हैल्लो दोस्तों.. यह मेरी पहली कहानी है और में आशा करती हूँ कि आप सभी को मेरी यह बहुत पसंद आएगी। मैं maa ko lesbian banaya sex story की प्यासी हूँ और मेरा दिल अपनी माँ पे भी आ गया और बस जब तक उनको पा नहीं लिया मैं चैन से नहीं बैठी..
दोस्तों मेरा नाम काजल है और मेरी उम्र 19 साल है। में अपनी ज्यादा तारीफ नहीं करना चाहती क्योंकि अपने मुहं अपनी तारीफ करना अच्छा नहीं लगता.. लेकिन में इतना बता दूँ कि में दिखने में बहुत सुंदर हूँ और मेरे बड़े बड़े फिगर है। वैसे तो मेरा एक बॉयफ्रेंड भी है.. लेकिन मुझे माँ में ही रूचि थी।
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घर में ज़्यादातर सिर्फ़ में और मेरी माँ तारा ही रहते है और मेरा छोटा भाई हॉस्टिल में नौकरी पर है और पापा बाहर नौकरी करते है और वो 6-7 महीनो में एक या दो बार ही घर पर आते है और इसी वजह से में इस साईट पर अपना ज्यादा समय देती हूँ.. क्योंकि घर पर अकेले बेठे बेठे बोर हो जाती हूँ। में इस साईट पर बहुत सालो से सेक्सी कहानियाँ पढ़ती आ रही हूँ और मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लगता है।
दोस्तों मेरी माँ की शादी जब हुई तब वो 19 साल की थी और जब वो 21 की थी तब बच्चे.. लेकिन वो कभी भी सेक्स से संतुष्ट नहीं रहती थी.. क्योंकि पापा कभी भी घर पर नहीं होते थे.. वो ज्यादातर समय बाहर अपनी नौकरी पर ही रहते थे। अब माँ की उम्र 36 साल है.. लेकिन वो ऐसी लगती है जैसे मेरी बड़ी बहन हो। बहुत सेक्सी शरीर, हाईट 5.9 इंच होगी और फिगर है 34-23-38 रंग बिल्कुल गोरा और वो सफेद साड़ी पहन कर एकदम 1960 फिल्म की हिरोईन लगती है। दोस्तों अब स्टोरी शुरू करते है।
यह बात कुछ 4 महीने पुरानी है। घर पर सिर्फ़ हम दोनों ही थे और हम दोनों हमेशा से ही अपनी सभी बातें एक दूसरे से शेयर करते है और हम कभी कभी थोड़ी बहुत सेक्स से सम्बन्धित बातें भी शेयर करते थे। फिर एक दिन मेरे बॉयफ्रेंड के बारे में बात कर रहे थे। तभी बातों बातों में माँ बोली कि कर लो मज़े अभी तुम्हारी उम्र है और बाद में मेरी जैसी हालत हो जानी है। तो बातों चलते चलते हम दोनों सेक्स पर आ गए और फिर मुझे पता नहीं क्या हुआ और मुझसे रहा नहीं गया और मैंने मौका देखकर बात छेड़ ही दी.. maa ko lesbian banaya sex story
फिर मैंने कहा कि क्यों हम दोनों भी तो मज़े कर सकते है? तो माँ मुझे बड़ी हैरान सी निगाहों से मुझे देखने लगी। तो मैंने कहा कि मैंने आपको कभी बताया नहीं.. लेकिन मुझे लड़की और लड़कों दोनों में बहुत रूचि है और ख़ास तौर से आप में। तभी माँ हंसने लगी और बोली कि चल पागल.. ऐसा अजीब मज़ाक ना कर। तो उस समय मेरी भी हिम्मत टूट गयी और में भी हंसकर बोली कि में मज़ाक कर रही थी। फिर में वहाँ से उठकर आ गयी और उसके बाद से मेरी माँ में रूचि और भी बढ़ गई और मुझे सपनों में भी माँ की चूत दिखने लगी।
फिर एक दिन वो कपड़े धोकर बाहर आई तो वो बिल्कुल पसीने से भीगी पड़ी थी और उसकी ब्रा का हुक दिख रहा था.. क्योंकि वो हमेशा ढीला टॉप और जीन्स पहनती थी। मेरी तो उसके ऊपर से नज़र हट ही नहीं रही थी और में मन ही मन उसे सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में सोचने लगी। तभी माँ की नज़र मुझ पर पड़ी और वो बोली कि क्या हुआ? तो में बोली कि वो.. वो..
वो में कह रही थी कि आप नहा लो बहुत गर्मी हो रही है। वो तभी नहाने चली गयी और बाथरूम में कहीं भी अंदर झाँकने की जगह नहीं थी। बाहर उसके कपड़े उतार कर उसने सूखने के लिए छोड़ दिए थे। तो मैंने उसकी ब्रा और पेंटी उठाई और अपने रूम में ले जाकर उन्हे सूँघा और अपनी चूत में उँगलियाँ डाली.. मेरी चूत का सारा रस मैंने माँ की पेंटी पर लगा दिया और वापस वहीं पर चुपचाप ला कर रख दी।
फिर थोड़ी देर बाद वो टावल बाँधकर बाहर आई और अपने कपड़े उठाने लगी। तो उसने पेंटी को देखा और वहीं छोड़ दिया और वो कपड़े बदलने गयी तो में उसके पीछे पीछे चली गयी। वो अपने रूम में जाकर कपड़े बदलने लगी.. लेकिन उसके रूम का दरवाजा अच्छी तरह से बंद नहीं होता था तो में बाहर से उसे देखने लगी.. उसने टावल उमाँ तो मेरी आखें फटी की फटी रह गयी वाह क्या फिगर है?
और मेरी चूत में से बिना कुछ करे ही धीरे धीरे पानी बाहर आने लगा और मेरी पेंटी गीली होने लगी उसको देखकर में अब बहुत गरम हो चुकी थी। थी माँ ने एक स्कर्ट और शर्ट पहन ली बिना पेंटी के.. क्योंकि बहुत गर्मी थी और वो बाहर आ गयी। उसकी स्कर्ट घुटनो से ऊपर तक थी.. maa ko lesbian banaya sex story
लेकिन में मौके के इंतज़ार में घूमती रही कि कब वो बैठे और में स्कर्ट के नीचे से नज़ारा देख सकूं। फिर वो हॉल में आकर टीवी के सामने बैठ गयी और में उसकी तरह मुहं करके बैठ गयी और उसके टाँगें खुलने का इंतज़ार करने लगी। तभी माँ की नज़र मुझ पर पड़ी और में तब भी उसके बूब्स की तरफ़ देख रही थी फिर वो कुछ बोली नहीं.. लेकिन थोड़े टाईम बाद उठकर वहाँ से चली गयी और अब माँ को भी मुझ पर शक होने लगा था और फिर यह सिलसिला चलता रहा और माँ का शक धीरे धीरे यकीन में बदल गया।
फिर एक दिन वो मुझसे बहुत तंग आकर मुझसे हंसकर कहने लगी कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि में कभी मेरी बेटी से यह बात कहूँगी.. लेकिन आज कल तेरी नज़र कुछ बदली बदली सी लगने लगी है। मेरे ऊपर तो सेक्स का भूत सवार हो रहा था और में कुछ सोचे बिना उसके बिल्कुल पास आ गयी और माँ चुपचाप खड़ी थी। फिर मैंने धीरे धीरे अपने होंठ उसके होठों से टच कर दिया और वो लम्बी लम्बी सांसे लेनी लगी और फिर उसी टाईम वो मुझे धक्का देकर चली गयी और बोलने लगी कि पागल हो गयी है क्या?
यह सब ग़लत है। फिर उसके बाद बहुत दिनों तक वो यही कहती रही कि यह ग़लत है.. लेकिन वो भी क्या करती? वो भी तो कई बरसों से सेक्स की प्यासी थी। एक दिन में नहा रही थी और में कभी दरवाज़ा बंद नहीं करती क्योंकि घर में सिर्फ़ हम दोनों ही थे। माँ का ध्यान नहीं था और वो अचानक से बाथरूम में घुस आई अंदर घुसते ही वो मुझे देखकर खड़ी की खड़ी रह गयी और मुझे देखती रही और फिर मेरे और पास आकर जोर से मुझे किस करने लगी 5 मिनट हम किस करते रहे और फिर वो रुक गयी। तो मैंने कहा कि क्या हुआ?
वो बोली कि अभी बस और नहीं और फिर वहाँ से वो चली गयी। में भी टावल डालकर बाहर आई तो देखा वो बाहर बैठी थी। मैंने फिर से पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली कि मुझे यह सब नहीं करना है और में उसके पास बैठ गयी और कहा कि बहुत मज़ा आएगा.. छोड़ो ना अब यह सब नखरे। तो वो बोली कि क्या मज़ा? तू क्या कोई मर्द है? तो में बोली कि अच्छा चलो अपनी कोई सेक्स में सोच बताओ कि तुम क्या चाहती हो? और में उसे पूरा करूँगी। फिर वो सोचने लगी और शरमाने लगी और धीरे से बोली कि कोई मुझे पकड़ कर मेरा रेप करे। तो में बोली कि चलो रोल प्ले करते है और में आज तुम्हारा रेप करूँगी।
फिर माँ कुछ टाईम तक तो ना ना करती रही और फिर बाद में मान गयी। मैंने कहा कि.. लेकिन ऐसे नहीं ढंग से करेंगे आप साड़ी पहनना में आदमी के कपड़े पहनूंगी और नकली लंड लगा लूँगी। फिर माँ ने साड़ी पहन ली और मैंने नकाब लगा कर मेरे भाई का एक कोट पेंट पड़ा था वो पहन लिया। मेरा भाई मुझसे छोटा था तो उसका सूट मुझे बिल्कुल फिट आया और फिर मैंने माँ को कहा कि तू किचन में खड़ी हो जा..
में गेट के पास से आऊंगी और यह सोचना कि तेरा सही में रेप हो रहा है। में गेट के पास चली गयी और फिर भागकर आई और माँ को पकड़ लिया और वो जोर जोर से चिल्लाने लगी। मैंने उसका ब्लाउज पकड़ा और उतारने की कोशिश की तो वो छूटकर भागने लगी। मैंने उसको पकड़कर एक जोर से थप्पड़ मारा वो नीचे गिर गयी और बिल्कुल फिल्म की हिरोईन की तरह कहने लगी कि भगवान के लिए मुझे छोड़ दो। maa ko lesbian banaya sex story
फिर में उसे खींचकर बेडरूम में ले गयी और दरवाज़ा लॉक कर दिया और उसे ज़बरदस्ती किस करने लगी। वो मुझे धक्का दे रही थी.. मैंने एक और जोर से थप्पड़ मारा वो जोर जोर से रोने लगी और मैंने उसे पकड़ कर उसके सारे कपड़े फाड़ दिए और अपने कपड़े भी उतार दिए और अपनी पेंटी उसके मुहं में डाल दी और सीधा एकदम से पूरा 8 इंच का मेरा नकली लंड उसकी चूत में पूरा का पूरा एक बार में ही डाल दिया। फिर वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी और मैंने उसके बाद करीब 30 मिनट तक उसके बूब्स चूसे और उसे कुत्तों की तरह उसे छोड़ा और फिर मैंने उसके खींचकर उल्टा कर दिया और में बोली कि अब रंडी तेरी गांड चोदूंगा। वो बिल्कुल सहम गयी और बोली कि नहीं.. नहीं.. नहीं गांड नहीं।
मैंने उसके बड़े बड़े चूतड़ो पर एक खींचकर थप्पड़ मारा तो उसके चूतड़ टमाटर की तरह लाल हो गये वो और ज़ोर से चिल्लाने लगी। मैंने नकली लंड गांड में लगाया और उसकी गांड में एक धक्के से आधा अंदर कर दिया और धीरे धीरे पूरा अंदर कर दिया और ऐसे ही उसे 1 घंटे चोदा और तब तक में बहुत थक गयी थी और में थककर उसके ऊपर ही लेट गयी। फिर हमने एक किस किया और माँ बोली कि मज़ा आ गया काजल। फिर हम दोनों वहीं पर सो गये और उसके बाद से हम रोज़ ऐसे ही चुदाई करने लगे। maa ko lesbian banaya sex story
——–समाप्त——–
तो दोस्तों यह थी मेरी स्टोरी आशा है आपको जरुर पसंद आई होगी । इस lesbian sex story के बारे कमेंट्स जरुर कीजियेगा..
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