जीजाजी, दीदी और मैं-2

(Jijaji Didi Aur Mai-2) जीजाजी मेरे गांड़ पर अपना लंड रख लिया। अपने लंड में थोडा सरसों का तेल लगाया और मेरे बुर में भी थोड़ा डाला। वे गांड़ को एकदम लूज छोड़ देने को बोले। ऐसा लग रहा था कि वे बड़े चुदक्कड हैं। मैं तो आज सब कुछ सहने को तैयार थी। वे …

पूरी कहानी पढ़ें