगा लगा के कस के लंड के धक्के मरने लगा। मेरे धक्के से मम्मी को थोड़ी तकलीफ होने लगी।
बोली- बेटा धीरे धीरे डाल ना।
लेकिन अब मुझे इस बात का गर्व हो गया था की मै भी आपको ऐसे चोद सकता हूँ की आपको दर्द होने लगे।
मम्मी ने जब देखा की मै नही मान रहा हूँ तो वो मुस्कुरा कर अपने दोनों पैरों को और भी ज्यादा खोल दिया। शायद इस से उनका दर्द कुछ कम हो गया। मै मम्मी के चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के मार रहा था और वो हर धक्के पर हाए… …… हाए… …… .कर रही थी। मैंने अपने बांह से अपनी मम्मी को लपेट लिया था जिस से मम्मी के मुममे मेरे सीने से चिपके हुए थे। चूँकि थोड़ी ही देर पहले मम्मी ने मेरे लंड को चूस कर मेरा माल बाहर निकाला था इसलिए इस बार मेरा लंड जल्दीबाजी में माल निकालने को तैयार नही था। अचानक मेरे लंड को अहसास हुआ की की मम्मी झड़ गयी थी, मम्मी के चूत में गरम गरम पानी निकल रहा है।
मैंने मम्मी को देखा वो आँखे बंद कर ना जाने किस आनंदलोक में उड़ रही थी। काफ़ी देर मम्मी को चोदने के बाद भी मेरे लंड से माल नही निकलने लगा तो मम्मी ने कहा ला मै तेरा माल निकलवा देती हूँ. मैंने लंड को बाहर कर लिया और मम्मी ने उसे अपने मुह में ले कर फिर से चूसने लगी। थोड़ी ही देर में मुझे लगा की अब शायद माल फिर जमा हो गया है।
Maine मम्मी को कहा -ला धीरज, अब हो जाएगा।
Maine फिर से अपने लंड को मम्मी के चूत के पास ले गया। मम्मी का चूत का मुह अभी भी फैला हुआ ही था। इसलिए मुझे अपना लंड उसमे डालने में कोई परेशानी नही हुई। अब मै अधिक तेजी से मम्मी के चूत को चोदना शुरू किया। 10 मिनट के बाद ही मेरे लंड से माल की धारा फूटने वाली थी।
मैंने मम्मी को कहा- अब निकलने वाला है। कहाँ निकालूँ?
मम्मी बोली- चूत में ही माल गिरा दे।
मम्मी के कहते कहते मेरे लंड से माल का फव्वारा निकल के मम्मी के चूत में समाने लगा। पता नही कितना गहरी थी मम्मी की चूत। सारा का सारा माल चूत के अन्दर में कहाँ चला गया पता भी नही चला। एक बूंद भी बाहर नही आई। मै निढाल हो कर मम्मी के मुममे पर अपना मुह रख के लेट गया। maa ki gahri pyaas hot hindi sex story
थोड़ी देर के बाद मम्मी ने ही मुझे सहायता दे कर उठाया। वो समझती थी की 22 साल के लड़के से दो बार माल तुरंत तुरंत निकलवाया जाए तो क्या हाल होगा बेचारे का। वो भी पहला अनुभव में। उस दिन के बाद से मम्मी और मेरे बीच जो शारीरिक रिश्ता बना है वो आज भी मेरे पिता की नजरों से छिप के बदस्तूर जारी है।
————–समाप्त————–
हर 1-2 दिन के बाद मम्मी मेरे कमरे में आकर मेरे साथ सेक्स करती है। या तो जब मेरा मन होता है तो मम्मी को उनके बेडरूम में जा कर चोद आता हूँ। कई बार तो मम्मी मेरे पिता से सेक्स करने के बाद बिना अपने चूत से पापा का माल साफ़ किए नंगे बदन ही मेरे रूम में आ जाती है । और उसी में मुझे चोदने को कहती है। बस, अब ये indian mother sex story यहीं समाप्त करते है.. अछि लगी हो तो बताना..
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