मकान ‘माल’किन

Makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

हर स्टूडेंट का सपना होता है कि कोई मस्त माल मिले जिसे वो मज़े ले लेके चोद सके पर मैं उन खुशकिस्मतों में से हूँ जिसको वो माल घर में ही मिल गया। एक कामुक makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani hot sexy kahani पेश है..

मेरा नाम गौरव सिंह है। अभी मैं राजस्थान के कोटा जिले में रहता हूँ और यहीं अपने कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूँ।

मेरी हाइट 5.7 फीट है.. मेरे लौड़े की लंबाई 6 इंच और मोटाई 2.5 इंच है।

तो बात तब की है.. जब मैं अपने कॉलेज में एडमिशन लेने आया था।

तब मेरे साथ पापा भी आए थे। कॉलेज में एडमिशन के बाद मैंने एक कमरा किराए पर लिया।

उस घर में अंकल और आंटी ही रहते थे। अंकल यहीं के स्कूल में टीचर थे और उनके 2 लड़के भी थे.. पर वो एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे।

जब मैंने पहली बार आंटी को देखा तो बस देखते ही रह गया।

वो एकदम हुस्न क़ी मल्लिक़ा लग रही थीं।

हरे रंग की ड्रेस में जैसे मानो भगवान ने उसे कामवासना में लीन होकर बनाया हो।

उसे देख कर कोई कह भी नहीं सकता था कि ये 2 बच्चों की माँ है।

उसकी चूचियों की साइज़ करीब 36 की रही होगी और कमर तो ऐसी की.. बस जाकर चूम लो। makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

अगर आप उसकी खूबसूरती का अंदाजा लगा चाहो तो यूँ समझ लीजिए कि वो माधुरी दीक्षित लगती थी।

खैर.. मैंने फिर किराए की बात अंकल से की.. आंटी हम सबके लिए नीबू पानी ले आईं.. क्योंकि उस वक़्त गर्मी बहुत हो रही थी।

एक-एक कर सबने गिलास ले लिए.. पर जब आंटी मुझे गिलास देने आईं.. तभी अचानक उनकी साड़ी का पल्लू खिसक गया।

आह्ह..

मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई थी.. दो-दो बड़े-बड़े सफेद कबूतरों को देख कर मेरा तो पप्पू जागने लगा..

पर मैंने अपने आपको संभाला क्योंकि पास में सभी लोग थे।

फिर आंटी ने अपने पल्लू को अपने ब्लाउज के अन्दर खोंस लिया और ‘सॉरी’ बोल कर गांड मटकाते हुए चली गईं।

तब मैंने सोचा कि गौरु यहाँ कुछ जुगाड़ हो सके.. तो मज़े हो जाएँगे।

यह माल चोदने को मिल जाए तो बाहर मुँह मारने का काम नहीं रहेगा।

खैर साहब.. वहाँ मैं रहने लगा और मैंने आंटी से अच्छे सम्बंध बना लिए।

एक दिन कॉलेज के सारे दोस्तों ने पार्टी करने का फ़ैसला किया तो शाम को जाकर मैंने आंटी को भी कह दिया- कल रात को मुझे आने में ज़रा देर हो जाएगी.. तो आप गेट पर लॉक मत लगाना। makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

तब आंटी ने कहा- ज्यादा लेट मत हो जाना.. क्योंकि तुम्हारे अंकल को भी कल बाहर जाना है।

अगले दिन शाम को दोस्तों ने ज़बरदस्ती पिला दी और मैं कुछ ज्यादा ही टुन्न हो गया।

अगले दिन जब दोपहर में उठा.. तो आंटी मुझे घूर-घूर कर देख रही थीं, पर मुझे कुछ समझ नहीं आया।

फिर शाम को जब दोस्तों के पास गया तो उनसे मालूम चला कि रात को आंटी जाग गई थीं।

जब वो मेरे को लाए.. तब आंटी उन पर बहुत चिल्लाई भी थीं और कहा था- जो बंदा पीता नहीं.. तुम्हें उसे नहीं पिलाना चाहिए.. कुछ हो जातो तो…

अब तो मेरी फट कर हाथ में आ गई.. मेरे मन में कई सवाल उठ रहे थे कि आंटी अब क्या कहेगी… वो पूछेगी तो क्या जवाब दूँगा, कहीं वो घर पर फोन ना लगा दे..

फिर भी मैं डरते हुए रात को घर गया तब अंकल-आंटी दोनों बाहर ही खड़े मिले।

मेरी हालत तो खराब हो गई, मैंने सोचा आज तो गौरु तू गया।

पर जब अंकल ने मुझसे ढंग से बात की तो मेरी साँस में साँस आई और उधर आंटी मेरी शकल को देख-देख कर हंस रही थीं।

फिर कुछ दिन निकल गए कि तभी आंटी ने बताया- तेरे अंकल जी का ट्रान्सफर हो गया है और पोस्टिंग कोटा के पास के एक गाँव में हुई है और वो सोमवार से ज्वाइन करेंगे। makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

अब वो लोग मुझ पर काफ़ी भरोसा करने लग गए थे, क्यूँकि मेरा बर्ताव काफ़ी अच्छा रहता था।

आंटी भी अब मुझसे काफ़ी घुल-मिल गई थीं।

मैंने एक बात नोटिस की कि आंटी अब मुझ से काफ़ी खुल कर बात किया करती थीं और जब से अंकल की पोस्टिंग बाहर हुई.. तब से उनके कपड़े पहनने का ढंग ही बदल गया था।

कई बार वो घर में गहरे गले की नाइटी पहन कर काम करती थीं.. पर शाम को अंकल के आते वक़्त सब सुधर जाता।

एक दिन अंकल ने बताया- उनके एक दोस्त की शादी है.. मुझे कुछ दिनों के लिए बाहर जाना पड़ेगा तो तुम घर का और आंटी का ख़याल रखना।

मेरी तो जैसे लॉटरी लगीं थी, इस हुस्न की परी के साथ 5 दिन अकेले..

अब मैं उसे चोदने की फिराक में था। उसी वक़्त से मैं उनको चोदने की योजना बनाने लगा।

मैं खुश था क्योंकि अब वो मुझे उसके बदन की नुमाइश भी करती रहती थी। कभी अपने बड़े-बड़े मम्मे दिखा कर.. कभी झुक कर.. अपने गोले नपवा लेती..

और मैं बस देख कर मुठ मार कर रह जाता था।

पर अब नहीं इस मौके को मैं छोड़ना नहीं चाहता था।

अंकल जब चले गए.. तो आंटी ने पूछा- आज खाने में क्या खाओगे..? makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

क्यूँकि मैं अंकल के घर पर ही खाना ख़ाता था..

तो मैंने कहा- आंटी जो आप खिलाओ।

शाम को आंटी ने फिर मेरी पसंद का खाना बनाया।

आंटी ने उस दिन एक सेक्सी सी लाल रंग की नाइटी पहन रखी थी.. जिसमें उनका गोरा बदन कयामत ढा रहा था।

जैसे ही वो नीचे झुकीं.. उनके स्तन साफ़ नज़र आ रहे थे।

शायद उन्होंने आज नीचे कुछ पहना नहीं था।

आंटी ने मुझे देख लिया और एक हल्की सी कातिल मुस्कान दी.. और खुद भी खाना खाने लगीं।

फिर मैं वहीं टीवी देखने लग गया और आंटी अपना काम ख़त्म करने लगीं।

टीवी पर ‘हेट-स्टोरी’ फिल्म चल रही थी.. उसमें सेक्स का सीन चल रहा था।

मेरा हथियार ये सब देख कर पजामा फाड़ने के मूड में आ गया था।

तभी अचानक आंटी आ गईं और मैंने चैनल बदल दिया।

वो अब मेरे पास आकर बैठ गईं।

मैंने अपने हथियार को छुपाने की कोशिश की.. पर ना कर पाया।

आंटी ने फिर एक कातिल मुस्कान दे दी.. और वहीं पर टीवी देखने लगीं। makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

एक-दो दिन ऐसे ही चलता रहा फिर एक दिन आंटी ने खाने में जूस भी दिया।

तो मैंने कहा- आंटी क्या जूस पिला रही हो.. कुछ अच्छी सी ड्रिंक पिलाओ।

आंटी- अब तुम बियर पीने वालों को जूस कहाँ हज़म होगा।

मैंने अपना सिर नीचे करके कहा- अरे आंटी वो तो… उस दिन दोस्तों ने ज़बरदस्ती पिला दी थी।

आंटी- तो तुम अब भी बियर पीते हो?

‘हाँ कभी-कभी.. पर अब लिमिट में ही..’

मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

आंटी- टेस्ट कैसा आता है उसका?

मैं- शुरू-शुरू में अच्छा नहीं लगता.. पर बाद में अच्छा लगता है।

आंटी- अच्छा… तुम्हारे अंकल भी कभी-कभी पीते हैं।

मैं- अरे आंटी आप भी कभी पीकर देखो.. बहुत मज़ा आएगा।

(कृपया इसे पढ़ कर नशा करना ना सीखें)

आंटी- नहीं… नहीं… मुझे नहीं पीनी..

फिर मेरे बहुत कहने पर वो एक पैग के लिए राज़ी हो गईं। makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

तब उन्होंने अन्दर जाकर फ्रिज में से एक बॉटल निकाली और कहा- ये लो अब खुश..

मैंने फिर आंटी के लिए एक छोटा सा पैग बनाया.. तो आंटी ने नाक बंद करके एक ही घूँट में पूरा पी लिया।

मैंने कहा- आंटी चलो आज आप इसका मज़ा ले ही लो..

तब फिर मैंने और आंटी ने तीन बोतलें ख़त्म कीं।

अब आंटी काफ़ी नशे में आ गई थीं तो मैं आंटी को सहारा देकर अन्दर कमरे में ले गया।

इस बीच मेरा हाथ काफ़ी बार आंटी के मम्मों को छू गया.. पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।

पर अब मेरे मन का शैतान जाग गया था।

आंटी को सुला कर मैं पेशाब करने गया.. तो थोड़ा शांत हुआ पर लौड़ा था कि मानता नहीं..

मैंने चुपके से आंटी के कमरे में देखा आंटी सोते हुए एकदम परी लग रही थीं।

अह.. जांघों तक उठी लाल नाइटी में उनका कामुक और गोरा बदन..

तभी मेरा ध्यान नीचे पैरों की तरफ गया तो उनकी पैन्टी कुछ-कुछ दिख सी रही थी।

अब मुझसे रहा नहीं गया और अन्दर चला गया।

आंटी की नाइटी और ऊपर करके पैन्टी खिसका कर उनकी चूत को चाटने लग गया।

क्या चूत थी.. उम्म हम्म.. यम्मी.. बता नहीं सकता.. makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

एकदम गोरी चूत में लाल रंग की फाँकें मुझे और उत्तेजित करे जा रही थीं।

मैंने धीरे-धीरे उनकी चूत चाटना जारी रखा।

आंटी की भी नशे में धीरे-धीरे ‘आहें’ निकालने लगीं।

मैं फिर भी चाट रहा था.. मैंने सोचा.. जो होगा देखा जाएगा।

कुछ देर मैं आंटी ने अपना पानी निकाल दिया।

आह्ह.. कितना अच्छा स्वाद था.. मैं आपको बता नहीं सकता।

मैंने हाथ से हिला कर अपने आपको शांत कर दिया।

दूसरे दिन मैं जल्दी उठा क्योंकि मुझे कॉलेज जाना था.. तभी आंटी भी बाहर आईं।

मैंने सोचा कहीं आंटी को कुछ पता तो नहीं चल गया।

मगर जैसे ही आंटी मेरे पास आने लगीं.. तो नींद में होने के कारण उनका पैर फिसल गया और वहीं गिर गईं..

मैं भाग कर उनके पास गया और उनको सहारा दे कर खड़ा किया।

आंटी- मेरी कमर और पैरों में बहुत दर्द हो रहा है।

मैं- शायद दीवार से टकराने की वजह से आपके कमर में चोट आई है। makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

तो मैंने उनको सहारा देके फिर से कमरे में ले गया।

मैं- अब तक शायद रात की उतरी नहीं ह्म्म्म?

आंटी- हाँ… पर रात को मज़ा भी काफ़ी आया था।
दूसरे दिन मैं जल्दी उठा क्योंकि मुझे कॉलेज जाना था.. तभी आंटी भी बाहर आईं।

मैंने सोचा कहीं आंटी को कुछ पता तो नहीं चल गया।

मगर जैसे ही आंटी मेरे पास आने लगीं.. तो नींद में होने के कारण उनका पैर फिसल गया और वहीं गिर गईं.. मैं भाग कर उनके पास गया और उनको सहारा दे कर खड़ा किया।

आंटी- मेरी कमर और पैरों में बहुत दर्द हो रहा है।

मैं- शायद दीवार से टकराने की वजह से आपके कमर में चोट आई है।

तो मैंने उनको सहारा देके फिर से कमरे में ले गया

मैं- अब तक शायद रात की उतरी नहीं ह्म्म्मं…

आंटी- हाँ… पर रात को मज़ा भी काफ़ी आया था।

मैंने मन में कहा- मज़ा तो मुझे भी आया.. इस हसीना की चूत का पानी पीकर…

मैं- क्या अभी भी दर्द हो रहा है? makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

आंटी- हाँ.. थोड़ा घुटनों पर और नीचे कमर में.. शायद चोट आई है।

मैं- हाँ.. आप मलहम से थोड़ी मालिश कर लीजिएगा.. ठीक हो जाएगा।

मैं बॉक्स में से मलहम लेकर आया और उनको दे दी।

आंटी मलहम लगाने की कोशिश कर रही थीं.. पर कमर दर्द के कारण वो झुक भी नहीं पा रही थीं।

तो आंटी ने कहा- तू ही लगा दे और थोड़ी मालिश भी कर दे।

मैं- अरे आंटी मैं आपकी मालिश.. कैसे कर सकता हूँ?

मैं थोड़ा भाव खा रहा था।

आंटी- कोई नहीं.. तू कर दे अब.. पर पहले बाहर वाली कुण्डी लगा ले।

मैं- हाँ.. ये ठीक रहेगा।

मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे.. क्या मालूम आज शायद लॉटरी लग जाए।

मैं जब वापस कमरे में गया तो आंटी ने पूरी नाइटी घुटनों तक ऊपर उठा रखी थी।

मैं तो बस दो मिनट तक उनकी गोरी टाँगों को बस देखता ही रह गया। makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

तभी आंटी ने टोका- क्या हुआ गौरु.. ऐसे कभी कोई लड़की देखी नहीं क्या?

मैंने शरम से सर झुका लिया और बोला- पर आप जैसी खूबसूरत कोई नहीं देखी।

आंटी- चल इधर आ.. अब लाइन मत मार.. मेरी शादी हो गई है।

मैं बिस्तर पर बैठ गया और वो पैर चौड़े करके लेट गईं।

फिर मैं धीरे-धीरे मालिश करने लगा तो आंटी धीरे-धीरे ‘आअहह.. आअहह अयाया..’ की आवाज़ करने लगीं।

मैं समझ गया- भाई गौरु.. आज तो इसकी ‘फील्ड’ को तो तू ही गीला करेगा।

तभी आंटी ने कहा- थोड़ी ऊपर भी मालिश कर ना।

तो मैं थोड़ा सा हाथ और ऊपर ले गया.. क्यूँकि मुझे डर लग रहा था कि कहीं आंटी बुरा ना मान जाएं।

आंटी- क्या सोच रहा है रे तू.. कल रात को तो नहीं शरमा रहा था.. बड़ी ज़ोर-ज़ोर से चाट रहा था.. आज क्या हो गया तुझे?

यह सुनकर तो जैसे मेरे होश ही खो गए..!

आंटी उस वक़्त जाग रही थीं..! makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

तभी आंटी ने अपना असली छिनाल रूप दिखाया कहा- ओए भोसड़ी के.. तुझे सिर्फ़ चूत चाटना ही आता है या चोदना भी आता है?

मैं- मैं.. मैं.. आंटी.. कुछ समझा नहीं…

आंटी- नाटक कर रहा है मादरचोद.. कल रात को तू मेरे साथ क्या कर रहा था.. तेरे घर में माँ-बहन नहीं है क्या?

मैं आंटी के पैरों में गिर गया और माफी माँगने लग गया- सॉरी आंटी आगे से नहीं होगा.. वो नशे में.. ये सब कर बैठा.. मुझे माफ़ कर दीजिए प्लीज़…

आंटी ने फिर मुझे कान पकड़ कर उठाया और मेरे गालों पर एक चुम्मा लिया।

फिर तो मानो आंटी ने जैसे मरे हुए मेरे लौड़े में जान डाल दी हो।

आंटी- आजा.. मेरे पास.. ये सब तो मेरा पहले से बनाया हुआ प्लान था.. और मुझे एक बॉटल में नहीं चढ़ती.. तेरे अंकल के साथ मैं भी कभी-कभी पी लेती हूँ तो मुझे तो पीने की आदत है। मैं तो बस ये देख रही थी कि तू मेरे साथ क्या-क्या कर सकता है…

मैं- तो आंटी क्या अंकल आपको नहीं चोदते?

आंटी- अरे वो चोदते तो हैं पर कम चोदते.. उन्हें चुदाई में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं रह गया है.. पर जब चोदते हैं तो मेरी जान निकाल देते हैं। मैं भी अब एक ही लौड़े से चुद कर बोर हो गई काफ़ी टाइम से सोच रही थी.. पर बदनामी ना हो जाए.. इसलिए मैंने कुछ नहीं किया… पर तेरे आने से मेरे सोए हुए अरमान जागने लगे थे।

मैं- तो अब आपका क्या इरादा है.. मेरी रानी…

आंटी- मेरा इरादा तो नेक है.. पर आपका ज़रा लौड़ा जरा बेईमान लग रहा है साहब…

फिर मैं और आंटी अपनी रास-लीला में लीन हो गए। makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

मैंने आंटी को बाँहों में भरते हुए उनके लबों पर अपने होंठ रख दिए।

आहह.. क्या रस भरे होंठ थे..

बस जी चाह रहा था कि सारा रस पी जाऊँ.. कभी उसके होंठ चूसता तो कभी उसकी जीभ चूसता।

वो मेरे बालों को सहलाने लगी.. मेरा हाथ कभी उनकी पीठ पर जाता तो कभी उनके मम्मे दबा देता।

फिर धीरे-धीरे मैंने उनकी नाइटी भी उतार दी।

ओह.. वो गजब की कामुक लग रही थी।

उसके सफेद गोरे मम्मों पर काले रंग की ब्रा और नीचे काली पैन्टी से मस्त और क्या हो सकता है…

दोस्तों.. आप मेरे खुशी का ठिकाना लगा सकते हो।

मैं उसके सुडौल मम्मों को दबा रहा था और वो “अया.. उहह.. उंह..” की आवाजें निकाल कर मुझे और उत्तेज़ित कर रही थी।

अब उसका हाथ धीरे-धीरे मेरे लंड को मसलने लगी और ऊपर-नीचे हिलाने लगी।

बस फिर क्या था.. मैंने देर ना करते हुए अपने कपड़े भी उतार दिए। अब मैं भी बस अंडरवियर में था। फिर मैंने उसके ब्रा के हुक को खोल दिया। makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

वाह… इतने दिन से जिनके सपने देख रहा था.. अब वो मेरे सामने थे।

मैंने ज़रा भी देर ना करते हुए उसके मम्मों को मुँह में भर लिया।

वो तड़प उठी और कहने लगी- जान सब कुछ तुम ही कर लोगे.. या मुझे भी कुछ सेवा का मौका दोगे।

मैंने कहा- मेरी रानी.. मैं तो पूरा ही तेरा हूँ।

फिर आंटी ने मेरा पूरा लौड़ा मुँह ले लिया और चूसने लगी और कहा- वाह गौरु.. तुम्हारा लण्ड तो बहुत ही मस्त है.. अब तो मैं रोजाना इसे लूँगी।

कुछ देर बाद मेरे लण्ड ने भी पानी छोड़ दिया.. फिर हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए और मैं उनकी चूत का पानी पीने लगा।

अहह..क्या मादक खुश्बू थी.. हाए … बस मज़ा आ गया.. उनकी चूत चाटने में…

फिर हम दोनों सीधे हुए और उनको पीठ के बल वहीं बिस्तर पर चित्त लेटा दिया और उनकी टाँगें चौड़ी करके उनकी चूत में ऊँगली करने लगा।

वो तो जैसे सातवें आसमान पर उड़ रही थी.. बिना कुछ बोले बस.. ‘आहें’ भरते हुए ‘आह.. उहह.. उफ..’ की आवाजें निकाले जा रही थी।

उसकी चूत इतनी नरम और नाज़ुक थी.. जैसे गुलाब की पंखुड़ियां.. makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

वो इतनी आवाज कर रही थी जैसे मानो वो मेरे साथ इस चुदाई की लीला में पागल हो गई हो।

‘आआह.. आआह और डालो अन्दर.. अब और रुका नहीं जाता मुझसे…’

फिर मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत पर रगड़ कर गीला किया ताकि वो और आराम से अन्दर जा सके।

फिर मैंने धीरे-धीरे उनकी चूत में अपना पूरा लण्ड डाल दिया और धीरे-धीरे धक्के लगाने चालू कर दिए।

चुदाई करते हुए धीरे-धीरे हम मस्ती में खो गए और मैंने अपने धक्कों की रफ़्तार और तेज कर दी।

अब मैं चुदाई के साथ ही उसके मम्मों को भी मसलने लग गया।

अह.. क्या मज़ा आ रहा था..

ये मेरे ज़िंदगी की पहली और यादगार चुदाई बन गई थी।

फिर 5-7 मिनट बाद ही हम दोनों का जिस्म एक साथ अकड़ गया और एक तेज आवाज के साथ हम दोनों ही झड़ गए और मैं उसके ऊपर ही लेट गया।

फिर हम दोनों बातें करते हुए कब सो गए.. मालूम ही नहीं चला।

शाम के 4 बजे मेरी आँख खुली और उनको भी जगाया, वो नहीं उठी तो मैंने उनकी चूत पर एक ज़ोरदार चुम्बन करके उसे जगाया।

तो वो जागी और कहा- अभी तक मन नहीं भरा क्या? makaan malkin Bhabhi ki chudai ki kahani

मैंने कहा- मेरी जान मरते दम तक तुझसे दिल नहीं भरेगा।

उसके बाद 2-3 दिन तक हमने रोजाना चुदाई करी।

———-समाप्त———-

कुछ वक़्त बाद वो भी अपने पति के साथ चली गई और मुझे वो घर खाली करना पड़ा, पर मुझे इस बात की खुशी है कि मुझे उनके साथ काफ़ी अच्छा वक़्त बिताने का मौका मिला। उम्मीद है इस hot sexy kahani से आपको भी ख़ुशी हुई होगी..

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