Chudai ka tuition sex story
मैं एक टीचर थी पर थी तो एक अकेली औरत ही न.. मेरा भी मन होता था चुदने का और दिन भर उन नए नए जवान लौंडो को देखके चूत भी परेशां रहती थी। एक दिन मैंने फैसला किया। एक कामुक chudai ka tuition sex story पेश है।
मैं स्कूल में बायलोजी विषय की टीचर थी। 12वीं क्लास को पढ़ाती थी मेरी क्लास में लड़के और लड़कियां दोनों ही पढ़ते थे। स्कूल में साड़ी पहनना जरूरी था। मैं दूसरी टीचर्स की तरह खूब मेक-अप करती और खूबसूरत साडियां पहनकर स्कूल आती थी, जैसे कोई स्पर्धा चल रही हो।
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क्लास में मुझे तरुण बहुत ही अच्छा लगता था। वो 18 साल का एक सुंदर लड़का था, लंबा भी था, और हमेशा मुझे देखकर मुश्कुराता था, बल्कि खुश होता था। उसकी मतलबी मुश्कुराहट मुझे बैचैन कर देती थी। मुझे भी कभी-कभी लगता था कि तरुण मुझे अपनी बाँहों लेकर चूम ले।
तरुण ही आज की कहानी का नायक है।
हमेशा की तरह आज भी क्लास में मैं पढ़ा रही थी। मैंने विद्यार्थियों को एक सवाल का उत्तर लिखने को दिया। सवाल सरल था। सभी लिखने लगे, पर तरुण मुझे बार-बार देख रहा था। उसे देखकर आज मेरा मन भी मचल गया। मैं भी मुश्कुरा कर उसे निहारने लगी। वो मुझे लगातार देखता ही जा रहा था, कभी-कभी उसकी नजरें झुक भी जाती थी। मुझे लगा कि कुछ करना चाहिए। मैं घूमते हुए उसके पास गयी और उसके कंधे पर हाथ रखकर बोली- “तरुण कुछ मुश्किल है क्या?” और मैंने उसका कन्धा दबा दिया।
तरुण- “न… नहीं मैम…”
मैं उससे सट गई। उसके कंधे का स्पर्श मेरी जाँघों में हुआ तो मैं सिहर उठी। क्लास के बाद मैंने पेपर ले लिए। छुट्टी के समय मैंने तरुण को बुलाया और कहा- “मैंने तुम्हारा पेपर चेक कर लिया है। तरुण, तुम बायोलोजी में कमजोर हो। तुम्हें मदद की जरूरत हो तो घर पर आकर मुझसे पूछ सकते हो…” chudai ka tuition sex story
तरुण- “जी मैम… मुझे जरूरत तो है, पर आपका घर का पता नहीं मालूम है…”
मैं- “अगर तुम्हें आना हो तो 4:00 बजे शाम को आ जाना, मेरा पता ये है…” मैंने अपने घर का पता एक कागज़ पर लिखकर देते हुए कहा।
तरुण- “जी थैंक्स…” तरुण के शरीर से एक तरह की खुशबू आ रही थी, जिसे मैं महसूस कर रही थी।
मैं- “तरुण तुम कहाँ रहते हो?”
उसने अपने घर का पता बताया। वो मेरे घर से काफी दूर था। शाम को वो 4:00 बजे से पहले ही आ गया। मैं उस समय लम्बी स्कर्ट और ढीले ढाले टाप में थी। मेरे बड़े और भारी स्तन उसमें से बाहर निकले पड़ रहे थे। तब मैं सोफे पर बैठी चाय पी रही थी।
मैंने उसे भी चाय पिलाई। फिर मैंने पूछा- “किताब लाये हो?”
उसने किताब खोली। मैं उसे पढ़ाने लगी। मैं सेंटर टेबल पर इस तरह झुकी थी कि वो मेरी चूचियां अच्छी तरह देख सके। ऐसा ही हुआ और उसकी नजरें मेरी चूचियों पर गड़ गयीं। मैंने काफी देर तक उसे अपनी चूचियां देखने दी। मुझे अब विश्वास हो गया कि वो गरम हो चुका है। मैंने तुंरत ही गरम-गरम लोहे पर चोट की- “तरुण… क्या देख रहे हो?”
वो बुरी तरह से झेंप गया। पर सँभलते हुए बोला- “नहीं, कुछ नहीं मैम…”
मैंने देखा तो उसका लण्ड खड़ा हो गया था। मैंने कहा- “मुझे पता है तुम कहां झांक रहे हो। तुम अपने घर में भी यही सब करते हो? अपनी माँ बहन को भी ऐसे ही देखते हो क्या? तुम्हें शर्म नहीं आती…” chudai ka tuition sex story
वो घबरा गया- “मैम वोऽऽ… वोऽऽ… आई एम सारी…”
मैं- “सारी क्यों? तुम्हें जो दिखा, तुमने देखा। तुमने मेरा स्तन देखे, पर मेरा टाप तो उतारकर नहीं देखे, हाथ नहीं लगाया फिर सारी किस बात की? मिठाई खुली पड़ी हो तो मक्खी तो आएगी ना। पर हाँ… सुनो किसी को कहना मत…”
तरुण- “नऽऽ… नहीं मैम, नहीं कहूँगा…”
मैं- “अच्छा बताओ तुम्हारी बहन है?”
तरुण- “हाँ मैम… है, एक बड़ी बहन है…”
मैं- तुम उसे भी ऐसे ही देखते हो। उसकी चूचियां भी ऐसी हैं, मेरे जैसी?”
तरुण- “नहीं मैम… वोऽऽ उसकी तो आप आपसे छोटी हैं…” तरुण शर्माते हुए बोला।
मैं- “तुम्हें कैसे पता, बोलो?”
तरुण- “जी… मैंने छुप के देखी थी, जब वो नहा रही थी…” वो शर्माता भी जा रहा था और मैंने देखा कि उसका मुँह लाल हो रहा था। मैं समझ गयी कि वो उत्तेजित होता जा रहा है। मैंने धीरे से उसकी जांघ पर हाथ रखा तो वो सिहर गया। पर वो कुछ बोला नहीं। मैं अब उसकी जांघ सहलाने लगी। मेरे अन्दर उत्तेजना अंगड़ाई लेने लगी। मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने धीरे से उसके लण्ड पर हाथ रख दिया। chudai ka tuition sex story and Her work with top-rated Raipur Escorts Agency has equipped her with the knowledge and techniques to excel in the industry.
वो मेरा हाथ हटाने लगा- “मैम ना करो ऐसे, गुदगुदी होती है…”
मैं- “अच्छा, कैसा लगता है?” मैंने अब उंगलियों से उसके लण्ड को ऊपर से पकड़कर दबाया।
तरुण- “मैम आह्ह… अह्ह… नहीं… मैम छोड़ो ना…”
मैं- “पहले बताओ कैसा लग रहा है?”
तरुण- “मैम… मीठी-मीठी सी गुदगुदी हो रही है…” और वो शर्मा गया। उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रख दिया पर मेरा हाथ नहीं हटाया, बल्कि सोफे पर आगे सरक कर अपने लण्ड को और ऊपर उभार लिया।
मैं खुश हो गई। चलो अब रास्ता साफ है। मैंने जल्दी से उसकी पैन्ट की ज़िप खोली और उसका लण्ड बाहर खींच लिया। उसने अपनी आंखें बन्द कर ली। मैं लण्ड को प्यार से आहिस्ता-आहिस्ता सहालाने, मसलने लगी। तरुण सीत्कारने लगा। उसने धीरे से अपनी आंखें खोलकर मुझे देखा। मैंने प्यार से उसके होठों को चूम लिया। अब उसके सब्र का बांध भी टूट गया। उसने मेरी चूचियां पकड़ ली और बुरी तरह भींच लीं और वो मेरे टाप के ऊपर से ही मेरे चूचुक खींचने लगा। तरुण मेरे साथ निर्दयता से पेश आ रहा था।
Main कराहने लगी- “तरुण… धीरे-धीरे तरुण…” मैंने उसका हाथ पकड़कर हटाना चाहा मगर उसने मुझे छोड़ा नहीं। उसका लण्ड फूलकर फटने को हो रहा था। मैंने लण्ड के सुपाड़े की चमड़ी ऊपर खींच दी और झुक कर लण्ड को अपने मुँह में ले लिया। तरुण अपने चूतड़ उछाल-उछालकर मेरे मुँह को चोदने लगा। उसका लण्ड बढ़ता ही जा रहा था। मेरी उससे चुदने की इच्छा भी बढ़ती जा रही थी।
मैं सोफे से उठी और तरुण को लेकर बिस्तर पर आ गई। जैसे ही मैंने अपना टाप उतारने के लिए अपने हाथ ऊपर किए, तरुण ने मेरी स्कर्ट नीचे सरका दी। ब्रा और पैन्टी तो मैंने पहले से ही नहीं पहनी थी। अब मैं अपने जन्म-रूप में थी और चुदने को बिल्कुल तैयार थी। मेरी चूत गीली हो चुकी थी। chudai ka tuition sex story
मैंने तरुण से भी कपड़े उतारने को कहा। वो तो इसके लिए पहले से ही आतुर था, उसने फटाफट अपने सारे कपड़े उतार दिए और मादरजात नंगा हो गया।
मैंने उससे प्यार से पूछा- “तरुण… मुझे चोदोगे?”
तरुण- “हां मैम… लेट जाओ जल्दी से…”
अब मैंने उसे तड़पाने की सोची और कहा- “अगर मुझे चोदना है तो पहले मेरी गाण्ड चाटो…” और मैंने अपनी दोनों टांगें ऊपर उठाकर अपने चूतड़ों को ऊपर उठा लिया। इससे मेरी गाण्ड का छेद उभरकर दिखने लगा। मैंने उसे अपनी गाण्ड की तरफ इशारा करके कहा- “चाटो… अपनी जीभ मेरी गाण्ड के छेद में घुसाओ…”
पर वो अपनी जगह से हिला नहीं और झिझकते हुए बोला- “नहीं मैम… मैं ये काम नहीं कर सकता, गंदा लगता है…”
मैं- “अरे चाटो ना, बहुत मज़ा आएगा मुझे…”
पर तरुण नहीं माना।
मैंने कहा- “ठीक है पर चूत तो चूसो, देखो कितनी पनीली हो रही है…”
तरुण- “नहीं मैम, मैं तो बस अपना लण्ड चूत में घुसाना चाहता हूं…”
मुझे गुस्सा आने लगा। लेकिन अपने गुस्से को काबू में करके मैंने उससे कहा- “साले पहले कोई चूत देखी भी है या नहीं? बस चूत में घुसाने की जिद लगा रखी है…” मैंने भी सोच लिया कि जब तक अपनी गाण्ड और चूत तरुण से चटवा नहीं लूंगी इसको चूत में नहीं डालने दूंगी। chudai ka tuition sex story
मैंने कहा- “अच्छा मेरे पास आओ…”
उसने मेरी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से मसलने लगा। मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया और उँगलियों से उसके लण्ड को मसलने लगी। वो उत्तेजित हो उठा। मैंने खींचकर उसे अपने से चिपका लिया। मुझे पता था कि वो चोदना चाह रहा है। मैं उसके लण्ड की और तेजी से मुठ मारने लगी। वो सिस्कारियां भरता रहा। मुझे लगा कि वो अब जल्दी झड़ जाएगा, और उसी समय उसका वीर्य निकल पड़ा, वो अपनी उत्तेजना सम्भाल नहीं पाया। मुझे भी यही चहिए था। उसका लण्ड सिकुड़ गया और उसका वीर्य मेरे हाथ से टपक रहा था।
वो बोला- “मैम, ये क्या हो गया? अभी तो मैंने अन्दर भी नहीं डाला था…”
मैं- “अन्दर तो मैं तुझे तब तक नहीं डालने दूंगी जब तक तू मेरा कहा नहीं मानता। मेरी गाण्ड और चूत नहीं चूसेगा तो मैं भी चूत में नहीं डलवाऊँगी। ले अब चूस, चाट ले मेरी गाण्ड, इतनी देर में ये भी फिर तैयार हो जाएगा…” मैं उसके निढाल लौड़े को छेड़ते हुए बोली।
तरुण- “नहीं मैम, बहुत गंदी होती है ये, मुझे घिन आती है…” chudai ka tuition sex story
मैं- “बहनचोद घिन आती है, गंदी है फिर क्यूं अपना लण्ड हाथ में लेकर इसके पीछे पड़ा है? अच्छा बता अब तक कितनी बार चुदाई की है? किस-किस को चोद चुका है?
तरुण- “मैम किसी को नहीं। एक बार भी नहीं…”
मैं- “अच्छा बताओ, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?”
तरुण- “नहीं मैम, गर्लफ्रेंड नहीं, पर जिया मुझे अच्छी लगती है…”
मैं- “अच्छा… और उसे तुम अच्छे लगते हो?”
तरुण- “हाँ मैम, मुझसे बात भी करती है और मुझे ललचाई नजरों से देखती है…”
मैं- “ठीक है… कल मैं उसको यहाँ बुलाती हूँ। या कल तुम उसे यहाँ ला सकते हो?”
तरुण- “मैम, ऐसे कैसे मैं ला सकता हूँ उसे? आप ही बुला लो यहाँ…”
मैं- वो चुद जाएगी तुमसे?
तरुण- “अगर आप हेल्प करोगी तो वो जरूर आ जायेगी और फिर देखेंगे क्या होता है? शायद चुद जाए…”
मैं- “ठीक है, उसे फिर खूब चोदना मेरे सामने…”
तरुण- “प्रोमिस मैम…”
मैं- “प्रोमिस…”
वो खुश हो गया और किताब उठाकर चला गया। chudai ka tuition sex story
अगले दिन मैंने जिया को तरुण के साथ आने को कह दिया। जिया तुंरत तैयार हो गयी। मैं समझ गयी कि आग दोनों ओर लगी है। तरुण उसे अपनी मोटर साइकिल पर बैठाकर ले आया। तरुण और जिया को मैंने पास-पास ही सोफे पर बैठाया। मैं चाय बनाकर ले आयी। मैंने देखा कि वो दोनों एक दूसरे की टांगों को स्पर्श करते हुए बैठे बात कर रहे थे।
मैं मुश्कुरा उठी।- “जिया… तरुण तुम्हारी बहुत तारीफ कर रहा था…”
तरुण ने तुंरत ही कहा- “मैम… मैं अभी आया…” वो उठकर बाहर चला गया।
जिया ने कहा- “मैम… मुझे क्यों बुलाया है?”
मैं- “तुम्हें तरुण अच्छा लगता है?”
जिया- “वो मेरे से कुछ बात ही नहीं करता है ज्यादा…”
मैं- “तुम उसे पसंद करती हो?”
वो शर्मा गयी- “मैम वो मुझे अच्छा लगता है…”
वो भी तुम्हें चाहता है, उसी के कहने पर तुम्हें मैंने यहाँ बुलाया है, पर वो झिझकता है अपने प्यार का इजहार करने में। देखो अब भी उठकर दूसरे कमरे में चला गया, शर्माकर।
जिया- “मैंने तो उसे कई बार संकेत दिए पर वो समझ ना सका…”
मैं- “ऐसी बात नहीं कि वो तुम्हारे इरादों से बेखबर है, वो डरता है और शर्माता भी है, वो तो कल मुझसे पढ़ने आया तो मैंने बातों-बातों में ऐसे ही पूछ लिया उससे कि कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो बहुत बार पूछने पर बताया कि तुम उसे अच्छी लगती हो तो मैंने उससे प्रोमिस किया कि मैं तुम दोनों की दोस्ती करा दूंगी…” chudai ka tuition sex story
फिर मैंने कहा- “तो सुनो जिया, तुम्हें मैं एक मौका देती हूँ। वो मेरे बेडरूम में है जाकर उसे जो कहना है कह दो ना…”
जिया- “मैम… शर्म आयेगी मुझे भी। वो लड़का होकर भी नहीं कह सकता फिर मैं तो लड़की हूँ…”
मैं- “अच्छा… तो मैं तुम्हारा काम बनती हूँ… पर इसका टैक्स देना पड़ेगा…”
जिया- “मैम बस एक बार हमारी दोस्ती करवा दो… फिर…”
मैं- “ओके… फिर क्या करोगी बता दो?” मैंने उसे रहस्यमई निगाहों से देखा।
जिया- “मैम वो… कुछ खास नहीं बस… कुछ नहीं मैम…”
मैं- “कुछ तो… अगर वो तुम्हें किस करे तो, तो करने दोगी?”
जिया- “मैम… आप भी बस…”
मैं- “बताओ ना?”
जिया- “हाँ…”
मैं- और?
जिया- और क्या?
मैं- “हाँ… हाँ बोलो और भी कुछ…”
जिया- “मैम… आपको भी मज़ा आ रहा है यह सब पूछकर?”
मैं- “हाँ… बहुत मजा है इस सब में… अच्छा बताओ अगर तरुण तुम्हारे चूचियां पकड़ ले तो?”
जिया- “मैम बस करो… आप तो बेशर्म होती जा रही हो…” chudai ka tuition sex story
मैं- “क्यूँ… इसमें ऐसी क्या बात है? क्या तुम्हारा मन नहीं करता कि कोई तुम्हें किस करे? तुम्हारे शरीर को मसल दे? इस उमर में यह सब करने की इच्छा होती है, मुझे तो बहुत होती है, तुम्हें भी जरूर होती होगी, है ना…”
जिया- “हाँ मैम, पर डर लगता है किसी को पता चल गया तो?”
मैं- “यहाँ हमारे सिवा और कौन है? बस सारी बात हम तीनों के बीच ही रहेंगी…”
जिया- “मैम कुछ होगा तो नहीं? मुझे डर लग रहा है और अब तो इच्छा भी बहुत जाग उठी है…”
मैं- “डरो मत… अन्दर बेडरूम में जाओ और कह दो तरुण से दिल कि बात। वो भी बेचैन है…”
जिया- “नहीं मैम, आप उसे यहीं बुला लो, यहाँ आपके सामने ही, बल्कि आप ही कह दो सारी बात…”
मैं- “चलो यह काम अगर मैं करुँगी तो बाकी काम भी मैं ही कर लूंगी उसके साथ…”
जिया- “मैम…”
मैं- “अच्छा बुलाती हूँ…” यह कहकर मैंने तरुण को आवाज लगाकर बुलाया।
तरुण अपनी किताबें लेकर अन्दर आ गया। वो मुझसे कुछ पूछने लगा किताब में से।
मैंने उससे कहा- “ज्यादा नाटक मत करो और काम कि बात पर आओ। जिया तुमसे कुछ कहना चाहती है…”
लग रहा था कि तरुण की किस्मत खुलने वाली थी और जिया की चड्डी। और उन दोनों के प्यार में कुछ मेरी चूत को भी शांति मिले, गीली तो मेरी भी हो ही रही थी.. इन tuition sex stories का आखिरी भाग.
तरुण अपनी किताबें लेकर अन्दर आ गया। वो मुझसे कुछ पूछने लगा किताब में से। chudai ka tuition sex story
मैंने उससे कहा- “ज्यादा नाटक मत करो और काम कि बात पर आओ। जिया तुमसे कुछ कहना चाहती है…”
जिया- “नहीं मैम, नहीं मैं क्या? मैंने तो कुछ नहीं कहना…”
मैं- “अब तुमने नौटंकी शुरू कर दी…”
“तरुण सुनो, जिया मान गई है तुमसे दोस्ती के लिए, बल्कि ये तो पहले से ही चाहती थी तुम्हारी दोस्ती, बस तुम्हारे प्रोपोजल का इंतजार कर रही थी…” अब जिया से बोलो- “आई लव यू…”
तरुण शर्माते और हकलाते हए बोला- “जिया, आई लव यू…”
मैंने ताली बजाई और जिया को बधाई दी और कहा- “अब तुम भी बोलो तरुण से…”
वो भी धीरे से बोली- “तरुण। आई लव यू…”
मैंने फिर ताली बजाई और तरुण को बधाई दी और कहा- “अब आगे बढ़ो और कुछ करो…”
दोनों एक साथ बोले- क्या?
मैं- “क्या-क्या? किस करो…”
दोनों मेरे मुँह की तरफ देखने लगे।
मैं- “हां… हां करो, करो किस एक दूसरे को…”
तरुण बोला- “मैम… नहीं मैम आपके सामने, आपके सामने नहीं…”
मैं- “मेरे सामने… क्या हुआ मेरे सामने? जिया तुम उठो और तरुण को किस करो गाल पर…” chudai ka tuition sex story
जिया- “नहीं मैम मुझे नहीं आता किस करना…”
मैं- “नहीं आता तो सीख ले… ले देख किस कैसे करते हैं…” यह कहकर मैं तरुण के पास गई और पहले उसके गाल पे फिर उसके सिर के पीछे हाथ रखकर उसके होंठों पर जोरदार किस किया।
तरुण घबरा गया और जिया मुझे ताकती रह गई।
मैं- “चल तरुण तू ही शुरू कर। पकड़ ले और चूस-चूस के लाल कर दे इसके गालों और होंठों को…” मैंने तरुण को जिया का हाथ पकड़ाते हुए आदेश दिया।
तरुण ने डरते हुए जिया को अपनी ओर खींचा और उसके कंधे पर हाथ रखकर उसका चेहरा ताकने लगा जैसे उससे पर्मिशन मांग रहा हो।
मैंने उठकर दोनों के सिर पकड़कर उनके होंठों को आपस में मिला दिया। अब तरुण ने अपने होंठ खोले और जिया के होंठों को किस करने लगा। अब मैं वहां से उठकर बाहर आ गई और दो चार मिनट इधर-उधर बेचैनी से टहलने के बाद फिर अन्दर झांक कर देखा तो तरुण जिया को चूम रहा था और उसकी चूचियां सहला रहा था। मैं तुंरत अन्दर आ गयी।
जिया एकदम से घबरा गयी।
मैं- “जिया क्या हो गया? अरे करो, ये तो लड़की और लड़के के लिए जरूरी है…” chudai ka tuition sex story
जिया- “मैम सारी… सारी…”
मैं- “सच कह रही हूँ, अपना काम चालू रखो। कहो तो मैं मदद कर दूँ?”
जिया शर्म से झुकी जा रही थी। तरुण ने उसका मुँह ऊपर उठाया और उसके होंठ फिर से चूमने लगा। जिया ने अपनी आँखें बंद कर ली। तरुण ने उसे धीरे से मेरे बिस्तर पर लेटा दिया और अपने कपड़े उतारने लगा। फिर जिया के कपड़े उतारने लगा। जिया ने मुझे मुझसे परमिशन मांगने की नजरों से देखा।
मैंने खुद ही उसका टाप उतार दिया और कहा- “मस्ती करो, शर्म नहीं…”
तरुण ने उसकी जीन्स भी उतार दी, एक नंगी जवान 18 साल की लड़की देचककर तरुण का लण्ड फूलकर कड़ा हो गया। वो बिस्तर पर उससे लिपट गया।
मैं- “अरे ये क्या कर रहे हो? इसकी इजाजत नहीं है…”
“प्लीज मैम…” दोनों ने मेरी ओर देखा।
मैं- “नहीं… बिल्कुल नहीं। तुम दोनों अकेले कैसे मज़ा ले लोगे, मैं कहां जाऊँगी?” कहकर मैं भी अपने कपड़े उतारने लगी।
तरुण ने मुझे कपड़े उतारते देखा तो बोला- “मैम, तो पहले आप…” chudai ka tuition sex story
मैंने जिया के कान में अपनी बात बताई।
वो हँसने लगी- “हाँ मैम, फिर तो आज इसकी खैर नहीं…”
मैं- “हाँ तरुण… पर मेरी शर्त याद है ना… मेरी गाण्ड चाटकर मुझे मस्त कर दो…”
जिया- “हाँ मैं भी देखूं कि मैम की गाण्ड कैसे चाटता है तू, फिर मैं भी करवाऊँगी वैसे ही…”
तरुण- “नहीं… नहीं, मैं नहीं करूंगा। मैं नहीं चाट सकता गाण्ड…”
मुझे गुस्सा आ गया। मैंने उसके बाल पकड़ लिए और उसके गाल पर एक चांटा जड़ दिया।
वो आश्चर्य से मुझे देखने लगा।
मैंने फिर उसे कहा- “हरामजादे… बोल चाटेगा की नहीं?” फिर मैं उसके चूतड़ों पर लात मारते हुए बोली- “पहले मेरी चूत चाट फिर गाण्ड…”
जिया- “मैम, ये ऐसे नहीं मानेगा। ये लो, इसे बाँध दो…” जिया बोली।
हम दोनों ने उसे बिस्तर पर लेटाकर बाँध दिया। जिया ने उसके लण्ड को पकड़कर मसलना चालू कर दिया। मैं तरुण पर चढ़ गयी। चूत को उसके मुँह से सटाकर बोली- “अब चूसो इसे…” और मैं अपनी चूत उसके मुँह पर धीरे-धीरे रगड़ने लगी। chudai ka tuition sex story
तरुण- “नहीं मैम… नहीं, मुझे छोड़ दो मैम…”
मैं- “तरुण, चुपचाप मेरी बात मानो…” मैंने अपनी गीली चूत उसके होंठों पर घिसनी चालू कर दी।
वो इधर-उधर होने लगा। उसके मुँह पर मेरी चूत की चिकनाई फैल गयी थी।
मैं- “चल न, चाट ले रे चूत को, ज्यादा हरामीपना मत दिखा…”
तरुण- “मैम क्या कर रही हो?”
मैं- “चल चूस इसे मादरचोद, स्कूल में तो मेरी चूचियां खूब देखता था, अब चूस इसे कुत्ते…”
उसने हार मान ली और चुपचाप चूसने लगा।
मैंने कहा- “शाबाश बेटा आआह्ह… और अब देख बहनचोद, इसके बाद मेरी गाण्ड का नम्बर है… और जिया… चल साली तू तरुण का लण्ड चूस…”
जिया उसके लण्ड को अपने मुँह लेकर चूसने लगी।
मैंने अपने चूतड़ों की फ़ांकों को खोलकर उसके मुँह पर रख दिया। उसने हिम्मत करके अपनी जीभ निकालकर मेरी गाण्ड के छेद में डाल दी।
मैं खुशी से झूम उठी। मेरी तरकीब काम आ गयी थी। मैं अपनी गाण्ड उसके मुँह पर पटकने लगी- “ले चाट इसे बहन के लोड़े…” मैं उसका लण्ड पकड़कर मुठ मारने लगी तो उसे भी मजा आने लगा। chudai ka tuition sex story
जिया कहने लगी- “मैम, ये लण्ड तो मेरे लिए छोड़ दो ना प्लीज़…”
मुझे सू-सू आने लगी थी। मैंने अपनी गाण्ड ऊँची की और उसके मुँह में पेशाब की धार छोड़ दी। उसने अपना मुँह बंद कर लिया, आँखें भी बंद कर लीं। मैं अब उसके पूरे शरीर पर पेशाब करने लगी, वो पूरा भीग गया।
जिया भी उत्तेजित हो चुकी थी- “मैम थोड़ा इधर भी…” जिया मेरी चूत के पास आ गयी और अपना मुँह खोल दिया।
मैंने अपनी धार जिया के मुँह की तरफ कर दी। उसने अपना मुँह पूरा पेशाब से भिगा लिया और अपना मुँह खोल लिया। अब धार उसके मुँह में जा रही थी। वो पेशाब अपने मुँह में भरकर एक घूंट में पी गयी। अब पेशाब मैं कर चुकी थी। जिया ने मेरी चूत में अपनी उंगली डाल दी।
जिया बोली- “तरुण, देखो कैसा मजा आया ना?”
जिया ने फिर कहा “मैम मजा आ गया… अब मैं भी मूतने की कोशिश करती हूँ…” और जिया तरुण के ऊपर चढ़कर मुझसे लिपट गयी और अपनी धार छोड़ दी।
उसकी गरम-गरम धार मेरे शरीर पर भी आ रही थी। मैंने अपनी गाण्ड थोड़ी और ऊँची कर दी। जगह हो गयी थी। अब जिया के पेशाब की धार तरुण के मुँह पर पड़ रही थी। मैंने भी तुरंत हाथ में उसका पेशाब भर लिया और मुँह में डालकर पी गयी। खारा-खारा सा स्वाद लगा। पर उत्तेजना में उसमें भी स्वाद आया।
तरुण- “भोसड़ी की… तूने ये क्या किया? तेरी तो मैं माँ चोद दूंगा…”
जिया- “मेरे प्यारे तरुण, मेरी मां बाद में चोदना, पहले मेरी गाण्ड चाट ले…” जिया ने अपनी गाण्ड के छेद को उसके मुँह पर रख दिया और तरुण के लण्ड को मुठ मारने लगी। chudai ka tuition sex story
मैं- “मजा आया हरामी गाण्ड चाटकर…” मैंने उसका मुँह सीधा करके जिया की गाण्ड में घुसा दिया। उसे चाटना ही पड़ा।
तरुण- “चुदक्कड़ रांड अब तो छोड़ दे मुझे, तुझे कुत्ते चोदें… रंडी…”
मैं- “हाँ… हाँ बोल, इतना मोटे लण्ड से क्या अपनी बहन को चोदेगा? हरामी चल चाट तेरी इस चुदक्कड़ रांड की गाण्ड को…”
जिया- “हाँ मेरे राजा, चाट ले ना मेरी गाण्ड को… फिर तू मुझे घोड़े की तरह से चोदना…” फिर वो भी गाण्ड को आगे पीछे करके गाण्ड रगड़ने लगी।
मेरी इच्छा पूरी हो गयी थी। जिया ने भी पूरी कसर निकाल ली और उसपर से उतर गयी। जिया मेरे से लिपट गयी। उसकी चूचियां मेरी चूचियों से टकरा गयीं। दोनों ने एक दूसरे की चूचियां दबाई और तरुण को खोल दिया।
तरुण ने कहा- “मैम, आपको तो मजा आ गया ना? अब मेरी बारी है ना…” उसने बिस्तर पर से हाथ बढ़ाकर मेरी कमर पकड़ ली। उसने मुझे दबोच लिया और बिस्तर पर पटकते हुए बोला- “चल बहन की लौड़ी, घोड़ी बन जा…” उसने मेरी चूचियां भींच डाली। मुझे घोड़ी बनाकर उसने मेरे चूतड़ों पर कस-कस के मारना शुरू कर दिया।
मैं- “तरुण, मत मार मुझे बहनचोद, कुत्ते, अपनी माँ को मारना, घर जाकर उसकी गाण्ड की पिटाई करना…” मैं गलियां देती हुई घोड़ी बन गयी। उसने मेरे चूतड़ की दोनों फांकों को चीरते हुए अपने लण्ड की सुपाड़ी गाण्ड के छेद में टिका दी। chudai ka tuition sex story
“ले कुतिया, अब तेरी गाण्ड की माँ चोद दूंगा…” कहते हुए उसने मेरी गाण्ड में अपना 18 साल का जवान लण्ड चीरता हुआ अन्दर तक घुसा दिया।
मैं चीख उठी। उसने फिर गाण्ड फाड़ देने वाला धक्का लगाया, मैं फिर चीख उठी। उसके धक्के बढ़ते गए, मैं चीखती रह गयी।
जिया- “तरुण छोड़ दे मैम को, जल्दी कर ना… फिर मेरी बारी भी तो है…”
मेरा दर्द के मारे बुरा हाल था- “हरामजादे बस कर अब, मेरी गाण्ड फट गई है…”
तरुण- “साली रंडी, तू क्या समझती है, तुझे छोड़ दूंगा। ये देख खून तो निकल रहा है पर अभी और खून निकालूंगा… तुने मेरे ऊपर पेशाब किया है ना…” तरुण ने अपना लण्ड तुरंत बाहर निकाला और जोर लगाया। फिए एक झटके से लण्ड को मेरी गाण्ड में पेल दिया।
मैं- “कुत्ते, हरामी, मर जाऊँगी, छोड़ दे मुझे, लण्ड को निकाल ले अब…”
पर उसने अनसुनी कर दी और धक्के बढ़ते गए। मेरे हाथ में अब कुछ नहीं था। मैंने अब अपने को तरुण के हवाले कर दिया था। अब दर्द कम हो गया था। पर झटके बेरहमी से मार रहा था। अब उसने अपना लण्ड बाहर निकाला और चूत के द्वार पर रख दिया। तरुण ने धक्का मारते हुए लण्ड सीधा चूत में घुसा दिया। उसका लण्ड मेरी गाण्ड के खून से लथपथ था। बिस्तर पर खून गिरा था। चूत में लौड़े के घुसते ही फिर मेरी आह्ह निकल पड़ी। उसके लण्ड ने सीधे जड़ में चोट की थी।
मैं दर्द से तड़प उठी। दूसरा धक्का तो और भयंकर था। तेज़ दर्द से मैं लगभग रोते हुए बोली- “तरुण प्लीज़, अब छोड़ दे… मैं मर जाऊँगी…” तभी एक और तेज़ धक्का लगा। मुझे लगा मैं बेहोश हो जाऊँगी- “तरुण बस… अब नहीं, तरुण नहीं…” chudai ka tuition sex story
उसने अब नरमी दिखाई, वो आराम से धक्के लगाने लगा। मुझे भी अब धीरे-धीरे मज़ा आने लगा। तरुण चरम सीमा पर पहुंचने लगा था। मैं चुपचाप लेटी थी। मज़ा बढ़ता जा रहा था। अचानक मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूं तो मुझे ज्यादा मज़ा आने लगा।
मैंने भी गालियां देनी शुरू कर दी- “लगा जोर हरामी, चोद दे मुझे, जोर लगा रे, दे लण्ड चूत में, हाय उईईइ सी… सी… मादरचोद दे धक्के, मर गयी…” और मेरा रस निकलने लगा। उसके धक्कों से मेरा पूरा शरीर हिल रहा था। मैं निढाल हो गयी। पर अभी भी उसके धक्के चालू थे। मेरी चूत में अब जलन बढ़ने लगी। गाण्ड भयंकर दर्द कर रही थी। चूत का भी बुरा हाल था। चूत के अन्दर तो जैसे आग लग रही थी।
मैंने बिनती की- “तरुण अब छोड़ दे मुझे, प्लीज छोड़ दे मुझे…” पर शायद मेरी आवाज मुँह से नहीं निकल पा रही थी।
तरुण ने मुझे छोड़ दिया और जिया को पकड़ लिया।
जिया- “प्लीज तरुण, धीरे करना…”
तरुण ने जिया को चूमा और उसे मेरे पास बिस्तर पर लेटा दिया। बिस्तर गीला हो चुका था। जिया को अपनी चूत में लण्ड घुसता महसूस हुआ। उसके मुँह से आह्ह निकल गई। chudai ka tuition sex story
मैं निढाल सी लेटी थी। तरुण को देखा, उसके चोदने की ताकत कमाल की थी। जिया खूब उछल-उछलकर चुदवा रही थी। मैंने अपनी आंखें बंद कर ली। फिर धीरे से उठी तो मैंने देखा कि बिस्तर खून से लाल था। मेरी चूत और गाण्ड से खून की कुछ बूंदें टपकी थीं। मुझे ठीक से चलने में परेशानी हो रही थी। मैं बाथरूम में गयी। अच्छी तरह से नहा धोकर वापिस आई तो तरुण और जिया दोनों गीले बिस्तर पर चित्त लेटे थे। वो झड़ कर निपट चुके थे। तरुण के लण्ड की चमड़ी ऊपर से कुछ कट सी गई थी। जिया और तरुण एक साथ उठे और बाथरूम में इकट्ठे घुस गए।
जब वो लोग नहाकर बाहर आए तो तरुण की नज़र बिस्तर पर पड़ी, तो वो घबरा गया- “मैम, ये क्या हो गया? इतना खून?”
मैं- “तरुण तूने आज मेरी जान ही निकाल दी…”
तरुण तुरन्त रुई और पट्टी लाया। उसने मेरी टांगें ऊँची की और रुई पानी से मेरी चूत और गाण्ड को अच्छी तरह से पोंछा।
मैंने उससे कहा- “वहां से दवाई उठाकर मेरे अन्दर दोनों जगह लगा दे…”
तरुण उंगली पर दवाई लेकर मेरी चूत के अन्दर और गाण्ड के छेद में लगाने लगा। लेकिन ये क्या? मेरी चूचियां फिर से खड़ी होने लगीं। मुझे चूत में मीठी सी जलन होने लगी। मैंने अपने आपको रोका और उसके लण्ड पर भी मैंने दवाई लगा दी।
तरुण- “मैम… आई एम सोरी, सोरी मैम…”
मैंने उसे गले लगा लिया। उसकी चुदाई से मैं गहराई तक सन्तुष्ट हो गयी।
जिया भी मुझसे लिपट गई- “तरुण, तू तो ही-मैन है रे… मज़ा आ गया…” chudai ka tuition sex story
मैंने उसे चूमते हुए कहा- “कल जब पढ़ने आओ तो फिर से ऐसे ही चोदना…”
वो हैरान होकर मुझे देखने लगा। मैंने उसे धीरे से आंख मारी।
जिया हँस पड़ी और पूछने लगी- “मैम… मैं भी कल पढ़ने आऊँ?”
——–समाप्त——–
फिर क्या था, मैम के घर पे रोज़ रंगरलिया मचाते हम लोग. अब हम और भी स्टूडेंट्स को शामिल करने की सोच रहे थे. पर वो tuition sex stories फिर कभी..
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