(Teen Patti Gulab- Part 1)
प्यारे पाठको और पाठिकाओ! इस कथानक की नायिका नाम है गौरी। और जिसका नाम गौरी हो भला उसकी खूबसूरती के बारे में कोई शक़-शुबहा कैसे किया जा सकता है। पता नहीं गुलाबो ने क्या खाकर या सोच कर गौरी का नाम रखा होगा, पर उसकी खूबसूरती ठीक उसके नाम के मुताबिक ही है। Teen patti gulab part 1 hindi sex story.
गौरी हमारी घरेलू नौकरानी गुलाबो की तीसरे नंबर की बेटी है। उम्र करीब 18 वर्ष, दरमियाना कद, घुंघराले बाल, गोरा रंग, मोटी मोटी काली आँखें, गोल चेहरा, सुराहीदार गर्दन, चिकनी लंबी बांहें, शहद भरी पंखुड़ियों जैसे एक जोड़ी होंठ और सख्त कसे हुए दो सिंदूरी आम।
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हुस्न के मामले में तो जैसे भगवान ने उसे अपने हाथों से फुरसत में ही तराशा होगा और लगता है उसके लिए ख़ूबसूरती के खजाने के सारे ताले तोड़ डाले होंगे। उसकी मोटी-मोटी काली नरगिसी आँखें देखकर तो कोई भी दीवाना हो जाए और गलियों में गाता फिरे
“इन आँखों की मस्ती के दीवाने हज़ारों हैं।”
अगर आपने ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में भिड़े की लौंडिया सोनू देखी हो तो आपको गौरी की खूबसूरती का अंदाज़ा हो जाएगा। गोल चेहरा और गोरे गालों पर पड़ने वाले डिंपल देख कर तो दिल यही चाहेगा कि लंड को तो बस उसके मुखश्री में ही डाल दिया जाए।
उसकी सबसे बड़ी दौलत है उसकी एक जोड़ी पतली मखमली केले के तने जैसी सुतवाँ टांगें और 23-24 इंच की पतली कमर के नीचे दो गोल खरबूजे जैसे चिकने तराशे हुए थिरकते नितम्ब। या खुदा! अगर शोले वाला गब्बर इन्हें देख लेता तो बस यही कहता
‘ये गांड मुझे दे दे गौरी!’
मेरा दावा है अगर वो जीन पैंट और टॉप पहनकर सड़क पर निकल जाए तो लोग गश खाकर गिर पड़ें। उसकी ठोड़ी पर बना वो छोटा सा तिल तो किसी गाँव की गौरी की याद ताज़ा करवा देता है। ऊपर से नीचे तक बस कयामत! वाह … खुदा कसम क्या साँचे में ढला मुजसम्मा तराशा है? कोई भी बस एक निगाह भर देख ले तो या अल्लाह की जगह ईलू ईलू कर उठे।
पिछले 2-3 सालों में मैंने पलक (तीसरी कसम) को भुलाने की बहुत कोशिश की थी पर गौरी को देखकर फिर से पलक बार-बार मेरे दिल-ओ-दिमाग में दस्तक सी दिए जाती रहती है। पलक के जाने के बाद मैंने कसम खाई थी कि अब किसी नादान, नटखट, चुलबुली, अबोध, कमसिन, परी जैसी मासूम लड़की से प्रेम नहीं करूंगा। पर लगता है गौरी तो मेरी इस कसम को तुड़वाकर ही दम लेगी। मैं क्या करूँ उसके कसे हुए नितम्ब देखकर तो कोई भी अपना ईमान और तौबा दोनों ही तोड़ डाले, मेरी क्या बिसात है। हे लिंगदेव! अब तो बस तेरा ही आसरा है।
गुलाबो आजकल बीमार रहती है। उसकी जगह गौरी को काम पर आते हुए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। गौरी सुबह जल्दी काम पर आ जाती है और दिन में सारा काम करती है और फिर शाम को ही अपने घर वापस जाती है।
इन 5-7 दिनों में वह मधुर से इस तरह घुल मिल गयी है जैसे वर्षों की जान-पहचान हो। उसके आने से मधुर को बहुत आराम हो गया है। उसने रसोई, बर्तन, कपड़े, सफाई आदि सारा काम सलीके से संभाल लिया है।
मेरे पुराने पाठक तो जानते हैं कि मधुर स्कूल में पढ़ाती भी है पर अभी गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही हैं; बस थोड़े दिनों में स्कूल शुरू हो जाएंगे। आजकल उसके सिर पर घर की सफाई का फितूर चढ़ा है इसलिए सारे दिन गौरी के साथ लगी ही रहती है। गौरी 5-4 क्लास तक स्कूल गई है बाद में उसने पढ़ाई छोड़ दी। मधुर उसे आजकल शामम को पढ़ाती भी है। वैसे मधुर शाम को बच्चों की ट्यूशन करती थी पर आजकल उसने बच्चों की ट्यूशन करना बंद कर रखा है।
गौरी का हमारे यहाँ आने का भी एक दिलचस्प किस्सा है। मैंने गौरी को पहले कभी देखा नहीं था। पता नहीं गुलाबो ने इस हीरे की कणि को इतने दिनों तक कहाँ छुपाकर रखा था। Teen patti gulab part 1 hindi sex stories.
मधुर ने बताया था कि गौरी अपनी मौसी के यहाँ फैज़ाबाद में रहती थी. अब 6-8 महीने पहले ही कालू (गुलाबो का बड़ा बेटा) की शादी में यहाँ आई थी और उसके बाद घर वालों ने उसे वापस नहीं भेजा।
मधुर कुछ बातें जानबूझकर भी छिपा जाती है। असली कारण मुझे बाद में पता चला था। दरअसल उसकी मौसी का लड़का गौरी के ऊपर लट्टू हो गया था और वह किसी भी तरह गौरी को रग़ड़ देना चाहता था।
भई सच ही है इतने खूबसूरत खजाने के लिए तो सभी की जीभ और लंड दोनों की लार टपकने लगें उस बेचारे की क्या गलती है। रही सही कसर गौरी के बाप ने पूरी कर डाली थी। कालू की शादी के बाद जैसे नंदू (गुलाबो का पति) पर तो नई जवानी ही चढ़ आई थी।
गुलाबो आजकल बीमार रहती है और पति की रोज-रोज की शारीरिक सम्बन्धों की माँग पूरी नहीं कर पाती तो वह यहाँ वहाँ मुँह मारता फिरता है। इसी चक्कर में उसने दारू के नशे में एक रात गौरी को ही पकड़ लिया था। बेचारी गुलाबो ने किसी तरह उसे छुड़ाया था।
जब गुलाबो ने मधुर को सारी बातें बताई तो मधुर ने इसे हमारे यहाँ रख लेने का निश्चय कर लिया। खैर कारण जो भी रहा हो मेरे लिए तो जैसे जीने का नया मक़सद ही मिल गया था।
हमारे सामने वाले घर में जहाँ पहले
अभी ना जाओ चोदकर
हुई चौड़ी चने के खेत में
वाली नीरू बेन रहती थी, आजकल नये किरायेदार आए हैं। बंगाली परिवार है और घर में फकत 3 जीव हैं। पति पत्नी और एक लड़की। आदमी का नाम सुजोय बनर्जी है जो किसी सरकारी दफ्तर में काम करता है। वह खुद तो मरियल सा है पर संजया बनर्जी उर्फ संजीवनी बूटी तो पटाका नहीं पूरा एटम बम है।
वैसे भी बंगाली औरतों की आँखें और बाल बहुत ही खूबसूरत होते हैं। साँवरी देह में नरगिसी आँखें विधाता बंग सुंदरी को ही देता है। पतली कमर, गोल कसे हुए नितम्ब और गहरी नाभि का छेद तो मृत्यु शैया पर पड़े आदमी को भी संजीवनी दे दे।
उम्र कोई 40-42 के लपेटे में होगी पर दिखने में 35-36 से ज्यादा नहीं लगती। सुडौल बदन की मल्लिका, गदराया सा बदन देखते ही मन करे किसी मंजरी (लता) की तरह उससे लिपट जाए। कभी नाभि दर्शना साड़ी में, कभी जीन पैंट और टॉप में कभी ट्रैक सूट में पूरे मोहल्ले में छमक-छल्लो बनी फिरती है। इसलिए लौंडे लपाड़े उसके आगे पीछे घूमते रहते हैं।
वो शायद किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब भी करती है और सुबह शाम कई बार शॉर्ट्स में या ट्रैक सूट में अपनी लड़की सुहाना या झबरे बालों वाले कुत्ते के साथ पार्क में घूमने जाती है।
मधुर ने भी एक दो बार इसका जिक्र तो जरूर किया था पर मैंने उस वक़्त ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। वैसे भी मधुर उसे कम ही पसंद करती है. कारण आप अच्छी तरह समझ सकते हैं। Teen patti gulab part 1 sex story.
कल सुबह-सुबह मैंने उसे सुहाना के साथ हाथ में टेनिस रॅकेट पकड़े स्टेडियम ग्राउंड जाते देखा था। आप को बता दूँ कि मैं भी टेनिस का बहुत अच्छा खिलाड़ी रहा हूँ. पर सिमरन (काली टोपी लाल रुमाल) के जाने के बाद मैंने टेनिस खेलना बंद कर दिया था। पर सोचता हूँ टेनिस क्लब फिर से ज्वाइन कर लूँ। काश … मैं फिर से 18 साल का लड़का बन जाऊं फिर तो माँ और बेटी दोनों के साथ टेनिस मैच खेल लूं, पर ऐसा कहाँ सम्भव है?
ओह … मैं इस फुलझड़ी के बारे में तो बताना ही भूल गया … यह तो बस कयामत बनने ही वाली है। पूरी टॉम बॉय लोलिता लगती है। हाय … मेरी सिमरन तुम मुझे बहुत याद आती हो। मोटी काली आँखें जैसे कोई जहर बुझी कटार हों।
नाइकी की टोपी और स्पोर्ट्स शूज पहने जब वो उछलते हुए से चलती है तो उसकी पोनी टेल घोड़ी की पूँछ की तरह हिलती रहती है।
उसके गोल गोल नितम्ब और लंबी मखमली जांघें तो अभी से बिजलियाँ गिरा रही हैं। इसके छोटे-छोटे नीम्बू तो टेनिस की बॉल से थोड़े ही छोटे लगते हैं। जब ये नीम्बू अमृत-कलश बनेंगे तो क्या कयामत आएगी इसका अंदाज़ा अभी से लगाया जा सकता है।
कभी स्कूल जाते समय वैन में चढ़ते हुए स्कर्ट के नीचे से झलकती उसकी मखमली जांघें, कभी ट्यूशन पर जाते समय छाती से चिपकाई किताबों के बोझ से दबे उसके खूबसूरत चीकू, कभी बालकनी में थोड़ी झुककर अपने फ्रेंड्स से बातें करते हुए दिखते उसके नन्हे परिंदे, कभी टेनिस के बल्ले को हाथ से गोल गोल घुमाते समय दिखती उसकी मखमली रोम विहीन स्निग्ध त्वचा वाली कांख, कभी जूतों के फीते बांधते समय दिखती उसकी जांघों के बीच फंसी कच्छी और कभी बाइसिकल चलाते समय झलकती उसकी पैंटी …
देखकर तो बस यही मन करता है काश वक़्त थम जाए और मैं बस सुहाना को जिंदगी भर ऐसे ही कुलांचें भरते, गली में इक्कड़-दुक्कड़, छुपम-छुपाई या लंगड़ी घोड़ी खेलते देखता ही रहूँ।
गुलाबी और हरे रंग की कैपरी में ढकी उसकी जांघें, नितम्ब, पिक्की और चीकू … उफ्फ … कयामत जैसे चार कदम दूर खड़ी हो। याल्लाह … इसकी खूबसूरत पिक्की (बुर) पर तो अभी बाल भी नहीं आए होंगे। मोटे-मोटे पपोटों वाली गंजी पिक्की की पतली झिर्री पर जीभ फिराने का मज़ा तो किसी किस्मत के सिकंदर को ही मिलेगा।
इसे देखकर तो सब कुछ भूल जाने का मन करता है। सुहाना नाम की इस कमसिन फितनाकार कयामत को देखकर किसी दिन मेरा दिल धड़कना भूल गया तो सारा इल्ज़ाम इसी पर आएगा।
पिछले 6 महीनों से मधुर को नयी धुन चढ़ी है। वो अब एक और बच्चा पैदा करना चाहती है। मेरे पुराने पाठक तो जानते हैं हमारा एक बेटा है जिसे मीनल अपने साथ कॅनेडा ले गयी है। (याद करें ‘सावन जो आग लगाए’ और ‘मोसे छल किए जा’ वाली मीनल) Teen patti gulab part 1 sex stories.
मैंने मधुर को कोई बच्चा गोद लेने के बारे में कई बार समझाया है पर वो है कि मानती ही नहीं। IVF, IUI, सैरोगेसी, कृत्रिम गर्भाधान जैसी बहुत सी नयी विधाएं (तकनीकें) हैं जिनके ज़रिए मातृत्व सुख मिल सकता है।
आप तो जानते हैं कि डॉक्टरों ने मिक्कू के जन्म के समय ही बता दिया था अब मधुर फिर से कभी माँ नहीं बन पाएगी पर मधुर को पक्का यकीन है कि वह प्राकृतिक रूप से गर्भवती जरूर होगी। इस चक्कर में हम लोग लगभग रोज ही रात को भरपूर चुदाई का मज़ा लेते हैं और वो भी मेरी मनपसंद डॉगी स्टाइल में। वीर्यपात होने के बाद भी मधुर देर तक उसी मुद्रा में नितंबों को ऊपर किए रहती है ताकि वीर्य उसके गर्भाशय तक जल्दी पहुँच जाए। इस आसन में उसे देखकर बार-बार मेरा मन उसकी खूबसूरत गांड का मज़ा लेने को करता है पर इसके लिए तो जैसे उसने कसम खा ली है कि जब तक वह गर्भवती नहीं हो जाती गांडबाजी बिल्कुल बंद।
पता नहीं वो कहाँ-कहाँ से देशी नुस्खे और टोटके ढूंढकर लाती है और मुझे कभी शहद के साथ या कभी दूध के साथ खिलाती पिलाती ही रहती है। इसके अलावा मुझे शुक्र और शनि के व्रत भी करवाती है और रोज खुद भी पूजा पाठ के चक्करों में पड़ी रहती है और मुझे भी उलझाए रखती है। हर सोमवार को लिंग देव के दर्शन करने तो जाना ही पड़ता है। आप तो जानते ही हैं कि मेरा इन सब बातों में कितना यकीन होगा।
खैर कोई बात नहीं … आप भी लिंग देव से जरूर प्रार्थना करें कि मधुर की मनोकामना जल्दी से जल्दी पूरी हो जाए क्योंकि इसमें हम सभी का फायदा है। उसे एक और चश्मे चिराग (पुत्र-रत्न) की प्राप्ति होगी और मुझे उसकी खूबसूरत गांड फिर से मारने को मिलेगी और आपको जब मैं गांडबाजी का किस्सा सुनाऊंगा तो आप भी जरूर इसे आज़माने की कोशिश करेंगे और … और … अब आप इतने भी अनाड़ी नहीं है कि सब कुछ ही बताना पड़े!
मधुर की 3-4 दिन से माहवारी चल रही है इसलिए चोदन-भोजन का तो सवाल ही नहीं उठता, मेरे पास अब सिवाय मुट्ठ मारने के कोई रास्ता नहीं बचा है। मेरे जेहन में तो बस गौरी और सुहाना ही बसी रहती हैं। काश कहीं ऐसा हो जाए कि संजीवनी बूटी खुद इस फुलझड़ी को लेकर हमारे घर आ जाए और मधुर से कहे कि इसे भी थोड़ा ट्यूशन पढ़ा दिया कीजिए। मधुर ने तो आजकल वैसे ट्यूशन पढ़ाना बंद कर रखा है पर यदि मुझे मौका मिल जाए तो मैं तो सारा दिन इसे ट्यूशन के अलावा और भी बहुत कुछ पढ़ाता रहूँ।Teen patti gulab part 1 antarvasna story.
मेरा तो मन करता है इस साली नौकरी को लात मारकर किसी लड़कियों के स्कूल में पढ़ाना ही शुरू कर दूँ और दिन भर सुहाना और मिक्की जैसी कमसिन कलियों को बस निहारता ही रहूँ। कसम खुदा की बेमोल बिक जाऊँ इस फितनाकार फुलझड़ी के लिए। ओह … पर यह कहाँ सम्भव है.
खैर चलो लिंग देव ने गौरी को तो भेज ही दिया है। सुहाना नहीं तो गौरी ही सही।
गौरी के साथ मेरा अभी सीधा संवाद नहीं हुआ है। वैसे भी मैंने उसे बोलते हुए बहुत कम देखा और सुना है। सच कहूँ तो मैंने गौरी को ढंग से (प्रेम गुरु की नज़र से) अभी देखा ही कहाँ है? एक दो बार झुककर झाड़ू लगाते हुए उसके कसे हुए उरोजों की हल्की सी झलक ही दिखी है। पता नहीं कब इन सिंदूरी आमों को देखने, छूने, मसलने और चूसने का मौका मिलेगा?
मेरा अंदाज़ा है उसकी बुर पर हल्के-हल्के बालों का पहरा होगा। गुलाब की पंखुड़ियों जैसे पतले नाजुक पपोटे और गहरे लाल रंग का चीरा तो कहर बरपा होगा। पता नहीं उसके दीदार कब होंगे?
हे भगवान! वो जब सु-सु करती होगी तो कितनी पतली धार निकलती होगी और उसका मधुर संगीत तो पूरे बाथरूम में गूंज उठता होगा। Teen patti gulab part 1 sex kahani.
अनारकली (मेरी अनारकली) और अंगूर (अंगूर का दाना) को तो मैंने बाथरूम में सु-सु करते कई बार बिना किसी हील-हुज्जत (झंझट) देख लिया था पर गौरी की पिक्की को देखने का सौभाग्य पता नहीं मेरे नसीब में है या नहीं अभी क्या कहा जा सकता है?
अनार और अंगूर दोनों को ही मुझे अपने प्रेमजाल में फंसा लेने में बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी थी पर इस गौरी नाम की चंचल हिरनी को काबू में करना वाकई मुश्किल काम लग रहा है। दिमाग ने तो काम करना ही जैसे बंद कर दिया है। क्या किया जाए … अपना तो यही फलसफा है.
कोशिश आखरी सांस तक करनी चाहिये यारो …
मिल गई तो चूत और नहीं मिली तो उसकी माँ की चूत।
मैने अपने सभी साथियों (लंड, आँखें, होंठ-मुँह-जीभ, कान-नाक, हाथ, दिल और दिमाग) की आपातकालीन बैठक (एमर्जेन्सी मीटिंग) बुलाई.
लंड तो 4-5 दिन से जैसे अकड़ा ही बैठा है। मेरी सुनता ही कहाँ है? उसने तो सबसे पहले चेतावनी सी देते हुए कह दिया है कि मुझे तो बस गौरी की चूत और गांड से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
आँखों ने कहा हमें तो बस उसके गोल सिंदूरी आमों और मखमली बुर का दीदार जल्दी से जल्दी करवा दो।
होंठों ने कहा कि उन्हें तो बस उसके भीगे होंठों को चूमने का एक बार मौका दिलवा दो। हाए … उसके ऊपर और नीचे के होंठों का रस कितना मधुर होगा उसे चूसकर तो आदमी का यह मनुष्य जीवन ही धन्य हो जाए। सच कहूँ तो मेरे होंठ तो उसके गालों, उरोजों और बुर को चूम लेने को इतने बेताब हैं कि बार-बार मेरी जीभ अपने आप मेरे होंठों पर आ जाती है।
कान कहते हैं कि उन्हें तो उसकी बुर का मधुर संगीत सुनना है।
नाक कहती है गुरु उसके कमसिन बदन से आती खुशबू तो दूर तक महकती है जब वो तुम्हारे आगोश में आएगी तो उसके बदन से निकलने वाली खुशबू तो तुम्हें अपना दीवाना ही बना देगी, जरा सोचो।
हाथ और अंगुलियाँ कहती हैं गुरु … एक बार उसे अपनी बांहों में जकड़ लो, साली कबूतरी की तरह फड़फड़ा कर अपने आप समर्पण कर देगी। सोचो उसके गालों पर, नाभि के छेद पर, पेट और पेडू पर, नितंबों पर, फूली हुई हल्के बालों वाली बुर और गांड के छेद पर हाथ और अंगुलियाँ फिराने में दिल और दिमाग को कितना सुकून और लज्जत मिलेगी तुम्हें पता ही नहीं? Teen patti gulab part 1 antarvasna stories.
दिल तो जैसे मुँह फुलाए बैठा है, मेरी सुनता ही नहीं है। उसने तो मुझे जैसे धमकी ही दे डाली है कि अगर गौरी नहीं मिली तो वो किसी दिन धड़कना ही बंद कर देगा। तुम तो अपने आप को प्रेमगुरु कहते हो, पता नहीं ऐसी कितनी लौंडियों को अपने प्रेमजाल में उलझाया है क्यों नहीं कुछ उपक्रम करते? प्लीज कोई तिगड़म जल्दी भिड़ाओ ना!
और दिमाग का तो जैसे दही ही बन गया है। कुछ सूझता ही नहीं। कहता है गौरी नाम की इस गुलाब की तीसरी पत्ती को तोड़ना मरोड़ना बिल्कुल नहीं … बंद आँखों से बस धीमी-धीमी सुलगती इस आँच को अपनी अंगुलियों, अपने होंठों, अपनी जीभ और अपने हाथों से महसूस करो। उसके कुँवारे जिस्म से आती मदहोश कर देने वाली खुशबू को सूंघ कर देखो।
पर खबरदार! जल्दबाजी बिल्कुल नहीं! कहीं ऐसा न हो यह चंचल हिरनी गीली मछली की तरह तुम्हारे हाथों से फिसल जाए और फिर तुम जिन्दगी भर के लिए अपना लंड हाथ में लिए आँसू बहाते फिरो। बाकी तुम्हारी मर्ज़ी … ये लंड तो हमेशा बेहूदा हरकतें करता ही रहेगा। अभी इसे बुर चाहिए बाद में गांड माँगेगा और फिर कुछ और। तुम्हें ऐसा फंसाएगा कि कहीं के नहीं रहोगे। इस चूत के लोभी और गांड के रसिया लंड की बातों में बिल्कुल नहीं आना!!!
मेरे प्रिय पाठको और पाठिकाओ। अब आप बताएँ मैं क्या करूँ? दिल और दिमाग दोनों अलग अलग खेमे में खड़े हैं किसकी सुनूँ? किसी ने क्या खूब कहा है कि आदमी का हौसला और औरत का भोसड़ा दुनिया में कुछ भी करवा सकता है। चलो एक शेर मुलाहिजा फरमाएँ :
जो चुदाई की तमन्ना दिल में रखते हैं उन्हें चूतें जरूर मिलती हैं।
अगर आपके हिलाने में सच्चाई है तो उसे हिचकी जरूर आएगी।
हे लिंग देव … पिछले 6 महीने से रोज सोमवार को सर्दियों में सुबह सुबह ठंडे पानी से नहाकर 2 किलोमीटर पैदल चलकर तुम्हारी मूर्ति पर दूध-जल चढ़ाने का कुछ तो सिला (प्रतिफल) मिलना ही चाहिए ना? बस एक बार इसकी गांड मारने को मिल जाए तो मैं जिंदगी में फिर कभी कुछ नहीं माँगूँगा। लगता है मुझे अब यह चौथी कसम खानी ही पड़ेगी.
यह कहानी साप्ताहिक प्रकाशित होगी. अगले सप्ताह इसका अगला भाग आप पढ़ पायेंगे. Teen patti gulab part 1 kahani.
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